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M’Cheyne Bible Reading Plan

The classic M'Cheyne plan--read the Old Testament, New Testament, and Psalms or Gospels every day.
Duration: 365 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
निर्गमन 38

भेंट बारइ क वेदी

38 तब बसलेल बबुरे क काठ वेदी बनवई बरे बइपरेस। इ वेदी भेंट क बारइ बरे काम मँ आवत रही। इ चउकोर रही। इ पाँच हाथ लम्बी, पाँच हाथ चौड़ी अउ तीन हाथ ऊँच रही। उ हर एक कोना प एक सींग बनाएस। उ सींगन क वेदी क संग जोड़ दिहस। तब उ हर चीज क काँसा स ढाँकि दिहस। तब उ वेदी प बइपरइ वाला सबहिं अउजार बनाएस। उ बर्तनन, बेलचन, खोरन, माँस खाइ बरे काँटन अउ कड़ाहियन बनाएस। उ इ चीजन्क क काँसा स बनाएस। तब उ वेदी बरे एक ठू काँसा क जाली बनएस। इ जाली जाल क तरह रही। इ ओका वेदी क पायदाने क नीचे लगाएस। इ वेदी क पेंदी स वेदी क आधा ऊँचाइ तक रहा। तब उ काँसे क छल्ला बनाएस अउर ऍका जाली क चारिहुँ कोना मँ लगाइ दिहस। इ छल्ला वेदी क ढोवइ बरे खम्भन क फँसावइ क काम आवत रहेन। तब उ बबुरे क काठे क खम्भन बनाएस अउ ओनका काँसा स मढ़ेस। खम्भन वेदी क बगल मँ लाग भवा छल्लन मँ स लगइके वेदी क ढोवइ क काम बरे लगाएस। उ वेदी क किनारा बनावइ बरे तखता बइपरेस। वेदी भीतर स खोखल खाली संदूखे क तरह रही।

जउन मेहररूअन पवित्तर बइठकावाला तम्बू क प्रवेस दुआर प जमा भवा रहिन आपन काँसा क दरपन दइ दिहन। बसलेल इ दरपन क काँसा स हाथ धावइ क पात्र अउ एकर आधार बनाएस।

पवित्तर तम्बू क चारिहुँ ओर क आँगन

तब उ आँगन क चारिहुँ कइँती पर्दा क दीवार बनएस। दक्खिन कइँती पर्दा क दीवार एक सौ हाथ लम्बी रही। इ पर्दा सन क उत्तिम रेसा क बना रहा। 10 दक्खिनी कइँती क पर्दन बीस खम्भन क सहारे प टिका रहेन। इ खम्भन काँसा क बीस आधारन प टिका रहेन। खम्भन अउ पर्दा क छड़ा बरे हुक चाँदी क बनी रहेन। 11 आँगन क उत्तर कइँती पर्दा क दीवार एक सौ हाथ लम्बी रही। बीस खम्भन अउ काँसा क बीस आधारन भी बनई गइन। खम्भन अउ पर्दा क छड़ा बरे हुक चाँदी क रहिन।

12 आँगन क पस्चिमी कइँती पर्दा क दीवार पचास हाथ लम्बी रही। हुवाँ दस खम्भन अउ दस आधारन रहिन। खम्भन बरे हुक अउ पर्दा क छड़ा चाँदी क बनावा ग रहेन।

13 अँगने क पूर्वी किनारा पचास हाथ चौड़ी रही। अँगने क प्रवेस दुआर इहइ तरफ रहा। 14 प्रवेस दुआर क एक कइँती पर्दा क दीवार पन्द्रह हाथ लम्बी रही। इस तरफ तीन खम्भन अउ तीन आधार रहीं। 15 प्रवेस दुआर क दूसर कइँती क पर्दा पन्द्रह हाथ लम्बी रहेन। उस तरक भी तीन खम्भन अउ तीन आधारन रहेन। 16 आँगन क चारिहुँ कइँती क पर्दा सन क उत्तिम रेसा क बनी रहीं। 17 खम्भन क आधार काँसा क बनी रही। हुक अउ कनात क छड़ा चाँदी क बना रहा। खम्भन क चोटी भी चाँदी स मढ़ा रहा। आँगन क सबहिं खम्भन चाँदी स बना भवा छड़ा क संग रहेन।

18 आँगन क प्रवेस दुआर क पर्दा सन क उत्तिम रेसा अउ नीला लाल अउ बैगनी कपड़ा क बना रहा। एह प कढ़ाई कीन्ह गइ रही। कनात बीस हाथ लम्बा अउ पाँच हाथ ऊँच रही। इ उहइ उँचाई क रही जउने उँचाई क आँगन क चारिहुँ कइँती क कनात रहीं। 19 कनात चार खम्भन अउ चार काँसा क आधारन प खड़ी रही। खम्भा क हुक चाँदी क बनी रही। खम्भा क सिरा चाँदी स मढ़ा रहा अउ पर्दा क छड़ भी चाँदी स मढ़ा रहा। 20 पवित्तर तम्बू अउ आँगन क चारिहुँ कइँती क खूँटी काँसा क बनी रहीं।

21 मूसा सबहिं लेवी मनइयन क हुकुम दिहेस कि उ पचे पवित्तर तम्बू करार क तम्बू क बनवइ मँ काम आवइ वाली चीजन्क क लिखि ल्या। हारून क पूत ईतामार इ सूची रखइ क अधिकारी रहा।

22 यहूदा क परिवार समूह स हुर क बेटवा उरी क बेटवा बसलेल सबहिं चीजन्क बनाएस जेनके बरे यहोवा मूसा क हुकुम दिहे रहेन। 23 दान क परिवार समूह स अहीसामाक क पूत ओहोलीआब भी ओकर सहायता किहेस। ओहोलीआब एक कुसल सिल्पकार अउ डिजाइनर रहेन। उ सन क उत्तिम रेसा अउ नीला, बैगंती अउ लाल कपड़ा बुनइ मँ बहोत कुसल रहा।

24 दुइ टन स जिआदा सोना पवित्तर ठउर बनवइ बरे यहोवा क भेंट कीन्ह ग रहा। (इ मंदिर क मान्नता स तौला ग रहा।)

25-26 कुल मनई जउन गना ग रहेन, पौने चार टन स जिआदा चाँदी दिहन। (इ मन्दिर क मान्नता स तौला ग रहा) सबइ मनइयन जउन बीस बरिस या ओसे जिआदा उमिर क रहेन, उ पचे गना गएन। एनकइ संख्या 6,03,550 रहेन। अउ हर एक मनई क एक बेका चाँदी कर क रूप देइ क भवा। (पवित्तर क अनुसार एक बेका आधा सेकेल क बराबर रहा।) 27 उ सबइ पौने चार टन चाँदी क प्रयोग पवित्तर तम्बू क एक सौ आधार बनवइ बरे अउ कनात बनवइ बरे किहन। उ पचे पचहत्तर पौण्ड चाँदी हर एक आधार मँ लगाएन। 28 दूसर पचास पौण्ड चाँदी क प्रयोग हुक कनाते क छड़ा अउ खम्भन क सिरा क ढाँकइ बनवइ बरे किहेन।

29 साढ़े छब्बीस टन स जिआदा काँसा यहोवा क भेंट चढ़ावइ बरे भवा। 30 उ काँसा क प्रयोग बइठकावाला तम्बू क प्रवेस दुआर क आधार बनवइ मँ भवा। उ पचे काँसा क प्रयोग वेदी अउ काँसा क जाली बनवइ मँ भी किहेन। अउर उ काँसा सब अउजार अउ वेदी क बतर्नन क बनवइ क काम मँ आवा। 31 एकर प्रयोग चारिहुँ कइँती कनाते क आधार अउ आँगन क चारिहुँ कइँती प्रवेस दुआर क आधारन क पर्दन बनवइ बरे भवा। अउर बचा भवा काँसा क प्रयोग पवित्तर तम्बू क खँटियन अउर आँगन क चारिहुँ कइँती क पर्दन क बनवइ बरे भवा।

यूहन्ना 17

अपने चेलन क बरे ईसू क पराथना

17 इ सब बातन कहिके ईसू अकास कइँती निहारेस अउर बोला, “हे परमपिता, उ घड़ी आइ पहुँची अहइ, अपने पूत क महिमा द्या ताकि तोहार पूत तोहार महिमा करि सकइ। तू ओका समूची मानव जाति प अधिकार दिहे अहा कि उ सबका हर एक मनई क जेका तू ओका दिहे अहा, अनन्त जीवन देइ। अनन्त जीवन इ अहइ कि उ सबेन्ह तोहमँ एक ही सच्चा परमेस्सर अउर ईसू मसीह, जेका तू भेजे अहा, जानि सकइँ। जउन काम तू मोका सौपे रह्या, ओनका पूरा कइके दुनिया मँ मइँ तोहका महिमावान करे अही। इ बरे अब तू अपने साथ मोहूँ क महिमावान करा। हे परमपिता, उहइ महिमा मोका द्या जउऩ दुनिया स पहले तोहरे साथ मोका मिली रही।

“दुनिया स जउऩ मनइयन क तू मोका दिए अहा, मइँ ओनका तोहरे नाउँ क बोध कराएउँ। उ पचे लोग्ग तोहार रहेन, मुला तू ओनका मोका दिहा अउर उ सबेन्ह तोहरी आग्या क मानेन। अब उ पचे जानत अहइँ कि उ चीज जउन तू मोका दिए अहा, उ तू ही स पइदा होत ह। मइँ ओनका उहइ उपदेस दिए अही जउन तू मोका दिए रह्या अउर उ सबेन्ह ओका स्वीकार कइ लिहेन्ह। उ सबेन्ह अच्छी तरह बिसवास करत हीं कि तू मोका पठए अहा। मइँ ओनके बरे पराथना करत अही। मइँ दुनिया क बरे पराथना नाहीं करत अही, मइँ तउ ओनही क बरे पराथना करत अही, जेका तू मोका दिए अहइ, काहेकि उ सबइ तोहार अहइँ। 10 सब चिज जउन कछू मोरी अहइँ, उ तोहार अहइँ, अउर जउन तोहार अहइँ, उ मोर अहइँ। अउर मइँ ओनही स महिमा पाए अही।

11 “मइँ अउर जियादा समइ तलक दुनिया मँ न रहब मुला उ पचे दुनिया मँ अहइँ, अउर मइँ तोहरे पास आवत अही। हे पवित्तर परमपिता अपने उ नाउँ क ताकत स ओनकइ रच्छा करा, जउन तू मोका दिए अहा ताकि मइँ अउर तू एक अहीं, वइसे ओनहू पचे एक होइ जाइँ। 12 जब मइँ ओनके साथ रहेउँ मइँ तोहरे नाउँ क ताकत स ओनकइ रच्छा कीन्ह, जउन तू मोका दिए रह्या। मइँ रच्छा कीन्ह अउर ओनके मँ स कउनो क नास नाहीं भवा, ओका छोड़के जउने क बिनास क पूत रहा, ताकि पवित्तर सास्तर क बात सच होइ सकइ।

13 “अब मइँ तोहरे लगे आवत अही, मुला इ सब बात मइँ दुनिया मँ रहि क कहत अही जइसे कि उ सबेन्ह अपने दिलन मँ मोर पूरा आनन्द पाइ सकइँ। 14 मइँ तोहार बात ओनसे बताइ दिए अही, मुला दुनिया ओनसे नफरत करेस काहेकि उ पचे संसारिक नाहीं अहइँ। वइसेन जइसेन कि मइँ दुनिया क न अही।

15 “मइँ इ पराथना नाहीं करत अही कि तू ओनका दुनिया स निकार द्या, मुला इ बरे कि तू दुस्ट आतिमा स ओनकर रच्छा करा। 16 उ पचे दुनिया क न अहीं जइसे कि मइँ दुनिया क न अही। 17 सच्चाई क जरिए तू ओनका सबेन्ह अपने सेवा मँ लगाइ द्या। तोहार बचन सच्चा अहइ। 18 जइसेन तू मोका दुनिया मँ भेजे अहा, वइसेन मइँ ओनका इ दुनिया मँ भेजे अही। 19 मइँ ओनके बरे खुदइ क तोहरी सेवा मँ लगावत अही, जइसे कि ओनहू पचे सच्चाई क जरिए खुद क तोहरी सेवा मँ लगाइ सकइँ।

20 “मुला मइँ केवल ओनही क बरे पराथना नाहीं करत अही, मुला ओनके बरे पराथना करत अही जउन एनके उपदेस स मोरे मँ बिसवास करिहीं। 21 उ सबेन्ह एक होइ जाइँ। वइसे जइसे हे परमपिता तू मोरे मँ अहा अउर मइँ तोहरे मँ अही। उ पचे मोरे सबके साथ एक होइ जाइँ। जइसे दुनिया बिसवास कर सकइ कि मोका तू भेजे अहा। 22 महिमा जउन तू मोका दिए अहा, मइँ ओनका दिए अही, जइसे ओनहू पचे एक होइ सकइँ, जइसे तू अउर मइँ एक अही। 23 मइँ ओनके मँ रही अउर तू मोरे मँ रहब्या, जइसे कि उ पचे पूरी तरह एक होइ जाइँ अउर इ दुनिया जान जाइ कि मोका तू भेजे अहा अउर तू ओनका वइसेन पिरेम करे अहा जेनता तू मोसे पिरेम करत ह।

24 “हे परमपिता, जेनका तू मोका सौपे अहा, मइँ चाहित ही कि मइँ रहउँ, उ पचे मोरे साथ ओनहू रहइँ जइसे कि ओनहू पचे मोर उ महिमा देख सकइँ जउन तू मोका दिहे अहा। इ दुनिया क रचना क पहलेन स तू मोका पिरेम करे अहा। 25 हे धार्मिक परमपिता, इ दुनिया तोहका नाहीं जानत मुला मइँ तोहका जानित ही अउर मोर चेलन जानत हीं कि मोका तू भेजे अहा। 26 मइँ ओनका तोहरे नाउँ क अकेले जानकारी नाहीं दिए अही, मइँ इ बात क जानकारी देत रहब जइसे कि जउन पिरेम पू मोसे करत ह ओनहू स करा। अउर मइँ खुदइ ओनही मँ स एक रहउँ।”

नीतिवचन 14

14 बुद्धिमान मेहरारू आपन घर बनावत ह; मुला मूरख मेहरारू आपन ही हाथन स आपन घर उजाड़ देत ह। उ लोग जउन सच्ची राह पइ चलत ह आदर क संग उ यहोवा स डेरात ह। मुला ओकर जेका राह टेढ़ी अहइ उ यहोवा स घिना करत ह।

मूरख क बातन ओकरे बरे मुसीबत लावत ह। किंतु बुद्धिमानन क वाणी ओकर रच्छा करत ह।

जहाँ बर्धा नाहीं होतेन, खरिहान खाली रहत हीं, बर्धा क बल पइ ही भरपूर फसल होत ह।

एक सच्चा साच्छी कबहुँ नाहीं छलत ह मुला झूठा गवाह, झूठ उगलत रहत ह।

एक अनुसासनहीन मनइ बुद्धि तलास करत ह किन्तु एका नाहीं पावत ह। मुला जउन सिखइ क इच्छा करत ह आसानी स गियान पावत ह।

मूरख क संगत स दूरी बनाए राखा, काहेकि ओकरी वाणी मँ तू गियान नाहीं पउब्या।

गियानी जनन क गियान इहइ मँ अहइ कि उ पचे आपन राहन क चिंतन करइँ। किन्तु मूरखन आपन मूरखता स धोका खात ह।

एक मूरख आपन कीन्ह भवा बुरा करम क दण्ड पइ जेका ओका देइ होइ हसँत ह। किन्तु एक बुद्धि मान मनइ छमा पावइ क जतन करत ह।

10 हर मन आपन निजी पीड़ा क जानत ह, अउर ओकर दुःख कउनो नाहीं बाँटि पावत ह।

11 दुट्ठ क इमारत क ढहाइ दीन्ह जाइ, मुला सज्जन क डेरा फूली फली।

12 अइसी ही राह होत ह जउन मनई क उचित जान पड़त ह; मुला परिणाम मँ उ मउत क लइ जात ह।

13 हँसत भए भी हिरदय रोवत रहि सकत ह, अउर आनन्द दुःखे मँ बदल सकत ह।

14 बिस्सासहीन क, आपन कुमार्गन क फल भोगइ क पड़ी; अउर सज्जन सुमार्गन क प्रतिफल पाइ।

15 एक नादान सब कछू क बिस्सास कइ लेत ह। मुला विवेकी जन सोच-समुझिके गोड़ धरत ह।

16 बुद्धिमान मनई सचेत रहत ह अउर आपन क पापे स दूर रखत ह। मुला मूरख मनई लापरवाह होत ह अउर अतिबिस्सास रखत ह।

17 अइसा मनई जेका हाली किरोध आवत ह, उ मूरखता स भरा काम कइ जात ह अउर उ मनई छल-छंदी होत ह उ तउ सब ही क पावत ह

18 एक नादान जन क बस मूरखता मिल पावत ह मुला एक बुद्धिमान मनइ क सिरे पइ गियान क मकुट होत ह।

19 दुर्जन नीक लोगन क समन्वा सिर निहुरइहीं, अउर दुट्ठ मनइ इमानदार लोगन क जरिए हराइ जाइ।

20 गरीब क ओकर पड़ोसी भी दूर राखत हीं; मुला धनी जन क मीत बहोत होत हीं।

21 जउन आपन पड़ोसी क तुच्छ मानत ह उ पाप करत ह मुला जउन गरीबन पइ दाया करत ह उ जन धन्न अहइ।

22 अइसे मनइयन जउन सडयंत्र रचत हीं का गलती नाही करत हीं? मुला जउन भली जोजना रचत हीं, उ तउ पिरेम अउर बिस्सास पावत हीं।

23 मेहनत क प्रतिफल मिलत हीं; मुला कोरा बकवास बस दीनता लावत ह।

24 विवेकी क प्रतिफले मँ धन मिलत ह; पर मूरखन क प्रतिफले मँ सिरिफ मूरखता मिलत ह।

25 एक सच्चा गवाह अनेक जिन्नगी बचावत ह। पर झूठा गवाह, तबाही लावत ह।

26 अइसा मनई जउन परमेस्सर स डेरात ह, उ परमेस्सर म सुरच्छित जगह पावत ह। अउर हुवँइ ओनके गदेलन क भी सरण मिलत ह।

27 यहोवा क भय जिन्नगी क सोता होत ह, उ मनई क मउत क फंदे स बचावत ह।

28 विस्तृत बिसाल परजा राजा क महिमा अहइ, मुला परजा बिना राजा नस्ट होइ जात ह।

29 धीरज स पूर मनई बहोतइ समुझ-बूझ राखत ह। मुला अइसा मनई जेका हालीं स किरोध आवइ उ तउ आपन ही बेववूफी देखावत ह।

30 सान्त मन तने क जिन्नगी देत ह मुला जलन हाड़न तलक नास कइ देत ह।

31 जउन गरीब क सतावत ह, उ तउ सबक सिरजनहार क अपमान करत ह। मुला उ तउ कउनो गरीब पइ दयालु रहत ह, उ परमेस्सर क आदर करत ह।

32 जब विनास आवत ह तउ दुट्ठ मनइ तबाह होइ जाइ; मुला धर्मी जन तउ मउत मँ भी सुरच्छित स्थान पइ रहत ह।

33 बुद्धिमान क हिरदय मँ बुद्धि क निवास होत ह, अउर मूरखन क बीच भी उ आपन क जनावत ह।

34 नेकी स रास्ट्र क उत्थान होत ह; मुला पाप हर जाति क कलंक होत ह।

35 विवेकी सेवक, राजा क खुसी अहइ, मुला उ सेवक जउन मूरख होत ह उ ओकर किरोध जगावत ह।

फिलिप्पियन 1

ईसू मसीह क सेवक पौलुस अउर तीमुथियुस कइँती स,

मसीह ईसू मँ स्थित फिलिप्पी क रहइवाले बुजुर्गन संत जनन क नाउँ जउन उहाँ निरीच्छकन अउर कलीसिया क सेवकन क साथे निवास करत थीं:

हमार परमपिता परमेस्सर अउर हमार पर्भू ईसू मसीह कइँती स तू पचन क अनुग्रह अउर सान्ति मिलइ।

पौलुस क पराथना

मइँ जब-जब तू पचन क याद करत हउँ, तब-तब परमेस्सर क धन्यबाद देत हउँ। अपने हर पराथना मँ मइँ हमेसा खुशी क साथे तोहरे बरे पराथना करत हउँ। काहेकि पहिले ही दिना स आज तलक तू सुसमाचार क प्रचार मँ मोर सहयोगी रह्या ह। मोका इ बात क पूरा भरोसा बाटइ कि उ परमेस्सर जे तोहरे बीच मँ अइसेन अच्छा काम सुरु किहे अहइ, उहइ ओका उहइ दिना तक बनाए रखी, जब ईसू मसीह फिन आइके ओका पूरा करी।

तू सब क बारे मँ मोरे बरे अइसेन सोचब ठीकही बा। काहेकि तू सब मोरे मने मँ बसा भवा अहा। अउर न केवल तब जब तक मइँ जेल मँ हउँ, बल्कि तब भी जब मइँ सुसमाचार क सत्य क रच्छा करत भए, ओकरे प्रतिस्ठा मँ लगा रहेउँ, तू सभे ऍह अनुग्रह मँ मोर सहभागी रह्या ह। परमेस्सर मोर साछी अहइ कि मइँ मसीह ईसू द्वारा परगट पिरेम स मइँ तू सभन क बरे केतना बियाकुल रहत हउँ।

मइँ इहइ पराथना करत रहत हउँ:

पिरेम हमेसा बढ़इ तोहार साथे गियान क, गहन दिस्टि क। 10 पाइके इ गुन, भला-बुरा मँ भेद कइके, अपनाइ लेब्या हमेसा भले क। अउर एह तरह बन जाब्या तू सुद्ध अकलुस ओह दिना क जब मसीह आइ। 11 धारमिकता क फल स ईसू मसीह स मिलत ही परिपूर्ण होत जा जेहसे परमेस्सर क महिमा अउर स्तुति होत रह्या।

पौलुस क विपत्तियन पर्भू क काम मँ सहायक

12 भाइयो, मइँ तू सबन का जनाइ देइ चाहित हउँ कि मोरे साथे जउन कछू भवा बा, ओसे सुसमाचार क बढ़ावा ही मिला बाटइ। 13 परिणामसरूप स संसार क पूरी रच्छा दल अउर अन्य दूसरे सबहिं लोगन क इ पता चलि गवा बा कि मोका मसही क बिसवासी होई क कारण ही बन्दी बनावा गवा बाटइ। 14 एकरे अलावा पर्भू मँ स्थित ज्यादातर भाई मोर बन्दी होइके कराण उत्साह स भरा भवा अहइँ। अउर बहुत जियादा साहस क साथ सुसमाचार क निडरता पूर्वक सुनावत अहइँ।

15 इ सच अहइ कि ओहमाँ स कछू इरसा अउर बैर क कारण मसीह क उपदेस देत हीं परन्तु दुसरे जने सद्भावना स प्रेरितन होइके मसीह क उपदेस देत हीं। 16 ये सब जने पिरेम क कारण अइसेन करत हीं काहेकि इ जानत हीं कि परमेस्सर सुसमाचरे क बचाउ करइ बरे ही मोका इहाँ रखे अहइ। 17 परन्तु कछू अउर जने त सचाई क साथे नाहीं, बल्कि सुवारथ स भरी इच्छा स मसीह क प्रचार करत हीं काहेकि उ सोचित हीं कि एहसे उ पचे बन्दी-घरे मँ मोरे बरे कस्ट पइदा कइ सकिहीं। 18 परन्तु ऐहसे कउनउ फरक नाहीं पड़त। जरुरी तउ इ बा कि एक ढंग स, या दूसरे ढंग स, चाहे बुरा उद्देस्य होइ, चाहे भला प्रचार तउ मसीह क ही होत ह अउर ऐहसे मोका आनन्द मिलत ह।

अउर आनन्द मिलतइ रही। 19 काहेकि मइँ जानत हउँ कि तू पचन पराथना क द्वारा अउर ओह सहायता स जउन ईसू मसीह क आतिमा स मिलत ह, परिणाम मँ मोका छुटकारा ही मिली। 20 मोर तेज इच्छा अउर आसा इहइ बा अउर मोका इ बिसवास बा कि मइँ कउनो बाते स निरास नाहीं होब बल्कि सब तरह स निडर होइके जइसे मोरे सरीर स मसीह क महिमा हमेसा होत रही, वइसेन आगेउ होत रही, चाहे मइँ जिअउँ अउर चाहे मरि जाउँ। 21 काहेकि मोरे जीवन क मतलब अहइ मसीह अउर मउत क मतलब अहइ एक प्राप्ति। 22 मुला अगर मइँ अपने एह सरीर स जिन्दइ रहउँ तउ एकर मतलब इ होइ कि मइँ अपने कर्मे क परिणामे क आनन्द लेउँ। तउन मइँ नाहीं जानित हउँ कि मइँ का चुनउँ। 23 दुन्नउ विकल्पे क बीच चुनाव मँ मोका कठिनाई होत बा। मइँ अपने जीवन स विदा होइके मसीह क पास जाइ चाहित ह काहेकि उ अधिक अच्छा होइ। 24 दूसरी तरफ परन्तु एह सरीर क साथे ही मोर इहाँ रहब तोहरे बरे अधिक जरूरी बा। 25 अउर काहेकि इ मइँ निस्चय क साथे जानित हउँ कि मइँ इही रहबइ अउर तू सभन क आध्यात्मिक उन्नति अउर बिसवास स पइदा भवा आनन्द बरे तोहरे साथे रहतइ रहब। 26 ताकि तोहरे लगे मोरे लउटी आवई क परिणाम सहित तू पचन क मसीह ईसू मँ स्थित मोहे प गरब करइ क अउर अधिक आधार मिलि जाई।

27 परन्तु हर तरह स अइसा करा कि तू सबन आचरण मसीह क सुसमाचार क अनुकूल रहइ। जेहसे चाहे मइँ तोहरे लग आएके तू सबन क देखउँ अउर चाहे तु सबन स दूर रहउँ, तू सबन क बारे मँ इहइ सुनउँ कि तू पचे एक्कई आतिमा मँ मजबूती स टिका ह्वा अउर सुसमाचार स पइदा बिसवासे क बरे एक जुट होइके संघर्ष करत रहा। 28 अउर मइँ इहउ सुनई चाहित हउँ कि तू पचे अपने विरोधियन स कउनउ तरह स नाहीं डेरात अहा। तू सबन क इ साहस ओनके विनाश क प्रमाण अहइ। तू पचन क मुक्ति का संकेत अहइ जउन स्वयं परमेस्सर कइँती स अइसा ही कीन्ह जाई। 29 काहेकि मसीह कइँती स तू पचन क न केवल ओहमे बिसवास करइ क बल्कि ओकरे बरे यातना झेलइ क बिसेष अधिकार दीन्ह गवा बा। 30 तू पचे जानत अहा क तू उही संघर्ष मँ जुटा अहा जेहमे मइँ जुटा रहेउँ अउर जइसेन कि तू सुनत अहा आज तलक मइँ ऊहीं मँ लगा रहउँ।

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.