M’Cheyne Bible Reading Plan
36 “ऍह बरे बसलेल, ओहोलीआब अउ सब चतुर मनई उ काम करिहीं जेनका यहोवा हुकुम दिहे अहइ। यहोवा इ मनइयन क ओन सबहिं काम करइ क बुद्धि अउ समझ दइ दिहे अहइ जेकर जरूरत इ पवित्तर ठउर क सेवा करइ बरे अहइ।”
2 तब मूसा बसलेल, ओहोलीआब अउ सबहिं दूसर मनइयन क बोलाएस जेनका यहोवा खास चतुराई दिहे रहा। अउर इ पचे आएन काहेकि इ काम मँ मदद करइ चाहत रहेन। 3 मूसा इस्राएल क उ कुसल मनइयन क उ सबहिं चीजन्क दिहेन जेनका इस्राएल क लोग उपहार क रूप मँ लइ आए रहेन। अउर उ पचे पवित्तर ठउर क बनवइ मँ उ चीजन्क बइपरेन। मनइयन रोज भिन्सारे भेंट लइ आवत रहेन। 4 तब सबहिं कुसल मनइयन पवित्तर ठउर क काम क अनजाम देइ बरे क जगह जमा भएन। अउर उ पचे मूसा स बात करइ गएन। उ पचे कहेन, 5 “लोग बहोत सारे चिजन लाए अहइँ, अउर हम पचन्क लगे ओसे बहोत जिआदा सामान अहइ जेतना कि उ काम क पूरा करइ बरे चाही जेका करइ क हूकुम यहोवा दिहस ह।”
6 तबहिं मूसा सिबिर मँ खबर क प्रचार कराएस: “कउनो मनसेधू या मेहरारू क अब कउनो भेंट पवित्तर तम्बू मँ न चढ़ाई चाही।” 7 इ तरह लोगन जेतना चाही ओसे जियादा देइ क बन्द कइ दिहेन।
पवित्तर तम्बू
8 तब कुसल कारीगरन तम्बू बनउब सुरू किहेन। उ पचे नीला, बैगनी अउ लाल ओढ़ना अउ सन क उत्तिम रेसा स दस पर्दा बनाएन। अउर उ पचे करूब सरगदूतन क तस्वीरन क पर्दन प काढ़ेन। 9 हर एक पर्दा बराकर नाप क रही। इ अट्ठाइस हाथ लम्बी अउर चार हाथ चौड़ी रही। 10 कारीगरन पर्दन क दुइ भाग मँ बाँटि दिहेन। उ पचे पाँच ठु पर्दन क एक हींसा मँ जोड़ के पहिला समूह बनाएन। दूसर समूह क भी उ पचे पाँच ठू पर्दन क एक हींसा मँ जोड़के बनाएन। 11 पहली समूह क आखरी पर्दा क सिरा क संग फंदा बनइ बरे नीला कपड़ा प्रयोग भवा रहा। उ पचे दूसर समूह क आखरी पर्दा क संग भी उहइ काम करइ रहेन। 12 पहिले समूह क आखरी पर्दा क सिरा मँ पचास फंदा रहेन अउ दूसरे समूह क आखरी पर्दा क सिरा मँ भी पचास फंदा रहेन। फंदा एक दूसर क आमने सामने रहेन। 13 तब उ पचे पचास सोने क छल्ला बनाएन। उ पचे इ फलियन क दुइनउँ कनात क जोड़इ बरे लगाएन। इ तरह पवित्तर तम्बू क जोड़के एक हींसा बनाइ गएन।
14 तब कारीगरन दूसर तम्बू पवित्तर तम्बू क ढाँकइ बरे बनाएन। उ ग्यारह पर्दने बनावइ बरे बोकरी क बारन क प्रयोग किहेन। 15 सबहिं ग्यारह पर्दन एक ही नाप जोख क रहिन। उ सबइ तीस हाथ लम्बी अउ चार हाथ चैड़ी रहिन। 16 कारीगरन पाँच पर्दन क एक मँ सिएस अउ छ पर्दनन क दूसर मँ सिएस। 17 उ पचे पहिली समूह क आखिरी पर्दा क सिरा स जोड़इ बरे पचास फंदा बनाएन। अउ दूसर कनाते क समूह क आखरी कनाते क सिरा मँ भी पचास फली बनाएन। 18 कारीगरन पर्दन क दुई समूह क जोड़इ बरे पचास काँसा क छल्ला बनाएन अउर एक तम्बू बनाएस। 19 तबहिं उ पचे पवित्तर तम्बू क दुइ अउर ढकना बनाएन। एक ढकना भेड़ा क लाल रंग क खाल स बनाएन। दूसर ढकना उत्तिम खाले क बनाएन।
20 तब उ बबूर क लकड़ी क तखता पवित्तर तम्बू क सहारा देइ बरे लिहेस। 21 हर एक तखता दस हाथ लम्बा अउ डेढ़ हाथ चौड़ा बनाएन। 22 हर एक तखता क बगल मँ दुइ खूँटी एक दुसर स जुरइ रहिन। पवित्तर तम्बू क सबहिं तखता एक ही तरह क बना रहेन। 23 बेसलेल पवित्तर तम्बू क दक्खिनी हींसा बरे बीस ढाँचा बनाएस। 24 तब उ ढाँचा बरे चालीस चाँदी क आधार बनाएस। हर ढाँचा बरे दुइ आधार रहिन। एक आधार एक बगल क खम्भा बरे रहेन। 25 उ बीस तखता पवित्तर तम्बू क उत्तर कइँती भी बनाएस। उ चालीस चाँदी क आधार बनाएस अउ हर तखतन बरे दुइ ठु बनाएस। 26 उ हर ढाँचा क तले दुइ लगइवाला चाँदी क चालीस कुर्सी बनाएस। 27 उ पवित्तर तम्बू क पिछला हींसा (तम्बू क पस्चिमी भाग) कइँती छ: ठु तखता ल्या। 28 उ पवित्तर तम्बू क पिछला भाग क कोना बरे दुइ तखता ल्या। 29 इ सबइ तखता तरखाले एक दूसर स जोड़ा गवा रहेन। ऊपर मँ छल्ला तखता क कोना को साथ मँ जोड़त रहेन। दुइनउँ कोना बरे भी अइसा ही कीन्ह ग रहेन। 30 इ तरह हुवाँ पवित्तर तम्बू क पस्चिम भाग क बरे आठ तखता रहेन। हर एक ढाँचा क बरे दुइ आधार क हिसाब स सोलह चाँदी क आधार रहेन।
31 तब कारीगरन बबुरे क लकड़ी स ढाँचा क छड़ बनाएन। पवित्तर तम्बू क पहली कइँती बरे पाँच छड़ बनाएन। 32 अउर पाँच छड़ दूसर कइँती, पाँच छड़ पिछली भाग (पस्चिमी कइँती) बरे बनाएन। 33 उ पचे ओहमाँ बीच क छड़ अइसी तरह स बनाएन जउन ढाँचा मँ स एक छोर स दूसर छोर तलक गुजरत रहिन। 34 उ पचे इ तखतन क सोना स मढ़ेन। उ पचे छड़ क धरइ बरे सोना क छल्ला बनएन उ पचे कड़ियन क भी सोना स मढ़ेन।
35 उ सबइ सब ते जिआदा पवित्तर ठउर क दुआर बरे पर्दा बनाएन। उ पचे सन क उत्तिम रेस अउ नीला लाल अउ बैगनी कपड़ा बइपरेन। उ पर्दा मँ करूब सरगदूत क तस्वीर काढ़ेन। 36 उ पचे बबुरे क लकड़ी क चार खम्भा बनाएन अउ ओनका सोना स मढेन। उ पचे खम्भा बरे सोना क हुक बनाएन अउर खम्भा बरे चार चाँदी क आधार बनाएन। 37 तब उ पवित्तर तम्बू क दुआर बरे पर्दा बनाएन। उ पचे नीला, बैगनी अउ लाल कपड़ा अउर सन क उत्तिम रेसा बइपरेन। पर्दा कढ़ाइ क सामग्री स बनाए गए रहेन। 38 तब उ सबइ इ पर्दा बरे पाँच खम्भा अउ ओकर बरे हुक बनाएन। उ सबइ खम्भन क चोटी अउ पर्दन क छड़न क सोना स मढ़ेन। अउर उ पचे काँसा क पाँच आधार खम्भा बरे बनाएन।
ईसू सच्ची दाखलता
15 ईसू कहेस, “मइँ दाखलता अहउँ अउर मोर परमपिता देख रेख करइवाला माली अहइ। 2 मोरी उ साखा क पिता काट देत ह जउने मँ फर नाहीं लागत। जउने साखा मँ फर लागत ह, ओका उ छाँट लेत ह, जइसे कि ओहपे अउर जियादा फर लागइँ। 3 तू पचे मोरे उपदेस क सुने अहा, इ बरे पहिले स सुद्ध अहा। 4 तू मोरे मँ रहा अउर मइँ तोहरे मँ रहब। वइसेन जइसेन कि कउनो साखा जब तलक दाखलता मँ बनी नाहीं रहत, तब तलक अपने आप फरि नाहीं सकत, वइसेन, तू पचे तब तलक सफल नाहीं होइ सकत्या जब तलक मोरे मँ न रहब्या।
5 “उ दाखलता मइँ अहउँ अउर तू ओकर साखा अह्या। जे मोरे मँ रहत ह, अउर जेहमा मइँ रहित ह, उ बहुत फरत ह, काहेकि बिना मोरे तू कछू नाहीं कर सकत्या। 6 जदि कउनो मोरे मँ नाहीं रहत तउ उ टूटी साखा क तरह फेंक दीन्ह जात ह अउर सूख जात ह। फिन उ सूखी लकड़ियन क बटोररिके आगी मँ झोंक दीन्ह जात ह अउर ओनका जलाय दीन्ह जात ह। 7 जदि तू मोरे मँ रहब्या, अउर मोर उपदेस तोहरे मँ रही, तउ जउन कछू तू चाहत ह, ओका माँगा अउर उ तोहका मिल जाई। 8 इ मोरे परमपिता क महिमा होत ह कि तू बहुत सफल होइ जा अउर मोर चेलन बन जा।
9 “जइसे परमपिता मोसे पिरेम करे बाटइ, मइँ भी तोहसे बइसे पिरेम करे अही। मोरे पिरेम मँ बना रहा। 10 जदि तू मोरे आदेस क पालन करब्या तउ तू मोरे पिरेम मँ बना रहब्या। वइसे ही जइसे कि मइँ अपने पिता क आदेसन क पालन करत भए ओकरे पिरेम मँ बना रहित ह। 11 मइँ इ सब बात तू पचे स इ बरे बतावत अहइ जइसे कि मोर आनन्द तोहरे मँ बना रहइ अउर तोहार आनन्द पूरा होइ जाइ। इ मोर आदेस अहइ। 12 कि तू आपस मँ पिरेम करा, जइसे मइँ तू पचे स पिरेम करे अही। 13 बड़वार स बड़का पिरेम जउऩ कउनो मनई कइ सकत ह, उ अहइ अपने मीतन क बरे आपन प्रान निछावर कइ देब। 14 जउन आदेस तोहका मइँ देत अही, जदि तू ओन पइ चलत रहब्या तउ तू मोर मीत अह्या। 15 अबहिं स मइँ तू पचे क ‘दास’ न कहब, काहेकि कउनो दास इ नाहीं जानत कि ओकर मालिक क करत अहइ, मइँ तउ तोहका ‘मीत’ कहत अही। मइँ तू पचे क उ सब बात बताइ दीन्ह जउऩ मइँ अपने परमपिता स सुने रहेउँ।
16 “तू मोका नाहीं चुने रह्या, मइँ खुदइ तोहका चुने रहेउँ अउर इ निस्चय करे अही कि तू जा अउर सफल होइ जा। मइँ चाहित ह कि तोहका सफलता मिलइ, अउर मोरे नाउँ स जउन कछू तू चाहा परमपिता तोहका दई देइ। 17 मइँ तोहका इ आदेस देत अही कि तू एक दूसरे स पिरेम करा।
ईसू क चेतावनी
18 “जदि दुनिया तोहसे दूस्मनी करत ह तउ इ बात तू याद कइ ल्या कि तोहसे पहले हमसे दुस्मनी करत ह। 19 जदि तू दुनिया क होत्या तउ इ दुनिया तोहसे अपने क नाईं पिरेम करत मुला तू पचे दुनिया क न अह्या अउर इ बरे दुनिया तोहसे दुस्मनी करत ह।
20 “मोर बचन याद रखा कि एक दास अपने मालिक स बड़ा नाहीं होत। इ बरे जदि उ सबेन्ह मोका कस्ट पहुँचाए अहइँ अउर सतावत अहइँ तउ उ पचे तोहका भी सतइहीं। अउर जदि उ मोर बातन मनिहइँ तउ तोहार बातन भी मनिहइँ। 21 मुला उ सबेन्ह मोरे कारण तोहरे सबेन्ह क साथ उ सब कछू करिहइँ, काहेकि उ ओका नाहीं जानत अहइ जे मोका भेजेस। 22 जदी मइँ न आइत अउर ओसे बात न करित, तउ उ सबेन्ह कउनो पाप क दोखी न होतेन। मुला अब ओनके पास अपने पाप स बचइ क कउनो बहाना नाहीं अहइ।
23 “जउन मनई हमसे दुस्मनी ठान लेत ह, उ परमपिता स दुस्मनी करत ह। 24 जदि मइँ ओनके बीच मँ काम न करित, जउऩ कि कबहूँ कउनो मनई नाहीं करे रहा, तउ उ सबेन्ह पाप क दोखी न रहतेन, मुला अब जब उ पचे देख चुका अहइँ, तबहूँ मोसे अउर परमपिता स दुस्मनी रखे अहइँ। 25 मुला इ एह बरे भवा कि ओनके व्यवस्था मँ जउन लिखा अहइ, उ खरा उतरइ। ‘उ पचे बेकार मँ हमसे बैर करेन्ह।’[a]
26 “जब उ सहायक जउन सत्य क आतिमा बाटइ अउर पिता क तरफ स आइ बा, तोहरे पास आई, जेका मइँ परमपिता क तरफ स भेजब, उ हमरी तरफ स साच्छी देई। 27 अउर तूहूँ साच्छी देब्या, काहेकि तू सुरूआतइ स मोरे साथ अहा।
12 जउन अनुसासन स पिरेम करत ह, उ तउ गियान स भी पिरेम करत ह। किन्तु जउन सुधार स घिना करत ह तउ उ निरा मूरख अहइ।
2 सज्जन मनई यहोवा क किरपा पावत ह, मुला छल छछंदी क यहोवा सजा देत ह।
3 दुट्ठता, कउनो जने क थिर नाहीं कइ सकत किन्तु धर्मी जन कबहुँ उखड़ नाहीं पावत ह।
4 एक उत्तिम पत्नी क संग पति खुस अउर अभिमानी होत ह। किंतु उ पत्नी जउन आपन मनसेधू क लजावत ह उ ओका तने क बेरामी जइसे होत ह।
5 धर्मी मनई क सबइ जोजना निआव स पूर्ण होत हीं जबकि दुट्ठ क सलाह कपट स भरी होत हीं।
6 दुट्ठ क सब्द लोगन क मारइ बरे घात मँ रहत हीं। मुला सज्जन क मुहँ ओनका बचावत ह।
7 जउन खोट होत हीं उखाड़ पेंका जात हीं, मुला धर्मी मनई क घराना टिका रहत ह।
8 मनई आपन अच्छा बातन जउन उ बोलत ह क मुताबिक तारीफ पावत ह। मुला उ जउन मुरख अहइ ओका तुच्छ जाना जात ह।
9 सामान्य मनई बनिके मेहनत करब उत्तिम अहइ एकरे कि भूखा रहिके महत्वपूर्ण मनई स सुआँग भरब।
10 धर्मी मनई आपन जानाबरन तलक क धियान रखत ह; किन्तु दुट्ठ मनइ सदा ही जालिम होत ह।
11 जउन अपने खेते मँ काम करत ह ओकरे लगे खाइके इफरात होइ। मुला जउन बियर्थ बिचारन क पाछा करत ह ओकरे लगे विवेक क अभाव रहत ह।
12 दुट्ठ जन बुरे जोजना क इच्छा करत ह। मुला धर्मी जन क जड़ फल लावत ह।
13 पापी मनई क ओकर आपन ही सब्द ओका जाल मँ फँसाइ लेत ह। किंतु खरा मनई बिपत्ति स बच निकरत ह।
14 आपन अच्छी बातन स जउन उ कहत ह मनइ अच्छा प्रतिफल पावत ह। इहइ तरह स एक मनइ आपन कार्य क अनुसार लाभ पावत ह।
15 मूरख क आपन मारग ठीक जान पड़त ह, मुला बुद्धिमान मनई सम्मति सुनत ह।
16 मूरख जन आपन झुँझलाहट झटपट देखावत ह मुला बुद्धिमान अपमान क उपेच्छा करत ह।
17 फुरइ स पूर्ण गवाह खरी गवाही देत ह, मुला लबार साच्छी झूठी बातन बनावत ह।
18 बिन बिचारे वाणी तरवार स छेदत, मुला विवेकी क वाणी घावन क भरत ह।
19 फुरइ स भरी वाणी हमेसा हमेसा टिकी रहत ह, मुला झूठी जीभ बस छिन भर क टिकत ह।
20 ओनके मने मँ छल-कपट भरा रहत ह, जउन कुचके स भरी जोजना रचत हीं। मुला जउन सान्ति क बढ़ावा देत हीं, आनन्द पावत हीं।
21 धर्मी जने पइ कबहँ विपत्ति नाहीं पड़ी, मुला दुट्ठन क तउ विपत्तियन घेरिहीं।
22 अइसे ओंठन क यहोवा घिना करत ह जउन झूठ बोलत हीं; मुला ओन लोगन स जउन सच स पूर्ण अहइँ, उ खुस रहत ह।
23 गियानी जियादा बोलत नाहीं ह, चुप रहत ह मुला मूरख जियादा बोलिके आपन अगियानी क देखावत ह।
24 मेहनती हाथ तउ सासन करिहीं, मुला आलस क परिणाम बेगार होइ।
25 चिंता स भरा मन मनई क दबोच लेत ह। किंतु सुभ समाचार ओका हर्स स भरि देत हीं।
26 धर्मी मनई आपन पड़ोसी क मार्गदर्सन करत ह। मुला दुट्ठन क चाल ओनहीं क भटकावत ह।
27 आलसी मनई आपन आलस क कारण आपन काम पूरा नाही कर सकत ह। मुला एक मेहनती मनइ आपन सखत मेहनत स धन दोलत पावत ह।
28 नेकी क मारग मँ जिन्नगी रहत ह, अउर उ राहे क किनारे अमरता बसत ह।
ज्योतिर्मय जीवन
5 पिआरे बच्चन क समान परमेस्सर क अनुकरण करा। 2 पिरेम क साथे जिआ ठीक वइसेन ही जइसे मसीह हमसे पिरेम कीहे अहइ अउर आपन आप क, सुगन्धि सुलगाइके बलि भेंट क रूप मँ हमरे बरे परमेस्सर क अर्पित कइ दिहे अहइ।
3 तोहरे बीच यौन अनाचार अउर हर कउनो तरह क अपवित्तरता अउर लालच क चर्चा तक न चलइ चाही। जइसेन कि परमेस्सर क पवित्तर जनन क बरे उचित बाटई। 4 तू न तऊ असलील भाखा क प्रयोग होइ चाही, न मूर्खतापूर्ण बात या भद्दी हँसी ठट्टा। इ तोहरे अनुकूल नाहीं अहइ। बल्कि तोहरे बीच धन्यबाद ही दीन्ह जाइ।
5 काहेकि तू निस्चय क साथे इ जानत ह कि अइसेन कउनउ भी मनई जउन दुराचारी अहइ, अपवित्तर अहइ अउर लालची अहइ (जउन एक मूर्तिपूजक होइ जइसा अहइ) मसीह क अउर परमेस्सर क, राज्य क उत्तराधिकार नाहीं पाई सकत।
6 देखा। तोहे कउनउ सब्दन स केउ छल न लेइ। काहेकि बुरी बातन क कारण ही आज्ञा क उल्लंघन करइवालन पर परमेस्सर क कोप होइ क अहइ। 7 इही बरे ओनकर साथी न बना। 8 इ मइँ एह बरे कहत हउँ कि एक समइ रहा जब तू अंधकार स भरा रह्या परन्तु अब तू पर्भू क अनुयायी क रूप मँ ज्योति स भरापूरा अहा। इही बारे प्रकासित बेटवन क स आचरण करा। 9 हर प्रकार क उत्तम जीवन, नेकी अउर सत्य मँ ज्योति का प्रतिफल देखाइ पडत ह। 10 सब तरह इ जानइ क जतन करत रहा कि परमेस्सर क का भावत ह। 11 अइसेन काम जउन बुरे बाटेन, अन्धकार मँ लोग करत हीं ओन्हन बेकार क कामन मँ हिस्सा न बटावा बल्कि ओनकर भण्डा-फोड़ करा। 12 काहेकि अइसेन काम जेका उ पचे गुपचुप करत हीं। ओनके बारे मँ कीन्ह गइ चर्चा तक लाज का बात बा। 13 ज्योति जब प्रकासित होत ह तउ सब कछू दृस्मान होइ जात ह कि उ का अहइ। 14 अउर जउन कछू दृस्मान प्रकास क सामने आवत ह, उ खुद ज्योति ही बनि जात ह। इही बरे हमार भजन कहत ह:
“जाग अरे, ओ सोवइवाले
मउत मँ स जी उठि बइठा,
खुद मसीह प्रकासित होई तोहरे ही सिर बइठी।”
15 इही बरे सावधानी क साथे देखत रहा कि तू कइसा जीवन जिअत अहा। विवेकहीन क स आचरण न करा, बल्कि बद्धिमान क स आचरण करा। 16 जे हर समइ क अच्छा करम करइ क बरे दीन्ह भए वर्तमान मँ ओकर पूरा उपयोग करत ह, काहेकि इ दिन बुरा बा। 17 मूर्खता स न रहत रहा बल्कि इ जान ल्या कि पर्भू क इच्छा का अहइ। 18 मदिरापान कइके मतवाला जिन बना रहा काहेकि इही स कामुकता पइदा होत ह। एकरे विपरीत आतिमा स परिपूर्ण होइ जा। 19 आपस मँ भजन, स्तुतिगयान अउर आध्यात्मिक गीतन क, परस्पर आदान-प्रदान करत रहा। आपन मने मँ पर्भू क बरे गीत गावत ओकर स्तुति करत रहा। 20 हर कीहीउँ बात क बरे हमार पर्भू ईसू मसीह क नाउँ पइ हमरे परम पिता परमेस्सर क हमेसा धन्यबाद करा।
पत्नी अउर पति
21 मसीह क प्रति सम्मान क कारण एक दूसरे क अरपन कइ द्या।
22 हे पतनियन, आपन-आपन पतियन क बरे अइसेन समर्पित रहा, जइसेन तू पर्भू क समर्पित होत ह। 23 काहेकि आपन पत्नी क उप्पर ओकर पति ही प्रमुख अहइ। वइसेन ही जइसे हमार कलीसिया क सिखर मसीह बा। उ खुदई इ देह क उद्धार करत ह। 24 जइसे कलीसिया मसीह क अधीन बा, वइसेन ही पत्नियन क सब बात मँ आपन-आपन पतियन क बरे समर्पित करइ चाही।
25 हे पतियन, आपन पत्नियन स पिरेम करा। वइसेन ही जइसे मसीह कलीसिया स पिरेम किहेस अउर आपन आप क ओकरे बरे बलि कई दिहेस। 26 ताकि उ ओका पर्भू क सेवा मँ जल मँ स्नान कराइके पवित्तर कई हमार घोसना क साथे परमेस्सर क अर्पित कइ देई। 27 इही तरह उ कलीसिया क एक अइसेन चमचमात दुलहिन क रूप मँ खुद क बरे पेस कइ सकत ह, जउन कलंक अउर पापन स मुक्त होइ, झुरियन स रहित होई, या जेहमाँ अइसेन अउर कउनउ कमन होइ। बल्कि उ पवित्तर होइ अउर हमेसा निर्दोस होइ।
28 पतियन क आपन-आपन पत्नियन स उही तरह पिरेम करइ चाही जइसे उ खुद आपन देह स करत हीं। जे आपन पत्नी स पिरेम करत ह उ खुद आपन आप स पिरेम करत ह। 29 केउ आपन देह स तब कभउँ घिरना नाहीं करत, बल्कि उ ओका पालत-पोसत ह अउर ओकर ध्यान रखत ह। वइसेन ही जइसे मसीह आपन कलीसिया क, 30 काहेकि हमउ त ओकरी काया क अंग अही। 31 पवित्तर सास्तर कहत ह, “इही बरे एक मनई आपन महतारी बाप क छोड़ि के आपन पत्नी स बंध जात ह अउर दुन्नउ एक देह होइ जात हीं।”(A)
32 इ रहस्यपूर्ण सच बहुत महत्वपूर्ण बा अउर मइँ तोहे बताइत ह कि इ मसीह अउर कलीसिया पर लागू होत ह। 33 तउन कछू भी होइ, तोहमाँ स हर कीहीउँ क आपन पत्नी स वइसेन ही पिरेम करई चाही जइसे तू खुद आपन आप क करत अहा। अउर एक पत्नी क आपन पति का डेरात भए आदर करइ चाही।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.