M’Cheyne Bible Reading Plan
तीन परिवार समूह घरे लउटत हीं
22 तब यहोसू रूबेन, गाद क परिवार समूह अउ मनस्से क आधा परिवार समूह क सबहिं लोगन क एक सभा किहस। 2 यहोसू ओनसे कहेस, “तू पचे यहोवा क सेवक मूसा क दीन्ह गए सबहिं हुकुमन क मान्या ह। अउर तू पचे मोरे सबाहिं हुकुमन क भी मन्या ह। 3 अउर इ पूरा समइ मँ तू लोग इस्राएल क दूसर लोगन क मदद किह्या ह। तू लोग यहोवा क ओन सबहिं हुकुमन क बहोत ही होसियार स मानइ रह्या, जेनका तोहार परमेस्सर यहोवा तू पचन्क दिहे रहा। 4 तोहार परमेस्सर यहोवा इस्राएल क लोगन क सान्ति देइ क वचन दिहे रहा। ऍह बरे अब यहोवा आपन वचन पूरा कइ लिहस ह। इ समइ तू लोग आपन घरे लउटि सकत ह। तू लोग, आपन उ प्रदेस मँ जाइ सकत ह जउन तू पचन्क दीन्ह ग अहइ। इ प्रदेस यरदन नदी क पूरब मँ अहइ। इ उहइ प्रदेस अहइ जेका यहोवा क सेवक मूसा तू पचन्क दिहे रहा। 5 मुला याद राखा कि जउन व्यवस्था मूसा तू पचन्क दिहे अहइ, ओनका माना जात रहइ। तू पचन्क आपन परमेस्सर यहोवा स पिरेम करब अउ ओकरे हुकुमन क मानइ क अहइ। तू पचन्क ओनके पाछे चलइ चाही, अउर पूरी आस्था क साथ ओनकर सेवा करा।”
6 तब यहोसू ओनका आसीर्बाद दिहस अउर उ पचे बिदाइ लिहन। उ पचे आपन घरे लउटि गएन। 7 मूसा आधा मनस्से परिवार समूह क बासान प्रदेस दिहे रहा। यहोसू दूसर आधा मनस्से परिवार समूह क यरदन नदी क पच्छिम मँ प्रदेस दिहस। यहोसू ओनका आपन घरे पठएसा यहोसू ओनका आसीर्बाद दिहस। 8 उ कहेस, “तू पचे बहोत सम्पन्न अहा। तोहरे पचन्क लगे चाँदी, सोना अउर दूसर बहुमूल्य जेवरन क संग बहोत स जनावर अहइँ। तू लोगन क लगे अनेक सुन्नर वस्त्र अहइँ। तू पचे आपन दुस्मनन स बहोत स चिजियन लिह्या ह। ऍन चिजियन क तू पचन्क आपुस मँ बाँट लेइ चाही। अब आपन-आपन घरे जा।”
9 ऍह बरे रूबेन अउ गाद क परिवार समूह अउर मनस्से क आधा परिवार समूह इस्राएल क दूसर लोगन स बिदाइ लिहेन। उ पचे कनान मँ सीलो मँ रहेन। उ पचे उ जगह क तजेन अउर उ पचे गिलाद क लउटेन। इ ओनकर आपन प्रदेस रहा। मूसा ओनका इ प्रदेस दिहे रहा, काहेकि यहोवा ओका अइसा करइ क आदेस दिहे रहा।
10 रूबेन, गाद अउ मनस्से क अधा परिवार समूह क लोग गेलिलोथ नाउँ क जगह क जात्रा किहन। इ यरदन नदी क किनारे कनान देस मँ रहा। उ जगह पइ उ पचे एक ठु सुन्नर वेदी बनाएन। 11 मुला इस्राएल क लोगन क दूसर समूहन, जउन तब तलक सीलो मँ रहेन, उ वेदी क बारे मँ सुनेन जउन ऍन तीनहुँ परिवार समूह बनाए रहेन। उ पचे इ सुनेन कि इ वेदी कनान क सीमा पइ गोत्र नाउँ क जगह पइ रही। इ यरदन नदी क किनारे इस्राएल कइँती रही। 12 इस्राएल क सबहिं परिवार समूह ऍन तीनउँ परिवार समूहन पइ बहोत कोहाइ गएन। उ पचे बटुर गएन अउर उ पचे ओनकइ खिलाफ जुद्ध करइ क निहचय किहन।
13 ऍह बरे इस्राएल क मनइयन कछू लोगन क रूबेन अउर गाद क परिवार समूह अउ मनस्से क आधा परिवार समूह क लोगन स बातन करइ बरे पठएन। इस्राएल क लोग प्रमुख याजक जउन कि एलीआज़र क पूत पीनहास रहा क बात पइ चर्चा करइ बरे पठाएस। 14 उ पचे हुआँ क परिवार समूहन क दस नेतान क पठएन। उ पचे सीलो मँ ठहरेन। इस्राएल क परिवार समूहन मँ हर एक परिवार समूह स एक मनई रहा।
15 इ तरह इ सबइ गियारह मनई गिलाद गएन। उ पचे रूबेन, गाद अउ मनस्से क लोगन स बातन करइ गएन। गियारह मनइयन ओनसे कहेन: 16 “इस्राएल क सबहिं लोग तू पचन्स पूछत हीं: ‘तू पचे इस्राएल क परमेस्सर क खिलाफ इ काहे किह्या ह तू पचे यहोवा क खिलाफ कइसे होइ गया? तू लोग आपन बरे वेदी काहे बनाया? तू पचे जानत अहा कि इ परमेस्सर क सिच्छा क खिलाफ अहइ। 17 पोर नाउँ क जगह क याद करा।[a] हम लोग पाप क कारण अबहुँ कस्ट सहित ह। इ बड़के पाप बरे परमेस्सर इस्राएल क बहोत स लोगन क बुरी तरह बीमार कइ दिहे रहा अउर हम लोग अबहुँ उ बेरामी क कारण कस्ट सहत अही। 18 अउर अब तू पचे उहइ करत अहा। तउ पचे यहोवा क विरुद्ध जात बाट्या। का तू पचे यहोवा क हुकुम क मानइ स मना करब्या? अगर तू पचे जउन करत अहा, बन्द नाहीं करत्या तउ यहोवा इस्राएल क हर मनई प कोहाइ जाइ।
19 “‘अगर तोहार पचन्क प्रदेस उपासना बरे ठीक नाहीं अहइ तउ हमरे प्रदेस मँ आवा। यहोवा क तम्बू हमरे प्रदेसन मँ अहइ। तू पचे हमार कछू पहँटा लइ सकत ह अउर ओहमाँ बसि सकत ह। मुला यहोवा क खिलाफ जिन ह्वा। दूसर वेदी जिन बनावा। हम लोगन क संग पहिले स ही आपन परमेस्सर यहोवा क वेदी यहोवा क संग मलइ बरे खास तम्बू मँ अहइ।
20 “‘जेरह क पूत आकान क सुमिरा। आकान आपन पाप क कारण मरा। उ ओन चीजन क बारे मँ हुकुम क मानइ स इन्कार किहस, जेनका नस्ट कीन्ह जाब रहा। उ एक मनई परमेस्सर क नेम क तोड़ेस, मुला इस्राएल क सबहिं लोगन क दण्ड मिला। आकान आपन पाप क कारण मरा। मुला बहोत स दूसर लोग भी मरेन।’”
21 रूबेन अउ गाद क परिवार समूह क लोग अउर मनस्से क आधा परिवार समूह क लोग इस्राएल क कबीला क प्रमुखन क जवाब दिहन। उ पचे इ कहेन, 22 “हमार परमेस्सर यहोवा अहइ। हम लोग फुन दोहरावत अही कि हमार परमेस्सर यहोवा अहइ[b] अउर परमेस्सर जानत ह कि तू लोग भी इ जाना। तू लोग ओकर फइसला कइ सकत अहा जउन हम लोग किहे अही। अगर तू लोगन क इ बिस्सास अहइ कि हम लोग पाप किहे अही तउ तू लोग हम पचन्क अबहिं मार सकत ह। 23 अगर हम पचे परमेस्सर क नेम तोड़े अही तु हम कहब कि यहोवा खुद हमका सजा देइ। का तू लोग इ सोचत अहा कि हम लोग इ वेदी क होमबलि चढ़ावइ अउर अन्नबलि अउर मेलबलि चटावइ बरे बनावा ह 24 नाहीं। हम लोग ऍका इ उदेस्य स नाहीं बनावा ह। हम लोग इ वेदी काहे बनावा ह? हम पचन्क डर रहा कि भविस्स मँ तोहार सबन्क लोग हम पचन्क आपन रास्ट्र क एक ठु हींसा नाहीं समुझिहीं। तब तोहरे लोग इ कहिहीं, ‘तू लोग इस्राएल क परमेस्सर यहोवा क उपासना नाहीं कइ सकत्या। 25 परमेस्सर हम लोगन्क यरदन नदी क दूसर कइँती प्रदेस दिहे अहइ। एकर अरथ इ भवा कि यरदन नदी क सीमा बनावा ह। हमका डर अहइ कि जब तोहरे पचन्क गदेलन बड़ा होइके इ प्रदेस पइ सासन करिहीं तब उ पचे हमका बिसरि जइहीं, कि हम भी तोहार लोग अही। उ पचे हमसे कहिहीं, हे रूबेन अउर गाद क परिवार समूह, तू पचे इस्राएल क हींसा नाहीं अहा!’ तब तोहार संतानन हमरे संतानन क यहोवा क उपासना करइ स रोकिहीं।
26 “ऍह बरे हम लोग इ वेदी क बनावा। मुला हम लोग इ योजना नाहीं बनावत अही कि यह पइ होमबलि चढ़ाउब अउर बलियन क देब। 27 हम पचे जउने सच्चे उद्धेस्य बरे वेदी बनाए रहे, उ आपन लोगन क सिरिफ देखाउब रहा कि हम पचे उ परमेस्सर क उपासना करित ह जेकर तू लोग उपासना करत अहा। इ वेदी तोहरे पचन बरे, हम लोगन बरे अउर भविस्स मँ हम लोगन क गदेलन बरे इ बात क प्रमाण होइ कि हम लोग परमेस्सर क उपासना करित ह। हम लोग यहोवा क बलियन, अन्नबलि अउ मेलबलि चड़ाइत ह। हम पचे चाहत रहे कि तोहार गदेलन बड़इँ अउर जान लेइँ कि हम लोग भी तोहरी तरह इस्राएल क मनई अही। 28 भविस्स मँ अगर अइसा होत ह कि तोहार गदेलन कहइँ, ‘हम लोग इस्राएल स सम्बंध नाहीं रखित तउ हमार गदेलन तब कहि सकिहीं कि होसियारी स धियान देइँ कि हमार पुरखन, जउन हम पचन स पहिले रहेन, एक ठु वेदी बनाइ रहेन। इ वेदी ठीक वइसे ही अहइ जइसी पवित्तर तम्बू क समन्वा यहोवा क वेदी अहइ। हम लोग इ वेदी क उपयोग बलि देइ बरे नाहीं करत। मुला इ बाने क संकेत करत ह कि हम लोग इस्राएल क एक हींसा अही।’
29 “फुरे तउ इ अहइ कि हम लोग यहोवा क खिलाफ नाहीं होइ चाहित। हम लोग अब ओकर अनुसरण करब तजि देइ नाहीं चाहित। हम लोग जानत अही कि एक मात्र सच्ची वेदी उहइ अहइ जउन पवित्तर तम्बू क समन्वा अहइ। उ वेदी, हमरे परमेस्सर यहोवा क अहइ।”
30 याजक पीनहास अउर दस नेतन रूबेन अउर गाद क परिवार समूह अउ मनस्से क आधा परिवार समूह क लोगन क कही गइ बात सुनेन। उ पचे ओनकइ बात स संतुट्ठ रहेन। 31 ऍह बरे एलीआजार क पूत याजक पीनहास कहेस, “अब हम लोग समुझत अही कि यहोवा हमरे संग अहइ अउर हम लोग जानत अही कि तू पचन मँ स कउनो भी ओकरे खिलाफ नाहीं गवा अहा। हम लोग खुस अही कि इस्राएल क लोगन क यहोवा स सजा नाहीं मिली।”
32 तब पीनहास अउ नेतन उ जगह क तजेन अउर उ पचे आपन घरे चला गएन। उ पचे रूबेन अउर गाद क लोगन क गिलाद प्रदेस मँ तजेन अउर कनान क लउटि गएन। उ पचे लउटिके इस्राएल क लोगन क लगे गएन अउर जउन कछू भवा रहा, ओनसे कहेस। 33 इस्राएल क लोग भी सन्तुट्ठ होइ गएन। उ पचे खुस रहेन अउर उ पचे परमेस्सर क धन्यवाद दिहन। उ पचे निर्णय लिहन कि उ पचे रूबेन, गाद अउ मनस्से क आधा परिवार समूह क लोगन क खिलाफ जाइके नाहीं लड़िहीं। उ पचे ओन प्रदेसन क नस्ट न करइ क निर्णय किहन।
34 अउर रूबेन अउर गाद क लोग कहेन, “इ वेदी सबहिं मनइयन क इ बतावत ह कि हम पचन्क इ बिस्सास बाटइ कि यहोवा परमेस्सर अहइ अउर ऍह बरे उ पचे वेदी क नाँउ ‘प्रमाण’ धरेन।”
पवित्तर आतिमा क अवाई
2 जब पिन्तेकुस्त क दिन आवा तउ उ पचे एक ठउर प बटुरा रहेन। 2 तब्बइ हुवाँ एकाएक आकासे स खउफनाक आँधी क सब्द आवा। अउर जउन घरे मँ उ पचे बइठा रहेन, ओहमाँ समाइ गवा। 3 अउर आगी क उठत लपट जइसी जीभ हुँवा समन्वा देखॉइ देइ लाग। अउर ओनका आगी क उठत लपट जइसी जिभिया देखॉइ लागिन। उ सबइ बँटी भइ जीभ एक क ऊपर आइ ठहरिन। 4 उ पचे पवित्तर आतिमा स भावित भएन। अउर आतिमा स दीन्ह गए सामर्थ क अनुसार उ सबइ दूसर भाखन मँ बोलइ लागेन।
5 हुवाँ यरूसलेम मँ अकास क तरे सबहिं देसन स आवा भएन यहूदी भगत रहत रहेन। 6 जबहिं इ सब्द क आवाज सुनि गई तैसहिं एक भीड़ बटुर गइ। उ पचे अचरज मँ पड़ा रहेन काहेकि हर कउनो ओनका आपन भाखा मँ बोलत सुनेस।
7 उ पचे अचम्भा मँ घबड़ियाइके बोलेन, “इ सबइ बोलवइया मनइयन गलीली नाहीं अहइँ। 8 फिन हम पचन मँ स हर कउनो ओनका आपन मातृभाखा मँ बोलत भवा कइसे सनत अहइ? 9 हुवाँ पारथी, मोदी अउर एलामी, मोसोपोटामिया क बसइया, यहूदिया अउर कप्पूदूकिया, पुन्तुस अउर एसिया। 10 फ्रूगिया अउर पंफलिया, मिस्त्र अउर कूरेने सहर क निअरे लिबिया क कछू पहँटा क मनइयन, रोम स आवा भएन सैलानी, 11 जेहमाँ जन्मा भवा यहूदी अउर यहूदी धरम क मनइयन, क्रेती अउर अरबी लोग हम सबइ परमेस्सर क अचरज कारजन क आपन आपन भाखा मँ सुनत अहइँ।”
12 उ पचे सबइ अचम्भा मँ पड़िके भउचक्का होइके आपुस मँ पूछइ लागेन, “इ का होत अहइ?” 13 मुला दूसर मनइयन प्रेरितन क मसखरी करत भए बोलेन, “इ सबइ कछू जिआदा दाखरस पिए बाटेन।”
पतरस क गोहराउब
14 फिन गियारह प्रेरितन क संग पतरस खड़ा भवा अउर ऊँची अवाज मँ मनइयन क गोहराइ क कहइ लाग, “यहूदी भाइयो अउर यरुसलेम क सबहिं बासिंदा, ऍकर अरथ मोका बतावइ द्या। मोरे बचन क धियान स सुना। 15 इ पचे पिए नाहीं अहइँ, जइसा की तू पचे बूझत अहा। काहेकि अबहिं तउ भिन्सारे क नौ बजा अहइ। 16 मुला इ बात अहइ जेकरे बारे मँ योएल नबी कहे रहा:
17 ‘परमेस्सर कहत ह: आखिरी दिना मँ अइसा होइ कि
मइँ सबहिं मनइयन प अपने आतिमा उड़ेल देब
फिन तोहार पूत अउर बिटिया भविस्सबाणी करइ लगिहीं।
अउर तोहार जवान मनई दर्सन पइहीं
अउर तोहार बुढ़वा लोग सपना देखिहीं।
18 हाँ उ दिना मइँ आपन नउकर अउर नउकरानी प
आपन आतिमा उडेर देब
अउर उ पचे भविस्सबाणी करिहीं।
19 मइँ ऊपर अकासे मँ अचरज कारजन
अउर तरखाले भुइयाँ प चीन्हा देखाउब,
खून, आगी अउर धुआँ क बादर।
20 सूरज अँधियारा मँ
अउर चाँद रकत मँ बदल जाइ,
अउर जब पर्भू क दिव्य अउर महान दिन आइ।
21 अउर तब हर उ कउनो क बचाव होइ जउन पर्भू क नाउँ पुकारी।’ (A)
22 “ओ इस्राएलियो! इ बचन क सुना: नासरी ईसू एक ठू अइसा मनई रहा जेका परमेस्सर तोहरे समन्वा अद्भुत कारज, अचरज कारजन अउर अद्भुत चीन्हन क साथ जेका परमेस्सर आपन खुद किहे रहा तोहरे बीच ओका परगट किहेस। जइसा कि तू खुद जानत ह। 23 ई मनई तोहका कउनो तय कीन्ह भइ जोजना अउर पहिले क गियान क अनुसार तोहरे हवाले कीन्ह गवा रहा अउर तू पचे ओका अधर्मियन क हाथे पकड़वाइके क्रूस प चढ़वाया अउर खीला ठोंकवाइके मरवाइ दिहा। 24 मुला परमेस्सर मउत क दुःखे स अजाद कराइके फिन जिआइ दिहेस। काहेकि ओकरे बरे इ होइवाला नाहीं रहा कि मउत ओका राखि पावत। 25 जइसा कि दाऊद ओकरे बारे मँ कहेस ह:
‘मइँ हमेसा पर्भू क आपन समन्वा देखेउँ ह।
उ मोरे दाहिन कइँती बिराजत अहइ, काहेकि मइँ डुग न पावउँ।
26 ऍहसे मोर हिरदय खुस अहइ
अउर मोर बाणी आनन्द मँ बा;
मोर देह भी आसा मँ जिई।
27 तू मोर आतिमा क अधोलोक मँ न छोड़ब्या।
तू आपन पवित्तर जन क नास क अनुभव न होइ देब्या।
28 तू ही मोरी जिन्नगी क राह क गियान कराइ दिहा ह।
अउर तू ही आपन हाजिरी स मोका आनन्द स पूरा कइ देब्या।’ (B)
29 “मोरे भाइयन, मइँ पतिआइके आदि मनई दाऊद क बारे मँ तू पचन्स कहि सकत हउँ कि ओकर मउत होइ गइ अउर ओका माटी दइ दीन्ह गइ। अउर ओकर कब्र हमरे हियाँ आजु तलक मौजूद बा। 30 मूला काहेकि उ एक नबी रहा अउर जानत रहा परमेस्सर सपथ खाइके ओका बचन दिहेस ह कि उ ओकरे वंस मँ स कउनो एक क सिंहासने प बइठाई। 31 यह बरे अगवा जउन होइ क बाटइ, ओका दाऊद लखत भए उ सब इ कहे रहा कि:
‘ओका अधोलोक मँ नाहीं छोरा गवा
अउर न ही ओकरे देह स सड़ब गलब क अंजाद लगाएस।’
तउ उ मसीह क पुनरूत्थान क बारे मँ ही कहे रहा। 32 इहइ ईसू क परमेस्सर पुनरूत्थान कइ दिहेस। इ सच्चाई क हम पचे साच्छी अही। 33 परमेस्सर क दाहिन हाथे कइँती सबन ते उँचका ओहदा पाइके ईसू पिता स सपथ क अनुसार पवित्तर आतिमा पाएस अउर फिन उ इ आतिमा क उड़ेरेस जेका अब तू लखत बाट्या अउर सुनत बाट्या। 34 दाऊद सरगे मँ नाहीं गवा तउ उ खुद कहत ह:
‘पर्भू (परमेस्सर) मोर पर्भू स कहेस:
मोरे दाहिने बइठा, जब ताई मइँ
35 तोहरे बैरिन क तोहरे गोड़वा तरे गोड़ धरइ क चउकी न बनइ देइ।’(C)
36 “यह बरे इस्त्राएल क समूचइ मनइयन ठीक तरह स समुझ लेइ कि परमेस्सर इ ईसू क जेका तू पचे क्रूस प चढ़ाइ दिहे रहा, पर्भू अउर मसीह दुइनउँ ठहरावा ग रहेन!”
37 मनइयन जब इ सुनेन तउ उ पचे घबराइ गएन अउर पतरस अउर दूसर प्रेरितन स कहेन, “तउ भाई, हम सबन क का करइ चाही?”
38 पतरस ओनसे कहेस, “मनफिराओ अउर आपन पापे क छमा पावइ बरे तू पचन मँ स हर एक क ईसू मसीह क नाउँ स बपतिस्मा लेइ चाही। फिन तू पवित्तर आतिमा क उपहार मँ पउब्या। 39 काहेकि इ सपथ तोहरे बरे, तोहरे संतान बरे अउर ओन सब कामे बरे अहइ जउन बहोत दूर बाटेन। इ सपथ ओन सब बरे अहइ जेनका हमार पर्भू परमेस्सर आपन लगे बोलावत ह।”
40 अउर बहोत स बचन स उ ओनका चिताउनी दिहेस अउर समझाय के ओनसे कहेस, “इ कुमार्गी पीढ़ी स आपन खुद क बचावा!” 41 तउ जउन ओकरे संदेसा क अंगीकार किहेन, ओनका बपतिस्मा दीन्ह गवा। इ तरह उ दिना उ बिसवासियन क झुण्ड मँ कउनो तीनजहार मनई अउर जुड़ गएन।
बिसवासी क मिली जुली जिन्नगी
42 उ पचे प्रेरितन क उपदेस, संगत, रोटी क तोड़इ अउर पराथना करइ मँ जिअरा लगाइ दिहन। 43 हर मनई प भय रहा अउर प्रेरितन क जरिये बहुत अचरज कारजन अउर अद्भुत चीन्हन परगट कीन्ह जात रहेन। 44 सबहिं बिसवासी एक संग बटुरत रहेन अउर ओनके लगे जउन कछू रहा, उ पचे आपुस मँ बाँट लेत रहेन। 45 उ पचे आपन सबहिं चीजन अउर धन-दौलत बेंचेन अउर ओन सब चिजन्क आपुस मँ बाँटि लिहन, जइसे जेका जरूरत रही। 46 अउर उ पचे हर दिन मन्दिर मँ एक उदेस्स स मिलि जात रहेन। उ पचे घरे मँ रोटी तोड़ लेतेन अउर आनन्द अउर निर्मल मन स खात रहेन। 47 उ पचे सब मनइयन क नीक बिचार क आनन्द लेत भए पर्भू क स्तुति गवात रहेन। अउर हर दिन परमेस्सर, जेनकइ उद्धार करत, ओनकइ दल मँ अउर जोरि दीन्ह जात।
करार टूटी
11 इ उ सँदेसा अहइ जउन यिर्मयाह क मिला। यहोवा क इ सँदेसा आवा। 2 “यिर्मयाह इ करार क सब्दन क सुना। एन बातन क बारे मँ यहूदा क लोगन स कहा। इ सबइ बातन यरूसलेम मँ रहइवाले लोगन स कहा। 3 ओन लोगन स कहा: इ उ अहइ, जउन इस्राएल क परमेस्सर यहोवा कहत ह, ‘जउन मनई इ करार क पालन नाहीं करी ओह सरापि जाइँ। 4 इ उ करार रही जेका मइँ तोहरे पुरखन क संग किहेउँ, जब मइँ ओनका मिस्र स बाहेर लिआएउँ। मिस्र अनेक मुसीबतन क जगह रही इ लोहा क टेघराइ देइवाली गर्भ भट्टी क तरह रही।’ मइँ ओन लोगन स कहेउँ, ‘मोर आग्या माना अउर उ सब करा जेकर मइँ तू पचन्क आदेस देउँ। जदि तू पचे इ करब्या तू मोर लोग होब्या अउर मइँ तोहार पचन्क परमेस्सर होब।’
5 “मइँ इ तोहार पचन्क पुरखन क दीन्ह गए वचन क पूरा करइ बरे करत रहेउँ ह। मइँ ओनका बहोत उपजाउ भुइँया देइ क प्रतिग्या किहेउँ, अइसी भुइँया जेहमाँ दूध अउर सहद की नदी बहत अहइ अउर आजु तू पचे उ देस मँ रहत अहा।”
मइँ जवाब दिहेउँ, “हे यहोवा, आमीन।”
6 यहोवा मोहसे कहेस, “यिर्मयाह, इ सँदेसा क सिच्छा यहूदा क नगरन अउर यरूसलेम क सड़कन पइ द्या। सँदेसा इ अहइ, ‘इ करार क बातन क सुना अउर तब ओन नेमन क पालन करा। 7 मइँ तोहरे पचन्क पुरखन क मिस्र देस स बाहेर लिआवइ क समइ एक चिताउनी दिहे रहेउँ। मइँ ओनसे आपन आग्या क पालन करइ बरे कहेउँ। 8 किन्तु तोहरे पचन्क पुरखन मोर एकउ न सुनेन। उ पचे हठी रहेन अउर उहइ किहन जउन ओनकर आपन बुरे हिरदय चाहेन। तउ मइँ उ सबइ बिपत्तियन जउन मोर करार मँ लिखा भवा ह ओह पइ लाएस, जउन कि मोर अवग्या करइ स मिलइ चाही जे उ पचे किहेस ह।’”
9 यहोवा मोहसे कहेस, “यिर्मयाह, मइँ जानत हउँ कि यहूदा क लोग अउर यरूसलेम क निवासी लोग गुप्त जोजनन बनाइ राखेन ह। 10 उ सबइ लोग वइसे ही पाप करत अहइँ जेनका ओनकर पुरखन किहन ह। ओनकर पुरखन मोर सँदेस क सुनइ स इन्कार किहेन। उ पचे दूसर देवतन क अनुसरण किहन अउर ओनका पूजेन। इस्राएल क परिवार अउर यहूदा क परिवार उ करार क तोड़ेन ह जेका मइँ ओनके पुरखन क संग किहे रहेेउँ।”
11 एह बरे यहोवा कहत ह: “मइँ यहूदा क लोगन पइ हाली ही भयंकर विपत्तियन ढाउब। उ पचे बच नाहीं पइहीं अउर जब उ पचे मदद बरे मोका गोहरइहीं। मइँ ओनकर एक न सुनब। 12 यहूदा क नगरन क लोग अउर यरूसलेम नगर क लोग जइहीं अउर आपन देव मूरतियन स पराथना करिहीं। उ सबइ लोग ओन देव मूरतियन क सुगन्धि यहूदा धूप वारत हीं। किन्तु उ सबइ देव मूरतियन क लोगन क मदद नाहीं कइ पइहीं जब उ भयंकर विपत्ति क समइ आइ।
13 “यहूदा क लोगो, तोहरे पचन्क लगे बहोत स देवमूरतियन अहइँ, हुआँ ओतनी देवमूरतियन अहइँ जेतना यहूदा नगर मँ अहइँ। तू पचे उ घिनौनी बाल क पूजा बरे बहोत स बेदियन बनाइ राख्या ह यरूसलेम मँ जेतनी सड़कन अहइँ ओतनी ही वेदियन अहइँ।
14 “यिर्मयाह, जहाँ तलक तोहार बात अहइ, यहूदा क एन लोगन बरे पराथना न करा। ओनके बरे याचना न करा। मइँ ओनका नाहीं सुनब जब उ कस्ट मँ रहिहीं अउ मोहसे मदद बरे गोहारहीं।
15 “मोर प्रिया (यहूदा) मोरे घरे मँ काहे अहा?
ओका हुवाँ रहइ क अधिकार नाहीं अहइ।
उ बहोत स बुरे काम किहेन ह,
यहूदा का तू सोचति अहा कि खास प्रतिग्यन
अउर पसु बलि तोहका बर्बाद होइ स बचाइ लेइहीं?
का तू आसा करति अहा कि तू ओका बलि भेट कइके सजा पावइ स बच जाबिउ?”
16 यहोवा तोहका एक ठु नाउँ दिहे रहा।
“उ तोहका हरा भरा जैतून क बृच्छ कहे रहा जेकर सुन्दरता निहारइ क जोग्य अहइ”
किन्तु एक प्रबल आँधी क गरज क संग,
यहोवा उ बृच्छ क आगी मँ झुलसाई देइ अउर एकर डारन जरि जइहीं।
17 सर्वसक्तिमान यहोवा तोहका रोपेस, अउर उ इ घोसना किहेस ह कि तोहे पइ बर्बादी डाउब्या। काहेकि इस्राएल क रास्ट्र अउर यहूदा क परिवार बुरे करम किहेन ह। उ पचे बाल क बलि भेंट कइके मोका क्रोधित किहेन ह।
यिर्मयाह क खिलाफ बुरी जोजनन
18 यहोवा मोका देखाएस कि अनातेन क मनई मोरे खिलाफ सड्यंत्र करत अहइँ। यहोवा मोका उ सब देखाएस जउन उ पचे करत अहइँ। एह बरे मइँ जानेउँ कि उ पचे मोरे खिलाफ रहेन। 19 जब यहोवा मोका देखाएस कि लोग मोरे विरूद्ध अहइँ एकरे पहिले मइँ उ भोले मेमने क समान रहेउँ जउन काट दीन्ह जाइ क प्रतीच्छा मँ होइ। मइँ नाहीं समुझत रहेउँ कि उ पचे मोरे खिलाफ अहइँ। उ पचे मोरे बारे मँ इ कहत रहेन: “आवा, हम लोग पेड़ अउर ओकर फल क नस्ट कइ देइ। आवा हम ओका मारि डाइ। तब लोग ओक बिसरि जइहीं।” 20 किन्तु यहोवा तू एक निआइ निआवाधीस अहा। तू लोगन क हिरदय अउर मन क परीच्छा करइ जानत अहा। मइँ आपन तर्कन क तोहरे समन्वा प्रस्तुत करब अउर मइँ तोहका ओनका सजा देइ क कहब जेकर उ पचे पात्र अहइँ।
21 अनातोन क लोग यिर्मयाह क मार डावइ क जोजना बनावत रहेन। ओन लोग यिर्मयाह स कहेन, “यहोवा क नाउँ भविस्सवाणी न करा वरना हम तोहका मार डाउब।” यहोवा अनातोत क ओन लोगन क बारे मँ निर्णय लिहस। 22 सर्वसक्तिमान यहोवा कहेस, “मइँ हाली ही अनातोत क ओन लोगन क सजा देब। ओनकर नउजवान जुद्ध मँ मारा जइहीं। ओनकर पूत अउर बिटियन भूखन मरिहीं। 23 अनातोत नगर मँ कउनो भी मनई नाहीं बची। कउनो मनई जिअत नाहीं रही। मइँ ओनका सजा देब। मइँ ओनके संग कछू बुरा घटित होइ देब।”
दस कुँवारियन क दिस्टान्त कथा
25 “उ दिन सरग का राज्य ओन दस कुँवारियन क नाईं होई जउन मसाल लइके दुलहन स भेंटइ निकरिन। 2 ओनमाँ स पाँच मूरख रहीं अउ पाँट ठु चउकस। 3 पाँच उ मूरख कुँवारियन आपन मसाल तउ थाम लिहन मुला ओनके साथे तेल नाहीं लिहन। 4 ओहँर चउकस कुँवारियन मसाले क साथ कुप्पियन मँ तेल भी लइ लिहन। 5 काहेकि दुलहन क अवाई मँ देर होत रही। सबहीं कुँवारियन थके स ओंघाइ लागिन अउर ओलर क सोइ गइन।
6 “पर आधी राति मँ धूम मच गइ। ओ हो, ‘दुलहा आवत बा। ओसे भेंटइ बाहर जा!’
7 “उहइ छिन उ सबइ कुँवारियन उठि गइन अउर आपन मसाल तइयार किहेन। 8 मूरख कुँवारियन चउकस कुँवारियन स कहेन, ‘हमका आपन तनिक तेल दइ द्या, हमर मसालन बुझि जात अहइँ।’
9 “जवाबे मँ सबइ चउकस कुँवारियन बोलिन, ‘नाहीं हम नाहीं दइ सकित। काहेकि फुन इ हमरे बरे पूर न होई अउर न तोहरे बरे। तउ तू पचे तेली क लगे जाइके आपन खातिर बेसहि ल्या।’
10 “जब उ पचे बेसहइ जात रहिन कि दुलहा आइ पहोंचा। फिन उ कुँवारियन जउन तइयार रहिन, उ सबइ ओनके संग भोजे मँ भीतर घुसिन अउर फिन कउनो फाटक बंद कइ दिहस।
11 “आखिर मँ उ सबइ बाकी कुँवारियन भी गइन अउर बोलिन, ‘स्वामी, हे स्वामी, दरवाजा खोलि द्या, हमका भीतर आवइ द्या।’
12 “मुला उ जबाव देत भवा कहेस, ‘मइँ तोहसे सच सच कहत हउँ: मइँ तोहका नाहीं जानत हउँ।’
13 “तउ होसियार रहा। काहेकि तू न उ दिना क जानत ह, न घड़ी क, जब मनई क पूत लउटी।
तीन सेवकन क दिस्टान्त कथा
(लूका 19:11-27)
14 “सरग का राज्य उ मनई क नाई होई जउन जात्रा प जात भवा आपन नउकरन क बोलाइके अपने समान क रखवारा बनाएस। 15 उ एक क चाँदी स भरी पाँच ठु थैली दिहस। दुसरे क दुइ अउ तिसरे क एक दिहस। उ हर एक क ओकर जोग्गता होइ क मुताबिक दइके जात्रा प निकरि गवा। 16 जेका चाँदी क रूपया स भरी पाँच ठु थैली मिलीं, उ फउरन उ पइसे क धंधा मँ लगाइ दिहस फिन पाँच थैली अउर कमाएस। 17 अइसे ही जेका दुइ थैली मिलिन, उ भी दुइ अउर कमाइ लिहस। 18 मुला जेका एक मिली रही उ कहूँ जाइके भुइँया मँ गड़हा खोदेस अउर स्वामी क धने क गाड़ दिहस।
19 “बहोत समइ बीत जाए क पाछे ओन सेवकन क स्वामी लउटि आवा अउर हर कउनो स लेखा जोखा लेइ लाग। 20 उ मनई जेका चाँदी क पाँच थैली मिलिन, आपन स्वामी क लगे गवा अउर चाँदी क पाँच अउर थैली लइ जाइके ओसे बोला, ‘स्वामी, तू मोका पाँच थैली दिहे रहा। ‘चाँदी क इ पाँच थैली अउर अहइँ जउन मइँ कमायउँ ह।’
21 “ओकर स्वामी ओहसे कहेस, ‘साबास! तू भरोसा क बढ़िया नउकर अहा। तनिक क रकम क बारे मँ तू बिसवास क जोग्ग रह्या मइँ तोहका अउर जिआदा हक देब। भितरे जा अउर आपन स्वामी क खुसी मँ खुसी मनावा।’
22 “फिन जेका चाँदी क दुइ थैली मिली रहीं, आपन स्वामी क लगे गवा अउर बोला, ‘स्वामी तू मोका चाँदी क दुइ थैली दिहे रहा, चाँदी क इ दुइ थैली अउ अहइँ जेका मइँ कमायो ह।’
23 “ओकर स्वामी ओसे कहेस, ‘साबास! तू भरोसा क लायक बढ़िया नउकर अहा। तनिक रकम क बारे मँ तू बिसवास क जोग्ग रह्या। मइँ तोहका अउर जिआदा हक देब। भितरे जा अउर आपन स्वामी क खुसी मँ खुसी मनावा।’
24 “फिन उ जेका चाँदी क एक थैली मिली रही, आपन स्वामी क लगे आवा अउर बोला, ‘स्वामी, मइँ जानत हउँ तू बहोत कठोर मनई अहा। तू हुवाँ काटत ह जहाँ तू बोया नाहीं रहा, अउर जहाँ तू कउनो बिआ नाहीं छिटकाया तू हुवाँ स फसिल बटोरब्या। 25 यह बरे मइँ डेराइ गवा रहे। तउ मइँ जाइके चाँदी क थैलिया क भुइँया मँ गाड़ दीन्ह। इ लइ ल्या जउन तोहार अहइ इ बाटइ, लइ ल्या।’
26 “जवाबे मँ ओकर मालिक ओसे कहेस, ‘तू एक बुरा आलसी सेवक अहा, तू जानत ह कि मइँ बिन बोए कटनी करत हउँ, हुवाँ स फसिल बटोरत हउँ। 27 तउ तोहका मोर धन साहूकार क लगे जमा कइ देइ चाही रहा। फिन जब मइँ आइत तउ जउन मोर रहा बियाज क साथ लइ लेइत।’
28 “एह बरे ऍसे चाँदी क एक थैली लइ ल्या अउर जेकरे लगे चाँदी क दस थैली अहइँ, ऍका उहइ क दइ द्या। 29 काहेकि हर उ मनई क जो जउन कछू ओकरे लगे रहा ओकर सही प्रयोग किहेस ओका अउ जिआदा दीन्ह जाई। अउर जेतॅनी ओका जरूरत अहइ, उ ओसे जिआदा पाई। मुला ओसे, जो जउन कछू ओकरे लगे रहा ओकर सही प्रयोग नाहीं किहेस, सब कछू ओकरे लगे रहा ओकर सही प्रयोग नाहीं किहेस, सब कछू छोर लीन्ह जाई। 30 तउ उ बेकार क नउकर क बाहेर अँधियरे मँ धकियाइ द्या जहाँ लोग रोइहीं अउर आपन दाँत पिसिहीं।
मनई क पूत सबक निआव करी
31 “मनई क पूत जब आपन सरगे क महिमा क संग आपन सबही दूतन क संग आपन सानदार सिंहासने प बइठी 32 तउ संसार क सबहिं लोग ओकरे समन्वा ऍकट्ठ होइ जइहीं अउर एक दूसर क वइसे ही अलगाइ देइ, जइसे एक गड़रिया आपन बोकरियन स भेड़न क अलगाइ देत ह। 33 उ भेड़न क दाहिन कइँती अउर बकरियन क बाई कइँती राखी।
34 “फिन उ राजा, जउन ओकरे दाहिन अहइ, ओनसे कही, ‘मोरे परमपिता स असीस पाए मनइयो, आवा अउर जउन राज्य तोहरे बरे संसार क सृस्टि स पहिले तइयार कीन्ह ग अहइ, ओकर अधिकारी बनि जा। 35 इ राज्य तोहार अहइ काहेकि मइँ भुखान रह्यों अउ तू मोका कछू खाइके द्या, मइँ पिआसा रह्यों अउर तू मोका कछू पिअइ क दिहा। मइँ नगिचे स जात भवा अनजान रह्यों, अउर तू मोका भितरे लइ गया। 36 मइँ बेवस्तर रह्यों, तू मोका ओढ़ना पहिराया। मइँ बेरमिया रह्यों, अउर तू मोर सेवा किहा। मइँ गिरफ्तार रह्यों, अउन तू मोरे लगे आया।’
37 “फिन जवाबे मँ धर्मी मनई ओसे पुछिहइँ, ‘पर्भू, हम पचे तोहका कब भुखान लखा ह अउर खिआवा या पिआसा लखा अउर पिअइ क दिहा? 38 तोहका हम कब नगिचे स जात भवा अजनबी लखा अउर भितरे लइ गएन, या बेवस्तर के लखिके तोहका ओढ़ना पहिरावा? 39 अउ हम कब तोहका बेरमिया या गिरपतार लखा अउर तोहरे लगे आएन?’
40 “फिन राजा जवाबे मँ ओनसे कही, ‘मइँ तोहसे सच कहत हउँ जब कबहुँ तू मोर भोले भाले मनइयन मँ स कउनो एक बरे भी कछू किहा तउ उ तू मोरे बरे किहा।’
41 “फिन उ राजा आपन बाँई कइँती क मनइयन स कही, ‘अरे अभागे लोगो मोरे नगिचे स चला जा, अउ जउन आगी सइतान अउर ओकरे दूतन बरे तइयार कीन्ह गइ अहइ, उ अंनत आगी मँ जाइके कूद जा। 42 इहइ तोहार सजा अहइ काहेकि मइँ भुखान रह्यो पर तू मोका खाइके कछू नाहीं दिहा, 43 मइँ अनजान रहा पर तू मोका भितरे नाहीं लइ गया। मइँ बिन ओढ़ना क बेवस्तर रहा, पर तू मोका ओढ़ना नाहीं पहिराया। मइँ बेरमिया अउर गिरफ्तार रहा, पर तू मोरे कइँती धियान नाहीं दिया।’
44 “फिन उ सबइ भी जवाबे मँ ओसे पुछिहइँ, ‘पर्भू, हम तोहका भूखा या पिआसा या अनजान या बिना ओढ़ना क बेवस्तर या बेरमिया या गिरप्तार कब लखा अउर तोहार सेवा नाहीं कीन्ह?’
45 “फिन उ जवाबे मँ ओनसे कही, ‘मइँ तोहसे सच कहत हउँ जब कबहुँ तू मोर इन भोले भाले मनवइयन मँ स कउनो एक क बरे लापरवाही बरत्या अउर नाहीं किहा उ मोरे बरे भी कछू करइ मँ लापरवाही बरती।’
46 “फिन इ सबइ बुरे लोग अनन्त सजा पइही अउ धर्मी मनई अनन्त जीवन मँ चला जइहीं।”
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.