M’Cheyne Bible Reading Plan
इस्राएल परमेस्सर क अहइ
19 यहोवा मूसा स कहेस, 2 “इस्राएल क सबहिं लोगन स कहा: कि मइँ तोहार परमेस्सर अहउँ मइँ पवित्तर हउँ! एह बरे तू सबन्क पवित्तर होइ चाही!
3 “तू पचन मँ स हर एक मनई क आपन महतारी बाप क सम्मान करइ चाही अउ मोर बिस्राम क खास दिनन क मनावइ चाही। मइँ तोहार पवित्तर परमेस्सर अहउँ!
4 “मूतिर्यन क उपासना जिन करा। आपन बरे देवतन क मूतिर्यन क धातु गलाइके जिन बनावा। मइँ तू लोगन क परमेस्सर यहोवा अहउँ।
5 “जबहिं तू यहोवा क मेलबलि चढ़ावा तउ तू पचे ओका अइसे ठीक तरीका स चढ़ावा कि यहोवा तोहार बलि क स्वीकार कइ लेइ। 6 जउने दिन चढ़उब्या तू ऍका खाइ सकब्या अउ दूसरे दिना भी। मुला अगर बलि क कछू हींसा तीसर दिन भी बचि जाइ तउ ओका तू पचन क आगी मँ बारि देइ चाही। 7 कउनो भी बलि क तीसर दिन नाहीं खाइ चाही। इ असुद्ध बाटइ। इ अंगीकार नाहीं होइ। 8 अगर कउनो मनई अइसा कामन करत ह तउ उ दोखी होइ। काहेकि उ यहोवा क पवित्तर चीजन क दूसित किहेस। उ मनई क ओकर लोगन स अलग कइ दीन्ह जाई।
9 “जबहिं तू कटनी क समइ आपन फसल काट्या तउ तू पचे सब कइँती स खेत क कोनन ताई जिन काट्या अउर अगर अन्न जमीन पइ गिरि जात ह तउ तू पचन्क ओका बटोरइ नाहीं चाही। 10 आपन अंगूरे क बगिया क सारा अंगूर जिन तोड़्या। जउन अंगूर भुइँया पइ गिरि जाइँ ओनका जिन उठावा। काहेकि तू पचन्क उ सबइ चीजन गरीब लोगन अउर जउन तोहार बीच रहइवाला बिदेसियन बाटइ ओनके बरे छोड़इ चाही। मइँ यहोवा तोहार परमेस्सर अहउँ!
11 “तू पचन्क चोरी नाहीं करइ चाही। तू पचन्क लोगन्क ठगी नाहीं करइ चाही। तू पचन्क आपुस मँ झूठ नाहीं बोलइ चाही। 12 तू पचन्क मोरे नाउँ पइ झूठा बचन नाहीं देइ चाही। अगर तू पचे अइसा करत ह्या तउ तू पचे आपन परमेस्सर क नाउँ क अपमान करत ह। मइँ यहोवा तोहार परमेस्सर अहउँ!
13 “तू पचन्क आपन पड़ोसी क धोखा नाहीं देइ चाही। तू पचन्क ओकर चोरी नाहीं करइ चाही। तू पचन्क मजदूर क मजदूरी पूरी रात, भिन्सारे तलक नाहीं रोकइ चाही।[a]
14 “तू पचन्क कउनो बहिरे मनई क सरापइ नाहीं चाही। तू पचन्क कउनो आँधर क भहरावइ बरे ओकरे अगवा कउनो चीज नाहीं रखइ चाही। मुला तू पचन्क आपन परमेस्सर यहोवा क सम्मान करइ चाही। मइँ यहोवा अहउँ!
15 “तू पचन्क क निआव करइ मँ ईमानदार होइ चाही। न तउ तू पचन्क गरीबन क संग खास पच्छपात करइ चाही अउ न ही बड़कन अउ धनी मनइयन बरे कउनो आदर देखावइ चाही। तू पचन्क आपन पड़ोसी क संग निआव करत समइ ईमानदार होइ चाही। 16 तू पचन्क दूसर लोगन्क खिलाफ चारिहुँ कइँती अफवाह सँचरावत भए नाहीं चलइ चाही। अइसा कछू जिन करा जउन तू पचन्क पड़ोसी क खतरा मँ डाइ देइ। मइँ यहोवा अहउँ!
17 “तू पचन्क आपन हिरदइ मँ आपन भाइयन स घिना नाहीं करइ चाही। अगर तोहार पड़ोसी कछू बुरा करत ह तउ एकरे बारे मँ ओका समझावा। मुला ओका छिमा करा! 18 लोग, जउन तोहार बुरा करइँ, ओका बिसरि जा। ओसे बदला लेइ क कोसिस जिन करा। आपन पड़ोसी स वइसेन ही पिरेम करा जइसे अपने आप स करत ह्या। मइँ यहोवा अहउँ!
19 “तू पचन्क मोरे नेमन क पालन जरूर करा। दुइ जाति क जनावरन क प्रजनन बरे आपुस मँ जिन मिलावा। तू पचन क खेते मँ दुइ तरह क बिआ नाहीं मिलावइ चाही। तू पचन्क दुइ तरह क मिलावट स बना ओढ़ना क नाहीं पहिरइ चाही।
20 “इ होइ सकत ह कि कउनो दूसर मनई क दासी स कउनो मनई क यौन संबंध होइ। अगर इ दासी न तउ खरीदी गइ अहइ अउर न ही अजाद कराई गइ अहइ तउ ओनका जरूर दण्ड दीन्ह जाइ चाही। मुला उ पचे मउत न पइहीं। काहेकि स्त्री अजाद नाहीं रही। 21 उ मनई क आपन अपराध बरे मिलापवाला तम्बू क दुआरे पइ यहोवा बरे जरूर दोखबलि चढ़ावइ चाही। मनई क एक ठु भेड़ा दोखबलि क रूप मँ लावइ चाही। 22 याजक उ मनई बरे जउन पाप किहेस ह क प्रायस्चित करी। याजक यहोवा क दोखबलि क रुप मँ भेड़ा क चढ़ाइ। इ मनई क कीन्ह गए पापन बरे भेंट होइ। तब मनई आपन कीन्ह गए पापन बरे छिमा पाइहीं।
23 “भविस्स मँ तू पचे आपन प्रदेस मँ प्रवेस करब्या। उ समइ भोजन बरे तू पचे किसिम किसिम क बृच्छ लगउब्या। पौधा लगावइ क पाछे बृच्छ क कउनो फले क प्रयोग करइ बरे तोहका तीन बरिस तलक जोहइ चाही। तू पचन क ओसे पहिले क फल क प्रयोग नाहीं करइ चाही। 24 चउथे बरिस उ बृच्छ क फले यहोवा क होइहीं। इ यहोवा क स्तुति बरे पवित्तर भेंट होइ। 25 तब, पँचवें बरिस तू सब उ बृच्छ क फल चखि सकत ह अउ बृच्छ तोहरे बरे जियादा स जियादा फल पइदा करी। मइँ तोहार परमेस्सर यहोवा अहउँ।
26 “तू सबन्क क कउनो गोस जेहमा रकत बाटइ नाहीं खाइ चाही।
“तू पचन्क भविस्सबाणी करइ बरे जादू या कउनो दूसर चीजियन क प्रयोग नाहीं करइ चाही।
27 “तू पचन्क आपन मूँड़े क बगल क बाढ़ भवा बार कटवावइ नाहीं चाही या तोहका आपन दाढ़ी क छटवावइ नाही चाही। 28 कउनो मरे मनई क सुमिरन बनए रहइ बरे आपन तन क काटइ नाहीं चाही। तू पचन्क आपन सरीर प गोदना गोदवावइ नाहीं चाही। मइँ यहोवा अहउँ!
29 “तू पचे आपन बिटिया क बेस्या जिन बनइ द्या। एहसे सिरिफ इ पता लागत ह कि तू ओकर इज्जत नाहीं करत ह्या। तू पचे आपन देस मँ स्त्रियन क बेस्या जिन बनइ द्या। तू पचे आपन देस क इ तरह क पापन स जिन भर जाइ द्या।
30 “तू पचन्क मोरे बिस्राम क बिसेस दिनन मँ काम नाहीं करइ चाही। तू पचन्क मोरे पवित्तर ठउर क सम्मान जरूर करइ चाही। मइँ यहोवा अहउँ!
31 “ओझा लोगन अउ भूत सिद्ध लोगन लगे सलाह बरे जिन जा। उ पचे सिरिफ तोहका असुद्ध बनइहीं। मइँ तोहार परमेस्सर यहोवा अहउँ।
32 “बुढ़वा मनइयन क सम्मान करा। जब उ पचे कमरा मँ आवइँ तउ खड़ा होइ जा। आपन परमेस्सर क सम्मान करा। मइँ यहोवा अहउँ।
33 “आपन देस मँ बिदेसी लोगन क संग बुरा बेउहार जिन करा! 34 तू पचन्क बिदेसी लोगन क संग वइसा ही बेउहार ही करइ चाही जइसा तू पचे आपन नागरिकन क संग करत ह्या। तू बिदेसियन स वइसेन पियार करा जइसा आपन स करत ह्या। काहेकि तू पचे भी एक समइ मिस्र मँ बिदेसी रह्या। मइँ तोहार परमेस्सर यहोवा अहउँ!
35 “तू पचन्क निआव करत समइ लोगन बरे ईमानदार होइ चाही। तू पचन्क चीजन क जोखइ अउ तउलइ मँ ईमानदार होइ चाही। 36 तोहार झउअन ठीक नाप क होइ चाही। तोहरे नाप करइ क बासन मँ द्रव क ठीक मात्रा आवइ चाही। तोहरे तराजू अउ बटखरा चीजन्क ठीक तउलइवाला होइ चाही। मइँ तोहार परमेस्सर यहोवा अहउँ। मइँ तू पचन्क मिस्र देस स बाहेर लिआएउँ!
37 “तोहका पचन्क सबहिं नेम अउ निर्णयन क सुमिरिके रखइ चाही अउ तू सबन्क ओनका पालन करइ चाही। मइँ यहोवा अहउँ!”
दाऊद क एक पद।
1 यहोवा मोर गड़रिया अहइ।
जउन कछू भी मोका अपेच्छित होइ, सदा मोरे लगे रही।
2 हरे भरे चरागाह मँ मोका सुख स उ राखत ह।
उ मोका सांत झरनन पइ लइ जात ह।
3 उ आपन नाउँ क निमित्त मोरी आतिमा क नई सक्ती देत ह।
उ मोर अगुआई करत ह कि उ फुरइ उत्तिम अहइ।
4 मइँ मउत क अँधिअर घाटी स गुजरत भइ नाहीं डेराब,
काहेकि यहोवा तू मोरे संग अहा।
तोहार चरवाहे क लाठी मोका सुख देत हीं।
5 हे यहोवा, तू मोरे दुस्मनन क समन्वा मोर खइया बरे मेज सजाया ह।
तू मोरे मूँड़े पइ तेल उड़ेर्या ह।
मोर कटोरा भरा ह अउ छलकत बाटइ।
6 निहचय नेकी अउ करुणा मोर बाकी जिन्नगी तलक मोरे संग रही।
मइँ यहोवा क मन्दिर मँ लम्बी समइ तलक बार-बार जाबिउँ।
दाऊद क एक ठु पद।
1 धरती अउ ओह प क सब चिजियन यहोवा क अहइँ;
संसार अउ हर कउनो जउन एहमाँ रहत हीं ओकर अहइँ।
2 यहोवा इ धरती क जल पइ रचे अहइ।
उ एका जल क धारन पइ बनाएस।
3 यहोवा क पहाड़े क मन्दिर मँ कउन जाइ सकत ह?
कउन यहोवा क पवित्तर ठउर मँ खड़ा होइ सकत अउर आराधना कइ सकत ह?
4 अइसा मनई जउन हाथन क साफ किहे ह,
अइसा मनई जउन पवित्तर जीवन क अगुवाइ करत ह,
अइसा मनई जउन मोरे नाउँ क प्रयोग कइके दूसर बरे गलत नाहीं किहे ह,
अउर अइसा मनई जउन झूठ न बोलेस, अउ न ही झूठा वचन दिहेस ह।
बस अइसेन मनई ही हुआँ आराधना कइ सकत हीं।
5 सज्जन तउ चाहत हीं यहोवा सब क भला करइ।
उ पचे सज्जन परमेस्सर स जउन ओनकर उद्धारक अहइ, नेक चाहत हीं।
6 उ पचे सज्जन परमेस्सर क अनुसरण क जतन करत हीं।
उ पचे याकूब क परमेस्सर क लगे मदद पावइ जात हीं।
7 फाटकन, आपन मूँड़ी ऊँची करा!
सनातन दुआरन, खुलि जा!
प्रतापी राजा भितरे आई।
8 इ प्रतापी राजा कउन अहइ?
यहोवा ही उ राजा अहइ, उहइ सबल सैनिक अहइ,
यहोवा ही उ राजा अहइ, उहइ जुद्ध नायक बा।
9 फाटकन, आपन, मूँड़ी ऊँची करा!
सनातन दुआरन, खुलि जा!
प्रतापी राजा भितरे आई।
10 उ प्रतापी राजा कउन अहइ? यहोवा सर्वसक्तिमान ही उ राजा अहइ।
उ प्रतापी राजा उहइ अहइ।
का “मनोविनोद” स सच्चा आनंद मिलत ह?
2 मइँ अपने मने मँ कहेउँ, “मोका मनोविनोद करइ चाही। मोका हर वस्तु क जेतना रस मइँ लइ सकउँ। ओतना लेइ चाहीं।” मुला मइँ जानेउँ कि इ भी बियर्थ अहइ। 2 हर समइ हँसत रहब भी मूर्खता अहइ। आनन्द स का प्राप्त होत ह?
3 तउ मइँ निहचय किहेउँ कि मइँ आपन देह क दाखरस स भरि लेउँ जदपि मोर दिमाग मोका अबहिं गियान क राह देखावत रहा। मइँ इ मूर्खता स भरा आचरण किहेउँ, मइँ चाहत रहेउँ कि लोगन क बरे आपन जिन्नगी क थोड़ा स दिनन मँ का करब उत्तिम अहइ, एका हेर लेउँ।
का कड़ी मेहनत स फुरइ आनन्द मिलत ह?
4 फुन, मइँ बड़के बड़के काम करब सुरू किहेउँ। मइँ अपने बरे घर बनवाए। अउर अंगूरे क बाग लगवाएउँ। 5 मइ बगियन लगवाएउँ अउर बाग बनवाएउँ। मइँ सबहिं तरह क फलन क बृच्छ लगवाएउँ। 6 मइँ आपन बरे पानी क तालाब बनवाएउँ अउर फुन एन तालाबन क पानी क मइँ आपन बाढ़त बृच्छन क सींचइ क काम मँ लिआवइ लागेउँ। 7 मइँ दास अउर दासियन खरीदेउँ अउर फुन मोरे घरे मँ पइदा भए दास भी रहेन। मइँ बड़की बड़की वस्तुअन क सुआमी बन गएउँ। मोरे लगे झुंड क झुंड पसु अउर भेड़न क ढेर रहेन। यरूसलेम मँ कउनो भी मनई क लगे जेतनी वस्तुअन रहिन, मोरे लगे ओसे भी जियादा रहिन।
8 मइँ आपन बरे चाँदी सोना भी जमा किहेउँ। मइँ राजा लोगन अउर ओनके देसन स भी खजानन क बटोरेउँ। मोरे लगे बहोत सी रंडियन रहिन।
9 मइँ बहोत धनवान अउर प्रसिद्ध होइ गएउँ। मोहसे पहिले यरूसलेम मँ जउन भी कउनो रहत रहा, मइँ ओहसे जिआदा महान रहा तउ मोर बुद्धि मोर संग रही। 10 मइँ हर उ चीज जेका मइँ चाहत रहा प्राप्त किहेउँ। मउँ जउन कछू करत, मोर मन सदा ओसे खुस रहा करत अउर इ खुसी मोरे कठिन मेहनत क प्रतिफल रही।
11 मुला मइँ जउन कछू किहे रहेउँ जब ओह पइ निगाह डालेउँ अउर आपन कीन्ह गवा कठिन मेहनत क बारे मँ बिचार किहेउँ तउ मोका लाग इ सब अरथहीन अहइ। इ अइसा ही रहा जइसे हवा क धरब। सच-मुच मँ इ जिन्नगी मँ हम लोगन क सारे काम बरे संतोसजनक लाभ नाहीं अहइ।
होइ सकत ह एकर जवाब बुद्धि होइ
12 जेतना एक राजा कइ सकत ह, ओहसे जियादा कउनो भी मनई नाहीं कइ सकत। तू जउन भी कछू करइ चाह सकत ह, उ सब कछू कउनो राजा अब तलक कइ भी चुका होइ। मोरी समझ मँ आइ गवा कि एक राजा तलक जउन कामन क करत ह, उ सबइ सब भी बेकार अहइँ। तउ मइँ फुन बुद्धिमान बनइ, बेवकुफ बनइ अउर सनकीपन क कामन क करइ क बारे मँ सोचेब सुरू किहेउँ। 13 मइँ लखेउँ कि बुद्धि मूर्खता स उहइ प्रकार उत्तिम अहइ जउने तरह अँधियारा स प्रकास उत्तिम होत ह। 14 इ वइसे ही अहइ जइसे: एक बुद्धिमान मनई, उ कहाँ जात अहइ, ओका लखइ क आपन बुद्धि क प्रयोग, आपन आँखिन क तरह करत ह। किन्तु एक मूर्ख मनई उ मनई क समान अहइ जउन अँधियारा मँ चलत अहइ।
किन्तु मइँ इ लखेउँ कि मूरख अउर बुद्धिमान दुइनउँ क अंत एक ही तरह स होत ह। दुइनउँ ही आखिर मँ मउत क पावत हीं। 15 अपने मने मँ मइँ सोचेउँ, “कउनो मूरख मनई क संग जउन घटत ह उ मोर संग भी घटी तउ ऍतना बुद्धिमान बनइ बरे एतना कठिन मेहनत मइँ काहे किहेउँ?” आपन खुद स मइँ कहेउँ, “बुद्धिमान बनब भी बेकार अहइ।” 16 बुद्धिमान मनई अउर मूर्ख मनई दुइनउँ ही मरि जइहीं अउर लोग सदा बरे न तउ बुद्धिमान मनई का याद रखिहीं अउर नही कउनो मूरख मनई क। उ पचे जउन कछू किहे रहेन, लोग ओका जल्दी बिसराइ देइहीं। इ सही नाहीं अहइ कि बुद्धिमान मनई मूरख मनई क जइसा मरइ चाहीं।
का फुरइ आनन्द जिन्नगी मँ अहइ?
17 एकरे कारण मोका जिन्नगी स घिना हो गइ। इ विचार स मइँ बहोत दुःखी भएउँ कि इ जिन्नगी मँ जउन कछू बाटइ सब बेकार अहइ। बिल्कुल वइसे ही जइसे हवा क धरइ क कोसिस करब।
18 मइँ जउन कठिन मेहनत किहे रहेउँ, ओहसे घिना करब सुरू कइ दिहेउँ। मइँ लखेउँ कि उ सबइ लोग जउन मोरे पाछे जिअत रइहीं ओन चिजियन क लइ लेइहीं जेनके बरे मइँ कठिन मेहनत किहे रहेउँ। मइँ आपन ओन चिजियन क आपन संग नाहीं लइ जाइ सकब। 19 कउनो दूसर मनई इ संसार म जउन चिजियन बरे मइँ मन लगाइके कठिन मेहनत किहे रहउँ पइ नियंत्रण होइ। मइँ तउ इ भी नाहीं जानत कि उ मनई बुद्धिमान होइ या मूरख। पर इ सब भी तउ अर्थहीन ही अहइ।
20 एह बरे मइँ जउन भी कठिन परिस्रम किहे रहेउँ, उ सबइ क बारे मँ मइँ बहोत दुःखी भएउँ। 21 एक मनई आपन बुद्धि, आपन गियान अउर आपन चतुराई क प्रयोग करत भए कठिन मेहनत कइ सकत ह। मुला उ मनई तउ मरि जाइ अउर जिन चिजियन बरे उ मनई कठिन मेहनत किहे रहा, उ सबइ कउनो दूसर मनई क गिल जइहीं। ओन मनइयन ओन चिजियन बरे कउनो काम तउ नाहीं किहे रहा, मुला ओनका सबहिं कछू हाल होइ जाइ। एहसे मोका बहोत दुःख होत ह। इ निआव स पूर्ण तउ नाहीं अहइ।
22 आपन जिन्नगी मँ सारी मेहनत अउर सघंर्स क पाछे आखिर एक मनई क असल मँ का मिलत ह? 23 आपन सारी जिन्नगी उ कठिन मेहनत करत रहा मुला पीरा अउर निरासा क अलावा ओकरे हाथे कछू भी नाहीं लगा। राति क समइ भी मनई क मन आराम नाहीं पावत। इ सब भी अर्थहीन अहइ।
24-25 जिन्नगी क जेतना आनन्द मइँ लिहेउँ ह का कउनो भी अइसा मनई अउर अहइ जउन मोका जियादा जिन्नगी क आनन्द लेइ क जतन किहे होइ? नाहीं। मोका जउन गियान भवा ह उ इ अहइ: कउनो मनई जउन नीक स नीक कइ सकत ह उ अहइ खाब, पिअब अउर उ करम का आनन्द लेब जउन ओका करइ चाही। मइँ इ भी समझेउँ ह कि सब कछू परमेस्सर स मिलन ह। 26 जउन मनई क उ चाहत ओका उ बुद्धि अउर गियान अउर आनन्द देही। मुला जेका उ कस्ट देइ चाही ओका दुःख देब, उ आस्चर्यजनक वस्तुअन क जमा करब, उ सिरफ ओहका देब जेका परमेस्सर चाहत अहा। उ भी अरथहीन अहइँ। इ वइसा ही अहइ जइसे हवा क धरइ क जतन करब।
झूठन उपदेसकन स सचेत रहा
4 पवित्तर आतिमा तउ स्पस्ट रूपे स कहत बाटइ कि आगे चलिके कछू लोग सच्चे बिसवास (उपदेस) पइ बिसवास न करिहीं अउर भटकावइवालन झूठन नबियन अउर दुस्ट आतिमन कि सिच्छा पर धियान देइ लगिहीं जउन झूठ बोलिहीं अउर धोखा देत रइहीं। 2 ओन झूठन पाखण्डी लोगन क कारण अइसे मनइयन होइहीं जे सच अउर झूठ क विवेक न कइ सकिहीं अउर इ जेनकइ मन माना तपत लोहे स दाग दीन्ह गवा होइ। 3 उ पचे बियाह क निसेध करिहीं। कछू चीज खाई क मना करिहीं जेका परमेस्सर क बिसवासियन अउर जउन सच क पहिचानत हीं, ओनके बरे धन्यबाद दइके ग्रहण कइ लेइके बनावा गवा बा। 4 काहेकि परमेस्सर क रची सब चीज अच्छी बा अउर कउनउ चीज तियागइ जोग्ग नाहीं बा बसर्ते ओका धन्यबाद क साथे ग्रहण कीन्ह जाइ। 5 काहेकि उ परमेस्सर क बचन अउर पराथना स पवित्तर होइ जात ह।
मसीह ईसू क अच्छा सेवक बनअ
6 अगर तू भाइयन क इन बातन धियान दियावत रहब्या तउ मसीह ईसू क अइसेन अच्छा सेवक ठहरब्या जेकर पालन-पोसण, बिसवासे क द्वारा अउर ओन्हीं सिच्छा क द्वारा होत ह जेका तू ग्रहण किहे अहा। 7 मनइयन क स्रद्धा विहीन कल्पित सबइ कथा स दूर रहा अउर परमेस्सर क सेवा क बरे अपने क साधना मँ लगाए रखा। 8 काहेकि सारीरिक साधना स तउ केवल तनिक ही लाभ होत ह जबकि परमेस्सर क सेवा सब कइँती स मूल्यवान बा काहेकि एहमाँ आज क समइ अउर आवइवाला जीवन क बरे दीन्ह गवा आसीर्वाद समावा बाटइ। 9 एइ कहावत पूर रूप स सच अहइ। अउर इ पूरी तरह ग्रहण करइ जोग्ग अहइ। 10 अउर हम सबहिं इही बरे कठिन मेहनत करत जूझत रहित ह। हम आपन आसा सबके विसेस कर बिसवासियन क, उद्धारकर्ता सजीव परमेस्सर पइ टिकाइ दीन्ह ह।
11 एनही बातन क हुकुम अउर उपदेस द्या। 12 तू अबहिं जवान अहा। इही स कउनउ तोहे निम्न न समझइ। बल्कि तू आपन बातचीत, चाल चलन, पिरेम-प्रकास, अपने बिसवास अउर पवित्तर जीवन स बिसवाससियन क बरे एक उदाहरण बनि जा।
13 जब तक मइँ आई तू पवित्तर सास्तरन क सार्वजनिक पाठ करा, उपदेस अउर सिच्छा देई मँ अपने आप क लगाए रखा। 14 तोहका जउन बरदान मिला बा, तू ओकर उपयोग कइके इ तोहे नबियन क भविस्सबाणी क परिणाम सरूप बुजुर्गन क द्वारा तोहपइ हाथ रखि दीन्ह गवा बा। 15 इन बातन क कारण पइ पूरा धियान लगाए रखा। एन्ही मँ स्थित रहा ताकि तोहार प्रगति सब लोगन क सामने परगट होइ।
16 अपने जीवन अउर उपदेस क विसेस धियान रखा। ओनही पर टिका रहा काहेकि ओन पइ चलइ अउर सही रूप स पालन करइ मँ विसेस बल दा। अइसेन आचरण करत रहे स तू खुद अपने आपइ क अउर अपने सुनइवालन क उद्धार करब्या।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.