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M’Cheyne Bible Reading Plan

The classic M'Cheyne plan--read the Old Testament, New Testament, and Psalms or Gospels every day.
Duration: 365 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
निर्गमन 21

दूसर कानून अउ हुकुम

21 तब परमेस्सर मूसा स कहेस, “इ सबइ नेम अहइँ जेकॉ तू लोगन क देब्या:

“जदि तू एक हिब्रू गुलाम खरीदत ह तउ उ तोहार सेवा सिरिफ छ बरिस करी। छ बरिस बाद उ अजाद होइ अउर ओका आजाद होइ बरे कछू नाहीं देइ क होइ। जदि उ मनई क बियाह तोहरे गुलामी स पहिले नाहीं भवा अहइ, तब जब उ अजाद होइ क टेमॅ मँ अकेले ही चला जाइ। मुला जदि उ तोहार गुलाम होइ स पहिले बियाहा होइ तउ उ आपन पत्नी क आपन संग लइ जाइ। जदि गुलाम बियाहा नाहीं होत तउ ओकर मालिक ओका मेहरारू दियाँइ सकत ह। जदि उ पत्नी, बेटवा अउर बिटिया क जन्मी, तउ उ पत्नी अउर ओकर बेटवा अउ बिटिया ओकर मालिक क होइहीं। आपन सेवा क समइ काटे क पाछे उ गुलाम अजाद कीन्ह जाइ।

“मुला इ होइ सकत ह कि गुलाम इ निहचय करइ कि उ आपन मालिक क संग रहइ चाहत ह। तब ओका इ कहइ क पड़ी, ‘मइँ आपन सुआमी स पिरेम करत हउँ। मइँ आपन पत्नी अउर आपन बचवन स पिरेम करत हउँ। मइँ अजाद नाहीं होब। मइँ हिअँइ रहब।’ जदि अइसा होइ तउ गुलाम क सुआमी ओका निआवाधीसन[a] क लगे लिआइ। उ ओका दरवाजा तलक लइ जाइ अउर उ कउनो तेज अउजार स गुलाम क कान छेदी। तब उ दास जिन्नगी भइ मालिक क सेवा करी।

“कउनो भी मनई आपन बिटिया क दासी क तरह बेचइ बरे ठान लेत ह। जदि अइसा होत ह तउ ओका अजाद करइ क कानून उ गुलाम मनई क आजाद करइ क कानून स अलग होइ।। जदि गुलाम क मालिक उ मेहरारू स संतुट्ठ न होइ तउ उ ओकरे बाप क बेच सकत ह। मुला जदि दासी क मालिक उ मेहरारू स बीहइ क बचन देइ तउ उ दूसर मनई क बेचइ क हक ओका नाहीं।” जदि दासी क सुआमी उ दासी स आपन बेटवा बीहइ क बचन देइ तउ ओसे दासी जइसा बेवहार नाहीं कीन्ह जाइ। ओकरे साथ बिटिया जइसा बेवहार करइ चाही।

10 “जदि दासी क सुआमी कउनो दूसर मेहरारू स अपने क बियाहत ह तउ ओका चाही कि उ पहली मेहरारू क कमती खइया के अउ ओढ़ना न देइ अउर न ही ओकर बियाहे क हक मँ कमती करइ। अउर ओका चाही कि उ सब चीजन्क बराबर देत रहइ चाही जेका पावइ क हक ओका बियाहे मँ मिला रहा। 11 उ मनई क ई तीन ठु चीज ओकरे बरे करइ चाही। जदि उ करत नाहीं तउ उ मेहरारू अजाद कीन्ह जाइ अउ एकरे बरे ओका कछू भी नाहीं देइ क पड़ी। ओका उ मनई बरे कउनो धने क देनदार न होइ क पड़ी।

12 “अगर कउनो मनई दूसर क मारत ह अउर ओका मारि डावत ह तउ मरवइया भी मारि डावा जाइ। 13 मुला कउनो संजोग होइ जात ह कि कउनो बे पहिले क जोजना बनाए कउनो क मारि डावत ह, तउ अइसा परमेस्सर क मर्जी स ही भवा होइ। मइँ कछू खास ठउरे क चुनब जहाँ मनई सुरच्छा बरे भागिके जाइ सकत हीं। इ तरह उ हत्तियारा भागिके एहमाँ स कउने भी ठउरे प जाइ सकत ह। 14 मुला जदि कउनो मनई कउनो मनई बरे किरोध या घिन धरे क कारण ओका जान बूझ क मारि डावइ क चाल चलत ह तउ उ हत्तियारा क जरूर सजा मिलइ चाही। उ मनई क मोरी वेदी स भी दूर लइ जाइ चाही अउर ओका मारि डावा चाही।

15 “कउनो मनई जउन महतारी बाप क मारइ तउ ओका जरूर मारि डावा जाइ।

16 “अगर कउनो मनई कउनो क गुलाम क तरह बिक्री करइ या आपन गुलाम बनवइ बरे अपहरण करइ तउ ओका जरूर मारि देइ चाही।

17 “कउनो मनई जउन अपने बाप या आपन महतारी क सरापत ह ओका जरूर मारि देइ चाही।

18 “दुइ मनई तहत्तुक करइँ अउ एक दुसरे क पथरे स या मूका स मारि सकत ह। उ मनई क तोहका कइसे सजा देइ चाही। जदि मार खावा मनई मरत नाहीं तउ मरवइया क न मारि डावइ चाही। 19 मुला जदि मार खावा मनई कछू समइ तलक खटिया प पड़ा रहइ तउ मरवइया क ओका हर्जाना देइ चाही। मरवइया ओकरे टेम क बर्बादी क धन स पूरा करइ। उ मनई तबहिं ताई ओका हर्जाना देइ जब तलक उ पूरी तरह स चंगा न होइ जाइ।

20 “कबहुँ-कबहुँ मनई आपन दास अउ दासी क पीट देत हीं। जदि पीटे-पाटे क पाछे उ दास मरि जात ह तउ हत्तियारा क जरूर सजा देइ चाही। 21 मुला दास अगर मरत नाहीं अउ कछू दिनाँ पाछे उ नीक होइ जात ह तउ उ मनई क सजा न दीन्ह जाइ। काहेकि दास क मालिक दास बरे धन दिहे रहा अउ उ दास ओकर अहइ।

22 “दुइ मनइ आपस मँ लड़इँ-भिड़इ अउ कउनो गर्भवाली अउरत क धक्का दइ देत हीं। जदि उ मेहरारू अपने लरिका क जन्मत ह, अउर महतारी बुरी तरह घायल नाहीं बा तउ धक्का देवइया क जरूर धन देइ चाही। उ मेहरारू क भतार इ तय करी कि उ मनई केतना धन देइ। जज उ मनई क इ तय करइ मँ मदद देइहीं कि उ धन केतना होइ। 23 जदि अउरत बुरी तरह घायल होइ तउ उ मनई क जउन ओका चोट पहुँचाएस ह जरूर सजा देइ चाही। जदि एक मनइ मारि डावा जात ह तउ हत्तियारा जरूर मारि डावा जाइ। तू एक जिउ क बदले दूसर जिउ लइ चाही। 24 तू आँखी क सन्ती आँखी, दाँत क सन्ती दाँत, हाथे क सन्ती हाथ, गोड़ क सन्ती गोड़। 25 जरइ क सन्ती जरावा, खोंचे क सन्ती खोंचा अउ घाउ क सन्ती घाउ होइ।

26 “अगर कउनो मनई गुलाम क आँखी क खोंचइ अउर अगर गुलाम उ आँखी स आँधर होइ जाइ तउ उ गुलाम अजाद कइ दीन्ह जाइ। ओकर आँखी ओकरी अजादी क कीमत अहइ। इ नेम मरद अउ मादा बरे दुइनउँ गुलाम एक ही तरह अहइ। 27 अगर दास क मालिक दास क मुँहना प मारइ अउ दास क कउनो दाँत टूटि जाइ तउ दास अजाद कइ दीन्ह जाइ। दाँस क दँतवा ओकरे अजादी क कीमत अहइ। इ दास अउ दासी दुइनउँ बरे एक तरह अहइ।

28 “अगर कउनो मनई क साँड़ कउनो मेहरारू या मनई क मार देत ह तउ तू पाथर क बइपरा अउ साँड़ क मारि डावा। तू उ साँड़े क खाइ नाहीं चाही। मुला साँड़े क मालिक अपराधी नाहीं बा। 29 मुला जदि साँड़ पहिले स मरकहा अहइ अउ साँड़े क सुआमी क ओराहना दइ दीन्ह गइ अहइ तउ उ सुआमी दोखी अहइ। काहेकि इ साँड़े क बाँधा या बाड़ा मँ बंद कइके नाहीं रखा गवा। तउ जदि साँड़ अनेरे छोरि दीन्ह ग होइ अउ कउनो क जान स मार देत ह। तउ सुआमी दोखी अहइ। तू पचन्क साँड़े क पाथरे स मारि देइ चाही अउर सुआमी क भी हत्तिया कइ देइ चाही। 30 मुला अगर मउत पावइवाला परिवार क मनई कसूरवार मनई स छुड़ौती क धन स्वीकार करत हीं, तउ छुड़ौती क धन निआवधीस क तय करइ चाही अउर साँड़े क मालिक क मारइ न चाही।

31 “इहइ नेम लागू करइ चाही जदि साँड़ कउनो मनई क बेटवा या बिटिया क मारि डावत ह। 32 मुला साँड़ जदि गुलाम क जान स मार देइ तउ साँड़ क मालिक दास क सुआमी क चाँदी क तीस सिक्का[b] देइ। अउ साँड़ भी पथरे स मारि डावा जाइ। इ नेम दास अउ दासी बरे एक तरह लागू होइ।

33 “जदि कउनो मनई एक खुला गड़हा या कुइयाँ खनइ अउ ओका मूँदइ नाहीं अउर कउनो मनई क जनावर आवइ अउ ओहमा गिरि पड़इ तउ गड़हा क मालिक दोखी बा। 34 गड़हा क मालिक जनावर बरे हर्जाना देइ मुला जनावर क हर्जाना दिए जाए प ओका उ जनावर क ल्हास लेइ दीन्ह जाइ।

35 “जदि कउनो क साँड़ कउनो दूसर मनई क साँड़े क मारि डावइ तउ उ साँड़ क जउन जिअत अहइ ओका बेंचइ दइ चाही। अउ एहसे मिले भए धन क आधा आधा हींसा दुइनउँ मनइयन क मिली। अउ मरे साँड़े का अधियाइ क दुइनउँ क जरूर बाँटि दीन्ह जाइ। 36 मुला उ मनई क साँड़ पहिले कउनो जनावरे क मारे अहइ तउ साँड़े क मालिक आपन साँड़ बरे जिम्मेदार अहइ। जदि ओकर साँड़ दूसर साँड़ क मारि डावत ह तउ उ अपराधी बा काहेकि उ साँड़े क अजाद छोड़ेस। उ मनई साँड़ क बदले साँड़ देइ। उ मरे भए साँड़ हरजाने मँ आपन साँड़ जरूर देइ।

लूका 24

ईसू क फिन जी उठब

(मत्ती 28:1-10; मरकुस 16:1-8; यूहन्ना 20:1-10)

24 हफ्ता के पहिले दिन बहोत भिन्सारे उ सबइ स्त्रियन कब्र पइ खुसबूदार सामग्री क, जेका उ पचे तइयार किहेन, लइके आइन। ओनका कब्र पइ स लुढ़कि गवा पाथर मिला। तउ उ पचे भीतर चली गइन मुला हुवाँ पर्भू ईसू क ल्हास नाहीं मिली। उ सबइ ऍह पइ अबहीं असमंजस मँ ही पड़ी रहिन कि, ओनके लगे चमचमात ओढ़ना पहिरे दुइ मनई (सरगदूतन) खड़ा भएन। डर स उ पचे धरती कइँती मुँहना लटकाए रहिन। उ दुइ मनइयन ओनसे कहेन, “जउन जिअत अहइ, ओका तू मुर्दवन क बीच काहे हेरति अहा? उ हिआँ नाहीं अहइ। उ जी उठा बा। याद कर जब उ अबहीं गलील मँ रहा, उ तोहसे का कहे रहा। उ कहे रहा कि मनई क पूत क पापी मनइयन क हाथ सौंप दीन्ह जाब तय अहइ। फिन उ क्रूस पइ चढ़ाइ दीन्ह जाइ अउर तिसरे दिन ओका फिन स जीवित कइ देब तय अहइ।” तब ओन स्त्रियन क ओकर सब्द याद होइ गएन।

उ पचे कब्र स लौटि आइन अउर उ सबइ सब बातन ओन ग्यारहु चेलन अउर दूसर सबन क बताएन। 10 इ पचे स्त्रियन रहिन, मरियम मगदलीनी, योअन्ना अउर याकूब क महतारी मरियम। उ सबइ अउर ओनके साथे क दूसर स्त्रियन इ बातन क प्रेरितन स कहत रहिन। 11 मुला ओनके सब्द प्रेरितन क बृथा जानि पड़ेन। तउ उ सबइ ओनका बिसवास नाहीं किहेन। 12 मुला पतरस खड़ा भवा अउर कब्र कइँती पराइ गवा। उ खाले निहुरिके लखेस मुला ओका सन क उत्तिम रेसम स बना कफन क अलावा कछू नाहीं देखाँइ दिहे रहा। फिन आपन मन ही जउन कछू भ रहा, ओहँ प अचरज करत भवा उ चला गवा।

इम्माऊस के रस्ते प

(मरकुस 16:12-13)

13 उहइ दिना ओकर चेलन मँ स दुइ, यरूसलेम स कउनो सात मील दूर बसा भवा इम्माऊस नाउँ क गाउँ क जात रहेन। 14 जउन घटना घटी रहिन, ओन सब प उ सबइ आपुस मँ बतियात रहेन। 15 जबहिं उ सबइ ओन बातन प बातचीत अउर सोच विचार करत रहेन तबहीं खुद ईसू हुवाँ हाजिर भवा अउर साथे साथे चलइ लाग। 16 (मुला ओनका ओका पहिचानइ स टोका गवा।) 17 ईसू ओनसे कहेस, “चलत चलत एक दुसरे स तू कउनो बातन प बतियत रह्या?”

उ पचे चलत चलत थम गएन। उ पचे दुःखी देखॉइ देत रहेन। 18 ओहमाँ स किलयोपास नाउँ क एक मनई ओसे कहेस, “यरूसलेम मँ रहइवाला अकेल्ला तू ही अइसा मनई होब्या जउन पिछले दिनन जउन बातन घटी अहइँ, ओका नाही जानत्या।”

19 ईसू ओनसे पूछेस, “कउन सी बातन?”

उ पचे ओसे कहेन, “सब नासरत क ईसू क बारे मँ अहइँ। इ एक अइसा मनई रहा जे जउन किहेस अउर कहेस ओहसे परमेस्सर अउर सबहीं मनइयन क समन्वा इ देखॉइ दिहस कि उ एक महान नबी रहा। 20 अउर हम इ बारे मँ बातन करत रहेन कि हमरे मुख्ययाजकन अउर नेतन ओका कइसे मउत क सजा देइ बरे सौंपि दिहेन। अउर उ पचे ओका क्रूस प चढ़ाइ दिहन। 21 हमार आसा रही कि इहइ रहा उ जउन इस्राएल क अजाद करावत।

“अउर इ सब कछू क अलावा इ घटना क भए आजु तीसर दिन अहइ 22 अउर हमरी टोली क कछू स्त्रियन हमका अचरजे मँ डाइ दिहन ह। आजु भोर मँ भिन्सारे उ पचे कब्र प गइन। 23 मुला ओनका ल्हास नाही मिली। उ सबइ लौटि आइन अउर हमका बताएन कि उ पचे सरगदूतन क दर्सन पाइ गइन ह जउन कहे रहेन कि उ जीवित अहइ। 24 फिन हम पचन मँ स कछू कब्र प गएन अउर जइसा स्त्रियन बताए रहिन, उ पचे हुवाँ वइसा ही पाएन उ सबइ ओका नाहीं देखेन।”

25 तब ईसू ओनसे कहेस, “तू पचे केतना मूरख अहा अउर नबियन जउन कछू कहेन, ओह प बिसवास करइ मँ केतॅना धीमे अहा। 26 का मसीह बरे इ जरूरी नाही रहा कि उ इ दारूण दुःखन क झेलइ अउर इ तरह आपन महिमा मँ घुसि जाइ?” 27 अउर इ तरह मूसा स सुरू कइके सबहिं नबियन तलक अउर पवित्तर सास्तरन मँ ओकरे बारे मँ जउन कहा गवा रहा, उ ओका खोलिके ओनका समझाएस।

28 उ पचे जब उ गाउँ क लगे आएन, जहाँ जात रहेन, ईसू अइसा बर्ताव किहेस, जइसे ओका अगवा जाइके होइ। 29 मुला उ पचे ओसे जबरदस्ती हठ करत भए कहेन, “हमरे साथ ठहर जा काहेकि करीब करीब साँझ होइ गइ अहइ अउर अब दिन ओनवइ क रहा।” तउ उ ओकरे संग ठहरइ भीतर आइ गवा।

30 जब ओनके संग उ खइया क मेजे प रहा तबहीं उ रोटी उठाएस अउर धन्यवाद दिहस। फिन ओका तोड़िके जब उ ओनका देत रहा 31 तबहीं ओनकइ आँखी खोलि दीन्ह गइ अउर उ पचे ओका पहिचान लिहन। मुला उ ओनके समन्वा स अन्तर्धान होइ गवा। 32 फिन उ आपुस मँ बोलेन, “रास्ता मँ जब उ हमसे बात करत रहा अउर हमका पवित्तर सास्तरन क समझावत रहा तउ का हमरे हिरदइ क भीरत आगी भी नाहीं भड़क गइ?”

33 फिन उ तुरंत खड़ा भएन अउर वापस यरूसलेम क चल दिहेन। हुवाँ ओनका ग्यारहवाँ प्रेरित अउर दूसर ओनके संग ऍकट्ठा मिलेन, 34 जउन कहत रहेन, “पर्भू, असल मँ जी उठा अहइ। उ समौन (पतरस) क दर्सन दिहेस ह।”

35 फिन उ दुइनउँ राह मँ जउन भवा रहा, ओकर ब्यौरा दिहन अउर बताएन कि जब उ रोटी क कउर लिहेस, तब उ सबइ ईसू क पहिचान लिहन।

ईसू क आपन चेलन क समन्वा परगट होब

(मत्ती 28:16-20; मरकुस 16:14-18; यूहन्ना 20:19-23; प्रेरितन 1:6-8)

36 अबहीं उ पचे ओनका इ बातन बताइ ही रहत रहेन कि उ खुद ओनके बीच आइ खड़ा भवा अउर ओनसे बोला, “तोहका सान्ति मिलइ।”

37 मुला उ पचे चौंकिके सहम गएन। उ पचे सोचेन जइसे उ सबइ कउनो भूत लखत होइँ। 38 मुला उ ओनसे बोला, “तू अइसे घबरान काहे अहा? तोहरे मनवा मँ सन्देह काहे उठति अहइ? 39 मोरे हाथन अउर मोरे गोड़े क लखा। तू देख सकत ह कि इ सच मँ मइँ अहउँ। मोका छुआ, अउर लखा कि कउनो भूत क माँस अउर हाड़ नाही होतिन अउर जइसा कि तू लखत अहा कि, मोर उ सबइ अहइँ।”

40 इ कहत भवा उ हाथ अउर गोड़ ओनका देखाएस। 41 मुला आपन आनन्द क कारण उ पचे अब भी ओह पइ बिसवास नाही कइ सकेन। उ पचे भउचक्का रहेन। तउ ईसू ओनसे कहेस, “हिआँ तोहरे पास कछू खाइ क अहइ।” 42 उ पचे पकाइ गइ मछरी क एक टुकड़ा ओका दिहन। 43 अउर उ ओका लइके समन्वा खाएस।

44 फिन उ ओनसे कहेस, “ई बातन उ सबइ अहइँ जउन मइँ तोहसे तब कहे रहेउँ, जब मइँ अबहीं तोहरे संग हउँ। हर उ बात जउन मोरे बारे मँ मूसा क व्यवस्था मँ, नबियन क किताबन अउर भजन संहिता मँ लिखी अहइ, पूरी होब ही अहइ।”

45 फिन पवित्तर सास्तरन क समझइ बरे उ ओनकइ बुद्धि क दुआर खोल दिहस। 46 अउर उ ओनसे कहेस, “इ उहइ अहइ, जउन लिखा अहइ कि मसीह दारूण दुख भोगी अउर तिसरे दिन मरे हुअन मँ स जी उठी। 47-48 अउर पापे क छमा बरे मनफिराव क इ संदेस यरूसलेम स सुरु होइके सब देसन मँ प्रचार कीन्ह जाइ। तू इ बातन क साच्छी अहा। 49 अउर अब मोरे परमपिता मोसे जउन सपथ किहेस ह, ओका मइँ तोहरे बरे पठउब। मुला तोहका इ सहर मँ उ समइ तलक ठहरे रहइ क होइ जब तक तू सरगे क सक्ती स जुरा न ह्वा।”

ईसू क सरग क वापसी

(मरकुस 16:19-20; प्रेरितन 1:9-11)

50 ईसू फिन ओनका बैतनिय्याह तलक बाहेर लइ गवा अउर उ हथवा उठाइके आसीर्बाद दिहेस। 51 ओनका आसीर्बाद देत देत उ ओनका तजि दिहेस अउर फिन ओका सरगे मँ उठाइ लीन्ह गवा। 52 तब उ पचे ओकर आराधना किहेन अउर असीम आनन्द लइके यरूसलेम लौटि आएन। 53 अउर मंदिर मँ परमेस्सर क स्तुति करत भएन उ पचे आपन दिन काटइ लागेन।

अय्यूब 39

39 “अय्यूब का तू जानत अहा कि कब पहाड़ी बोकरियन बियात हीं?
    का तू कबहुँ लख्या जब हिरणी बियात ह
अय्यूब, का तू जानत ह पहाड़ी बोकरियन अउ महतारी हरिणियन केतँने महीने आपन बच्चन क गर्भ मँ राखत हीं?
    का तोहका पता अहइ कि ओनकर बियाइ क उचित समइ का अहइ?
का तू जानत ह क उ पचे बच्चा क जनम दइ बरे कब झुकत ह।
    का तू जानत ह कि उ पचे आपन बच्चन क कब जनम देत ह।
पहाड़ी बोकरियन अउर हरिणि महतारी क बच्चन खेतन मँ हट्टा कट्टा होइ जात हीं।
    फुन उ पचे आपन महतारी क तजि देत हीं, अउर फुन लउटिके वापस नाहीं अउतेन।

“अय्यूब, जंगली गदहन क कउन अजाद छोड़ देत ह?
    कउन ओनकर रस्सन क खोलेस अउर ओनका बन्धन स अजाद किहेस?
इ मइँ परमेस्सर हउँ जउन बनेर गदहा क घर क रुप मँ रेगिस्तान दिहेउँ।
    मइँ ओनका रहइ बरे उजाड़ धरती दिहेउँ।
बनेर गदहा सोर स भरा भवा सहरन क लगे नाहीं जात ह
    अउर कउनो भी मनई ओका काम करवावइ बरे नाहीं साधत ह।
बनेर गदहन पहाड़न मँ घूमत हीं
    अउर उ पचे हुअँइ घास चरत रहत हीं।
    उ पचे हुअँइ पर हरिअर घास चरइ क हेरत रहत हीं।

“अय्यूब, बतावा, का कउनो जंगली साँड़ तोहरी सेवा बरे राजी होइ?
    का उ तोहरे चरही मँ राति क रुकी?
10 अय्यूब, का तू जंगली बर्धा पइ जुआ रख पइ आपन खेत जोतँवाइ सकत ह?
    का घाटी क तोहरे वास्ते जोतँइ बरे उ पचन पइ जुआ रखइ जाब्या?
11 जंगली साँड़ बहोत मजबूत होत ह।
    मुला का तू आपन काम करइ बरे ओन पइ भरोसा कइ सकत ह?
12 का तू ओह पइ भरोसा कइ सकत ह कि उ तोहार अनाज बटोरइ
अउर ओका दाँवइ मँड़ाइ[a] क खरिहाने मँ लिआवइ।

13 “सुतुरमुर्ग जब खुस होत ह उ आपन पंख फड़फड़ावत ह।
    मुला ओकर पंख सारस क पंख जइसे नाहीं होतेन।
14 मादा सुतुरमुर्ग धरती पइ अण्डा देत ह।
    सबइ अण्डा रेत मँ गरम होइ जात ह।
15 मुला सुतुरमुर्ग बिसरि जात ह कि कउनो ओकरे अण्डन पइ चलिके कुचर सकत ह,
    या कउनो बनेर पसु ओनका तोड़ सकत ह।
16 मादा सुतुरमुर्ग आपन नान्ह बच्चन पइ कठोर होइ जात ह
    जइसे उ पचे ओकर बच्चन नाहीं अहइँ।
    अगर ओकर बच्चन मरि भी जाइँ तउ भी ओका चिन्ता नाहीं होतह, अउर ओकर सब काम अकारथ होत ह।
17 परमेस्सर सुतुरमुर्ग क विवेक नाहिं दिहेस,
    अउर उ ओका कउनो समझदारी नाहीं दिहस ह।
18 मुला जब सुतुरमुर्ग दउड़इ क उठत ह
    तब ध्धोड़न अउ ओकरे सवार पइ हँसत ह।

19 “अय्यूब, बतावा का तू ध्धोड़न क बल दिहा
    अउर का तू ही ओकर गटई पइ फहरती अयाल जमाया ह?
20 अय्यूब, बतावा जइसे टिड्डी कूद जात ह तू वइसे धोड़ा क कुदाया ह
    घोड़ा ऊँची अवाजे मँ हिनहिनात ह अउर लोग डेराइ जात हीं।
21 घोड़ा घुस अहइ कि उ बहोत बलवान बाटइ अउर आपन खुरे स धरती क खतन रहत ह।
    जुदध मँ जात भवा घोड़ा तेज दौड़ जात ह।
22 घोडा डरे क हँसी उड़ावत ह काहेकि उ कबहुँ नाहीं डेरात।
    घोड़ा कबहुँ भी जुदध स मुँह नाही मोड़त ह।
23 घोड़ा क बगल मँ तरकस थिरकत रहत हीं।
    घोड़सवारन क भलन अउ हथियार धूपे मँ चमचामत रहत हीं।
24 घोड़ा बहोत उत्तेजित अहइ, मैदान पइ उ तेज चाल स दउड़त ह।
    घोड़ा जब बिगुल क आवाज सुनत ह तब उ सान्त खड़ा नाहीं रहि सकत।
25 बिगुल क ध्वनी पइ घोड़ा हिन ‘हिनावत’ ह।
    उ बहोत ही दूर स जुद्ध क सूँघ लेत ह।
    उ सेना क सनापती क आदेस अउर जुध्या क हाहाकार अउ जयजयकार क सुन लेत ह।

26 “अय्यूब, का तू बाज क सिखाया आपन पखनन क फइलाउब अउर दक्खिन कइँती उड़ि जाब।
27 अय्यूब का तू उकाब क उड़इ क
    अउर ऊँच पहाड़न मँ आपन झोंझ बनावइ क आग्या देत ह।
28 उकाब चट्टाने पइ रहा करत ह।
    ओकर किला चट्टान होत ह।
29 उकाब किला स आपन सिकार पइ निगाह राखत ह।
    उ बहोत दूर स आपन सिकार क लखि लेत ह।
30 गिद्ध क बच्चन लहु चाटा करत हीं।
    जहाँ भी ल्हासन पड़ा होत हीं हुवाँ गिद्ध बटुर जात हीं।”

2 कुरिन्थियन 9

साथियन क मदद करा

अब परमेस्सर क लोगन क सेवा क बारे मँ तोहे एह तरह से लिखत चला जाब मोरे बरे जरूरी नाहीं बा। काहेकि सहायता क बरे तोहर लोगन क मइँ जानत हउँ अउर ओकरे बरे मैसीडोनिया निवासियन क सामने इ कहत मोका गरब बा कि अखाया क लोग तउ, पिछले साल से ही तइयार अहइँ। अउ तोहरे उत्साह तउ ओनमें से जियादातर काम बरे प्रेरणा दिहे अहइँ। मुला मइँ भाइयन क तोहरे लगे इही बरे भेजत हउँ कि तोहके लइक मइँ जउन गरब करत हउँ, उ ऐह बारे मँ खराब सिद्ध न होई। अउर एह बरे की तू तइयार रहा, जइसेन की मइँ कहत आएउँ ह। नाहीं तउ जब केउ मैसीडोनिया बासी मोरे साथे तोहरे लगे आवइ अउर उ पचे तोहे तइयार न पावइँ तउ तोहरे ऊपर बिसवास करइ क कारण हमार बदनामी होइ, इहइ नाहीं काहेकि एहमे तोहार बदनामी होइ। (तू अउर जियादा लज्जित होब्या।) इहीं बरे मइँ भाइयन स इ कहब जरूरी समझा कि उ हमसे पहिले ही तोहरे लगे जाइँ अउर जेन उपहारन क दइ क तू पहिलेन ही बचन दइ चुका अहा ओन्हे पहिलेन से उदारतापूर्वक तइयार रखा। इही बरे इ दान स्वेच्छापूर्वक तइयार रखा जाइ न कि दबाउ क साथे तोहसे छीनी गइ कउनउ चीज के रूप मँ।

एका याद रक्खा। जे छितरा बोवत हीं, उ छितरा ही कटिहीं। अउर जेकर बुआइ सघन बा, उ सघनइ काटी। सब कउनो बिना कउनउ कस्ट क य बिना कउनउ दबाउ क, उतनइ देइ जेतना उ मने मँ सोचे अहइ। काहेकि परमेस्सर खुस मनइयन से ही पिरेम करत ह। अउ परमेस्सर तोहपे सब प्रकार क अच्छा बरदानन क वर्सा कइ सकत ह जेसे तू अपने जरूरत क सब चीजन मँ हमेसा खुस होइ सकत ह अउर सब अच्छे कामन क बरे फिन तोहरे लगे जरूरत से जियादा रही। जइसेन की पवित्तर सास्तर मँ लिखा बा:

“मुक्त भाव से ऊ देत हउ देत ह दीन लोगन क
    अउर बनी रहत ह ओकर हमेसा दया क हमेसा हमेसा बरे।” (A)

10 उ परमेस्सर ही बोवइवाले क बीज अउर खाइवाले क भोजन देत ह। उहइ तोहे आत्मिक बीज देई अउ ओकर बढ़वार करी। उही से तोहरे नीक क खेती फूली फली। 11 तू सब प्रकार से सम्पन्न बनावइ जाब्या ताकि तू हर असर पर उदार बन सका। तोहार उदारता परमेस्सर बरे लोगन क धन्यवाद क पैदा करी।

12 दान क इ पवित्तर सेवा मँ तोहार योगदान से न केवल पवित्तर लोगन क जरुरत पूरी होत ह। बल्कि परमेस्सर बरे बहुत जियादा धन्यवाद क भाउ भी उपजत ह। 13 काहेकि तोहरे इ सेवा स जउन प्रेरित होकर परगट होत ह, ओसे लोग परमेस्सर क स्तुति करिहीं। काहेकि ईसू मसीह क सुसमाचार मँ तोहरे बिसवासे क घोसणा से पैदा भई तोहार आग्या क कारण अउर अपने क कारण ओनके बरे अउ अपने दयालुपन क कारण क ओनके बरे अउर दुसरे सब लोगन बरे तू दान देत ह। 14 अउर पचे तोहरे बरे पराथना करत तोहसे मिलइ क बड़ी इच्छा करिहीं। तोहपे परमेस्सर क असीम अनुग्रह क कारण 15 उ भेंट क बरे जेकर बखान नाहीं कीन्ह सकत ह, परमेस्सर क धन्यवाद अहइ।

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.