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M’Cheyne Bible Reading Plan

The classic M'Cheyne plan--read the Old Testament, New Testament, and Psalms or Gospels every day.
Duration: 365 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
निर्गमन 29

याजकन क तइनात करइ क संस्कार

29 तब यहोवा मूसा स कहेस, “अब मइँ तोहका बताउब कि इ देखावइ बरे तोहका का करइ चाही कि हारून अउ ओकर बेटवा पवित्तर याजकन क नाई खास तरह स मोर सेवा करत हीं। एक बे दोखे क बछवा अउ दुइ बे दोख क बच्चा भेड़ा लइ आवा। जेहमाँ खमीर न होइ उ बारीक गोहूँ क आटा ल्या अउ रोटी बनवा। अउर इ तेले से सनी केकन अउ तेले स लगा हुवा छोटा पातर केकन भी बनावा। इ रोटिन्क अउ केकन क एक डलिया मँ धरा अउ फिन इ डलिया क हारून अउ ओकरे बेटवन क द्या। ओनका बैल अउ दुइनउँ भेड़ा भी द्या।

“तब हारून अउ ओकर बेटवन क बइठकावाला तम्बू क दुआर क समन्वा लइ आवा। तब ओनका पानी स नहवावा। हारून क खास पोसाक: जैसे कि सफेद चोगा, नीला चोगा जउन कि एपोद क संग पहिरावा जात ह पहिरावा। फिन ओह प निआव क थइला अउ एपोद बाँधा। एपोद क सजा भवा अउ बुना भवा पाटी क संग बाँध दया। सर प साफा बाँधा अउ साफा क चारिहुँ कइँती मुकुट क धइ द्या। अउर जइतून क तेल ल्या अउ हारून क मूँड़ प नाइ के अभिसेक करा। इ बताई कि हारून इ काम बरे चुना ग अहइ।

“तब हारून क बेटवा क उ ठउरे प लइ आवा। अउर ओका सफेद बुना भवा लबादा पहिरावा। तब ओनके करिहाउँ क चारिहुँ कइँती कमरबंद बाँधा। ओनका मूँड़े प धरइ क खास टोपी द्या। उ समइ उ पचे याजकन क रूप मँ बहाल होइहीं। उ पचे उ नेम क माफिक याजक होइहीं जउन हमेसा होइहीं। इहइ ढंग अहइ कि जेहसे तू पचे हारून अउ ओकरे बेटवन क याजक बनउब्या।

10 “तब बइठकावाली तम्बू क समन्वा ठउरे प बछवा क लावा। हारून अउ ओकरे बेटवन क चाही कि उ पचे बछवा क मूँड़े प हथवा धरइँ। 11 तब उ बछवा क बइठकावाली तम्बू क दुआरे प यहोवा क समन्वा एका मारि डावा। यहोवा एका लखी। 12 तब बछवा क कछू खून ल्या अउ वेदी ताई जा। आपन अंगुरी स वेदी क सींगे प कछू खून लगावा। बचा भवा सारा खून नीचे वेदी क पेंदी प डावा। 13 तब बछवा क करेजा क चर्बी, दुइनउँ गुर्दे क चर्बी अउ ओकरे चारिहुँ कइँती चर्बी निकार ल्या। इ चर्बी क वेदी प जरावा। 14 तब बछवा क गोस, ओकर खाल अउ ओकर दूसर अंगे क लइके आपन डेरा स बाहेर जा। इ सब चीजन्क डेरा क बाहेर जरावा। इ भेंट अहइ जउन याजकन क पाप दूर करइ बरे चढ़ाई जात ह।

15 “तब हारून अउ ओकरे बेटवन स भेड़ा क मूँड़ प हाथ धरइ क कहा। 16 तब उ भेड़ा क मारि डावा अउ ओकर खून ल्या। खूने क वेदी क चारिहुँ कइँती छिरका। 17 ओकर पाछे भेड़ा क कइउ हींसा मँ काटि डावा। भेड़ा क भितरे क सब अंगे क अउ गोड़ धोवा। इ चीजन्क क दूसर टूका क संग अउ भेड़ा क मूँड़ क संग राखा। 18 तब वेदी प इ सबन्क बारा। इ यहोवा बरे होम बलि अहइ अउर इ यहोवा बरे सोहाइ गंध, एक भेंट अहइ।

19 “हारून अउ ओकरे बेटवन क दूसर भेड़ा प हाथ धरइ क कहा। 20 उ भेड़वा क मारि डावा अउ ओकर खून ल्या। उ खून क हारून अउ ओकरे बेटवन क दाहिन काने क सिरा मँ लगवा। ओनकइ दाहिन हाथे क अगूठा पर भी कछू खून लगावा। अउ कछू खून ओनके दाहिन गोड़वा क बड़का अंगूठा प लगावा। तब वेदी क चारिहुँ कइँती खून बहाइ द्या। 21 तब वेदी प स कछू खून ल्या। इ खून क अभिसेक क तेले मँ मिलइ द्या अउर हारून अउ ओकरे ओढ़ना प, अउर ओकरे पूतन अउ ओनके ओढ़ना प छिरका्या। इ इ बताई कि हारून अउ ओकर पूत मोर सेवा खास तरह स करइ बरे पवित्तर किए गएन ह। अउर इ भी बताई कि ओनकइ वस्त्र खास समइया प बइपरइ जात बरे पवित्तर कीन्ह गवा ह।

22 “तब उ भेड़ा स चर्बी ल्या। (इ उहइ भेड़ा बा जेका हारून क महा याजक बनवइ बरे मँ पवित्तर करइ क समारोह मँ होइ।) पूँछे क चारिहुँ कइँती क चर्बी अउर उ चर्बी क ल्या जउन बदन क भीतरी हींसा क ढाँकत ह। करेजा क ढकइवाली चर्बी क ल्या। दुइनउँ गुर्दे अउ ओह पइ क चर्बी अउर दाहिन जाँघ क ल्या। 23 तब उ रोटी क डलिया ल्या जेहमाँ तू बे खमीरे क बनई रोटी धरे रह्या। इहइ डलिया बा जेका तोहका यहोवा क समन्वा राखइ क अहइ। एक रोटी सादी, एक तेले स बनी केक अउर तेले लगा भवा एक छोटा पातर केक क बाहेर निकारा।। 24 तब एनका हारून अउ ओकरे बेटवन क द्या: फुन ओनसे कहा कि यहोवा क समन्वा एनका उठावइँ। इ यहोवा क खास भेंट होइ।

25 “तब इ चीजन क हारून अउ ओकरे बेटवन स ल्या अउ ओनका वेदी प भेड़ा क साथे धरा। तब हर चीजे क वेदि प जरावा। इ होमबलि बा। इ भेंट यहोवा बरे भेंट अहइ। अउर इ यहोवा बरे सोहाइ क गंध अहइ।

26 “तब भेड़ा स छाती क निकारा। (इहइ भेड़ा अहइ जेका हारून क खास महा याजक बनवइ बरे पवित्तर कर क समारोह मँ बइपरा जाइ।) भेड़ा क छाती क लहराइ क भेंट क रूप मँ यहोवा क समन्वा लहराया। जनावरे क इ हींसा तोहार होइ। 27 तब भेड़ा क छाती अउ जाँघ ल्या जउन हारून क महा याजक बनवइ बरे काम म आइ रहन। इ हींसा पवित्तर बनावा अउ एका हारून अउर ओकरे बेटवन क द्या। इ भेंट क खास हींसा होइ। 28 इस्राएल क मनइयन इ अंगन क हारून अउ ओकरे बेटवन क सदा देइहीं। जब कबहुँ इस्राएल क मनइयन यहोवा बरे भेंट चढ़इहीं तउ इ हींसा हमेसा याजक लोगन क होइहीं। ओन लोगन क मेलबलि जउन कि यहोवा बरे अहइ, मँ स इ हींसा याजक लोगन क होई।

29 “ओन खास वस्त्रन क बचाइके राखा जउन हारून बरे सिया रहेन। इ वस्त्रन ओकरे बेटा, पोता बरे होइहीं। उ पचे उ वस्त्रन क तन पहिरहीं जब याजकन चुना जइहीं। 30 हारून क बेटवा ओकरे पाछे अगवा महा याजक होइ। उ सात दिनाँ ताई उ वस्त्रन क पहिरे रही जबहिं उ बइठकावाली तम्बू क पवित्तर ठउरे मँ सेवा करइ आइ।

31 “उ भेड़ा क गोस पकावा जउन हारून क महा याजक बहाल करइ बरे प्रयोग मँ आवा रहा। उ गोस क पवित्तर ठउरे मँ पकावा। 32 तब हारून अउ ओकर बेटवा बइठकावाली तम्बू क दुआरे प गोस खइहीं। अउर उ पचे डलिया क रोटी भी खइहीं। 33 इ भेंट प्रायस्चितिकरण बरे तब भवा रहा जब उ पचन्क याजकन क रूप मँ सेवा करइ बरे पवित्रीकरण कइ जात रहेन। इ भेंट क ओनहीं क खाइ चाही। कउनो बिदेसी क इ पवित्तर भेट क नाहीं खाइ चाही। 34 अगर उ भेड़ा क गोस या रोटी भियान ताई काफी मात्रा मँ बचि जाइ तउ ओका जरइ देइ चाही। तोहका उ बचि भवा रोटी या गोस नाहीं खाइ चाही काहेकि इ पवित्तर अहइ।

35 “वइसा ही करा जइसा मइँ तोहका हारून अउ ओकरे बेटवन बरे करइ क हुकुम दिहउँ ह। ओनका याजकन बहाल करइ बरे इ त्यौहार सात दिना तलक चली। 36 सात दिनाँ तलक हर रोज एक साँड़ मारा। इ हारून अउ ओकरे बेटवन बरे पाप भेंट होइ। इ बलिदान क प्रयोग वेदी क सुद्ध करइ बरे किहा। अउर वेदी क पवित्तर बनावइ बरे जइतूने क तेल स एकर अभिसेक करा। 37 तू सात दिना तलक वेदी क सुद्ध अउर पवित्तर रख्या। उ समइया वेदी सब ते जिआदा पवित्तर होइ। जउन चीज वेदी क छुइ उ पवित्तर होइ जाइ।

38 “हर रोज वेदी प तोहका एक भेंट चढ़ावइ चाही। तोहका एक-एक बरिस क दुइ भेड़ी क बचवन क भेंट चढ़ावइ चाही। 39 एक भेड़ी क बच्चा भिंसारे अउ दूसर सांझ क चढ़ावा। 40-41 पहिला भेड़ी क साथ हीन क चउथाई दाखरस क पिअइ क भेंट क संग एपा क दसवाँ हींसा गेँहू क महीन आटा जउन कि हीन क चउथाई तेल स मिला भवा अहइ चढ़ावा। अउर गोधरी क समइ मँ दूसर भेड़ी क बिहान क चढ़ावा क नाईं एकर पिअइ क भेंट क संग चढ़ावा। इ यहोवा बरे एक भेंट एक सुहावना सुगंध अहइ।

42 “तोहका इ चीजन्क यहोवा क भेंटे मँ रोज जरावइ चाही। इ यहोवा क समन्वा, बइठकावाली तम्बू क दुआरे करा। इ हमेसा करतइ रह्या। जब तू भेंट चढ़उब्या तब मइँ यहोवा, हुवाँ तोहसे मिलब अउ तोहसे बात करब। 43 मइँ इस्राएल क मनइयन स उ ठउरे प मिलब। उ ठउर मोर महिमा स पवित्तर बन जाइ।

44 “इ तरह मइँ बइठकावाली तम्बू क पवित्तर बनउव। अउर मइँ वेदी क पवित्तर बनउब। अउर मइँ हारून अउ ओकरे बेटवन क पवित्तर बनउब, जेहसे उ पचे मोर सेवा याजकन क तरह करि सकइँ। 45 मइँ इस्राएल क मनइयन क संग रहब। मइँ ओनकइ परमेस्सर होब। 46 मनइयन इ जनिहीं कि मइँ ओनकइ परमेस्सर यहोवा हउँ। उ पचे जनिहीं कि मइँ उहइ परमेस्सर अहउँ जउन ओनका मिस्र स बाहेर लाएउँ ह तउ कि मइँ ओनके संग रहि सकत हउँ। मइँ ओनकइ परमेस्सर, यहोवा अहउँ।”

यूहन्ना 8

अउर ईसू जैतून पर्वत प चला गवा। एकदम सबेरे उ फिन मन्दिर मँ गवा। सब मनई ओकरे पास आएन। ईसू बइठके ओनका सबेन्हका उपदेस देइ लाग।

तबहीं धरम सास्तरी अउर फरीसी लोग व्यभिचार क अपराध मँ एक ठु स्त्री क पकरि लइ आएन। अउर ओका सबके सामने ठाढ़ करि दिहेन्ह। अउर ईसू स कहेन्न, “हे गुरू, इ स्त्री व्यभिचार करत रंग हाथ पकड़ी गइ अहइ। मूसा क व्यवस्था हमका पचेन्ह क आदेस देत ह क अइसी स्त्री क पाथर मारइ चाही। अब बतावा तोहार क कहब अहइ?”

ईसू क अजमावइ क बरे उ सबेन्ह पूछत रहेन्ह जइसे कि ओनका सबन्क ओकरे खिलाफ कउनो अभियोग लगावा जाइ सकइ। मुला ईसू नीचे झुका अउर अपनी अंगुरी स जमीन प लिखिइ लाग। यहूदी नेता पूछत जात रहेन्ह, इ बरे ईसू सोझ सोझ तनि क ठाढ़ि होइ गवा अउर ओनसे कहेस, “तोहरे सब मँ स जउन मनई पापी न होइ, सबसे पहिले उहइ इ स्त्री क पाथर मारइ।” अउर फिन उ झुक कर जमीन प लिखइ लाग।

जब सब मनई इ सुनेन्ह तउ सबसे पहिले बुढ़वा मनइयन अउर फिन एक एक कइके हुवाँ स खिसकइ लागेन अउर हुवाँ अकेले ईसू बचा रहा। ईसू क सामने उ स्त्री अबहीं तलक ठाढ़ि रही। 10 ईसू खड़ा भवा अउर उ स्त्री स कहेस, “ऐ स्त्री, उ पचे कहाँ चला गएन। का तोहका कउनो दोखी नाहीं ठहराएस?”

11 उ स्त्री बोली, “नाहीं महासय! कउनो नाहीं।”

ईसू कहेस, “मइँ भी तोहका दण्ड न देब। जा अउर अब फिन कबहूँ पाप न करिउ।”

दुनिया क ज्योति ईसू

12 फिन हुवाँ मौजूद मनइयन स ईसू कहेस, “मइँ दुनिया क ज्योति अहउँ, जउन मोरे पाछे चलत ह, उ कबहुँ अंधेरे मँ नाहीं रहत। ओका तउ उ ज्योति मिली जउन जीवन देत ह।”

13 इ सुनिके फरीसियन ओनसे कहेन, “तू आपन साच्छी खुदइ देत अहा, इ बरे तोहार साच्छी न मानी जाई।”

14 एकरे जवाब मँ ईसू ओनसे कहेस, “जदि मइँ आपन साच्छी अपनी कइँती स आप देत अहउँ, तबहूँ मोर साच्छी सही अहइ, काहेकि मइँ इ जाना चाहित ह, कि मइँ कहाँ स आवा अहउँ अउर कहाँ जात अहउँ। 15 तू पचे मनइयन क बनाए नेमॅन प निआव कहत ह, मइँ कउनो क निआव नाहीं करत अहउँ। 16 जदि मइँ निआव करी तउ मोर निआव उचित होइ। काहेकि मइँ अकेलि नाहीं अहउँ, बल्कि परमपिता जउन मोका हियाँ भेजे अहइ, दुइनउँ मिलके निआव करित ह। 17 तोहरे व्यवस्था मँ लिखा अहइ कि दुइ मनइयन क साच्छी सच्ची होत ह। 18 मइँ आपन साच्छी खुदइ देत अहउँ अउ परमपिता, जउन मोका भेजे अहइ, मोरी ओर स साच्छी देत ह।”

19 इ सुनिके उ सब मनइयन ओसे कहेन, “तोहार परमपिता कहाँ अहइ?” ईसू जवाब दिहेस, “न तउ तू पचे मोका जानत अहा अउर न तउ मोरे परमपिता क। जदि तू मोका जानत होत्या, तउ मोरे परमपिता क जानि लेत्या।” 20 मंदिर मँ उपदेस देत भए जउन मनई भेंट पात्रन क पास रहेन, ओनसे इ बात ईसू कहेस। मुला कउनो ओका बन्दी नाहीं बनाएस, काहेकि ओकर समइ अबहीं नहीं रहा।

यहूदियन क ईसू क बारे मँ अगियान

21 ईसू ओनसे एक बार फिन कहेस, “मइँ चला जाब अउर तू पचे मोका खोजब्या। मुला तू पचे अपने पापन क कारण मरि जाब्या। जहाँ मइँ जात अही तू पचे हुँवा नाहीं आइ सकत ह।”

22 फिन यहूदी कहइ लागेन, “का तू इ सोचत अहा। कि उ खुदकुसी करइवाला अहइ? काहेकि उ कहेस ह, ‘तू पचे हुवाँ नाहीं आइ सकत ह जहाँ मइँ जात अहउँ।’”

23 एह पइ ईसू ओनसे कहेस, “तू पचे नीचे क अहा अउर मइँ ऊपर स आवा हउँ, तू पचे संसारिक अहा अउर मइँ इ दुनिया मँ नाहीं हउँ। 24 इ बरे मइँ तू सबन स कहत हउँ तू पचे अपने पाप मँ मरि जाब्या। जब तू बिसवास नाहीं करत अहा कि उ मइँ अहउँ। तउ तू अपने पाप मँ मरि जाब्या।”

25 उ पचे ईसू स फिन पूछेन, “तू कउन अह्या?”

ईसू ओनका जवाब दिहेस, “मइँ उहइ अहउँ, जइसे कि सुरूआत मँ मइँ तोहका बताए रहेउँ। 26 तू पचेन्क बतावइ क बरे अउर तू पचन क निआव करइ क मोरे पास बहुत कछू अहइ। मुला सच्ची बात इ अहइ कि सत्य उहइ अहइ जउन मोका भेजेस। मइँ उहइ बतावत अही जउन मइँ ओसे सुने अहउँ।”

27 उ पचे इ नाहीं जान पाएन्ह कि ईसू ओनका परमपिता क बाबत बतावत अहइ। 28 फिन ईसू ओनसे कहेस, “जब तू मनई क पूत क ऊँचा उठाय लेब्या तू जान लेब्या कि उ मइँ अहउँ। मइँ अपनी ओर स कछू नाहीं करत अहउँ। मइँ जउन करत अहउँ, इ उहइ अहइ जउन मोका परमपिता सिखाए अहइ 29 अउर उ जउऩ मोका इहाँ भेजेस, उ मोरे साथ अहइ। उ कबहूँ मोका अकेले नाहीं छोड़ेस, इ बरे कि मइँ उहइ कारज करित ह जइसा उ चाहत ह।” 30 ईसू जब इ बात बातवत रहा, तउ बहुत मनई ओकर बिसवासी होइ गएन।

पाप स छुटकार पावइ क उपदेस

31 ईसू ओन यहूदियन क बतावइ लाग, जउन ओहमाँ बिसवास करत रहेन, “जब तू पचे मोरे उपदेस प चलब्या तउ तू मोर सच्चा चेलन बन जाब्या। 32 अउर सच्चाई क जान लेब्या। अउर सच्चाई तोहका मुक्ति दइ देइ।”

33 इ सुनिके उ सबेन्ह ईसू स पूछेन, “हम सब इब्राहीम क खानदान क अही अउर हम सबे आज तक केहू क गुलामी नाहीं कीन्ह। फिन तू कइसे कहत अहा कि तू पचे छुटकारा पाइ जाब्या?”

34 ईसू ओनका इ जवाब दिहेस, “मइँ तोहसे सच्चाई का बखान करत अहउँ। जउन मनई पाप करत रहत ह, पाप क दास अहइ। 35 अउर कउनो दास परिवार के साथे नाहीं रहि सकत। केवल पूत हमेसा परिवार क साथे रहत ह। 36 इ बरे अगर पूत तोह सबन क छुटकारा देइ सकत ह, तउ तू पचे जरूर छुटकारा पाय जाब्या। मइँ जानत अहउँ तू इब्राहीम क खानदान क अह्या। 37 मुला तू पचे मोरा मारि डावइ क कोसिस करत अहा। काहेकि तू पचे मोरा उपदेस नाहीं मनत्या। 38 मइँ उहइ बतावत अहउँ, जउन मोर परमपिता मोका देखॉएस अउर तू उहइ करत अहा। जउन तोहार पिता तोहका करइ क बताएस ह।”

39 इ सुनिके उ पचे ईसू क जवाब दिहेन, “हमरे पिता इब्राहीम अहीं।”

ईसू कहेस, “जब तू इब्राहीम क सन्तान होत्या, तउ तू उहइ कारज करत्या जउन कारज इब्राहीम करत रहा। 40 मुला तू पचे तउ मोर जइसे मनई का जउन परमेस्सर स सुनि सच्चाई का बतावत अहइ, मारि डावा चाहत अहा। इब्राहीम तउ अइसा कबहूँ नाहीं किहेस। 41 तू पचे अपने पिता क काम करत अहा।”

फिन उ सबेन्ह ईसू स कहेन, “हम सबन उ सबइ गदेलन क तरह नाहीं जउन व्यभिचार क सरूप पइदा भएन ह। हमार केवल एक पिता अहइ, उ अहइ परमेस्सर।”

42 ईसू ओनका जवाब दिहेस, “जदि परमेस्सर तोहार पिता होतइ तउ तू पचे मोका पियार करत्या, काहेकि मइँ ही परमेस्सर क पास स आइ अहउँ। अउर अबहीं मइँ हियाँ अहउँ। मइँ अपने आप हियाँ नाहीं आइ बाटी, बल्कि मोका परमेस्सर भेजेस। 43 जउन कछू मइँ बतावत अहउँ ओका तू सबेन्ह काहे नाहीं समझत अहा? एकर कारण इ अहइ कि तू मोर उपदेस नाहीं स्वीकार करत अहा। 44 तू सबेन्ह अपने पिता सइतान क सन्तान अह्या अउर तू सबेन्ह अपने पिता क इच्छा प चलइ चाहत अहा। उ सुरूआतइ स एक हत्यारा रहा अउर सच्चाई क तरफदारी कबहूँ नाहीं करेस। काहेकि ओहमाँ सच्चाई क कउनो हिस्सा नाहीं रहा। जब उ झूठ बोलत ह तउ सहल भाव स बोलत ह, काहेकि उ झूठा अहइ अउर तमाम झूठ क पइदा करत ह।

45 “मुला मइँ सच्ची बात कहत अहउँ, तू सबेन्ह इ बरे मोहमाँ बिसवास नाहीं करत अहा। 46 तोहरे मँ स कउन अइसा मनई अहइ जउन मोरे ऊपर लगावा पाप सिद्ध कइ सकत ह। जदि मइँ सत्य कहत अहउँ तउ तू मोर बिसवास काहे बरे नाहीं करत अहा? 47 जउऩ मनई परमेस्सर क अहइ, परमेस्सर क वचन क सुनत ह। तू सबेन्ह मोर बात नाहीं सुनत अहा, इ बरे कि तू सबेन्ह परमेस्सर क नाहीं अह्या।”

ईसू अपने बाबत अउर इब्राहीम क बाबत बताएस

48 ईसू क बात क जवाब मँ यहूदियन ईसू स कहेन, “का हमार सबेन्ह क इ बात सच्ची न अहइ कि तू सामरी अह्या अउर तोहरे ऊपर कउनो दुस्ट आतिमा सवार अहइ?”

49 ईसू जवाब दिहेस, “मोरे ऊपर कउनो दुस्ट आतिमा सवार नाहीं अहइ। मइँ तउ अपने परमपिता क आदर करित ह, मुला तू पचे मोर अपमान करत अहा। 50 मइँ आपन महिमा नाहीं चाहत अहउँ मुला एक ठु अइसा अहइ जउन मोर महिमा चाहत ह अउर निआव करत ह। 51 मइँ तोहका सच्ची बात कहत अहउँ कि जउन मनई मोरे उपदेस क अनुसरण करी उ मउत क कबहूँ न देखी।”

52 इ सुनिके यहूदियन ओसे कहेन, “अब हम पचे जानि गए कि तोहरे अन्दर कउनो दुस्ट आतिमा समाइ गइ अहइ। हियाँ तक कि इब्राहीम अउर नबी दुइनउँ मरि गएन मुला तू कहत अहा कि जउन मनई तोहार उपदेस प चली ओकर कबहूँ मउत न होई। 53 एहमाँ कउनो सक नाहीं अहइ कि तू मोरे पिता इब्राहीम स बड़ा नाहीं अहा जउऩ कि मर गवा। अउ नबियन क मउत होइ गइ। मुला तू पता नाहीं का सोचत अहा? तू अह्या के?”

54 ईसू जवाब दिहेस, “जदि मइँ अपनी महिमा क बखान करी, तउ ऊ मोर महिमा कछू न अहइ। जउन मोका महिमा देत ह, उ मोर परमपिता अहइ। जेकरे बारे मँ तू दावा करत अहा कि उ तोहार परमेस्सर अहइ। 55 तू पचे ओका कबहुँ नाहीं जनत्या। मुला मइँ ओका जानत अहउँ जब मइँ कहउँ कि मइँ भी ओका नाहीं जानत अहउँ तउ तोहरे सबेन्ह क तरह मइँ भी झूठा होइ जाब। मइँ ओका अच्छी तरह स जानित ही अउर जउन उ कहत ह ओका पालन करित ही। 56 तोहार पिता इब्राहीम इ जानिके कि उ अइसा दिन देखी जब मइँ आउब, तउ उ आनन्द स भरि भवा रहा: उ एका देखेस अउर बहुत खुस भवा।”

57 फिन यहूदियन ओसे कहेन, “तू अबहीं पचास बरिस क भी नाहीं अहा अउर तू इब्राहीम क लखि लिहा।”

58 ईसू एकरे जवाब मँ कहेस, “मइँ तोहका सत्य बतावत अहउँ कि इब्राहीम स पहले भी मइँ रह्यो, मइँ अहउँ।” 59 इ सुनिके उ सबेन्ह ईसू क मारइ क बरे बड़ा बड़ा पाथर उठाइ लिहन मुला ईसू लुकत छिपत मन्दिर स चला गवा।

नीतिवचन 5

पराई मेहरारू स बचा रहा

हे मोर पूत तू मोरी बुद्धि क बातन पइ धियान द्या। मोर बुद्धिमानी क सिच्छा क धियान स सुना। ताकि तोहार भला-बुरा क चेतना सुरच्छित रहइ अउर तोहरे ओंठन गियान कि सुरच्छा करइ। काहेकि कउनो पराई मनइ क पत्नी आपन ओंठन क मधुर बातन स तोहका लुभा सकत ह, ओकर ओंठन क वाणी तेल स भी जियादा चिकनी होत ह। अंत मँ उ तोहरे बरे भयंकर दुःख दर्द लाहीं उ दुधारी तरवार क नाई अहइ। ओकर गोड़ मउत क गड्ढा कइँती बढ़त हीं अउर उ तोहका सिधे कब्र तलक लइ जात हीं। उ कबहुँ भी जिन्नगी क मारग क नाहीं सोचत। ओकर राहन खोटी अहइँ। किंतु हाय्य, ओका मालूम नाहीं। बिभिचार बिनासे क मूल बाटइ

अब हे मोरे पूतन, तू मोर बात सुना। जउन कछू भी मइँ कहत हउँ ओहसे जिन मोड़ा। तू अइसी राह पइ चला जउन ओहसे काफी दूर होइ। ओकर घरे तलक जिन जा। नाहीं तउ दूसर कउनो तोहरे ताकत क उपयोग करिहीं, अउर तोहार जिन्नगी क बरिस कउनो अइसे मनइ लइ ले हीं जउन कि करुर होइ। 10 अइसा न होइ, तोहरे धने पइ अजनबी मउज करइँ। तोहार मेहनत अउरन क घर भरइ। 11 तोहार जिन्नगी क अंतिम दिना मँ जब तू बिमार होब्या अउर तोहार लगे कछू भी न होइ, तउ तोहका रोवत बिलबिलात भवा छोड़ दीन्हा जाहीं। 12 अउर तू कहब्या, “हाय! मइँ अनुसासन स काहे घिना किहा? मइँ सुधार क काहे उपेच्छा किहा? 13 मइँ आपन सिच्छकन क बात नाहीं मानेउँ या मइँ आपन प्रसिच्छकन पइ धियान नाहीं दिहेउँ। 14 मइँ महानासे क किनारे पइ आइ गवा हउँ अउर हर एक इ जानत ह।” आपन पत्नी के संग आनन्द मनावा

15 तू आपन हौज स ही पानी पिया करा अउ तू आपन झरना स ही सुद्ध पानी पिया करा। 16 तू आपन पानी क गलियन मँ इधर-उधर फइलइ जिन दया। एका गलियन मँ नदी क नाई बह्य जिन द्या। 17 इ तउ बस तोहार ही होइ, एकमात्र तोहार ही। ओनमाँ कबहुँ कउनो अजनबी क हींसा न होइ, 18 आपन पत्नी क संग धन्न रहा। ओकरे संग ही तू जीवन रस क पान करा जेक तू आपन जवानी क समइ सादी कीन्ह रहा। 19 ओकर छातियन हरिणी अउर खुबसुरत पहाड़ी बोकरी क नाई तोहका हमेसा सन्तुस्त करइ, ओकर पिरेम जाल तोहका हमेसा फाँस लइ 20 हे मोर पूत, कउनो बिभिचारिणी क तोहका विनासे क ओर काहे लइ जावइ चाही? तोहका कउनो अजनबी मेहरारु क काहे गले लगावइ चाही?

21 यहोवा तोहार राहन पूरी तरह लखत अहइ अउ उ तोहार सबहिं राहन परखत बाटइ। 22 दुट्ठ क बुरे करम ओका बाँध लेत हीं। ओकर ही पाप जाल ओका फाँसि लेत ह। 23 उ अनुसासन क कमी क कारण मरि जात ह। ओकर महान मूरखता ओका विनास क ओर लइ जावत ह।

गलातियन 4

मइँ कहत हउँ कि उत्तराधिकारी जब तलक बच्चा बा तउ चाहे सब कछू क स्वामी उहइ होत ह, फिन भी उ दास स जियाद कछू नाहीं रहत। उ संरच्छकन अउर घरे क सेवकन क तब तक अधीन रहत ह। जब तक ओकरे पिता द्वारा निस्चत समइ नाहीं आई जात। हमरउ भी अइसेही स्थिति बा। हमहुँ जब बच्चा रहेन तउ संसारी नियमन क दास रहेन। मुला जब अच्छा समइ आवा त परमेस्सर तउ अपने पूत क भेजेस जउन एक स्त्री स जनमा रहा। अउर उ व्यवस्था क अधीन जिअत रहा। ताकि उ व्यवस्था क अधीन व्यक्तियन क मुक्त कराइ सकइ जेसे हम परमेस्सर क गोद लीन्ह भए बच्चन बन सकी।

अउर फिन काहेकि तू परमेस्सर क सन्तान अहा, तउन उ सबन क हिरदय मँ पूत क आतिमा क पठए रहा। उहइ आतिमा, “अब्बा, पिता” कहतइ बोलवावत ह। इही बरे अब तू दास नाहीं अहा बल्कि परमेस्सर क सन्तान अहा अउर काहेकि तू सन्तान अहा इही बरे तोहका परमेस्सर आपन उत्तराधिकारी बनाए ह।

गलाती मसीहियन क बरे पौलुस क पिरेम

पहिले तू सभे जब परमेस्सर क नाहीं जानत रह्या, तउ तू सभे देवतन क दास रह्या। उ सच नाहीं अहइ वास्तव मँ उ सबइ परमेस्सर नाहीं रहेन। मुला अब तू परमेस्सर क जानत अहा, या अइसेन कहइ चाही कि परमेस्सर क जरिये अब तू पचन क पहिचान लीन्हा गवा बा। फिन तू ओनन्ह साररहित, कमजोर नियमन कइँती काहे लउट अहा। तू पचे फिन स ओनके अधीन काहे होइ चाहत ह? 10-11 तू पचे कउनो विशेष दिनन महीनन ऋतुवन अउर बरिसन क मानइ लाग अहा। तू पचन क बारे मँ मोका डेर लागत ह कि तू पचन क बरे जउन काम मइँ किहे हउँ उ सबइ कहुँ खराब तउ नाहीं होइ गवा अहइँ।

12 हे भाइयो तथा बहिनियो, कृपा कइके तू सब मोरे जइसेन बनि जा। देखा, मोहुँ तउ तू पचन जइसेन बनि गवा हउँ, इ मोर तू पचन स बिनती बा, अइसेन नाहीं कि तू पचे मोरे बरे कउनउ गलती किहे अहा। 13 तू पचे तउ जनबई करत ह कि आपन सरीरी क व्याधियन क कारण मइँ पहिली दाई तू सबन इ सुसमाचार सुनाए रहेउँ। 14 अउर तू सब हऊँ तउ, मोरी बीमारी क कारण, जउन तोहार परीच्छा लीन्ही गइ रही, ओहसे मोका छोट नाहीं समझया अउर न तउ मोरे निसेध किह्या। बल्कि तू पचे परमेस्सर क सरगदूत क रूपे मँ मोर सुवागत किहे अहा। माना कि मइँ खुदई ईसू मसीह रहेउँ। 15 तउन तू सबन क उ खुसी क का भवा? मइँ तोहरे बरे खुदइ इ बाते क साच्छी हउँ कि अगर तू पचे समरथ होत ह्या तउ तू पचे आपन आँखी तक निकाली क मोका दइ देत्या। 16 तउन का सच बोलइ स ही मइँ तू पचन क दुस्मन होइ गएउँ?

17 तू पचन क व्यवस्था पर चलावइ बरे चाहइवालन तोहमाँ बड़ी गहिर रूचि लेत हीं। मुला ओनकर उद्देस्य अच्छा नाहीं बा। उ तू सबइ पचन क मोसे अलग करइ चाहत हीं। ताकि तू पचे ओहमाँ गहिर रुचि लइ सका। 18 कउनउ कीहीउँ मँ हमेसा गहिर रूचि लेत रहइ, इ तउ एक अच्छी बात अहइ। मुला इ कीहीउँ अच्छे क बरे होइ चाही। अउर बस उही समइ नाहीं, जब मइँ तोहरे साथे हउँ। 19 मोर प्रिय सन्तानों, मइँ तू सबन क बरे एक बार फिन प्रसव वेदना क झेलत हउँ। जब तलक तू पचे मसीह जइसे नाहीं होइ जात्या। 20 मइँ चाहत हउँ कि अबहीं तू पचन के लगे आइ पहुँचउँ अउर तू सबन क साथे अलग तरह स बात करउँ, काहेकि मइँ समझ नाहीं पावत हउँ कि तू पचन बरे का करा जाइ।

सारा अउर हाजिरा क उदाहरण

21 मूसा क व्यवस्था क आधीन रहइ चाहइवालन स मइँ पूछत हउँ का तू पचे व्यवस्था क इ कहब नाहीं सुन्या? 22 पवित्तर सास्तरन कहत हीं कि इब्राहीम क दुइ बेटवा रहेन। एक क जन्म एक दासी स भवा रहा अउर दुसरे क स्वतन्त्र स्त्री स। 23 दासी स पइदा भवा बेटवा सहज नियमन मँ पैदा भवा रहा, मुला स्वतन्त्र स्त्री स पइदा बच्चा परमेस्सर क जरिये दीन्ह गयि प्रतिज्ञा क परिणाम अहइ।

24 इन बातन क प्रतीकात्मक मतलब अहइ-इऩ दुन्नउ स्त्री दुई करारन क चिन्ह अहइँ। एक करार सीनै पर्वत स मिला रहा जे ओन सभन क जनम दिहेस जउन दासता क बरे रहेन। इ करार हाजिरा स सम्बधित बा। 25 हाजिरा अरब मँ स्थित सीनै पर्वत क चिन्ह अहइ, उ वर्तमान धरती क यरूसलेम क समान अहइ, काहके उ अपने बेटवन क साथे दासता भोगत रही, 26 मुला सरग मँ स्थित यरूसलेम स्वतन्त्र अहइ। अउर उहइ हमार माता अहइ। 27 पवित्तर सास्तर कहत हः

“बाँझ! मनावा आनन्द,
    जना तू न कउनो क प्रसव वेदना भइ न तोहका,
हर्स नाद कइके
    अउर खिलखिला हंसी खुसी मँ
काहके अनगिनत संतान अहइँ
    छोड़ी भइ मुला नाहीं ना ओकर ओतनी, जउन सुहागिन।” (A)

28 तउन भाइयो! अब तू इसहाक क जइसी परमेस्सर क बचन स संतान होवा। 29 मुला जइसे ओह समझ प्राकृतिक परिस्थितियन क अधीन पैदा भइ आतिमा क सक्ति स उत्पन्न भए क सतावत रहा, वइसेन ही स्थति आज बा। 30 मुला देखा पवित्तर सास्तर क कहत ह? “इ दासी अउर ओकर बेटवा क निकाल क बाहर करा, काहेकि इ दासी क बेटवा तउ स्वतन्त्र स्त्री क बेटवा क साथे उत्तराधिकारी न होई।”(B) 31 ऍह बरे भाइयन! हम ओह दासी क सन्दान नाहीं हई, बल्कि हम तउ स्वतन्त्र स्त्री क सन्तान हई।

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.