M’Cheyne Bible Reading Plan
साऊल पहली गल्ती करत ह
13 अब ताई साऊल एक बरिस तलक राज कइ चुका रहा। अउर फुन जब साऊल इस्राएल प दुइ बरिस राज कइ चुका, 2 उ इस्राएल स तीन हजार मनई चुनेस। ओहमाँ दुइ हजार उ पचे रहेन जउन बेतेल क पहाड़ी पहँटा क मिकमास मँ ओकरे संग ठहरा रहेन। अउर एक हजार उ मनई रहेन जउन बिन्यामीन क अंदर गिबा मँ योनातान क संग ठहरा रहेन। साऊल फउज क दूसर सिपाहियन क ओनकइ आपन घर पठइ दिहस।
3 योनातान गिबा मँ जाइके पलिस्तियन क ओनकइ सिबिर पइ हमला किहस। पलिस्तियन एकरे बारे मँ सुनेन। उ पचे कहेन, “हिब्रू लोग बगावत किहे अहइ।”
साऊल कहेस, “हिब्रू मनइयन क जउन कछू भवा अहइ ओका सुनावा।” ऍह बरे साऊल लोगन्स कहेस कि उ पचे समूचइ इस्राएल देस मँ तुरही बजावइँ। 4 सबइ इस्राएलियन इ खबर सुनेन। उ पचे कहेन, “साऊल पलिस्ती फउज प्रमुख क मारि डाएस। अब पलिस्तियन फुरे इस्राएलियन स घिना करत हीं।”
इस्राएली लोगन्क साऊल स भेंटइ बरे गिलगाल मँ बोलावा गवा। 5 पलिस्ती इस्राएल स लड़इ बरे बटुर गएन। पलिस्तियन क लगे तीन हजार रथ अउ छ: हजार घुड़सवार ओकरे फउज मँ रहेन। हुवाँ ऍतना जिआदा पलिस्ती फउजी रहेन जेतँना समुद्दर क किनारे बालू क कन। पलिस्तियन मिकमास मँ सिबिर डाएन। मिकमास बेतावेन क पूरब मँ बाटइ।
6 इस्राएलियन लखेन कि उ पचे विपत्ति मँ अहइँ। उ पचे आपन क जालि मँ अरझा पाएन। उ पचे गुफा अउ चट्टान क खोदंरे मँ छुप जाइ बरे परानेन। उ सबइ चट्टान, कुआँ अउ भुइयाँ क गड़हा मँ छुप गएन। 7 कछू हिब्रू यरदन नदी पार कइके गाद अउ गिलाद प्रदेस मँ पराइ गएन। साऊल गिलगाल मँ रहा। ओकरी फउज क सबइ फउजी सिपाहियन डर स थरथरात रहेन।
8 समूएल कहेस कि उ साऊल स गिलगाल मँ मिली। साऊल हुवाँ सात दिनाँ तलक ओकर प्रतीच्छा किहस। मुला समूएल तब भी गिलगाल नाहीं पहोंचा। सिपाहियन साऊल क तजि देइ लागेन। 9 ऍह बरे साऊल कहेस, “मोरे बरे होमबलि अउ मेलबलि लइ आवा।” तब साऊल होमबलि चढ़ाएस। 10 जइसन साऊल बलि-भेंट चढ़ाउब खतम किहेस, समूएल आइ गवा। साऊल ओसे भेंटइ गवा।
11 समूएल पूछेस, “इ तू का कइ दिहे अहा?”
साऊल जवाब दिहेस, “मइँ सिपाहिन क आपन क तजत लखा अउर तू तब तलक हियाँ नाहीं रह्या, अउर पलिस्ती मिकमास मँ ऍकट्ठा होत रहेन। 12 मइँ आपन मने मँ सोचेउँ, ‘पलिस्ती हियाँ गिलगाल मँ आइके मोह प हमला करिहीं। अउर मइँ अबहुँ तलक यहोवा स मदद करइ बरे बिनती नाहीं किहेउँ ह। ऍह बरे मइँ आपन क दबाइ दिहेउँ अउ होमबलि चढ़ाएउँ।’”
13 समूएल कहेस, “तू मूरख क काम किहे ह। तू आपन परमेस्सर यहोवा क हुकुम क नाहीं मान्या। जदि तू परमेस्सर क हुकुम क माने होत्या तउ परमेस्सर तोहरे परिवार क सदा इस्राएल प राज करइ देत। 14 मुला अब तोहार पहँटा लगातार नाही रहीं। यहोवा अइसे मनई क खोज मँ रहेन जउन ओकरे हुकुम क मानइ चाहत होइ। उ उ मनई क पाइ लिहेस ह अउर उ ओका आपन मनइयन क नवा प्रमुख चुनिहीं। तू सबइ यहोवा क हुकुम क मान्या नाहीं। ऍह बरे यहोवा नवा प्रमुख चुनिहीं।” 15 तब समूएल उठा अउर उ गिलगाल क तजि दिहेस।
मिकमास क जुद्ध
साऊल अउ ओकर बची भइ फउज गिलगाल क तजि दिहेस। उ पचे बिन्यामीन मँ गिबा क गएन। साऊल उ मनइयन क गनेस जउन ओकरे संग रहेन। हुवाँ करीब छ: सौ मनसेधू रहेन। 16 साऊल, ओकर पूत योनातान अउ फउजी बिन्यामीन मँ गिबा क गएन।
पलिस्तियन मिकमास मँ डेरा डाएन। 17 पलिस्तियन उ पहँटा मँ रहइवालन इस्राएलियन क सजा देइ क ठान लिहेन। ऍह बरे ओनकइ सबन्ते बरिआर फउज हमला करइ खातिर आपन ठउर तजि दिहेस। पलिस्ती फउज तीन हींसा मँ बँट गइ रहिन। एक टुकड़ी उत्तर मँ ओप्रा क जाइवाली सड़क स समूएल क पहँटा मँ गइ। 18 दूसर टुकड़ी दक्खिन पूरब बेथोरोन क जाइवाली सड़के प गइ। अउ तीसर टुकड़ी पूरब मँ चौहद्दी तलक जाइवाली सड़क स गइ। इ सड़क सबोईम क घाटी मँ रेगिस्तान कइँती खुलत रही।
19 इस्राएली मनइयन मँ स कउनो लोहा क सामान नाहीं बनाइ सकत रहा। ओन दिन इस्राएल मँ लोहार नाहीं रहेन। पलिस्ती इस्राएलियन क लोहा क सामान बनवइ नाहीं सिखात रहेन काहेकि पलिस्ती डेरात रहेन कि इस्राएलियन कहूँ लोहा क तरवार अउ भाला न बनावइ लग जाइँ। 20 सिरिफ पलिस्ती लोहा क औजारे प धार चढ़ाइ सकत रहेन। ऍह बरे जदि इस्राएली आपन हरे क फार कुदार अउ कुल्हाड़ी या दराती प धार चढ़ावइ चाहतेन तउ ओनका पलिस्तियन क लगे जाइ क पड़त रहा 21 पलिस्ती लुहार एक तिहाइ औसे चाँदी क हरे क फार अउ कुदाल पइ धार चढ़ावइ बरे लेत रहेन। अउर एक छटा औंस चाँदी क फरुआ, कुल्हड़ी अउ बैल क साँटी क लोहा क सिरे प धार चढ़ावइ बरे लेत रहेन। 22 ऍह बरे जुद्ध क दिन इस्राएलियन फउजी मँ स कउनो क लगे लोहा क तरवार या भाला नाहीं रहा। सिरिफ साऊल अउ ओकर पूत योनातान क लगे लोहा क औजार रहेन।
23 पलिस्ती सिपाहियन क एक ठु टुकड़ी मिकमास क दर्रा क रच्छा करत रही।
परमेस्सर अपने लोगन क नाहीं भूला
11 तउ मइँ पूछित हउँ, “का परमेस्सर अपने ही लोगन क नकार नाहीं दिहेस?” निस्चय ही नाहीं। काहेकि मइँ भी एक इस्राएली हउँ, इब्राहीम क बंस स अउर बिन्यामीन क परिवार स हउँ। 2 परमेस्सर अपने लोगन क नाहीं नकारेस जेनका उ पहिलेन स ही चुने रहा। या अउर का तू नाहीं जानत अहा कि एलिय्याह क बारे मँ पवित्तर सास्तर का कहत ह। जब एलिय्याह परमेस्सर स इस्राएल क लोगन क विरोध मँ पराथना करत रहा, 3 “हे पर्भू, उ पचे नबियन क मार डाएन। तोहरे वेदियन क तोड़ी क गिराइ दिहेन। केवल एक नबी मइँ ही बचा हउँ अउर उ पचे मोका भी मारि डावइ क जतन करत अहइँ।”(A) 4 परन्तु तब परमेस्सर ओन्हे कइसेन उत्तर दिहे रहा, “मइँ अपने बरे 7,000 लोग बचाइ रखे हउँ जउन लोग बाल क आगे माथा नाहीं टेकेन।”(B)
5 तउन वइसेन ही आजु काल्हिउ कछू अइसेन लोग बचा बाटेन जउन ओनके अनुग्रह क कारण चुना भआ अहइँ। 6 अउर अगर इ परमेस्सर क अनुग्रह क परिणाम अहइ तउ लोग जउन करम करत हीं, इ ओन्हन करमन क परिणाम नाहीं बा। नाहीं तउ परमेस्सर क अनुग्रह, अनुग्रह ही नाहीं ठहरत।
7 तउ ऐहसे का इस्राएल क लोग जेका खोजत रहन, उ सबइ ओका नाहीं पाइ सकेन? परन्तु चुना हुवन क उ मिलि गवा। जब कि बाकी सब क जड़ बनाइ दीन्ह गवा। 8 पवित्तर सास्तरन कहत ह:
“परमेस्सर तउ ओन्हे एक चेतन सून्य कइ दिहेस आतिमा प्रदान किहेस।” (C)
“अइसेन आँखी दिहेस जउन देखि नाहीं सकत रहिन
अउ अइसेन कान दिहेस जउन सुन नाहीं सकत रहेन।
अउर इहइ दसा ठीक आजु तलक बनी भई बा।” (D)
9 दाऊद कहत ह:
“अपनेन भोगन मँ फंसके उ बन्दी बन जाइँ
ओनकर पतन होइ अउ ओनका दण्ड मिलइ।
10 ओनकर आँखी धुँधली होइ जाइँ ताकि उ पचे देख न सकइँ
अउ तू ओनकर सब पीड़ाके तले, ओनकर करिहाउँ हमेसा-हमेसा निहुराए रखइ।” (E)
11 तउ मइँ कहत हउँ का ओ पचे इही बरे ठोकर खाइके उ सब भहराइके नस्ट होइ जाइँ? निस्चय ही नाहीं। बल्कि ओनकर गलती करइ स गैर यहूदियन क छुटकारा मिला ताकि यहूदियन मँ स्पर्द्धा पैदा होइ। 12 इही तरह अगर ओनकर गलती करइ क मतलब समूचइ संसार क बड़ा लाभ अहइ अउ अगर ओनके भटकइ स गैर यहूदियन क लाभ अहइ तउ ओनकइ पूरी तरह स संपूर्ण होए स बहुत कछू होइ।
13 इ अब मइँ तोहसे कहत हउँ, जउन यहूदियन नाहीं होइँ काहेकि मइँ विसेस रूप स गैर यहूदियन क बरे प्रेरित हउँ, मइँ अपने काम क बरे पूरा प्रयत्नसील हउँ। 14 एह आसा स कि मइँ अपने लोगन मँ भी स्पर्द्धा जगाइ सकउँ अउ ओहमाँ स कछू क उद्धार करउँ। 15 काहेकि अगर परमेस्सर क द्वार ओनके नकार दिहे जाइ स जगत मँ परमेस्सर क साथे मेलमिलाप पैदा होत ह तउ फिन ओनकर अपनावा जाब का मरा हुवन मँ स जियावा जाब न होइ? 16 अगर हमरी भेंट का एक पहला हिस्सा पवित्तर बा तउ का उ समूचइ पवित्तर नाहीं बा? अगर पेड़ का जड़ पवित्तर बा तउ ओकर सबइ साखा भी पवित्तर बाटिन।
17 परन्तु अगर कछू साखा तोड़िके फेक दीन्ह गइन अउ तू जउन एक जंगली जैतून क टहनी अहा ओह पे पेबन्द चढ़ाइ दीन्ह जाइ अउ उ जैतून क अच्छा पेड़ का खुराक अउर आधार क हिस्सा बाँटइ लगइ। तू सबइ गैर यहूदियन जंगली साखा क तरह अहा अउर तू पचे पहिले पेड़ (यहूदी) क खुराक अउर जीवन बाँटत अहा। 18 तउ तोहे ओन्हन टहनियन क आगे, जउन तोड़ी क फेंक दीन्ह गइन, अभिमान न करइ चाही। अउर अगर तू अभिमान करत ह तउ इ याद रखा इ तू नाहीं अहा जे जड़न क पालत बा, बल्कि इ तउ उ जड़ ही अहइ जउन तोहे पालत बाटइ। 19 अब तू कहब्या, “हाँ परन्तु सबइ साखा एह बरे तोड़ी गई कि मोर पेबन्द चढ़इ।” 20 इ सत्य अहइ, उ सबइ अपने अबिसवास क कारण तोड़िके फेंक गइन परन्तु तु अपने बिसवास क बल पे आपन जगह टिका रह्या। इही बरे एकर गर्ब न करा बल्कि डेरात रहा। 21 अगर परमेस्सर प्राकृतिक डारन नाहीं रहइ दिहेस तउ उ तोहका भी न रहइ देइ।
22 इही बरे तू परमेस्सर क कोमलता क देखा, अउर ओकरे कठोरता प धियान द्या। इ कठोरता ओनके बरे बा जउन गिर गएन परन्तु ओकर करुणा तोहरे बरे बा अगर तू अपने पे ओकर अनुग्रह बना रहइ द्या। नाहीं तउ पेंड़े स तुहउँ काटिके फेंका जाब्या। 23 अउर अगर उ पचे अपने अबिसवास मँ नाहीं रहेन तउ ओनहूँ फिन पेड़ स जोड़ लीन्ह जाइ काहेकि परमेस्सर समर्थ अहइ कि ओनका फिन स जोड़ देइ। 24 जब तोहे प्राकृतिक रूप स जंगली जैतून क पेड़े स एक साखा क तरह कटके प्रकृति क विरुद्ध एक अच्छा जैतून क पेड़े स जोड़ दीन्ह गवा, तउ उ जउन ओह पेड़े क अपना डारिन बाटिन, अपनेन ही पेड़ मँ आसानी स, फिन स काहे नाहीं जोड़ दीन्ह जा इहीं।
25 भाइयो तथा बहिनियो, मइँ तोहे इ छुपा हुआ सत्य स अंजान नाही रखइ चाहित। कि तू अपने आप क बुद्धिमान समझइ लागा। कि इस्राएल क कछू लोग अइसेन ही कठोर बनाइ दीन्ह गवा बाटेन। अउर अइसेनइ ही कठोर बना रइहीं जब तलक कि काफी गैर यहूदी लोग परमेस्सर क परिवार क अंग नाहीं बन जातेन। 26 अउर एह तरह समूचा इस्राएल क उद्धार होइ जइसेन कि पवित्तर सास्तरन कहत ह:
“उद्धारकर्ता सिय्योन स आइ।
उ याकूब क परिवार स सबहिन बुराइयन क दूर करी।
27 मोर इ करार ओकरे साथे तब होइ
जब मइँ ओनके पापन के हर लेब।” (F)
28 जहाँ तलक सुसमाचार क सम्बन्ध बा, उ तोहरे हिते मँ परमेस्सर क सत्रु अहइँ। परन्तु जहाँ तलक परमेस्सर क जरिये ओनके चुना जाइ क सम्बन्ध अहइ, उ पचे ओनके पूर्वजन क दिए भए बचन क अनुसार परमेस्सर क पियारा अहइँ। 29 काहेकि परमेस्सर जेका बोलावत ह अउर जेका उ देत ह, ओकरे तरफ स अपन मन कभउँ नाहीं बदलत। 30 काहेकि जइसेन तू लोग पहिले कभउँ परमेस्सर क आज्ञा नाहीं मानत रह्या परन्तु अब तोहे ओकर अवज्ञा क कारण परमेस्सर क द्या मिली बा। 31 वइसेन ही अब उ पचे ओकर आज्ञा नाहीं मानतेन काहेकि परमेस्सर क द्या तोहे पे बा ताकि अब ओन्हे भी परमेस्सर क दया मिलइ। 32 काहेकि परमेस्सर सब जने के अवज्ञा क कारागार मँ इही बरे डारि रखे अहइ कि उ ओन सब पर दया देखॉय सकइ।
परमेस्सर धन्य अहइ
33 परमेस्सर क करुणा, बुद्धि अउर ज्ञान केतॅना अपरम्पार अहइ। ओकरे निआव केतॅना गहन बा, ओकर रस्ता केतना गूढ़ बा। 34 पवित्तर सास्तर कहत ह:
“पर्भू क मने क कउन जानत ह?
अउर ओका सलाह देइवाला कउन होइ सकत ह?” (G)
35 “परमेस्सर क केऊ का दिहे अहइ कि
उ कउनो क ओकरे बदले कछू देइ।” (H)
36 काहेकि सब क रचनावाला उहइ बा। उही स सब स्थिर बाटेन अउर उ उही क बरे बा। ओकर हमेसा महिमा होइ। आमीन।
बाबुल क बारे मँ सँदेसा
50 इ सँदेसा यहोवा क अहइ जेका उ बाबुल रास्ट्र अउ बाबुल क लोगन बरे दिहस। यहोवा इ सँदेसा यिर्मयाह क जरिये दिहस।
2 “हर एक रास्ट्र क इ घोसित कइ द्या।
झण्डा उठावा अउर सँदेसा सुनावा।
पूरा सँदेसा सुनावा अउर कहा,
‘बाबुल रास्ट्र पइ अधिकार कीन्ह जाइ।
बेल देवता लज्जा क पात्र बनी।
मरोदेक देवता बहोत डेराइ जाइ।
बाबुल क देवमूरतियन लज्जा क पात्र बनहीं
ओकर मूर्ति देवता भयभीत होइ जइहीं।’
3 उत्तर स एक रास्ट्र बाबुल पइ हमला करी।
उ रास्ट्र बाबुल क सूना रेगिस्तान स बनाइ देइ।
कउनो मनई हुआँ नाहीं रही।
मनई अउ पसु दुइनउँ हुआँ स पराइ जइहीं।”
4 यहोवा कहत ह, “उ समइ,
इस्राएल क अउर यहूदा क लोग एक संग होइहीं।
उ पचे एक संग बराबर रोवत रहिहीं
अउर एक संग ही उ पचे आपन यहोवा परमेस्सर क खोजइ जइहीं।
5 उ सबइ लोग पूछिहीं सिय्योन कइसे जाइँ
उ पचे उ दिसा मँ चलब सुरू करिहीं।
लोग कहिहीं, ‘आवा, हम यहोवा स जाइ मिलइँ,
हम एक अइसी करार करी जउन सदा ही रहइ।
हम लोग एक ठु अइसी करार करी जेका हम कबहुँ न बिसरी।’
6 “मोर लोग हेरान भेड़िन क तरह होइ ग अहइँ।
ओनकर गड़रियन ओनका गलत राहे पइ लइ गवा अहइँ।
ओनकर मार्गदर्सकन ओनका पहाड़न अउर पहाड़ियन मँ चारिहुँ कइँती भटकाएन ह।
उ पचे बिसरि गएन कि ओनकर बिस्राम क ठउर कहाँ अहइ।
7 जउन भी मोरे लोगन क पाएस,
चोट पहोंचाएस अउर ओन कहेन,
‘हम कछू गलत नाहीं कीन्ह।
वे लोग ही यहोवा क खिलाफ पाप किहेन।
यहोवा ओनकर बिस्राम क ठउर अहइ।
अउर परमेस्सर जेह पइ ओकर पुरखन पतियानेन।’
8 “बाबुल स पराइ निकरा।
कसदी लोगन क देस क तजि द्या।
ओन बोकरन क तरह बना जउन झूण्ड क राह देखावत हीं।
9 मइँ बहोत स रास्ट्रन क उत्तर स एक संग लिआउब।
रास्ट्रन क इ समूह बाबुल क बिरुद्ध जुद्ध बरे तइयार होइ।
बाबुल उत्तर क लोगन क जरिये अधिकार मँ लिआवा जाइ।
उ सबइ रास्ट्र बाबुल पइ अनेक बाण चलइहीं
अउर उ सबइ बाण ओन फउजियन क समान होइहीं
जउन जुद्ध भूइँया स खाली हाथ नाहीं लउटेन।
10 दुस्मन कसदी लोगन स सारा धन लेइ।
उ सबइ दुस्मन फउजी जउन चहिहीं, लेइहीं।”
इ सबइ यहोवा कहत ह।
11 “बाबुल, तू उत्तेजित अउ खुस ह्वा।
तू मोर देस लिहा।
तू अनाज क चारिहुँ कइँती
गइया क तरह नाचत अहा।
तोहार हँसी घोड़न क
हिनहिनाहट जइसी अहइ।
12 अब तोहार महतारी बहित लजाइ
तोहका जन्म देइवाली महतारी क ग्लानि होइ
बाबुल सबहिं रास्ट्रन क तुलना मँ सब स कम महत्व क होइ।
उ एक सूना रेगिस्तान होइ।
13 यहोवा आपन किरोध परगट करी।
एह बरे कउनो मनई हुआँ नाहीं रही।
बाबुल नगर पूरी तरह खाली रही।
बाबुल स गुजरइवाला हर एक मनई डेराइ।
उ पचे आपन मूँड़ हिलइहीं जब उ पचे लखिहीं कि इ कउने बुरी तरह नस्ट भवा ह।
14 “बाबुल क खिलाफ जुद्ध क तइयारी करा।
सबहिं फउजियन आपन धनुस स बाबुल पइ बाण चलावा।
आपन बाणन क न बचावा।
बाबुल यहोवा क खिलाफ पाप किहस ह।
15 बाबुल क चारिहुँ ओर क फउजियो, जुद्ध क उद्घोस करा।
अब बाबुल आत्म समर्पण किहेस ह।
ओकर दीवारन अउर गुम्बदन क गिराइ दीन्ह ग अहइ।
यहोवा ओन लोगन क उ सजा देत अहइ जउन ओनका मिलइ चाही।
रास्ट्रो तू बाबुल क उ सजा द्या जउन मिलइ चाही।
ओकर संग उ करा जउन उ दूसर रास्ट्रन क संग किहस ह।
16 बाबुल क लोगन क ओनकर फसलन न उगावइ द्या।
ओनका फसलन न काटइ द्या।
बाबुल क फउजी आपन नगर मँ अनेकन कैदी लियाएन ह।
अब दुस्मन क फउजी आइ गवा अहइँ,
एह बरे उ पचे कैदी आपन घर लउटत अहइँ।
उ सबइ कैदी आपन देसन क वापस परात अहइँ।
17 “इस्राएल भेड़ी क तरह अहइ जेका
सेरन पाछा कइके भगाइ दिहन ह।
ओका खाइवाला पहिला सेर अस्सूर क राजा रहा।
ओकर हाड़न क चूर करइवाला आखिरी सेर बाबुल क राजा नबूकदनेस्सर रहा।
18 एह बरे सर्वसक्तीमान यहोवा, इस्राएल क परमेस्सर कहत ह:
‘मइँ हाली ही बाबुल क राजा अउर ओकर देस क सजा देब।
मइँ ओका वइसे ही सजा देब जइसे मइँ अस्सूर क राजा क सजा दिहेउँ।
19 “‘मुला इस्राएल क मइँ ओकरे खेतन मँ वापस लिआउब।
उ उहइ भोजन करी जउन कर्मेल पर्वत अउर बासान क भुइँया क उपज अहइ।
उ भोजन करी अउर भरा पूरा होइ।
उ एप्रैम अउर गिलाद भुइँया मँ पहाड़ियन पइ खाइ।’”
20 यहोवा कहत ह, “उ समइ लोग इस्राएल क अपराध क जानइ चहिहीं।
किन्तु कउनो अपराध नाहीं होइ।
लोग यहूदा क पापन क जानइ चहिहीं
किन्तु कउनो पाप नाहीं मिली।
काहेकि मइँ इस्राएल अउ यहूदा क कछू बचे भएन क बचावत अहउँ
अउर मइँ ओनकर सबहिं पापन बरे ओनका छिमा करत हउँ।”
21 यहोवा कहत ह, “मरातैम देस पइ हमला करा।
पकोद क पहँटा क निवासियन पइ हमला करा।
ओन पइ हमला करा,
ओनका मार डावा अउर ओनका पूरी तरह नस्ट कइ द्या।
उ सब करा जेकरे बरे मइँ आदेस देत हउँ।
22 “जुद्ध क घोस समूचइ देस मँ सुना जाइ सकत ह।
इ बहोत जियादा बिध्वंस क सोर अहइ।
23 बाबुल ‘पूरी भुइँया क हथौड़ा’ रहा।
किन्तु अब हथौड़ा टूट गवा बिखराइ गवा अहइ।
बाबुल सबन मँ सब स जियादा
बर्बाद रास्ट्रन मँ स एक अहइ।
24 बाबुल, तू एक जाल बिछाएउँ,
किन्तु खुद ही तू एहमाँ आइ फँसा अउर तू लख भी नाहीं पाएस कि उ आवत रहा।
तू यहोवा क खिलाफ लड़्या,
एह बरे तू मिल गया अउर धरा गया।
25 यहोवा आपन भण्डार खोल दिहस ह।
अउर आपन किरोध क अस्त्र-सस्त्र निकारेस ह।
सर्वसक्तीमान परमेस्सर यहोवा ओन अस्त्र-सस्त्र क निकारेस ह
काहेकि ओका कसदी लोगन क देस मँ काम करब अहइ।
26 “बहोत दूर स बाबुल क खिलाफ आवा,
ओकर अन्न भण्डार घरन क तोड़िके खोला।
बाबुल क पूरी तरह नस्ट करा
अउर कउनो क जिअत न छोड़ा।
ओनकर ल्हासन क अनाजे क बड़के ढेर क तरह एक ढेर मँ लगावा।
27 बाबुल क सबहिं नउ जवानन क मार डावा।
ओनकर नरसंहार होइ द्या।
ओनकर पराजय क समय आइ गवा अहइ।
एह बरे ओनके बरे बहोत बुरा होइ।
इ ओनके बरे दण्डित होइ क समइ अहइ।
28 लोग बाबुल देस स परात अहइँ,
उ पचे उ देस स बच निकरत अहइँ।
उ सबइ लोग सिय्योन क आवत अहइँ अउर उ पचे सबहिं स उ सब कहत अहइँ जउन यहोवा करत अहइ।
उ सबइ कहत अहइँ कि बाबुल क, जउन सजा मिलइ चाही यहोवा ओका देत अहइ।
बाबुल यहोवा क मन्दिर क नस्ट किहस, एह बरे अब यहोवा बाबुल क नस्ट करत अहइ।
29 “धनुर्धारियन क बाबुल क खिलाफ बोलावा।
ओन लोगन स नगर पइ हमला करइ क कहा।
कउनो क बच निकरइ जिन द्या।
जउन उ किहस ह ओकर उल्टा भुगतान करा।
ओकरे संग उहइ करा
जउन उ दूसर रास्ट्रन क संग किहेस ह।
बाबुल यहोवा क सम्मान नाहीं किहेस।
बाबुल इस्राएल क पवित्तरतम क बरे बड़ा घमण्डी रहा।
एह बरे बाबुल क सजा द्या।
30 बाबुल क नउ जवान सड़कन पइ मारा जइहीं,
ओह दिन सबहिं फउजी मर जइहीं।”
इ सबइ यहोवा कहत ह।
31 “बाबुल, तू बहोत गर्वीला अहा,
अउर मइँ तोहरे खिलाफ हउँ।”
हमार सुआमी सर्वसक्तीमान यहोवा इ सब कहत ह।
“मइँ तोहरे खिलाफ हउँ
अउर तोहरे दण्डित होइ क समइ आइ गवा ह।
32 गर्वीला बाबुल ठोकर खाइ अउ गिरी
अउर कउनो मनई ओका उठावइ मँ मदद नाहीं करी।
मइँ ओकरे नगरन मँ आगी लगाउब,
उ आगी ओकरे चारिहुँ कइँती क सबहिं क पुरी तरह बारि देइ।”
33 सर्वसक्तीमान यहोवा कहत ह,
“इस्राएल अउ यहूदा क लोग दास अहइँ।
दुस्मन ओनका लइ गवा अउर दुस्मन इस्राएल क निकरि जाइ नाहीं देइ।
34 मुला परमेस्सर ओन लोगन क वापस लिआइ।
ओकर नाउँ सर्वसक्तिमान परमेस्सर यहोवा अहइ।
उ दृढ़ सक्ति स ओन लोगन क रच्छा करी।
उ ओनकर रच्छा करी जेहसे उ पृथ्वी क बिस्राम दइ सकइ।
किन्तु उ बाबुल क लोगन क बिस्राम नाहीं देइ।”
35 यहोवा कहत ह,
“बाबुल क लोगन क तरवार स मार द्या।
बाबुल क राजकीय अधिकारियन
अउ ग्यानियन क भी तरवार स मर जाइ द्या।
36 बाबुल क याजकन क तरवार स मार द्या।
उ सबइ याजक मूरख लोगन क तरह होइहीं।
बाबुल क फउजियन क तरवार स मर जाइ द्या,
उ सबइ फउजी त्रास स भरि जइहीं।
37 बाबुल क घोड़न अउर रथन क तरवार क घाट उतरइ द्या।
दूसर देसन क भाड़े क फउजियन क तरवार स कट जाइ द्या।
उ सबइ फउजी भयभीत अबला होइहीं।
बाबुल क खजाने क खिलाफ तरवार उठइ द्या,
उ सबइ खजानन लइ लीन्ह जइहीं।
38 बाबुल क नदियन सूख जाइँ।
उ सबइ नदियन सूख जइहीं।
बाबुल देस मँ असंख्य देवमूरतियन अहइँ।
उ सबइ मूरतियन परगट करत हीं कि बाबुल क लोग मूरख अहइँ।
एह बरे ओन लोगन क संग बुरी घटनन घटिहीं।
39 बाबुल फुन लोगन स नाहीं भरी
जंगली कुकुरन, सुतुरमुर्ग अउर दूसर रेगिस्तान क जनावर हुआँ रहिहीं।
किन्तु हुआँ कबहुँ कउनो मनई नाहीं रही।
40 परमेस्सर सदोम, अमोरा अउ ओनके चारिहुँ कइँती क नगरन
क पूरी तरह स नस्ट किहे रहा
अउर जब ओन नगरन मँ कउनो नाहीं रहत।
इहइ तरह बाबुल मँ कउनों नाहीं रही
अउर कउनो मनई हुआँ रहइ कबहुँ नाहीं जाइ।
41 “लखा, उत्तर स लोग आवत अहइँ,
उ पचे एक सक्तीसाली रास्ट्र स आवत अहइँ।
पूरे संसार क चारिहुँ ओर स एक संग बहोत स राजा आवत अहइँ।
42 ओनकी फउज क लगे धनुस अउर भालन अहइँ,
फउजी कूर अहइँ,
ओनमाँ दाया नाहीं अहइ।
फउजी आपन घोड़न पइ सवार आवत अहइँ,
ओकर दोड़इ क आवाज समुद्दर क गरजन क तरह अहइ।
उ पचे आपन जगहियन पइ जुद्ध बरे तइयार अहइँ।
बाबुल नगर उ पचे तोह पइ हमला करइ क तत्पर अहइँ।
43 बाबुल क राजा ओन फउजन क बारे मँ सुनेस,
अउर उ आतंकित होइ गवा।
उ एतना डर गवा ह कि ओकर हाथ हल नाहीं सकतेन।
ओकरे डर स ओकरे पेट मँ अइसी पीरा होत अहइ, जइसे उ बच्चा पइदा करइवाली मेहरारू होइ।”
44 यहोवा कहत ह, “कबहुँ यरदन नदी क निचके क
घनी झाड़ियन स एक ठु सेर निकरी।
उ सेर ओन खेतन मँ आइ
जहाँ लोग आपन जनावरन रखत हीं
अउर सब जनावर पराइ जइहीं।
मइँ उ सेर क तरह होब।
मइँ बाबुल, स ओकर देस छोड़ाउब।
इ करइ बरे मइँ केका चुनब?
मइँ जेका चाहब चुनब।
काहेकि अइसा कउनो मनई नाहीं जउन मोका चुनौती दइ सकइ।
कउनो गड़रिया मोर समन्वा खड़ा नाहीं होइ सकत।”
45 बाबुल क संग यहोवा जउन कछू करइ क
जोजना बनाएस ह, ओका सुना।
“बाबुल लोगन बरे यहोवा जउन करइ क निर्णय लिहस ह ओका सुना।
दुस्मन बाबुल क लोगन क खींच लेइ जाब्या
जइसा एक बछड़ा क झुण्ड स खींच लइ जाइ जात ह।
उ बाबुल क एक खाली खेत मँ बदल देब।
46 बाबुल क पतन होइ,
अउर उ पतन पृथ्वी क कँपकँपाइ देइ।
सबहिं रास्ट्रन क लोग
बाबुल क बिध्वंस होइ क बारे मँ सुनिहीं।”
दाऊद क समपिर्त।
1 हे यहोवा, तू मोर चट्टान अहा,
मइँ तोहका मदद पावइ क गोहरावत हउँ।
मोरा पराथनन स आपन कान जिन मूँदा,
अगर तू मोर मदद क पुकार क जवाब नाहीं देब्या,
तउ लोग मोका कब्र मँ मरा भवा जइसा पइहीं।
2 हे यहोवा, आपन पवित्तर तम्बू कइँती बढ़्या, मइँ तोहार पराथना बरे आपन हाथ उठाए हउँ।
जब मइँ तोहका पुकारउँ, तू मोर सुना।
तू मोहे पइ आपन करुणा देखाँवा।
3 हे यहोवा, मोका ओन बुरे मनइयन क तरह जिन सोचा
जउन बुरा काम करत हीं।
जउन आपन पड़ोसियन स सान्ति करत हीं,
मुला आपन हिरदइ मँ आपन पड़ोसियन क बारे मँ कुचक्र रचत हीं।
4 हे यहोवा, उ सबइ मनइयन दूसर लोगन क बुरा करत हीं।
तउ तू ओनकी संग बुरी घटना क घटावा
ओन दुर्जनन क तू वइसेन ही दण्ड द्या जइसे ओनका देइ चाही।
5 दुर्जन ओन उत्तिम बातन क जउन यहोवा करत ओका नाहीं समुझतेन।
उ पचे परमेस्सर क उत्तिम कारजन क नाहीं लखतेन।
उ पचे ओकर भलाई क नाहीं समुझतेन।
उ पचे तउ सिरिफ कउनो क नास करइ क जतन करत हीं।
6 यहोवा क स्तुति करा!
उ मोहे पइ करुणा करइ क बिनती सुनेस।
7 यहोवा मोर सक्ति अहइ, उ मोर ढार अहइ।
मोका ओकर भरोसा रहा।
उ मोर मदद किहेस।
मइँ बहोतइ खुस हउँ, अउ ओकर खुसी क गीत गावत हउँ।
8 यहोवा आपन चुना राजा क रच्छा करत ह।
उ ओका हर पल बचावत ह।
यहोवा ही ओकर सक्ती अहइ।
9 हे परमेस्सर, आपन लोगन क रच्छा करा।
जउन तोहार अहइँ ओनका आसीस द्या।
ओनका धियान रखा अउर हमेसा ओनका लइके चला।
दाऊद क एक गीत।
1 परमेस्सर क पूत लोगो, यहोवा क स्तुति करा।
ओकर महिमा अउ सक्ती क प्रसंसा गीत गावा।
2 यहोवा क प्रसंसा करा अउ ओकरे नाउँ क आदर करा।
पवित्तर ओढ़ना पहिरिके यहोवा क आराधना करा।
3 समुद्र क ऊपर यहोवा क वाणी खुद क गरजत ह।
परमेस्सर क वाणी महासागर क ऊपर मेघ क गरजन क तरह गरजत ह।
4 यहोवा क वाणी ओकर सक्ती क देखाँवत ह।
ओकर ध्वनि ओकर महिमा क परगट करत ह।
5 यहोवा क वाणी देवदार बृच्छन क तोड़के चकनाचूर कइ देत ह।
यहोवा लबानोन क विसाल देवदार बृच्छन क तोड़ देत ह।
6 यहोवा लबानोन क पहाड़न क कपाँइ देत ह।
उ नाचत भए बछवा क तरह देखाँइ लागत ह।
हेर्मोन क पहाड़ काँप उठत ह अउर उछरत जवान बकरी क तरह देखाँत ह।
7 यहोवा क वाणी बिजली क कौंध स टकरात ह।
8 यहोवा क वाणी मरुस्थल क कँपाइ देत ह।
यहोवा क स्वर स कादेस क मरुस्थल काँप उठत ह।
9 यहोवा क वाणी स हिरन डेराइ जात हीं।
यहोवा दुर्गम जंगलन क नस्ट कइ देत ह।
मुला ओकरे मन्दिर मँ लोग ओकर प्रसंसा क गीत गावत हीं।
10 जल प्रलय क समय यहोवा राजा रहा।
उ सदा बरे राजा रही।
11 यहोवा आपन भगतन क रच्छा सदा करी,
अउर आपन जनन क सांति क आसीस देइ।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.