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M’Cheyne Bible Reading Plan

The classic M'Cheyne plan--read the Old Testament, New Testament, and Psalms or Gospels every day.
Duration: 365 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
लैव्यव्यवस्था 23

खास पवित्तर दिन

23 यहोवा मूसा स कहेस, “इस्राएल क लोगन स कहा: तू पचे यहोवा क निहचित पर्वन क पवित्तर एलान करा। इ सबइ मोर पवित्तर दिन अहइँ:

सबित

“छ: दिन काम करा। मुला सतवाँ दिन, आराम क एक खास दिन या पवित्तर मिलन क दिन होइ। उ दिन तू पचन क कउनो काम नाहीं करइ चाही। इ तोहरे सबहिं घरन मँ यहोवा क सबित अहइ।

फसह त्यौहार

“इ सबइ यहोवा क चुने भए पवित्तर दिन अहइँ। ओनके बरे निहचित समइ पइ तू पचे पवित्तर सभा क घोसणा करब्या। यहोवा क फ़सह त्यौहार पहिले महीना क चउदह तारीख क साँझ बेला मँ अहइ।

अखमीरी रोटी क त्यौहार

“उहइ महीना क पन्द्रह तारीख क बे खमीरी मैदा क फुलकन क त्यौहार होइ। तू पचे सात दिना तलक बे खमीरी मैदा क फुलकन खाब्या। इ त्यौहार क पहिले दिन तू पचे एक पवित्तर सभा करब्या। उ दिन तोहका कउनो काम नाहीं करइ चाही। सात दिन तलक तू पचे यहोवा बरे भेंट चढ़उब्या। सतएँ दिन एक पवित्तर सभा होइ। उ दिन तू पचन क कउनो काम नाहीं करइ चाही।”

पहिली फसल क त्यौहार

यहोवा मूसा स कहेस, 10 “इस्राएल क लोगन स कहा: तू पचे उ धरती पइ जाब्या जेका मइँ तोहका देब। तू पचे उ समइ ओकर फसल कटब्या। उ समइ तू पचन क आपन फसल क पहिली पूली याजक क लगे लइ आवइ चाही। 11 याजक पूली क यहोवा क समन्वा लहराइ। तब उ तोहरे पचन्क बरे स्वीकार कइ लीन्ह जाइ। याजक पूली क रविवार क भिन्सारे लहराइ।

12 “जउने दिन तू पचे पूली क लहरउब्या, उ दिन तू पचे एक बरिस क एक ठु नर भेड़ी क बच्चा बलि चढ़उब्या। उ भेड़ी क बच्चा मँ कउनो दोख नाहीं होइ चाही। इ भेड़ी क बच्चा यहोवा क होमबलि होइ। 13 तू पचन क एपा क दुइ दसवाँ हींसा जइतून क तेल स सना आटा क अन्नबलि देइ चाही। तू पचन क हीन क चौथाई हींसा दाखरस भी देइ चाही। इ भेंट यहोवा क खुस करइवाली सुगन्धि होइ। 14 जब तलक तू पचे आपन परमेस्सर क भेंट नहीं चढ़उत्या, तब तलक तू पचे कउनो नवा अनाज, या फल या नवा अनाज स बनी भइ रोटी नाहीं खाइ चाही। इ नेम तू पचे जहाँ भी रहब्या, तोहरी पीढ़ी दर पीढ़ी चलत रही।

हफ्तन क त्यौहार

15 “उ रविवार क भिन्सोर स ही उ दिन जब तू पचे पूली उत्तोलन बलि बरे लिआवत ह, सात हफ्ता गिना। 16 सतएँ हफ्ता क पाछे रविवार क (अर्थात पचास दिन क पाछे) तू पचे यहोवा बरे नवा अन्नबलि लउब्या। 17 उ दिन तू पचे आपन निवास स्थान स दुइ-दुइ रोटी लिआवा। इ सबइ उत्तोलन भेंट होइ। खमीर क प्रयोग करा अउ चार क्वार्ट आटा क रोटी बनावा। उ तोहरी पहली फसल स यहोवा क भेंट होइ।

18 “लोगन स अन्नबलि क साथ मँ एक ठु बछवा, दुइ भेड़ा अउर एक-एक बरिस क सात नर मेमना भेंट कीन्ह जइहीं। इ गोरुअन मँ कउनो दोख नाहीं होइ चाही। इ सबइ भेंट क रूप मँ यहोवा क खुस करइ बरे सुगन्धित होमबलि होइहीं। 19 तू पचे भी पापबलि क रुप मँ एक ठु नर बोकरा अउ एक बरिस क दुइ भेड़ी क बच्चन मेलबलि क रुप मँ चढ़उब्या।

20 “याजक यहोवा क समन्वा उत्तोलन बलि क रूप मँ दुइ भेड़ी क बच्चन क पहिली फसल क रोटी क संग लहरउब्या। उ सबइ यहोवा बरे पवित्तर अहइँ। इ सबइ याजक क होइहीं। 21 उहइ दिन, तू पचे एक ठु पवित्तर सभा बोलउब्या। तू पचे कउनो काम नाहीं करब्या। इ नेम तोहरे सबहिं घरन मँ हमेसा ही चली।

22 “जब तू पचे आपन खेतन क फसल कटब्या तउ खेतन क कोनन सारी फसल जिन काट्या। जउन अन्न भुइँया पइ गिरइ, ओका जिन उठावा। ओका तू पचे गरीब लोगन क अउ तोहरे सबन्क देस मँ जात्रा करइवाले बिदेसियन बरे छोड़ द्या। मइँ यहोवा तोहार परमेस्सर अहउँ।”

तुरहियन क त्यौहार

23 यहोवा मूसा स फिन कहेस, 24 “इस्राएल क लोगन स कहा: सतएँ महीना क पहिले दिन तोहका पचन्क आराम क खास दिन मानइ चाही। उ दिन एक पवित्तर सभा होइ। इ दिना (यहोवा क) याद रखइ अउर तुरही क बजावइ बरे अहइ। 25 तोहका कउनो काम नाहीं करइ चाही। तू पचे यहोवा क भेंट चढ़ावइ बरे बलि ले अउब्या।”

प्रायस्चित क दिन

26 यहोवा मूसा स कहेस, 27 “सतएँ महीना क दसवे दिन प्रायस्चित क दिन[a] होइ। उ दिन क पवित्तर सभा होइ। तू पचे भोजन नाहीं करब्या। अउर तू पचे यहोवा क भेंट चढ़उब्या। 28 तू पचे ओह दिन कउनो काम नाहीं करब्या। काहेकि इ प्रायस्चित क दिन अहइ। उ दिन याजकन यहोवा क समन्वा जाइ अउ उ तोहार बरे प्रायस्चित करइहीं।

29 “अगर कउनो मनई उपवास करइ स मना करत ह तउ ओका आपन लोगन स अलगाइ दीन्ह जाइ। 30 अगर कउनो मनई उ दिन काम करी तउ मइँ ओका ओकरे लोगन मँ स बारबाद करइ देब। 31 तोहका कउनो भी काम नाहीं करइ चाही। इ नेम तू पचे जहाँ कहूँ भी रहब्या, सदा ही रही। 32 इ तोहरे सबन्क आराम क खास दिन होइ। तू पचन क भोजन नाहीं करइ चाही। तू पचे आराम क इ खास दिन क महीना क नवाँ दिन साँझ[b] स सुरु करब्या। इ आराम क खास दिन उ साँझ स सुरु कइके अगली साँझ तलक रहत ह।”

कटीर क त्यौहार

33 यहोवा मूसा स फुन कहेस, 34 “इस्राएल क लोगन स कहा: सतएँ महीना क पन्द्रहवें दिन कटीर क त्यौहार होइ। यहोवा बरे इ पवित्तर त्यौहार सात दिन तक चली। 35 पहिले दिन एक धरम सभा होइ। तू पचन्क तब कउनो काम नाहीं करइ चाही। 36 तू पचे सात दिना तलक यहोवा बरे भेंट चढ़उब्या। अठएँ दिन तू पचे दूसर धरम सभा करब्या। तू पचे यहोवा क भेंट चढ़उब्या। इ एक भेंट सभा होइ। तू पचन्क तब कउनो काम नाहीं करइ चाही।

37 “इ सबइ यहोवा क खास पवित्तर दिन अहइँ। ओन दिन पवित्तर सभा होइ। तू पचे यहोवा क होम बलि, अन्नबलि, जनावरन क बलि पेयबलि भेंट क रूप मँ चढ़उब्या। तू पचे उ सबइ भेंटन क ठीक समइ पइ लइ अउब्या। 38 तू पचे यहोवा क सबित दिनन क सुमिरइ क अलावा ओन पवित्तर दिनन क त्यौहार मनउब्या। तू पचे ओन बलियन क यहोवा क आपन अन्नबलि क अलावा देब्या। तू पचे बिसेस दीन्ह गए बचन क पूरा करइ क रुप मँ दीन्ह गइ कउनो भेंट क अलावा ओन चिजियन क देब्या। उ सबइ ओन बिसेस भेंटन क अलावा होइहीं जेनका तू पचे यहोवा क देइ चाहत अहा।

39 “सतएँ महीना क पन्द्रहवें दिन, जब तू पचे आपन खेतन स फसल लिआइ चुकब्या, सात दिन तलक यहोवा क त्यौहार मनउब्या। पहिले अउ अठएँ दिन भी आराम क खास दिन होइ चाही। 40 पहिले दिन तू पचे फलदार पेड़न स नीक फल लिअउब्या अउ तू पचे खजूर क बृच्छ क डारी, चीड़ अउ बेंते क बृच्छन स डारि लिअउब्या। तू पचे आपन परमेस्सर यहोवा क समन्वा सात दिना तलक त्यौहार मनउब्या। 41 तू पचे इ पवित्तर दिन क हर साल यहोवा बरे सात दिना तलक मनउब्या। इ नेम सदा ही रही। तू पचे इ पवित्तर दिन क सतएँ महीना मँ मनउब्या। 42 तू पचे सात दिना तलक अस्थायी आस्रयन मँ रहब्या। इस्राएल मँ पइदा भए सबहिं लोग ओन आस्रयन मँ रइहीं। 43 काहे? एहसे तोहरे सब बंसज इ जनिहीं कि मइँ इस्राएल क लोगन क अस्थायी आस्रयन मँ रहइवाला ओह समइ बनाएउँ जउने समइ मइँ ओनका मिस्र स लिआएउँ। मइँ तोहार परमेस्सर यहोवा अहउँ।”

44 इ तरह मूसा इस्राएल क लोगन क यहोवा क खास पवित्तर दिनन क बारे मँ बताएस।

भजन संहिता 30

मन्दिर क समर्पण बरे दाऊद क एक ठु पद।

हे यहोवा, तू मोरी बिपत्तियन स मोर उद्धार किहा ह।
    तू मोरे दुस्मनन क मोका हरावइ अउर मोर खिल्ली उड़ावइ नाहीं दिहा।
    तउ मइँ तोहरे बरे आदर परगट करब।
हे मोर परमेस्सर यहोवा, मइँ तोहसे पराथना किहेउँ।
    तू मोका चँगा कइ दिहा।
कब्र स तू मोर उद्धार किहा, अउर मोका जिअइ दिहा।
    मोका मुर्दन क संग मुर्दन क गड़हा मँ पड़े भए नाहीं रहइ पड़ा।

परमेस्सर क भगतन, यहोवा क स्तुति करा!
    ओकरे सुभ नाउँ क प्रसंसा करा।
यहोवा कोहाइ गवा, तउ निर्णय भवा “मउत!”
    मुला उ आपन पिरेम परगट किहस अउर मोका “जिन्नगी” दिहस।
मइँ राति क रोवत विलापत सोएउँ।
    दूसर भिन्सारे मइँ गावत भवा खुस रहेउँ।

मइँ अब इ कहि सकत हउँ, अउर मइँ जानत हउँ इ निहचय फुरइ अहइ,
    “मइँ कबहुँ नाहीं हारब!”
हे यहोवा, जब तू मोहे पइ दयालु भया
    अउ तउ मइँ महसूस किहेउँ कि मइँ अइसा सुरच्छित अहउँ जइसा पहाड़े पइ एक किला।
मुला मइँ डर स काँपि गएउँ
    जब तू मोका अस्वीकार कइ दिहा।
हे परमेस्सर, मइँ तोहरी कइँती लउटेउँ अउर बिनती किहेउँ।
    मइँ आपन पइ दाया देखावइ क विनती किहेउँ।
मइँ कहेउँ, “परमेस्सर का इ नीक अहइ कि मइँ मरि जाउँ
    अउर कब्र क भीतर खाले चला जाऊँ?
मरे भए मनई तउ माटी मँ ओलरा रहत हीं,
    उ पचे तोहरे नेक क स्तुति
    जउन सदा सदा बनी रहत ह नाहीं करतेन।
10 हे यहोवा, मोर पराथना सुना अउर मोह पइ करुणा करा!
    हे यहोवा, मोर मदद करा!”

11 मइँ पराथना किहेउँ अउर तू मोर मदद किहा!
    तू मोरे रोवइ क नाच मँ बदल दिहा मोरे सोक वस्त्र क तू उतारिके बहाइ दिहा,
    अउर मोका आनन्द मँ सराबोर कइ दिहा।
12 हे यहोवा, मइँ तोर सदा जसगान करब।
    मइँ अइसा करब जेहसे कबहुँ नीरवता न बियापइ।
    तोहार प्रसंसा मँ हमेसा कउनो न कउनो गावत रही।

सभोपदेसक 6

धने स खुसी नाहीं मिलत

मइँ जिन्नगी मँ एक अउर बुरी बात लखेउँ ह अउर इ बहोत समान्य अहइ। परमेस्सर कउनो मनई क बहोत स धन देत ह, सम्पत्तियन देत ह अउर आदर देत ह। उ मनई क लगे ओकर जरूरत की चीज होत ह अउर जउन कछू भी उ चाह सकत ह उ भी होत ह। किन्तु परमेस्सर उ मनई क ओन वस्तुअन क भोग नाहीं करइ देत। तबहिं कउनो अजनबी आवत ह अउर ओन सबहिं वस्तुअन क छोरि लेत ह। इ एक बहोत बुरी अउर बियर्थ बात अहइ।

कउनो मनई बहोत दिनन तलक जिअत ह अउर होइ सकत ह ओकर सौ बच्चन होइ जाइँ। किन्तु अगर उ मनई ओन अच्छी वस्तुअन स सन्तुट्ठ नाहीं होत अउर अगर ओकर मउत क बाद कउनो ओका सुमिरत नाहीं तउ मइँ कहत हउँ कि उ मनई स तउ उ बच्चा ही अच्छा अहइ जउन जन्मत ही मरि जात ह। उ बच्चा क कउनो नाउँ नाहीं दीन जात अउर फउरन ही ओका एक अँधेरी कब्र मँ दफनाइ दीन्ह जात ह। उ बच्चा तउ कबहुँ सूरज तउ लखेस ही नाहीं। उ बच्चा कबहुँ कछू नाहीं जानेस किन्तु उ मनई क भाग्ग जउन परमेस्सर क दीन्ह गइ वस्तुअन क कबहुँ आनन्द नाहीं लिहेस, उ बच्चा क जियादा चइन मिलत ह। अगर कउनो मनई दुइ हजार बरिस जिअत ह किन्तु जिन्नगी क आनन्द नाहीं उठावत, तउ का दुइनउँ क अन्त एक समान नाहीं अहइ।

एक मनई लगातार काहे काम करत रहत ह? काहेकि ओका आपन सबइ इच्छा पूरी करइ क अहइँ। मुला उ संतुट्ठ तउ कबहुँ नाहीं होत। इ तरह स एक बुद्धिमान मनई भी एक मूरख मनई स कउनो तरह उत्तिम नाहीं अहइ। एक दीनहीन मनई क बेहतर व्यवहार करइ जान लेइ मँ ओकर का भलाइ अहइ। उ सबइ वस्तुअन जउन तोहरे पास अहइँ, ओनमाँ संतोस करब नीक अहइ बजाय एकरे कि अउर लगन लगी रहइ। सदा जियादा क कामना करत रहब बेकार अहइ। इ वइसे ही अहइ जइसे हवा क धरइ क जतन करब।

10 जउन कछू घटत अहइ ओकर योजना बहोत पहिले बन चुकी होत ह। एक मनई वइसा ही होत ह जइसा होइ बरे ओका बनावा गवा अहइ। हर कउनो जानत ह कि लोग कइसे होत हीं। 11 तउ इ बारे मँ परमेस्सर स तर्क करब बेकार अहइ जउन कि कउनो भी मनई स जियादा सक्तीसाली अहइ। बहोत सी अइसी बातन अहइ जेकर बरे हम कउनो अन्त क तर्क कइ सकत हीं, किन्तु इ कउनो लाभ नाहीं देत ह।

12 कउन जानत ह कि इ धरती पइ मनई क छोटी स जिन्नगी मँ ओकरे बरे सबस अच्छा का अहइ? ओकर जिन्नगी तउ छाया क नाई ढलि जात ह। बाद मँ का होइ कउनो नाहीं बताइ सकत।

2 तीमुथियुस 2

मसीह ईसू क सच्चा सिपाही

जहाँ तक तोहर बात बा, मोर बेटवा! मसीह ईसू मँ मिलइ वाली अनुग्रह स मजबूत होइ जा, बहुत स लोगन क साच्छी मँ मोसे तू जउन कछु सुने अहा, ओका ओन बिसवास करइ जोग्ग मनइयन क सऊँप द्या जउन दुसरेउ केउ क भी सिच्छा देई मँ समर्थ होइ। जउन यातना सबइ आवइँ ओनका मिलकर सामना करा। जातना झेलई मँ मसीह ईसू क एक अच्छा सैनिक क समान सेवा करत रहा। अइसे सबहिं जउन सैनिक क समान सेवा करत हीं अपने आप क साधारण जीवन क जंजाल मँ नाहीं फँसउतेन काहेकि उ अपने सासक अधिकरियन क खुस करई क बरे कोसिस करत रहत हीं। अउर अइसेनइ अगर केउ कीहीउ दउड़इ वाली प्रतियोगितन मँ हींसा लेत ह अउर नियमन क नमाइन, तउ ओका विजय क मुकुट ओह समइ तलक नाहीं मिलत, जब तलक कि उ नियमन क पालन करत करत प्रतियोगितन मँ भाग नाहीं लेत। किसान जो मेहनत करत ह इ उपज क सबसे पहिला भाग पावइ क अधिकारी अहइ। मइँ जउन बताइत हउँ: ओह प बिचार करा। पर्भू तोहे सब कछू समझइ क छमता प्रदान करी।

मसीह इसू क खियाल करत रहा जउन मरे हुअन मँ स फिन स जिन्दा होइ उठा ह अउर जउन दाऊद क बंसज अहइ। इहइ ओह सुसमाचार क सार अहइ जेकर मइँ उपदेस देत हउँ इही बरे मइँ जातना झेलत अहउँ। इहाँ तलक कि एक अपराधी क नाई मोका जंजीरन स जकड़ दीन्ह गवा बा। परन्तु परमेस्सर क बचन तउ बन्धन रहित बा। 10 इही कारण परमेस्सर क चुना गवा लोगन के बरे मइँ हर दुख उठावत रहत हउँ ताकि उ पचे भी ईसू मसीह मँ मिलइ वाली महिमामयी अउर अनन्त उद्धार क साथे मिलि सकइँ।

11 इ बचन बिसवासे क जोग्ग अहइ किः

अगर हम ओकरे साथे मरा हई,
    तउ उही क साथे जिउब,
12 अगर हम दुख स्वीकार करत अही।
    त ओकरे साथे सासन भी करब।
अगर हम ओका छोड़ तजबइ,
    तउ तजि देइ उहउ हमका,
13 हम चाहे बिसवास हीन होइ,
    प उ बिसवासी हमेसा-हमेसा बिसवास योग्य बना रही
    काहेकि नाहीं होइ सकत उ आतिमा निसेधी मिथ्यवादी, अपनेन ही बरे।

स्वीकृत कार्यकर्ता

14 लोगन क इन बातन क धियान देवावत रहा अउर परमेस्सर क साच्छी कइके ओन्हे सावधान करत रहा कि उ सब्दन क लइक लड़ाई झगड़ा न करा। अइसेन लड़ाई-झगड़ा स कउनउ लाभ नाहीं होत, बल्कि एनका जे सुनत हीं, उहउ का नस्ट कर देत ह। 15 अपने आप क परमेस्सर द्वारा ग्रहण करइ जोग्ग बनाइके एक अइसे सेवक क रूप मँ पेस करइ क यत्न करत रहा जेहसे कउनउ बात क बरे सरमाई क जरूरत न होइ। अउर जउन परमेस्सर क सत्य बचन क सही ढंग स उपयोग करत ह।

16 अउर अधार्मिक अउर अर्थहीन बातन स बचा रहत ह काहेकि इ बात लोगन क परमेस्सर स बहुत दूर लइ जात ह। 17 अइसेन लोगन क सिच्छा नासूर क तरह फइले। हुमिनयुस अउर फिलेतुस अइसेन ही अहइँ। 18 जउन सच्ची सिच्छा स भटकि गवा हयेन। ओनकर कहब बा कि पुरूत्थान अब तलक होइ चुका बा। इ सबइ कछू लोगन क बिसवास क खराब करत हयेन।

19 कछू भी होइ परमेस्सर तउ जेह केतॅना ही मजबूत नींव क डाए अहइ, उ मजबूती क साथे खड़ी बा। ओह प अंकित बा, “पर्भू अपने भक्तन क जानत ह”(A) अउर “उ हर एक, जउन कहत ह कि उ पर्भू क अहइ ओका दुस्टता स बचा रहइ चाही।”

20 एक बड़ाके घरे मँ बस सोना-चाँदी क ही बर्तन त नाहीं होत हीं, ओहमाँ लकड़ी अउर मिट्टी क बरतन भी होत हीं। कछू विसेस उपयोग क बरे होत हीं अउर कछू साधारण उपयोग क बरे। 21 इही बरे अगर आदमी अपने आपके बुराइयन स साफ कइ लेत ह तउ उ विसेस उपयोग क बनी ह। अउर फिन पवित्तर बनिके अपने सुवामी क बरे उपयोगी सिद्ध होई। अउर कउनउ अच्छा कामे क बरे तइयार रही।

22 जवानी क बुरी इच्छन स दूर रहा, धार्मिक जीवन, बिसवास, पिरेम अउर सान्ति क बरे ओन्हन सब क साथे जउन सुद्ध मने स पर्भू प बिसवास करत हीं, पुकारत हीं, कोसिस करत रहा। 23 मूर्खता स भरा, बेकार क तर्क बितर्क स हमेसा बचा रहा। काहेकि तू जानत ह कि एनसे लड़ाई-झगड़ा पैदा होत ह। 24 अउर पर्भू क सेवक क तउ झगड़इ न चाही। ओका तउ सब प द्या करइ चाही ओका सिच्छा देइ मँ जोग्ग होइ चाही। ओका सहनसील होइ चाही। 25 ओका अपने विरोधियन क भी विनम्रता क साथे समझइ चाही और परमेस्सर ओनका हिरदइ बदल देइ ताकि ओनका सत्य क गियान होइ जाइ 26 अउर उ सचेत होइ क सइतान क ओह फन्दा स बचि नकरइँ जेहमाँ सइतान ओनका जकड़ी रखे बाटइ ताकि उ पचे परमेस्सर क इच्छा क अनुसरण कइ सकइँ।

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Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.