M’Cheyne Bible Reading Plan
दाऊद जुद्ध क तइयारी करत ह
18 दाऊद अपने लोगन क गनेस। उ हजार फउजियन अउर सौ फउजियन क ऊपर सेनापतियन नियुक्त किहेस। 2 दाऊद लोगन क तीन टुकड़ियन मँ बाँटेस, अउर तब दाऊद लोगन क आगे पठएस। योआब क भाई, सरूयाह क पूत अबीसै दूसर एक तिहाई फउज क अगुवाइ किहेस। अउर इत्तै जउन गात स रहा उ बचा भवा एक तिहाइ फउज क अगुवाई किहेस।
राजा दाऊद लोगन स कहेस, “मइँ भी तू लोगन क संग चलब।”
3 किन्तु लोग कहेन, “नाहीं। आप क हमरे संग नाहीं जाइ चाही। काहे? काहेकि हम लोग जुद्ध स परानेन तउ अबसालोम क फउजी परवाह नाहीं करिहीं। जदि हम आधा मार दीन्ह जाइ तउ भी अबसालोम क फउजी पखाह नाहीं करिहीं। किन्तु आप हम लोगन क दस हजार क बराबर अहइँ। आप क बरे अच्छा अहइ कि आप नगर मँ रहइँ। तब, जदि हम क मदद क जरूरत पड़इ तउ आप मदद कइ सकइँ।”
4 राजा अपने लोगन स कहेस, “मइँ उहइ करब जेका आप लोग सर्वोत्तम समुझत हीं।”
तब राजा दुआर क बगल मँ खड़ा रहा। फउज आगे बढ़ गइ। उ पचे एक सौ अउ एक हजार क टुकड़ियन मँ गएन। “जुवक अबसालोम क संग कोमल रहा।”
5 राजा योआब, अबीसै अउ इत्तै क आदेस दिहस: “मोरे बरे इ करा: जुवक अबसालोम क बरे कोमल रहा।” सबहिं लोग अबसालोम क बारे मँ नायकन को राजा क आदेस सुनेन।
दाऊद क फउज अबसालोम क फउज क हरावत ह
6 दाऊद क फउज अबसालोम क इस्राएलियन क खिलाफ रणभूमि मँ गइ। उ पचे एप्रैम क जँगल मँ जुद्ध किहन। 7 दाऊद क फउज इस्राएलियन क हराइ दिहस। उ दिन बीस हजार मनई मारे गएन। 8 जुद्ध पूरे देस मँ फइल गवा। किन्तु उ दिन तरवार स मरइ क अपेच्छा जँगल मँ मनई जियादा मरेन।
9 अइसा भवा कि अबसालोम दाऊद क सेवकन स मिला। अबसालोम बच पराइ बरे अपने खच्चर पइ चढ़ा। खच्चर बिसाल बाँज क बृच्छ क डारन क नीचे गवा। डारन मोटी रहिन अउ अबसालोम क मूँड़ बृच्छ मँ फँस गवा। ओकर खच्चर ओकरे नीचे स पराइ निकरा एह बरे अबसालोम भुइँया क ऊपर लटका रहा।
10 एक ठु मनई इ होत लखेस। उ योआब स कहेस, “मइँ अबसालोम क एक बाँज बृच्छ मँ लटकत लखेउँ ह।”
11 योआब उ मनई स कहेस, “तू ओका मार काहे नाहीं डाया, अउर ओका जमीन पइ काहे नाहीं गिर जाइ दिहा? मइँ तोहका एक जोद्धन-कमरबंध अउ चाँदी क दस सिक्कन देतेउँ।”
12 उ मनई योआब स कहेस, “मइँ राजा क पूत क तब भी चोट पहोंचावइ क कोसिस नाहीं करतेउँ, जहाँ तू मोका हजार चाँदी क सिक्कन देत्या। काहेकि हम लोग, तोहका अबीसै अउ इत्तै क दीन्ह गए राजा क आदेस क सुना। राजा कहेस, ‘होसियार रहा, जुवक अबसालोम क चोट नाहीं पहोंचे।’ 13 जदि मइँ अबसालोम क मार दिहे होतेउँ, तउ राजा खुद एकर पता लगाइ लेतइ अउर तू मोर बचाव बरे नाहीं आत्या।”
14 योआब कहेस, “मइँ तोहरे संग समइ नस्ट नाहीं करब।”
अबसालोम अबहुँ बाँज बृच्छ मँ लटका भवा, जिअत रहा। योआब तीन ठु भाला लिहस। उ भालन क अबसालोम पइ लोकाएस। भालन अबसालोम क हिरदइ क बेधत भए निकरि गएन। 15 हुवाँ दस ठु जुवक रहेन जउन योआब क हथियार लेइ जाइवाल रहेन। उ सबइ दस मनई अबसालोम क चारिहुँ कइँती आएन अउर ओका मार डाएन।
16 योआब तुरही बजाएस अउर अबसालोम क सैनिकन क टोलियन क इस्राएली लोगन क पाछा करब बंद करइ क संकेत देत रहेन। इ तरह उ दूसर जुद्ध स लोगन क बचाइ लिहेस। 17 तब योआब क मनइयन अबसालोम क ल्हास उठाएन अउर ओका जँगल क एक बड़के गड़हे मँ फेंक दिहन। उ पचे गड़हे क बहोत स पाथरन स भर दिहन।
सबइ इस्राएलियन आपन-आपन घरे क पराइ गएन।
18 जब अबसालोम जिअत रहा, उ राजा क घाटी मँ एक ठु खंभा खड़ा किहे रहा। अबसालोम कहे रहा, “मोर कउनो पूत मोरे नाउँ क चलावइ वाला नाहीं अहइ।” एह बरे उ खम्भा क आपन नाउँ दिहस। एह बरे एका आपन बाद नाउँ दिहेस। इ खम्भा आजु भी “अबसालोम स्मारक” क रूप जाना जात ह।
योआब दाऊद क खबर देत ह
19 सादोक क पूत अहीमास योआब स कहेस, “मोका अब दउड़ जाइ द्या अउर राजा दाऊद क खबर पहोंचावइ द्या। मइँ ओहसे कहब कि यहोवा ओनका ओनके दुस्मनन क हाथे स अजाद कइ दिहस ह।”
20 योआब अहीमास क जवाब दिहस, “नाहीं, आजु तू दाऊद क खबर नाहीं देब्या। तू खबर कउनो दूसरे समइ पहोंचाइ सकत ह, किन्तु आजु नाहीं काहे? काहेकि राजा क पूत मरि गवा ह।”
21 तब योआब एक कूसी मनई स कहेस, “जा राजा स उ सब कहा जउन तू लख्या ह।”
कूसी योआब क प्रणाम किहेस। तब कूसी दाऊद क खबर देइ दउड़ पड़ा।
22 किन्तु सादोक क पूत अहीमास योआब स फुन पराथना किहेस, “जउन कछू भी होइ, ओकर चिन्ता नाहीं, कृपा कइके मोका भी कूसी क पाछे दउड़ जाइ द्या।”
योआब कहेस, “बेटे, तू समाचार काहे लइ जाइ चाहत अहा? तू जउन समाचार लइ जाब्या ओकर कउनो पुरस्कार नाहीं मिली।”
23 अहीमास जवाब दिहस, “चाहे जउन होइ, चिन्ता नाहीं, मइँ दाऊद क लगे दउड़ जाब।”
योआब अहीमास स कहेस, “दउड़!”
तब अहीमास यरदन क घाटी स होइके दउड़ा उ कूसी क पाछे छोड़ गवा!
दाऊद खबर पावत ह
24 दाऊद नगर क दुइनउँ फाटकन क बीच बइठा रहा। पहरेदार फाटकन क देवारन क ऊपर छते पइ गवा। पहरेदार धियान स लखेस अउ एक ठु मनई क अकेले दउड़त लखेस। 25 पहरेदार दाऊद स कहइ बरे जोर स गोहराएस।
राजा दाऊद कहेस, “जदि मनई अकेला अहइ तउ उ खबर लावत ह।”
मनई नगर क निअरे स निअरे आवत जात रहा। 26 पहरेदार दूसर मनई क दउड़त लखेन। पहरेदार दुआर रच्छक क बोलाएस, “लखा! दूसर मनई अकेले दउड़त बा।”
राजा कहेस, “उ भी समाचार लिआवत अहइ।”
27 पहरेदार कहेस, “मोका लागत ह कि पहिला मनई सादोक क पूत अहीमास क तरह दउड़त अहइ।”
राजा कहेस, “अहीमास अच्छा मनई अहइ। उ अच्छी समाचार लावत रहा होइ।”
28 अहीमास राजा क गोहराइ क कहेस। “सब कछू बहोत नीक अहइ।” अहीमास राजा क समन्वा प्रणाम करइ निहुरा। ओकर माथा भुइँया क करीब रहा। अहीमास कहेस, “अपने यहोवा परमेस्सर क स्तुति करा। मोर सुआमी राजा, यहोवा ओन मनइयन क हराइ दिहेस ह जउन आप क खिलाफ रहेन।”
29 राजा पूछेस, “का जुवक अबसालोम कुसल स अहइ?”
अहीमास जवाब दिहेस, “जब योआब मोका पठएस मइँ बड़ी उत्तेजना भीड़ लखेउँ, किन्तु मइँ नाहीं जानत हउँ कि उ का रहा?”
30 तब राजा कहेस, “हिआँ आ अउर प्रतीच्छा करा।” अहीमास हटके खड़ा होइ गवा अउ प्रतीच्छा करइ लाग।
31 कूसी आवा। उ कहेस, “मोर सुआमी अउर राजा, मोर लगे तोहार बरे अच्छा समाचार अहइ। आजु यहोवा ओन सबइ लोगन क सजा दिहस ह जउन आप क खिलाफ रहेन।”
32 राजा कूसी स पूछेस, “का जुवक अबसालोम कुसल स अहइ?”
कूसी जवाब दिहस, “मोका आसा अहइ कि आप क दुस्मन अउर सबहिं लोग जउन आप क खिलाफ चोट करत अइहीं, उ पचे इ जुवक (अबसालोम) क तरह सजा पइहीं।”
33 तब राजा समुझ लिहस कि अबसालोम मर गवा ह। राजा बहोत काँपत रहा ह। उ नगर दुआर क ऊपर क कमरा मँ चला गवा अउर रोएस। जइसे ही उ गवा उ रोवा अउर कहेस, “ऐ मोर पूत अबसालोम, मइँ चाहत हउँ कि मइँ तोहरे बरे मर गवा होत। ऐ अबसालोम, मोर पूत, मोर पूत।”
बनावटी प्रेरित अउर पौलुस
11 कास, तू मोर थोड़क मूरखता सही लेत्या। हाँ तू ओका सहि ल्या। 2 काहेकि मइँ तोहसे जलन होत ह, इ जलन उ अहइ जउन परमेस्सर से मिलत ह। मइँ तोहार मसीह से सगाई कराइ दिहे हउँ। ताकि तोहे एक पवित्तर कन्निया क समान ओका अर्पित कई सकउँ। 3 मुला मइँ डेरात अहउँ कि कहूँ जइसेन उ सर्प हव्वा क अपने कपट से भ्रस्ट कइ दिहे रहा। वइसेन ही कहूँ तोहार मन उ एक निस्ठा भक्ति अउर पवित्तरता स, जउन मोका मसीह क लिए रक्खई चाही भटकाई न दीन्ह जाई। 4 काहेकि जब कउनो तोहरे लगे आइके जे ईसू क बारे मँ जउन कहे रहा, ओका छोड़ी क कउनो दूसरे ईसू क तोहका उपदेस देत ह अउर जउन आतिमा तू ग्रहण किहे अहा, ओसे अलग कउनो अउर आतिमा तू ग्रहण करत ह अउर छुटकारा क जउने सँदेस क तू ग्रहण किहे अहा, ओसे अलग कउनो दूसरे सँदेस क उ ग्रहण करत ह।
5 तउ तू बहुत खुस होत अहा। पर मइँ अपने आपके तोहरे “बड़ेन प्रेरितन” से बिलकुस छोट नाहीं मानत अहउँ। 6 होइ सकत ह कि मोर बोलइ क सक्ती सीमित बा मुला मोर गियान तउ असीम बा। इ बाते क हम सबहिं बाते मँ तोहे स्पस्ट रूप से दरसाए हउँ।
7 अउ फिन मइँ सेंतइ मेंतई मँ सुसमाचार क उपदेस दइके तोहे ऊँचा उठावई बरे अपने आपके झुकावत भए, का कउनउ पाप किहे अहइ? 8 मइँ दूसरे कलीसियन स आपन मेहनताना लइके ओनका लूटे हउँ ताकि मइँ तोहार सेवा कइ सकउँ। 9 अउर तब मइँ तोहरे साथे रहेउँ तब जरूरत पड़े प मइँ कउनो प बोझ नाहीं डालेउँ काहेकि मैसीडोनिया स आएन भाइयन मोर जरूरत क पूरा कइ दिहे रहेन। मइँ हर बाते मँ अपने आपके तोहपे न बोझ बनई दिहे हउँ अउर न बनई देब। 10 अउर काहेकि मोहमाँ मसीह क सच निवास करत ह। इही बरे अखाया क समूचे छेत्रन मँ मोका बढ़ चढ़ क बोलइ स केउ नाहीं रोक सकत ह। 11 भला काहे? का इही बरे कि मइँ तोहसे पिरेम नाहीं करत हउँ? परमेस्सर जानत ह, मइँ तोहसे पिरेम करत हउँ।
12 मुला जउन मइँ करत हउँ ओका तउ करतइ रहब, ताकि ओन्हन कही गइ प्रेरितन क गरब क, जउन गरब करइ क कउनउ अइसेन बहाना चाहत हीं। जेसे सबइ ओनहीं कामे मँ हमरे बराबर समझा जाई सकइँ जेनपइ ओनका गरब बा। मइँ ओनके उ गरब क खतम कइ सकउँ। 13 अइसे लोग नकली प्रेरित अहइँ। ऊ पचे छली अहइँ, उ मसीह क प्रेरित होइ क ढोंग करत हीं। 14 ऐहमँ कउनउ अचरज नाहीं बा, काहेकि सइतान त परमेस्सर क दूत क रूप धारण कइ लेत ह। 15 इही बरे अगर ओकर सेवकउ नेकी क सेवकन क स रूप धइ लेइ तउ एहमाँ कउन बड़ी बात बा? मुला अन्त मँ ओनका आपन करनी क अनुसार फल तउ मिलइ क बा।
पौलुस की यातना
16 मइँ फिन दोहरावत अहउँ कि मोका केउ मूरख न समझइ। मुला अगर फिन स तू अइसेन समझत ह तउ मोका मूरख बनाइके ही मंजूर करा। तब मोका स्वीकार कइ ल्या अउ मोका कछू अधिकार द्या। ताकि मइँ कछू गरब कइ सकउँ। 17 अब इ मइँ कहत अहउँ, उ पर्भू क अनुसार नाहीं कहत ह, बल्कि एक मूरख क रूप मँ गरबपूर्वक बिसवास क साथे कहत हउँ। 18 काहेकि बहुत लोगन अपने संसारी जीवन पर गरब करत हीं। 19 फिन तउ मइँ गरब करब। अउर फिन तउ तू ऍतना समझदार अहा कि मूर्खन क बात खुसी क साथे सहि लेत ह। 20 काहेकि अगर केउ तोहका दास बनावइ, तोहका फँसाइ देत ह, धोखा देत ह अपने क तोहसे बड़ा बनवइ, अउर तोहरे मुँहे पर थप्पड़ मारई त तू ओका सहि लेत ह। 21 मइँ सरम क साथे कहत हउँ कि हम पचे बहुत कमजोर रहे।
अगर कउनउ मनई कउनो चीजन पे गरब करइ क साहस करत ह त ओइसन साहस मइँ भी करब। (मइँ मूर्खतापूर्वक कहत अही।) 22 इबरानी सबइ तउ नाहीं अहइँ। जदि उ पचे इस्राएली अहइँ, तउ उ मइँ भी अहउँ, जदि उ सबइ इब्राहीम क बंसज अहइँ, तउ उ मइँ भी हउँ। 23 मइँ अहउँ। इस्राएली उ सबइ तउ नाहीं अहइँ। मइँ ह भी। का उ पचे मसीह क सेवक अहइँ? (एक सनकी की नाहीं मइँ इ कहत ह अहउँ।) कि मइँ ओहसे बड़ा मसीह क सेवक अहउँ। मइँ बार बार जेल गवा हउँ। मोका बार बार मारा गवा बा। कई अवसरन पर मोका मऊत क सामना भवा बा।
24 पाँच बार मइँ यहूदियन स एक कम चालीस चालीस कोड़ा खाए हउँ। 25 मइँ तीन तीन बार लाठियन स पीटा गवा हउँ। एक्क बार तउ मोहे पर पत्थराऊँ कीन्ह गवा बा। तीन बार मोर जहाज बूड़ा। एक दिन अउर एक रात मइँ समुंदर क गहिरे पानी मँ बितावा। 26 मइँ भयानक नदियन, खूँखार डकइतन, खुद आपन लोगन, विधर्मियन, नगरन, गाँवन, समुद्रन अउर देखआवटी बन्धुवन क खतरे क बीचवा मँ कइयऊ यात्रा किहे हउँ।
27 मइँ कड़ा मेहनत कइके थकावट से चूर होइके जीव जिए हउँ। कई अवसरन पर मइँ सोइ तक नाहीं पाएउँ। भूखा अउर पियासा रहेउँ। अकसर मोका खाई तक क नाहीं मिला। बिना कपड़न क जाड़ा मँ ठिठूरत रहेउँ। 28 अउर अब अउर जियादा का कही? रोज मोरे ऊपर जिम्मेदारी का भार अहइ अउर मोहे पइ सब कलीसियावन की चिन्ता बनी रहत ह। 29 कीहीऊ का कमजोरी मोका सक्तिहीन नाहीं कई देत ह अउर केकर पापे मँ होब मोका बैचेन नाहीं बनाई डावत ह। लेकिन मइँ अन्दर से दुखी होइ जात हउँ यदि कउनो प्रलोभन मँ बहक जात ह।
30 अगर मोका बढ़-चढ़ क बात करई क बा तउ मइँ ओन्हन बातन क करब जउन हमरे कमजोरी क अहइँ। 31 परमेस्सर अउर पर्भू ईसू क परमपिता जउन हमेसा धन्य अहइँ, जानत हीं कि मइँ कबहुँ झूठ नाहीं बोलत हउँ। 32 जब मइँ दमिस्क मँ रहेउँ तउ राजा अरितास क राज्यपाल दमिस्क क चारों ओर पहरा बइठा दिहे रहा मोका बन्दी कई लेइक जतन किहे रहा। 33 मुला मोका नगर क चार दीवारी क छेद से टोकरी मँ बइठाइ क नीचे उतार दीन्हा गवा अउर मइँ ओकरे हाथ स बच निकलउँ।
अम्मोन क विरूद्ध भविस्सवाणी
25 यहोवा क बचन मोका मिला। उ कहेस, 2 “मनई क पूत, अम्मोन क लोगन क कइँती लखा अउर मोरे बरे ओनके खिलाफ कछू बोला। 3 अम्मोन क लोगन स कहा, ‘मोर सुआमी यहोवा क कथन सुना। मोर सुआमी यहोवा कहत ह: तू तब खुस रह्या जब मोर पवित्तर ठउर नस्ट भवा रहा। तू लोग तब इस्राएल देस क खिलाफ रह्या जब इ दूसित भवा रहा। तू यहूदा क परिवार क खिलाफ रह्या जब उ सबइ लोग बन्दी बनाइके लइ जावा गएन। 4 एह बरे, मइँ तू पचन्क पूरब क लोगन क देब। उ पचे तोहार सबन्क भुइँया लेइहीं। ओनकर फउजन तोहरे देस मँ आपन डेरा डइहीं। उ पचे तोहरे पचन्क बीच रहिहीं। उ पचे तोहार पचन्क फल खइहीं अउर तोहार पचन्क दूध पीइहीं।
5 “‘मइँ रब्बा अम्मोन नगर क ऊँटन बरे चिरागाह मँ बदल देब अउर अम्मोन लोगन क देस भड़ियन क चिरागाह क बनाउब। तब तू पचे समुझब्या कि मइँ यहोवा हउँ। 6 यहोवा इ कहत ह: तू पचे खुस रह्या कि यरूसलेम नस्ट भवा। तू पचे तालियन बजाया अउर गोड़न पइ थिरक्या। तू पचे इस्राएल प्रदेस क अपमानित करइवालन क मजाक किहा। 7 एह बरे मइँ तू पचन्क दण्ड देब। तू पचे कइसी कीमती चिजियन क तरह होब्या जेनका फउजी जुद्ध मँ पावत हीं। तू पचे आपन उत्तराधिकार खोइ देब्या। तू पचे दूर देसन मँ मरब्या। मइँ तोहरे पचन्क देस क नस्ट करब। तबइ तू पचे जनब्या कि मइँ यहोवा अहउँ।’”
मोआब अउर सेइर क विरूद्ध भविस्सवाणी
8 मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह: “मोआब अउ सेईर कहत हीं, ‘यहूदा क परिवार ठीक कउनो दूसर रास्ट्र क तरह अहइ।’ 9 मइँ मोआब क काँचे पइ प्रहार करब, मइँ एकरे ओन नगरन क लेब जउन एकर सीमा पइ प्रदेस क गौरव बेत्यसीमोत, बालमोन अउर किर्यातैम अहइँ। 10 तब मइँ एन नगरन क पूरब क लोगन क देब। उ पचे तोहार प्रदेस लेइहीं अउर मइँ पूरब क लोगन क अम्मोन क नस्ट करइ देब। तब हर एक मनई बिसरि जाई कि अम्मोन क लोग एक रास्ट्र रहेन। 11 इ तरह मइँ मोआब क दण्ड देब। तब उ पचे जनिहीं कि मइँ यहोवा हउँ।”
एदोम क विरूद्ध भविस्सवाणी
12 मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह, “एदोम क लोग यहूदा क परिवार क खिलाफ उठ खड़े भएन अउर ओहसे बदला लेइ चाहेन। एदोम क लोग दोखी अहइँ।” 13 एह बरे मोर सुआमी यहोवा कहत ह: “मइँ एदोम क दण्ड देब। मइँ एदोम क लोगन अउ जनावरन क नस्ट करब। मइँ एदोम क पूरे देस क तेमान स ददान तलक नस्ट करब। एदोमी जुद्ध मँ मारा जइहीं। 14 मइँ आपन लोगन, इस्राएल क उपयोग करब अउर एदोम क खिलाफ भी होब। इ तरह इस्राएल क लोग मोरे किरोध क एदोम क लोगन क खिलाफ परगट करिहीं। तब एदोम क लोग समुझिहीं कि मइँ ओनका दण्ड दिहेउँ।” मोर सुआमी यहोवा इ कहेस।
पलिस्तिनियन क खिलाफ भविस्सवाणी
15 मोर सुआमी यहोवा इ कहेस, “पलिस्तिनियन भी बदला लेइ क जतन किहन। उ पचे बहोत क्रूर रहेन। उ पचे आपन किरोध क अपने भीतर बहोत जियादा समइ तलक जरत रखेन।” 16 एह बरे मोर सुआमी यहोवा कहेस, “मइँ पलिस्तिनियन क दण्ड देब। हाँ, मइँ करेत स ओन लोगन क नस्ट करब। मइँ समुद्रर तट पइ रहइवाले ओन लोगन क पूरी तरह नस्ट करब। 17 मइँ ओन लोगन क दण्ड देब, मइँ ओनसे बदला लेब। मइँ आपन किरोध क जरिये ओनका एक पाठ सिखाउब तब उ पचे जनिहीं कि मइँ यहोवा हउँ।”
तीसर भाग
(भजन 73–89)
आसाफ क गीत।
1 इस्राएल बरे परमेस्सर नीक अहइ।
परमेस्सर ओन लोगन बरे नीक होत ह जेनकर हिरदइ पवित्तर अहइ।
2 मइँ तउ करीब-करीब फिसल गवा रहा
अउर मइँ तउ करीब-करीब गिर गवा रहा।
3 काहेकि मइँ लखेउँ कि पापी सफल होत अहइँ अउर सान्ति स रहत अहइँ।
तउ ओन अभिमानी लोगन स मोका जलन भइ।
4 उ सबइ लोग तन्दुरुस्त अहइँ।
ओनके जिन्नगी मँ कउनो संघर्स नाहीं अहइ।
5 ओन अहंकारी लोग दूसर लोगन क नाईं परेसानी नाहीं उठावत हीं।
उ पचे दूसर क नाई तकलीफ नाहीं झेलत हीं।
6 एह बरे उ पचे सदा अहंकार स भरा रहत हीं।
अउर उ पचे हिंसा स भी भरा भवा रहत हीं।
7 उ पचे बुरे बिचारन स भरा भवा अहइँ
अउर उ पचे बुरे जोजना मँ बह गवा रहेन।
8 उ पचे लोगन क बारे चिन्ता नाहीं करत हीं अउर ओनका सोसण करइ बरे बुरी जोजना बनावत हीं।
उ पचे घमण्ड मँ बात करत हीं।
9 उ घमण्डी लोगन अइसे बात करत हीं जइसे उ पचे देवता अहइँ।
उ पचे अइसे बात करत हीं जइसे उपचे धरती क सासक हीं।
10 ऍह बरे हिआँ तलक कि परमेस्सर क जन भी ओन दुट्ठन कइँती मुड़त अउर जइसा उ पचे कहत हीं,
वइसा बिस्सास कइ लेत हीं।
11 उ सबइ दुट्ठ जन कहत ही,
“हमरे ओन कामन क परमेस्सर नाहीं जानत जेनका हम करत अही।”
12 दुट्ठ जन आराम क जिन्नगी जिअत हीं
अउर उ पचे धनवान होत चला जात हीं।
13 तउ मोका आपन हिरदय क पवित्तर रखइ क का लाभ अहइ!
आपन मूँड़े क निर्मल रखइ क का लाभ अहइ!
14 हे परमेस्सर, मइँ सारे ही दिन दुःख भोगा करत हउँ।
तू हर भिन्सारे मोका दण्ड देत अहा।
15 हे परमेस्सर, मइँ इ सबइ बातन दूसरन क बतावइ क निर्णय कइ लिहे रहेउँ।
मुला मइँ जानत रहेउँ कि मइँ तोहार लोगन क धोका देते रहेउँ।
16 ऍन बातन क समुझइ क, मइँ जतन किहेउँ
मुला ऍनका समुझब मोरे बरे बहोत कठिन रहा।
17 जब तलक मई परमेस्सर क मन्दिर मँ नाहीं गवा
तब तलक मइँ एका नाहीं समुझेउँ।
18 हे परमेस्सर, फुरइ तू ओन लोगन क भाग फिसलइ वाले मार्ग मँ राख्या ह।
तू ओन लोगन क गिरइ द्या अउर बर्बाद होइ द्या।
19 एकाएक ओन पइ विपत्ति अइहीं।
उ सबइ घमण्डी लोग बरबाद होइ जात हीं।
ओनके संग भयंकर घटना घटिहीं।
अउर फुन ओनकर अंत होइ जात ह।
20 हे यहोवा, उ सबइ मनई अइसे होइहीं
जइसे सपन जेका हम जागत ही बिसरि जात अहीं।
ऍह बरे तू अइसे लोगन क
हमरे सपन क भयानक जानवर क नाई अछन्न कइ द्या।
21 जब मोर हिरदय किरया रहा अउर मोरे दिमाग जख्मी रहा,
22 मइँ विवेकहीन रहा अउर मइँ समुझइ मँ असमर्थ रहा।
मइँ एक तोहार संग
एक निर्बुद्धि जनावर जइसा बेउहार किहेउँ।
23 तउ पइ भी मइँ सदा तोहार संग अहउँ।
हे परमेस्सर, तू मोरे हाथ थामइ क मोर मदद किहा ह।
24 हे परमेस्सर, तू मोका राह देखाँवत, अउर मोका सलाह देत अहा।
आखीर मँ तू आपन महिमा क मौजूदगी मँ मोका अगुवाई करब्या।
25 हे परमेस्सर, सरगे मँ बस तू ही अकेला मोर अहा,
अउर धरती पइ मोका का चाही, जब तू मोरे साथ अहा?
26 चाहे मोर मनवा टूटि जाइ अउर मोर काया नस्ट होइ जाइ।
मुला उ चट्टान मोरे लगे बाटइ जउन मोर सहायता करत ह।
परमरेस्सर मोरे लगे सदा अहइ।
27 हे परमेस्सर, जउन लोग तोहका तजत हीं, उ पचन्क तू नास कइ देब्या।
तू ओन लोगन क जउन तोहेसे मुड़ जात हीं, बर्बाद कइ देब्या।
28 मुला मोरे बरे, परमेस्सर क निअरे रहब नीक अहइ।
मइँ आपन सुरच्छा स्थान आपन सुआमी यहोवा क बनाएउँ ह।
हे परमेस्सर, मइँ ओन सबहिं बातन क बखान करब जेनका तू किहा ह।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.