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M’Cheyne Bible Reading Plan

The classic M'Cheyne plan--read the Old Testament, New Testament, and Psalms or Gospels every day.
Duration: 365 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
1 समूएल 9

साऊल आपन बाप क गदहन क हेरत ह

बिन्यामीन परिवार समूह स किस एक सक्तीसाली योद्धा रहा। किस अबीएल क पूत रहा। अबीएल ससोर क पूत रहा। सरोर बकारत क पूत रहा। बकारत बिन्यामीन क एक मनई अफिया क पूत रहा। कीस क पूत साऊल नाउँ क रहा। साऊल एक सुन्नर जवान रहा। हुवाँ साऊल स बढ़िके जिआदा सुन्नर कउनो न रहा। ठाड़ होए प साऊल क मूँड़ इस्राएल क कउनो भी मनई स ऊँच रहत रहा।

एक दिना कीस क गदहन हेराइ गएन। ऍह बरे कीस आपन पूत साऊल स कहेस, “नउकरन मँ स एक क संग लइ ल्या अउर गदहन क हेरइ जा।” साऊल गदहन क हेरब सुरु किहेस। साऊल एप्रैम क पहाड़ियन मँ होइके घूमा। तबहिं साऊल सालीम क चारिहुँ कइँती पहँटा मँ घूमा। मुला साऊल अउ ओकर नउकर, किस क गदहन क नाहीं पाइ सकेन। ऍह बरे साऊल अउ नउकर सालिम क चारिहुँ कइँती पहँटा मँ गएन। मुला गदहा हुवाँ नाहीं मिलेन। ऍह बरे साऊल बिन्यामीन क पहँटा मँ होइके जात्रा किहेस। मुला उ अउ ओकर नउकर गदहन क तबहुँ नाहीं पाइ सकेन।

आखिर मँ साऊल अउ ओकर नउकर जुफ नाउँ क सहर मँ आएन। साऊल आपन नउकर स कहेस, “चला, हम पचे लौटी। मोर बाप गदहा क बारे मँ सोचब बंद देइहीं अउर हम पचन क बारे मँ फिकिर करिहीं।”

मुला नउकर जवाब दिहेस, “इ सहर मँ परमेस्सर क एक ठु मनई अहइ। मनई ओकर मान करत हीं। उ जउन कहत ह सच होत ह। ऍह बरे हम सबइ इ सहर मँ चली। अइसा लागत ह कि परमेस्सर क उ मनई हमका बताई कि ऍकरे पाछे हम पचे कहाँ जाइ।”

साऊल आपन नउकर स कहेस, “हम पचे सहर मँ जाइ सकित ह। मुला हम पचे उ मनई का इ सकित ह? हम पचन क झोरी क भोजन खतम होइ ग बाटइ। हम पचन क लगे कउनो भी भेंट परमेस्सर क मनई क देइ बरे नाहीं अहइ। हमरे लगे ओका देइ क का अहइ?”

नउकर फिन जवाब दिहेस, “सुना, मोरे लगे तनिक धन अहइ। हम परमेस्सर क मनई क इहइ देइ। तबहि उ बताई कि हम पचे कहाँ जाइ।”

9-11 साऊल आपन नउकर स कहेस, “नीक सुझाव अहा, हम पचे चली।” उ पचे सहर मँ हुवाँ गएन जहाँ परमेस्सर क मनई रहा।

साऊल अउ ओकर नउकर पहड़िया प चढ़त भए सहर क जात रहेन। राहे मँ उ पचे कछू जवान अउरतन स भेंटेन। जवान अउरत बाहेर स पानी लेइ जात रहिन। साऊल अउ ओकर नउकर जवान अउरतन स पूछेन, “का दर्सी हीआँ अहइँ?” (पुराने जमाना मँ इस्राएल क बसइया नबियन क “दर्सी” कहत रहेन। ऍह बरे उ पचे परमेस्सर स कछू मागँइ चाहत रहेन तउ पचे कहत रहेन, “हम पचे दसीर् क लगे चली।”)

12 जवान अउरतन जवाब दिहेन, “हाँ, दर्सी हीआँ अहइँ। उ सोझइ इ सड़क प आगे अहइँ। उ आज ही नगर मँ आवा अहइँ। कछू मनइयन हुवाँ एकट्ठइ बटुरा अहइ। उ पचे आराधना ठउर प मेलबलि चढ़ावइ बरे जाइ। 13 आप लोग सहर मँ जाइँ अउ ओनसे भेंटाइ लेइहीं। जदि आप सब जल्दी जाइहीं तउ आप ओनसे आराधना ठउर प भोजन प जाइ स पहिले मिलि लेइहीं। दर्सी बलि-भेंट क आसीर्बाद देत हीं। ऍह बरे मनइयन जब तलक खाइया क खाब सुरु नाहीं करिहीं जब ताई उ हुवाँ न पहोंच जाइँ। ऍह बरे आप सबइ हाली करइँ तउ आप लोग दर्सी क भेंटि सकत हीं।”

14 साऊल अउ नउकर ऊपर पहड़िया प सहर कइँती बढ़ब सुरु किहेन। जइसे ही उ पचे सहर मँ घुसेन उ पचे समूएल क आपन कइँती आवत देखेन। समूएल सहर क बाहेर पूजा क ठउर प जाइ बरे अबहिं आवत रहा।

15 एक दिन पहिले यहोवा समूएल स कहेस, 16 “काल्ह मइँ इहइ टेमॅ तोहरे लगे एक मनई क पठउब। वह बिन्यामीन क गोत क होइ। तू सबन क ओकर अभिसेक कर देइ चाही। तब उ हमार मनइयन इस्राएलियन क नवा नेता होइ। इ मनई हमरे मनइयन क पलिस्तियन स बचाइ। मइँ आपन मनइयन क दुःख क देखेउँ ह। मइँ आपन मनइयन क रोउब सुनेउ ह।”

17 समूएल साऊल क लखेस अउ यहोवा ओसे कहेस, “इहइ उ मनई अहइ जेकरे बारे मँ मँइ तोहसे कहेउँ रहे। इ मोरे मनइयन क बस मँ राखी।”

18 साऊल दुआर क लगे समूएल क निअरे आवा। साऊल समूएल स पूछेस, “मेहरबानी कइके बतावा दर्सी क घर कहाँ अहइ?”

19 समूएल जवाब दिहेस, “मइँ ही दर्सी अहँउ। मोरे अगवा आराधना क ठउर प पहुँचा। तू अउ तोहार नउकर आज हमरे संग खइया क खइहीं। मइँ भियान भिन्सारे तोहका घरे जाइ देब। मइँ तोहरे सबहिं सवालन क जवाब देब। 20 अउर ओन गदहन क फिकिर जिन करा जेका तू तीन दिना पहिले खोइ दिहा ह। उ सब मिल गवा बाटेन। अब, तोहका समूचा इस्राएल चाहत अहइ। उ सबइ तोहका अउ तोहरे बाप क परिवारे क सब मनइयन क चाहत हीं।”

21 साऊल जवाब दिहेस, “मुला मइँ बिन्यामीन परिवार समूह क निअम्बर अहउँ। इ इस्राएल मँ सबन क छोटका समूह अहइ। मोर परिवार मोर पूरा परिवार समूह मँ सब त छोटा अहइ। आप काहे कहत बाटेन कि इस्राएल मोका चाहत ह?”

22 तब समूएल साऊल अउ ओकरे नउकर क भोजन क जगहिया मँ लइ गवा। लगभग तीस न्यौताहरी एक संग भोजन बरे अउर बलि-भेंट लेइ बरे बोलावा ग रहेन। समूएल साऊल अउ ओकरे नउकर क मेज प सबन ते जिआदा खास जगह दिहेस। 23 समूएल रसोइया स कहेस, “उ गोस लइ आवा जउन मइँ तोहका दिहेउँ ह। इ उहइ हींसा अहइ जेका मइँ तोहसे जोगइ क रक्खइ बरे केहउँ रहे।”

24 रसोइया रान लिहेस अउ साऊल क समन्वा मेज प धरेस। समूएल कहेस, “इहइ उ गोस बा जेका मइँ तोहरे बरे जोगइ क राखेउँ रहे। ओका खा काहेकि इ इ खास टेमॅ बरे जोगवा रहा।” इ तरह उ दिना साऊल समूएल क संग खइया क खाएस।

25 जबहिं उ पचे खइया क खाइ लिहेन, उ पचे पूजा क ठउर स उतरेन अउ सहर क लौटेन। समूएल छते प साऊल बरे बिछौना दसाएस। 26 अउर साऊल सोइ गवा।

भियन भिन्सारे समूएल साऊल क छते प जोर स पुकारेस। समूएल कहेस, “उठा। मइँ तोहका तोहरे राहे प पठउब।” साऊल उठा, अउर तब समूएल क संग घर क बाहेर गवा।

27 साऊल अउ ओकर नउकर संग संग सहर क सिरे क उतराई प टहरत रहेन। समूएल साऊल स कहेस, “आपन नउकर स हम पचन स अगवा जाइ क कहा। मोरे लगे तोहरे बरे परमेस्सर क एक संदेसा अहइ।” तउ नउकर ओन पचन स तनिक अगवा चला गवा।

रोमियन 7

विवाह क दिस्टान्त

भाइयो तथा बहिनियो, का तू नाहीं जानत अहा (मइँ ओन्हन सबन स कहत अही जउन व्यवस्था क जानत हीं।) कि व्यवस्था क सासन कीहीउ मनई पे तबहिं तलक बा जब तलक उ जिअत ह? उदाहरण क बरे एक विवाहिता स्त्री अपने पति क साथे व्यवस्था क अनुसार तबहिं तलक बंधी बा जब तलक उ जिन्दा बा परन्तु अगर ओकर पति मरि जात ह तउ उ बियाह सम्बधी व्यवस्था स छूट जात ह।

पति क जिअत ही अगर कीहीउ दुसरे पुरूस स सम्बन्ध जोड़त ह ओका व्यभिचारिणी कहा जात ह परन्तु अगर ओकर पुरुस मरि जात ह तउ बियाह सम्बन्धी नियम ओह पे नाहीं लागत अउ इहीं बरे अगर उ दुसरे मनई क होइ जात ह तउ उ व्यभिचारिणी नाहीं बा।

मोरे भाइयो तथा बहिनियो, अइसन ही इ मसीह क देह क जरिये व्यवस्था के बरे तुहउँ मरि चुका अहा। इही बरे अब तुहउँ कीहीउ दुसरे स नाता जोड़ि सकत ह। ओसे जेका मरा हुवन मँ स पुर्नजीवित कीन्ह गवा अहइ। ताकि हम परमेस्सर क बरे करमन क अच्छी खेती कइ सकित ह। काहेकि जब हम मानुस सुभाव क अनुसार जिअत रहे, हमार पाप-पूर्ण वासना जउन व्यवस्था क जरिये आइ रहीं, हमरे अंगन पर हावी रही। ताकि हम करमन क अइसेन खेती करी जेकर अन्त आध्यात्मिक मउत मँ होत ह। परन्तु अब हमका व्यवस्था स छुटकारा दइ दीन्ह गवा बाटइ काहेकि जउने व्यवस्था क अधीन हमका बन्दी बनावा ग रहा, हम ओकरे बरे मरि चुका आही। अउ अब पुरान लिखित व्यवस्था स नाहीं, बल्कि आतिमा क नई रीति स प्रेरित होइके हम अपने परमेस्सर क सेवा करित ह।

पाप स लड़ाई

त फिन हम का कही? का हम कही कि व्यवस्था पाप अहइ? निस्चय ही नाहीं। जउन भी होइ, अगर व्यवस्था नाहीं होत तउ मइँ पहिचान नहीं पाइत कि पाप का अहइ? अगर व्यवस्था न बतावत, “जउन उचित नाहीं बा लालच जिन करा तउ निस्चय ही मइँ पहचान नाहीं पाइत कि जउन उचित इच्छा नाहीं अहइ का बा।” परन्तु पाप मौका पावत ही व्यवस्था का लाभ उठावत भवा मोहमाँ गलत सबइ इच्छा क भर दिहेस जउन अनुचित बरे रहिन। एकसमइ मइँ बिना व्यवस्था क ही जिन्दा रहेउँ, परन्तु जब व्यवस्था क आदेस आवा तउ पाप जीवन मँ उभरिके आवा। 10 अउर मइँ मर गएउँ। उहइ व्यवस्था क आदेस जउन जीवन देइ बरे रहा, मोरे बरे मउत लइ आवा। 11 काहेकि पाप क अउसर मिलि गवा अउर उ उहइ व्यवस्था क आदेस क जरिये मोका छलेस अउर उहइ जरिये मोका मार डाएस।

12 इही तरह व्यवस्था पवित्तर बा अउर उ आदेस पवित्तर, धर्मी अउर उत्तिम बा। 13 तउ फिन का एकर मतलब इ बाटइ कि जउन उत्तिम बा, उहइ मोरी मउत क कारण बन गवा निस्चय ही नाहीं? बल्कि पाप उ उत्तिम क जरिये मोरे बरे मउत क कारण एह बरे बना कि पे क पाहिचाना जाइ सकइ। अउर व्यवस्था क जरिये ओकर खौफनाक पाप क पूर्णता देखॉइ दीन्ह जाइ।

मानसिक द्वन्द्व

14 काहेकि हम जानित ह कि व्यवस्था तउ आत्मिक अहई अउर मइँ हाड़ माँस क बना भवा भौतिक मनई अहउँ जउन पाप क दासता बरे बिका भआ हउँ। 15 मइँ नाहीं जानित मइँ का करत हउँ काहेकि मइँ जउन करइ चाहित हउँ नाहीं करत हउँ, बल्कि मोका उ करे पड़त ह, जेसे मइँ घिना करत हउँ। 16 अउ अगर मइँ उहइ करत हउँ जउन मइँ नाहीं करइ चाहित ह तउ मइँ अंगीकार करत हउँ कि व्यवस्था उत्तम बा।

17 परन्तु सही मँ उ मइँ नाहीं हउँ जउन इ सब कछू करत बा, बल्कि उ पाप मोरे भितरे बसा पाप बा। 18 हाँ, मइँ जानित अहइँ कि मोरे मँ भौतिक मानुस सरीर मँ कउनउ अच्छी चीजे क बास नाहीं अहइ। नेकी करइ क इच्छा तउ मोहमाँ अहइ पर नेक काम मोसे नाहीं होत। 19 काहेकि जउन अच्छा काम मइँ करइ चाहित ह, मइँ नाहीं करित अहउँ बल्कि जउन मइँ नाहीं करइ चाहित, उहइ सबइ मइँ खराब काम करइ नाहीं चाहित ह मइँ नाहीं करित बल्कि जउन मइँ नाहीं करइ चाहित, उहई सब खराब काम मइँ करित हउँ। 20 अउर अगर मइँ उहइ काम करित ह जेका करइ नाहीं चाहित ह तउ सही मँ ओकर कर्त्ता जउन ओन्हे करत ह, मइँ नाहीं हउँ, बल्कि उ पाप अहइ जउन बसा बा।

21 इही बरे मइँ अपने मँ इ नियम पाइत ह कि मइँ जब अच्छा करइ चाहित ह, तउ अपने मँ बुराई क ही पाइत ह। 22 आपन अन्तरात्मा मँ मइँ परमेस्सर क व्यवस्था क खुसी स मानित ह। 23 पर अपने सरीर मँ मइँ एक दुसरे ही व्यवस्था का काम करित देखित ह इ मोरे चिन्तन पे सासन करइवाली व्यवस्था स युद्ध करत ह अउर मोका पाप क व्यवस्था क बन्दी बनाइ लेत ह। इ व्यवस्था मोरे सरीर मँ त्रिया करत रहत ह। 24 मइँ एक अभागा इंसान हउँ। मोका एह सरीर स, जउन मउत क निवाला बा, ओसे छुटकारा कउन देवाई? 25 परमेस्सर मोका बचइहीं। अपने पर्भू ईसू मसीह क जरिये मइँ परमेस्सर क धन्यवाद करित हउँ।

तउ अपने हाड़ माँस क सरीर स मइँ पाप क व्यवस्था क गुलाम होत भए उ आपन बुद्धि स परमेस्सर क व्यवस्था क सेवक अहउँ।

यिर्मयाह 46

46 यिर्मयाह नबी क इ सँदेसन मिलेन। इ सँदेसन अलग-अलग रास्ट्रन बरे अहइँ।

मिस्र क बारे मँ सँदेसा

इ सँदेसा मिस्र क बारे मँ अहइ। इ सँदेसा निको फिरौन क फउज क बारे मँ अहइ। निको मिस्र क राजा रहा। ओकर फउज कर्कमीस नगर मँ पराजित भइ रही। कर्कमीस परात नदी पइ अहइ। यहोयाकीम क यहूदा पइ राज्जकाल क चउथे बरिस बाबुल क राजा नबूकदनेस्सर निको फिरौन क फउज क कर्कमीस मँ पराजित किहस। यहोयाकीम राजा योसिय्याह क पूत रहा। मिस्र बरे यहोवा क सँदेसा इ अहइ:

“आपन बिसाल अउर छोटकी ढालन क तइयार करा।
    जुद्ध बरे कुच कइ द्या।
घोड़न क तइयार करा।
    फउजियन, आपन घोड़न पइ बइठ।
जुद्ध बरे आपन जगहिया जा
    अउर आपन टोप पहन ल्या।
आपन भालन क तेज करा।
    आपन कवच पहिर ल्या।
मइँ इ का लखत हउँ? फउज डर गइ बाटइ।
    फउजी परात अहइँ।
ओनकर वीर फउजी
    पराजित होइ ग अहइँ।
उ पचे हाली परात अहइँ।
    उ पचे पाछे मुड़िके नाहीं लखतेन।
    सर्वत्र डर छावा अहइ।”
यहोवा इ सबइ बातन कहेस।

“तेज धावक पराइके निकरि नाहीं सकतेन।
    ताकतवर फउजी बचिके पराइ नाहीं सकत।
उ पचे सबहिं ठोकर खइहीं
    अउर उत्तर मँ परात नदी क किनारे पइ गिरब्या।
नील नदी क नाई कउन उमड़त आवत अहइ?
    उ बलवती अउ तेज नदी क नाई कउन बढ़त बाटइ?
इ मिस्र अहइ जउन उमड़त नील नदी जइसा आवति अहइ।
    इ मिस्र अहइ जउन बलवती तेज नदी जइसा आवत अहइ।
मिस्र कहत ह: ‘मइँ आउब अउर पृथ्वी क पाट देब,
    मइँ नगरन अउर ओनकर लोगन क बर्बाद कइ देब।’
घुड़सवारो, जुद्ध मँ टूट पड़ा।
    सारथियो, तेज हाँका।
वीर फउजियो, अगवा बढ़।
    वूस अउर पूत क फउजियो, आपन ढालन ल्या।
    लूदीया क फउजियो, आपन धनुस सँभारा।

10 “किन्तु उ दिन, हमार सुआमी सर्वसक्तीमान यहोवा बिजयी होइ।
    उ समइ उ ओन लोगन क सजा देइ जेनका सजा मिलत ह।
यहोवा क दुस्मन उ सजा पइहीं जउन ओनका मिलइ क अहइ।
    तरवार तब काटी जब तलक उ गोंठिल नाहीं होइ जात।
तरवार तब तलक मारी जब तलक एकर खून क पियास बुझ नाहीं जात।
    इ होइ, काहेकि इ सबइ हमार सुआमी सर्वसक्तीमान यहोवा बरे बलि भेंट होत ह।
    उ बलि मिस्र क फउज अहइ जउन परात नदी क किनारे उत्तरी पहँटा मँ अहइ।

11 “मिस्र, गिलाद क जा अउर कछू दवाइयन लिआवा।
    तू अनेक दवाइयन बनउब्या, किन्तु उ सबइ सहायक नाहीं होइहीं।
    तू तन्दुरूस्त नाहीं होब्या।
12 रास्ट्र तोहार सर्मनाक हार लखब्या।
    तोहार रोउब समूचइ पृथ्वी पइ सुना जाइ।
एक ‘वीर सिपाही’ दूसर ‘सिपाही’ पइ टूट पड़ी
    अउर दुइनउँ ‘वीर’ फउजी साथ भहरइहीं।”

13 इ उ सँदेसा अहइ जेका यहोवा यिर्मयाह नबी क दिहस। इ सँदेसा नबूकदनेस्सर क बारे मँ अहइ जउन मिस्र पइ हमला करइ आवत अहइ।

14 “मिस्र मँ इ सँदेसा क घोसणा करा,
    एकर उपदेस मिग्दोल नगर मँ द्या।
    एकर उपदेस नोप अउर तहपन्हेस नगर मँ भी द्या।
‘जुद्ध बरे तइयार ह्वा।
    काहेकि तोहरे चारिहुँ ओर तरवारन स मारा जात अहइँ।’
15 मिस्र, तोहार ताकतवर फउजी काहे मारा जइहीं?
    उ पचे मुकाबले मँ नाहीं टिकिहीं
    काहेकि यहोवा ओनका खाले धक्का देइ।
16 उ सबइ फउजी बार-बार ठोकर खइहीं,
    उ पचे एक दूसर पइ भहरइहीं।
उ पचे कहिहीं, ‘उठा, हम फुन आपन लोगन मँ चली,
    हम आपन देस चली।
हमार दुस्मन हमका पराजित करत अहइ।
    हमका जरूर पराइ निकरइ चाही।’
17 उ सबइ फउजी आपन देस मँ कहिहीं,
    ‘मिस्र क राजा फिरौन सिरिफ एक नाउँ क गूँज अहइ।
    ओकरे गौरव क समइ गवा।’”
18 राजा क इ सँदेसा अहइ।
    राजा सर्वसक्तीमान यहोवा अहइ।
“जदि मोर जिअब फुर अहइ तउ एक ताकतवर पत्र दर्सक आइ।
    उ सगरे क निअरे ताबोर अउर कर्मेल पहाड़न क नाईं महान होइ।
19 मिस्र क लोगो, आपन चिजियन क बाँधा,
    बन्दी होइ का तइयार होइ जा।
काहेकि नोप एक बर्बाद सूना पहँटा बन जाइ
    नगर नस्ट होइहीं
    अउर कउनो भी मनई ओनमाँ नाहीं रही।

20 “मिस्र एक सुन्नर गइया जइसा अहइ।
    किन्तु ओका पीड़ित करइ क उत्तर स एक गोमक्खी आवति अहइ।
21 मिस्र क फउज मँ भाड़े क फउजी मोटके बछवन जइसा अहइँ।
    उ सबइ सबहिं मुड़िके पराइ खड़ा होइहीं।
    उ पचे हमला क खिलाफ मजबूती स खड़ा नाहीं रहिहीं।
ओनकर बर्बादी क समइ आवत अहइ।
    उ पचे हाली ही सजा पइहीं।
22 मिस्र साँप क जइसा फुँफकार क आवाज करत ह
    अउ आगे बढ़त ह।
दुस्मन निचके स निचके आवत जात अहइ
    अउर मिस्री फउज पराइ क जतन करति अहइ।
दुस्मन मिस्र क खिलाफ कुल्हाड़ियन क संग आइ,
    उ सबइ लकड़हारन क तरह अहइ।”

23 यहोवा इ सबइ कहत ह,
    “दुस्मन मिस्र क बन क काट गिराइ।
बन मँ असंख्य बृच्छ अहइँ,
    किन्तु उ सबइ काट डावा जइहीं।
दुस्मन क सिपाही टिड्डी दल स भी जियादा अहइँ।
    उ पचे एतेन जियादा फउजी अहइँ कि ओनका कउनो गन नाहीं सकत।
24 मिस्र लज्जित होइ
    उत्तर क दुस्मन ओका पराजित करी।”

25 इस्राएल क परमेस्सर सर्वसक्तीमान यहोवा कहत ह: “मइँ बहोत हाली, थीबिस क देवता आमोन क सजा देब अउर मइँ फिरौन, मिस्र अउर ओकर देवतन क सजा देब। मइँ मिस्र क राजा लोगन क सजा देब। मइँ फिरौन पइ आखित लोगन क सजा देब। 26 मइँ ओन सबहिं लोगन क ओनकर दुस्मनन स पराजित होइ देब अउर उ पचे दुस्मन ओनका मार डावइ चाहत हीं। मइँ बाबुल क राजा नबूकदनेस्सर अउर ओकर सेवकन क हाथ मँ ओन लोगन क देब।

“बहोत पहिले मिस्र सान्ति स रहा अउर एन सब बिपत्तियन क समइ मिस्र फुन सान्तिपूर्वक रही।” यहोवा इ सबइ बातन कहेस।

उत्तरी इस्राएल बरे सँदेसा

27 “मोरे सेवक याकूब, भयभीत न ह्वा।
    इस्राएल, आतंकित न ह्वा।
मइँ निहचइ ही तोहका ओन दूर-दराज क देसन स बचाउब।
    मइँ तोहरे बच्चन क हुआँ स बचाउब जहाँ उ पचे बन्दी अहइँ।
याकूब क पुनःसुरच्छा अउर सान्ति मिली
    अउर कउनो मनई ओका भयभीत नाहीं करी।”
28 यहोवा इ सब कहत ह:
“याकूब मोर सेवक, डेराअ जिन।
    मइँ तोहरे संग हउँ।
मइँ तोहका अलग-अलग जगहन मँ दूर पठएउँ
    अउर मइँ ओन सबहिं रास्ट्रन क पूरी तरह बर्बाद करब।
    किन्तु मइँ तोहका पूरी तरह बर्बाद नाहीं करब।
तोहका ओकर सजा मिलइ चाही जउन तू बुरे काम किहा ह।
    एह बरे मइँ तोहका सजा स बच निकारइ नाहीं देब।
    मइँ तोहका अनुसासन मँ लिआउब, किन्तु मइँ उचित ही करब।”

भजन संहिता 22

प्रभात क हरिणी नाउँ क राग पइ संगीत निर्देसक बरे दाऊद क एक ठु भजन।

हे मोरे परमेस्सर, हे मोरे परमेस्सर, तू मोका काहे तजि दिहा ह?
    मोका बचावइ बरे तू काहे बहोतइ दूर अहा?
    मोर मदद क पुकार क सुनइ बरे तू बहोतइ दूर अहा।
हे मोरे परमेस्सर, मइँ तोहका दिन मँ पुकारेउँ
    मुला तू जवाब नाहीं दिहा,
अउर मइँ राति भर तोहका पुकारत रहेउँ।

हे परमेस्सर, तू पवित्तर अहा।
    तू राजा क नाई बिराजमान अहा।
    इस्राएल क स्तुतियन तोहार सिंहासन अहइ।
हमार पुरखन तोह पइ बिस्सास किहन।
    हाँ हे परमेस्सर उ पचे तोहार भरोसा रहेन।
    अउर तू ओनका बचाए रह्या।
हे परमेस्सर, हमार पुरखन तोहका मदद क गोहराएन अउर उ पचे आपन दुस्मनन स बच निकरेन।
    उ पचे तोह पइ बिस्सास किहन अउर उ पचे निरास नाहीं भएन।
तउ का मइँ फुरइ कउनो कीरा हउँ,
    जउन लोग मोहसे लज्जित भए बाटेन अउर मोहसे घिना करत हीं?
जउन भी मोका लखत ह मोर हँसी उड़ावत ह,
    उ पचे आपन मूड़ँ हलावत अउ आपन ओंठ बिरावत हीं।
उ पचे मोसे कहत हीं कि, “आपन रच्छा बरे तू यहोवा क गोहँराइँ सकत ह।
    उ तोहका बचाइ लेइ।
    अगर तू ओका ऍतना भावत ह तउ, निहचय ही उ तोहका बचाइ लेइ।”

हे परमेस्सर फुरइ तउ इ अहइ कि सिरिफ तू ही अहा जेकरे ऊपर मइँ निर्भर हउँ।
    तू मोका उ दिन स संभालया ह, जब स मोर जन्म भवा।
    तू ही अहा जेकर कारण स मइँ बच्पन स बिस्सास किहेउँ।
10 ठीक उहइ दिना स जब स मइँ जन्म लिहेउँ ह, तू मोर परमेस्सर रह्या ह।
    जइसे ही मइँ आपन महतारी क कोख स बाहेर आए रहेउँ, मोका तोहरी देखरेख मँ रख दीन्ह ग रहा।

11 तउ हे, परमेस्सर! मोका जिन बिसरि जा,
    संकट निअरे बाटइ, अउर कउनो भी मनई मोर मदद क नाहीं अहइ।
12 मइँ ओन लोगन स घिरा अहउँ,
    जउन सक्तीसाली साँड़न जइसे मोका घेरे भए अहइँ।
13 उ पचे ओन सिंहन जइसे अहइँ, जउन कउनो जन्तु क चीरत होइँ अउ दहाड़त होइँ
    अउर ओनकर मुँह विकराल खुला भवा होइँ।

14 मोर सक्ती धरती पइ बिखरे जल
    स लुप्त होइ गइ।
मोर हाड़न अलगाइ ग अहइँ।
    मोर साहस खतम होइ चुका अहइ।
15 मोर मुँह एक पुराना टूटा भवा बर्तन क टूका क नाईं सूख गवा अहइ।
    मोर जीभ आपन ही तालु स चिपकत अहइ।
    तू मोका कब्र क धूरि मँ डार दिहा ह।
16 दुट्ठ लोग मोर चारिहुँ कइँती “कुकुरन” क नाईं घेरे भए अहइँ,
    दुस्ट जनन क उ समूह मोका फँसाएस ह।
    उ पचे मोरे हथवन अउर गोड़न क छेद दिहेन ह।
17 मोका आपन हाड़ देखाँइ देत ह।
    इ सबइ लोग मोका घूरत अहइँ।
    इ सबइ मोका नस्कान पहोंचावइ क ताकत रखत हीं।
18 उ पचे मोर कपड़ा आपुस मँ बाँटत अहइँ।
    मोरे ओढ़नन बरे उ पचे पाँसा लोकावत अहइँ।

19 हे यहोवा, तू मोका जिन तजा।
    तू मोर बल अहा, मोर मदद करा।
    अब तू देर जिन लगावा।
20 हे यहोवा, मोर प्राण तलवार स बचाइ ल्या।
    ओन कुत्तन स तू मोर मूल्यवान जिन्नगी क रच्छा करा।
21 मोका सेर क मुँह स बचाइ ल्या
    अउ साँड़ क सीगंन स मोर रच्छा करा।

22 हे यहोवा, मइँ आपन भाइयन मँ तोर प्रचार करब।
    मइँ तोर प्रसँसा तोहरे भक्तन क सभा क बीच करब।
23 ओ यहोवा क उपासक लोगो, यहोवा क बड़कई करा।
    इस्राएल क सन्तानन यहोवा क आदर करा।
    ओ इस्राएल क सबहिं लोगो, यहोवा क भय माना अउ आदर करा।
24 काहेकि यहोवा अइसे मनइयन क मदद करत ह जउन विपत्ति मँ होत हीं।
    यहोवा ओनसे घिना नाहीं करत ह।
अगर लोग मदद बरे यहोवा क पुकारइँ
    तउ उ खुद क ओनसे न छिपाइ।

25 मइँ तोहका धामिर्क सभा मँ स्तुति बरे का भेंट कइ सकत हउँ।
    तोहार भक्त लोगन क समन्वा मइँ तोहका उ देबउँ जेका मइँ वादा किहेउँ ह।
26 दीन जन भोजन पइहीं अउर सन्तुट्ठ होइहीं।
    तू लोग जउन ओका हेरत भए आवत अहा ओकर स्तुति करा।
    मन तोहार हमेसा हमेसा आनन्द स भरि जाइँ।
27 तब सबहिं दूर भुइँयन क लोग यहोवा क सुमिरइँ अउर ओकर लगे लउटि आवइँ।
    हे यहोवा, धरती क सबइ परिवार क हरेक लोग तोहार समन्वा निहुरिहीं।
28 काहेकि यहोवा राजा अहइ।
    उ हर एक रास्ट्र पइ सासन करत ह।
29 मानव जाति घास क नाईं स्थाइ नाहीं अहइँ जउन कि समूचइ धरती मँ उगत हीं।
    हम सबहिं आपन खइया क खाब अउर परमेस्सर क समन्वा निहुरि दण्डवत करब।[a]
हाँ मानव जाति मरत ह अउ ओनका कब्र मँ डार दीन्ह जात ह।
    सबइ लोग जउन जीवित अहइ या नाहीं अहइ परमेस्सर क समन्वा नम्रता स निहुरिके दण्डवत करइँ।
30 अउर भविस्स मँ हमार सन्तान यहोवा क सेवा करिहीं।
    लोग सदा सदा ही ओकरे बारे मँ बखनिहीं।
31 उ सबइ लोग अइहीं अउर परमेस्सर क भलाई क
    प्रचार करिहीं जेनकर अबहिं जन्म ही नाहीं भवा।

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.