M’Cheyne Bible Reading Plan
समूएल साऊल क अभिसेक करत ह
10 समूएल खास तेल क एक ठु मेटिया लिहेस। समूएल तेल क साऊल क मूड़े प नाएस। समूएल साऊल क चुम्मा लिहेस अउर कहेस, “यहोवा तोहार अभिसेक क चुनाव आपन मनइयन क मुखिया बनवइ बरे किहेस ह। तू यहोवा क मनइयन क बस मँ करब्या। तू ओन पचन्क ओन दुस्मनन स बचउब्या जउन ओनका चारिहुँ कइँती स घेरे बाटेन। यहोवा तोहार अभिसेक चुनाव आपन मनइयन क ऊपर प्रधान होइ बरे किहे अहइ। हियाँ एक चीन्हा अहइ जउन परमान देइ कि इ फुर बाटइ। 2 जब तू मोसे अलगाइ जाब्या तउ तू रकेल क मकबरा क निअरे दुइ मनइयन स बिन्यामीन क इलाका मँ जल्जा मँ मिलब्या। उ दुइनउँ मनई तोहसे कहिहीं, ‘जउन गदहन क तू हेरत बाट्या ओनका कउनो मनई पाइ लिहेस ह। तोहार बाप गदहन क बारे मँ फिकिर करब तजि दिहेस ह। अब ओका तोहार फिकिर बा। उ कहत अहइ, “मइँ आपन पूत क बारे मँ का करउँ।”’”
3 समूएल कहेस, “जब तू तब्बइ तलक चलत रहब्या जब तलक तबोर मँ साह बलूत बृच्छ ताई नाहीं पहोंच जात्या। हुवाँ तोहसे तीन मनई मिलिहीं। उ तीनउँ मनई बेतेल मँ परमेस्सर क आराधना बरे जात्रा प होइहीं। एक ठु मनई बोकरी क तीन बच्चन क ढोवत होइ। दूसर मनई तीन रोटी लइ जात होइ। अउ तीसरा मनई एक गगरी दाखरस लइ जात होइ। 4 इ तीनउँ मनई कहिहीं, आपक सुआगत अहइ। उ पचे तोहका दुइ रोटी देइहीं। तू ओनसे उ दुइ रोटी क लइ लिहा। 5 तब तू गिबियथ-एलोहिम जाब्या। उ ठउर प पलिस्तियन क एक ठु किला अहइ। जबहिं तू उ सहर मँ पहोंचब्या तउ कइउ नबियन निकरिहीं। इ नबियन आपन ठउर स पूजा बरे अइहीं। उ सबइ भविस्सबाणी करिहीं। उ सबइ सितार, तम्बूरा, बाँसुरी अउ बीणा बजावत रइहीं। 6 तब तुरंतही यहोवा क आतिमा तेजी स तोह पइ उतरी। तू बदल जाब्या। तू एक अलगइ मनई होइ जाब्या। तू इ नबी क संग भविस्सबाणी करइ लगब्या। 7 इ बातन क होइ जाए क पाछे तू जउन चहब्या करब्या। परमेस्सर तोहरे संग होइहीं।
8 “मोसे पहिले गिलगाल जा। मइँ तोहरे लगे उ ठउरे प आउब। तब मइँ होमबलि अउ मेलबलि चढ़ाउब। मुला तोहका सात दिना तलक प्रतीच्छा करइ क होइ। तबहिं मइँ आउब अउ बताउब कि तोहका अगवा का करइ क अहइ।”
साऊल क नबी जइसा होब
9 जइसे ही साऊल समूएल क बिदाह देइ घूमा परमेस्सर साऊल क मन पूरी तरह बदल दिहस। इ सबहिं होनी उहइ दिन भइन। 10 साऊल अउ ओकर नउकर गिबियथ-एलाहिम गएन। उ ठउर प साऊल नबियन क एक धामिर्क सभा स भेटेस। परमेस्सर क आतिमा साऊल प तेजी स उतरी अउ साऊल नबियन क संग भविस्सबाणी करइ लागेस। 11 जउन मनइयन साऊल क पहिले स जानत रहेन उ पचे नबियन क संग ओका भविस्सबाणी करत लखेन। उ पचे आपुस मँ पूछइ-पछोरइ लागेन, “किस क पूत क का होइ ग अहइ? का साऊल नबियन मँ स एक अहइ।”
12 एक मनई जउन गिबियथ-एलोहिम मँ रहत रहा कहेस, “हाँ, अउर अइसा लगत ह कि इ ओनकइ मुखिया अहइ।”[a] इहइ कारण अहइ कि इ परसिद्ध कहतून बन गइ, “का साऊल नबियन मँ स कउनो एक अहइँ?”
साऊल घरे लौटत ह
13 आखिर उ नबी क तरह भविस्सबाणी बंद किहेस अउर एक आराधना क ठउर प घर क नगिचे चला गवा।
14 साऊल क काका ओसे अउ ओकरे पिता क नउकर स पूछेस, “तू पचे कहाँ गवा रह्या?”
उ जवाब दिहेस, “हम पचे गदहन क लखइ गवा रहे अउ ओनकइ हेरइ चला ही जात रहे, उ सब कहूँ नाहीं मिल पाएन। ऍह बरे हम पचे समूएल क लगे गएन।”
15 इ सुनिके साऊल क काका कहेस, “कृपा कइके तू पचे मोका बतावा कि समूएल तू दुइनउँ स का कहेस?”
16 साऊल जवाब दिहेस, “समूएल हमका बताएस, कि गदहन पहिले मिलि गवा रहेन।” साऊल काका क राजा होइ क बारे मँ कछू बात नाहीं बताएस।
समूएल साऊल क राजा होइ क बारे मँ डुग्गी पीटेस
17 समूएल इस्राएल क सबहिं मनइयन स मिस्पा मँ यहोवा स मिलइ बरे एक संग बटुरइ बरे कहेस। 18 समूएल इस्राएल क मनइयन स कहेस, “इस्राएल क परमेस्सर यहोवा कहत हीं, ‘मइँ इस्राएल क मिस्र स बाहेर निकारेउँ ह। मइँ तोहका मिस्र क गुलामी स अउ दूसर राज्ज क गुलामी स बचाएउँ ह जउन तोह पइ चोट करइ चाहत रहेन।’ 19 मुला आज तू आपन परमेस्सर क तुच्छ जान लिहा ह। तोहार परमेस्सर तोहका सब कस्टन अउ सब समस्या स बचावत ह। मुला तू कहया, ‘नाहीं हम आपन ऊपर राज्ज करइ बरे एक ठु राजा चाहित ह।’ अब आवा अउ यहोवा क समन्वा आपन परिवार अउ आपन गोत क संग खड़ा ह्वा।”
20 समूएल इस्राएल क सबहिं परिवार क गोते क निअरे लइ गवा। तब समूएल नवा राजा चुनब सुरु किहेस। पहिले बिन्यामीन क परिवार गोत चुना गवा। 21 समूएल बिन्यामीन क परिवार-गोत क हर एक परिवार क एक एक कइके निकसइ क कहेस, मत्री क परिवार चुना गवा। तब समूएल मत्री क परिवार क हर एक मनई क एक एक कइके ओकरे अगवा स निकसइ क कहेस। इ तरह कीस क पूत साऊल चुना गवा।
मुला जब मनइयन साऊल क खोज किहेन, तउ उ पचे ओका नाहीं पाइ सकेन। 22 तब उ पचे यहोवा स पूछेन, “का साऊल अबहिं तलक हियाँ आइ गवा अहइ?”
यहोवा कहेस, “साऊल सामग्री क बीच मँ छुपा बा।”
23 मनइयन दौड़ेन अउर साऊल क सामग्री क बीच मँ स लइ आएन। साऊल मनइयन क बीच खड़ा भवा। साऊल बस ऍतना लम्बा रहा कि सब मनइयन सिरिफ ओकरे काँधे तलक रहेन।
24 समूएल सब मनइयन स कहेस, “उ मनई क लखा जेका यहोवा चुने अहइ। मनइयन मँ स कउनो साऊल क नाई नाहीं बा।”
तब मनइयन नारा लगाएन, “राजा क लम्बी उमर होइ।”
25 समूएल राज्ज क नेमँ क मनइयन क समझाएस। उ इ नेमन क एक किताबे मँ लिखेस। उ किताबे क यहोवा क समन्वा रखेस। तब समूएल मनइयन क घर जाइ बरे कहेस।
26 साऊल भी आपन घरे गिबा मँ चला गवा। परमेस्सर बहादुर मनइयन का हिरदय क छुएस अउ बहादुर मनई साऊल क पाछा करइ लागेन। 27 मुला कछू परीसानी पइदा करइवाला मनइयन कहेन, “इ मनई हम मनइयन क रच्छा कइसे कइ सकत ह?” उ पचे साऊल क बुराई अउ ओका उपहार देइ स मना कइ दिहेन। मुला साऊल कछू नाहीं कहेस।
अम्मोनियन क राजा नाहास
अम्मोनियन क राजा नाहास, गिलाद अउ याबेस क परिवार समूह क कस्ट देत रहा। नाहास ओनके परिवार क हर एक मनई क दाहिन आँखी निकरवाइ डाए रहा। नाहास कउनो क ओनकइ मदद नाहीं करइ देत रहा। अम्मोनियन क राजा नाहास यरदन नदी क पूरब मँ बसइयन क हर एक इस्राएली मनइयन क दाहिन आँखी निकरवाइ लिए रहा। मुला सात हजार इस्राएली अम्मोनियन क हियाँ स पराइ गएन अउर याबेस गिलाद मँ आइ गएन।
आतिमा स जीवन
8 एह तरह अब ओनके बरे जउन मसीह ईसू मँ स्थित बाटेन ओनके बरे, कउनउ दण्ड नाहीं बा। 2 काहेकि आतिमा क व्यवस्था त जउन मसीह ईसू मँ जीवन देत ह, मोका पाप क व्यवस्था स जउन मउत क तरफ लइ जात ह, स्वतन्त्र कई दीन्ह बा। 3 जेका मूसा क उ व्यवस्था जउन मनई क भौतिक सुभाऊ क कारण कमजोर बनाइ दीन्ह गइ रही, नाहीं कई सकी ओका परमेस्सर अपने पूत क हमरेन जइसे सरीर मँ पठइ क जेहसे हम पाप करत ह-ओकर भौतिक देह क पापवाली बवाइ क पाप क खतम कइके पूरा किहेस। 4 जेहसे कि हमरे जरिये, देहे क भौतिक पातकी अहम स नाही, बल्कि आतिमा क विधि स जिअत हीं व्यवस्था क जरूरत पूरी कई जाइ सकइ।
5 काहेकि उ सबइ जउन अपने भौतिक मनई सुभाउ क अनुसार जिअत हीं, ओनकर भौतिक मनई सुभाउ क इच्छा पर टिकी रहत ह परन्तु उ जउन आतिमा क अनुसार जिअत हीं, ओनकर बुद्धि जउन आतिमा चाहत ह ओनहिन इच्छा मँ लगी रहत ह। 6 भौतिक मनई सुभाउ क बस मँ रहइवाला मने क अन्त मउत अहइ, परन्तु आतिमा क बस मँ रहइवाली बुद्धि क परिणाम अहइ जीवन अउ सान्ति। 7 इही तहर भौतिक मनई सुभाउ स अनुसासित मन परमेस्सर क विरोधी अहइ। काहेकि उ न तउ परमेस्सर क व्यवस्था क अधीन बा अउ न होइ सकत ह। 8 अउर उ जउन भौतिक मनइ सुभाउ क अनुसार जिअत हीं परमेस्सर क खुस नाहीं कइ सकत हीं।
9 परन्तु तू पचे भौतिक मनई सुभाउ क अधीन नाहीं अहा, बल्कि आतिमा क अधीन अहा अगर सही मँ तोहसे परमेस्सर क आतिमा क निवास बा। परन्तु अगर कउनो मँ ईसू मसीह क आतिमा नाहीं बा त उ मसीह क नाहीं बा। 10 दुसरे कइँती अगर तोहमाँ मसीह अहइ तउ चाहे तोहरे देह पाप क बरे मरि चुकी होइ बा पवित्तर आतिमा परमेस्सर क साथे तोहे धार्मिक ठहराइ क खुद तोहरे बरे जीवन बन जात ह। 11 अउर अगर उ आतिमा जे ईसू क मरे हुवन मँ स जियाए रही, तोहरे भित्तर बास करत ह, तउ उ परमेस्सर जे ईसू क मरे हुवन मँ स जियाए रहा, तोहरे नासमान सरीरन क आपन आतिमा स जउन तोहरे ही भित्तर बसत ह, जीवन देई।
12 इही बरे भाइयो तथा बहिनियो, हम पे एह भौतिक मनइ सुभाउ तउ अहइ परन्तु अइसेन नाहीं कि हम एकरे अनुसार जिई। 13 काहेकि अगर तू भौतिक मनइ सुभाव क अनुसार जीब्या तब मरब्या। अगर तू आतिमा क जरिये सरीर क व्यवहारन क अन्त कइ देब्या तउ तू जी जाब्या।
14 जउन परमेस्सर क आतिमा क अनुसार चलत हीं, उ सबइ परमेस्सर क संतान अहइँ। 15 काहेकि उ आतिमा जउन तोहे मिली बा, तोहे फिन स दास बनिके डेराइ बरे नाहीं बा, बल्कि उ आतिमा जउन तू पाए अहा तोहे परमेस्सर क संपालित सन्तान बनावत ह। जेसे हम पुकार उठित ह, “हे अब्बा, हे परमपिता।” 16 उ पवित्तर आतिमा खुद हमरे आतिमा क साथे मिलिके साच्छी देत ह कि हम परमेस्सर क सन्तान अही। 17 अउ काहेकि हम ओकर सन्तान अही, हमहूँ उत्तराधिकारी अही, परमेस्सर क उत्तराधिकारी अउर मसीह क साथे हम उत्तराधिकारी अगर सही मँ ओकरे साथे दुःख उठावत अहीं तउ हमका ओकरे साथे महिमा मिली ही।
हमका महिमा मिले
18 काहेकि मोरे बिचार मँ एह समइ क हमार सबइ यातना क परगट होइवाली भावी महिमा क आगे कछूउ नाहीं बा। 19 काहेकि इ सृस्टि बड़ी आसा स ओह समइ क इन्तजार करत बाटइ जब परमेस्सर क संतान क परगट कीन्ह जाई। 20 इ सृस्टि निःसार रही अपने इच्छा स नाहीं, बल्कि ओकरी इच्छा स जे एका एह परिवर्तन क अधीन किहेस 21 कि इहउ कभउँ आपन बिनासमान होइ स छुटकारा पाइ क परमेस्सर क सन्तान क सानदार स्वतन्त्रता क आनन्द लेई।
22 काहेकि हम जानित ह कि आजु तलक समूची सृस्टि प्रसव पीड़ा मँ कराहत अउ तड़पत रही बाटइ। 23 न केवल इ सृस्टि बल्कि हमहूँ जेका आतिमा क पहिला फल मिला बा, अपने भितर कराहत रहे बाटेन। काहेकि हमका ओकरे जरिये पूरी तरह अपनावा जाइ क इन्तजार अहइ कि हमार देह मुक्त होइ जाइ। 24 हमार उदूधार भवा बा। इही स हमरे मने मँ आसा बा परन्तु जब हम जेकर आसा करित ह ओका देखि लेइत ह तउ उ आसा नाहीं रहत। जउन देखात बाटइ ओकर आसा कउन कई सकत ह। 25 परन्तु अगर जेका हम देखत नाहीं अही ओकर आसा करित ह तउ धीरज अउर सहनसीलता क साथे ओकर रस्ता जोहित ह।
26 अइसन ही जइसेन हम कराहत अही, आतिमा हमरे दुर्बलता मँ हमार सहायता करइ आवत ह काहेकि हम नाहीं जानित ह कि हम केकरे बरे पराथना करी! परन्तु आतिमा खुद अइसेन आह भरिके जेकर सबदन मँ जाहिर नाहीं कीन्ह जाइ सकत हमरे बरे बिनती करत ह। 27 परन्तु उ जउन लोगन क दिल क देख सकत ह वह जानत ह कि आतिमा क मन्सा का अहइ। काहेकि परमेस्सर क इच्छा स ही उ परमेस्सर क पवित्तर लोग क बरे बीच बिचाऊ करत ह।
28 अउर हम जानित ह कि हर परिस्थिति मँ उ आतिमा परमेस्सर क भक्तन क साथे मिलिके उ काम करत ह जउन भलाइ ही लियावत हीं ओन्हन सबके बरे जेका ओकरे प्रयोजन क अनुसार इ बोलावा गवा बा। 29 जेका उ पहिले ही चुनेस ओनका पहिलौटी क पूत क रूप मँ ठहराएस ताकि बहुत स भाइयो तथा बहिनियो! मँ उ पहलौठी बनि सकइ। 30 जेनका उ पहिले स निस्चित किहेस उहूँ क उ बोलाएस अउर जेनका उ बोलाएस, ओनका उ धर्मी ठहराएस। अउर जेका उ धर्मी ठहराएस, ओनका महिमा प्रदान किहेस।
परमेस्सर क पिरेम
31 तउ एका देखत हम का कही? अगर परमेस्सर हमरे पच्छ मँ बा हमरे विरोध मँ कउन होइ सकत ह? 32 उ जे अपने पूत तलक क नाहीं छोड़ेस बल्कि ओका हम सबके बरे मरइ क सउँप दिहेस। उ भला हमका ओकरे साथ अउर सब कछू काहे न देई? 33 परमेस्सर क चुना भवा लोगन पे अइसेन कउन बा जउन दोस लगावइ? उ परमेस्सर ही अहइ जउन ओनका धर्मी ठहराता ह? 34 अइसेन कउन अहइ जउन ओका दोसी ठहरावइ? मसीह ईसू उ अहइ जउन मरि गवा अउर (इहींउँ स जियादा जरूरी इ बा कि) ओका फिन जियावा गवा। जउन परमेस्सर क दहिनी कइँती बइठा अहइ अउर हमरे कइँती स बिनती भी करत ह 35 कउन अहइ जउन हमका मसीह क पियार स अलग करी? यातना या कठिनाइ या अत्याचार या अकाल या नंगापन या जोखिम या तलवार? 36 जइसेन कि सास्तर कहत ह:
“तोहरे (मसीह) बरे सारा दिन हमका मउत क सौंपा जात ह।
हम काटी जाइवाली भेड़ जइसेन समझा जात हीं।” (A)
37 तबउ ओकरे जरिये जउन हमसे पिरेम करत ह, ऐन सब बातन मँ हम एक सानदार विजय पावत अही। 38 काहेकि मइँ मान चुका हउँ कि न मउत, न जीवन, न सरगदूतन अउर न सासन करइवाली आतिमन, न वर्तमान क कउनउ चीज अउर न भविस्स क कउनउ चीज, न आत्मिक सक्ति, 39 न कउनउ हमरे ऊपर क, अउर न हमसे नीचे क, न सृस्टि क कउनउ अउर चीज हमका पर्भू क ओह पिरेम स, जउन हमरे भीतर पर्भू मसीह ईसू बरे बाटइ, हमका अलग कइ सकइ।
पलिस्ती लोगन क बारे मँ सँदेसा
47 इ सँदेसा यहोवा क अहइ जउन यिर्मयाह नबी क मिला। इ सँदेसा पलिस्ती लोगन क बारे मँ अहइ। इ सँदेसा, जब फिरौन गज्जा नगर पइ हमला किहस, ओहसे पहिले आवा।
2 यहोवा कहत ह:
“धियान द्या, दुस्मन क फउजी उत्तर मँ एक संग मोर्चा लगावत अहइँ।
उ पचे तटन क बारेत तेज नदी क तरह अइहीं
उ पचे देस क बाढ़ सा ढकि लेइहीं।
उ पचे नगरन अउर
ओनमाँ रह रहे निवासियन क ढकि लेइहीं।
उ देस क हर एक रहइवाला मदद बरे चिल्लाई।
3 उ सबइ धावत घोड़न क अवाज सुनिहीं, उ पचे रथन क घरघराहट सुनिहीं।
उ पचे पहियन क घरघराहट सुनिहीं।
पिता आपन बच्चन क सुरच्छा करइ मँ मदद नाहीं कइ सकिहीं।
उ पचे पिता मदद करइ मँ एकदम असमर्थ होइहीं।
4 सबहिं पलिस्ती लोगन क नस्ट करइ क समइ आइ ग अहइ।
सोर अउर सिदोन क बचे सहायकन क नस्ट करइ क समइ आइ ग अहइ।
यहोवा पलिस्ती लोगन क हाली नस्ट करी।
कप्तोर द्वीप मँ बचे लोगन क उ नस्ट करी।
5 गज्जा क लोग सोक मँ बूड़िहीं अउर आपन सिर मुड़ँइहीं।
अस्कलोन क लोग चुप कइ दीन्ह जइहीं।
घाटी क बचे लोगो, कब तलक तू पचे आपन क काटत रहब्या?
6 “ओ! यहोवा क तरवार, तू रूकिउ नाहीं
तू कब तलक मार करति रहबिउ?
आपन म्यान मँ लउटि जा,
रूका, सान्त ह्वा।
7 किन्तु यहोवा क तरवार कइसे बिस्राम लेइ?
यहोवा एका आदेस दिहस ह।
यहोवा एका इ आदेस दिहस ह
कि इ अस्कलोन नगर अउर समुद्र तट पइ हमला करइँ।”
दाऊद क एक पद।
1 यहोवा मोर गड़रिया अहइ।
जउन कछू भी मोका अपेच्छित होइ, सदा मोरे लगे रही।
2 हरे भरे चरागाह मँ मोका सुख स उ राखत ह।
उ मोका सांत झरनन पइ लइ जात ह।
3 उ आपन नाउँ क निमित्त मोरी आतिमा क नई सक्ती देत ह।
उ मोर अगुआई करत ह कि उ फुरइ उत्तिम अहइ।
4 मइँ मउत क अँधिअर घाटी स गुजरत भइ नाहीं डेराब,
काहेकि यहोवा तू मोरे संग अहा।
तोहार चरवाहे क लाठी मोका सुख देत हीं।
5 हे यहोवा, तू मोरे दुस्मनन क समन्वा मोर खइया बरे मेज सजाया ह।
तू मोरे मूँड़े पइ तेल उड़ेर्या ह।
मोर कटोरा भरा ह अउ छलकत बाटइ।
6 निहचय नेकी अउ करुणा मोर बाकी जिन्नगी तलक मोरे संग रही।
मइँ यहोवा क मन्दिर मँ लम्बी समइ तलक बार-बार जाबिउँ।
दाऊद क एक ठु पद।
1 धरती अउ ओह प क सब चिजियन यहोवा क अहइँ;
संसार अउ हर कउनो जउन एहमाँ रहत हीं ओकर अहइँ।
2 यहोवा इ धरती क जल पइ रचे अहइ।
उ एका जल क धारन पइ बनाएस।
3 यहोवा क पहाड़े क मन्दिर मँ कउन जाइ सकत ह?
कउन यहोवा क पवित्तर ठउर मँ खड़ा होइ सकत अउर आराधना कइ सकत ह?
4 अइसा मनई जउन हाथन क साफ किहे ह,
अइसा मनई जउन पवित्तर जीवन क अगुवाइ करत ह,
अइसा मनई जउन मोरे नाउँ क प्रयोग कइके दूसर बरे गलत नाहीं किहे ह,
अउर अइसा मनई जउन झूठ न बोलेस, अउ न ही झूठा वचन दिहेस ह।
बस अइसेन मनई ही हुआँ आराधना कइ सकत हीं।
5 सज्जन तउ चाहत हीं यहोवा सब क भला करइ।
उ पचे सज्जन परमेस्सर स जउन ओनकर उद्धारक अहइ, नेक चाहत हीं।
6 उ पचे सज्जन परमेस्सर क अनुसरण क जतन करत हीं।
उ पचे याकूब क परमेस्सर क लगे मदद पावइ जात हीं।
7 फाटकन, आपन मूँड़ी ऊँची करा!
सनातन दुआरन, खुलि जा!
प्रतापी राजा भितरे आई।
8 इ प्रतापी राजा कउन अहइ?
यहोवा ही उ राजा अहइ, उहइ सबल सैनिक अहइ,
यहोवा ही उ राजा अहइ, उहइ जुद्ध नायक बा।
9 फाटकन, आपन, मूँड़ी ऊँची करा!
सनातन दुआरन, खुलि जा!
प्रतापी राजा भितरे आई।
10 उ प्रतापी राजा कउन अहइ? यहोवा सर्वसक्तिमान ही उ राजा अहइ।
उ प्रतापी राजा उहइ अहइ।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.