M’Cheyne Bible Reading Plan
दीन्ह गवा खास बचन
30 मूसा सबहिं इस्राएली परिवार समूहन क नेता लोगन स बात किहेस। मूसा यहोवा क इ आदेस क बारे मँ ओनसे कहेस।
2 “अगर कउनो मनई परमेस्सर क खास बचन देइ चाहत ह या जदि उ मनई परमेस्सर क कछू खास न्यौछावर करइ क बचन देत ह तउ ओका वइसे ही करइ द्या। मुला ओन मनई क ठीक वइसेन ही करइ चाही जइसा उ बचन दिहे अहइ।
3 “होइ सकत ही कि कउनो जवान मेहरारु आपन पिता क घर रहत होइ जउन जवान अहइ। अउर उ मेहरारु यहोवा क कछू चढ़ावइ क बचन देत होइ। 4 अउर ओकर बाप इ बचन क बारे मँ सुनत ह अउर ओकर बरे (बचन क रद्द करइ बरे) कछू नाहीं कहत ह तउ उ जवान मेहरारू क बचन तउ जरुर पूरा कइ देइ चाही जेका करइ क उ बचन दिहे अहइ। 5 मुला अगर ओकर बाप ओकर दीन्ह गवा बचन क बारे मँ सुनिके ओका पूरा करइ स मना करत ह तउ उ मेहरारु क उ बचन पूरा नाहीं करइ चाही जेका उ बचन लिहेस ह। काहेकि ओकर बाप ओका रोकेस। एह बरे यहोवा ओका छिमा करिहीं।
6 “होइ सकत ह कि कउनो मेहरारु बात ही बातन मँ बे सोचे बिचारे कउनो किरिया खाइ लेत ह अउ पाछे ओकर बियाह होइ जात ह। 7 अउर भतार दीन्ह गवा बचन क बारे मँ सुनत ह अउ अउर ओकर (बचन क रद्द करइ) बरे कछू नाहीं कहत ह। तउ उ मेहरारु क आपन दीन्ह गवा बचन क मुताबिक काम क पूरा कइ लेइ चाही। 8 मुला जदि भतार दीन्ह गवा बचन क बारे मँ सुनत ह अउ ओका अंगीकार नाहीं करत ह तउ मेहरारु क दीन्ह गवा बचन क पूरा नाहीं करइ क पड़ी। ओकर भतार ओकर बचन रोकि दिहन-उ ओका कही गइ बात क पूरा नाहीं करइ दिहस। एह बरे यहोवा ओका छिमा करिहीं।
9 “कउनो राँड़ या तलाक दीन्ह गइ मेहरारु खास बचन दइ सकत ह। अगर उ अइसा करत ह तउ ओका आपन ठीक बचन क मुताबिक करइ चाही।
10 “एक बियाही मेहरारु यहोवा क कछू चढ़ावइ क बचन, या कछू स अपने आप क बचाइ क बचन दइ सकत ह। 11 अदि ओकर भतार दीन्ह गए बचन क बारे मँ सुनत ह अउ ओका आपन बचन क पूरा करइ देत ह तउ ओका ठीक आपन दीन्ह गए बचनन क मुताबिक ही उ काम करइ चाही। 12 मुला अगर ओकर भतार ओकर दीन्ह गए बचन क सुनत ह अउर ओका बचन पूरा करइ स मना कइ देत ह तउ ओका आपन दीन्ह गए बचन क मुताबिक उ काम पूरा नाहीं करइ क होइ। ऍकर कउनो महत्व न होइ काहे की उ का बचन दिहे रहा, ओकर भतार उ बचन क भगं कइ सकत ह। अगर ओकर भतार उ बचन क तोड़ देत ह तउ यहोवा ओका छिमा करिहीं। 13 एक बियाही मेहरारु यहोवा या परमेस्सर क कउनो खास बचन दइ सकत ह। भतार ओकरे बचन मँ स कउनो क रोक सकत ह या भतार उ बचन मँ स कउनो क पूरा करइ देइ सकत ह। 14 भतार आपन मेहरारु क कइसे बचन पूरा करइ देइ? अगर उ दीन्ह ग बचन क बारे मँ सुनत ह अउ ओनका रोकत नाहीं तउ मेहरारु क आपन दीन्ह ग बचन क मुताबिक काम क पूरा करइ चाही। 15 अगर भतार दीन्ह ग बचन क बारे मँ सुनत ह अउ ओकर पाछे ओका बचन पूरा करइ स रोकत ह तउ ओकर बचन तोड़इ क जिम्मेदारी भतार प होइ।”
16 इ सबइ हुकुम अहइ जेनका परमेस्सर मूसा क दिहेस। इ सब आदेस एक मनई अउ ओकरे मेहरारु क बारे मँ अहइँ अउ बाप अउ ओकरे बिटिया क बारे मँ अहइ जउन उ जवान मेहरारू रहइ अउ अपने बाप क घरे मँ रहत होइ।
आसाफ क कलात्मक।
1 हे परमेस्सर, तू हमका सदा बरे काहे बिसराइ दिहा ह?
तू अबहिं तलक आपन निज लोगन स काहे कोहान अहा?
2 ओन लोगन क सुमिरा जेनका तू बहोत पहिले मोल लिहे रह्या।
तू हम लोगन क आपन लोग बनाइ बरे बचाइ लिहा ह।
सिय्योन क पहाड़े क सुमिरा जहाँ तू रहत रहा।
3 हे परमेस्सर, आवा अउ ऍन बहोत पुरान खण्डहरन स होइके चला।
तू उ पवित्तर ठउर पइ लउटिके आवा जेका दुस्मन बरबाद कइ दिहे अहइँ।
4 दुस्मनन मन्दिर मँ सेरन क नाई दहाड़ेन।
उ खुद क बिसेस चिन्ह[a] क एक प्रमाण क रूप मँ, कि उ पचे जुद्ध जीत गएन, स्थापित किहेन।
5 दुस्मनन क फउजियन एक अइसे कुलहारी क नाई परगट भवा रहेन
जेका प्रयोग जलावन क लकड़ी क काटइ बरे कीन्ह गवा रहा।
6 हे परमेस्सर, ऍन दुस्मन फउजियन निज कुल्हाड़न अउ फर्सन क प्रयोग किहन,
अउर तोहरे मन्दिर क नक्कासी फाड़िके लोकाएन।
7 सबइ फउजियन तोहार पवित्तर ठउर बार दिहन।
उ पचे तोहरे मन्दिर क धूरि मँ मिलइ दिहन
जेका तोहरे नाउँ क मान देइ बरे बनावा ग रहा।
8 उ दुस्मन हमका पूरी तरह बरबाद करइ क ठान लिहन।
तउ उ पचे देस क हर पवित्तर ठउर क फूँक दिहन।
9 हम लोग कउनो बिसेस चिन्ह नाहीं लखे।
हुआँ अउर कउनो नबी जिअत नाहीं अहइ।
एह बरे कउनो भी नाहीं जानत ह कि इ परिस्थिति कब तलक जारी रही।
10 हे परमेस्सर, इ सबइ दुस्मन कब तलक हमार हँसी उड़इहीं?
का तू ऍन दुस्मनन क तोहरे नाउँ क अपमान सदा सदा ही करइ देब्या?
11 हे परमेस्सर, तू आपन सक्ति क काहे रोके रखा ह अउर तू हस्तछेप काहे नाहीं करत ह।
ओन लोगन क नास करइ बरे कारवाई करा।
12 हे परमेस्सर, बहोत दिनन स तू ही हमार सासक रह्या।
इ देस मँ तू हम लोगन क अनेक जुद्ध मँ विजय दिहा।
13 हे परमेस्सर, तू आपन महासक्ति स लाल सागर क दुइ हींसा कइ दिहा।
तू विसाल काय क दानवन क मूड़न समुद्दर मँ चूर-चूर कइ दिहा।
14 तू लिव्यातान क मूँड़न कुचर दिहा,
अउर ओकरे बदन क जंगली जनावरन क खाइ बरे लोकाइ दिहा।
15 तू नदी, झरनन रच्या, चटान फोड़िके पानी बहाया।
तू सदा बहइ वाली नदियन क झुराइ दिहा।
16 हे परमेस्सर, तू दिन क सासक अहा, अउ राति क भी सासक तू ही अहा।
तू ही चाँद अउ सूरज क बनाया।
17 तू समुचइ धरती पइ सब बरे चउहद्दी बाँधत अहा।
तू ही गर्मी अउ सर्दी क बनाया।
18 हे यहोवा, इ बातन क सुमिर ल्या।
अउर याद करा कि दुस्मन तोहार मजाक उड़ाएस ह।
उ सबइ मूर्ख लोग तोहरे नाउँ क अपमान किहेन ह।
19 ओनॅ जंगली जनावरन क आपन फारवता क जिन लेइ द्या।
आपन दीन जनन क तू हमेसा जिन बिसरा।
20 हम आपुस मँ जउन करार कीन्ह ह ओका याद करा,
इ देस मँ हर कउनो अँधियारे ठउरे पइ हिंसा अहइ।
21 हे परमेस्सर, तोहरे लोगन क संग अत्याचार झेलइ क रहा,
ओनका अउर अधिक सतावा अउ दुःख दीन्ह जाइ जिन द्या।
तोहार असहाय जन, तोहार गुण गावइँ।
22 हे परमेस्सर, उठा अउर बदला ल्या।
याद करा कि ओन मूरख लोग सदा ही तोहार अपमान किहेन ह।
23 उ सबइ बुरी बातन जिन बिसरा जेनका तोहार दुस्मनन हर रोज तोहरे बरे कहेन।
जिन बिसरा कि उ पचे तोहार खिलाफ लगातार चिचियाएन जब उ पचे तोहार खिलाफ जुद्ध करत रहेन।
यरूसलेम बरे परमेस्सर क सँदेसा
22 दिव्य दर्सन क घाटी क बारे मँ दुःखद सँदेसा:
तू लोगन क साथ का भवा ह?
काहे तू पचे आपन घरन क छतन पइ छिपत अहा?
2 बीत गए समय मँ इ सहर बहोत व्यस्त सहर रहा।
इ सहर बहोत सोरगुल स भरा अउर बहोत खुस रहा।
किन्तु अब बातन बदलि गइन।
तोहार लोग मारा गएन
किन्तु तरवारन स नाहीं,
अउर उ पचे मारा गएन किन्तु जुद्ध मँ लड़ते समय नाहीं।
3 तोहार सबहिं सैनिक अधिकारी पराइ गएन,
किन्तु उ सबहिं बिना हथियारन क पकड़ि गवा।
उ सबहिं खोजा गएन अउर एक साथ पकड़ा गएन,
जबकि उ फ़राइके कहूँ दूर भाग गए रहेन।
4 एह बरे मइँ कहत हउँ, “मोरी कइँती जिन लखा,
बस मोका रोवइ द्या!
यरूसलेम क बिनास पइ मोका सान्त्वना देइ बरे
मोरी कइँती जिन लपका।”
5 यहोवा एक खास दिन चुनेस ह। उ दिन हुवाँ बगावत अउर भगदड़ मचि जाइ। दिव्य दर्सन क घाटी[a] मँ लोग एक दूसर क रौंद डइहीं। नगर क चार दीवारी ओकर नीव स उखाड़ फेंकी जाइ। घाटी क लोग पहाड़े पइ के लोगन क ऊपर चिल्लाइहीं। 6 एलाम क घुड़सवार फउजी आपन-आपन तरकसन लइके घोड़न पइ चढ़े भए जुद्ध क प्रस्थान करिहीं। किर क लोग आपन ढालन स आवाज करिहीं। 7 तोहार इ खास घाटी मँ फउजन आइ जुटिहीं। घाटी रथन स भरि जाइ। घुड़सवार फउजी क नगर दुआरन क समन्वा तैनात कीन्ह जइहीं। 8 तब यहूदा क रच्छा-अवरण[b] हटाइ लेइ जाइ। लोग जंगल-महल मँ जमा कइ भए हथियारन क लइ बरे जाब्या।
9-11 तू पचन्क दाऊद क नगर क चहारदीवारी क दरारन क लख सकत हीं। तउ तू पचे मकानन क गनइ सुरू करब्या यह तय करइ बरे कि ओहमाँ स कँतना मकान क धवस्त करइ क जरूरत, दीवार क मरम्मत करइ बरे होइ। तू पचे निचली तालाब[c] स पानी भी जमा करइ सुरू करब्या। तू पचे दूसर तालाब[d] दीवारन क बीच मँ सहर क निचला भाग मँ पुराने तालाब[e] स पानी जमा करइ बरे बनाउब्या। फुन भी उ परमेस्सर पइ तोहार पचन्क भरोसा नाहीं होइ जउन ऍन सबइ वस्तुअन क बनाएस ह। तू पचे ओकरी (परमेस्सर) कइँती नाहीं लखब्या जउन बहोत पहिले ऍन सबइ वस्तुअन क रचना किहे रहा। 12 तउ, मोर सुआमी सर्वसक्तीमान यहोवा लोगन स ओनके मरे भए मीतन बरे बिलाप करइ अउर दुःखी होइ बरे कही। लोग आपन मूँड़ि मुँड़वाइ लेइहीं अउर सोक-वस्त्र धारण करिहीं। 13 किन्तु लखा! अब लोग खुस अहइँ। लोग खुसियन मनावत अहइँ। उ सबइ लोग कहत अहइँ:
“मवेसियन क मारा, भेड़िन क बध करा।
हम उत्सव मनाउब।
तू पचे आपन खइया क खा अउर आपन दाखरस पिआ।
खा अउर पिआ काहेकि भियान तउ हमका मरि जाब अहइ।”
14 सर्वसक्तिमान यहोवा इ सबइ बातन मोहसे कहे रहा अउर मइँ ओनका अपने काने स सुने रहेउँ: “तू पचे बुरे करम करइ क अपराधी अहा अउर मइँ निहचय क साथ कहत हउँ कि इ अपराध क छिमा कीन्ह जाइ स पहिले ही तू पचे मरि जाब्या।” मोर सुआमी सर्वसक्तीमान यहोवा इ सबइ बातन कहे रहा।
सेबना बरे परमेस्सर क सँदेसा
15 मोर सुआमी सर्वसक्तीमान यहोवा मोहसे इ सबइ बातन कहेस। उ सेबना नाउँ क सेवक क लगे जा। उ महल क प्रबन्ध-अधिकारी अहइ। 16 ओहसे पूछ्या, “उ का करत अहा? का हिआँ ओकरे परिवार क कउनो मनइ गड़ा भवा अहइ? उ हिआँ एक कब्र काहे बनावत अहा?”
यसायाह कहेस, “लखा इ मनई क! इ एक ऊँच जगहिया पइ आपन कब्र बनावत अहइ। आपन कब्र बनावइ बरे इ चट्टान क काटत अहइ।
17-18 “हे मनसेधू, यहोवा तोहका कुचरि डाइ। यहोवा तोहका बाँधिके एक ठु नान्ह स गेंदे क तरह गोल बनाइके कउनो बिसाल देसे मँ लोकाइ देइ अउर हुवाँ तोहार मउत होइ जाइ।”
यहोवा कहेस, “तोहका आपन रथन पइ बड़ा अभिमान रहा। किन्तु उ दूर देस मँ तोहरे नवे सासक क लगे अउर भी नीक रथ अहइँ। ओकरे महल मँ तोहार रथ महत्वपूर्ण नाहीं देखाइ देइहीं। 19 हिआ मइँ तोहका तोहार महत्व स पूर्ण काम स ढकेल के बाहेर करब। तोहरे महत्व क पूर्ण काम स तोहार नवा मुखिया तोहका दूर कइ देइ। 20 उ समय मइँ आपन सेवक एल्याकीम क जउन हिज्जिक्याह क पूत अहइ, बोलाउब 21 अउर तोहार चोगा लइके उ सेवक क पहिराइ देब। तोहार राजदण्ड भी मइँ ओका दइ देव। जउन महत्वक पूर्ण काम तोहरे पास अहइ, मइँ ओका भी उहइ क दइ देब। उ सेवक यरूसलेम क लोगन अउर यहूदा क परिवार बरे पिता क समान होइ।
22 “यहूदा क भवन क चाभी मइँ उ मनसेधू क गले मँ डाइ देब। अगर उ कउनो दुआर क खोली तउ उ दुआर खुला ही रही। कउनो भी मनई ओका बंद नाही कइ पाई। जदि उ कउनो दुआर क बंद करी तउ उ दुआर बंद होइ जाइ। कउनो भी मनई ओका खोल नाहीं पाई। उ सेवक पिता क घरे मँ एक सिंहासन क समान होइ। 23 मइँ ओका एक अइसी खूँटी क समान सुदृढ़ बनाउब जेका बहोत सख्त तखत मँ ठोका गवा ह। 24 ओकरे पिता क घर क सबहिं माननीय अउर महत्व स पूर्ण वस्तुअन ओकरे ऊपर लटकिहीं। सबहिं वयस्क अउर नान्ह बच्चन ओह पइ निर्भर रहिहीं। उ सबइ लोग अइसे होइहीं जइसे नान्ह नान्ह पात्र अउर बड़ी बड़ी सुराहियन ओकरे ऊपर लटकत होइँ।
25 “उ समय, उ खूँटी (सेबना) जउन अब एक बड़े कठोर तख्ते मँ गाड़ी भइ खूँटी अहइ, दुर्बल होइके टूट जाइ। उ खूँटी धरती पइ गिर पड़ी अउर उ खूँटी पइ लटकी भइ सबहिं वस्तुअन बर्बाद होइ जइहीं। तब उ प्रत्येक बात जउन मइँ उ सँदेसा मँ बताए रहेउँ, घटित होइ। इ सबइ बातन घटिहीं काहेकि एनका यहोवा कहे अहइ।”
ईसू फिन आई
3 पिआरे बन्धुअन, अब ई दूसर पत्र अहइ जउन मइँ तू पचन क लिखित हउँ। इ दुइनउँ पत्रन मँ लिखिके मइँ तू सबन क सच्चे सोच क जगावइँ क जतन कीन्ह ह। 2 जेहिसे तू उ पवित्तर नबियन दुआरा पहिले कहे गए बचनन क याद करा अउर हमरे पर्भू अउर उद्धारकर्ता क आदेस क जउन तू सबन क प्रेरितन दुआरा तू पचन क दीन्ह गएन ह, धियान राखा।
3 सबसे पहिले तू पचन क इ जान लेइ क चाही कि आखिर दिनन मँ स्वेच्छाचारी जउन बुरी इच्छन क अनुसरण करत ही अउर उ पचे तोहरे लगे हँसी उड़ावत भए अइही। 4 अउर तू सबन स कइही, “का भवा ओकरे फिन आवइ क प्रतिग्या का? काहेकि हमरे पूर्वजन तउ चल बसेन। मुला जब स सृस्टि बनी ह, तइसेन हर बार चलत आवत अहइँ।”
5 मुला जब उ पचे इ आरोप करत ही तउ उ इ भूल जात ही कि परमेस्सर क वचनन क दुआरा आकास जुगन स विद्यमान अहइ अउर धरती जल प बनी बाटइ अउर जल प स्थिर बा। 6 अउर इ जल क कारण स उ जुग क संसार जल प्रलय स नस्ट होइ गवा। 7 मुला इ आसमान अउर पृथिवी जउन अबइ, उहइ आदेस स नस्ट होइ क खातिर सुरच्छित अहइँ। एनका उ दिना खातिर रखा जात ह जब अधर्मियन क निआव होई अउर उ पचे नस्ट कर दीन्ह जइही।
8 मुला पिआरे बन्धुओ, एक बात क जिन भुला, पर्भू क बरे एक हजार साले एक दिन क समान होत ह अउर एक दिन एक हजार बरस क बराबर होत ह। 9 पर्भू आपन प्रतिग्या पूरी करइ मँ देर नाही लगावत। जइसेन कछू मनई सोचत ही। बल्कि उ हमरे प्रति धीरज धरत ह काहेकि उ कउनो मनई क नस्ट नाही करइ चाहत ह, बल्कि उ तउ चाहत ह कि सभी मनई मनफिराव क तरफ बढ़इँ।
10 मुला पर्भू क दिन आई। एक दिना पर्भू चुप्पेचाप चोर सही अहइ। उ दिन एक भयंकर गर्जना क साथे आकास विलीन होइ जाई अउर आकास क नखत भसम होइके नस्ट होइ जइही अउर इ धरती पे रहइवालेन क करम उजागर होइ जइही। 11 काहेकि जब इ सब चीजन इ तरह स नस्ट होइ जाइही तउ तू सोचा कि तू लोगन क कउनउ तरह क जीवन जियइ क चाही। तोहे सबन्क पवित्तर जीवन जियइ क चाही, पवित्तर जीवन जउन परमेस्सर क अर्पित अहइ अउर सब तरह क उत्तम करम करइ क चाही। 12 अउर तोहे सबन्क परमेस्सर क दिन क बाट जोहइ क चाही, अउर ओके जल्दी आउब क बरे काम करा। उ दिन अउतइमान आकास लपटन मँ जल क नस्ट होइ जाई आकास क नखत ओकरे ताप सेही पिघल उठिही। 13 मुला हम पचे परमेस्सर क वचन क अनुसार एक नवा आकास अउर नवी धरती की बाट जोह रहा अहइ जहाँ धार्मिकता रहत ही बाटइ।
14 इ पिआरे बन्धुओ, काहेकि तू एन बातन क बाट जोहत अहा, पूरा प्रयत्न करा कि पर्भू दुआरा सान्ति मँ निर्दोख अउर कलंक रहित पावा जा। 15 हमारे पर्भू क धीरज क उद्धार समझा। जइसेन कि हमरे पिआरे बन्धु पौलुस परमेस्सर दुआरा दीन्ह गए विवेक क अनुसार पचन्क लिखेन ह। 16 अपने दूसर सभी पत्रन क समान उ पत्र मँ भी इ सब बातन क बिसय मँ कहेउँ ह। ओन पत्रन मँ कउनो कउनो बात अइसी अहइ जेकर समझब मुस्किल बा। अग्यिानी अउर अस्थिर लोग ओकरे अरथ क अनर्थ करि डावत ही। दूसरे पवित्तर सास्तरन क साथ भी अइसेन ही करत ही। इ तरह उ अपनेन पैर मँ कुलहाड़ी मारत अहइँ।
17 पिआरे बन्धुओ, काहेकि तू पचन क इ बातन पहिलेन स पता अहइँ। इ खातिर सावधान रहा अउर व्यवस्थाविहीन मनइयन क दुआरा भटकाए जाए पइ अपने क सुरच्छित स्थान स न डिगवा। 18 बल्कि हमरे पर्भू तथा उद्धारकर्ता ईसू मसीह क अनुग्रह अउर ग्यान मँ तू पचे आगेन बढ़त जा। अबइ अउर अनंत समइ तक तू ओकर महिमा गावत रहा।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.