M’Cheyne Bible Reading Plan
साऊल क मउत
31 पलिस्ती इस्राएल क खिलाफ लड़ेन, अउ इस्राएली पलिस्तियन क समन्वा स पराइ गएन। बहोत स इस्राएली गिलबो पहाड़े प मारा गएन। 2 पलिस्ती साऊल अउ ओकरे पूतन क पकड़ेन। पलिस्ती साऊल क पूत योनातान, अबीनादाब अउ मल्किसु क मारि डाएन।
3 जुद्ध साऊल क खिलाफ बहोतइ बुरा रहा। धनुर्धारी लोग साऊल प बाण बरसाइ दिहन अउ साऊल बुरी तरह घायल होइ गवा। 4 साऊल आपन उ नउकर स जउन कवच लइके चलत रहा कहेस, “आपन तरवार निकारा अउ मोका मारि डावा। तउ उ सबइ बिदेसी मोका चोट पहुँचावइ अउ मोर मसखरी करइ न अइहीं।” मुला साऊल क कवच ढोवइया अइसा करइ स इनकार किहस। साऊल क सहायक बहोत डरा भवा रहा। ऍह बरे साऊल आपन तरवार लिहेस अउ आपन क मारि डाएस।
5 कवच क ढोवइया लखेस कि साऊल मरि गवा। ऍह पइ उ भी आपन तरवारि स आपन क मारि डाएस। उ हुवँइ साऊल क संग मरि गवा। 6 इ तरह साऊल, ओकर तीन पूत अउ ओकर कवच ढोवइया सबहिं एक संग उहइ दिन मर गएन।
पलिस्ती साऊल क मउत प खुस होत हीं
7 इस्राएलियन जउन घाटी क दूसर कइँती अउर यरदन नदी क दूसर कइँती रहत रहेन, लखेन कि इस्राएली फउज परात बाटइ। उ पचे लखेन कि साऊल अउ ओकर पूत मर गएन। ऍह बरे उ इस्राएलियन आपन सहर तजि दिहन अउ भाग पराइ गएन। तब पलिस्ती आएन। उ पचे उ सहरन मँ रहइ लागेन।
8 दूसरे दिन, पलिस्तियन ल्हासे स चीजन क लेइ आएन। उ पचे साऊल अउ ओकर तीनहुँ पूतन क गिलबो पहाड़े प मरा पाएन। 9 पलिस्तियन साऊल क मूँड़ काटि लिहन अउ ओकर कवच लइ लिहन। उ पचे इ खबर क पलिस्ती मनइयन अउ आपन देवमूर्तियन क मन्दिर तलक लइ गएन। 10 उ पचे साऊल क कवच क आस्तोरेत क मन्दिर मँ धरेन। पलिस्तियन साऊल क ल्हास बेतसान क देवारे प टाँगेन भी।
11 याबेस गिलाद क मनइयन ओनँ सबहिं कारनामन क सुनेन जउन पलिस्तियन साऊल क संग किहस। 12 ऍह बरे याबेस क सबहिं फउजी बेतसान पहोंचेन। उ पचे सारी रात चलत रहेन। अउर उ पचे साऊल क ल्हासे क बेतसान क देवारे स उतारेन। उ पचे साऊल क पूतन क ल्हासन क भी उतारेन। तब उ पचे इ ल्हासन क याबेस लइ गएन अउर हुवाँ साऊल अउ ओकरे तीनहुँ पूतन क ल्हासे क फूँकि दिहन। 13 तब उ लोगन साऊल अउ ओकरे तीनहुँ पूतन क अस्थियन क बटोर लिहन। अउर ओनका याबेस मँ पेड़ क तरे दफनाइ दिहन। तब याबेस क लोग सोक मनाएन। याबेस क मनइयन सात दिना तलक उपवास राखेन।
11 तऊन तू लोग वइसेन ही मोर अनुसरण करा जइसेन मइँ मसीह का अनुसरण करित हउँ।
अधीन रहा
2 मइँ तोहार प्रसंसा करत हउँ। काहेकि तू मोका हर समइ सुमिरत करत रहत ह; अउर जउन सिच्छन मइँ तोहे दिहे हउँ, ओनका सावधानी स पालन करत रह्या। 3 पर मइँ चाहित ह कि तू इ जान ल्या कि स्त्री क सासक पुरूस अहइ, पुरूस क सासक मसीह अहइ, अउर मसीह क सासक परमेस्सर अहइ।
4 हम अइसे मनई जउन सिर ढाँकिके पराथना करत ह या परमेस्सर कइँती बोलत ह, उ आपन प्रधान क अपमान करत ह। 5 पर हर एक अइसी स्त्री जउन बिना सिर ढाँकिके पराथना करत ह या जनता मँ परमेस्सर कइँती बोलत ह, उ अपने प्रधान क अपमानित करत ह। उ ठीक ओह स्त्री क समान अहइ जे आपन सिर मुंडवाइ दिहे अहइ। 6 अगर कउनउ स्त्री आपन सिर नाहीं ढाँकत तउ उ अपने बालउ काहे नाहीं मुँड़वाइ लेत। मुला अगर स्त्री क बरे बाल मुँड़वाउब लज्जा क बात अहइ तउ ओका आपन्न मूँड़ ढकँइ चाही।
7 मुला पुरूस क बरे आपन मूँड़ ढकब अच्छा नाहीं बा काहेकि उ परमेस्सर क सरूप अउर महिमा क प्रतिबिम्ब अहइ। मुला एक स्त्री आपन पुरूस क महिमा क प्रतिबिम्ब कहत ह। 8 हम अइसेन एह बरे कहक हई काहेकि पुरूस कउनो स्त्री स नाहीं, बल्कि स्त्री पुरूस स बनी बाटइ। 9 पुरूस स्त्री क बरे नाहीं रचा गवा बल्कि स्त्री क रचना पुरूस क बरे कीन्ह गइ बा। 10 इही बरे परमेस्सर तउ ओका जउन अधिकार दिहे अहइ, ओकर प्रतीक रूप स स्त्री क चाही कि उ आपन मूँड़ ढाकइ। ओका सरगदूत क कारण अइसेन करइ चाही।
11 फिन भी उ पर्भू मँ न तउ स्त्री पुरूस स स्वतन्त्र अहइँ अउर न तउ पुरूस स्त्री स। 12 काहेकि जइसेन पुरूस स स्त्री आइ, वइसेन ही स्त्री पुरूस क जनम दिहेस। मुला सब केउॅ परमेस्सर स आवत हीं।
13 खुद निर्णय करा। का एक स्त्री क मूँड़ उघारे परमेस्सर क पारथना करब अच्छा लागत ह? 14 का खुद प्रतीक तोहे नाहीं देखॉवत कि अगर केउ पुरूस आपन बाल लम्बा बढ़इ देइ तउ इ ओकरे बरे सरम क बात अहइ, 15 अउर इ कि एक स्त्री क बरे इहइ ओकर सोभा अहइ? सहीयउ मँ ओका ओकरे लम्बा बाल एक प्राकृतिक ओढ़नी क रूप मँ दीन्ह गवा बा। 16 अब ऍह पर अगर कउनउ बिबाद करइ चाहइ तउ हमका कहइ क होइ कि न तऊ हमरे इहाँ कउनउ अइसेन प्रथा परमेस्सर क कलीसिया मँ नाहीं बा।
पर्भू क भोज
17 अब इ आदेस देत हउँ मइँ तोहार प्रसंसा नाहीं करत हउँ काहेकि तोहर आपस मँ मिलब तोहार भला करइ क बजाय तोहे हानि पहुँचावत बा। 18 सबसे पहिले इ कि मइँ सुने हउँ कि तू लोग सभा मँ जब परस्पर मिलत ह्या त तोहरे बीच मतभेद रहत ह। कछू अंस तक मइँ एह पर बिसवास करत हउँ। 19 (आखिरकार तोहरे बीच मतभेद भी होइहीं। जेहसे कि तोहरे बीच मँ जउन अच्छा ठहरावा गवा बा, उ सामने आइ जाइ।)
20 तउन जब तू आपस मँ इकट्ठा होत ह तउ सचमुच पर्भू क भोज पावइ क बरे नाहीं एकट्ठा होत्या, 21 मुला जब तू भोज ग्रहण करत ह त तोहमाँ स हर केऊॅ आगे बढ़ि क अपनेन ही खाना पर टूट पड़त ह। अउर बस केउ मनई तउ भूखइ ही चला जात ह, जब कि कउनउ मनई बहुत जियादा खाइ-पी क मस्त होइ जात ह। 22 का तोहरे लगे खाइ-पीअइ क बरे आपन घर नाहीं बा। अउर एह तरह तू परमेस्सर क कलीसिया क अनादर नाहीं करत अहा? अउर जउन दीन अहइँ ओनकर तिरस्कार करइ क चेस्टा नाहीं करतेन? मइँ तोहसे का कहीं? एकरे बरे का मइँ तोहर प्रसंसा करउँ। एह बिसय मँ तोहार प्रसंसा न करब।
23 काहेकि जउन सीख मइँ तोहे सबन क दिहे हउँ, उ हमका पर्भू स मिली रही। पर्भू ईसू त ओह रात, जब ओका मरवाइ डालइ क बरे पकड़वावा ग रहा, उ एक ठु रोटी लिहेस, 24 अउर धन्यबाद देइ क बाद, उ ओका तोड़ेस अउर कहेस, “इ मोर देह अहइ, जउन तोहरे बरे बा। मोका याद करइ क बरे तू अइसेन ही किहा करा।” 25 उ भोजन कइ चुकइ क बाद इही तरह उ कटोरा उठाएस अउर कहेस, “इ कटोरा मोरे लहू क जरिये कीन्ह गवा एक नवा करार अहइ। जब कभउँ तू एका पिआय तबहिं मोका याद करइ क बरे अइसेन करा।” 26 काहेकि जेतॅनी बार उ तू ऍह रोटी क खात ह अउर एह कटोरा क पिअत ह, ओतॅनी बार जब तलक उ आइ नाहीं जात, तू पर्भू क मउत क प्रचार करत रहा।
27 अत: जब केउ पर्भू क रोटी या पर्भू क कटोरा क अनुचित रूप स खात-पिअत ह, उ पर्भू क देह अउर ओकर लहू क बरे अपराधी होइ। 28 मनई क चाहे कि उ पहिले अपने क परखइ अउर तब इ रोटी क खाई अउर इ कटोरा क पिअइ। 29 काहेकि पर्भू क देह क मतलब समझे बिना जउन एह रोटी क खात ह अउर एह कटोरा क पिअत ह, उ एह तरह खाइ-पीके अपने उप्पर सजा क बोलावत ह। 30 इही बरे तउ तोहमाँ स बहुत लोग कमजोर अहइँ बीमार अहइँ अउर बहुत स त चिरनिद्रा मँ सोइ ग अहइँ। 31 मुला अगर हम अपने आप क अच्छे तरह स परख लिहे होइत हमका पर्भू क सजा न भोगइ पड़ी। 32 पर्भू हमका अनुसासित करइ क बरे सजा देत थ। ताकि हमका संसार क साथे दण्डित न कीन्ह जाइ।
33 एह बरे कि हे मोर भाइयो तथा बहिनियो, जब भोजन करइ त एकट्ठा होत ह तउ परस्पर एक दूसरे क इन्तजार करा। 34 अगर सहीयउ मँ कउनो क बहुत भूख लगी होइ तउ ओका घरे पर खाइ लेइ चाही ताकि तोहार एकत्र होइ तोहरे बरे दण्ड क कारण न बनइ। अउर, दूसर बातन क जब मइँ अउबइ तबइ सुलझाउब।
9 तब परमेस्सर जोर स पुकारेस, नगर क जल्लादन क आवइ द्या। हर एक क आपन हाथन मँ बिध्वंसकारी हथियार लेइ चाही। 2 तब मइँ ऊपरी दुआरे स छ: मनइयन क सड़के पइ आवत लखेउँ। इ दुआर उत्तर कइँती अहइ। हर एक मनई आपन घातक सस्त्र क आपन हाथे मँ लिहे रहा। ओन मनइयन मँ स सूती ओढ़ना पहिर रखे रहा। ओकरे लगे करिहाउँ मँ लिपिक क एक ठु कलम अउ सियाही रही। उ सबइ लोग मन्दिर स काँसे क बेदी क लगे गएन अउर हुवाँ खड़ा भएन। 3 तब इस्राएल क परमेस्सर क तेज करूब सरगदूतन क ऊपर स, जहाँ उ रहा उठा। तब उ तेज मन्दिर क दुआर पइ गवा। जब उ ड्योढ़ी पइ पहोंचा तउ उ रूक गवा। तब उ तेज उ मनई क बोलाएस जउन सूती ओढ़ना कलम अउ स्याही धारन किए भए रहा।
4 तब यहोवा ओहसे कहेस, “यरूसलेम नगर स होइ के निकरा। जउन लोग उ नगर मँ लोगन क जरिये कीन्ह गइ घिनौना करम क बरे मँ गोहरावत अउर रोवत ह अहइँ, ओन हर एक क ललाट पइ एक चीन्हा अंकित करा।”
5-6 तब मइँ परमेस्सर क दूसर लोगन स कहत सुनेउँ कि “तू लोग पहिले मनई क अनुसरण करा। तू पचे ओन सबहिं मनइयन क मार डावा। जेनके ललाट पइ चीन्हा नाहीं अहइ। तू पचे एह पइ धियान नाहीं द्या कि उ पचे अग्रज जुवक, जुवतियन, गदेलन या महतरियन अहइँ। तू पचन्क आपन सस्त्रन क उपयोग करब अहइ, ओन हर एक क मार डाउब अहइ जेनके ललाट पइ चीन्हा नाहीं अहइ। कउनो दाया जिन देखावा। कउनो मनई बरे अफसोस न करा। हिआँ मोरे मन्दिर मँ सुरू करा।” एह बरे उ पचे मन्दिर क समन्वा क अग्रजन स सुरू किहा।
7 परमेस्सर ओनसे कहेस, “इ जगह क अपवित्तर बनाइ द्या। इ अँगने क ल्हासन स भरि द्या।” एह बरे उ पचे गएन अउर उ पचे नगर मँ लोगन क मारि डाएन।
8 जब उ सबइ लोग, लोगन क मारइ गएन, तउ मइँ हुवँइ रूका रहेउँ। मइँ भुइँया पइ आपन माथा टेकत भए कहेउँ, “हे मोर सुआमी यहोवा, यरूसलेम क खिलाफ आपन किरोध परगट करइ बरे, का तू इस्राएल मँ बचे भए सबहिं लोगन क मारत अहइ?”
9 परमेस्सर कहेस, “इस्राएल अउ यहूदा क परिवार बहोत जियादा बुरे पाप किहेन ह। इ देस मँ सर्वत्र लोगन क हत्तिया होत रहत अहइँ अउर इ नगर अपराध स भरा पड़ा अहइ। काहेकि लोग खुद कहत हीं, ‘यहोवा इ देस क तजि दिहेस। उ ओन कामन क नाहीं लखि सकत जेनका हम करत अहइँ।’ 10 अउर मइँ दाया नाहीं देखाउब। मइँ ओन लोगन बरे अफसोस अनुभव नाहीं करब। उ पचे खुद एका बोलाएन ह, मइँ एन लोगन क सिरिफ दण्ड दइ देत हउँ जेकर इ सबइ पात्र अहइँ।”
11 तब सूती ओढ़ना, लिपिक क कलम अउर स्याही धारण करइवाला मनई बोला। उ कहेस, “मइँ उ कइ दिहेउँ जउन तोहार आदेस रहा।”
एक ठु भजन: कोरह परिवार क एक ठु पद।
1 यहोवा महान अहइ।
उ हमेसा मोर परमेस्सर क नगर मँ आपन पवित्तर पर्वत पइ बड़कई करत अहइ।
2 सिय्योन पर्वत असल मँ परमेस्सर क पवित्तर पर्वत बाटइ।
इ महान राजा क नगर बाटइ।
समूचइ संसार क लोग हिआँ खुस रहत हीं
काहेकि इ प्रसन्नता क सिखर पइ अहइँ।[a]
3 उ सहर क महलन मँ,
परमेस्सर क सरणस्थल क नाउँ स जाना जात ह।
4 एक दाई कछू राजा आपुस मँ आइके मिलेन
अउर उ पचे इ सहर पइ हमला करइ क कुचक्र रचेन।
सबहिं एक अउटिके चढ़ाई बरे अगवा बढ़ेन।
5 राजा क लखिके उ सबइ सबहिं चकित भएन।
ओनमाँ भगदड़ मची अउ उ सबइ सबहिं पराइ गएन।
6 ओनका डर दहबोच लिहस,
उ सबइ डर स काँपि उठेन।
7 प्रचण्ड पुरवइया हवा
ओनके जहाजन क चकनाचूर कइ दिहस।
8 हाँ, हम पचे तोहार प्रबलता क कहानी सुना ह।
अउर हम पचे तउ ऍका सर्वसक्तिमान यहोवा क सहर मँ हमरे परमेस्सर क सहर मँ घटत भए भी लखा।
यहोवा उ सहर क हमेसा बरे सुदृढ़ बनाएस ह।
9 हे परमेस्सर, हम तोहरे मन्दिर मँ तोहरी पिरेम स भरी करुणा पइ विचार करित ह।
10 हे परमेस्सर, तू मसहूर अहा,
लोग धरती पइ हर कहूँ तोहार स्तुति करत हीं।
हर मनई जानत ह कि तू केतॅना भला अहा।
11 हे परमेस्सर, तोहरे उचित निआउ क कारण सिय्योन पर्वत खुस अहइ।
अउर यहूदा क नगरियन आनन्द मनावत अहइँ।
12 सिय्योन क परिक्रमा करा।
नगरी क दर्सन करा।
तू मीनारन क लखा।
13 ऊँच चहरदीवारन क लखा।
सिय्योन क महलन क सराहा,
तबहिं तू आवइवाली पीढ़ी स ऍकर बखान कइ सकब्या।
14 सचमुच हमार परमेस्सर सदा सदा ही परमेस्सर रही।
उ हमका सदा ही राह देखाई।
ओकर कबहुँ भी अंत नाहीं होई।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.