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M’Cheyne Bible Reading Plan

The classic M'Cheyne plan--read the Old Testament, New Testament, and Psalms or Gospels every day.
Duration: 365 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
लैव्यव्यवस्था 14

भयानक चर्मरोगी क सुद्ध करइ क नेम

14 यहोवा मूसा स कहेस, “इ सबइ ओन लोगन बरे नेम अहइँ जेनका भयानक चर्मरोग रहा अउर जउन नीक होइ गएन। इ सबइ नेम उ मनई क सुद्ध बनावइ बरे अहइँ।

“याजक क उ मनई क लखइ चाही जेका भयानक चर्मरोग अहइ। याजक क उ मनई क लगे डेरा क बाहेर जाइ चाही। याजक क इ लखइ क कोसिस करइ चाही कि उ चर्म रोग नीक होइ ग अहइ। अगर व्यक्ति स्वस्थ अहइ तउ याजक ओका इ करइ क कही। ओका दुइ जिअत सुद्ध पंछी, एक देवदारु क लकड़ी, लाल कपड़ा क एक ठु टूका अउर एक ठु जूफा[a] क पौधा जरूर लइ आवइ चाही। याजक क बहत भए पानी क ऊपर माटी क एक ठु खोरा मँ एक ठु पंछी क मारइ क हुकुम देइ चाही। तब याजक दूसर जिअत पंछी, देवदारु क लकड़ी, लाल कपड़ा क टूकन अउ जूफा क पउधा स्वीकार करी। याजक क जिअत पंछी अउ दूसर चीजन क बहत भए पानी क ऊपर मारा गवा पंछी क रकत मँ बोरइ चाही। याजक उ व्यक्ति प भयानक चर्मरोग स उपचार करइ बरे सात दाई रकत छिरकी। तब याजक क जरूर घोसित करइ चाही कि उ मनई सुद्ध अहइ। तब याजक क खुला मैदान मँ जाइ चाही अउ जिअत पंछी क अजाद करइ देइ चाही।

“ऍकरे पाछे उ व्यक्ति क आपन ओढ़ना जरूर धोवइ चाही। ओका आपन सब बार क मूंडन करावइ चाही अउ पानी स नहाइ चाही। उ पवित्तर होइ जाइ। तब उ व्यक्ति सिबर मँ जाइ सकी। मुला ओका आपन खेमा क बाहेर सात दिना तलक रहइ चाही। सतएँ दिन ओका आपन सारा बार काट डावइ चाही। ओका आपन मूँड़, डाढ़ी, भौंहन क सबहिं बार कटवाइ लेइ चाही। तब ओका आपन कपड़ा धोवइ चाही अउ पानी स नहाइ चाही। तब उ मनई सुद्ध होइ।

10 “अठएँ दिन उ व्यक्ति क दुइ भेड़ी क नर बच्चन लेइ चाही जेहमाँ कउनो दोख न होइ। ओका एक बरिस क एक ठु मादा मेमना भी लेइ चाही जेहमाँ कउनो दोख न होइ। ओका एपा क तीन दसवाँ हींसा तेल मिला भवा उत्तिम आटा लेइ चाही। इ आटा अन्नबलि बरे अहइ। उ व्यक्ति क दुइ तिहाइ पिण्ट[b] जैतून क तेल भी लेइ चाही। 11 याजक क एलान करइ चाही कि उ मनई सुद्ध अहइ। याजक क उ मनई अउ ओकरी बलि क मिलापवाला तम्बू क दुआरे पइ यहोवा क समन्वा लइ आवइ चाही। 12 याजक मेमनन मँ स एक क दोखबलि क रुप मँ चढ़ाई। उ मेमना क अउर उ तेल क यहोवा क समन्वा उत्तोलन बलि क रुप मँ चढ़ाई। 13 तब याजक नर मेमना क उहइ पवित्तर ठउर पइ मारी जहाँ उ पचे पापबलि अउ होमबलि क मारत हीं। दोखबलि, पापबलि क समान अहइ। इ याजक क बाटइ। इ बहोतइ पवित्तर अहइ।

14 “याजक दोखबलि क कछू रकत सुद्ध कीन्ह जाइवाला व्यक्ति क दाहिने काने क लौ मँ कछू रकत दाहिने हाथ क अंगूठा अउ दाहिन गोड़े क अंगूठा पइ लगाइ। 15 याजक कछू तेल भी लेइ अउ आपन बाईर् हथेली पइ डाई। 16 तब याजक आपन दाहिन हाथे क अँगुरियन अपन बाऍ हाथे क हथेली मँ धरे भए तेल मँ बोरी। उ आपन अँगुरी क प्रयोग कछू तेल यहोवा क समन्वा सात दाई छिरकइ बरे करी। 17 याजक आपन हथेली स कछू तेल सुद्ध कीन्ह जाइवाला मनई क दाहिन काने क लौ पइ लगाई। याजक कछू तेल उ मनई क दाहिन हाथे क अंगूठे अउ दाहिन गोड़ क अंगूठे पइ लगाइ। याजक कछू तेल दोखबलि क रकत पइ लगाई। 18 याजक आपन हथेली मँ बचा भवा तेल सुद्ध कीन्ह जाइवाला मनई क मूँड़े प लगाइ। इ तरह याजक उ मनई क पाप क यहोवा क समन्वा प्रायस्चित करी।

19 “ओकरे पाछे याजक पापबलि चढ़ाई अउ मनई क पापन्क प्रायस्चित करी। जेहसे उ सुद्ध होइ जाई। एकरे पाछे याजक होमबलि बरे पसु क मारी। 20 ऍह बरे याजक होमबलि अउ अन्नबलि क वेदी पइ चढ़ाई। इ तरह याजक उ मनई क पापन्क प्रायस्चित करी अउ उ मनई सुद्ध होइ जाई।

21 “अगर व्यक्ति गरीब अहइ अउ ओन बलियन क देइ मँ असमर्थ बाटइ तउ ओका एक ठु नर मेमना दोखबलि क रुप मँ लेइ चाही। इ उत्तोलन बलि उ व्यक्ति क पापन क प्रायस्चिय करइ बरे होइ। ओका एपा क दसवाँ हींसा तेल स मिला भवा उत्तिम महीन आटा लेइ चाही। इ आटा अन्नबलि क रुप मँ उपयोग मँ आई। मनई क दुइ तिहाई पिण्ट जैतून क तेल। 22 अउर दुइ फाख़ता या दुइ ठु कबूतरे क बच्चा लेइ चाही। इ सबइ चिजियन क देइ मँ गरीब लोग समर्थ होइहीं। एक पंछी पापबलि बरे होई अउ दूसर होमबलि बरे होई।

23 “अठएँ दिन, उ मनई ओन चिजियन क याजक क लगे मिलापवाला तम्बू क दुआर पइ लिआई। उ सबई चिजियन यहोवा क समन्वा बलि चढ़ाई जइहीं जेहसे मनई सुद्ध होइ जाई। 24 याजक, दोखबलि क मेमना अउर तेल भी लेई अउर ओनका यहोवा क समन्वा उत्तोलन बलि क रुप मँ चढ़ाई। 25 तब याजक दोखबलि क मेमना मारी। याजक दोखबलि क कछू रकत लेई। याजक एहमाँ स कछू रकत सुद्ध कीन्ह जाइवाला व्यक्ति क दाहिन कान क लौ पइ कछू रकत इ व्यक्ति क दाहिन हाथे क अंगूठा पइ अउर कछू रकत दाएँ गोड़ क अंगूठा पइ लगाई। 26 याजक इ तेल मँ स कछू आपन बाईर् हथेली मँ भी डाई। 27 याजक आपन दाहिन हाथे क अंगुरी क उपयोग आपन हथेली क तेल क यहोवा क समन्वा सात दाई छिरकइ बरे करी। 28 तब याजक आपन हथेली स कछू तेल उहइ जगह पइ लगाइ जहाँ उ पहिले लगाए रहा। उ आपन हथेली स कछू तेल सुद्ध कीन्ह जाइवाला व्यक्ति क दाहिन काने क लौ पइ लगाई। याजक इ तेल मँ स कछू तेल मनई क दाहिन हाथे क अंगूठा अउ ओकरे दाहिन गोड़े क अगूंठा पइ लगाई। याजक दोखबलि क रकत लगा ठउरे पइ एहमाँ स कछू तेल लगाई। 29 याजक क आपन हथेली क बचा भवा तेल क सुद्ध कीन्ह जाइवाला मनई क मूँड़े पइ डावइ चाही। इ तरह याजक यहोवा क समन्वा उ मनई क पापन क प्रायस्चित करी।

30 “तब मनई फ़खतन या कबूतरे क बच्चन मँ स एक क बलि चढ़ाई। (ओका उहइ चढ़ाइ चाही जेका गरीब व्यक्ति देइ मँ समर्थ होइ।) 31 ओका दुइनउँ पंछियन मँ स एक क पापबलि क रुप मँ चढ़ावइ चाही अउ दूसर पंछी क होमबलि क रुप मँ ओका ओनकइ अन्नबलि क संग भेंट चढ़ावइ चाही। इ तरह याजक यहोवा क समन्वा उ मनई क पाप क प्रायस्चित करी। उ मनई सुद्ध होइ जाई।”

32 इ सबइ भयानक चर्मरोग क नीक होइ क पाछे कउनो एक मनई क सुद्ध करइ क नेम अहइँ। इ सबइ नेम ओन मनइयन बरे अहइँ जउन सुद्ध होइ बरे साधारिन बलियन क खर्चा नाहीं उठाइ सकतेन।

घरे मँ लाग फपूँदी क नेम

33 यहोवा मूसा अउ हारून स इ भी कहेस, 34 “मइँ तोहरे लोगन क कनान देस देत अहउँ। तोहरे लोग इ भुइँया पइ जइहीं। उ समइ मँ होइ सकत ह, कछू लोगन क घरन मँ फपूँदी लगी होइ। 35 तउ उ घर क मालिक क याजक क लगे आइके कहइ चाही, ‘मइँ आपन घरे मँ फपूँदी जइसी कउनो चीज देखेउँ ह।’

36 “तब याजक क आदेस जरूर देइ चाही कि घर क खाली कइ दीन्ह जाइ। लोगन क याजक क फपूँदी लखइ जाइके पहिले ही इ जरूर करी। इ तरह घरे क सबहिं चिजियन क याजक क असुद्ध नाहीं कहइ पड़ी। लोगन क घर क खाली कइ दीन्ह जाइ क पाछे याजक घरे क अन्दर जाइ अउर देखइ। 37 याजक फपूँदी क लखी। अगर फपूँदी घरे क दीवारे पइ हरिअर या लाल रंग क चकत्ता बनाइ दिहे अहइँ अउर इ दीवारन क सतह स गहिरा मालूम पड़त अहइ, 38 तउ याजक क घरे स बाहेर निकरि आवइ चाही। अउ सात दिना तलक घर जरूर बन्द कइ देइ चाही।

39 “सतएँ दिन, याजक क हुआँ लौटइ चाही अउर घरे क जाँच करइ चाही। अगर घरे क दीवार पइ फपूँदी फइलि गइ होइ 40 तउ याजक क लोगन क हुकुम देइ चाही कि उ पचे फपूँदी क सात पाथरन क उखाड़ि देइँ अउर ओनका दूर बहाइ देइँ। ओनका ओन पाथरन क सहर स बाहेर विसेस असुद्ध जगह पइ लोकावइ चाही। 41 तब याजक क पूरे घर क भितरे से खुरचवावइ चाही। लोगन क उ लेप क जेका उ पचे खुरचेन ह, लोकाइ देइ चाही। ओनका उ लेप सहर क बाहेर खास असुद्ध जगह पइ डावइ चाही। 42 तबहिं उ मनई क नवा पाथर दीवारे मँ लगावइ चाही अउ ओका ओन दीवारन क नवा लेप स ढाँकि देइ चाही।

43 “होइ सकत ह कउनो मनई पुरान पाथरन अउ लेप क निकारिके नवा पाथरन अउ लेप क लगावइ अउ होइ सकत ह उ फपूँदी उ घरे मँ फिन परगट होइ। 44 तब याजक क आइके उ घरे क जाँच जरूर करइ चाही। अगर फपूँदी घरे क अन्दर मँ फइलि गइ अहइ, तउ इ रोग अहइ जउन दूसरी जगहन मँ जल्दी स फइलत ह। एह बरे घर असुद्ध अहइ। 45 उ मनई क उ घर गिराइ देइ चाही। ओनका सारा पाथर, लेप अउ दूसर लकड़ी क टूकन क सहर स बाहेर असुद्ध जगह पइ लइ जाइ चाही। 46 कउनो मनई जउन ओहमाँ जात ह, साँझ तलक असुद्ध रही। 47 अगर कउनो मनई ओहमाँ खाना खात ह या ओहमाँ सोवत ह तउ उ मनई क आपन ओढ़ना धोवइ चाही।

48 “घरे मँ नवा पाथर अउ लेप लगाए क पाछे याजक क घरे क जाँच करइ चाही। अगर फपूँदी घरे मँ नाहीं फइली अहइ तउ याजक एलान करी कि घर सुद्ध अहइ। काहेकि फपूँदी खतम होइ ग अहइ।

49 “तब घरे क सुद्ध करइ बरे याजक क दुइ ठु पंछी, एक देवदारू क लकड़ी, एक लाल कपड़ा क टूका अउ जूफा क पउधा लेइ चाही। 50 याजक बहत भए पानी क ऊपर माटी क एक ठु खोरा मँ एक पंछी मारी। 51 तब याजक देवदारु क लकड़ी, जूफा क पउधा, लाल कपड़ा क टूका अउ जिअत पंछी क लेई। याजक बहत पानी क ऊपर मारा भए पंछी क रकत मँ ओन चीजन क बोरी। तब याजक उ रकत क उ घरे पइ सात दाई छिरकी। 52 इ तरह याजक ओन चीजन क उपयोग घर क सुद्ध करइ बरे करी। 53 याजक खुला मैदान मँ सहर क बाहेर जाई अउर पंछी क उड़ाई देई। इ तरह याजक घरे बरे प्रायस्चित करी। घर सुद्ध होइ जाइ।”

54 उ सबइ नेम भयानक चर्मरोग क, 55 घर या कपड़ा क टूकन पइ क फपूँदी क बारे मँ अहइँ। 56 उ सबइ नेम सूजन, फुंसियन या चर्मरोग पइ सफेद दाग सम्बंध रखत हीं। 57 उ सबइ नेम सिखावत हीं कि चीजन कब असुद्ध अहइँ अउ कब सुद्ध अहइँ। उ सबइ नेम उ तरह क बेरामी स सम्बंध रखत हीं।

भजन संहिता 17

दाऊद क पराथना गीत।

हे यहोवा, मोरी पराथना निआव क खातिर सुना।
    मइँ तोहका ऊँच अवाज स गोहरावत अहउँ।
मइँ आपन बात ईमानदारी स कहत हउँ।
    तउ कृपा कइके मोर पराथना सुना।
यहोवा तू ही मोर उचित निआव करब्या
    तू ही फुरइ क लख सकत अहा।
मोर मन परखइ क तू ओकरे बीच गहिराई मँ निहारि लिहा ह।
    तू मोरे संग राति भइ रहा तू मोका जाँचा,
अउ तोका मोहे मँ कउनो खोट नाहीं मिला।
    मइँ कउनो बुरी जोजना नाहीं रचेउँ रहे।
तोहरे आदेसन क मानइ मँ मइँ कठिन जतन किहेउँ
    जेतॅना कि कउनो मनई कइ सकत ह।
मइँ तोहरी राहे पइ चलत रहत हउँ।
    मोर गोड़ तोहरे जिन्नगी क रीति स नाहीं डुगेन।
हे परमेस्सर, मइँ हर कउनो अवसर पइ तोहका पुकारेउँ ह अउर तू मोका जवाब दिहा ह।
    तउ अब भी तू मोर सुना।
हे परमेस्सर, तू आपन विस्सासी चेलन क दिखावा
    कि तू केतॅना अजूबा अहा!
तू ओन लोगन क बचाया जउन ओन लोगन पइ हमला करत ह
    जउन ओन बचइ बरे तोहार सक्ती पइ निर्भर करत ह।
मोर रच्छा तू आपन आँखी क पुतली क नाईं करा।
    मोका आपन पखना क छाया क खाले तू छुपाइ ल्या।
हे यहोवा, मोर रच्छा ओन दुट्ठ जनन स करा जउन मोका नस्ट करइ क जतन करत अहइँ।
उ सबइ मोका घेरे अहइँ अउ मोका हानि पहोंचावइ क प्रयत्नसील अहइँ।
10 दुट्ठ लोग घमण्ड क कारण परमेस्सर क बात पइ कान नाहीं लगावत अहइँ।
    इ सबइ आपन ही डींग हाँकत रहत हीं।
11 उ सबइ लोग मोरे पाछे पड़ा भवा अहइँ,
    अउर अब मइँ ओनके बीच मँ घिर गवा हउँ।
उ पचे मोह पइ वार करइ क तय्यार ठाड़ बाटेन।
12 उ सबइ दुट्ठ जन अइसे अहइँ जइसे कउनो सिंह घात मँ दूसर पसु क मारइ क बइठा होइ।
    उ पचे सिंह क नाई झपटइ बरे छुपा रहत हीं।

13 हे यहोवा, दुस्मन क खिलाफ उठा
    अउर ओनका आत्मसर्मपन करइ बरे मज़बूर करा।
    आपनि तरवार उठावा अउ इ सबइ दुट्ठ जनन स मोर रच्छा करा।
14 हे यहोवा, जउन मनई सजीव अहइँ ओनका धरती स दुट्ठन क आपन सक्ती स दूर करा।
    हे यहोवा, बहुतेरे तोहरे लगे सरण माँगइ आवत हीं।
तू ओनका बहुतायत स भोजन द्या।
    ओनकर सन्तानन क परिपूर्ण कइ द्या।
    ओनके लगे आपन गदेलन क देइ क बहुतायत स धन होइ।

15 मोर विनय निआव बरे अहइ।
तउ मइँ यहोवा क मुँह क दर्सन करब।
    हे यहोवा, तोर दर्सन करतइ ही, मइँ पूरी तरह सन्तुट्ठ होइ जाबउँ।

नीतिवचन 28

28 दुट्ठ क मने मँ सदा भय समाया रहत ह अउर जब कउनो पाछा नाहीं करत ह तउ भी भागत फिरत ह। किन्तु एक धर्मी जन क सदा निर्भय रहत ह वइसे होइ जइसे सेर निर्भय रहत ह।

देस मँ जब पाप ही पाप होइ तउ उ देस क सासक लम्बी समइ बरे सासन नाहीं करब्या। अइसा मनई ही देस क स्थिर रखत ह अउर लम्बी समइ तलक सासन करब्या।

उ राजा जउन गरीबे क दबावत ह, उ बर्खा क बाढ़ सा होत ह जउन फसल नाहीं छोड़त।

जउन व्यवस्था क विधाने क तजि देत हीं, दुट्ठन क तारीफ करत हीं, मुला जउन व्यवस्था क विधान क पालन करत हीं ओनकर विरोध मँ लड़ाइ करत हीं।

दुट्ठ जन निआव क नाहीं समुझत हीं। मुला जउन यहोवा क खोज मँ रहत हीं, ओका पूरी तरह जानत हीं।

उ निर्धन जेकर राह खरी अहइ उ धनी मनई स जेकर राह दुट्ठ अहइ उत्तिम अहइ।

विवेकी पूत व्यवस्था क विधानन क पालन करत ह। मुला जउन बियर्थ दोस्तन क साथी बनत ह, उ आपन बाप क निरादर करत ह।

उ जउन मोट ब्याज उसूलिके आपन धन बढ़ावत ह, उ तउ इ धन जोरत ह कउनो अइसे दयालु बरे जउन गरीबन पइ दाया करत ह।

जदि कउनो व्यक्ति परमेस्सर क सिच्छा पइ कान नाहीं देत तउ परमेस्सर ओनकर पराथना पइ धियान नाहीं देत ह।

10 उ तउ आपन ही जालि मँ फँस जाइ जउन सीधे लोगन क बुर मर्गे पइ भटकावत ह। मुला निर्दोख लोगन उत्तिम आसीस पाइ।

11 धनी मनई आपन आँखिन मँ बुद्धिमान होइ सकत ह किन्तू गरीब जन जउन बुद्धि होत ह सच्चाई क लखत ह।

12 सज्जन जब जीतत हीं, तउ सब खुस होत हीं। मुला जब दुट्ठ क सक्ती मिल जात ह तउ एक भी अइसा मनई क खोज पाउब कठिन अहइ जउन कि खुस अहइ।

13 जउन आपन पापन पइ पर्दा डावत ह, उ तउ कबहुँ नाहीं फूलत-फलत ह। मुला जउन आपन दोखन क कबूल करत ह अउर जउन गलत ह ओका तजत ह, उ दाया पावत ह।

14 धन्न अहइ, उ पुरुस जउन यहोवा स डेरात ह। मुला जउन आपन जिद्दी अहइ, विपत्ति मँ गिरत ह।

15 दुट्ठ सासक जउन असहाय जन पइ सासन करत हीं अइसे अहइ जइसे दहाड़त भवा सेर या झपट भवा रीछ।

16 एक अविवेक सासक आपन लोगन पइ अत्याचार करत ह मुला जउन बुरे मारग स आए भए धने स घिना करत ह, लम्बी समइ तलक सासन करब्या।

17 कउनो मनई क दूसर क हत्तिया क दोख ठहराया तउ उ मनई क सान्ति नाहीं मिली जब तलक कि उ नाही मरत ह। ओकर मदद जिन करा।

18 अगर कउनो निहकलंक होइ तउ उ सुरच्छित अहइ। जदि उ बुरा मनई होइ तउ उ आपन सामरथ खोइ बइठी।

19 जउन आपन धरती जोतत-बोवत ह अउर मेहनत करत ह, उसके लगे हमेसा भरपूर खाई क होइ। मुला जउन सदा सपनन मँ खोवा रहत ह, सदा दलिद्र होइ।

20 एक इमानदार मनई बहोत सारा आसीस पावत ह। मुला उ मनई जउन हाली धनी बनइ क जतन करत रहत ह; बिना दण्ड क नाहीं बची।

21 निर्णय देइ मँ पच्छपात करब अच्छा नाही होत ह। किन्तु कछू लोग तउ सिरिफ रोटी क एक टुकरा बरे अनिआय करब।

22 सूम सदा धन पावइ क लालच करत रहत ह अउर नाहीं जानत कि ओकरी ताक मँ दलिद्रता बाटइ।

23 उ जउन कउनो जने क सुधारइ क डाँटत ह, उ जियादा पिरेम पावत ह, अपेच्छा ओकरे जउन चापलूसी करत ह।

24 कछू लोग होत हीं जउन आपन बाप अउर महतारी स चोरावत हीं। उ कहत ह, “इ बुरा नाहीं अहइ।” इ उ बुरा मनई जइसा अहइ। जउन घरे क भीतर आइके सबहिं चिजियन क तोड़-फोड़ कइ देत ह।

25 लालची मनई तउ मतभेद भड़कावत ह, मुला उ मनई जेकर भरोसा यहोवा पइ अहइ पूली-फली।

26 मूरख क आपन पइ बहोत भरोसा होत ह। मुला जउन गियान क राहे पइ चलत ह, सुरच्छित रहत ह।

27 जउन गरीबन क दान देत रहत ह ओका कउनो बातन क अभाव नाहीं रहत। मुला जउन ओनसें आँखी मूँद लेत ह, उ सराप पावत ह।

28 जब कउनो दुट्‌ठा सक्ती पाइ जात ह तउ सज्जन छुप जाइ क दूर चला जात हीं। मुला जब दुट्ठा जन क बिनास होत ह तउ सज्जनन क बृद्धि परगट होइ लागत ह।

2 थिस्सलुनीकियन 2

पर्भू क अवाई स पहिले दुर्घटना घटीहीं

भाइयो तथा बहिनियो, अब हम अपने पर्भू ईसू मसीह क फिन स अवाई अउर ओकरे साथे आपस मँ एकट्ठा होइ क बारे मँ निवेदन करत अही कि तू अचानक अपने विवेक क कउनो भविस्सबाणी कउनो उपदेस अउर कउनो अइसेन चिट्ठ स न खोवा जेकॉ हमरे द्वारा लिखा गवा समझा जात होइ अउर तथाकथित रुप स जेहमाँ बतावा गवा होई कि पर्भू क दिन आई चुका अहइ, तू अपने मने मँ डावॉडोल जिन ह्वा। तू पचे अपने आपके कउनो क द्वारा कउनउ प्रकार छला न जाइ सका। मइँ अइसेन एह बरे कहत हउँ काहेकि उ दिन ओह समइ तक न आई जब तक कि परमेस्सर स मुँह मोड़ लेइ क समइ नहीं आई जात, अउर दुस्ट मनइ परगट नाहीं होइ जात। ओह दुस्ट-मनइ क नियति तउ नरक बा। उ अपने क सब चीज स उप्पर कही अउर ओनकर विरोध करी अइसेन चीजन का परमेस्सर का कही जात हीं अउर जउन पूजनीय बा। इहाँ तक कि परमेस्सर क मंदिर मँ जाइ क सिंहासन पर बइठिके इ दावा करी कि उहइ परमेस्सर बा। का तोहे याद नाहीं बा कि जब मइँ तोहरे साथे रहे तउ तोहे इ सब बतावा गवा रहा अउर तू तउ अबइ जनतइ अहा कि ओका का अबहीं परगट होइ स रोके अहइ, ताकि उ ऊचित अवसर आए पर ही परगट होइ। मइँ अइसेन एह बरे कहत हउँ काहेकि दुस्ट मनइ क रहस्य भरी सक्ती जउन बे व्यवस्था क अहइ अबहुँ आपन काम करत बा। अब केउ ऐका रोक रहा बा अउर उ तब तक ऐका रोकत रही, जब तलक, ओका रोके रखइबाले क रस्ता स हटाई न दीन्ह जाइ। तबइ उ दुस्ट मनइ परगट होई जब पर्भू ईसू आपन महिमा मँ फिन परगट होई तब ओका पर्भू ईसू अपने मुँह क फूँक स मार डाईगा अउर अपने उपस्थिति क तेज स ओका भस्म कर देई।

ओह दुस्ट मनइ सइतान क सक्ती स परगट होइ अउर उ बहुत बड़ी सक्ती, झूठे चमत्कारन, अद्भुत चिन्हन अउर अचरजे कारजन, 10 अउर सब परकार क पाप स भरा छल-परपंच स भरा होइ। उ एनकर उपयोग मनइय क विरुद्ध करी जउन सर्वनासे क रस्ता मँ खोवा हवा अहइँ। उ भटक गवा हयेन काहेकि ओन्हन सत्य स पिरेम नाहीं किहे बाटेन, कहूँ ओनकर उद्धार न होइ जाइ। 11 इही बरे परमेस्सर ओहमन एक छली सक्ती क काम मँ कई देई जेहसे उ झूठ मँ बिसवास करइ लाग रहेन। एहसे ओनकर बिसवास जउन झूठ बा, ओह पर होई। 12 एहसे उ सभन जे सत्य पर बिसवास नाहीं किहेन अउर झूठ मँ आनन्द लेत रहेन, दण्ड पइहीं।

तोहे छुटकारा क बरे चुना गवा बा

13 भाइयो तथा बहिनियो, पर्भू तोहका पियार करत ह। तोहरे पचन क बरे हमका हमेसा परमेस्सर क धन्यबाद करइ चाही काहेकि परमेस्सर तउ आतिमा क द्वारा तोहे सबन क पवित्तर कइक अउर सत्य मँ तोहरे बिसवास क कारण उद्धार पावइ क बरे तोहे सबन क चुने अहइ। जेन्हन मनइयन क उद्धार होइ क बा, तू ओह सबन क पहिली फसल क एक हींसा अहा। 14 अउर इही उद्धार क बरे जेका सुसमाचार क हम तोहे सबन क उपदेस दिहे हई ओकरे द्वारा परमेस्सर तउ तोहे पचन क बोलाएस ताकि तू पचे हमार पर्भू ईसू मसीह क महिमा क धारण कइ सका। 15 इही बरे भाइयो तथा बहिनियो, अटल बना रहा अउर जउन उपदेस तोहे मौखिक रुप स या हमरे चिटिवयन क द्वारा दीन्ह गवा रहा, ओका थामे रखा।

16-17 अब हमार पर्भू खुद ईसू मसीह अउर हमार परमपिता परमेस्सर जे हम पइ आपन पिरेम दर्साए अहइ अउर हमका परम प्रोत्साहन प्रदान किहे अहइ अउर जे हमका अपने अनुग्रह मँ मजबूत आसा प्रदान किहे अहइ तोहरे सबन क हिरदइ क आनन्द देइ अउर सब अच्छी बातन मँ जेका तू कहत ह या करत ह, तोहे प्रोत्साहित बनावइ।

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.