M’Cheyne Bible Reading Plan
अउरत निआवाधीस दबोरा
4 एहूद क मृत्यु क पाछे इस्राएलियन एक बार फुन उहइ किहेन जउन यहोवा क नजर मँ बुरा रहा। 2 एह बरे यहोवा कनान प्रदेस क राजा याबीन क इस्राएली लोगन क पराजित करइ दिहस। याबीन हासोर नाउँ क नगर मँ सासन करत रहा। राजा याबीन क सेना क सेनापति सीसरा नाउँ क मनई रहा। सीसरा हरोसेत हाग्योयीम नाउँ क नगर मँ रहत रहा। 3 सीसरा क लगे नौव सौ लोहा क रथ रहेन अउर उ बीस बरिस तलक इस्राएल क लोगन क बरे बहोत क्रूर रहा। इस्राएल क लोगन क संग बहोत बुरा बेउहार कीन्ह गवा। एह बरे उ पचे यहोवा क पराथना किहेस अउर मदद बरे रोइके पुकारेस।
4 दबोरा नाउँ क एक ठु मेहरारू नबी रही। उ लप्तीदोत नाउँ क मनई क पत्नी रही। उ उ समइ इस्राएल क निआवाधीस रही। 5 एक दिन दबोरा, ताड़ क बृच्छ क खाले बइठी रही जेका “दबोरा क ताड़ बृच्छ” कहा जात रहा। इस्राएल क लोग ओकर लगे इ पूछइ बरे आएन कि सीसरा क बारे मँ का कीन्ह जाइ। (दबोरा क ताड़ बृच्छ एप्रैम क पहाड़ी प्रदेस मँ रामा अउ बेतेल नगरन क बीच रहा।) 6 दबोरा बाराक नाउँ क मनई क लगे सँदेसा पठएस। उ ओका ओहसे मिलइ क कहेस। बाराक अबीनोअम नाउँ क मनई क पूत रहा। बाराक नप्ताली क छेत्र मँ केदेस नाउँ क नगर मँ रहत रहा। दबोरा बाराक स कहेस, “यहोवा, इस्राएल क परमेस्सर तोहका आदेस देत ह, ‘जा अउर नप्ताली अउर जबूलून क परिवार समूहन स दस हजार मनइयन क इकट्ठा करा अउर ओनका ताबोर पहाड़ी पइ लइ जा। 7 मइँ याबीन क सेना क सेनापति सीसरा क तोहरे पास पठउब। मइँ सीसरा, ओकर रथन अउर ओकर सेना क कीसोन नदी पइ पहोंचाउब। मइँ हुवाँ सीसरा क हरावइ मँ तोहार मदद करब।’”
8 तब बाराक दबोरा स कहेस, “जदि तू मोरे संग चलबिउ तउ मइँ जाब अउर इ करब। किन्तु जदि तू नाहीं चलबिउ तउ मइँ नाहीं जाब।”
9 दबोरा जवाब दिहस, “निहचय ही, मइँ तोहरे संग चलब। किन्तु तोहरी स्वभाव क कारण जब सीसरा हरावा जाइ, तोहरा प्रसिद्धता नाहीं मिली। यहोवा एक ठु मेहरारू क जरिये सीसरा क हराइ देइ।”
एह बरे दबोरा बाराक क संग केदेस नगर क गइ। 10 केदेस नगर मँ बाराक जबूलून अउ नप्ताली क परिवार समूहन क एक संग बोलाएस। बाराक ओन परिवार समूह स, अपने संग चलइ बरे दस हजार मनइयन क बटोरेस। दबोरा भी बाराक क संग गइ।
11 हुआँ हेबेर नाउँ क एक अइसा मनई रहा जउन केनी लोगन मँ स रहा। हेबेर दूसर केनी लोगन क छोड़ चुका रहा। (केनी लोग होबाब क सन्तान रहेन। होबाब मूसा क ससुर रहा।) हेबेर सानन्नीम बलूत क बृच्छ क लगे सिबिर लगाएस। साननीम केदेस नगर क लगे अहइ।
12 तब सीसरा स इ कहा गवा कि बाराक जउन कि अबीनोअम क पूत अहइ, ताबोर पर्वते तलक पहोंच गवा अहइ। 13 एह बरे सीसरा आपन नौव सौ लोहा क रथन क बटोरेस। सीसरा आपन सबहिं फउजियन क भी संग लिहस। हरोसेत हाग्योयीम नगर स उ पचे कीसोन नदी तलक जात्रा किहेन।
14 तब दबोरा बाराक स कहेस, “आजु जा! यहोवा तोहका सीसर क हरावइ मँ मदद देइ। निहचइ ही, तू जानत अहा कि यहोवा पहिले स ही तोहरे बरे रस्ता साफ कइ रखेस ह।” एह बरे बाराक दस हजार फउजियन क ताबोर पर्वत स निचे उतारेस। 15 बाराक अउर ओकर फउजियन सीसरा पइ हमला कइ दिहन। जुद्ध क दौरान यहोवा सीसरा, ओकर फउज अउ रथन क अस्तव्यस्त कइ दिहस। एह बरे बाराक अउ ओकर फउज सीसरा क फउज क हराइ दिहस। किन्तु सीसरा आपन रथ क तजि दिहस अउ पैदल पराइ गवा। 16 बाराक अउर ओकर फउजी सीसरा क रथन अउर फउज क पाछ हरोसेत हाग्योयीम तलक लगातार किहन। बाराक क फउजियन सीसरा क फउजियन क मारइ बरे आपन तरवारन क उपयोग किहन। सीसरा क कउनो फउजी जिअत नाहीं बचा।
17 मूला सीसरा परइ गवा। उ उ तम्बू क लगे आवा, जहाँ याएल नाउँ क एक ठु मेहरारू रहत रही। याएल, हेबेर नाउँ क मनई क मेहरारू रही। उ केनी लोगन मँ स एक रही। हेबेर क परिवार हासोर क राजा याबीन स सान्ति-सन्धि किए भए रहा। एह बरे सीसरा, याएल क तम्बू मँ पराइ गवा। 18 याएल सीसरा क आवत लखेस, एह बरे उ ओहसे मिलइ बाहेर गइ। याएल सीसरा स कहेस, “मोरे तम्बू मँ आवा, मोर सुआमी, आवा डेराअ नाहीं।” एह बरे सीसरा याएल क तम्बू मँ गवा अउर उ ओका एक ठु कमबल स ढाँपि लिहेस।
19 सीसरा याएल स कहेस, “मइँ पिआसा अहउँ। कृपा कइके मोका पिअइ क तनिक पानी द्या।” एह बरे याएल एक मसक खोलेस, जेहमाँ उ दूध रखे रहा अउर उ पिअइ क दिहस। तब उ सीसरा क ढाँपि लिहेस।
20 तब सीसरा याएल स कहेस, “तम्बू क दुआर पइ जा। जदि कउनो हुवाँ स गुजरत ह अउर पूछत ह, ‘का हिआँ कउनो अहइ?’ तउ तू कहया ‘नाहीं।’”
21 किन्तु हेबेर क मेहरारू याएल तम्बू क एक खूँटी अउ हथौ़डा लिहस। याएल चुपचाप सीसरा क लगे गइ। सीसरा बहोत थका रहा एह बरे उ सोवत रहा। याएल तम्बू क खूँटी क सीसरा क मूँड़ क एक कइँती धरेस अउर ओह पइ हथौड़ा स चोट किहस। तम्बू क खूँटी सीसरा क मूँड़ क एक कइँती स होइके जमीन मँ धँस गइ अउर इ तरह सीसरा मर गवा।
22 ठीक तुरंत बाद बाराक सीसरा क हेरत भवा याएल क तम्बू क लगे आवा। याएल बाराक स मिलइ बाहेर निकरी अउर बोली, “अन्दर आवा अउर मइँ उ मनई क देखाउब जेका तू हेरत अहा।” एह बरे बाराक याएल क साथ तम्बू मँ घुसा। बाराक हुवाँ सीसरा क जमीन पइ मरा पड़ा पाएस, तम्बू क खूँटी ओकरे मूड़ी क एक कइँती स दूसरी कइँती निकरी भइ रही।
23 उ दिन यहोवा कनान क राजा याबीन को इस्राएल क लोगन क समन्वा हराएस। 24 इ तरह इस्राएल क लोग क्रम स जियादा सक्तिसाली होत गएन अउर उ पचे कनान क राजा याबीन क हराइ दिहन। इस्राएल क लोग कनान क राजा याबीन क आखिरी रूप स हराएस।
8 1-3 साऊल स्तिफनुस क कतल ठीक बताएस। उहइ दिना स यरुसलेम क कलीसिया प घोर अत्याचार होब सुरू भवा प्रेरितन क तजिके उ पते सबहिं मनइयन यहूदिया अउर सामरिया क गाउँ मँ तितराइ-बितराइके फैलि गएऩ।
बिसवासियन प अत्याचार
कछू भगत लोग स्तिफनुस क गाड़ दिहन अउर ओकरे बरे बहोत दुःख मनाएन। साऊल कलीसिया क बरबाद करब सुरू कइ दिहेस। उ घर-घर जाइके स्त्रियन अउर पुरूसन क घेर्रावत भवा जेल मँ धाँधइ लाग। 4 ओहर तितराए बितराए मनई हर ठउरे प जाइके नीक खबर क सुसामाचार देइ लागेन।
सामरिया मँ फिलिप्पुस क उपदेस
5 फिलिप्पुस सामरिया नगर क चला गवा अउर हुवाँ मनइयन मँ मसीह क बारे मँ प्रचार करइ लाग। 6 फिलिप्पुस क मनइयन जब सुनेन अउर जउन अद्भुत चीन्हन क उ परगट करत रहा, लखेस, तउ जउन बातन क उ बतावा करत रहा, ओन पइ उ पचे एक चित्त लाइके धियान दिहेन। 7 बहोत स मनइयन मँ स, जेनमाँ दुस्ट आतिमा समाई रहिन, उ सबई ऊँच अवाजे मँ चिल्लात भइ बाहेर निकरि आइन। बहोत स सुखाड़ी क बेरिमिया अउर अंग भंग नीक होत रहेन। 8 उ सहर मँ खुसी छाइ रही।
9 हुवँइ समौन नाउँ क मनई रहत रहा। फिलिप्पुस क अवाई स पहिले उ ढेर समइ स उ सहर मँ जादू टोटका करत रहा। अउर सामरिया क मनइयन क अचरज मँ डाइ देत रहा। उ महा पुरूख होइ क दावा करत रहा। 10 नान्ह स लइके बड़वारे तलक सबहिं मनइयन ओकरे बात प धियान देतेन अउर कहत रहतेन, “इ मिला परमेस्सर क उहइ सक्ती बा जउन ‘महान सक्ती’ कहवावत ह!” 11 काहेकि उ ढेर दिनन स ओन पचन्क आपन चमत्कारन क घनचक्कर मँ नाइ देत रहा, यह बरे उ पचे ओह पइ धियान देत रहेन। 12 मुला उ पचे जब फिलिप्पुस प पतिमानेन काहेकि उ ओनका परमेस्सर क राज्य क सुसामाचार अउर ईसू मसीह क नाउँ बाँचत रहा, तउ उ पचे स्त्रियन अउर पुरूसन दुइनउँ ही बपतिस्मा लेइ लागेन। 13 अउर खुद समौन ही ओन पइ पतियाइ लाग। अउर बपतिस्मा लेइ क पाछे फिलिप्पुस क संग उ बड़े निचके स बसइ लाग। उ अद्भुत कारजन अउर अद्भुत चीन्हन क जब उ लखेस, तब दंग रहि गवा।
14 जब यरूसलेम मँ प्रेरितन इ सुनेन कि सामरिया क मनइयन परमेस्सर क बचन क मान लिहे अहइँ तउ उ पचे पतरस अउर यूहन्ना क ओनके लगे पठएन। 15 जबहिं उ पचे आएऩ, तब उ दुइनउँ सामरियन बरे पराथना किहेन कि ओनका पवित्तर आतिमा मिलि जाइ। 16 काहेकि अबहुँ तलक पवित्तर आतिमा कउनो प नाहीं ओतरी, ओनका फिन पर्भू ईसू क नाउँ प बपतिस्मा हि दीन्ह गवा रहा। 17 तउ पतरस अउर यूहन्ना ओन पइ आपन हाथ धरेस अउर ओनका पवित्तर आतिमा मिलि गइ।
18 जब समौन लखेस कि प्रेरितन क हाथ धरे भइ स पवित्तर आतिमा मिलि गइ तउ ओनके समन्वा धन धरत भवा कहेस, 19 “इ सक्ती मोका दइ द्या काहेकि जेह पइ मइँ हाथ धरउँ, ओका पवित्तर आतिमा मिलि जाइ।”
20 पतरस ओसे कहेस, “तोहार अउर तोहरे धने क सतियानास होइ! काहेकि तू इ बिचार्या ह कि तू धने स परमेस्सर क बरदान क मोल लइ सकत ह। 21 इ बारे मँ तोहार हमार मेल नाहीं खात काहेकि परमेस्सर क समन्वा तोहार हिरदय सही नाहीं बा। 22 यह बरे आपन इ दुस्टता बरे मनफिराव अउर आपन कुकरम प पछतावा करा अउर पर्भू स पराथना करा। इ होइ सकत ह कि इ बिचार बरे तोहका छमा कइ दीन्ह जाइ जउन तोहरे मने मँ रहा। 23 मइँ लखत हउँ कि तू परिहँसे स भरा अहा अउर पाप क पंजा मँ फँसा बाट्या।”
24 यह पइ समौन जवाब दिहेस, “तू पर्भू स मोरे बरे पराथना करा काहेकि तू जउन कहया ह, ओहमाँ स कउनो भी बात मोह प न आइ जाइ!”
25 फिन प्रेरितन साच्छी दइके अउर पर्भू क बचन सुनाइके, राहे मँ टेर क सामरी गाँवन मँ सुसामाचार क उपदेस देत भएन यरूसलेम लौटि गएऩ।
इथियेपिया स आवा भएन मनइयन क फिलिप्पुस क उपदेस
26 पर्भू क एक सरगदूत फिलिप्पुस क कहत भवा बताएस, “तइयार होइ जा, अउर सरक प दक्खिन कइँती जा, जउन सरक यरूसलेम स गाजा क जात ह। इ एक निर्जन राह अहइ।”
27 तउ उ तइयार भवा अउर निकरि गवा। सरक पइ इथियोपिया क मनई क लखेस। उ हिजरा रहा। इथियोपियन क रानी कंदाके क एक अधिकारी रहा जउन ओकरे सारा खजाना क खजांची रहा। उ आराधना करइ यरूसलेम गवा रहा। 28 लउटत भवा उ आपन रथे मँ बैठिके नबी यसायाह क पोथी बाँचत रहा।
29 तबहिं उ आतिमा फिलिप्पुस स कहेस, “उ रथे क निचके जा अउर हुवँइ ठहर जा।” 30 फिलिप्पुस जब उ रथे क निचके दौड़िके गवा तउ उ ओका यसायाह क पढ़त भवा लखेस। तउ उ कहेस, “का तू जेका बाँचत अहा, ओका बूझत भी बाट्या?”
31 उ कहेस, “मइँ भला कहाँ तलक समुझ बूझ सकत हउँ? जब तलक कउनो मोका एकर अरथ न बतावइ?” फिन उ फिलिप्पुस क ऱथे प आपन संग बइठाएस। 32 पवित्तर सास्तर क जउन हींसा क उ बाँचत रहा, उ रहा:
“उ भेंड़ क नाई जप कइ दीन्ह बरे लइ जावा जात रहा
उ ओ मेम्ना क नाई चुप रहा जउन आपन उन क कतरइवाला क समन्वा चुप रहत ह।
ठीक वइसे ही उ आपन मुँह खोलेस नाहीं।
33 अब अइसी दीन दसा मँ ओका निआव स दुरिआवा गवा।
ओकरी पीढ़ी क कबहँ गाथा कउन गाई?
काहेकि धरती स तउओकर जिन्नगी लइ लीन्ह गइ।” (A)
34 उ अधिकारी फिलिप्पुस स कहेस, “अनुग्रह कइके बतावा कि इ नबी केकर बारे मँ कहत बाटइ? इ आपन बारे मँ या कउनो अउर क बारे मँ?” 35 फिन फिलिप्पुस कहब सुरू किहेस अउर इ सास्तर स लइके ईसू क सुसामाचार तलक सब कछू ओका कहिके सुनाएस।
36 रस्ता मँ आगे बढ़त भए उ सबइ पानी क निचके पहुँचेन। फिन उ अधिकारी कहेस, “लखा! हिआँ पानी बाटइ। अब मोका बपतिस्मा लेइ मँ का बियाधा अहइ?” 37 [a] 38 तब उ रथे क रोकइ बरे आग्या दिहेस। फिन फिलिप्पुस अउर उ अधिकारी दुइनउँ ही पानी मँ उतरि गएन अउर फिलिप्पुस ओका बपतिस्मा दिहेस। 39 अउर फिन जब उ पचे पानी स बाहेर निकसेन तउ फिलिप्पुस क पर्भू क आतिमा छीन लइ गवा। अउर उ अधिकारी फिन ओका कबहुँ नाहीं लखेस। ओहर उ अधिकारी खुसी मनावत आपन राहे प चला गवा। 40 ओह कइँती फिलिप्पुस खुद क असदोद मँ पाएस अउर कैसरिया पहोंच तलक उ सब नगरन मँ सुसमाचार प्रचार करत रहा।
हिरदय पइ लिखा अपराध
17 “यहूदा क लोगन क पाप हुआँ लिखा अहइ जहाँ स ओका मिटावा नाहीं जाइ सकत।
उ सबइ पाप लोहे क कलम स पाथरन पइ लिखे ग रहेन।
ओनकर पाप हीरे क नोकवाली कलम स लिखा ग रहेन, अउर उ पाथर ओनकर हिरदय अहइ।
उ सबइ पाप ओनकर वेदी क सीगंन क बीच काटे ग रहेन।
2 ओनकर बच्चन लबार देवतन क
अर्पित कीन्ह गइ वेदिन क याद राखत हीं।
3 उ पचे ओन चीजन क खुले ठउरे क पहाड़न पइ याद करत हीं।
यहूदा क लोगन क लगे सम्पत्ति अउर खजानन अहइँ।
मइँ ओन चीजन क दूसर लोगन क देब।
मइँ तोहरे देस क सबहिं उच्च ठउरन क नस्ट करब।
तू ओन ठउरन पइ पूजा कइके पाप किहा ह।
4 तू उ भूइँया क खोउब्या जेका मइँ तोहका दिहेउँ ह।
मइँ तोहरे दुस्मनन क तोहका ओनके दास क तरह
उ भूइँया मँ लइ जाइ देब जेकरे बारे मँ तू नाहीं जानत्या।
काहेकि मइँ बहोत कोहान हउँ।
मोर किरोध तपत आगी जइसा अहइ,
अउर जउन कि सदैव जरिहीं।”
जनता मँ बिस्सास एवं परमेस्सर मँ बिस्सास
5 यहोवा इ सब कहत ह,
“जउन लोग केवल दूसर लोगन मँ बिस्सास करत हीं ओनकर बुरा होइ।
जउन सक्ति बरे सिरिफ दूसर क सहारे रहत हीं ओनकर बुरा होइ।
काहेकि ओन लोग यहोवा पइ बिस्सास करब तजि दिहन ह।
6 उ सबइ लोग रेगिस्ताने क झाड़ी क तरह अहइँ।
उ झाड़ी उ भूइँया पइ अहइ जहाँ कउनो नाहीं रहत।
उ झाड़ी गरम अउ झुरान भुइँया मँ अहइ।
उ झाड़ी खराब माटी मँ अहइ।
उ झाड़ी ओन अच्छी चीजन क नाहीं जानत जेनका परमेस्सर दइ सकत ह।
7 “किन्तु जउन मनई यहोवा मँ बिस्सास करत ह, उ धन्य अहइ।
सिरिफ यहोवा ही ओका बिस्सास होइहीं।
8 उ मनई उ बृच्छ क तरह होइ जउन पानी क पास लगावा गवा होइ।
उ बृच्छ क लम्बी जउन होत हीं जउन पानी पावत हीं।
उ बृच्छ गर्मी क दिनन स नाहीं डरत।
ऍकर पातियन सदा हरी रहत हीं।
इ बरिस क ओन दिनन मँ परेसान नाहीं होत जब बर्खा नाहीं होत।
उ बृच्छ मँ सदा फल आवत हीं।
9 मनई क दिमाग बड़ा कपटी होत ह।
दिमाग बहोत बीमार भी होइ सकत ह
अउर कउनो भी मनई दिमाग क ठीक-ठाक नाहीं समुझत।
10 किन्तु मइँ यहोवा हउँ
अउर मइँ मनई क हिरदय क जान सकत हउँ।
मइँ मनई क दिमाग क जाँच कइ सकत हउँ।
एह बरे मइँ निर्णय कइ सकत हउँ कि हर एक मनई क का मिलइ चाही।
मइँ हर एक मनइ क ओकर बरे ठीक भुगतान कइ सकत हउँ जउन उ करत ह।
11 कबहुँ कबहुँ उ एक ठु चिरइया उ अण्डे स बच्चा निकारत ह जेका उ नाहीं दिहस।
उ मनई क आधी उमर खतम होइ तउ उ उ धने क खोइ देइ।
आपन जिन्नगी क आखीर मँ इ स्पस्ट होइ जाई
कि उ एक मूर्ख मनई रहा।”
12 सुरू ही स हमार मन्दिर परमेस्सर बरे
एक ठु गौरवसाली सिंहासन रहा।
इ एक बड़ा महत्व क स्थान अहइ।
13 हे यहोवा, तू इस्राएल क आसा अहा।
हे यहोवा, तू अमृत जल क सोते क तरह अहा।
जदि कउनो तोहार अनुसरण करब तजी
तउ ओकर जिन्नगी बहोत घटि जाइ।
यिर्मयाह क तीसरी सिकाइत
14 हे यहोवा, जदि तू मोका तन्दुरूस्त करत ह, मइँ फुरइ तन्दुरूस्त होइ जाब।
मोर रच्छा करा, अउर मोर फुरइ रच्छा होइ जाइ।
हे यहोवा, मइँ तोहार स्तुति करत हउँ।
15 यहूदा क लोग मोहसे सवाल करत रहत हीं,
“यिर्मयाह, यहोवा क हिआँ क सँदेसा कहाँ अहइ?
हम लोग देखाइँ कि संदेसा फुरइ साबित होत ह?”
16 हे यहोवा, मइँ तोहसे दूर नाहीं भागा,
मइँ तोहार अनुसरण किहेउँ ह।
तू जइसा चाह्या वइसा गड़रिया मइँ बना।
मइ नाहीं चाहत कि भयंकर दिन आवइ।
यहोवा तू जानत अहा जउन कछू मइँ कहेउँ।
जउन होत अहइ, तू सब लखत ह।
17 हे यहोवा, तू मोका बर्बाद जिन करा।
मइँ बिपत्ति क दिनन मँ तोहरे सहारे हउँ।
18 लोग मोका चोट पहोंचावत अहइँ।
ओन लोगन क लज्जित करा।
किन्तु मोका निरास जिन करा।
ओन लोगन क भयभीत होइ द्या।
मोर दुस्मनन पइ भयंकर बिनास क दिन लिआवा
ओनका तोड़ा अउर ओनका फुन तोड़ा।
सबित दिवस क पवित्तर रखब
19 यहोवा मोहसे इ सबइ बातन कहेस, “यिर्मयाह, जा अउर यरूसलेम क जन-दुआरे पइ खड़ा होइ जा, जहाँ स यहूदा क राजा भीतर आवत अउर बाहेर जात हीं। मोर लोगन क मोर सँदेसा द्या अउर तब यरूसलेम सबहिं दुआरन पइ जा अउर इहइ काम करा।”
20 ओन लोगन स कहा: “यहोवा क सँदेसा सुना। यहूदा क राजा लोगो, सुना। यहूदा क तू सबहिं लोगो सुना। इ दुआर स यरूसलेम मँ आवइवाले सबहिं लोगो, मोर बात सुना। 21 यहोवा इ बात कहत ह: ‘इ बात मँ सावधान रहा कि सबित क दिन बोझा लइके जिन चला अउर यरूसलेम क दुआरन स सबित क दिन बोझा न लिआवा। 22 सबित क दिन आपन घरन स बोझा बाहेर न लइ जा। उ दिन कउनो काम न करा। मइँ इहइ आदेस तोहार पुरखन क दिहे रहेउँ। 23 मुला तोहार पुरखन मोरे इ आदेस क पालन नाहीं किहन। उ पचे मोरी कइँती धियान नाहीं दिहन। तोहार पुरखन बहोत हठी रहेन। मइँ ओनका सजा दिहेउँ मुला एकर कउनो अच्छा फल नाहीं निकरा। उ पचे मोर एक नाहीं सुनेन। 24 मुला तोहका मोर आग्या क पालन करइ मँ सावधान रहइ चाही।’” इ सँदेसा यहोवा क अहइ। “‘तोहका सबित क दिन यरूसलेम क दुआरन स बोझा नाहीं लिआवइ चाही। तोहका सबित क दिन क पवित्तर बनावइ चाही। तू इ, उ दिन कउनो भी काम न कइके, करब्या।
25 “‘जदि तू इ आदेस क पालन करब्या तउ राजा जउन दाऊद क सिहांसने पइ बइठिहीं, यरूसलेम क दुआरन स अइहीं। उ सबइ राजा आपन रथन अउर घोड़न पइ सवार होइके अइहीं। यहूदा अउर इस्राएल क लोगन क प्रमुख ओन राजा लोगन क साथ होइहीं। यरूसलेम नगर मँ सदैव रहइवाले लोग हिआँ होइहीं। अउर यरूसलेम क नगर हमेसा बरे रहब्या। 26 यहूदा क नगरन स लोग यरूसलेम अइहीं। लोग यरूसलेम क ओन नान्ह-नान्ह गाँवन स अइहीं जउन एकरे चारिहुँ कइँती अहइँ। लोग उ पहँटा स अइहीं जहाँ बिन्यामीन क परिवार समूह रहत ह। लोग पच्छिमी पहाड़े क तराइयन अउर पहाड़ी प्रदेसन स अइहीं अउर लोग नेगव स अइहीं। उ पचे सबहिं लोग होमबलि, बलि अन्नबलि, सुगन्धि अउ धन्यवाद भेट लइके अहहीं। उ पचे ओन भेटन अउर बलियन क यहोवा क मन्दिर मँ लिअइहीं।
27 “‘किन्तु जदि तू मोर बात नाहीं सुनत्या अउर मोर आदेस क नाहीं मानत्या तउ बुरी घटनन होइहीं। जदि तू सबित क दिन यरूसलेम क दुआरे स बोझा लइ जात ह तब तू ओका पवित्तर दिन नाहीं रखत्या। इ दसा मँ मइँ अइसे आगी लगाउब जउन बुझाई नाहीं जाइ सकत। उ आगी यरूसलेम क दुआरन स सुरू होइ अउर महलन क भी जराइ देइ।’”
ईसू सुखंडी हाथ क बेरमिया क चंगा किहेस
(मत्ती 12:9-14; लूका 6:6-11)
3 एक दाईं फिन ईसू आराधनालय मँ गवा। हुवाँ एक ठो मनई रहा जेकर हाथ सुखंडी होइ गवा रहा। 2 कछू यहूदी अँखिया गड़ाइ के ईसू क निहारत रहेन कि का उ रोगी क सबित क दिन नीक करी। जदि गलती भए प ओका दोखी कहइँ। 3 ईसू सुखंडी हाथे क मनई स कहेस, “हिआँ खरा होइ जा जइसे सब जने तोहका निहारि सकइँ।”
4 तब ईसू ओनसे कहेस अउर लोगन पूछा, “सबित क दिन का करइ क नीक बाटइ? या भलाई करब या बुराई? का ई नीक बाटइ जीउ क बचाउब या मारब?” जबावे मँ ईसू स उ पचे कछू नाहीं कहेन।
5 उ गुस्सा मँ ओन पचन क देखेस। ओनके मन क कठोर भए स उ दुखी भवा। फिन उ मनई स कहेस, “आपन हथवा आगे कइँती फइलाव।” उ मनई हथवा ईसू कइँती फइलाएस अउर पहिले जइसा नीक होइ ग। 6 तबहिं सबहिं फरीसियन हुवाँ स चल दिहन, अउर तुरंतहि हेरोदियन स मिलि के ओकरे खिलाफ जाल बिछावइ लागेन कि कइसे ओका जान स मारि सकिहीं।
बहोत लोग ईसू क पाछे चलेइ लागेन
7 ईसू आपन चेलन क संग गलील छील गवा। गलील क बहुत स लोग ओके पाछे होइ लिहेन। 8 बहुत स लोग यहूदिया, यरूसलेम, इदूमिया अउर यरदन नदिया क पार क पहँटा सूर अउर सैदा स आएन। ई मनइयन एह बरे आएन कि ओकरे काम क बारे मँ सुनि लिहन जउन उ करत रहा।
9 भिड़िया क मारे उ आपन चेलन स कहेस, “ऍक छोटॅकी नाउ तइयार करा, जेह बरे भीड़ ओका कुचर न डावइ।” 10 उ बहोतन क नीक किहेस इ नाते उ सब जेनका बेरामी रही, ईसू क छुवइ क बरे भिड़िया क धाकियावत भए रस्ता बनवत चला आवत रहेन। 11 कछू मनई आपन भीतर दुस्ट आतिमन धरे रहेन। जब कबहुँ दुस्ट आतिमन ओका निहारत रहीं, उ सबइ ओकरे सोझे दण्डवत करेन अउर चिचिआनिन, “तू परमेस्सर क पूत अहा!” 12 मुला उ दुस्ट आतिमन क कर्री चिताउनी देत रहा, अइसा न बतावइ क उ कउन अहइ।
ईसू बारह प्रेरितन क चुनेस
(मत्ती 10:1-4; लूका 6:12-16)
13 फिन ईसू पहाड़ी प गवा अउर उ ओनहीं मनइयन क बोलाएस जेका उ चाहत रहा। उ सब ओकरे लगे गएन। 14 जेहमाँ स उ बारहु क चुनेस अउर ओनका प्रेरितन[a] क ओहदा दिहेस। उ ओनका एह बरे चुनेस कि उ सब ओकरे संग रहइँ अउर उपदेस प्रचार बरे बाहेर पठइ सकइ। 15 अउर उ पचे दुस्ट आतिमन क खदेरइ क हक रक्खइँ। 16 एहि तरह बारहु मनइयन क उ चुनेस?
समौन (जेका उ पतरस क नाउँ दिहेस),
17 जब्दी क बेटवा याकूब अउर यूहन्ना (जेकर नाउँ क बूअनरगिस दिहेस, जेकर अरथ अहइ “गर्जन क बेटवा”),
18 अन्द्रियास,
फिलिप्पुस,
बरतुल्मै,
मत्ती,
थोमा,
हलफई क बेटवा याकूब,
तद्दै समौन कनानी
19 अउर यहूदा इस्करियोती (जउन पाछे ओका धोखा दिहेस)।
यहूदियन कहेन कि ईसू मँ सइतान बाटइ
(मत्ती 12:22-32; लूका 11:14-23; 12:10)
20 तब ईसू घरे गवा। एक दाईं फिन एक भारी भीर घेर लिहस। अइसा भवा कि ईसू अउर ओकर चेलन खइया के नाहीं खाए पाएन। 21 जबहिं ओकरे परिवारे क निअम्बर ऍकरे बारे मँ सुनि लिहन तबहिं उ सब ओका लेवॉवइ चलेन। इ सोचिके सब मनइयन कहत बाटेन कि ओकर मन ठेकाने नाहीं।
22 यरूसलेम स आइ भएन धरम सास्तिरियन कहेन, “ओहमाँ बालजबूल (सइतान) घुसि ग अहइ। दुस्ट आतिमन क सरदार क ताकत स उ दुस्ट आतिमन क मनई स भगावत अहइ।”
23 ईसू ओन पचे क एकट्ठइ बोलाएस अउर दिस्टान्त दइ के कहइ लाग, “कइसे सइतान मनई स सइतान क भगाइ देई? 24 जदि एक ठु राज्य मँ आपन खिलाफ फूट परि जाइ तउन उ राज्य टिक सकत नाहीं। 25 जदि एक परिवार आपस मँ बँटि जाइ तउ उ बचि सकत नाहीं। 26 जदि सइतान खुद आपन खिलाफ होइ जाइ अउर फूट डारी तउ उ बचि पावत नाहीं। आखिर मँ उ बरिबाद होइ जाई।
27 “जदि कउनो बरिआर मनई क घरे मँ घुसिके लइके सब असबाब ढोइ सकत नाहीं; जब तलक पहिले सब ते बरिआर मनई बाँध न देइ। तब इ उ घरवा क लूटि लेइ।
28 “मइँ तोसे सच सच कहत अहउँ। लोगन्क हर किसिम क पापन अउ कच्ची पक्की बात जउन उ सब एक दूसर क बोलेन ह, उ सबन्क छमा कीन्ह जाइ सकत ह। 29 मुला जउन पवित्तर आतिमा क बेज्जती करी ओका छमा कबहुँ न होई। एकरे बजाय न खतम होइवाला पाप क उ भागी होई।”
30 एह बरे ईसू कहत रहा कि धरम सास्तिरियन कहत रहेन कि ओहमाँ दुस्ट आतिमा सवार अहइ।
ईसू क चेलन ओकर सच्चा परिवार
(मत्ती 12:46-50; लूका 8:19-21)
31 तबहिं ईसू क महतारी अउर ओकर भाइयन आएन। उ सब बाहेर खरा भएन अउर कउनो एक क ओकरे निअरे बाहेर आइ क पठएन। 32 ओकरे चारिहुँ कइँती भी बइठी रही। उ ओसे कहेस, “देखा! तोहार महतारी भाइयन तोहका पूछत अहइँ।”
33 जवाबे मँ ईसू ओनसे कहेस, “कउन मोर महतारी अउ कउन मोर भाइयन अहइँ?” 34 ईसू आपन क चारिहुँ कइँती बइठे मनइयन प देखिके कहेस, “ई अबहिं मोर महतारी अउर मोर भाइयन। 35 जउन परमेस्सर क इच्छा पूरी करी उ मोर भाई, बहिन अउर महतारी अहइँ।”
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.