M’Cheyne Bible Reading Plan
संजोग स भवा पाप बरे पापबलि क नेम
4 यहोवा मूसा स कहेस, 2 “इस्राएल क मनइयन स कहा: अगर कउनो व्यक्ति स संजोग क कारण कउनो अइसा पाप होइ जाइ जेका यहोवा न करइ क हुकुम दिहे अहइ तउ उ व्यक्ति क नीचे लिखी भई बात करइ चाही:
3 “अगर अभिसिक्त याजक स कउनो पाप भवा होइ अउ इ लोगन क बुरा बनावत हीं तउ ओका आपन कीन्ह गए पाप बरे यहोवा क बलि चढ़ावइ चाही। ओका एक बछवा यहोवा क भेंट मँ जरूर देइ चाही जेहमाँ कउनो दोख न होइ। ओका यहोवा क बछवा पापबलि क रुप मँ जरूर चढ़ावइ चाही। 4 अभिसिक्त याजक क उ बछवा क यहोवा क समन्वा मिलापवाला तम्बू क दुआरे प जरूर लावइ चाही। ओका आपन हाथ उ बछवा क मूँड़े प जरूर धरइ चाही अउ यहोवा क समन्वा ओका मारि देइ चाही। 5 तब अभिसिक्त याजक क बछवा क कछू रकत जरूर लेइ चाही अउ मिलापवाला तम्बू क अन्दर लइ जाइ चाही। 6 याजक क आप अँगुरी खून मँ डावइ चाही अउ महा पवित्तर ठउर क पर्दा क समन्वा खून क सात दाई परमेस्सर क समन्वा छिछकारइ चाही। 7 याजक क कछू खून महकउआ धूप क वेदी क सींगन प जरूर लगावइ चाही। (इ वेदी यहोवा क समन्वा मिलापवाला तम्बू क अन्दर अहइ।) याजक क बछवा क सारा खून होमबलि क वेदी क आधार प जरूर उड़ेरइ चाही। (इ वेदी मिलापवाला तम्बू क दुआर प अहइ।) 8 अउर ओका पापबलि कीन्ह गइ बछवा क सारी चबीर् जरूर निकारि लेइ चाही। ओका भितरे क हींसा क ढाँपि भइ चर्बी अउ ओकरे चारिहुँ कइँती क चबीर् क निकारि लेइ चाही। 9 ओका दुइनउँ गुर्दन अउर ओनका ढाँपइ वाला चबीर् अउ पुट्ठा प क चबीर् क भी भेंट चढ़ाई चाही। ओका उ झिल्ली जउन करेजा स चिपका भवा ह ओका भी निकारि लेइ चाही अउर गुर्दन क संग चढ़ावइ चाही। 10 याजक क इ सबइ चीजन ठीक उहइ तरह लेइ चाही जउने तरह उ इ सबइ चीजन मेलबलि क बछवा स लिहे रहा। याजक क होमबलि क वेदी प गोरु क भितरे क हींसन क जरूर बारि देइ चाही। 11 मुला याजक क बछवा क चाम, मूँड़, गोड़, भीतर क हींसन अउ तने क बेकार हींसा जरूर निकारि देइ चाही। 12 याजक क डेरा क बाहेर खास ठउरे इ हींसन जउन बछवा क सरीर क बचा भवा हींसा अहइ क हुँआ लइ जाइ चाही जहाँ राखी डारी जात ह। याजक क हुआँ काठ क आगी पइ जहाँ राखी क डारी दीन्ह गवा ह इन हींसन क जरूर बारइ चाही।
13 “अइसा होइ सकत ह कि समूचइ इस्राएल रास्ट्र स बे जाने भए कउनो अइसा पाप होइ जाइ जेका न करइ बरे परमेस्सर हुकुम दिहे होइ। मुला अइसा होइ जात ह तउ उ सबइ दोखी होइहीं। 14 जदि ओनका इ पापे क पता लगि जात ह तउ समूचइ रास्ट्र बरे एक ठु बछवा पापबलि खातिर चढ़ावा जाइ चाही। ओनका बछवा क मिलापवाला तम्बू क समन्वा लइ आवइ चाही। 15 बुर्जुगन क बछवा क मूँड़े प आपन हाथ धरइ चाही। बछवा क यहोवा क अगवा मारइ चाही। 16 तबहिं अभिसिक्त याजक क बछवा क तनिक खून मिलापवाला तम्बू मँ लइ आवइ चाही। 17 याजक क आपन अँगुरियन रकत मँ जरूर बोरइ चाही अउ पर्दा क समन्वा सात दाई रकत क छिछकारइ चाही। इ यहोवा क अहइ। 18 तब याजक क कछू रकत वेदी क सिंगियन प डावइ चाही। (उ वेदी मिलापवाला तम्बू मँ यहोवा क समन्वा बा।) याजक क सारा रकत होमबलि क वेदी क नींव प डावइ चाही। (उ वेदी मिलापवाला तम्बू क दुआरे प बा।) 19 तब याजक क गोरु क सारी चबीर् निकारि लेइ चाही अउ ओका वेदी प बारइ चाही। 20 उ बछवा क संग जरूर वइसा ही करी जइसा उ पापबलि क रूप मँ चढ़ावा भवा बछवा क संग किहे रहा। इ तरह याजक मनइयन क पाप क पछतावा करत ह एहसे लोग छिमा पाइहीं। 21 याजक डेरा क बाहेर बछवा क लइ जाइ अउर ओका हुआँ बारि देइ। इ पहिले क तरह होइ। इ पूरे समाज बरे पापबलि होइ।
22 “जब कउनो सासक यहोवा आपन परमेस्सर क हुकुम तोड़इ क पाप अनजाने मँ करत ह, तउ उ दोखी समुझा जाई। 23 अगर सासक क इ पाप क पता लागत ह तब ओका एक अइसा बोकरा जरूर लावइ चाही जेहमाँ कउनो दोख न होइ। इहइ ओकर भेंट होइ। 24 सासक क बोकरा क मूँड़ि प हाथ जरूर धरइ चाही अउ ओका उ ठउरे प मारइ चाही जहाँ उ पचे होमबलि क यहोवा क समन्वा मारत हीं। इ एक पापबलि अहइ। 25 याजक क पापबलि क कछू रकत आपन अँगुरियन प जरूर लेइ चाही। याजक क होमबलि क वेदी क सिंगियन प रकत जरूर छिछकारइ चाही। याजक क बचा भवा रकत होमबलि क वेदी क आधार प जरूर डावइ चाही। 26 अउ याजक क बोकरा क सारी चबीर् वेदी प जरूर बारइ चाही। ओका एका उहइ तरह बारइ चाही जउने तरह उ मेलबलि क चबीर् बारत ह। इ तरह याजक सासक क पाप क पछतावा करत ह अउ सासक छिमा पाइहीं।
27 “अइसा होइ सकत ह कि साधारण जनता मँ स कउनो मनई स संजोग स कउनो अइसा पाप होइ जाइ जेका यहोवा न करइ क हुकुम दिहेस ह। 28 अगर उ व्यक्ति क आपन पाप क पता लगि जाइ तउ उ एक ठु मादा बोकरी जरूर लियावइ जेहमाँ कउनो दोख न होइ। इ उ व्यक्ति क पापबलि होइ। उ इ बोकरी क उ पाप खातिर लियावइ जउन उ किहस ह। 29 ओका आपन हाथ गोरु क मूँड़ी प धरइ चाही अउ होमबलि क ठउरे प ओका बाँधइ चाही। 30 याजक क उ बोकरी क कछू रकत आपन अँगुरियन प जरूर लेइ चाही अउ याजक क होमबलि क वेदी क सिंगियन प रकत जरूर छिड़कइ चाही। याजक क बचा भवा रकत होमबलि क आधार प जरूर डावइ चाही। 31 तब याजक क बोकरी क सारी चबीर् उहइ तरह निकारइ चाही जउने तरह मेलबलि स चर्बी निकारी जात रहा। याजक क ऍका यहोवा बरे सुहावना सुगंध क रूप मँ धूप क वेदी प बारइ चाही। इ तरह याजक उ मनई क पापे क पछतावा कइ देइ अउ व्यक्ति छिमा पाइहीं।
32 “अगर उ मनई पापबलि क रुप मँ एक ठु भेड़ी क बच्चा लिआवत ह तउ ओका एक मादा भेड़ी क बच्चा लइ आवइ चाही जेहमाँ कउनो दोख न होइ। 33 मनई क ओकरे मूँड़ी प हाथ धरइ चाही अउ ओका उ ठउरे प पापबलि क रुप मँ मारइ चाही जहाँ उ पचे होमबलि क गोरु क मारत हीं। 34 याजक क उ बोकरी क कछू रकत आपन अँगुरियन प जरूर लेइ चाही अउ याजक क होमबलि क वेदी क सिंगियन प रकत जरूर छिड़करइ चाही। याजक क बचा भवा रकत होमबलि क आधार प जरूर डावइ चाही। 35 याजक क मेमना क सारी चबीर् उहइ तरह लेइ चाही जउने तरह मेलबलि क चबीर् लीन्ह जात ह। याजक क मेमना क सारी चर्बी क यहोवा क उपहार क रूप मँ जरूर बारइ चाही। इ तरह याजक उ व्यक्ति क पापे क पछतावा करी अउ उ व्यक्ति छिमा पाइहीं।
पहिला भाग
(भजन 1–41)
1 उ मनई सचमुच धन्य होइ जउन दुस्टन क सलाह न मानी,
अउर पापियन क संग सामिल नाहीं होत ह
अउर ओनकर संग नाहीं रहत ह
जउन परमेस्सर क बरे सम्मान नाहीं दिखावत ह।[a]
2 उ नीक मनई अहइ जउन यहोवा क उपदेसन स पिरेम राखत ह।
उ तउ दिन रात ओन उपदेसन क मनन करत ह।
3 एहसे उ मनई उ बृच्छ जइसा मजबूत बनत ह
जेका सिंचाई क नहर क किनारे रोपा गवा ह।
उ उ बृच्छ क नाई बाटइ, जउन छेत्र मँ फल देत ह
अउ जेकर पत्ता कबहुँ नाहीं मुरझातेन।
उ जउन भी करत ह सफल ही होत ह।
4 मुला टुस्ट मनई अइसे नाहीं होतेन।
दुस्ट मनई उ भूसा क नाई होत हीं जेनका हवा क झोकां उड़ाइ लइ जात ह।
5 एह बरे दुस्ट मनई निआव क मुकाबला नाहीं कइ पइहीं।
सज्जन लोगन क सभा मँ उ पचे दोखी ठहरावा जइहीं अउर ओन पापी लोगन क बख्सा न जाइ।
6 एकर कारण इ बाटइ कि यहोवा सज्जन लोगन क अगुवाइ करत ह,
मुला दुर्जन लोग खो जाइहीं।
1 दूसरे देसन क मनइयन काहे ऍतना हुल्लड़ मचावत हीं अउर रोवत ह?
अउर काहे बियर्थ सड्यन्त्र रचत हीं?
2 अइसे देसन क राजा अउर नेता यहोवा अउर ओकरे चुने भएन राजा क खिलाफ
होइ बरे आपुस मँ एकजुट होइ जात हीं।
3 उ सबइ नेता लोग कहेन, “आवा परमेस्सर स अउ उ राजा स जेका उ चुनेस ह, हम पचे एकजुट होइ क विद्रोह करी।
आवा ओकरे बन्धनन क हम उतारिके फेंकि देइ।”
4 मुला मोर सुआमी, सरग क राजा,
ओन लोगन प हँसत ह।
5-6 परमेस्सर कोहान ह अउर उ ओनसे कहत ह,
“मइँ इ मनई क राजा बनवइ बरे चुनेउँ ह।
उ मोर पवित्तर पहाड़ सिय्योन पइ राज्ज करी
अउर इहइ ओन नेता लोगन क डेरावत ह।”
7 अब मइँ यहोवा क फ़रमान क बारे मँ तोहका बतावत हउँ।
यहोवा मोसे कहे रहा, “आजु मइँ तोहार बाप बनत हउँ
अउर तू आजु मोर पूत बन गवा ह।
8 अगर तू मोसे मँगब्या, तउ इ सबइ देसन क मइँ तोहका दइ देबउँ
अउ इ धरती क सबहिं जन तोहार होइ जइहीं।
9 तोहरे लगे ओनका बर्बाद करइ क वइसे ही सक्ती होइ
जइसे कउनो माटी क भाँड़ी क कउनो लोहे क डण्डा स चूर चूर कइ देइ।”
10 एह बरे, हे राजा लोगो, तू पचे बुद्धिमान बना।
हे सासक लोगो, तू पचे इ पाठे क सीख ल्या।
11 तू पचे बहोतइ भय स यहोवा क आग्या माना।
12 खुद क ओकर क पूत क बिस्सासपात्र देखाँवा।
वरना उ कोहाइ जाइ अउर तू पचन्क नास कइ देइ।
असल मँ उ पहिले ही काफी कोहाइ चुका भवा ह।
मुला जउन परमेस्सर पइ निर्भर करत अहइँ धन्य होब।
19 उ गरीब मनइ ओन व्यक्ति स बेहतर अहइ जउन झूट बोलत ह अउ मूरख अहइ।
2 बिना गियान क उत्साह राखब नीक नाहीं अहइ एहसे उतावली मँ गलती होइ जात ह।
3 मनई आपन बेवकूफी स आपन जिन्नगी बिगाड़ लेत ह, मुला उ यहोवा क दोखी ठहरावत ह।
4 धन स बहोत सारे मीत बन जात हीं, मुला गरीब जन क ओकर मीत भी तजि जात ह।
5 लबार गवाह बगैर सजा पाए नाहीं बची अउर जउन झूठ उगलत रहत ह, छूटइ नाहीं पाई।
6 बहोत स लोग सासक क खुस करइ क जतन करत ह अउर हर एक मनइ ओकर मीत बन जावा चाहत हीं, जउन उपहार देत रहत ह।
7 निर्धन क सब संबंधी ओहसे कतरात हीं। ओकर मीत ओहसे केतना बचत फिरत हीं, जदपि उ ओन लोगन स मदद बरे बिनती करत हीं तउ पइ भी उ पचे ओकर लगे नाहीं जाइहीं।
8 जउन गियान पावत ह उ आपन प्राण स ही प्रीति राखत ह, उ जउन समुझ-बूझ बढ़ावत रहत ह फलत अउर फूलत ह।
9 लबार गवाह सजा पाए बिना नाहीं बची, अउर उ, जउन झूठ उगलत रहत ह, ध्वस्त होइ जाइ।
10 मूरख धनी नाहीं बनइ चाही। उ अइसे होइ जइसे कउनो दास युवराजन पइ राज करइ।
11 बुद्धिमान मनइ सदा साँत रहत ह। जब उ ओन लोगन क छिमा करत ह जउन ओकरे खिलाफ होइँ, तउ ओकर सम्मान अउर भी बढ़ जात ह।
12 राजा क किरोध सेर क दहाड़ जइसा अहइ, मुला ओकर कृपा घास पइ ओसे क बूँद स होत ह।
13 मूरख पूत आपन बाप बरे बिनासे क लावत ह। अउर एक झगरालू पत्नी हमेसा टपकइ वाला पानी क नाईं अहइ।
14 भवन अउ धन-दौलत महतारी बाप स विरासत मँ मिल जात ह। मुला बुद्धिमान पत्नी यहोवा क ओर स धन्न अहइ।
15 आलस गहिर घोर नींद देत ह; मुला उ आलसी भूखा मरत ह।
16 अइसा मनई जउन आदेसन पइ चलत ह उ आपन जिन्नगी क रच्छा करत ह। मुला जउन आदेसन क उपेच्छा करत ह उ निहचय ही मउत अपनावत ह।
17 गरीब पइ किरपा देखाउब यहोवा क उधार देब अहइ, यहोवा ओका, ओकरे इ कामे क प्रतिफल देइ।
18 तू आपन पूत क अनुसासित करा अउर ओका सजा द्या, जब उ अनुचित होइ। बस इहइ आसा अहइ। अगर तू अइसा करइ क मना करा, तब तउ तू ओकरे बिनासे मँ ओकर सहायक बनत अहा।
19 अगर कउनो मनई क तुरंत किरोध आवइ, ओका एकर कीमत चुकावइ क होइ। अगर तू ओकर रच्छा करत अहा, तउ केतनी ही बार तोहे ओका बचावइ क होइ।
20 सुमति पइ धियान द्या अउर सुधार क अपनाइ ल्या तू जेहसे आखीर मँ तू बुद्धिमान बन जा।
21 मनई अपने मने मँ का का करइ क सोचत ह; कितुं यहोवा क जोजना पूरा होत ह।
22 लोग चाहत हीं मनई बिस्सास जोग्ग अउ सच्चा होइ। एह बरे गरीबी मँ बिस्सास क जोग्ग अउ सच्चा बनके रहब उचित अहइ अइसा मनई स जउन झूटा अउर धनी अहइ।
23 यहोवा क भय सच्ची जिन्नगी क राह देखावत ह, एहसे मनई सान्ति पावत ह अउर कस्ट स बचत ह।
24 एक आलसी आपन हाथ थारी मँ डालत ह मुला उ ओका मुँहे तलक उठावइ मँ बहोत सुस्ती क अनुभव करत ह।
25 ठट्ठा करइवाला मनई क मारा ताकि एक साधारन जन आहसे सीख पाइ। मामूली डाँट डपट ही एक बुद्धिमान मनई बरे काफी होत ह।
26 अइसा पूत जउन निन्दा क जोग्ग करम करत ह घरे क अपमान होत ह; उ अइसा होत ह जइसे पूत कउनो आपन बाप स छोरइ अउर घरे स असहाय महतारी क निकारि बाहेर करइ।
27 हे मोर पूत अगर अनुसासन पइ धियान देब तजि देब्या, तउ तू गियान क बचनन स भटक जाब्या।
28 भ्रस्ट गवाह निआव क सम्मान नाहीं देत ह। अउर दुस्ट क मुँह बुराई क भस्म कर देत ह।
29 उ जउन सम्मान नाहीं देत ह सजा पाइ, अउर मूरख जन क पीठ कोड़न खाइ।
2 मइँ चाहत हउँ क तोहे एह बातन क पता चलि जाइ कि मइँ तोहरे बरे, लौदीकिया क रहइवालन क बरे ओन्हन सबके बरे जउन निजी तरह स हमेसा कभउँ नाहीं मिला हयेन। केतना कठोर मेहनत करत हउँ मइँ इ एह बरे करत हउँ। 2 ताकि ओनेक मने क जोस मिलइ अउर उ परस्पर पिरेम मँ बॅधि जाइँ। अउर बिसवासे क उ सब धन जउन सच्चा गियान स मिलत थ, ओन्हे मिलि जाइ अउर परमेस्सर क रहस्य भरा सच ओन्हे मिलइ उ रहस्य भरा सच खुद मसीह अहइ। 3 मसीह मँ विवेक अउर गियान क सब निधियन छुपी बांटिन।
4 अइसेन मइँ एह बरे कहत हउँ कि केउ तोहे ओन तर्क भरी युक्तियन स जेह देखइ मँ अच्छी मीठी देखात ह मुला असत्य अहइँ भरमाइ न देइ। 5 जद्यपि सरीर रूप स मइँ तोहमें नाहीं हउँ। फिन भी तोहरे मँ आध्यात्मिक रूप स हउँ। मइँ तोहरे जीवन क अऩुसासन अउर मसीह मँ तोहरे बिसवासे क मजबूती क देखिके खुश हउँ।
मसीह मँ बना रहा
6 तउन तू जइसेन क ईसू मसीह अउर पर्भू क रूप मँ ग्रहण किहे हउँ, तू ओहमे वइसेन ही बना रहा। 7 तोहार जड़ उही मँ होइँ अउर तोहार निर्माण उही पर होइ अउर तू आपने बिसवासे मँ दृढ़ता पात्वत रहा जइसेन कि तोहे सिखावा गवा बा। परमेस्सर क बरे अधिक स अधिक आभारी बना।
8 धियान रखा कि तोहे अपने उ संसारी बिचारन अउर खोखला परपंच स केउ भरमाइ न लेइ जउन मानुस ज्ञान स मिलत ह, इ मानव परम्परा पर आधारित बाटइ, अउर जउन ब्रह्माण्ड क कब्जा करइवाली सबइ आतिमा क देन अहइ। मसीह स नाहीं आवत। ये विचार निरर्थक अहइ, अउर संसार क लोगन स आवत ह। 9 काहेकि परमेस्सर मसीह मँ आपन पूरेपने क साथे मँ निवास करत ह। इहाँ तक कि सांसाकरिक जीवन मँ भी 10 अउर उही मँ रहिके तू पूरा बना अहा। उ सब सासकन अउर आधिकारियन क सिरे क मउर अहइ।
11 तोहर खतनउ तउ उही मँ भवा बा। इ खतना मनई क हाथे स सम्पन्न नाहीं भवा बल्कि इ खतना जब तोहे तोहर पापपूर्ण मानऊ सुभाऊ क प्रभाव स छुटकारा देवॉइ दीन्ह गवा रहा। तब मसीह का जरिये भवा। 12 इ एह बरे भवा कि जब तोहे बपतिस्मा मँ ओकरे साथे गाड़ दीन्ह गवा तउ जे परमेस्सर ओका मरन भएन क बीचे स जिआइ दिहे रहा, अउर परमेस्सर क काम मँ तोहरे बिसवासे क कारण मसीह क साथे तोहेउ फिन स जिन्दा कइ दीन्ह गवा।
13 अपने पापन अउर अपने खतना रहित सरीर क कारण तू मरा भवा रह्या परन्तु तोहे परमेस्सर तउ मसीह क साथे साथे जीवन प्रदान किहेस अउर हमरे सब पापन क मुक्तरूप स छमा कइ दिहेस। 14 परमेस्सर तउ हमरे ओह उलटा करजा क जेहमन हमरे द्वारा परमेस्सर का नियम तोड़ा गवा नियमन क सूचीबद्ध किहे रहा। जेहका पालन करइ मँ हम असर्मथ रहेन। ओका बेकारइ ठहराइ दिहेस अउर ओका क्रूस पर कीलन मँ गड़िके हमरे राह स दूर हटाइ दिहेस। 15 परमेस्सर तउ क्रूस क द्वारा आध्यात्मिक सासकन अउर अपने अधिकारियन क साधन बिना कइ दिहेस अउर अपने मँ सार्वजनिक तमासा क रूप मँ विजय अभियान मँ अपने पीछे पीछे चालायेस।
मनइयन क बनावा नियम पर न चला
16 तउन खाई पिअइ क चीजियन अउर पर्व क नवा चाँद क त्यौहार, या सबित क दिना क लइके कउनउ तोहार आलोचना न करइ। 17 इ त, जउन बात आवइवाली अहइँ, ओनकर छाया भर बाटिन। परन्तु एह छाया क असली काया तउ मसीह क बाटइ। 18 कउनउ मनई जउन अपने आप क प्रताड़ित करइ क करम सरगदूतन क आराधना क कामन मँ लगा भवा होइ, ओका तू तोहरे प्रतिफल क पावइ मँ अयोग्य न बनइ देइ चाही। अइसेन मनई हमेसा ओन्हन दिव्य दर्सनन क डींग मारत रहत ह जेका उ देखे अहइ अउर अपने दुनियावी सोच क वजह स झूठा तथा निरर्थक धमण्ड स भरा रहत ह। 19 उ मसीह स नाहीं जुड़त जउन कि सिर मँ अउर जेकर ऊपर पूरे सरीर आधारित अहइ। मसीह क कारण ही सरीर क सब भाग एक दूसर क ध्यान लखत हीं। अउर एक दूसरे क मदद करत हीं। इससे सरीर एक इकाई होत ह, परमेस्सर क इच्छा क अनुसार मजबूत करइ अउर आध्यात्मिक विकास मँ योग्गदान क बरे।
20 काहेकि तू मसीह क साथे मरी चूका अहा अउर ओन आतिमन स अजात करावा गवा अहा जउन ब्रहमाण्ड क ससान करत हीं एकर मतलब अहइ कि, संसार क व्यर्थ सिच्छन स छुटकारा देवावा जाइ सकत ह त एह तरह क आचरण काहे करत अहा। जइसे तू एह दुनिया क अहा अउर अइसेन नियमन का पालन करत अहा। जइसेः 21 “एका हाथ न लगावा” “एका जिन चखा” या “एका जिन छुआ” 22 इ सब चीजन त काम मँ आवत आवत नस्ट होई जाइ क बरे बाटिन। अइसेन आचार व्यवहार क अधीनता कइके तउ तू मनई क बनाए आचार व्यवहार अउर सब सिच्छा क अनुसरण करत अहा। 23 ये नियम बुद्धिमान क तो देखात ह। ये एक ऐसे धरम क निर्माण करत हीं जउन मानवीय इच्छा पर आधारित अहइँ: अउर सरीर का सेवत अहइँ। लेकिन इ नियमन पापात्मान क ओनके बुरा काम रोकइ मँ मूल्यहीन अहइँ।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.