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M’Cheyne Bible Reading Plan

The classic M'Cheyne plan--read the Old Testament, New Testament, and Psalms or Gospels every day.
Duration: 365 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
1 समूएल 26

दाऊद अउ अबीसै साऊल क डेरा मँ घुसत हीं

26 जीप क मनई साऊल स भेंटइ गिबिया गएन। उ पचे साऊल स कहेन, “दाऊद हकिला क पहाड़ी मँ लुकान बा। इ पहाड़ी यसीमोन क ओह पार बा।”

साऊल जीप क रेगिस्तान मँ गवा। साऊल तीन हजार सिपाहियन क खुद समूचइ इस्राएल स छाँटिके साथ लिहस। साऊल अउ इ मनई जीप क रेगिस्ताने मँ दाऊद क हेरत रहेन। साऊल आपन डेरा हकीला क पहाड़ी प डाएस। डेरा सड़क क किनारे यसीमोन क पार रहा।

दाऊद रेगिस्तान मँ रहत रहा। दाऊद क पता लाग कि साऊल ओकर हुवाँ पाछा किहेस ह। तब दाऊद आपन जासूसन क पठएस अउ दाऊद क पता लाग कि साऊल हकीला क पहाड़ी प आइ गवा अहइ। तब दाऊद उ ठउरे प गवा जहाँ साऊल आपन डेरा डाए रहा। दाऊद लखेस कि साऊल अउ अब्नेर कहाँ सोवत अहइँ। (नेर क पूत अब्नेर साऊल क फउज क सेनापति रहा।) साऊल डेरा क बीच सोवत रहा। सारी फउज साऊल क चारिहुँ कइँती रही।

दाऊद हित्ती अहीमेलेक अउ यरूयाह क पूत अबीसै स बात किहस। (अबीसै योआब क भाई रहा।) उ ओसे कहेस, “मोरे संग साऊल क नगिचे ओकरे डेरा मँ कउन चली?”

अबीसै उत्तर दिहस, “मइँ तोहरे संग चलब।”

रात भइ। दाऊद अउ अबीसै साऊल क डेरा मँ गएन। साऊल डेरा क बीच सोवा रहा। ओकर भाला भुइँया मँ ओकरे मूँड़े क लगे धँसा रहा। अब्नेर अउ फउज साऊल क चारिहुँ कइँती सोइ रही। अबीसै दाऊद स कहेस, “आजु, परमेस्सर तोहरे दुस्मनन क हरावइ दिहेन ह। मोका साऊल क ओकरे भाला स ही जमीन मँ भोकां देइ द्या। मइँ ओका एक ही वार मँ मार देब।”

मुला दाऊद अबीसै स कहेस, “साऊल क जिन मारा। जउन कउनो चुना भवा राजा क मारत ह उ जरुर सजा पावत ह। 10 इ सच अहइ यहोवा जब तलक रही उ साऊल क खुद ही सजा देइ। होइ सकत ह साऊल आपन मउत पाइ या इ होइ सकत ह कि साऊल जुद्ध मँ मारा जाइ। 11 मुला मइँ पराथना करत हउँ कि यहोवा आपन चुना भवा राजा क मोसे चोट न करवावइ। अब पानी क गगरी अउर भाला उठावा जउन साऊल क मूँड़े क लगे बा। तब हम पचे चली।”

12 ऍह बरे दाऊद भाला अउ पानी क गगरी लिहस जउन साऊल क मूँड़े क लगे रहेन। तब दाऊद अउ अबीसै साऊल क डेरा क तजि दिहस। कउनो मनई एकरे बारे मँ न जान सका। कउनो भी मनई जागा नाहीं। साऊल अउ ओकर सिपाही सोवत रहेन काहे यहोवा ओनका गहिर नीदं मँ डाइ दिहे रहा।

दाऊद साऊल क फुन लजावत ह

13 दाऊद घाटी क दूसर कइँती निकरि गवा। साऊल क डेरा स घाटी क पार पहाड़े क चोटी प खड़ा रहा। दाऊद अउ साऊल क डेरा बहोत दूरी प रहेन। 14 दाऊद सेना अउ नेर क पूत अब्नेर क नरियाइके गोहराएस, “अब्नेर, मोका जवाब द्या।”

अब्नेर पूछेस, “तू कउन अहा? तू राजा क काहे बोलावत अहा?”

15 दाऊद जवाब दिहेस, “तू एक मनई अहा। मोसे कहा, का तू नाहीं अहा? अउर तू इस्राएल मँ कउनो भी दूसर मनई स नीक अहा। तब तू आपन सुआमी, राजा क रच्छा काहे नाहीं किहा? एक मामूली मनई तोहरे डेरा मँ तोहार सुआमी, राजा क मारइ आवा। 16 तू बहोतइ बड़ी गल्ती किहा। यहोवा क जिन्नगी क किरिया तोहका अउर तोहरे सिपाहियन क मरि जाइ चाही। काहेकि तू आपन सुआमी अउर यहोवा क चुना भवा राजा क रच्छा नाहीं किहा। साऊल क मूँड़े क लगे भाला अउ पानी क गगरी क खोज करा। उ सबइ कहाँ बाटेन?”

17 साऊल दाऊद क अवाज पहिचानत रहा। साऊल कहेस, “मोर पूत दाऊद, का इ तोहार आवाज बाटइ?”

दाऊद जवाब दिहस, “मोर सुआमी अउ राजा, हाँ! इ मोर अवाज अहइ।” 18 दाऊद इ भी पूछेस, “महाराज, आप मोर पाछा काहे करत अहइँ? मइँ कउन सी गल्ती किहेउँ ह? मइँ का करइ क अपराधी अहउँ? 19 मोर सुआमी अउ राजा, हमरउँ सुना। जदि यहोवा मोरे खिलाफ कोहाइ बरे किहेन ह तउ ओनका एक ठु भेंट अंगीकार करइ द्या। जदि मनई मोरे खिलाफ आपक कोहाएन ह तउ यहोवा क जरिए ओनकइ बरे कछू मुसीबत आवइ द्या। मनइयन मोका इ देस तजइ बरे मजबूर किहन ह, जेका यहोवा मोका दिहन ह। लोग मोसे कहेन, ‘जा। बिदेसी मनइयन क संग रहा। जा दूसर देवतन क पूजा करा।’ 20 मोका यहोवा क हाजिरी स दूर जिन मरइ द्या। इस्राएल क राजा एक मच्छर क हेरइ निकरा बा। आप उ मनई क तरह अहइँ जउन पहाड़े मँ तीतर क सिकार करइ निकरा होइँ।”

21 तबहिं साऊल कहेस, “मइँ पाप किहेउँ ह। मोर पूत दाऊद लउटि आवा। आज तू देखाँइ दिहा कि मोर जिन्नगी तोहरे बरे अनमोल बाटइ। यह बरे मइँ तोहका चोट पहुँचावइ क कोसिस न करब। मइँ मूरखपन क काम किहेउँ ह। मइँ एक ठु बहोत बड़ी गलती किहेउँ ह।”

22 दाऊद जवाब दिहेस, “राजा क भाला इ बाटइ। आपन कउनो नउ जवान क हिआँ आवइ द्या अउर उ लइ जाइ। 23 यहोवा मनइयन क करमे क फल देत हीं। जदि उ नीक करत ह तउ ओका ईनाम देत हीं अउर ओका सजा देत हीं जउन बुरा करत ह। यहोवा आज आप क मोका हरावइ दिहन, मुला मइँ यहोवा क चुना भवा राजा प चोट नाहीं करब। 24 आजु मइँ आपक देखाँइ दिहेउँ ह कि आपक जिन्नगी मोरे बरे अनमोल अहइ। इ तरह यहोवा देखाँइहीं कि मोर जिन्नगी ओनकइ बरे महत्व क बाटइ। यहोवा मोर रच्छा हर मुसीबते स करिहीं।”

25 तब साऊल दाऊद स कहेस, “मोर पूत दाऊद, परमेस्सर तोहका आसीर्बाद देइँ। तू बड़का कारज करब्या अउ सुफल होब्या।”

दाऊद आपन राहे प गवा, अउर साऊल घर लउटी आवा।

1 कुरिन्थियन 7

बियाह

अब इन बातन क बारे मँ जउन तू लिखे रह्या: अच्छा इ बा कि कउनउ मनई कीहीउ स्त्री स बियाह न करइ। मुला यौन अनैतिकता क घटना क सम्भावनावन क कारण हर पुरूस क आपन पत्नी होइ चाही अउर हर स्त्री क आपन पति। पति क चाही कि पत्नी क रूप मँ जउन कछू पत्नी क अधिकार बनत ह, ओका देइ। अउर इही तरह पत्नी क भी चाही कि पति क ओकर यथोचित प्रदान करइ। अपने सरीर पर पत्नी क कउनउ अधिकार नाहीं बा, बल्कि ओकरे पति क बा। अउर इही तरह पति क ओकरे अपने सरीर पर कउनउ अधिकार नाहीं बा, बल्कि ओकरे पत्नी क अहइ। अपने आप क पराथना मँ समर्पित करइ क बरे थोड़े समइ तक एक दूसरे स समागम न करइ क आपसी सहमति क छोड़िके, एक दूसरे क संभोग स वंचित जिन करा। फिन आतिमा संयम क अभाउ क कारण कहूँ सइतान तोहे कउनउ परीच्छा मँ न डालि देइ, इही बरे तू फिन समागम कइ ल्या। मइँ इ एक छूट क रूप मँ कहत रहत हउँ, आदेस क रूपें मँ नाहीं।

मइँ तउ चाहित हउँ सभन लोग मोरे जइसेन होतेन। मुला हर मनई क परमेस्सर स एक विंशेष बरदान मिला बा। कीहीउ क जिअइ क एक ढंग बात त दुसरे क दूसर।

अब मोका अविवाहितन अउर विधवा क बारे मँ इ कहब बा: अगर उ हमरे समान अकेल ही रहइँ तउ ओकरे बरे इ अच्छा रही। मुला अगर उ पचे अपने आप पर काबू न रख सकइँ तउ ओन्हे बियाह कइ लेइ चाही, काहेकि वासना क आग मँ जलत रहइ स विआह कइ लेब अच्छा बा।

10 अब जउन विवाहित अहउँ ओनका हमार ई आदेस बा, यद्यपि इ हमार नाहीं बा बल्कि पर्भू क आदेस बा कि कउनउ पत्नी आपन पति क न तियागइ चाही। 11 मुला अगर उ ओका छोड़िही देइ तउ ओका फिन अनब्याहा ही रहइ चाही या अपने पति स मेल-मिलाप कइ लेइ चाही। अउर अइसेन ही पती क अपनी पत्नी क छोड़इ न चाही।

12 अब सेस लोगन स मोर इ कहब बा: (ई मइँ कहत हउँ न कि पर्भू) अगर कि कउनो मसीही भाई क कउनउ अइसी पत्नी बा जउन ऍह मते मँ बिसवास नाहीं रखत अउर ओकरे साथे रहइ क सहमत बा त ओका तियाग देइ चाही। 13 अइसेन ही अगर कउनो स्त्री क कउनउ अइसेन पति बा जउन पथ क बिसवासी नाहीं अहइ मुला ओकरे साथे रहइ क सहमत बा त ओह स्त्री क भी आपन पति तियागइ न चाही। 14 काहेकि उ अबिसवासी पति बिसवासी पत्नी क लगे क सम्बन्ध क कारण पवित्तर होइ जात ह अउर इही तरह उ अबिसवासी पत्नी अपने बिसवासी पति क हमेसा साथ रहे स पवित्तर होइ जात ह। नाहीं तउ तोहार सन्तान अस्वच्छ होइ जात मुला अब तउ उ पचे पवित्तर बाटेन।

15 फिन भी अगर केउ अविसवासी अलग होइ चाहत ह तउ उ अलग होइ सकत ह। अइसन स्थितियन मँ कउनो मसीह भाई या बहिन पर कउनउ बंधन लागू न होई। परमेस्सर हमका सान्ति क साथे रहइ क बोलाए अहइ। 16 हे पत्नियो, का तू पचे जानत अहा? होइ सकत ह तू अपने अबिसवासी पति क बचाइ ल्या। हे पति, का तू जानत ह? होइ सकत ह तू अपने अबिसवासी पत्नी क बचाइ ल्या।

जइसन अहा, वइसेइ जिआ

17 पर्भू जेका जइसेन दिहे अहइ अउर जेका जेह रूप मँ चुनें अहइ, ओका वइसेन ही जियइ चाही। सभन कलीसियन मँ मइँ इही क आदेस देत हउँ। 18 जब किहू क परमेस्सर क द्वार बोलावा गवा, तब अगर उ खतना युक्त रहा तब ओका आपन खतना छिपावइ न चाही। अउर किहू क अइसेन दसा मँ बोलावा गवा जब उ बिना खतना क रहा तउ ओकर खतना करावइ न चाही। 19 खतना तउ कछू नाहीं बाटइ अउर न ही खतना न होब कछू बा। बल्कि परमेस्सर क आदेसन क पालन करब ही सब कछू अहइ। 20 हरि किहू क उही स्थिति मँ रहइ चाही, जेहमें ओका बोलावा गवा बा। 21 का तोहे सबन क दास क रूप मँ बोलावा गवा बा? तू एकर चिन्ता जिन करा। मुला अगर तू स्वतंत्र होई सकत ह तउ आगे बढ़ अउर अवसर क लाभ उठावा। 22 काहेकि जेका पर्भू क दास क रूप मँ बोलावा गवा, उ तउ पर्भू क स्वतंत्र मनई अहइ। इही तरह जेका स्वतंत्र मनई क रूप मँ बोलावा गवा, उ मसीह क दास अहइ। 23 परमेस्सर कीमत चुकाइके तोहे सबन क खरीदे बाटइ। इही बरे मनइयन क दास न बना। 24 भाइयो, तोहे जउने स्थिति मँ बोलावा गवा बा, परमेस्सर की सामने उही स्थिति मँ रहा।

बियाह करइ सम्बन्धी प्रश्नन क उत्तर

25 अविवाहितन क सम्बन्ध मँ पर्भू कइँती स मोका कउनो आदेस नाहीं मिला बा। इही बरे मइँ पर्भू क दया पाइके बिसवासी होइ क कारण आपन राय देत हउँ। 26 मइँ सोचत हउँ कि एह वर्तमान संकट क कारण इहइ अच्छा बा कि कउनउ मनई मोरे समान ही अकेला रहइ। 27 अगर तू विवाहित अहा तउ ओसे छुटकारा पावइ क यत्न जिन करा। अगर तू पत्नी स मुक्त अहा तउ ओका खोजा न। 28 मुला अगर तोहार जीवन विवाहित बा तउ तू कउनउ पाप नाहीं किहे अहा। अउर अगर कउनउ कन्या बियाह करत ह, तउ कउनउ पाप नाहीं करत ह मुला अइसेन लोग सरीरीक कस्ट उठइहीं जेनसे मइँ तोहे सबन क बचावइ चाहत हउँ।

29 भाइयो तथा बहिनियो, मइँ तउ इहइ कहत हउँ, समइ बहुत कम बा। इही बरे अब आगे, जेनके लगे पत्नियन अहइँ उ पचे अइसन ही रहइँ, माना उनके पास पत्नियन हइयइ नाहीं हइन। 30 अउर उ सबइ जउन विलखत अहइँ उ पचे, अइसेन रहइँ, माना कबहूँ दुखही न भवा होइ। अउर जउन आनन्दित हयेन, उ पचे अइसेन रहइँ, माना खुसइ नाहीं भवा रहेन। अउर उ पचे जउन चीज मोल लेत हीं, अइसेन रहइ माना ओनके लगे कछुउ न होइ। 31 अउर जउन संसारिक सुख-बिलासन क भोग करत हयेन, उ पचे अइसेन रहइँ, माना उ पचे चीज ओनके बरे कउनउ महत्व नाहीं रखत। काहेकि इ संसार अपने वर्तमान सरूप मँ नासवान बा।

32 मइँ चाहत हउँ आप लोग सबइ चिन्ता स मुक्त रहा। एक अविवाहित मनई पर्भू सम्बधी विसयन क चिन्तन मँ लगा रहत ह कि उ पर्भू क कइसे खुस करइ। 33 मुला एक विवाहित मनइ संसारिक विसयन मँ ही लिप्त रहत ह कि उ आपन पत्नी क कइसे खुस कइ सकत ह। 34 एह तरह ओकर व्यक्तित्व बँटि जात ह। अउर अइसेन कउनउ अविवाहित स्त्री या कुंआरी कन्या क जेका बस पर्भू सम्बन्धी विसयन क ही चिन्ता रहत ह। जेहसे उ अपने सरीर अउर आपन आतिमा स पवित्तर होइ सकइ। मुला एक विवाहित स्त्री संसारिक विसय भोगन मँ ऍह तरह लिप्त रहत ह कि उ अपने पति क रिझावत रहि सकइ। 35 इ मइँ तोहसे तोहरे भले क बरे ही कहत हउँ तोह पर बन्धन लगावे क बरे नाहीं। बल्कि अच्छी व्यवस्था क हित मँ अउर इही बरे कि तू चित्त क चंचलता क बिना पर्भू क समर्पित होइ सका।

36 अगर केउ सोचत ह कि उ आपन जवान होइ चुकी कुंआरी प्रिया क बरे उचित नाहीं करत बा अउर अगर ओकर काम भावना तेज बा, अउर दुन्नऊ क ही आगे बढ़िके बियाह कइ लेइ क जरूरत बा, तउ जइसन उ चाहत ह, ओका आगे बढ़िके वइसेन ही कइ लेइ चाही उ पाप नाहीं करत बा। ओका बियाह कइ लेइ चाही। 37 मुला जउन अपने मने मँ बहुत पक्का अहइ अउर जेह पर कउनउ दबावउ नाहीं बा, बल्कि जेकर इच्छन पर पूरा बस बा अउर जे अपने मने मँ पूरा निहचय कइ ललिहे बा कि अपने प्रिया स बियाह न करइ तउ उ अच्छा ही करत बा। 38 तउ उ जउन आपन प्रिया स बियाह नाहीं करत उ अउर भी अच्छा करत ह।

39 जब तलक किहउ स्त्री क पति जिन्दा रहत ह, तबउ तलक उ बियाह क बन्धन मँ बंधी होत ह मुला अगर ओकरे पति क मउत होइ जात ह, तउ जेकरे साथे चाहइ बियाह करइ, उ स्वतन्त्र बा मुला केवल पर्भू मँ। 40 पर अगर जइसेन उ बा वइसेन ही रहत ह, त जियादा खुस रही। इ मोर विचार अहइ। अउर मइँ सोचत अहउँ कि मोहूँ मँ परमेस्सर क आतिमा क ही निवास अहइ।

यहेजकेल 5

1-2 “मनई क पूत आपन उपवास क समइ क पाछे तोहका इ सबइ काम करइ चाही। तोहका एक तेज तरवार लेइ चाही। उ तरवार क उपयोग नाऊ क उस्तरे क तरह करा। तू आपन बार अउ दाढ़ी ओहसे काट ल्या। बारन क तराजू मँ धरा अउ तउला। आपन बारन क तीन हींसा मँ बाँटा। आपन बारन क एक तिहाई हींसा उ ईंटा पइ धरा जेह पइ नगर क चित्र बना ह। उ ‘नगर’ मँ ओन बारन क जरावा। इ प्रदर्सित करत ह कि कछू लोग नगर की भीतर मरिहीं। तब तरवार क उपयोग करा अउर आपन बारन क एक तिहाई क नान्ह-नान्ह टूकन मँ काट डावा। ओन बारन क उ नगर क चारिहुँ कइँती धरा। इ प्रदर्सित करी कि कछू लोग ‘नगर’ क बाहेर मरिहीं। तब आपन बारन क एक तिहाई क हवा मँ उड़ाइ द्या। एनका हवा क दूर उड़ाइ लइ जाइ द्या। इ प्रदर्सित करी कि मइँ आपन तरवार निकारब अउर कछू लोगन क पाछा कइके ओनका दूर देसन मँ भगाइ देब। किन्तु तब तोहका जाइ चाही अउर ओन बारन मँ स कछू क लिआवइ चाही। ओन बारन क लिआवा, ओनका ढका अउर ओनकर रच्छा करा। इ प्रदर्सित करी कि मइँ आपन मँ स कछू क बचाउब अउर तब ओन उड़े भए बारन मँ स कछू अउर जियादा बारन क लिआवा। ओन बारन क आगी मँ झोंकि द्या। इ प्रदर्सित करत ह कि आगी हुवाँ सुरू होइ अउर इस्राएल क पूरे खानदान क बारिके नस्ट कइ देइ।”

तब मोर सुआमी यहोवा मोहसे कहेस, “उ ईटां यरूसलेम अहइ, मइँ इ यरूसलेम नगर क दूसर रास्ट्रन क बीच रखा ह, इ समइ इस्राएल क चारिहुँ ओर दूसर देस अहइँ। यरूसलेम क लोग मोरे आदेसन क बरे विद्रोह किहन। उ पचे दूसर कउनो रास्ट्र स जियादा बुरे रहेन। उ पचे मोरे नेमन क ओहसे भी जियादा तोड़ेन जेतना ओनके चारिहुँ कइँती क कउनो भी देस क लोग तोड़ेन। उ पचे मोरे आदेसन क सुनइ स इनकार कइ दिहन। उ पचे मोर व्यवस्था क पालन नाहीं किहन।”

एह बरे मोर सुआमी यहोवा कहेस, “मइँ तू लोगन पइ भयंकर विपत्तियन लिआउब। काहेकि तू मोर आदेसन क पालन नाहीं किहा। तू लोग मोरे नेमन क आपन चारिहुँ कइँती रहइवाले लोगन स भी जियादा तोड़या। तू लोग उ सबइ काम भी किहा जेनका उ सबइ लोग भी गलत कहत हीं।” एह बरे मोर सुआमी यहोवा कहत ह, “एह बरे मइँ भी तोहरे पचन्क विरूद्ध हउँ, मइँ तू पचन्क इ तरह दण्ड देब जेहसे दूसर लोग भी लखि सकइँ। मइँ तू लोगन क संग उ करब जेका मइँ पहिले कबहुँ नाहीं किहेउँ। मइँ ओन भयानक कामन क फिन कबहुँ नाहीं करब। काहेकि तू पचे ऍतना जियादा भंयकर काम किहा। 10 यरूसलेम मँ लोग भूख स एतना तड़पिही कि महतारी-बाप आपन गदेलन क खाइ जइहीं अउर गदेलन आपन महतारी-बाप क खाइ जइहीं। मइँ तू पचन्क कइउ तरह स दण्ड देब अउर जउन लोग जिअत बचा अहइँ, ओनका मइँ हवा मँ बिखेर देब।”

11 मोर सुआमी यहोवा कहत ह, “यरूसलेम, मइँ आपन जिन्नगी क किरिया खाइके कहत हउँ कि मइँ तू पचन्क दण्ड देब। मइँ प्रतिग्या करत हउँ कि मइँ तू पचन्क दण्ड देब। काहेकि तू पचे मोर ‘पवित्तर ठउर’ क खिलाफ भयंकर पाप किहा। तू पचे उ सबइ भयानक काम किहा जउन एका गन्दा बनाइ दिहन। मइँ तू पचन्क दण्ड देब। मइँ तू पचन्क पइ दाया नाहीं करब। मइँ तू पचन बरे दुःख क अनुभव नाहीं करब। 12 तोहार पचन्क एक तिहाई लोग नगर क भीतर रोग अउ भूख स मरिहीं। तोहार पचन्क एक तिहाई लोग नगर क भीतर रोग अउ भूख स मरिहीं। तोहार पचन्क एक तिहाई लोग जुद्ध मँ नगर क बाहेर मरिहीं अउर तोहार लोगन क एक तिहाई क मइँ आपन तरवार निकारिके ओनकर पाछा कइके ओनका दूर देसन मँ खदेड़ देब। 13 सिरिफ तब मइँ तोहरे लोगन पइ किरोधित होब बन्द करब। मइँ समुझ लेब कि उ पचे ओन बुरे कामन क बरे दण्डित भएन ह जउन उ पचे मोर संग किहे रहेन अउर उ पचे समुझिहीं कि मइँ यहोवा हउँ अउर मइँ ओन लोगन क बिरोध मँ आपन गैरत क कारण बात किहेउँ।”

14 परमेस्सर कहेस, “यरूसलेम मइँ तोहका नस्ट करब तू पाथरन क ढ़ेर क अलावा दूसर कछू नाहीं रहि जाब्या। तोहरे चारिहुँ कइँती लोग तोहार हँसी उड़ाइ हीं। हर एक मनई जउन तोहरे लगे स गुजरी तोहार हँसी उड़ई। 15 तोहरे चारिहुँ कइँती क लोग तोहार हँसी उड़इहीं, किन्तु ओनके बरे तू एक सबक भी बनब्या। उ पचे लखिहीं कि मइँ कोहान रहा अउर मइँ तोहका दण्ड दिहेउँ। मइँ बहोत कोहान रहा। मइँ तोहका चितउनी दिहे रहेउँ। मोका, यहोवा तोहसे कहे रहा कि मइँ का करउँ। 16 मइँ कहे रहेउँ कि मइँ तोहरे लगे भयंकर भुखमरी क समइ पठउब। मइँ तोहसे कहे रहेउँ, मइँ ओन चीजन क पठउब जउन तोहका नस्ट करिहीं अउर तोहसे कहे रहा कि मइँ तोहार भोजन क आपूर्ति छोर लेब, अउर उ भूखमरी क उ समइ बार-बार आवा। 17 मइँ तोहसे कहे रहेउँ कि मइँ तोह पइ भूख अउ जंगली पसु पठउब, जउन तोहरे लरिकन क मारि डइहीं। मइँ तोहसे कहे रहेउँ कि पूरे नगर मँ रोग अउर मउत क राज्ज होइ अउर मइँ ओन दुस्मन-फउजियन क तोहरे खिलाफ लड़इ बरे लिआउब। मोका यहोवा इ कहे रहा, इ सबइ बातन घटित होइहीं अउर सबहिं घटित भइन।”

भजन संहिता 42-43

दूसर भाग

(भजन 42–72)

संगीत निर्देसक बरे कोरह परिवार क एक ठु मस्किल।

एक ठु पिआसा हिरन क नाईं जउन धार क पानी पिअइ क इच्छुक अहइ,
    वइसे ही, हे परमेस्सर, मोर प्राण तोहरे इच्छा रखत हीं।
मोर प्राण जिअत परमेस्सर क पिआसा अहइ।
    मइँ ओहसे मिलइ बरे कब आइ सकत हउँ?
राति अउ दिन मोर हर दिन क भोजन सिरिफ आँसू बाटइ।
    मोर दुस्मन कहत हीं, “तोहार परमेस्सर कहाँ बा?”

तउ मोका इ सबइ बातन क सुमिरइ द्या।
    मोका आपन हिरदइ बाहेर उड़ेरइ द्या।
मोका सुमिरन अहइ मइँ परमेस्सर क मन्दिर मँ चलेउँ अउ भिड़िया क अगुआई करत रहेउँ।
    मोका सुमिरन अहइ उ लोगन क संग आनन्द स भरा बड़कई क गीत गाउब अउर उ उत्सव मनाउब।

5-6 मइँ ऍतना दुःखी काहे हउँ?
    मइँ ऍतना बियाकुल काहे हउँ?
“मोका परमेस्सर क सहारे क बाट जोहइ चाही।
    मोका अबहुँ ओकर स्तुति क अवसर मिली।
    उ मोका बचाई।
हे मोरे परमेस्सर, मइँ बहोतइ दुःखी हउँ।
    एह बरे मइँ यरदन नदी क स्रोत मँ, हर्मोन पहाड़ क आधार पइ छोटा पहाड़ी[a] मँ तोहार आराधना किहेउँ ह।”
जइसे नदी क लहरन आवत अउ गरजत ह मइँ झरना क कोलाहल करत भए सब्द सुनत हउँ।
    वइसे ही मोका विपत्तियन बारम्बार घेरी रहिन।
हे यहोवा, तोहार लहरन एक क बाद दूसरा आवत ह,
    मोर चारिहुँ कइँती घेरिके मोका दहबोच रखेन ह।

अगर हर दिन यहोवा बिस्ससनीय पिरेम देखाइ।
    फुन तउ राति मँ मइँ ओकर गीत गाइ पाउब।
    मइँ आपन सजीव परमेस्सर क पराथना कइ सकब।
मइँ आपन परमेस्सर, आपन चट्टान स बातन करत हउँ।
    मइँ कहा करत हउँ, “हे यहोवा, तू मोका काहे बिसराइ दिहा?
    ये यहोवा, तू मोका इ काहे नाहीं देखाँया कि मइँ आपन दुस्मनन स बचिके कइसे निकरउँ?”
10 मोर दुस्मनन मोका मारइ क जतन किहेन।
    उ पचे मोहे पइ आपन घिना देखाँवत हीं जब उ पचे कहत हीं, “तोहार परमेस्सर कहाँ अहइ?”

11 मइँ ऍतना दुःखी काहे हउँ?
    मइँ काहे ऍतना बियाकुल हउँ?
“मोका परमेस्सर क सहारे क बाट जोहइ चाही?
    मोका अब भी ओकर स्तुति करइ क अवसर मिली।
    उ मोका बचाइ।”

हे परमेस्सर, एक मनई अहइ जउन तोहार अनुसरण नाहीं करत।
    उ मनई दुट्ठ अहइ अउ झूठ बोलत ह।
    हे परमेस्सर, मोर मोकदमा लड़ा अउर इ निर्णय करा कि कउन सत्य बाटइ।
    मोका उ मनई स बचाइ ल्या।
हे परमेस्सर, तू ही मोर सरणस्थल अहा!
    मोका तू काहे बिसराइ दिहा?
तू मोका इ काहे नाहीं देखाँया
    कि मइँ आपन दुस्मनन स कइसे बचिके निकरउँ?
हे परमेस्सर, तोहार जोति अउ सच्चाई क मोह पइ चमकइ द्या।
    उ मोका तोहार पवित्तर पर्वत पइ तोहार आपन वास-स्थान जाइ मँ अगुवाइ करइ।
मइँ तउ परमेस्सर क वेदी क लगे जाब।
    परमेस्सर मइँ तोहरे पास आउब।
उ मोका आनन्दित करत ह।
    हे परमेस्सर, हे मेरे परमेस्सर, मइँ वीणा पइ तोहार स्तुति करब।

मइँ ऍतना दुःखी काहे हउँ?
    मइँ काहे ऍतना बियाकुल हउँ?
“मोका परमेस्सर क सहारे क बाट जोहइ चाही।
    मोका अब भी ओकर स्तुति क अवसर मिली।
    उ मोका बचाई।”

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.