M’Cheyne Bible Reading Plan
मीका क मूरतियन
17 मीका नाउँ क एक मनई रहा जउन एप्रैम क पहाड़ी पहँटा मँ रहत रहा। 2 मीका आपन महतारी स कहेस, “का तोहका चाँदी क गियारह सौ सिक्कन याद अहइ जउन तोहसे चोराइ लीन्ह ग रहेन। मइँ तोहका ओकरे बारे मँ सराप देत सुनेउँ। उ चाँदी मोरे लगे अहइ। मइँ ओका लिहेउँ ह।”
ओकर महतारी कहेस, “मोर पूत, तोहका यहोवा आसीर्बाद देइ।”
3 मीका आपन महतारी क गियारह सौ सिक्के वापस दिहेस। तब उ कहेस, “मइँ इ सबइ सिक्कन यहोवा क एक खास भेंट क रूप मँ देब। मइँ इ चाँदी आपन पूत क देब अउर उ एक ठु मूरति बनाई अउर ओका चाँदी स ढाँपि देइहीं। एह बरे पूत, अब इ चाँदी मइँ तोहका लउटावत हउँ।”
4 मुला मीका उ चाँदी आपन महतारी क लउटाइ दिहस। एह बरे उ दुइ सौ सेकेल चाँदी लिहेस अउ एक ठु सुनार क दइ दिहस। सुनार चाँदी क उपयोग चाँदी स ढाँपी एक ठु मूरति बनावइ मँ किहस। मूरति मीका क घरे मँ धरी गइ। 5 मीका क एक ठु मन्दिर मूरतियन क पूजा करइ बरे रहा। उ एक एपोद अउर कछू घरेलू मूरतियन बनाएस अउर ओनका हुआँ रखेस तब मीका आपन पूतन मँ स एक क आपन याजक चुनेस। 6 (उ समइ इस्राएल क लोगन क कउनो राजा नाहीं रहा। एह बरे हर एक मनई उ करत रहा जउन ओका नीक जँचत रहा।)
7 एक ठु लेवीवंसी नउजवान रहा। उ यहूदा भुइँया मँ बेतलेहेम नगर क निवासी रहा। उ यहूदा क परिवार समूह मँ रहत रहा। 8 उ नउजवान यहूदा मँ बेतलेहेम क तजि दिहस। उ रहइ बरे दूसर ठउर हेरत रहा। जब उ जात्रा करत रहा, उ मीका क घरे एप्रैम क पहाड़ी पहँटा मँ आवा 9 मीका ओहसे पूछेस, “तू कहाँ स आवा अहा?”
नउजवान जवाब दिहेस, “मइँ उ बेतलेहम नगर क लेवी बंसी अहउँ जउन यहूदा मँ अहइ। मइँ रहइ खातिर एक ठु ठउर हेरत हउँ।”
10 तब मीका ओहसे कहेस, “मोरे संग रहा। मोर बाप अउर मोर याजक बना। मइँ हर साल तोहका दस ठु चाँदी क सिक्कन देब। मइँ तोहका ओढ़ना अउ खइया क देब।”
लेवी बंसी नउजवान मीका क संग रहइ क तइयार होइ गवा। 11 नउजवान मीका क पूतन क जइसा होइ गवा। 12 मीका नउजवान क आपन याजक नियुक्त किहा। इ तरह नउजवान याजक बन गवा अउर मीका क घरे मँ रहइ लाग। 13 मीका कहेस, “अब मइँ जानत अहउँ कि यहोवा मोरे बरे नीक होइ। मइँ इ एह बरे जानत हउँ कि मइँ लेवी बंसी क परिवारे क एक ठु मनई क याजन क रूप मँ रखेउँ ह।”
पौलुस क यरुसलेम जाब
21 फिन ओनसे बिदाइ लइके समुद्दर मँ हम पचे आपन नइया खेइ दीन्ह अउर सोझ राहे म कास पहोंच गएन अउर भियान रोदुस। फिन हुवाँ स हम पतरा चला गएन। 2 हुवाँ हम एक ठु जहाज लीन्ह जउन फिनीके जात रहा।
3 जब साइप्रस लखइ क आइ गवा तउ हम पचे ओका बाई कइँती छोड़िके सीरिया कइँती मुड़ि गएऩ काहेकि जहाज क सूर मँ माल उतारइ क रहा तउ हम पचे भी हुवँई उतरि गएन। 4 हुवाँ हम पचन क अनुयायी मिलेन जेनके संग हम सात दिनाँ ताई ठहरेन। उ पचे आतिमा क असर स पौलुस क यरुसलेम जाइ स रोक दिहेन। 5 फिन हुवाँ ठहरइ क आपन समइ बिताइके हम पचे बिदा भएन आपन जात्रा पर निकरि गएन। आपन स्त्रियन अउर बचवन क संग उ पचे सहर क बाहेर तलक हमरे संग आएऩ। फिन हुवाँ समुद्दर क किनारे हम पचे घुटना क बल निहुरिके पराथना कीन्ह। 6 अउर एक दूसर स बिदा होइके हम पचे जहाजे प चढ़ि गएऩ। अउर उ पचे आपन-आपन घरन क लौटि आएऩ।
7 सूर स पानी क रस्ता क जरिए जात्रा करत भए हम पतुलिमयिस मँ उतरेन। हुवाँ भाई लोगन क सुआगत सत्कार करत भए हम पचे ओनकइ संग एक दिन ठहरेन। 8 दूसर दिन ओनका छोरिके हम कैसरिया आइ गएन। अउर सुसमाचार क प्रचारक फिलिप्पुस, जउन चुना भवा सात सेवकन मँ एक रहा, घर जाइके ओनके संग ठहरेन। 9 ओकरे चार ठु कुँवारी बिटिया रहिन जउन भविस्सबाणी करत रहिन।
10 हुवाँ हमरे कछू दिनन ठहरे रहइ क पाछे यहूदिया स अगुबस नाउँ क एक नबी आवा। 11 हमरे निअरे आवत भवा उ पौलुस क करिहाउँ बाँधिके उठाइके ओसे अपऩइ ही गोड़ अउर हाथ बँधवाइ लिहेस अउर बोला, “इ अहइ जउन पवित्तर आतिमा कहत बा, ‘यानी यरूसलेम मँ यहूदियन, जेकर इ कमर बँध अहइ, ओका अइसे ही बॉधिके गैर यहूदियन क हाथे सौंपि देइही।’”
12 हम पचे जब इ सुनेन तउ हम हुवाँ क मनइयन ओसे यरूसलेम न आवइ क पराथना किहेन। 13 यह पइ पौलुस जवाब दिहेस, “इ तरह रोइ रोइके मोर हिरदय तोड़त भए इ तू पचे का करत बाट्या? मइँ तउ यरूसलेम मँ न सिरिफ बाँधा जाइ बरे बल्कि पर्भू मसीह क नाउँ प मरइ तलक सन्नध अही!”
14 काहेकि हम ओका मना नाहीं कइ पाएन। तउ बस ऍतना कहिके चुप्पी साधि गएन “जइसी पर्भू क इच्छा।”
15 इ दिनन क पाछे फिन हम तइयारी कइके यरुसलेम चला गएन। 16 कैसरिया स कछू चेलन भी हमरे संग होइ गएऩ। उ पचे हमका साइप्रस क मनासोन नाउँ क एक मनई क हियाँ लइ गएन जउन ईसू का पहिला चेला रहा। हमका उहइ क संग ठहरइ क रहा।
पौलुस क याकूब स भेंट
17 यरूसलेम पहुँचे प भाई लोगन बड़ा उछाइ स हमार सुआगत सत्कार किहेन। 18 दूसर दिन पौलुस हमरे संग याकूब स भेंटइ गवा। हुवाँ सबहिं कलीसिया क अगुआ हाजिर रहेन। 19 पौलुस ओनकइ सुआगत सत्कार किहेस अउर ओन सब कामे क बारे मँ जउन परमेस्सर ओकरे हीला स गैर यहूदियन क बीच करवाए रहा, एक एक कइके कहि सुनाएस।
20 तउ उ पचे परमेस्सर क स्तुति करत भए बोलेन, “बंधु तू पचे तउ लखत ही अहा हियाँ केतॅना ही हजार यहूदी अइसा अहइँ जउन बिसवास ग्रहण लिहे बाटेन। मुला उ पचे सोचत ही मूसा का व्यवस्था क मानब बहुत जरूरी अहइ। 21 तोहरे बारे मँ ओनसे कहा गवा बाटइ कि तू पचे गैर यहूदियन क बीच रहइवाला सबहिं यहूदी लोगन क मूसा क सिच्छा क तजइ क सीख देत बाट्या। अउर ओनसे कहत ह कि उ पचे न तउ आपन गदेलन क खतना करावइँ अउर न ही यहूदी रीति रिवाजे प चलइँ।
22 “तउ का कीन्ह जाइ? उ पचे इ तउ जरुरी ही सुनिहीं कि तू आवा अहा। 23 यह बरे तू उहइ करा जउन तोहसे हम कहत अही। हमरे संग चार ठु अइसे मनई बाटेन जउन कउनो मन्नत मानेन ह। 24 इ मनइयन क लइ जा अउर ओनकइ संग सुद्ध होइ क जलसा मँ सामिल होइ जा। ओऩकइ खर्जा दइ द्या उ पचे आपन मूड़ मुड़वाइ लइ लेइँ। ऍहसे सब लोग जान लेइहीं कि उ पचे तोहरे बारे मँ जउऩ सुने अहइँ, ओहमाँ स कउनो सच नाहीं बाटइ मुला तू तउ खुद ही हमरे व्यवस्था क मुताबिक जिन्नगी देत ह। 25 हियाँ तलक बिसवास ग्रहण करइवाले गैर यहूदियन क सवाल बा, हम पचे ओनका एक ठु चिट्ठि मँ लिखिके पठएऩ ह:
‘उ पचे मूरतियन प चढ़ावा प्रसाद, रकत क भोजन,
गटई घोंटि के मारे भएन गोरूअन
अउर व्यभिचार स आपने को खुद क दूर राखइँ।’”
पौलुस बन्दी बनवा गवा
26 इ तरह पौलुस ओन मनइयन क आपन संगे लिहस अउर ओन मनइयन क संग आपन खुद क अगले दिन सुद्ध कइ दिहस। फिन उ मंदिर मँ गवा जहाँ उ गोहराइके कहेस कि सुद्ध होइके दिन कब पूर होइहीं अउर हम पचन मँ स हर एक बरे चढ़ावा कब चढ़ाइ जाइ।
27 जब उ सात दिना पूर होइवाला रहा, एसिया स आए कछू यहूदी लोग ओका मंदिर मँ लखेन। उ पचे भीड़ मँ सबहिं मनइयन क हुस्काइ दिहेन अउर पौलुस क धइ लिहन। 28 फिन उ पचे नरियाइके बोलेन, “इस्राएल क मनइयो मदद करा। इ उहइ मनई अहइ जउन हर कहूँ हमार जनता क, मूसा क व्यवस्था क खिलाफ मनइयन क सिखावत बहकावत बा। अउर अब तउ इ गैर यहूदियन क मंदिर मँ लइ आवा अहइ। अउर इ इ तरह इ पवित्तर स्थान क भरभण्ड कइ दिहे अहइ।” 29 (उ पचे अइसा यह बरे कहे रहेन कि त्रुफिमुस नाउँ क एक इफिसी क सहर मँ उ पचे ओकर संग लखिके अइसा सोचेन कि पौलुस ओका मँदिर मँ लइ गवा अहइ।)
30 तउ सारा सहर खिलाफ उठि खड़ा भवा। मनई भागि भागिके चढ़ बइठेन अउर पौलुस क धइ लिहेन। फिन उ पचे ओका घिसीटते भए मंदिर स बाहेर लइ गएऩ अउर फउरन फाटक बन्द कइ दिहेन। 31 उ पचे ओका मारइ क जतन करत ही रहेन कि रोमी फऊज क टुकड़ी क नायक क लगे इ सूचना पहोंची कि समूचइ यरुसलेम मँ खलबली मची बा। 32 उ सेनानायक कछू सिपाहियन अउर फउज क अधिकारी क आपन संग लिहेस अउर पौलुस प हमला करइवाले यहूदियन कइँती बढ़ा। यहूदियन जब सेना नायक अउर सिपाही लोगन क लखेन तउ उ पचे पौलुस क पीटब बंद किहेन।
33 तब उ सेनानायक पौलुस क लगे गवा अउर ओका बंदी बनाइ लिहेस। उ ओका दुइ जंजीरे मँ बाँध लेइ क आदेस दिहेस। फिन उ पूछेस, “उ कउन अहइ अउर उ का किहेस ह?” 34 भिड़िया मँ स कछू मनइयन एक बात कहेन तउ दूसर लोग दूसर बात। इ हो-हल्लड़ मँ काहेकि उ इ नाहीं जान पाएस कु सच्चाई का अहइ, यह बरे उ हुकुम दिहेस कि ओका छावनी मँ लइ चला जाइ। 35-36 पौलुस जब सीढ़िन क लगे पहोंचा तउ भिड़िया मँ फइली हिंसा स सिपाहियन क ओका आपन सुरच्छा मँ लइ जाइ पड़ा। काहेकि ओकरे पाछे मनइयन क एक भारी भीड़ इ चिचियात भइ चलत रही, “ऍका मारि डावा!”
37 जब उ छावनी क भीतर लइ जावा जाइवाला रहा कि पौलुस सेनानायक स कहेस, “का मइँ तोहसे कछू कहि सकत हउँ?”
सेनानायक बोला, “का तू यूनानी बोलत अहा? 38 तउ तू उ मिस्र क मनई तउ नाहीं अहा न जउन पहिले दंगा सुरु कराए रहा अउर जउन हियाँ रेगिस्तान मँ चार हजार आंतकवादी लोगन क अगुअई करत रहा?”
39 पौलुस कहेस, “मइँ किलिकिया क तरसुस सहर क एक यहूदी मनई हउँ। अउर एक मसहूर सहर क नागरिक हउँ। मइँ तोहसे चाहत हउँ कि तू मोका इ मनइयन क बीच बोलाइ द्या।”
40 ओसे आग्या पाइके पौलुस सीढ़ी प खड़ा होइके मनइयन कइँती हाथ हिलावत भवा ओनका सांत होइ क कहेस। जब सब सांत होइ गवा तउ पौलुस इब्रानी भाखा मँ मनइयन स कहइ लाग।
आसा क प्रतिग्यन
30 इ सँदेसा यहोवा क अहइ जउन यिर्मयाह क मिलइ। 2 इस्राएल क लोगन क परमेस्सर यहोवा इ कहेस, “यिर्मयाह, मइँ जउन सँदेसा दिहेउँ ह, ओनका एक ठु किताबे मँ लिख ड़ावा। इ किताबे क अपने बरे लिखा।” 3 इ सँदेसा यहोवा क अहइ। “इ करा, काहेकि उ सबइ दिन अइहीं जब मइँ आपन लोगन इस्राएल अउर यहूदा क देस निकारइ स वापस लिआउब।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ। “मइँ ओन लोगन क उ देस मँ वापस लि आउब जेका मइँ ओनके पुरखन क दिहे रहेउँ। तब मोर लोग उ देस क फुन अपना बनइहीं।”
4 यहोवा इ सँदेसा इस्राएल अउर यहूदा क लोगन क बारे मँ दिहस
5 यहोवा जउन कहेस, उ इ अहइ:
“हम भय स रोवत लोगन क रोउब सुनित ह।
लोग डेरान अहइँ। कहूँ सान्ति नाहीं।
6 “इ सवाल पूछा एह पइ विचार करा:
का कउनो पुरूख बच्चा क जन्म दइ सकत ह निहचय ही नाहीं।
तब मइँ हर एक सक्तिसाली मनई क पेट धरे काहे लखत हउँ
माना उ पचे पइदा करइवाली मेहरारू क पीरा सहत होइँ?
काहे हर एक मनई क मुँह ल्हास सा सफेद होत अहइ?
काहेकि लोग बहोत भयभीत अहइँ?
7 “इ याकूब बरे बहोत महत्वपूर्ण समइ अहइ।
इ बड़की बिपत्ति क समइ अहइ।
इ तरह क समइ फुन कबहुँ नाहीं आइ।
किन्तु याकुब बच पाइ।”
8 इ सँदेसा यहोवा क अहइ: “उ समइ, मइँ इस्राएल अउर यहूदा क लोगन क गटइ स जुआ क तोड़ डाउब अउर तोहका जकड़इवाली रस्सियन क मइँ तोड़ देब। विदेसन क लोग मोरे लोगन क फुन कबहुँ दास होइ बरे बिवस नाहीं करिहीं। 9 इस्राएल अउर यहूदा क लोग दूसर देसन क भी सेवा नाहीं करिहीं। नाहीं, उ पचे तउ आपन परमेस्सर यहोवा क सेवा करिहीं अउर उ पचे आपन राजा दाऊद क सेवा करिहीं। मइँ उ राजा क ओनके लगे पठउब।
10 “एह बरे मोर सेवक याकूब डेराअ नाहीं।”
इ सँदेसा यहोवा क अहइ।
“इस्राएल, डेराअ नाहीं।
मइँ उ बहोत दूर क ठउरे स तोहका बचाउब।
तू उ बहोत दूर क देस मँ बन्दी अहा,
किन्तु मइँ तोहरी सन्तानन क उ देस स बचाउब।
याकूब फुन सान्ति पाइ।
याकूब क लोग तंग नाहीं करिहीं।
मोरे लोगन क भयभीत करइवाला कउनो दुस्मन नाहीं होइ।
11 इस्राएल अउर यहूदा क लोगो, मइँ तोहरे संग हउँ।”
यहोवा कहत ह,
“अउर मइँ तोहका बचाउब।
मइँ तोहका ओन रास्ट्रन मँ पठएउँ।
किन्तु मइँ ओन सबहिं रास्ट्रन क पूरी तरह नस्ट करब।
किन्तु मइँ तोहका नस्ट नाहीं करब।
किन्तु मइँ तोहका निआवपूर्ण अनुसासित करब
ओन बुरे कामन क सजा जरूर मिली जेनका तू किहा।”
12 यहोवा कहत ह,
“इस्राएल अउर यहूदा क तू लोगन क एक घाव अहइ जउन नीक नाहीं कीन्ह जाइ सकत।
तोहका एक चोट अहइ जउन नीक नाहीं होइ सकत।
13 तोहरे घावत क ठीक करइवाला कउनो मनई नाहीं अहइ।
एह बरे तू तन्दुरूस्त नाहीं होइ सकत्या।
14 तू अनेक रास्ट्रन क मीत बना अहा,
किन्तु उ पचे रास्ट्र तोहार परवाह नाहीं करतेन।
तोहार ‘मीत’ तोहका बिसरि गवा अहइँ।
मइँ तोहका दुस्मन जइसी चोट पहोंचाएउँ।
मइँ तोहका कठोर सजा दिहेउँ।
मइँ इ तोहरे बड़के अपराध बरे किहेउँ।
15 इस्राएल अउर यहूदा तू आपन घाव क बरे मँ काहे चिल्लात अहा?
तोहार घाव कस्ट देइवाला अहइ अउर एकर कउनो उपचार नाहीं अहइ।
मइँ, यहोवा तोहार बड़के अपराधन क कारण तोहका इ सबइ किहेउँ।
मइँ इ सबइ कछू तोहार अनेक पापन क कारण किहेउँ।
16 ओन रास्ट्र तोहका नस्ट किहन।
किन्तु अब उ सबइ नस्ट कीन्ह जइहीं।
इस्राएल अउर यहूदा तोहार सत्रु बन्दी होइहीं।
ओन लोग तोहार चिजियन चोराएन।
किन्तु दूसर लोग ओनकर चिजियन चुराइहीं।
ओन लोग तोहार चिजियन जुद्ध मँ लिहेन।
किन्तु दूसर लोग ओनसे चिजियन जुद्ध मँ लेइहीं।
17 मइँ तोहरी तन्दुरूस्ती क लउटाउब अउर मइँ तोहरे घावन क भरब।”
इ सँदेसा यहोवा क अहइ।
“काहेकि दूसर लोग कहेन कि तू जाति-बहिस्कृत अहा।
ओन लोग कहेन, ‘कउनो भी सिय्योन क परवाह नाहीं करत।’”
18 यहोवा कहत ह:
“याकूब क लोग अब बन्दी अहइँ।
किन्तु उ पचे वापस अइहीं।
अउर मइँ याकूब क परिवारन पइ दाया करब।
सहर अब बर्बाद इमारतन स ढका एक पहाड़ी सिरिफ अहइ।
किन्तु इ नगर फुन बनी
अउर राजा क महल भी हुआँ फुन बनी जहाँ एका होइ चाही।
19 ओन ठउरन पइ लोग स्तुतिगान करिहीं।
हुआँ हँसी ठठा भी सुनाइ पड़ी।
मइँ ओनका बहोत सी सन्तानन देब।
इस्राएल अउ यहूदा नान्ह नाहीं रहिहीं।
मइँ ओनका सम्मान देब।
कउनो मनई ओनकर अनादर नाहीं करी।
20 याकूब क परिवार प्राचीनकाल क परिवारन सा होइ।
मइँ इस्राएल अउर यहूदा क लोगन क सक्तिसाली
बनाउब अउर मइँ ओन लोगन क सजा देब जउन ओन पइ चोट करिहीं।
21 ओनहीं मँ स एक ओनकर अगुवा होइ।
उ सासक मोरे लोगन मँ स होइ।
उ मोरे निचके तबइ आइ
जब मइँ ओनसे अइसा करइ क कहब।
एह बरे मइँ अगुवा क आपन लगे बोलाउब
अउर उ मोरे निअरे होइ।
22 तू पचे मोर लोग होब्या
अउर मइँ तोहार पचन्क परमेस्सर होब।”
23 यहोवा बहोत कोहान रहा।
उ लोगन क सजा दिहस
अउर सजा प्रचण्ड आँधी क तरह आइ।
सजा एक चववात सा, दुट्ठ लोगन क खिलाफ आइ।
24 यहोवा तब तलक कोहान रही जब तलक उ पचे लोगन क सजा देब पूरा नाहीं करत
उ तब तलक कोहान रही जब
तलक उ आपन जोजना क अनुसार सजा नाहीं दइ लेत।
जब उ दिन आइ तउ यहूदा क लोगो, तू पचे समुझ जाब्या।
नवा इस्राएल
31 यहोवा इ सबइ कहेस: “उ समइ मइँ इस्राएल क पूरे परिवार समूहन क परमेस्सर होब अउर उ पचे मोर लोग होइहीं।”
2 यहोवा कहत ह, “जउन लोग दुस्मन क तरवार स बच गएन,
उ सबइ लोगन क रेगिस्ताने मँ आराम मिला।
इस्राएल आराम क खोज मँ रहा।”
3 बहोत दूर स यहोवा आपन लोगन क समन्वा परगट भवा।
यहोवा कहत ह, लोगो,
“मइँ तोहसे पिरेम करत हउँ अउर मोर पिरेम सदैव रही।
मइँ सदैव तोहरे बरे सच्चा रहब।
4 मोर दुलहिन, इस्राएल मइँ तोहका फुन बनाउब्या।
तू फुन लोगन स भरा सुन्नर देस बनबिउ।
तू आपन तम्बूरा फुन सँभलबिउ।
तू बिनोद करइवाले दूसर सबहिं लोगन क संग नचबिउ।
5 इस्राएल क किसानो, तू अंगूरे क बगिया फुन लगउब्या।
तू सोमरोन सहर क चारिहुँ कइँती ओन पहाड़ी पइ ओन अंगूरन क बाग लगउब्या
अउर किसान लोग ओन अंगूरन क बागन क फलन क आनन्द लेइहीं।
6 उ समइ आइ जब एप्रैम क पहाड़ी प्रदेस क चौकीदार इ सँदेसा घोसित करी:
‘आवा, हम आपन परमेस्सर यहोवा क उपासना करइ सिय्योन चली।’
एप्रैम क पहाड़ी प्रदेस क चौकीदार भी अहइ सँदेसा क घोसणा करिहीं।”
7 यहोवा कहत ह,
“खुस ह्वा अउर याकूब बरे गावा।
सर्वस्रेस्ठ रास्ट्र इस्राएल क बरे उद्घोस करा।
आपन स्तुतियाँ करा।
इ उद्घोस करा, ‘यहोवा आपन लोगन क रच्छा किहस ह।
उ इस्राएल रास्ट्र क जिअत बचे भए लोगन क रच्छा किहस ह।’
8 मइँ उत्तर क प्रदेस स इस्राएल क लिआउब।
मइँ पृथ्वी क बहोत दूर ठउरन स इस्राएल क लोगन क बटोरब।
ओन मनइयन मँ स कछू आँधर
अउर लँगड़ा अहइँ।
कछू मेहररूअन गर्भवती अहइँ
अउ बच्चन क जन्म देइहीं।
असंख्य लोग वापस अइहीं।
9 लउटत समइ उ सबइ लोग रोवत रहा होइहीं।
किन्तु मइँ ओनकर अगुवाई करब अउर ओनका आराम देब।
मइँ ओन लोगन क पानी क नालन क संग लिआउब।
मइँ ओनका बढ़िया रास्तन स लिआउब जेहसे उ पचे ठोकर खाइके न गिरइँ।
मइँ ओनका इ तरह लिआउब
काहेकि मइँ इस्राएल क बाप हउँ
अउर एप्रैम मोर पहिलौटी क बेटा अहइ।
10 “रास्ट्रन, यहोवा क इ सँदेसा सुना।
सागर क किनारे क दूर देसन क इ सँदेसा द्या कहा:
‘जउन इस्राएल क लोगन क बिखेरेस,
उहइ ओनका एक संग वापस लिआइ
अउर उ गड़रिया क तरह आपन झुंड (लोग) क देखरेख करी।’
11 यहोवा याकूब क वापस लिआइ
यहोवा आपन लोगन क रच्छा ओन लोगन स करी जउन ओनसे जियादा बलवान अहइँ।
12 इस्राएल क लोग सिय्योन क ऊँचाइयन अइहीं,
अउर उ पचे आनन्द घोस करिहीं।
ओनकर मुँह यहोवा क जरिये दीन्ह गइ नीक चिजियन क कारण खुसी स झूमि उठी।
यहोवा ओनका अन्न, नई दाखरस, तेल, नई भेड़िन अउ गइयन देइ।
उ पचे उ बगीचे क तरह होइहीं जेहमाँ प्रचुर जल होइ
अउर इस्राएल क लोग भविस्स मँ तंग नाहीं कीन्ह जाइँ।
13 तब इस्राएल क जुवतियन खुस होइहीं अउर नचिहीं।
जुवा, बुढ़वा मनई भी उ नाच मँ भाग लेइहीं।
मइँ ओनके दुःख क सुख मँ बदल देब।
मइँ इस्राएल क लोगन क आराम देब।
मइँ ओनकर उदासी क खुसी मँ बदल देब।
14 याजकन बरे जरूरत स जियादा बलि भेंट दीन्ह जाइ
अउर मोर लोग एहसे भरे पूरे अउर संतुट्ठ होइहीं जउन अच्छी चिजियन मइँ ओनका देब।”
इ सँदेसा यहोवा क अहइ।
15 यहोवा कहत ह,
“रामा मँ एक चिल्लाहट सुनाई पड़ी।
इ कटु चिल्लाहट अउर जियादा उदासी भरी भवी अही।
राहेल आपन बच्चन बरे जोर-जोर स रोवत भवा ह।
सान्त्वना पावइ स इन्कार करी,
काहेकि ओकर बच्चन मर गएन ह।”
16 किन्तु यहोवा कहत ह: “रोउब बन्द करा,
आपन आँखिन आँसू स न भरा।
तोहका आपन कामे क पुरस्कार मिली।”
इ सँदेसा यहोवा क अहइ।
“इस्राएल क लोग आपन सत्रु क देस स वापस अइहीं।
17 एह बरे इस्राएल, तोहरे बरे आसा अहइ।”
इ सँदेसा यहोवा क अहइ।
“तोहर बच्चन आपन देस मँ वापस लौटिहीं।
18 मइँ एप्रैम क रोवत सुनेउँ ह।
मइँ एप्रैम क इ कहत सुनेउँ ह:
‘हे यहोवा, तू फुरइ ही, मोका सजा दिहा ह अउर मइँ आपन पाठ सीख लिहेउँ ह।
मइँ उ बछवा क तरह रहेउँ जेका कबहुँ प्रसिच्छन नहीं मिला
मेहरबानी कइके मोका सजा देब बन्द करा,
मइँ तोहरे लगे वापस आउब।
तू फुरइ ही मोर परमेस्सर यहोवा अहा।
19 हे यहोवा, मइँ तोहका भटक गवा रहा।
किन्तु मइँ जउन बुरा किहेउँ ओहसे सिच्छा ल्या।
एह बरे मइँ आपन हिरदय अउर जीवन क बदल डाएउँ।
जउन मइँ जवानी क उमिर मँ मूरखता स भरे काम किहेउँ
ओकरे बरे मइँ परेसान अउर लज्जित हउँ।’”
20 परमेस्सर कहत ह:
“तू जानत अहा कि एप्रैम मोर पियारा पूत अहइ।
मइँ उ बचवा स पियार करत हउँ।
हाँ, मइँ अक्सर एप्रैम क खिलाफ बोलत हउँ,
किन्तु फुन भी मइँ ओका याद राखत हउँ।
मइँ ओहसे बहोत पियार करत हउँ।
मइँ फुरइ ही, ओका आराम पहोंचावइ चाहत हउँ।”
इ सँदेसा यहोवा क अहइ।
21 “इस्राएल क लोगो, सड़कन क संकेतन क लगावा।
ओन संकेतन क लगावा जउन तोहका घरे क मारग बतावइँ।
सड़किया क धियान स लखा।
उ सड़किया पइ धियान राखा जेहसे तू जात्रा करत अहा।
मोर दुलहिन इस्राएल घर लउटा,
आपन नगरन क लउटि आवा।
22 अबिस्सासी बिटिया
कब तलक तू चारिहुँ कइँती मँडरात रहबिउ? तू कब घरे अउबिउ?”
यहोवा एक नबी चीज धरती पइ बनावत ह,
एक ठु मेहरारू, मनई क चारिहुँ कइँती।
23 इस्राएल क परमेस्सर सर्वसक्तिमान यहोवा कहत ह: “मइँ यहूदा क लोगन बरे जउन बन्दी बनाए गए रहेन, फुन अच्छा काम करब। उ समइ यहूदा देस अउर ओकरे नगरन क लोग एन सब्दन क उपयोग फुन करिहीं। ‘ऐ जहाँ पइ सच्चा निवास अहइ, ए पवित्तर पर्वत यहोवा तोहका आसीर्वाद देइ।’
24 “यहूदा क सबहिं नगरन मँ लोग एक साथ सान्तिपूर्वक रहिहीं। किसान अउर उ मनई जउन आपन भेड़िन क खरकन क संग चारिहुँ कइँती घूमत हीं, यहूदा मँ सान्ति स एक संग रहिहीं। 25 मइँ ओन लोगन क आराम अउर सक्ति देब जउन थके अउर कमजोर अहइँ।”
26 इ सुनइ क पाछे मइँ जगेउँ अउर आपन चारिहुँ ओर लखेउँ। उ बड़की आनन्द दायी नींद रही।
27 “उ सबइ दिन आवत अहइँ जब मइँ यहूदा अउर इस्राएल क परिवारन क बढ़ाउब।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ। “मइँ ओनकर बच्चन अउर जानवरन क बढ़इ मँ भी मदद करब। इ पौधा क रोवइ अउर देखरेख करइ जइसा होइ। 28 पुराने जमाने मँ मइँ इस्राएल अउर यहूदा पइ धियान दिहेउँ, किन्तु मइँ उ समइ ओनका फटकारइ क निगाह स धियान दिहेउँ। मइँ ओनका उखाड़ फेंकेउँ। मइँ ओनका नस्ट किहेउँ। मइँ ओन पइ अनेक विपत्तियन ढाएउँ। किन्तु अब मइँ ओन पइ ओनका बनावइ अउ ओनका सक्तिसाली करइ क दृस्टि स धियान देब।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ।
29 “उ समइ लोग इ कहावत क कहब बन्द कइ देइहीं:
‘पुरखन खट्टे अंगूर खाएन
अउर बच्चन एकर कारण विपत्तियन झेलेन।’
30 मुला हर मनई आपन पाप बरे मरी। जउन मनई खट्टे अंगूर खाई उहइ एकर कारण विपत्तियन झेलिहीं।”
नवी करार
31 यहोवा इ सब कहेस, “उ समइ आवत अहइ जब मइँ इस्राएल क परिवार अउ यहूदा क परिवार क संग नवी करार करब। 32 इ उ करार क तरह नाहीं होइ जेका मइँ ओनके पुरखन क संग किहे रहेउँ। मइँ उ करार तब किहेउँ जब मइँ ओनकर हथवा धरेउँ अउर ओनका मिस्र स बाहेर लिआएउँ। मइँ ओनकर सुआमी रहेउँ अउर उ पचे करार तोड़ेन।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ।
33 “भविस्स मँ इ करार मइँ इस्राएल क लोगन क संग करब।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ। “मइँ आपन सिच्छन क ओनके दिमाग मँ रखब अउर ओनकर हिरदइ पइ लिखब। मइँ ओनकर परमेस्सर होब अउर उ पचे मोर लोग होइहीं। 34 लोगन क यहोवा क जानइ क बरे आपन पड़ोंसियन अउ रिस्तेदारन क, सिच्छा देइ नाहीं पड़ी। काहेकि सबस बड़के स लइके सबस छोटे तलक सबहिं मोका जनिहीं।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ। “जउन बुरा काम उ पचे कइ दिहन ओका मइँ छिमा करब। मइँ ओनकर पापन क याद नाहीं राखब।”
यहोवा इस्राएल क कबहुँ नाहीं तजी
35 यहोवा सूरज क दिन मँ चमकावत ह
अउर यहोवा चाँद अउ तारन क राति मँ चमकावत ह।
यहोवा सगरे क चंचल करत ह जेहसे ओकर लहरन किनारे स टकरात हीं।
ओकर नाउँ सर्वसक्तिमान यहोवा अहइ।
36 यहोवा इ करार करत ह, “जइसा मइँ सूरज, चाँद, तारन अउर समद्दर पइ नियन्तत्रन रखत हउँ,
वइसा ही मइँ इस्राएल क सन्तानन क ख्याल रखब।”
37 यहोवा कहत ह: “मइँ इस्राएल क सन्तान क कबहुँ तियाग नाहीं करब।
इ तबहिं संभव अहइ जदि लोग ऊपर आसमान क नापइ लागइँ अउर खाले धरती क समूचइ रहस्यन क जान जाइँ।
जदि लोग उ सबइ कइ सकिहीं तबहिं मइँ इस्राएल क संतानन क तजि देब।
तब मइँ ओनका, जउन कछू उ पचे किहन, ओकरे बरे तजब।”
इ सँदेसा यहोवा क अहइ।
नवा यरूसलेम
38 इ सँदेसा यहोवा क अहइ: “उ सबइ दिन आवत अहइँ जब यरूसलेम नगर यहोवा बरे फुन बनी। पूरा नगर हननेल क खमम्भा स कोनेवाले फाटक तलक फुन बनी। 39 नाप क जंजीर कोनेवाले फाटक स सोझइ गारेब क पहाड़ी तलक बिछी अउर तब गोआ नाउँ क ठउरे तलक फइली। 40 पूरी घाटी जहाँ ल्हास अउर राखी बहाइ जात ह। यहोवा बरे पवित्तर होइ अउर ओनमाँ किद्रोन घाटी तलक क सबहिं टीलन पूरब मँ घोड़ा-दुआर क कोने तलक सामिल होइहीं। सारा छेत्र यहोवा बरे पवित्तर होइ। यरूसेलम क नगर भविस्स मँ न ध्वस्त होइ, न ही बर्बाद कीन्ह जाइ।”
ईसू क फिन स जी जाब
(मत्ती 28:1-8; लूका 24:1-12; यूहन्ना 20:1-10)
16 सबित क दिन बीत गए प मरियम मगदलीनी, सलोमी अउर याकूब क महतारी मरियम क सरीरे पर लगावइ बरे सुगन्धि खरीदेस। 2 हफता क पहिले दिन भिंसारे सूरज निकरत ही उ पचे कब्र प गइन। 3 उ पचे आपुस मँ कहत रहीं, “हमरे बरे कब्र क दुआरे स कउन पथरवा क सरकाइ?”
4 फिन जब उ पचे आँखियाँ खोलि के निहारेन कि उ बहोतइ बड़वार पाथर हुवाँ स टरि गवा अहइ। तब उ देखिन कि पाथर हुआँ स दूर लुढ़क गवा। 5 फिन जब उ पचे कब्र क भीतर गइन तो निहारेन कि उज्जर कपरा पहिरे एक नउजवान दाहिन कइँती बइठा अहइ। वे पचे डेराइ गइन।
6 फिन नउजवान ओनसे कहेस, “जिन डेरा, तु सबइ जउन नासरी क ईसू खोजति अहा, जेका क्रूस प चढ़ाइ गवा अहइ, उ जी उठा बाटइ। उ हियाँ नाहीं बाटइ। इ ठउर क लखा जहाँ उ पचे ओका धरेन ह। 7 अब तू जा अउर ओनके चेलन क अउर पतरस स कहा, ‘उ तोसे पहिले गलील जात बाटइ। जइसा कि उ तोसे कहे रहा, उ तोहका हुवँइ मिली।’”
8 तब डर अउर अचरजि मँ आइके उ पचे कब्र स बाहेर निकरिके पराइ गइन। उ सबइ कउनो क कछू नाहीं बताएन काहेकि उ पचे बहोतइ घबराइ गइ रहिन।[a]
कछू चेलन क ईसू क दरसन
(मत्ती 28:9-10; यूहन्ना 20:11-18; लूका 24:13-35)
9 हफ्ता क पहिले दिन भिंसारे जी उठइ क पाछे उ सबन त पहिले मरियम मगदलीनी क समन्वा परगट भवा जेका उ सात दुस्ट आतिमन स छोड़वाएस। 10 उ ईसू क संगिन जउन सोक मँ बूड़ा रहेन, खुबइ रोवत रहेन, जाइके बताएस। 11 जब उ पचे सुनेन कि ईसू जीवित अहइ अउर उ ओका देखेस ह तउ पचे बिसवास नाहीं किहेन।
12 ऍकरे पाछे ओनमाँ स दुइनउँ क समन्वा जब उ पचे खेतन मँ जात जात राहे मँ रहेन, एक ठु दूसर रूप धइके परगट भवा। 13 उ पचे लौटि के दूसर चेलन क भी ऍकर खबर दिहन मुला उ सबइ ओकर बिसवास नाहीं किहेन।
प्रेरितन स ईसू क बातचीत
(मत्ती 28:16-20; लूका 24:36-49; यूहन्ना 20:19-23; प्रेरितन 1:6-8)
14 पाछे, जब ओकर गियारह प्रेरितन खाना खात रहेन, उ ओनके समन्वा परगट भवा अउर उ ओनके बिसवास न करइ के अउर मनवा क जर होइ जाइ के डाटेस फटकारेस काहेकि इ पचे ओकर बिसवास नाहीं किएन जउन ओका जी उठइ के बाद लखेन।
15 फिन उ ओनसे कहेस, “जा अउर समूची दुनिया क मनइयन क सुसमाचार क उपदेस द्या। 16 जउन कउनो बिसवास करत ह अउर बपतिस्मा लेत ह, ओकर बचावा होई अउर जउन बिसवास न करी, उ दोखी माना जाइ। 17 जउन मोरे मँ बिसवास करिहीं, ओनमाँ इ चीन्हा होइहीं; उ मोरे नाउँ प दुस्ट आतिमन क बाहेर खदेरिहीं उ सबइ नई नई भाखा बोलिहीं। 18 उ पचेन आपन हाथन स सांपन क पकरि लेइहीं अउर जदि उ पचे बिख पी जइहीं तउ ओनका नेसकान न होई, उ पचे रोगिन्प आपन हाथ धरिहीं अउर उ पचे चंगा होइ जइहीं।”
ईसू क सरगे मँ लौटुउँब
(लूका 24:50-53; प्रेरितन 1:9-11)
19 इ तरह जब पर्भू ईसू ओनसे बात कइ चुकेस तउ ओका सरगे मँ उठा लीन्ह गवा। उ परमेस्सर क दाहिन कइँती बइठ गवा। 20 ओकर चेलन बाहेर जाइके सब ठउरन मँ सुसमाचार दिहन कि ओनके संग पर्भू काम करत रहा। पर्भू बचन क अद्भुत कारजन करइ क सक्ति क संग लइके सच साबित किहेस।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.