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बिलाम क तीसरी भविस्सबाणी
24 बिलाम क मालूम भवा कि यहोवा इस्राएल क आसीर्बाद देइ चाहत हीं। एह बरे बिलाम कउनो किस्म क जादू टोना क प्रयोग कइके ओका बदलइ नाहीं चाहेस। मुला बिलाम मुड़ा अउ उ रेगिस्तान कइँती लखेस। 2 बिलाम रेगिस्तान क पार तलक लखेस अउ इस्राएल क सबहिं लोगन क लखेस। उ पचे आपन अलग-अलग परिवार समूहन क पहँटा मँ सिबिर डाए भए रहेन। तब परमेस्सर क आतिमा बिलाम प उतरी। 3 अउर बिलाम इ शब्दन क बोला:
“बोर क पूत बिलाम क सँदेसा अहइ जउन मइँ साफ-साफ निहारत हउँ
उहइ क बारे मँ बोलत हउँ
4 मइँ इ सँदेसा क परमेस्सर स सुनेउँ ह।
मइँ लखेउ हँ जउन सर्वसक्तीमान परमेस्सर मोका देखॉएस ह।
मइँ मूँड़ि निहुराइके बतावत हउँ जउन मइँ साफ-साफ देखॅत हउँ।
5 “याकूब क मनइयो! तोहार तम्बू बहोतइ सुन्नर अहइँ!
इस्राएल क मनइयो! तोहार घर बहोतइ सुन्नर अहइँ!
6 तोहार तम्बू बगिया क नाई अहइँ
जउन नदी क आगे लगावा गवा ह।
तोहार घर उ बगिया क नाई बाटेन
जउन नदी क किनारे बाढ़त रहत ह।
तोहार घर मीठी महकउआ झाड़ी क नाई
अहइँ जेका यहोवा उगाए बाटइ।
तोहार घर सुन्नर बिरवा क नाई
अहइँ जउन पानी स बाढ़त रहत हीं।
7 तोहका पिअइ क पानी हमेसा मिलत रही।
तोहका खूब इफरात पानी बिआ क बाढ़इ बरे मिली।
तोहार सबन क राजा अगग स बड़ा होइ।
तोहरे राज्ज क बड़की महिमा होइ।
8 “परमेस्सर ओन लोगन क मिस्र स बाहेर लिआवा।
उ ऍतना बरिआर सक्तीवाला
अहइ जेतँना एक ठु अनेर साँड़।
उ पचे आपन सबहिं दुस्मनन क नास कइ देब।
उ ओकर हड्यिन क तोड़ देब
अउ आपन तीरन स ओनका भेद देब।
9 उ सबइ सेर क नाई अहइँ जउन गुटुर-मुटुर बइठा अहइ अउर सोअत अहइ।
कउनो मनई ओका जगावइ नाहीं चाहत।
कउनो मनई जउन तोहका आसीर्बाद देइ, असीस पाइ।
अउर कउनो मनई जउन तोहका सराप देइ उ पचे सराप पाइ।”
10 तब बिलाम प बालाक बहोत कोहान। बालाक बिलाम स कहेस, “मइँ तोहका आपन दुस्मनन पइ सराप देइ बरे हिआँ बोलाएउँ रहा। मुला तू ओनका आसीर्बाद दिहे अहा। तू ओनका तीन दाइँ आसीर्बाद दिहे अहा। 11 अब बिदा ह्वा अउ घरे जा। मइँ कहेउँ रहा कि मइँ तोहका बहोत जियादा अमीर बनाउब। मुला यहोवा तोहका इनाम पावइ स रोक रखे बाटइ।”
12 बिलाम बालाक स कहेस, “का मइँ ओन संदेसवाहकन क जेनका तू मोरे लगे पठाएस रहा नाहीं कहेस रहा: 13 ‘बालाक आपन सोना चाँदी स भरा आपन घर मोका दइ सकत ह। मुला मइँ तब भी सिरिफ उहइ बात कहि सकत हउँ जेका कहइ बरे यहोवा हुकुम दिहे अहइ। मइँ नीक या बुरा खुद कछू नाहीं कइ सकत हउँ। मोका उहइ करइ चाही जउन यहोवा क हुकुम होइ।’ का तोहका याद नाहीं कि मइँ इ बातन तोहरे मनइयन स कहेउँ। 14 अब मइँ आपने लोगन क बीच जात अहउँ; मुला मइँ तोहका एक चिताउनी देब। मइँ तोहसे कहब कि भविस्स मँ इस्राएल क इ लोग तोहरे संग अउ तोहरे लोगन क संग का करिहीं।”
बिलाम क आखिरी भविस्सबाणी
15 तब बिलाम इ बातन क कहेस:
“बोर क पूत बिलाम क इ सब्द अहइँ।
इ सबइ सब्द उ मनई क अहइँ जउन चीजन क साफ साफ लखि सकत ह।
16 मइँ परमेस्सर स इ सँदेसा सुनेउँ ह।
मइँ गियान पाएउँ ह जउन सर्वोच्य परमेस्सर दिहेस ह
जेका सर्वसक्तीमान परमेस्सर दिहेस ह।
मइँ उ निहारेउँ ह।
मइँ दण्डवत कइके कहत हउँ जउन मइँ निहारेउँ ह।
17 “मइँ लखत अहउँ कि यहोवा आवत बा, मुला अबहिं नाहीं।
मइँ ओकर अवाई लखत हउँ, मुला हाली नाहीं।
याकूब क परिवार स एक तारा आई।
इस्राएल क मनइयन मँ स एक नवा राजा आई।
उ राजा मोआबी मनइयन क मूँड़ खूँद देइ।
उ सेथ क सबहिं पूतन क मूँड़न क चकना-चूर कइ देइ।
18 इस्राएल ताकतवर होइ!
उ एदोम क राज्ज पाई।
उ आपन दुस्मन सेइर क राज्ज पाई।
19 “उ याकूब क परिवार स सासन करब।
सहर मँ उ सबन लोगन क नास करी जउन जिअत बचा भवा बाटेन।”
20 तब बिलाम आपन अमालेकी मनइयन क लखेस अउ इ बातन क कहेस:
“सब रास्ट्रन मँ स अमालेकी सबन त जियादा बरिआर रहा।
मुला अमालेकी भी बरबाद कइ दीन्ह जाइ!”
21 तब बिलाम केनित मनइयन क लखेस अउ ओसे इ सब बात किहेस:
“तू सबइ पतियात ह कि तोहार देस उहइ तरह सुरच्छित बा,
जइसे कउनो ऊँचे पहाड़े प एक चिरइया क झोंझ।
22 मुला तू कनित लोगो नस्ट होइ जाब्या जइसे यहोवा केन क नास किहेस ह।
अससूर तोहका बन्दी बनाइ लेइ।”
23 तब बिलाम इ बतिया कहेस:
“कउनो मनई नाहीं जी सकत जब परमेस्सर अइसा करत ह।
24 कित्तियन क घाट स जहाज अइहीं।
उ सबइ अससूर अउ एबर क हरइहीं।
मुला तब सब जहाज नस्ट कइ दीन्ह जइहीं।”
25 तब बिलाम उठा अउ आपन घर लउटि गवा अउ बालाक भी आपन राहे चला गवा।
निर्देसक बरे एक ठु भजन।
1 हे धरती क हर वस्तु, आनन्द क संग परमेस्सर क जय बोला।
2 ओकर महिमामय नाउँ क स्तुति करा।
ओकर आदर ओकर स्तुति गीतन स करा।
3 ओकर जियादा अद्भुत कामन स परमेस्सर क बखान करा।
हे परमेस्सर, तोहार सक्ति बहोतइ बड़ी अहइ।
तोहार दुस्मन निहुरि जात अउ तोहसे डेरात हीं।
4 जगत क सबहिं लोग तोहार उपासना करइँ
अउर तोहरे नाउँ क हर कउनो गुण गावइ।
5 तू ओनका लखा जउन अचरजे स भरा काम परमेस्सर किहस।
उ सबइ चिजियन हमका अचरजे स भरि देत हीं।
6 परमेस्सर लाल सागर क झुरान भुइँया मँ बदल दिहस।
अउर ओकर लोग पैदर यरदन नदी क
समूचइ रास्ता खुसी स पार किहेन।
7 परमेस्सर आपन महासक्ति स इ संसार क सासन करत ह।
परमेस्सर हर कहूँ लोगन पइ निगाह रखत ह।
कउनो भी मनई ओकरे खिलाफ नाहीं होइ सकत।
8 लोगो, हमरे परमेस्सर क गुणगान
तू पचे ऊँच स्वर मँ करा।
9 परमेस्सर हमका इ जिन्नगी दिहस ह।
उ हमार रच्छा करत ह।
10 परमेस्सर हमार परीच्छा लिहस ह।
परमेस्सर हमका वइसे ही परखेस, जइसे लोग चाँदी आगी मँ डाइके परखत हीं।
11 हे परमेस्सर, तू हमका फँदा मँ फँसइ दिहा।
तू हम पइ भारी बोझा लाद दिहा।
12 तू हमका दुस्मनन स गोड़े तरे रौंदवाया।
तू हमका आग्री अउ पानी मँ घसीट्या।
मुला तू फिन भी हमका सुरच्छित ठउर पइ लइ आया।
13-14 एह बरे मइँ तोहरे मन्दिर मँ बलियन चढ़ावइ आउब।
जब मइँ विपत्ति मँ रहेउँ, मइँ तोहार सरण माँगेउँ
अउर मइँ तोहार बहुतेरी मन्नत माँगेउँ।
अब ओन वस्तुअन क जेनकर मइँ मन्नत माँगेउँ, अर्पित करत हउँ।
15 मइँ तोहका सुद्धिकरण क भेंट अर्पित करत हउँ,
अउर भेड़न क संग सुगन्धि अर्पित करत हउँ।
तोहका बर्धन अउ बोकरन क बलि अर्पित करत हउँ।
16 ओ सबहि लोगो, परमेस्सर क आराधको!
आवा, मइँ तू पचन्क बताउब कि परमेस्सर मोरे बरे का किहस ह।
17-18 मइँ ओकर बिनती किहेउँ।
मइँ ओकर गुणगान किहेउँ।
मोर मनवा पवित्तर रहा,
मोर सुआमी मोर बात सुनेस।
19 परमेस्सर मोर सुनेस।
परमेस्सर मोर बिनती सुन लिहस।
20 परमेस्सर क गुण गावा।
परमेस्सर मोहसे मुँह नाहीं मोड़ेस।
उ मोर पराथना क सुन लिहस।
परमेस्सर निज करुणा मोह पइ देखाँएस।
संगीत निर्देसक बरे तारवालन बाजन क संग एक ठु भजन।
1 हे परमेस्सर, हम पइ करुणा करा, अउ हमका असीस द्या।
आपन मुस्कुरात भवा चेहरा हमका दिखावा।[a]
2 एह बरे समूचइ संसार तोहार रास्ता सीखइ सकी
अउर हर कउनो मनई तोहार इ जान सकइ कि तू कइसा आपन लोगन क रच्छा करत ह।
3 हे परमेस्सर, लोग तोहार गुण गावइँ।
सबहिं लोग तोहार बड़कई करइँ।
4 सबहिं रास्ट्र आनन्द मनावइँ अउ आनन्द मँ भरा होइँ।
काहेकि तू लोगन क निआउ निस्पच्छ करत अहा।
अउर हर रास्ट्र पइ तोहार सासन अहइ।
5 हे परमेस्सर, लोग तोहार गुण गावइँ।
सबहिं लोग तोहार बड़कई करइँ।
6 हमार भुइयाँ हमका भरपूर फसल देइ।
परमेस्सर, हे हमरे परमेस्सर हमका असीस द्या।
7 हे परमेस्सर, हमका असीस द्या
धरती क सबहिं लोग परमेस्सर स डेराइँ, ओकर आदर करइँ।
इस्राएल घरे लउटी
14 जब यहोवा याकूब क सुख देइ अउर इस्राएल क फुन आपन लोगन क रूप मँ चुनी उ ओनका क ओकर आपन धरती मँ बसाइ। उ समइ मँ कछू बिदेसियन ओकर संग सामिल होइ जाइ अउर याकूब क परिवार क निअँबर बन जाइ। 2 उ सबइ जातियन इस्राएल क धरती बरे इस्राएल क लोगन क फुन वापस लइ लेइहीं। दूसर जातियन क उ सबइ मेहरारू मनसेधू इस्राएल क दास होइ जइहीं। बीते भए समय मँ ओन लोग इस्राएल क लोगन क बलपूर्वक आपन दास बनाए रहेन। इस्राएल क लोग ओन जातियन क हरइहीं अउर फुन इस्राएल ओन पइ हुकूमत करी। 3 यहोवा तोहरे मेहनत क खतम करी अउर तोहका आराम देइ। पहिले तू दास हुवा करत रह्या, लोग तोहका कड़ी मेहनत करइके मजबूर करत रहेन किन्तु यहोवा तोहार इ कड़ी मेहनत क अब खतम कइ देइ।
बाबुल क राजा क बारे मँ एक गीत
4 उ समय बाबुल क राजा क बारे मँ तू इ गीत गावइ लगब्या:
उ राजा दुट्ठ रहा जब उ हमार सासक रहा।
किन्तु अब ओकरे राज्ज क अन्त भवा।
5 यहोवा दुट्ठ सासकन क राज दण्ड तोड़ देत ह।
यहोवा ओनसे ओनकर सक्ति छोरि लेत ह।
6 बाबुल क राजा किरोध मँ भरिके लोगन क पीटा करत ह।
उ दुट्ठ सासक लोगन क पीटब कबहुँ बंद नाहीं किहस।
उ दुट्ठ राजा किरोध मँ भरिके लोगन पइ राज किहस।
उ लोगन क साथ बुरे कामन क करब नाहीं तजेस।
7 किन्तु अब सारा देस आराम मँ अहइ।
देस मँ सान्ति अहइ।
लोग अब उत्सव मनाउब सुरू किहेन ह।
8 तू एक बुरा सासक रह्या,
अउर अब तोहार अन्त भवा ह।
हिआँ तलक की चीड़ क बृच्छ भी सुस्त अहँइ।
लबानोन मँ देवदार का बृच्छ भगन अहइँ।
बृच्छ इ कहत हीं, “जउन राजा हमका गिराए रहा।
आजु उ राजा क हीं पतन होइ ग अहइ,
अउर अब उ राजा कबहुँ खड़ा नाहीं होइ।”
9 अधोलोक, यानी मउत क प्रदेस उत्तेजित अहइ
काहेकि तू आवत अहा।
अधोलोक तोहार बरे संसार क
प्रमुखन क आतिमा क उठावत रहा हीं।
अधोलोक तोहार स्वागत करइ बरे
सिंहासन स ओन प्राचीन राजा लोगन क खड़ा करत हीं।
10 इ सबइ प्रमुख तोह पइ हँसी उड़इ अउर कहिहीं,
“तू भी अब हमरी तरह मरा भवा सरीर अहा।
अब लोग तोहार बरे भी उहइ गीतन लेखब जउन उ पचे मोरे बरे लेखेस ह।”
11 तोहरे अभिमान क मउत क लोक मँ खाले उतारा गवा।
तोहार अभिमानी आतिमा क अवाइ क घोसणा तोहरी वीजन क संगीत करत ह।
तोहरे बदन क माखियन खाइ जइहीं।
तू ओन पइ अइसे ओलरब्या माना उ पचे तोहार बिछउना होइँ।
कीरन अइसे तोहरी देह क ढक लेइहीं माना कउनो कमरी होइ।
12 हे भोर क तारा,
तू धरती पइ भहराइ पड़्या।
हे पेड़ तू सबहिं रास्ट्र क कमज़ोर बनाइ दिहेस,
किन्तु तोहका अब काटिके गिराइ दीन्ह गवा!
13 तू हमेसा आपन स कहत रह्या,
“मइँ अकासन पइ आरोहण करब
अउर परमेस्सर क तारन क ऊपर अपना सिंहासन कायम करब
अउर देवी पर्व जप्पा क चोटी पइ बैठब,
जहाँ पइ जप्पा क सबन त ऊँची चोटीयन पइ देवतन अकत्र होत ह।
14 मइँ बादरन क वेदी तलक जाब।
मइँ सर्वोच्च परमेस्सर जइसा बनब।”
15 किन्तु वइसा नाहीं भवा।
तू परमेस्सर क संग ऊपर अकासे मँ नाहीं जाइ पाया।
तोहका अधोलोक क खाले गहिर पताल मँ लइ आवा गवा।
16 लोग जउन तोहका टकटकी लगाइके लखा करत हीं,
उ सबइ तोहरे बरे सोचा करत हीं।
लोगन क आजु इ देखॉत ह कि तू बस मरा भवा अहा, अउर लोग कहा करत हीं,
“का इहइ उ मनई अहइ जउन धरती क सारे राज्जन मँ भय फइलावा भवा अहइ?
17 का इ उहइ मनई अहइ जउन नगर बर्बाद किहेस
अउर जउन धरती क उजाड़ मँ बदल दिहस?
का इ उहइ मनई अहइ जउन लोगन क जुद्ध मँ बन्दी बनाएस
अउर ओनका आपन घरन मँ नाहीं जाइ दिहस?”
18 धरती क हर राजा सान स मउत क पाएस।
हर कउनो राजा क मकबरा बना अहइ।
19 किन्तु हे बुरे राजा, तोहका तोहरी कब्र स निकारि बहावा दीन्ह ग अहइ।
तू एक ठु गिरी भई ल्हास अहा
जेका जुद्ध मँ मारा गवा,
अउर दूसर फउजी ओका रौंदन चला गएन।
अब तू अइसा देखॉवत अहा जइसे दूसर मरे मनई देखॉत हीं।
तोहका कफन मँ लपेटा गवा ह।
20 बहोत स अउर भी राजा लोग मरेन।
ओनके लगे आपन-आपन कब्र अहइँ।
किन्तु तू ओनमाँ नाहीं मिलब्या।
काहेकि तू आपन ही देस क बिनास किह्या।
आपन ही लोगन क तू बध किहा ह।
जइसा बिनास तू मचाए रह्या।
21 ओकरी सन्तानन क बध तइयारी करा।
तू ओनका मउत क घाट उतारा काहेकि ओनकर पिता अपराधी अहइ।
अब कबहुँ ओकरे पूत नाहीं होइहीं।
ओकर सन्तानन अब कबहुँ भी संसार क आपन नगरन स नाहीं भरिहीं।
तोहार सन्तानन वइसा करत नाहीं रहिहीं।
तोहरी सन्तानन क वइसा करइ स रोक दीन्ह जाइ।
22 सर्वसक्तिमान यहोवा कहेस, “मइँ खड़ा होब अउर ओन लोगन क खिलाफ लड़ब। मइँ मसहूर नगर बाबुल क उजारि देबउँ। बाबुल क सबहिं लोगन क मइँ नस्ट कइ देब। मइँ ओनकर सन्तानन, पोते-पोतियन अउर सन्तानन क मेट देबउँ।” इ सबइ सब बातन यहोवा खुद कहे रहा।
23 यहोवा कहे रहा, “मइँ बाबुल क बदल डाब। उ ठउरे मँ पसुअन क बास होइ, न कि मनइयन क। उ ठउर दलदल क प्रदेस बनि जाइ। मइँ ‘विनास क झाड़ू’ स बाबुल क बाहेर कइ देब।” सर्वसक्तिमान यहोवा इ सबइ बातन कहे रहा।
परमेस्सर अस्सूर क भी दण्ड देइ
24 सर्वसक्तिमान यहोवा एक बचन दिहे रहा। यहोवा कहे रहा, “मइँ बचन देत हउँ, कि इ सबइ बातन ठीक वइसे ही घटिहीं, जइसे मइँ एनका सोचेउँ ह। इ सबइ बातन ठीक वइसे ही घटिहीं जइसे कि मोर योजना अहइ। 25 मइँ आपन देस मँ अस्सूर क राजा क नास करब आपन पहाड़न पइ मइँ अस्सूर क राजा क आपन गोड़न तले कुचरि डाउब। उ राजा मोरे लोगन क आपन दास बनाइके ओनकर कन्धन पइ एक जूआ रख दिहेस ह। यहूदा क गर्दन स उ जूआ उठाइ लीन्ह जाइ। उ बिपत्ति क उठावा जाइ। 26 मइँ आपन लोगन बरे अइसी ही जोजना बनावत हउँ। सबहिं जातियन क सजा देइ बरे, मइँ आपन सक्ति क प्रयोग करब।”
27 यहोवा जब कउनो जोजना बनावत ह तउ कउनो भी मनई उ जोजना क रोक नाहीं सकत। यहोवा लोगन क सजा देइ बरे जब आपन हाथ उठावत ह तउ कउनो भी मनई ओका रोक नाहीं सकता।
पलिस्तियन क परमेस्सर क सँदेसा
28 इ दुःखद सँदेसा उ बरिस दीन्ह गवा रहा जब राजा आहाज क मउत भइ रही।
29 हे, पलिस्तियो क प्रदेसो! तू बहोत खुस अहा काहेकि जउन राजा तोहका मार लगावा करत रहा, आजु मर चुका अहइ। किन्तु तोहका असलियत मँ खुस नाहीं होइ चाही। इ फुरइ अहइ कि ओकरे सासन क अंत होइ चुका अहइ। किन्तु उ राजा क पूत अबहिं आइके राज करी अउ उ एक अइसे साँप क समान होइ जउन खउफनाक नागन क जन्म दिया करत ह। इ नवा राजा तू लोगन बरे एक ठु बड़के फुर्तीले खउफनाक नाग क जइसा होइ। 30 किन्तु मोरे दीन जन सुरूच्छा पूर्वक खात पिअत रहि पइहीं। ओनकर सन्तानन भी सुरच्छित रइहीं। मोरे दीनजन, सोइ सकिहीं अउर सुरच्छित अनुभव करिहीं। किन्तु तोहरे परिवार क भूख स मार डाउब अउर तोहार सबहिं बचे भए लोग मरि जइहीं।
31 हे नगर दुआर क बासियो, रोवा!
नगर मँ बसइयो तू लोग, चीखा-चिल्ला!
पलिस्ती क तू सब लोगो डेराइ जाब्या।
तोहार हिम्मत गरम मोम क नाई टेघरिके ढल जाइ।
उत्तर दिसा कइँती लखा!
हुवाँ धूरि क एक बादर अहइ।
लखा, अस्सूर स एक फउज आवति अहइ।
उ फउज क सबहिं लोग बलवान अहइँ।
32 उ फउजी आपने नगर मँ दूत पठइहीं।
दूत आपन लोगन स का कहिहीं?
उ पचे एलान करिहीं: पलिस्ती हार गवा, किन्तु यहोवा सिय्योन क सुदृढ़ बनाएस ह,
अउर ओकर दीन्ह जन हुवाँ रच्छा पावइ क गएन।
सजीब पाथर अउर पवित्तर प्रजा
2 इहइ खातिर सब बुराइयन, छल-छदम पाखण्ड अउर बैर-विरोधन अउर दुसर क दोख मढ़इ स अलग रहा। 2 नवजात बचवन क तरह सुद्ध आत्मिक दूध खातिर ललचावा करा जेहसे तोहार विकास अउर तोहका बचावा जाइ सकइ। 3 अब देखा तू पचे तउ परमेस्सर क अच्छाई क स्वाद तउ लइ ही लिहे अहा।
4 ओह क लगे आवा। उ सजीव “पाथर” अहइ। वहिका संसारी लोगन क नकार दिहे रहा मुला उ परमेस्सर खातिर बहुमूल्य अहइ अउर जउन ओकरे दुआरा चुना गवा अहइ। 5 तू पचे भी सजीव पाथरन क तरह एक आत्मिक मन्दिर क रूप मँ बनाइ जात अहा। जइसेन पवित्तर याजकन क रूप मँ सेवा कइ सका। जेहमा कर्तव्य अइसेन आत्मिक बलिदानन क समर्पित करब अहइ जउन ईसू मसीह क दुआरा परमेस्सर क ग्रहण करइ लायक होइ। 6 पवित्तर सास्तर मँ लिखा बा:
“देखउ, मइँ राखत हउँ सिय्योन मँ कोने क पाथर एक जउन अहइ
बहुमूल्य अउर अहइ चुना गवा अहइ
जउन ओह पइ जउन बिस्सास करी ओका कबहुँ क लजाइ न परी।” (A)
7 एकर मूल्य तउ ओहके बरे अहइ जउन बिस्सास करत ही मुला ओनके खातिर जउन बिस्सास नाही करत अहइँ:
“उ पाथर जेका सिल्पियन नकारिन बन गवा
सबन त जियादा महत्त्वपूर्ण कोने क पाथर।” (B)
8 तथा उ बन गवा:
“एक पाथर जहाँ लोग ठोकर खाइ
अउर अइसी चट्टान जहाँ स मनई फिसल जाइँ।” (C)
लोग ठोकर खात हीं काहेकि उ परमेस्सर क वचन क पालन नाही करतेन बस ओनकइ इही नीत रही बाटइ।
9 मुला तू तउ चुने भए लोग अहा, याजकन क राज्ज, एक पवित्तर रास्ट्र एक अइसेन मनइयन जउन परमेस्सर क आपन अहइँ, जइसेन तउ परमेस्सर क अचरज कारजन क घोसणा कइ सका। उ परमेस्सर जउन तोहका अन्धकार स अद्भुत प्रकास मँ बोलाएस ह।
10 एक समइ रहा जब तू परमेस्सर क लोग नाही रह्या।
मुला अब तू परमेस्सर क लोगन अहा।
एक समइ रहा जब दया क पात्र नाही रह्या
मुला अब तू सबन प परमेस्सर दया देखाइस ह।
परमेस्सर खातिर जिआ
11 पिआरे बन्धुअन, तू पचे इ संसार मँ अतिथि अउर अजनबी क रूप मँ अहा एह बरे मइँ तू पचन स निवेदन करत अहउँ कि उ सारीरीक इच्छन स दूर रहा जउन तोहारे पचन क आतिमा स जूझत ही। 12 अबिस्सासियन मँ आपन व्यवहार ऍतना नीक बनाए रहा कि चाहे उ अपराधियन क रूप मँ तोहार सबन क आलोचना करइँ मुला तोहरे नीक कर्मन क परिणाम सरूप परमेस्सर क आवइ क दिन मँ परमेस्सर क महिमा प्रदान करा।
अधिकारी क आग्या माना
13 पर्भू खातिर हर मनवीय अधिकारिक क अधीन रहा। 14 राजा क अधीन रहा। उ सर्वोच्च अधिकारी अहइ। सासकन क अधीन रहा। उ ओनका कुकर्मीमयन क दण्ड देइ खातिर अउर नीक काम क प्रसंसा करइ क खातिर भेजे अहइ। 15 काहेकि परमेस्सर क इहइ इच्छा अहइ कि उ अपने नीक कर्मन क मूरखन क अगियान भरी बातन क चुप कराइ देइ। 16 स्वतंत्र मनइयन क तरह जिआ मुला स्वतंत्रता क बुरे कर्मन क आड़ न बनइ द्या। परमेस्सर क सेवक बनके जिआ। 17 सबन क सम्मान करा। अपने धरम भाइयन तथा बहिनियन स पिरेम करा। परमेस्सर प श्रद्धा रखा। सासक क सम्मान करा।
मसीह की यातना क दिस्टान्त
18 सेवको, यथोचित आदर क साथ अपने स्वामियन क अधीन रहा। न केवल ओनके जउन नीक बाटेन अउर दूसरे क खातिर चिन्ता करत अहइँ। बल्कि ओनके बरे जउन कठोर अहइँ। 19 काहेकि जदि कउनो परमेस्सर क उपस्थिति क प्रति सचेत रहत भए यातना सहत ह अउर अन्याय झेलत ह तउ उ प्रसंसनीय अहइ। 20 मुला अगर बुरे करम क खातिर तोहका पीटा जात ह अउर तू ओका सहत ह तउ एहमाँ प्रसंसा क कउन बात अहइ, मुला अहगर तोहरे कर्मन खातिर तोहका कस्ट दीन्ह जात ह तउ परमेस्सर क सामने उ प्रसंसा क जोग्य अहइ। 21 परमेस्सर तोहका इ खातिर बोलइस ह काहेकि मसीह हमरे बरे दुःख उठाएस ह अउर इ कइके हमरे बरे एक उदाहरण छोड़ेस ह ताकि मइँ ओहका चरण चिन्हन प चल सकउँ।
22 “उ (मसीह) कउनो पाप नाही किहेस
अउर न ही ओकरे मुँहे स कउनो छल की बात निकरी।” (D)
23 जब उ अपमानित भवा तउ उ कउनो क अपमान नाही किहेस अउर जब उ दुःख झेलेस, उ कउनो क धमकी नाही दिहस, बल्कि उ सच्चे निआव करइवाले परमेस्सर क आगे आपन क अर्पित कइ दिहेस। 24 उ क्रूस अपने देह मँ हमरे पापन क ओढ़ लिहेस। जइसेन अपने पापन क प्रति हमार मउत होइ जाइ अउर जउन कछू नेक अहइ मइँ ओकरे बरे जिई, ई उ घावन क कारण भवा ह जेनसे तू पचे चंगे कीन्ह गए रह्या। 25 काहेकि तू भेड़न क समान भटके रह्या अउर अब तू पचे अपने गड़िया अउर अपनी आतिमन क बचइया लगे लउतटि आए अहा।
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