M’Cheyne Bible Reading Plan
एलिय्याह अउ बाल क नबी
18 अनावृस्टि क तीसरे बरिस यहोवा एलिय्याह स कहेस, “जा अउर राजा अहाब स मिला। मइँ हाली ही बर्खा पठउब।” 2 एह बरे एलिय्याह अहाब क लगे गवा।
उ समइ सोमरोन मँ भोजन नाहीं रह गवा रहा। 3 एह बरे राजा अहाब ओबधाह स अपने लगे आवइ क कहेस। ओबधाह राजमहल क अधिकारी रहा। (ओबधाह यहोवा क सच्चा अनुयायी रहा। 4 एक दाईं ईज़बेल यहोवा क सबहिं नबियन क जान स मारत रही। एह बरे ओबधाह सौ नबियन क लिहस अउर ओनका दुइ गुफन मँ छुपाएस। ओबद्याह एक गुफा मँ पचास नबी अउ दूसर गुफा मँ पचास नबी रखेस। तब ओबधाह ओनके बरे पानी अउ भोजन लिआएस।) 5 राजा अहाब ओबधाह स कहेस, “मोरे संग आवा। हम लोग इ प्रदेस क हर एक सोता अउर नाला क खोज करब। हम लोग पता लगाउब कि का हम अपने घोड़न अउ खच्चरन क जिअत रखइ बरे पर्याप्त घास कहीं पाइ सकित ह। तब हम क आपन कउनो जनावर खोउब नाहीं पड़ी।” 6 हर एक मनई देस क एक ठु हींसा चुनेस जहाँ उ पचे पानी क खोज कइ सकइँ। तब दुइनउँ। मनई पूरे देस मँ घूमेन। अहाब एक दिसा मँ अकेले गवा। ओबधाह दूसर दिसा मँ अकेले गवा। 7 जब ओबधाह जात्रा करत रहा तउ उ समइ उ एलिय्याह स मिला ओबधाह जब ओका लखेस एलिय्याह क पहचान लिहस। ओबधाह एलिय्याह क समन्वा प्रणाम करइ निहुरा उ केहेस, “एलिय्याह का सुआमी फुरइ आप अहइ?”
8 एलिय्याह जवाब दिहेस, “हाँ, मइँ ही हउँ। जा अउर आपन सुआमी राजा स कहा कि मइँ हिआँ अहउँ।”
9 तब ओबधाह कहेस, “जदि मइँ ओहाब स कहब कि मइँ जानत हउँ कि तू कहाँ अहा, तउ उ मोका मार डाइ। मइँ तोहार कछू नाहीं बिगाड़ेउँ ह। तू काहे चाहत अहा कि मइँ मरि जाउँ? 10 यहोवा, तोहरे परमेस्सर क जिन्नगी क किरिया खाइके कहत हउँ कि राजा तोहार खोज करइ बरे हरेक देस मँ मनइयन क भेज दिहेस ह। जदि कउनो देस क राजा इ कहेस कि तू ओकरे देस मँ नाहीं अहा, तउ अहाब ओका इ किरिया खाइ क मजबूर किहस कि तू सच मुच मँ ओकरे देस मँ नाहीं अहा। 11 अब तू चाहत अहा कि मइँ जाउँ अउर आपन सुआमी स कहउँ कि तू हुआँ अहा? 12 जदि मइँ जाउँ अउर राजा अहाब स कहउँ कि तू हिआँ अहा, तउ यहोवा क आतिमा तोहका कउनो दूसर जगह पइ पहोंचाइ सकत ह। राजा अहाब हिआँ आई अउर उ तोहका नाहीं पाइ सकी। तब उ मोका मार डाइ। मइँ यहोवा क अनुसरण तब स किहेउँ ह जब मइँ एक बालक रहा। 13 तू सुन्या ह कि मइँ का किहे रहेउँ। ईज़ेबेल यहोवा क नबियन क मारत रही अउर मइँ सौ नबियन क गुफन मँ छुपाए रहेउँ। मइँ एक गुफा मँ पचास नबियन अउर दूसर गुफा मँ पचास नबियन क रखे रहेउँ। मइँ ओनके बरे अन्न-पानी लिआएउँ। 14 अब तू चाहत अहा कि मइँ जाउँ अउर राजा स कहउँ कि तू हिआँ अहा। राजा मोका मार डाइ।”
15 एलिय्याह जवाब दिहेस, “जेतनी सर्वसक्तीमान यहोवा क सत्ता निहचित अहइ, ओतना ही निहचित इ अहइ कि मइँ आजु राजा क समन्वा खड़ा होउँ।”
16 एह बरे ओबधाह राजा अहाब क लगे गवा। उ बताएस कि एलिय्याह हुवाँ अहइ। राजा अहाब एलिय्याह स भेंटइ गवा।
17 जब अहाब एलिय्याह क लखेस तउ उ पूछेस, “का इ तू अहा? का तू ही उ मनई अहा जउन इस्राएल पइ बिपत्ति का कारण अहा?”
18 एलिय्याह जवाब दिहेस, “मइँ इस्राएल पइ बिपत्ति क कारण नाहीं अहउँ। तू अउर तोहरे बाप क परिवार इ सारी बिपत्ति क कारण अहा। जब तू यहोवा क आदेसन क पालन करब बन्द कइ दिहा अउर लबार देवतन क अनुसरण सुरु किहा। 19 अब सारे इस्राएलियन क कर्म्मेल पर्वते पइ मोहसे भेंटइ क कहा। उ ठउरे पइ बाल क चार सौ पचास नबियन क भी लिआवा अउर लबार देबी असेरा क चार सौ नबियन क लिआवा। रानी ईज़ेबेल ओन नबियन क समर्थन करत ह।”
20 एह बरे अहाब सबहिं इस्राएलियन अउर ओन नबियन क कर्म्मेल पर्वते पइ बोलाएस। 21 एलिय्याह सबहिं लोगन क लगे आवा। उ कहेस, “आप लोग कब निर्णय करिहीं कि आप क केकर अनुरसण करब अहइ? जदि यहोवा सच्चा परमेस्सर अहइ तउ आप लोगन क ओकर अनुयायी होइ चाही। किन्तु जदि बाल फुरइ परमेस्सर अहइ तउ तोहका ओकर अनुयायी होइ चाही।”
उ पचे कछू भी नाहीं कहेन। 22 एह बरे एलिय्याह कहेस, “मइ हिआँ यहोवा क एकमात्र नबी हउँ। मइँ अकेला हउँ। किन्तु हिआँ बाल क चार सौ पचास नबी अहइँ। 23 एह बरे दुइ ठु बर्धा लिआवा। बाल क नबी क एक ठु बर्धा लेइ द्या। ओनका ओका मारइ द्या अउर ओकर टूकन करइ द्या अउर तब ओनका, मास क लकड़ी पइ धरइ द्या। किन्तु उ पचे आगी लगाउब सुरु न करइँ। तब मइँ उहइ काम दूसरे बर्धा क लइके करब अउर मइँ आगी लगाउब सुरु नाहीं करब। 24 बाल क नबी! बाल स पराथना करिहीं अउर मइँ यहोवा स पराथना करब। जउन ईस्सर पराथना क अंगीकार करइ अउर अपने काठे क बारब सुरु कइ देइ, उहइ सच्चा परमेस्सर अहइ।”
सबहिं लोग अंगीकार किहेन कि इ उचित बिचार अहइ।
25 तब एलिय्याह बाल का नबियन स कहेस, “तू बड़की गनती मँ अहा। एह बरे तू लोग पहल करा। एक ठु बर्धा क चुना अउर ओका तइयार करा। आपन देवता क समन्वा पूजा किहेस किन्तु आगी लगाउब सुरु जिन करा।”
26 एह बरे नबियन उ बर्धा क लिहन जउन ओनका दीन्ह गवा। उ पचे ओकर तइयार किहन। उ पचे दुपहर तलक बाल स पराथना किहन। उ पचे पराथना किहन, “बाल, कृपा कइके हम क जवाब द्या।” किन्तु कउनो अवाज नाहीं आइ। कउनो कउन जवाब नाहीं दिहस। नबी उ वेदी क चारिहुँ कइँती नाचत रहेन जेका उ पचे बनाए रहेन। किन्तु आगी फुन भी नाहीं लागी।
27 दुपहरे क एलिय्याह ओनकर मसखरी उड़ाउब सुरु किहेस। एलिय्याह कहेस, “जदि बाल फुरइ देवता अहइ तउ सायद तोहका अउर जियादा जोर स पराथना करइ चाही। सायद उ सोचत रहा होइ या सायद उ बहोत व्यस्त होइ, या सायद उ कउनो जात्रा पइ निकरि गवा होइ। उ सोवत रहि सकत ह। सायद तू लोग अउर जियादा जोर स पराथना करा अउर जगावा।” 28 उ पचे अउर जोर स पराथना किहन। उ पचे अपने क तरवार अउर भालन स काटेन-छेदेन। (इ ओनकर पूजा क पद्धति रही) उ पचे अपने क ऍतना काटेन कि ओनके ऊपर खून बहइ लाग। 29 तीसर पहर बीत गवा। किन्तु तब तलक आगी नाहीं लागी। नबी साँझ क बलि-भेंट क समइ तलक लगातार गवाँरू भविस्साबाणी करत रहेन। किन्तु तब तलक भी बाल कउनो जवाब नाहीं दिहस। कउनो अवाज नाहीं आइ। कउनो भी नाहीं सुनत रहा।
30 तब एलिय्याह सबहिं लोगन स कहेस, “अब मोरे लगे आवा।” एह बरे सबहिं लोग एलिय्याह क चारिहुँ कइँती बटुर गएन। यहोवा क वेदी उखाड़ दीन्ह गइ। एह बरे एलिय्याह एका जमाएस। 31 एलिय्याह बारह पाथर प्राप्त किहस। हर एक बारह परिवार समूहन बरे एक ठु पाथर रहा। एन बारह परिवार समूहन क नाउँ याकूब जेका यहोवा इस्राएल नाउँ दिह रहा, क बारह पूतन क नाउँ पइ रहेन। 32 एलिय्याह ओन पाथरन क उपयोग यहोवा क सम्मान देइ क बरे वेदी क निर्माण मँ किहस। एलिय्याह वेदी क चारिहुँ कइँती एक ठु नान्ह खाईं खोदेस। इ ऍतनी चौड़ी अउर एतनी गहिर रही कि एहमाँ लगभग सात गैलन पानी आइ सकइ। 33 तब एलिय्याह वेदी पइ काठ धरेस। उ बर्धा क टूकन मँ काटेस। उ टूकन क काठन पइ धरेस। 34 तब एलिय्याह कहेस, “चार गगरियन क पानी स भरा। पानी क मास क टूकन अउ काठन पइ डावा।” तब एलिय्याह कहेस, “इहइ फुन करा।” तब उ कहेस, “एका तीसरी दाईं कर।” 35 पानी वेदी स बाहेर बहा अउर ओहसे खाईं भर गइ।
36 इ तीसर पहर क बलि भेंट क समइ रहा। एह बरे एलिय्याह नबी वेदी क लगे गवा अउर पराथना किहस, “हे यहोवा, इब्राहीम, इसहाक अउ इस्राएल क परमेस्सर, मइँ तोहसे याचना करत हुउँ कि तू प्रमाणित करा कि तू इस्राएल क परमेस्सर अहा अउर प्रमाणित करा कि मइँ तोहार सेवक अहउँ। एन लोगन दिखाइ द्या कि तू इ सब करइ क मोका आदेस दिहा ह। 37 यहोवा मोर पराथना क जवाब दया। एन लोगन क जानइ द्या कि हे यहोवा, तू असल मँ परमेस्सर अहा। तब लोग समुझिहीं कि तू ओनका अपने लगे वापस लिआवत अहा।”
38 एह बरे यहोवा खाले आगी पठएस। आगी बलि, काठ, पाथरन अउ वेदी क चारिहुँ कइँती क भुइँया क बार दिहस। आगी खाईं क समूचा पानी भी झुराइ दिहस। 39 सबहिं लोग इ होत लखेन। लोग भुईंया पइ प्रणाम करइ निहुरेन अउर कहइ लोगन, “यहोवा परमेस्सर अहइ। यहोवा परमेस्सर अहइ।”
40 तब एलिय्याह कहेस, “बाल क नबियन क धइ ल्या। ओनमाँ स कउनो क बच निकरइ न द्या।” एह बरे लोग सबहिं नबियन क धरेन। तब एलिय्याह ओन सबहिं किसोन नाले तलक लइ गवा। उ जगह पइ उ सबहिं नबियन क मार डाएस।
बर्खा फुन होत ह
41 तब एलिय्याह राजा अहाब स कहेस, “अब जा, खा अउर पिआ। एक घनघोर बर्खा आवति अहइ।” 42 एह बरे राजा अहाब भोजन करइ गवा। उहइ समइ एलिय्याह कर्म्मेल पवते क चोटी पइ चढ़ा। पर्वत क चोटी पइ एलिय्याह प्रणाम करइ निहुरा। उ अपने मूँड़ क अपने घुटरुअन क बीच रखेस। 43 तब एलिय्याह अपने सेवक स कहेस, “समुद्र कइँती लखा।”
सेवक उ जगह तलक गवा जहाँ स उ समुदर क लख सकइ। तब सेवक लउटिके आवा अउर उ कहेस, “मइँ कछू नाहीं लखेउँ।” एलिय्याह ओका फुन जाइ अउर लखइ क कहेस। इ सात दाईं भवा। 44 सातवीं दाईं सेवक लउटके आवा अउर उ कहेस, “मइँ एक नान्ह बादर मनई क मूठी क बराबर लखेउँ ह। बादर समुदर स आवत रहा।”
एलिय्याह सेवक स कहेस, “राजा, अहाब क लगे जा अउर ओहसे कहा कि उ आपन रथ तइयार कइ लेइ अउर अब घर वापस जाइ। जदि उ अबहिं नाहीं जाइ तउ बर्खा ओका रोक लेइ।”
45 थोड़े समइ क पाछे अकास काले मेघन स ढक गवा। तेज हवा चलइ लागिन अउर घनघोर बर्खा होइ लाग। अहाब अपने रथे मँ बइठा अउर यिज़्रेल क वापस जात्रा करब सुरु किहेस। 46 एलिय्याह क भीतर यहोवा क ताकत आइ। एलिय्याह अपने ओढ़नन क अपने चारिहुँ कइती कसेस, जेहसे उ दउड़ सकइ। तब एलिय्याह यिज्रेल तलक क पूरे मारग पइ राजा अहाब स अगवा दउड़त रहा।
1 थिस्सलुनीकियन क परमपिता अउर पर्भू ईसू मसीह मँ स्थित कलीसिया क पौलुस, सिलवानुस अउर तीमुथियुस क तरफ स,
परमेस्सर क अनुग्रह अउर सान्ति तोहरे साथे रहइ।
थिस्सलुनीकियन क जीवन अउर बिसवास
2 हम तोहे सब जने क बरे हमेसा परमेस्सर क धन्यबाद देत रहित ह अउर अपने पराथनन मँ हमका तोहर याद बनी रहत ह। 3 पराथना करत भए हम हमेसा तोहरे ओह काम क याद करित ह जउन फल अहइ, बिसवास क, पिरेम स पैदा भइ तोहर कठिन मेहनत क, अउर हमरे पर्भू ईसू मसीह मँ आसा स पैदा तोहर धैर्यपूर्ण सहनशीलता क हमका हमेसा धियान बना रहत ह।
4 हे परमेस्सर क प्यारा हमार भाइयो तथा बहिनियो, हम जानित ह कि तू ओनकर चुना भवा अहा। 5 काहेकि हमरे सुसमाचार क प्रचार तोहरे लगे मात्र सब्दन मँ ही नाहीं पहुँचा बा बल्कि पवित्तर आतिमा समरथ अउर गहन स्रद्धा क साथे पहुँचा बा। तू जानत ह कि हम जब तोहरे साथे रहे, तोहरे लाभ क बरे कइसेन जीवन जिअत रहे। 6 कठोर सब यातना क बीच पू पवित्तर आतिमा स मिलइवाली खुशी क साथे उपदेस क ग्रहण किहा अउर हमार अउर पर्भू क अनुकरण करई लाग्या।
7 अउर इही बरे मैसीडोनिया अउर अखाया क सभन बिसवासियन क बरे तू एक आदर्स बन गया 8 काहेकि तू पर्भू क उपदेस क जउन गूँज उठा, उ न केवल मैसीडोनिया अउर अखाया मँ सुना गवा बल्कि परमेस्सर मँ तोहर बिसवास सब कहूँउ जाना माना गवा। तउन हमका कछू कहइ क अब जरूरत नाहीं बाटइ। 9 काहेकि ओ पचे खुदइ हमरे बारे मँ बतावत हीं कि तू हमार कइसेन सुवागत किहे रह्या अउर सजीव अउर सच्चा परमेस्सर क सेवा करइ क बरे 10 अउर सरगेस ओकरे बेटवा क आगमन क इन्तजार करइ क बरे तू मूर्तियन क ओर स सजीव अउर सच्चे परमेस्सर कइँती कइसे मुड़ा रह्या। पूत मतलब ईसू क ओ मरे हुवन मँ स फिन स जियाइ उठाए रहा। अउर उहइ परमेस्सर क आवइवाली कोप स हमार रच्छा करत ह।
इस्राएल क परिवारसमूह बरे भुइँया
48 1-7 “उत्तरी सीमा भूमध्य सागर स पूरब हेतलोन स हमात दर्सा अउ तब लगातार हसेसोन तलक जात ह। इ दमिस्क अउर हमात क सीमन क बीच अहइ। परिवार समूहन मँ स इ समूह क भुइँया एन सीमन क पूरब स पच्छिम क जाइ। उत्तर स दक्खिन, इ छेत्र क परिवार-समूह अहइँ, दान, आसेर, नप्ताली, मनस्से, एप्रैम, रूबेन यहूदा।
भुइँया क खास भाग
8 “भुइँया क अगला छेत्र खास उपयोग बरे होइ। इ भुइँया यहूदा क भुइँया क दक्खिन मँ अहइ। इ छेत्र उत्तर स दक्खिन तलक पच्चीस हजार हाथ लम्बा अहइ अउर पूरब स पच्छिम तलक, इ ओतना चउड़ा होइ जेतना दूसर परिवार समूहन क होइ मन्दिर भूइँया क इ विभाग क बीच होइ। 9 तू इ भुइँया क यहोवा क समर्पित करब्या। इ पच्चीस हजार हाथ लम्बा अउर दस हजार हाथ चउड़ा होइ। 10 भुइँया क इ खास छेत्र याजकन अउ लेविबंसियन मँ बँटी।
“याजक इ छेत्र क एक हींसा पइहीं। इ भुइँया उत्तर कइँती पचीस हजार हाथ लम्बी, पच्छिम कइँती दस हजार हाथ चउड़ी, पूरब कइँती दस हजार हाथ चउड़ी अउर दक्खिन कइँती पचीस हजार हाथ लम्बी होइ। भुइँया क इ छेत्र क बीच यहोवा क मन्दिर होइ। 11 इ भुइँया सादोक क बंसजन क बरे अहइ। इ सबइ मनई मोर पवित्तर याजक होइ बरे चुने ग रहेन। काहेकि इ पचे तब भी मोर सेवा करब जारी राखेस जब इस्राएल क दूसर लोग मोका छोड़ दिहन। सादोक क परिवार मोका लेवी परिवार-समूह क दूसर लोगन क तरह नाहीं छोड़ेस। 12 इ पवित्तर भू-भाग क खास हींसा बिसेस रूप स एन याजकन क होइ। इ लेवीबंसियन क भुइँया स लगा भवा होइ।
13 “याजकन क भुइँया स लगी भूमि क लेवीबंसी आपन हींसा क रूप मँ पइहीं। इ पच्चीस हजार हाथ लम्बी, दस हजार हाथ चउड़ी होइ। उ पचे उ पूरी भुइँया क जउन पच्चीस हजार हाथ लम्बी अउ दस हजार हाथ चउड़ी होइ पइहीं। 14 लेवीबंसी इ भुइँया क कउनो हींसा न तउ बेचिहीं, न ही बइपार करिहीं। उ पचे इ भुइँया क कउनो भी हींसा क बेचइ क अधिकार नाहीं रखतेन। उ पचे इ भुइँया क कउनो भी हींसा क अदल बदल नाहीं कइ सकत ह। एका दूसर क हाथन क हस्तान्तरित नाहीं होवइ चाही। काहेकि इ भुइँया यहोवा क अहइ। इ सब स परम पवित्तर अहइ।
नगर सम्पत्ति बरे हींसन
15 “भुइँया क एक छेत्र पाँच हजार हाथ चउड़ा अउर पचीस हजार हाथ लम्बा होइ जउन याजकन अउ लेवीबंसियन क दीन्ह गइ भुइँया स अतिरिक्त होइ। इ भुइँया नगर, पसुअन क चरागाह अउ घर बनावइ बरे होइ सकत ह। साधारण लोग एकर उपयोग कइ सकत हीं। नगर एकरे बीच मँ होइ। 16 नगर क नाप इ अहइ: उत्तर कइँती इ साढ़े चार हजार हाथ होइ। पूरब कइँती इ साढ़े चार हजार हाथ होइ। दक्खिन कइँती इ साढ़े चार हजार हाथ होइ। पच्छिम कइँती इ साढ़े चार हजार हाथ होइ। 17 नगर क चरागाह होइ। इ सबइ चरागाहन ढाई सौ हाथ उत्तर कइँती, ढाई सौ हाथ दक्खिन कइँती होइ। उ सबइ ढाई सौ हाथ पूरब कइँती तथा ढाई सौ हाथ पच्छिम कइँती होइ। 18 पवित्तर छेत्र क संग जउन हींसा बची, उ दस हजार हाथ पूरब मँ अउर दस हजार हाथ पच्छिम मँ होइ। इ भुइँया पवित्तर छेत्र क बगल मँ होइ। इ भुइँया नगर क मजदूरन बरे अन्न पइदा करी। 19 नगर क मजदूर एहमाँ खेती करिहीं। मजदूर इस्राएल क सबहिं परिवार समूहन मँ स होइहीं।
20 “इ भुइँया क बिसेस छेत्र वर्गाकार होइ। इ पचीस हजार हाथ लम्बा अउर पचीस हजार हाथ चउड़ा होइ। इ पवित्तर छेत्र अहइ, जेहमाँ नगर बरे दीन्ह गवा हींसा सामिल अहइ।
21-22 “इ खास भुइँया क एक हींसा देस क सासक क बरे होइ। इ बिसेस भुइँया क छेत्र वर्गाकार अहइ। इ पचीस हजार हाथ लम्बा अउर पचीस हजार हाथ चउड़ा अहइ। एकर एक हींसा याजकन बरे, एक हींसा लेवीबंसियन बरे अउर एक हींसा मन्दिर बरे अहइ। मन्दिर इ भुइँया छेत्र क बीच मँ अहइ। सेस भुइँया देस क सासक क अहइ। सासक बिन्यामीन अउर यहूदा क भुइँया क बीच क भुइँया पाइ।
23-27 “बिसेस छेत्र क दक्खिन मँ उ परिवार-समूह क भुइँया होइ जउन यरदन नदी क पूरब मँ रहत रहा। हर परिवार-समूह उ भुइँया क एक हींसा पाइ जउन पूर्वी सीमा स भूमध्य सागर तलक गइ अहइ। उत्तर स दक्खिन क इ सबइ परिवार-समूह अहइँ: बिन्यामीन, सिमोन, इस्साकर, जबूलून अउ गाद।
28 “गाद क भुइँया क दक्खिनी सीमा तामार स मरीबोत-कादेस क नखलिस्तान तलक जाइ। तब मिस्र क नाले स भूमध्य सागर तलक पहोंची। 29 अउर इहइ उ भुइँया अहइ जेका तू इस्राएल क परिवार मँ बटँब्या। उहइ हर एक परिवार-समूह पाई।” मोर सुआमी यहोवा इ कहेस।
नगर क फाटक
30 “नगर क इ सबइ फाटक अहइँ। फाटकन क नाउँ इस्राएल क परिवार समूहन क नाउँ पइ होइहीं।
“उत्तर कइँती नगर साढ़े चार हजार हाथ लम्बा होइ। 31 ओहमाँ तीन फाटक होइहीं। रूबेन क फाटक, यहूदा क फाटक अउर लेवी क फाटक।
32 “पूरब कइँती नगर साढ़े चार हजार हाथ लम्बा होइ। ओहमाँ तीन फाटक होइहीं: यूसुफ क फाटक, बिन्यामीन क फाटक अउर दान क फाटक।
33 “दक्खिन कइँती नगर साढ़े चार हजार हाथ लम्बा होइ। ओहमाँ तीन फाटक होइहीं। सिमोन क फाटक, इस्साकर क फाटक अउर जबूलून क फाटक।
34 “पच्छिम कइँती नगर साढ़े चार हजार हाथ लम्बा होइ। एहमाँ तीन फाटक होइहीं: गाद क फाटक, आसेर क फाटक अउर नप्ताली क फाटक।
35 “नगर क चारिहुँ ओर क दूरी अट्ठारह हजार हाथ होइ। अब स आगे नगर क नाउँ होइ: यहोवा हिआँ अहइ।”
1 हे मोर आतिमा, यहोवा क स्तुति करा।
हे यहोवा, हे मोरे परमेस्सर, तू अति महान अहा।
तू महिमा अउ आदर क ओढ़ना पहिरे अहा।
2 जइसे कउनो मनई चोगा पहिरत ही वइसा ही उ प्रकास क पहिरत हीं।
पर्दा क नाईं उ आकासे क फइलावत ह।
3 उ ओनके ऊपर आपन निवास स्थान बनाएस।
उ गहिर बादर क प्रयोग आपन रथ बनावइ मँ करत ह।
उ पवन क पखना पइ चढ़िके अकास पार करत ह।
4 उ निज सरगदूतन क पवन क नाईं बनावत ह।
उ निज सेवक क पवन क नाई बनाएस।
5 इ उहइ अहइ जउन धरती क ओकरी नेंव पइ निर्माण किहस।
इ कबहुँ न गिरी।
6 उ जल क चादर स धरती क ढकेस।
जल पहाड़न क ढाँकि लिहस।
7 तू आदेस दिहा अउर जल दूरि हट गवा।
तू जल पइ गरज्या, अउर जल दूर भागा।
8 पहाड़न स खाले घाटियन मँ ओन सबइ ठउरन पइ
जेका तू ओकरे बरे तइयार किहे रहा या जल बहा।
9 तू समुद्दर क चउहद्दी बाँध दिहा
अउर फुन जल कबहुँ धरती क ढाँकइ नाहीं जाई।
10 उ पानी क पठवत ह
जउन कि झरनन स पहाड़ियन क बीच मँ घाटियन मँ बहत ह।
11 सबहिं जंगली पसुअन क सबइ धारा पानी देत हीं,
जेनमाँ जंगली गदहा तलक आइके पिआस बुझावत हीं।
12 जंगल क परिन्दा तलाबन क किनारे रहइ बरे आवत हीं।
अउ निचके ठाड़ भए बृच्छन क डालियन पइ गावत हीं
13 तू पहाड़न क ऊपर बर्खा पठया ह
अउर ओन चिजियन ओनका दिहा जेका तू बनाया जउन ओनका चाही।
14 परमेस्सर, पसुअन क खाइ बरे घास उपजाया,
हम स्रम करित ह अउर उ हमका पैाधा देत ह।
इ सबइ पौधन उ भोजन अहइँ जेका हम धरती स पाइत ह।
15 परमेस्सर, हमका दाखरस देत ह, जउन हमका खुस करत ह।
हमार चाम नरम रखइ क तू हमका तेल देत ह।
हमका पुट्ठ करइ क उ हमका खइया क देत ह।
16 परमेस्सर लबानोन क जउन देवदारू क बिसाल बृच्छ लगाएस ह।
ओन बिसाल बृच्छ खातिर ओनकर बढ़वार बरे बहोत पानी रहत ह।
17 पंछी ओन बृच्छन पइ आपन घोंसला बनावत हीं।
देवदार क बृच्छन पइ सारस क बसेरा अहइ।
18 बनैले पहाड़ी बोकरन क घर ऊँच पहाड़ मँ बना अहइँ।
बीछियन खुद क बड़की चट्टान क आड़ मँ छुपावत अहइँ।
19 तू मौसम क पता लगावइ बरे चाँद क रच्या ह।
सूरज सदा जानत ह कि ओका कहाँ बूढ़ब अहइ।
20 तू अँधियारा बनाया जेहसे रात होइ
ताकि जंगल क बनैला पसु एहर-ओहर घूमि सकिहीं।
21 उ पचे झपटत सेर जब दहाड़त हीं तब अइसा लगत ह जइसे उ पचे यहोवा क पुकारत होइँ,
जेका माँगइ स उ ओनका अहार देत।
22 अउर पउ फाटइ पइ जीवजन्तु वापिस घरन क
लउटत अउ आराम करत हीं।
23 फिन लोग आपन काम करइ क बाहेर निकरत हीं।
साँझ तलक उ पचे काम मँ लगा रहत हीं।
24 हे यहोवा, तू अचरज भरा बहुतेरा काम किहा।
धरती तोहरी वस्तुअन स भरी पड़ी अहइ।
तू जउन कछू करत अहा, ओहमा आपन विवेक देखाँत ह।
25 इ समुद्दर क लखा, इ केतॅना बिसाल अहइ!
हुआँ बहुतेरी जीव-जन्तु अहइ जेका गना नाहीं जाइ सकिहीं।
ओहमाँ कछू बिसाल अहइँ अउर कछू नान्ह।
26 समुद्दर क ऊपर जलपोत तैरत हीं,
अउर लिब्याथान[a] जेका तू बनाएस ह
समुद्दर मँ खेल-खेलत ह।
27 यहोवा, इ सब कछू तोहरे आसरे पइ अहइ।
हे परमेस्सर, ओन सबहीं जीवन क खाना तू ठीक समइ पइ देत अहा।
28 हे परमेस्सर, तू ही अहा जउन सबइ जीव-जन्तुअन क खाना जेका उ पचे खात हीं,
उपलब्ध करावत अहा।
29 फुन जब तू ओनसे मुँह मोड़ लेत अहा तब उ पचे डेराइ जात हीं।
ओनकर साँस रुकि जात हीं।
उ पचे दुर्बल होइ जात हीं अउर मर जात हीं।
अउर ओनकर देह फुन धूरि मँ बदलि जात हीं।
30 जब तू आपन आतिमा भेज्या ह, उ ओहसे जीवित होइ जात ह अउर
धरती पइ जिन्नगी क संग फुन नवा कइ दीन्ह जात ह।
31 यहोवा क महिमा सदा-सदा बनी रहइ।
यहोवा आपन रचना स सदा आनन्द मँ रहइ।
32 यहोवा क दृस्टि स इ धरती काँप उठी।
पहाड़न स धुआँ उठइ लग जाइ।
33 मइँ जिन्नगी भइ यहोवा बरे गाउब।
मइँ जब तलक जिअत हउँ यहोवा क गुण गावत रहब।
34 मोर सोच-बिचार ओका खुस करी।
मइँ यहोवा क संग खुस अहउँ।
35 धरती स पाप क लोप होइ जाइ।
दुट्ठ लोग सदा बरे मिटि जाइँ।
हे मोर आतिमा,
यहोवा क स्तुति करा।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.