M’Cheyne Bible Reading Plan
पवित्तर तम्बू
26 परमेस्सर मूसा स कहेस, “पवित्तर तम्बू क दस पर्दा स बनावा। इ परदन क बढ़िया सनीवाला अउ नीला, लाल अउर बैगनी कपरा स बनावा। कउनो कुसल कारीगर क चाही कि उ करूब सरगदूत क पखना क संग पर्दन प कढ़ाई करइ। 2 हर एक पर्दा अट्ठाइस हाथ लम्बा अउ चार हाथ चौड़ा होइ चाही। अउर हर कनात क नाप बराबर होइ चाही। 3 सब पर्दन क दुइ समूह मँ सिआ। पहिले हींसा मँ पाँच पर्दन क एक संग अउ दूसर हींसा मँ पँच पर्दन क एक संग सी द्या। 4 आखिरी क पर्दा क सिरे क नीचे फन्दा बनावा। इ फन्दन क बनवइ बरे नीला कपरा लगावा। दुसरे समूह क पर्दन क आखरी पर्दा मँ भी उहइ काम करा। 5 पहिले अउ दुसरे समूह क पर्दन क आखिरी पर्द मँ पचास फन्दा बनवा। फन्दा एक दुसरे फन्दा क आमने सामने होइ चाही। 6 तब पचास सोना क हुक पर्दन क एक संग मिलवइ बरे बनावा। इ पर्दन क एक दुसरे क संग हुक स इ तरह जोरिहीं कि पुरा पवित्तर तम्बू एक ही होइ जाइ।
7 “तब तू दूसर तम्बू बनउब्या जउन पवित्तर तम्बू क ढाकि लेइ। इ तम्बू बरे ग्यारह पर्दन बइपरा। इ परदन क बोकरी क बारे स बनावा। 8 इ सबहिं पर्दा नाप मँ एक बराबर होइ चाही। उ सबहिं तीस हाथ लंबा चार हाथ चौड़ा होइ चाही। 9 पाँच ठु पर्दे क एक समूह मँ जुड़वावा अउ फुन दुसर छ: पर्दे क एक दुसर समूह मँ जुड़वावा। छठे पर्दे क आधे हींसा क तम्बू क समन्वा ऊपर मोड़ि द्या। 10 एक समूह क आखिरी पर्दा क छोर प पचास फन्दा बनवा अइसा ही दूसरे समूह क आखिरी पर्दा क छोरा प भी पचास फन्दा बनावा। 11 तब काँसे क पचास फन्दा बनवा। इ काँसे क फन्दा क प्रयोग तम्बू क परदन क एक साथे जोरइ बरे करा। इ सबइ तम्बू क एक संग जोरइ क एक एकाई क रूप मँ बनिहीं। 12 तम्बू क आखरी पर्दे क आधा हींसा तम्बू क पीछे क किनारे लटका रही। 13 तम्बू क किनारन मँ इ तम्बू क पर्दा पवित्तर तम्बू क पेंदी स एक हाथ नीचे लटकत रही। तउ इ तम्बू पवित्तर तम्बू क पूरी तरह ढाँकि लेइ। 14 बाहेर क तम्बू क ढाकइ बरे दुइ पर्दा बनवा। एक पर्दा लाल रंग स रंगी भइ भेड़ा क खाल स बनइ चाही अउ दूसर पर्दा उत्तम खाल सुइसों क बनी होइ चाही।
15 “पवित्तर तम्बू क सहारा देइ बरे बबुरे क काठ क तखता क प्रयोग करा। 16 तखता दस हाथ ऊँचा अउ डेढ़ हाथ चौ़ड़ा होइ चाही। 17 हर तखता क तले मँ ओनका जोड़इ बरे एक दूसरे प धरइ बरे दुइ खूँटी होइ चाही। पवित्तर तम्बू क हर एक तखता बरे इहइ करा। 18 पवित्तर तम्बू क दक्खिन कइँती बीस तखता क प्रयोग करा। 19 बीस तखता बरे चाँदी क चालीस आधार बनावा। हर एक ढाँचा नीचे चाँदी क दुइ आधार एका दुइ खम्भा बरे होइ चाही। 20 पवित्तर तम्बू क उत्तरी हींसा बरे बीस तखता अउर ल्या। 21 इ तखता बरे चालीस कुसिर्यन क बनवावा हर एक तखता क नीच बरे दुइ आधार होई चाही। 22 तोहका पवित्तर तम्बू क पच्छिउँ छे बरे छ: अउर तखता लइ चाही। 23 पवित्तर तम्बू क पाछे कोना बरे दुइ तखता ल्या। 24 कोने क दुइनउँ तखता क नीचे एक साथ जोरि द्या। ऊपरी छल्ला दुइनउँ तखतन क एक कइके जोड़ी। दुइनउ कोन बरे उहइ करा। 25 इ तरह सब मिलिके आठ ठु तखता पवित्तर तम्बू के पच्छिउँ छोर बरे होइहीं। हर तखता क नीचे दुइ कुर्सी होइस चाँदी क सोलह कुर्सी होइहीं।
26 “बबुरे क काठ बइपरा अउ पवित्तर तम्बू क तखता बरे बेड़ा बनवा। पवित्तर तम्बू क एक कइँती क हींसा क तखता बरे पाँच बेड़ा बनवा। 27 अउ पवित्तर तम्बू क दूसर हींसा क तखता बरे पाँच अउर बेड़ा होइहीं। अउर पवित्तर तम्बू क पाछे क तखता बरे पाँच बेड़ा होइहीं 28 बीच क बेंड़ा फरेम एक सिरा स दूसर सिरा तलक पहोंचइ चाही।
29 “तखतन क सोने स मढ़ा। अउ तखतन क बेड़न क फँसावइ बरे छल्ला बनवा। इ छल्ला भी सोने क होइ चाही। बेड़े क सोने स मढ़ा। 30 पवित्तर तम्बू क तू अहइ तरह क बनवा जइसा मइँ तोहका पहाड़े प देखाए रहेउँ।
पवित्तर तम्बू क भीतर
31 “बढ़िया सनी क बइपरा अउ पवित्तर तम्बू क भीतर भाग बरे एक खास पर्दा बनावा। इ पर्दा क नीला, बैगनी अउ लाल ओढ़ना स बनवा। करूब सरगदूत क तस्बीर कपरा मँ काढ़ा। 32 बबुरे क लकड़ी क चार खंभा बनावा। खम्भन क सोने स मढ़ द्या। चारिहुँ खम्भन प सोने स बना हुकन लगावा। खम्भन की नीचे चाँदी क चार आधार लगावा। तउ सोने क हुक मँ पर्दा टाँगा। 33 पर्दा क सोने क हुक क नीचे टाँगा, अउ करार क संदूखे क पर्दा क पाछे धरा। इ पर्दा पवित्तर ठउर क सब ते जिआदा पवित्तर ठउर क अलगाइ देइ। 34 सबते जिआदा पवित्तर ठउर मँ करार क संदूखे प ढकना राखा।
35 “पवित्तर ठउर मँ पर्दा क दुरसे कइँती खास मेज क धरा। मेज पवित्तर तम्बू क उत्तर मँ होइ चाही। तब डीबट क पवित्तर तम्बू क दखिन मँ राखा। डीबट मेज क ठीक समन्वा होइ।
पवित्तर तम्बू क बड़का दुआर
36 “तब पवित्तर तम्बू क दुआर बरे एक पर्दा बनावा। इ पर्दा क बनवइ बरे नीला, बैगंनी, लाल उत्तिम सन क कपरा क बइपरा। अउर कपरा मँ तस्बीर क बुन द्या। 37 दुआरे क पर्दा बरे सोना क हुक बनवा। सोना स मढ़ा बबुरे क काठे क पाँच खम्भा बनवा। अउ पाँचउ खम्भा बरे काँसे क पाँचे कुर्सी ढलवाइ ल्या।”
पोखरे प लाइलाज मरीज क ठीक होब
5 एकरे बाद ईसू यहूदियन क एक उत्सव मँ यरूसलेम गवा। 2 यरूसलेम मँ भेड़ दरवाजा क पास एक ठु पोखरा अहइ, जेहिका इब्रानी भाखा मँ बेतहसदा कहा जात ह। एकरे किनारे पाँच ठु बरामदा बना अहइँ। 3 जउने मँ अँधा, लूला, अउर लकवा का मरीज क भीड़ पड़ी रहत ह। अउ उ पचे पानी ह हलइ बरे जोहेन। 4 कबहूँ पर्भू क दूत पोखरे प आबत रहा अउ पानी क हलावत रहा। सरगदूत क इ करइ क पाछे जउन पहिला मनई पोखरे मँ घुसत रहा उ बेरामी स नीक होइ जात रहा।[a] 5 ऍनही मरीजन मँ एक अइसा मरीज रहा जउन अड़तीस बरिस स बीमार रहा। 6 जब ईसू ओका हुवाँ लेटा लखेस अउर इ जानेस की ऍतने लम्बे समइ बीमार अहइ तउ ईसू ओसे कहेस, “का तू चंगा होइ चाहत अहा?”
7 रोगी जवाब देहेस, “महासय मोरे पास केउ नाहीं अहइ जउन पानी क हिलइ प मोका पोखरा मँ उतार देइ। जउ मइँ पोखरा मँ जावा चाहित ह, तउ हमेसा कउनो दूसर मनई मोसे पहिले ओहमाँ उतर जात ह।”
8 ईसू ओसे कहेस, “खड़ा होइ जा, आपन बिस्तरा उठावा अउर उ चलइ लागा।”
9 उ मनई तुरतंहि चंगा होइ गवा। उ आपन बिस्तरा उठाएस अउर चल दिहेस।
उ दिन सबित क दिन रहा। 10 इ देखिके यहूदियन उ मनई जउन चंगा होइ गवा रहा स कहब सुरू किहेन, “आज सबित क दिन अहइ अउर इ हमरे नियम क खिलाफ अहइ कि तू आपन बिस्तरा उठावा।” 11 इ सुनिके उ जवाब दिहेस, “जउन मोका चंगा किहे बाटइ उ मोसे कहेस, ‘आपन बिस्तरा उठावा अउर चल द्या।’”
12 उ पचे ओसे पूछेन्ह, “उ कउन मनई अहइ जउन तोहसे कहेस कि आपन बिस्तरा उठावा अउर चला?”
13 मुला उ मनई जउन चंगा होइ गवा रहा नाहीं जानत रहा कि उ कउन अहइ, काहे? कि हुवाँ बहुत भीड़ रही अउर ईसू चुपचाप हुवाँ स चला गवा।
14 ऍकरे बाद ईसू उ मनई क मन्दिर मँ देखेस अउर ओसे कहेस, “देखा, अब तू नीक होइ गवा अहा, एह बरे अब तू पाप करब बन्द कइ द्या नाहीं तउ कउनो अउर बड़ा कस्ट तोहरे ऊपर आइ सकत ह!”
15 फिन उ मनई चला गवा। हुवाँ स चलिके उ यहूदियन स आइ क कहेस की ओका चंगा करइवाला ईसू रहा।
16 यहूदियन ईसू क सताउब सुरू कइ दिहेन्ह, एह बरे कि उ अइसे काम सबित क दिन किहे रहा। 17 ईसू ओनका जवाब देत कहेस, “मोर परमपिता कबहुँ? काम करब नाहीं छोड़त, एह बरे मइँ काम करित हउँ।”
18 यहूदियन ओका मार डावइ क इन्तजाम करइ लागेन्ह। केवल इहइ बरे नाहीं कि उ सबित क तोड़त रहा, मुला इहइ बरे कि उ परमेस्सर क आपन परमपिता कहत रहा। इहइ तरीके स उ अपने क परमेस्सर क बराबर देखॅावत रहा।
ईसू क साच्छी
19 जवाब देत ईसू ओनसे कहेस, “मइँ तू सब पचन क सच्ची बात बतावत अहउँ कि पूत अपने आप कछू नाहीं कइ सकत। उ तउ केवल उहइ करत ह जउन करत अपने परमपिता क देखत ह। परमपिता जउन कछू करत ह, पूत उहइ करत ह। 20 परमपिता अपने पूत स पिरेम करत ह। अउर उ सब कछू देखाइ देत ह जउन उ करत ह। ओन सब कामन स बड़ी-बड़ी बातन क उ ओका देखाई। तउ तू पचे अचरज करब्या। 21 जइसे परमपिता मरा पूत क उठाइके ओनका नवा जीवन देत ह। वइसे ही भी उन लोगन क जीवन देत ह, जेनका चाहत ह।
22 “परमपिता केहू क निआव नाहीं करत मुला उ निआव करइके अधिकार अपने पूत क दइ दिहे अहइ। 23 जेहसे कि सबहीं मनई क पूत क मान सम्मान करइँ जेहसे कि परमपिता क सबहीं आदर करत हीं। जउन पूत क आदर नाहीं करत परमपिता उ क आदर नाहीं करत जउन ओका पठए अहइ।
24 “मइँ तोहका सच-सच बतावत हउँ जउन मोर बात सुनत ह अउर ओह पइ बिसवास करत ह जउन ओका भेजे अहइ, तउ उ अनन्त जीवन पावत ह। निआव क दंड ओकरे ऊपर नाहीं पड़त। उ मनई मृत्यु स जीवन मँ प्रवेस पाइ जात ह। 25 मइँ तू पचन क बतावत अहउँ कि उ समइ आवइवाला अहइ, हियाँ तक कि आइ चुका अहइ जबहीं कि जउन मरि चुका अहइँ, परमेस्सर क पूत क बचन सुनिहइँ अउर जे ओका सुनि लेहीं उ पचे जी उठिहीं। 26 काहेकि जेहसे परमपिता जीवन क स्त्रोत अहइ, वइसे अपने पूतन क जीवन क स्त्रोत बनाए बाटइ। 27 अउर उ ओका निआव क अधिकार दिहे अहइ। एह बरे कि उ मनई क पूत अहइ।
28 “इ बात प अचरज करइ क जरूरत नाहीं अहइ कि उ समइ आवइवाला अहइ कि जब जउन अपनी अपनी कब्र मँ अहइ, ओकर बचन सुनिहइँ। 29 अउर बाहर आइ जइहइँ। जउन मनई नीक कारज किहे अहइँ उ सबइ पुनरूत्थान पाइ जइहइँ। मुला जउन खराब कारज किहे अहइँ ओनका पुनरूत्थान क बाद दंड दीन्ह जाई।”
30 “मइँ खुदइ अपने आप स कछू नाहीं कइ सकित। मइँ परमेस्सर स जउन सुनित ह उहइ क आधार प निआव करित ह अउर मोर निआव ठीक अहइ काहेकि मइँ अपने मन स कउनो नाहीं करित मुला मइँ ओकरी इच्छा स कारज करित ह जउन मोका पठएस।
ईसू क यहूदियन स कहब
31 “जदि मइँ अपनी तरफ स साच्छी देउँ तउ मोर साच्छी सच नाहीं अहइ। 32 मोर ताईं साच्छी देइवाला एक ठु अउर अहइ। अउर मइँ जानित ह कि मोरी ताईं जउन साच्छी देत अहइ उ सच्ची अहइ।
33 “तू पचे लोगन क यूहन्ना क पास पठए रह्या अउर उ सच्चाई क साच्छी दिहेस। 34 मइँ मनई क साच्छी प भरोसा नाहीं करित मुला मइँ इ बरे कहत हउँ जइसे कि तू पचनक उद्धार होइ जाइ। 35 यूहन्ना उ दीपक क नाईं रहा जउन जलत भइ रोसनी देत हे। अउर कछू समइ तक तू पचे उ रोसनी स फायदा लेइ चाहत रह्या।
36 “मुला मोर साच्छी यूहन्ना क साच्छी स बड़ी बाटइ, यह बदे कि परमपिता जउन कारज पूरा करइ क बरे मोका जिम्मेवारी सौंपी अहइ, मइँ उहइ कारज करत अहउँ अउर मोर कीन्ह कारज अपने आपइ इ बात क साच्छी अहइ कि परमपिता मोका पठए अहइ। 37 परमपिता जउन मोका पठए अहइ, उ खुदइ मोर साच्छी दिहे अहइ। तू पचे ओकर कउनो बचन नाहीं सुन्या अउर न तउ ओकर रूप लखे अहा। 38 अउर न तउ अपने अन्दर ओकर संदेस धारन करे अहा, काहेकि तू पचे जेका परमपिता भेजे अहइ, ओकरे मँ बिसवास नाहीं करता अहा। 39 तू पचे पवित्तर सास्तरन क धियान स पढ़त ह काहेकि तोहार इ विचार अहइ कि तोहका उहइ स अनन्त जीवन मिल जाई। मुला इ सब पवित्तर सास्तर मोर साच्छी देत हीं। 40 एतना होत भए भी तू पचे मोरे पास नाहीं आवा चाहत अहा।
41 “मइँ मनइयन क कीन्ह प्रसंसा प भरोसा नाहीं करित। 42 मुला मइँ जानित ह कि तोहार भीतर परमेस्सर क पिरेम नाहीं अहइ। 43 मइँ अपने परमपिता क नाउँ स आइ अहउँ तबहूँ तू पचे स्वीकार नाहीं करत अहा, अउर अगर कउनो दूसरे नाउँ स कहे आइ जाइ तउ तू ओका स्वीकार करब्या। 44 तू मोहे मँ बिसवास कइसे करि सकत ह, काहे बरे कि तू पचे एक दूसरे क प्रसंसा करत ह। तू पचे उ प्रसंसा कइँती देखबउ नाहीं करत अहा जउन केवल परमेस्सर क तरफ स आवत अहइ। 45 तू पचे इ तनिकउ न सोचा कि मइँ तोहका परमपिता क सामने दोखी ठहराऊब। जउन तोहका पचे क दोखी ठहराई, उ मूसा होई जेकरे ऊपर तू पचे आपन आसरा लगाए अहा। 46 जदि तू सबइ मूसा मँ बिसवास करत्या तउ तू मोहे मँ बिसवास करत्या काहेकि उ मोरे बारे मँ लिखे अहइ। 47 जबहीं तू ओकरे लिखे मँ बिसवास नाहीं करत अहा, तउ तू मोरे बात मँ बिसवास कइसे करब्या?”
बुद्धि क नैतिक लाभ
2 हे मारे पूत, अगर तू मोरे बोध बचनन क सुना अउर मोर हुकुम मन मँ बटोरा, 2 अउर तू बुद्धि क बातन पइ कान लगावा, मन आपन समुझदारी मँ लगावत भए, 3 अउर अगर तू अन्तदृस्टि बरे गोहरावा, अउर तू समुझबूझ क बरे पुकारा, 4 अगर तू एका अइसे हेरा जइसे कउनो कीमती चाँदी क हेरत ह, अउर तू एका हेरा, जइसे कउनो छुपे भए खजाना क हेरत ह, 5 तब तू यहोवा क डर क समुझब्या अउर परमेस्सर क गियान पउब्या।
6 काहेकि यहोवा बुद्धि देत ह अउर ओकरे मुँह स ही गियान अउ समुझदारी क बातन फूटत हीं। 7 ओकरे भंडारे मँ खरी बुद्धि ओनके बरे रहत ह जउन खरा अहइँ। अउर ओनके बरे जउन कि इमानदारी स रहत ह एक ढाल जइसे अहइ। 8 उ निआव क मारग क रखवारी करत ह अउर आपन वफादार लोगन क राह क रच्छा करत ह।
9 तबहिं तू समुझब्या कि नेक निआब अउर इमानदारी का अहइ। इ सबइ नीक चिजियन अहइ। 10 तउ बुद्धि तोहरे मने मँ प्रवेस करी अउर गियान तोहरी आतिमा क आनन्दित करी।
11 तोहका नीक बुरा क बोध बचाइ, समुझबूझ भरी बुद्धि तोहार रखवारी करी। 12 बुद्धि तोहका बुरे लोगन क राहे स बचाइ। बुद्धि तोहका ओन लोगन स बचाइ जउन बुरी बात बोलत हीं। 13 अँधियारी गलियन मँ भटकइ बरे उ पचे सहल-सोझ राहन क तजि देत रहत हीं। 14 उ पचे बुरे करम करइ मँ हमेसा आनन्द मनावत हीं। उ पचे बुरे कार्य मँ हमेसा मगन रहत हीं। 15 ओन लोगन पइ बिस्सास नाहीं कइ सकित। उ पचे लबार अहइँ अउर छल करइवाला अहइँ। मुला तोहार बुद्धि अउर समुझ तोहका इन बातन स बचइहिं।
16 इ बुद्धि तोहका बदकार मेहरारु अउ ओकर चापलूसी स भरी बातन स बचाइ। 17 जउन आपन जवानी क साथी तजि दिहन वाचा क उपेच्छा परमेस्सर क समच्छ किहे रहा। 18 काहेकि ओकर घर मउत क गड्ढा मँ अहइ अउर ओकर राहन नरक मँ लइ जात हीं। 19 जउन भी ओकरे घर जात ह उ कबहुँ नाहीं लउटि पावत अउर ओका जिन्नगी क राहन कबहुँ नाहीं मिलतिन।
20 एह बरे तू नीक लोगन क मार्ग पइ चलइ चाही अउर तोहका हमेसा सत्यता क मार्गे पइ बना रहे चाही। 21 इमानदार जन अउर बे कसूर लोग आपन धरती पइ बसा रइहीं। 22 मुला जउन दुट्ठ धोका स बाज न अहइँ ओनका धरती स हटा दीन्ह जइहीं।
1 पौलुस क तरफ स, जउन एक प्रेरित अहइ, जे एक अइसेन सेवा बरत धारन किहे अहइ। जउन ओका न तउ मनइयन स मिला बा अउर न कउनो एक मनई क जरिये दीन्ह गवा रहा, बल्कि ईसू मसीह क जरिये उ परमपिता परमेस्सर स, जे ईसू मसीह मरे रहे प फिन स जियाइ दिहे रहा, दीन्ह भवा बा। 2 अउर मोरे साथे जउन भाइ अहइँ, ओन्हे सब ओर स,
गलातिया[a] छेत्र क कलीसियवन क नाउँ:
3 हमरे परमपिता परमेस्सर अउर पर्भू ईसू मसीह कइँती स तू सबन क अऩुग्रह अउर सान्ति मिलइ। 4 जे हमरे पापन बरे अपने आपके अर्पित कइ दिहेन ताकि इ पाप पुन्न संसारे स, जेहेमें हम रहत हई, उ हमका छुटकारा देवॉइ सकइ। हमरे परमपिता क इहइ इच्छा अहइ। 5 उ हमेसा महिमावान होइ। आमीन।
सच्चा सुसमाचार एक्कइ अहइ
6 मोका अचरज बा, कि तू सभे ऍतनी जल्दी उ परमेस्सर स मुँह मोड़के, जे मसीह क अनुग्रह द्वारा तू पचन क बोलाए रहा, कउनो दुसरे सुसमाचार क तरफ जात अहा। 7 कउनउ दुसर सुसमाचार तउ सहीयउ मँ अहइ ही नाहीं ना, मुला कछू जने अइसेन अहइँ जउन तोहे भरमावत अहइँ। अउर मसीह क सुसमाचार मँ हेर-फेर क जतन करत हीं। 8 मुला चाहे हम होई अउर चाहे केऊ सरगदूत या तू सबन क हमरे कारण सुनावा गवा सुसमाचार स अलग सुसमाचार सुनावत हीं तू ओका धिक्कार बा। 9 जइसेन की हम पहिले कहिं चुका हई, ओइसेन ही मइँ अब फिन दोहरावत अहउँ कि जदि चाहे हम होइ अउर चाहे केऊ सरगदूत, या तोहरे स स्वीकार कीन्ह गवा सुसमाचार स अलग सुसमाचार सुनावत हीं तउ ओका धिक्कार अहइ।
10 का एहसे तू सब्बन क अइसेन लागत ह कि मोका मनइयन क स्वीकृति चाही? या इ अउर परमेस्सर की स्वीकृति मिलइ। अउर का मइँ मनइयन क खुस करई क जतन करत हइ? अगर मइँ मनइयन क खुस करित ह तउ मइँ ईसू मसीह क सेवक-सा न होइत।
पौलुस क सुसमाचार परमेस्सर स मिला बा
11 भाइयो, मइँ तोहका जतावइ चाहित ह कि सुसमाचर जेकर उपदेस तू पचन क मइँ दिहे हउँ उ मनई द्वारा नाहीं बनावा गवा ह। 12 कउनउ मनई स मिला सुसमाचार नाहीं ना काहेकि न तउ मइँ एका कीहीउ मनई स पाएउँ हउँ अउर न तउ कउनउ मनई एकर उपेदस मोका दिहे बा। ईसू मसीह द्वारा हमरे सामने परगट भवा बा।
13 यहूदी धरम मँ मइँ पहिले कइसे जिअत रहेउँ ओका तू सुन चुक्या ह, अउर तू इहउ जानत ह कि मइँ परमेस्सर क कलीसिया पर केतॅना अत्याचार किहे हउँ अउर ओका मिटाइ डालइ क कोसिस तक किहे अहइ। 14 यहूदी धरम क पालइ मँ मइँ अपने जुगे क समकालीन यहूदियन स आगे रहेउँ काहेकि मोर पूर्वजन स जउन परम्परा मोका मिली रहिन, ओहमँ हमार उत्साहरपूरक आस्था रही।
15 मुला परमेस्सर मोरे जनम स पहिलेन मोका चुन लिहे रहा। अउर आपन अनुग्रह व्यक्त करइ क मोका बोलाइ लिहे रहा। 16 ताकि उ मोका अपने पूत (ईसू) क गियान कराइ देइ। जेसे मइँ गैर यहूदियन क बीच ओकरे सुसमाचार क प्रचार करउँ। ओह समइ जल्दी स मइँ कउनउ मनई स कउनउ राय नाहीं लिहेउँ। 17 अउर न तउ मइँ ओन्हन क लगे यरूसलेम गएउँ जउन मोसे पहिले प्रेरितन बना रहेन। बल्कि मइँ अरब गवा रहेउँ अउर फिन उहाँ स दमिस्क लउटि आएउँ।
18 फिन तीन साल क बाद पतरस स मिलइ बरे मइँ यरूसलम पहुँचेउ अउर ओकरे साथे एक पखवाड़ा ठहरेउँ। 19 मुला उहाँ मइँ पर्भू क भाई याकूब क देखिके कउनो अउर दुसरे प्रेरितन स नाहीं मिलेउँ। 20 मइँ परमेस्सर क साच्छी कइके कहत हउँ कि जउन कछू मइँ लिखत हउँ ओहमाँ झूठ नाहीं बा। 21 ओकरे बाद मइँ सीरिया अउर कलिकिया क देसन मँ गएउँ।
22 मुला यहूदीयन क मसीह क मानइवाले क कलीसियन अपने रूप स मोका नाहीं जानत रहेन। 23 मुला उ लोग स कहत सुनत रहेने, “उहइ मनई जउन पहिले हमका सतावत रहत रहा उही बिसवासे यानि उही बिसवास क प्रचार करत रहत ह जेका उ कभउँ खराब करई क कोसिस करे रहा।” 24 मोरे कारण उ पचे परमेस्सर क स्तुति किहेन।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.