M’Cheyne Bible Reading Plan
मूतिर् पूजा क खिलाफ चिताउनी
20 यहोवा मूसा स कहेस, 2 “तोहका इस्राएल क लोगन स इ भी कहइ चाही: तोहरे देस मँ कउनो मनई आपन गदेलन मँ स कउनो क लबार देवता मोलेक क दइ सकत ह। उ मनई क जरूर मार डावइ चाही। एहसे फरक नाहीं पड़त कि उ इस्राएल क नागरिक अहइ या इस्राएल मँ बसइया कउनो बिदेसी। तू पचन क ओका पाथर लोकाइ लोकाइ के मारि डावइ चाही। 3 मइँ उ मनई क खिलाफ होब। मइँ ओका ओकरे लोगन स अलग कइ देब। काहेकि उ आपन गदेलन क मोलेक क दिहस। उ मोरे पवित्तर नाउँ क अपमान किहेस। उ मोरे पवित्तर ठउरे क असुद्ध किहस। 4 होइ सकत ह कि साधारिन लोग उ मनई क उपेच्छा करइ। होइ सकत ह कि उ मनई क न मारइ जउन गदेलन क मोलेक क दिहस ह। 5 मुला मइँ उ व्यक्ति अउ ओकरे परिवार क खिलाफ होब। मइँ ओका ओकरे लोगन स अलग करब। मइँ कउनो भी अइसे व्यक्ति क ओकरे लोगन स अलग करब, जउन मोलेक क पाछे वेस्या क तरह करत ह।
6 “मइँ उ मनई क खिलाफ होब जउन कउनो ओझा या भूतसिद्ध क लगे सलाह लेइ बरे जात ह। अइसा करइके उ मोहे स अबिस्सासी होइ जात ह। एह बरे मइँ उ मनई क ओकरे लोगन स अलग करब।
7 “बिसेस बना। आपन क पवित्तर बनावा। काहेकि मइँ यहोवा तोहार परमेस्सर अहउँ। 8 मोर सबइ आग्या क पालन करा अउ ओनका सुमिरा। मइँ यहोवा अहउँ अउर मइँ तू लोगन क आपन बिसेस लोग बनाएउँ ह।
9 “अगर कउनो मनई आपन महतारी-बाप क सराप देत ह तउ उ मनई क मारि डावइ चाही। उ आपन पिता या महतारी क सराप देत ह, एह बरे उ आपन मउत क खुद जिम्मेदार होइ।
यौन पापन्क दण्ड
10 “अगर कउनो मनई आपन पड़ोसी क पत्नी क संग यौन सम्बंध रखत ह तउ स्त्री अउ मनसेधू दुइनउँ व्यभिचारी क अपराधी अहइँ। एह बरे दुइनउँ क जरूर मारि डावइ चाही। 11 अगर कउनो मनई आपन सौतेली महतारी स यौन सम्बंध करत ह तउ उ मनई क मारि डावइ चाही। उ मनई क अउ ओकर सौतेली महतारी दुइनउँ क मार डावइ चाही।[a] उ मनई आपन पिता क खिलाफ खुद पाप किहेस ह।
12 “अगर कउनो मनई आपन पतोहू क संग यौन सम्बंध करत ह तउ दुइनउँ क मारि डावइ चाही। उ पचे बहोत बुरा यौन पाप किहेन ह। ओनका दण्ड जरुर मिलइ चाही।
13 “अगर कउनो मनई कउनो मनई क संग मेहरारु जइसा यौन सम्बंध करत ह तउ दुइनउँ क मारि डावइ चाही। उ पचे बहोत बुरा पाप किहन ह। ओनका दण्ड जरुर मिलइ चाही।
14 “अगर कउनो मनई कउनो मेहरारु अउ ओकरी महतारी क संग यौन सम्बंध करत ह तउ इ यौन पाप अहइ। लोगन्क उ मनई अउ दुइनउँ मेहररुअन क आगी मँ बारि देइ चाही। इ यौन पाप क आपन लोगन मँ जिन होइ द्या।
15 “अगर कउनो मनई कउनो गोरु स यौन सम्बंध करइ तउ उ मनई क मारि डावइ चाही अउ तोहका उ गोरु क मारि डावइ चाही। 16 अगर कउनो मेहरारु कउनो गोरु स यौन सम्बंध करत ह तउ तू पचन क उ मेहरारु अउ उ गोरु क मारि डावइ चाही। ओनका जरुर मारि डावइ चाही।
17 “इ एक भाई अउ ओकरी बहिन या सोतेली बहिन बरे लज्जा क बात अहइ कि उ पचे आपुस मँ यौन सम्बंध करइँ। ओनका समाज कइँती स दण्ड मिलइ चाही। उ पचन क आपन लोगन स अलगाइ देइ चाही। उ मनई जउन आपन बहिन क संग यौन सम्बंध किहस ह, आपन पाप बरे जरूर दण्ड पाइ।
18 “अगर कउनो मनई कउनो मेहरारु क संग मासिक धर्म क रकत बहइ क समइ यौन सम्बंध करी, तउ दुइनउँ क आपन लोगन स अलगाइ देइ जाई। उ पचे पाप किहन क काहेकि उ पचे रकत क स्रोत क उघारेन ह।
19 “तू सबन्क आपन महतारी क बहिन या पिता क बहिन क संग यौन सम्बंध नाहीं करइ चाही। इ आपन नगीचे क रिस्तेदार क नंगापन क उघारेन ह। ऍह बरे दुइनउँ क ओनके पाप बरे जरूर दण्ड मिली चाही।
20 “कउनो मनई क आपन चाचा-मामा क पत्नी क संग नाहीं सोवइ चाही। इ मनई अउ ओकर चाची अउ मामी क ओनके पापन बरे दण्ड मिली। उ पचे बगैर कउनो सन्तान क मरिहीं।
21 “कउनो मनई क बरे इ बुरा अहइ कि उ आपन भाई क स्त्री क संग यौन सम्बंध करइ। उ मनई आपन भाई क खिलाफ पाप किहे बाटइ। ओकर कउनो सन्तान नाहीं होइ।
22 “तू पचन क मोर सारे नेम अउ निर्णय क सुमिरइ चाही अउ तोहका ओनकर पालन जरुर करइ चाही। मइँ तू पचन क तोहरे प्रदेस लइ जात अहउँ। तू लोग उ प्रदेस मँ रहब्या। अगर तू लोग मोर नेमन अउ सबइ निर्णय क मानत रहब्या तउ उ प्रदेस तू लोगन क निकारिके बाहेर न करी। 23 मइँ दूसर लोगन क उ प्रदेस क तजइ क मजबूर करत हउँ। काहेकि ओन लोगन उ सबइ पाप किहेन। मइँ ओन पापन स घिना करत हउँ। एह बरे तू पचन्क ओकरे जीवन-सैली क नकल नाहीं करइ चाही। 24 मइँ कहेउँ ह कि तू पचे ओनकर प्रदेस पउब्या। मइँ ओनकर प्रदेस तू पचन क देबउँ। उ तोहार प्रदेस होइ। उ प्रदेस दूध अउ सहद क नदियन बहत हीं। मइँ तोहार परमेस्सर यहोवा अहउँ!
“मइँ तू पचन्क खास बनाएउँ ह। मइँ तोहरे संग दूसर रास्ट्रन स अलग बेउहार किहेउँ ह। 25 एह बरे तू पचन क सुद्ध जनावरन क संग असुद्ध जनावरन स जरूर अलग बेउहार करइ चाही। तू पचन क सुद्ध पंछियन क संग असुद्ध पंछियन स जरूर अलग बेउहार करइ चाही। ओनमाँ स कउनो भी असुद्ध पंछी, जनावरन अउ कीड़ा-पतंगा क जिन खा जउन भुइयाँ प रेंगत हीं। मइँ ओन चीजन क असुद्ध बनएउँ ह। 26 तू पचन क मोरे बरे पवित्तर होइ चाही। काहेकि मइँ यहोवा अहउँ अउ मइँ पवित्तर हउँ। मइँ तोहका दूसर रास्ट्रन स अलग कइ दिहे हउँ तोहका बिसेस लोग बनावई बरे जउन कि मोर अहइ।
27 “अगर कउनो मनसेधू या मेहरारु ओझा होइ या कउनो जादूगर होइ, ओनका निहचय ही मार दीन्ह जाइ। लोगन क चाही कि उ पचे पाथर मारि मारिके मार देइँ। उ आपन मउत क खुद ही कसूरवार होइ।”
दाऊद क समर्पित।
1 हे यहोवा, मइँ खुद क तोहका समर्पित करत हउँ।
2 मोरे परमेस्सर, मोर सिरिफ तोह पइ बिस्सास बाटइ।
मोका अपमानित होइ क अनुमति जिन द्या;
मोर दुस्मनन क मोह पइ हँसी उड़ावइ क अनुमति जिन द्या।
3 अइसा मनई, जउन तोहमाँ बिस्सास धरत ह, उ निरास नाहीं होइ।
मुला बिस्सासघाती निरास होइहीं अउर,
उ पचे कबहुँ भी कछू नाहीं प्राप्त करिहीं।
4 हे यहोवा, मोर मदद करा कि मइँ तोहरी राहन क सीखउँ!
तू आपन मार्गन क मोका सिच्छा द्या।
5 आपन सच्ची राह तू मोका देखाँवा अउर ओकर उपदेस मोका द्या।
तू मोर परमेस्सर तू मोर उद्धारकर्त्ता अहा।
मोका हर दिन तोहार भरोसा अहइ।
6 हे यहोवा, मोह पइ आपन दाया राखा
अउर उ ममता क मोह पइ परगट करा, जेका तू हरदम राखत ह।
7 आपन जवानी मँ जउन पाप अउर कुकर्म मइँ किहेउँ, ओनका जिन याद राखा।
हे यहोवा आपन निज नाउँ निमित्त, मोका आपन करुणा स सुमिर ल्या।
8 हे यहोवा, सचमुच उत्तिम अहइ,
उ पापियन क जिन्नगी क नेक राह देखाँवत ह।
9 उ दीन लोगन क आपन राहन क सीख देत ह।
बिना पच्छपात क उ ओनका मारग देखाँवत ह।
10 यहोवा क राहन ओन लोगन बरे छिमा स भरी अउ सच अहइँ,
जउन ओकर करार अउर कानून क अनुसरण करत हीं।
11 हे यहोवा, मइँ बहुतेरा पाप किहेउँ ह,
मुला तू आपन नाउँ बरे मोर हर पापे क दयालुता स छिमा कइ दिहा।
12 जदि कउनो मनई यहोवा क अनुसरण करइ चाहइ,
तउ ओका परमेस्सर जिन्नगी क उत्तिम राह देखाँइ।
13 उ मनई उत्तिम वस्तुअन क सुख भोगी,
अउर उ मनई क सन्तानन उ धरती क जेका परमेस्सर वचन दिहे रहा स्थायी रइहीं।
14 यहोवा आपन भक्तन पइ आपन भेद खोलत ह।
उ आपन निज भक्तन क आपन करार क सिच्छा देत ह।
15 मोर आँखिन मदद पावइ क यहोवा पइ सदा टिकी रहत हीं।
मोका मोरी बिपत्ति स उ सदा छोड़ावत ह।
16 हे यहोवा, मइँ पीड़ित अउ अकेल्ला अहउँ।
मोरी कइँती मूड़ अउ मोह पइ दाया देखाँवा।
17 मोरी बिपत्तियन स मोका अजाद करा।
मोर समस्या सुलझाने क मदद करा।
18 हे यहोवा, मोका परखा अउर मोरी बिपत्तियन पइ निगाह डावा।
मोका जउन पाप मइँ किहे हउँ, ओन सबहिं बरे छिमा करा।
19 लखा मोर केतॅना दुस्मनन अहइँ,
अउ लखा उ मोहसे केतॅना नफ़रत करत हीं।
20 हे परमेस्सर, मोर रच्छा करा अउर मोका बचाइ ल्या।
मइँ तोहार भरोसा राखत हउँ।
तउ मोका निरास जिन करा।
21 हे परमेस्सर, तू सचमुच उत्तिम अहा।
मोका तोहार भरोसा अहइ, तउ मोर रच्छा करा।
22 हे परमेस्सर, इस्राएल क लोगन क
ओनकर सबहिं दुस्मनन स रच्छा करा।
एक ठु समय बाटइ…
3 हर बात एक उचित समय होत ह। अउर इ धरती पइ हर बात एक उचित समय पइ ही घटित होइ।
2 जन्म लेइ क एक उचित समय निहचित अहइ,
अउर मउत क भी।
एक समय होत ह पेड़न क रोपइ क,
अउर ओनका काटइ क।
3 मारइ क होत ह एक समय,
अउर एक समय होत ह ओकरे उपचार का।
एक समय होत ह जब ढहाइ दीन्ह जात,
अउर एक समय होत ह करइ क निर्माण।
4 एक समय होत ह रोवइ-विलपइ क,
अउर एक समय होत ह करइ क अट्ठहास।
एक समय होत ह होइ क दुखे मँ मगन,
अउर एक समय होत ह उल्लास भरे नाच क।
5 एक समय होत ह जब पाथर फेंका जात हीं,
अउर एक समय होत ह ओनके एकत्र करइ क।
केहउँ क गले लागन क एक समय होत ह।
अउर गले लगावइ स रुकइ क भी एक समय होत ह।
6 एक समय होत ह खोज क,
अउर एक समय होत ह रूकए क।
एक समय होत ह वस्तुअन क धरइ क,
अउर एक समय होत ह चिजियन क फेंकइ क।
7 होत ह एक समय ओढ़नन क फारइ क,
फुन एक समय होत ह जब ओनका सिया जात ह।
एक समय होत ह साधइ क चुप्पी,
अउर होत ह एक समय फुन बोल उठइ क।
8 एक समय होत ह पिआर क,
अउर एक समय होत जब घिना कीन्ह जात ह।
एक समय होत ह करइ क लड़ाई,
अउर होत ह एक समय सान्ति क।
परमेस्सर अपने संसार क नियन्त्रण करत ह
9 का कउनो मनई क आपन कठिन मेहनत स असल मँ कछू मिल पावत ह? 10 मइँ उ कठिन मेहनत लखेउँ ह जेका परमेस्सर हमका करइ क बरे दिहेस ह। 11 अपने संसार क बारे मँ सोचइ बरे परमेस्सर हमका छमता प्रदान किहेस ह। मुला परमेस्सर जउन करत ह, ओन बातन क पूरी तरह हम कबहुँ नाहीं समुझ सकित। फुन भी परमेस्सर हर एक चीज ठीक समय पइ करत ह।
12 मइ लखेउँ ह कि लोगन बरे सबसे उत्तिम बात इ अहइ कि उ पचे कोसिस करत रहइँ अउर जब तलक जिअत रहइँ आनन्द करत रहइँ। 13 अउर अगर एक मनई खाइ, पिअइ अउर इ सबइ करम क आनन्द लेत रहइ, तउ इ बातन परमेस्सर कइँती स मिला भवा उपहार अहइ।
14 मइँ जानत हउँ कि परमेस्सर जउन कछू भी घटित करत ह उ सदा घटी ही। लोग परमेस्सर क काम मँ कछू भी बृद्धि नाहीं कइ सकतेन अउर इहइ तरह लोग परमेस्सर क कामे मँ कछू घटत भी नाहीं कइ सकत हीं। परमेस्सर अइसा एह बरे किहस कि लोग ओकर आदर करइँ। 15 जउन अब होत अहइ पहिले भी होइ चुका अहइ। जउन कछू भविस्स मँ होइ उ पहिले भी भवा रहा। परमेस्सर घटनन क बार बार घटित करत रहत ह।
16 इ जिन्नगी मँ मइँ इ सबइ बातन लखेउँ ह। मइँ लखेउँ ह कि कचहरी जहाँ निआव अउर अच्छाइ होइ चाही, हुवाँ आजु बुराई भरि गइ अहइ। 17 एह बरे मइँ आपन मन स कहेउँ, “हर बात बरे परमेस्सर एक समय निहचित किहे अहइ। मनइयन जउन कछू करत हीं ओकर निआव करइ बरे भी परमेस्सर एक समय निहचित किहे अहइ। परमेस्सर नीक लोगन अउ बुरे लोगन क निआव करी।”
का मनई पसुअन जइसे अहइँ?
18 लोग एक दूसर बरे जउन कछू करत हीं ओनके बारे मँ मइँ सोचेउँ अउर आप स कहेउँ, “परमेस्सर चाहत ह कि लोग आपन खुद क उ रूपे मँ लखइँ जउने रूपे मँ उ पचे पसुअन क लखत हीं। 19 का एक मनई एक पसु स उत्तिम अहइ? नाहीं। काहे? काहेकि हर वस्तु नाकारा अहइ। मउत जइसे पसुअन क आवत ह उहइ तरह मनइयन क भी। मनई अउर पसु एक ही ‘साँस’ लेत हीं। का एक मरा भवा पसु एक मरे भए मनई स भिन्न होत ह? 20 मनइयन अउर पसुअन क तने क अंत एक ही तरह स होत ह। उ सबइ माटी स पइदा होत हीं अउर माटी मँ ही समाइ जात हीं। 21 कउन जानत ह कि मनई क आतिमा क का होत ह? का कउनो जानत ह कि एक मनई क आतिमा परमेस्सर क लगे जात ह? जबकि एक पसु क आतिमा खाले उतरिके धरती मँ जाइके समात ह।”
22 तउ मइँ इ लखेउँ कि मनई जउन सब स नीक बात कइ सकत ह उ इ अहइ कि उ आपन करम मँ आनन्द लेत रहइ। बस ओकरे लगे इहइ अहइ कि। कउनो मनई क भविस्स क चिन्ता भी नाहीं करइ चाही। काहेकि भविस्स मँ का होइ ओका लखइ मँ कउनो भी ओकर मदद नाहीं कइ सकत।
5 कउनउ बड़ी आयु क मनई क साथे कठोरता स न बोला, बल्कि ओनहे बापे क रूप मँ देखत ओनके बरे विनम्र रहा। सलाह देत समइ अपन्ने स छोटन क साथे भाइयन जइसा बर्ताव करा। 2 बड़ी स्त्रियन क महतारी समझा अउर जवान स्त्रियन क आपन बहिन समझिके सब पवित्रतन क साथे बर्ताव करा।
विधवन क धियान रखा
3 ओन्हन विधवन क विसेस धियान रखा जउन वास्तव मँ अकेले अहइँ। 4 मुला अगर कउनउ विधवा के बेटवा-बिटिया अउर नाती पोता अहइँ तउ ओन्हे सबसे पहिले अपने धरम पर चलत चलत अपने परिवार क देखभाल करइ सीखइ चाही। ओनका चाही कि ओ पचे अपने महतारी-बापे क पालन पोसन क बदला चुकावइँ काहेकि एहसे परमेस्सर खुस होत ह। 5 उ विधवा जउन सही मँ विधवा बाटइ अउर जेकर धियान रखइवाला केउ नाहीं बाटइ अउर परमेस्सर तउ जेकर सबइ आसा क सहारा बा उ दिन रात बिनती अउर पराथना मँ लगी रहत हीं। 6 मुला उ विधवा जे बिसय भोग क दास होइ गइ अहइँ जीते जी मरे भएन क समान बाटिन। 7 इही बरे बिसवासी लोगन क इन बातन क (ओनके सहायता क) आदेस द्या ताकि कउनउ भी ओनकर आलोचना न कइ पावइ। 8 मुला अगर केउ आपन रिस्तेदारन, विसेसकर आपन पिरवार क सदस्यन क सहायता नाहीं करत, तउ उ बिसवास स फिन गवा बा अउर कउनो अबिसवासी से भी जियादा खराब बा।
9 ओन्हन विधवन क विसेस सूची मँ जउन आर्थिक सहायता लेत बाटिन ओनही विधवा क नाउँ लिखा जाइ जउन कम स कम साठ साल क होइ चुकी बाटिन अउर जउन पतिब्रता रही हईन। 10 अउर जउन बाल बच्चन क पालत करत, अतिथि सत्कार करत भए, परमेस्सर क लोगन क पाउँ धोवत भए दुखियन क सहायता करत-करत, अच्छा कामन क बरे समर्पित होइके सब तरह क अच्छा कामन क बरे जाना-मानी जात रहिन।
11 मुला सयानी-विधवन क एह सूची मँ सामिल न करा काहेकि मसीह क बरे ओनकर समर्पण पइ जब ओनकर बिसय वासना भरी इच्छा हावी होत ह तउ उ फिन बियाह करइ चाहत ह। 12 उ सबइ अपराधिन हइन काहेकि ओन्हन आपन मूलभूत प्रतिज्ञा क तोड़े हइन। 13 एकरे अलावा ओनका आलस क आदत पड़ि जात ह। उ सबइ एक घरे स दुसरे घरे घूमत फिरत हीं अउर उ सबइ न केवल आलसी होइ जात हीं, बल्कि उ बातूनी लोगन क कामन मँ टाँग अड़ावइ लागत हीं अउर अइसेन बात बोलइ लागत हीं जइसे ओंहे न बोलइ चाही। 14 इही बरे मइँ चाहत हउँ कि जवान-विधवन बियाह कइ लेइँ अउर औलाद क पइदा करत भए अपने घर बारे के देखभल करइँ ताकि हमरे दुस्मनन क हम पर कटाच्छ करइ क कउनउ अवसर न मिलि पावइ। 15 मइँ इ बरे बतावत हउँ कि कछू जवान विधवन क सइतान द्वारा पहिलेन स ही बहकाई गइ रहिन।
16 अगर कउनो बिसवासी स्त्री क घरे मँ विधवा हइन तउ ओन्हे ओकर सहायता खुद करइ चाही। अउर कलीसिया प कउनउ भार न डावइ चाहि ताकि कलीसिया सच्ची विधवन क सहायता कइ सकइ। 17 जउन निरीच्छक कलीसिया क अच्छी अगुआइ करत हीं ओनका दुगना सम्मान क पात्र होइ चाही। विसेस कर उ पचे जेनकर काम उपदेस देब अउर पढ़ाउब बा। 18 काहेकि पवित्तर सास्तर मँ कहा गवा बा, “बरधा जब खरिहाने मँ होइ तउ ओकर मुँह न बाँधा।”(A) अउर “मजदूर क आपन मजदूरी पावइ क अधिकार बा।”(B)
19 कउनो निरीच्छन पइ लगावा गवा कउनउ लांछन क तब तक स्वीकार न करा जब तलक दुई य तीन साच्छी न होइँ। 20 जउन हमेसा पापे मँ लगा रहत हीं ओनका सबके सामने डाटा-फटकारा ताकि बाकि लोग डेराइँ।
21 परमेस्सर, ईसू मसीह अउर चुना भवा सरगदूतन क सामने हम सचाई क साथे आदेस देत हई कि तू बिना कउनो पूर्वाग्रह क इन बातन क पालन करा। पच्छपात क साथे कउनउ काम न करा।
22 बिना विचारे केउ क कलीसिया क मुखिया बनवइ क बरे ओह प जल्दी मँ हाथ न रखा। केउ क पापन मँ भागीदारी न बना। अपने क हमेसा पवित्तर रखा।
23 तीमुथियुस, केवल पानी ही न पिअत रहअ। बल्कि अपने हाजमा अउर बार बार बीमार पड़इ स बचइ क बरे तनिक दाखरास भी लइ लिहा करा।
24 कछू लोगन क पापन सही रूप स परगट होइ जात हीं अउर निआव क बरे पेस-कई दीन्ह जात ह मुला दुसरे लोगन क पापन बाद मँ परगट होत हीं। 25 इही तरह अच्छा काम भी सही रूप स परगट होइ जात ह मुला जउन परगट नाहीं होतेन तउ उ पचे भी छुपा नाहीं रह सकतेन।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.