M’Cheyne Bible Reading Plan
दस आग्यन
20 तबहिं परमेस्सर कहेस,
2 “मइँ तोहार परमेस्सर यहोवा हउँ। मइँ तोहका मिस्र देस स बाहेर लइ आएउँ। मइँ तोहका गुलामी स अजाद करावा। ऍह बरे तोहका सचमुच इन आदेसन क मानइ चाही।
3 “तोहार लगे मोर अलावा अउर कउनो देवतन नाहीं होइ चाही।
4 “तोहका कउनो भी मूर्ति या कउनो भी चीज क कउनो तस्वीर जिन बनवा जउन ऊपर अकासे मँ या खाले भुइयाँ प या धरती क तरखाले पानी मँ होइ। 5 कउनो भी तरह क मूर्ति क आराधना जिन करा, अउर न ही ओकर सेवा करा। काहेकी मइँ तोहार यहोवा परमेस्सर हउँ। मइँ ईस्यालु परमेस्सर हउँ। जउन मनई मोरे खिलाफ पाप करत ह तउ उ हमार दुस्मन होइ जात ह। मइँ उ मनइयन क सजा देब। अउर मइँ ओनके गदेलन, ओनके नातिन पोतन अउ ओनके पर-नतिन पोतन क भी सजा देब। 6 मुला मइँ ओन लोगन प कृपा करब जउन मोसे पिरेम करिहीं अउ मोरे हुकुमन क मनिहीं। मइँ ओनके परिवारे बरे हजारन पीढ़ी तलक कृपा करब।
7 “तोहरे परमेस्सर यहोवा क नाउँ क बइपरब तोहका गलत ढंग स नाहीं करइ चाही। जदि कउनो मनई यहोवा क नाउँ क प्रयोग गलत ढंग स करत ह तउ उ अपराध करत ह अउ यहोवा ओका बे अपराधे क न मनिहीं।
8 “तोहका सबित क दिन क एक खास दिन क रूप मँ मनावइ क याद रखइ चाही। 9 हफ्ता मँ तू छ दिन तलक काम कइ सकत ह। 10 मुला सातवाँ दिन, सबित क दिन यहोवा तोहरे परमेस्सर क मान देइ बरे अराम क दिन अहइ। ऍह बरे उ दिन कउनो व्यक्ति-तू, तोहार बेटवा अउ बिटिया तोहरे नउकर अउ नउकरानी, गोरू अउर तोहरे सहर मँ रहइवाला बिदेसी क काम न करिहीं चाही। 11 काहेकी यहोवा छ: दिना तलक काम किहेस अउ अकास, धरती, सागर अउ ओनके बरे हर चीज बनएस। अउ सातवाँ दिन यहोवा अराम किहेस। इ तरह यहोवा सबित क दिन क बरदान दिहेस कि ओका अराम क पवित्तर दिन क रूप मँ मनावा जाइ। यहोवा ओका बहोत ही खास दिन बनएस।
12 “आपन बाप अउ महतारी क इज्जत करा। इ करा ताकि तू उ धरती प जउन धरती क परमेस्सर तोहका देत अहइ, लम्बी जिन्नगी बिताइ सका।
13 “तोहका कउनो व्यक्ति क कतल नाहीं करइ चाही।
14 “तोहका जिनाखोरी क पाप न करइ चाही।
15 “तोहका चोरी न करइ चाही।
16 “तोहका आपन पड़ोसी क खिलाफ झूठी गवाही न देइ चाही।
17 “तोहका पड़ोसी क घर हथियावइ क इच्छा न करइ चाही। तू आपन पड़ोसी क मेहरारू, ओकर नउकर अउ नउकरानी, ओकर गोरू अउ ओकरे गदहा क हथियावइ क इच्छा नाहीं करइ क चाही। तोहका दूसर व्यक्ति क चीजन्क लेइ क इच्छा न करइ चाही।”
लोगन यहोवा स डेरानेन
18 घाटी मँ लोग बदरे क गर्जब अउ पहाड़े प बिजुरी क चमकब निहारेन। उ पचे बिगुल क अवाज सुनेन अउ पहाड़े स धुआँ उठब लखेन। मनइयन डेरानेन अउ भय स काँपि गएन। उ पचे पर्वते स दूर ठाड़ रहेन अउ निहारत रहेन। 19 तब लोगन मूसा स कहेन, “जदि तू हम पचन स कछू कहइ चहब्या तउ हम पचे सुनब। मुला परमेस्सर क हम पचन स बात जिन करइ द्या। जदि इ होइ तउ हम पचे मरि जाब।”
20 तब मूसा लोगन स कहेस, “जिन डेराअ। यहोवा तोहार परिच्छा लइ बरे आएस ह। उ चाहत ह कि तू पचे ओका मान द्या जेहसे तू पचे पाप जिन कइ सका।”
21 लोग उ समइ उठिके पर्वते स दूर चला गएन जबहिं मूसा उ घना बदरे मँ गवा जहाँ यहोवा रहेन। 22 तबहिं यहोवा मूसा स इस्राएलियन क कहइ बरे इ बातन क कहेस: “तू पचे निहार्या ह कि मइँ तोहसे अकास स बात कीन्ह ह। 23 ऍह बरे तू पचे मोरी बराबरी करइ बरे सोना अउ चाँदी क मूर्ति जिन बनवा। तोहका झूठे देवतन क मूतिर्यन न बनवइ चाही।
24 “मोरे बरे एक खास वेदी बनवा। इ वेदी बनवइ बरे मिटी बइपरा। इ वेदी प मोका बलि क रूप मँ होम बलि अउ सान्ति भेंट चढ़ाइ द्या। इ काम बरे आपन भेड़ अउ गोरू क इस्तेमाल करा। ऍका उ सबहिं ठउरे प करा जहाँ मइँ आपन क याद करइ बरे कहउँ। तबहिं मइँ आउब अउ तोहका आर्सीबाद देब। 25 जदि तू लोग वेदि क बनवइ बरे चट्टान क बइपरत ह तउ उ पाथर क न बइपरइँ जउने पाथर क लोह क औजार स काटा गवा ह। जदि तू अइसा करत ह तउ मइँ उ वेदी क अगींकार न करब। 26 तू पचे वेदी प पहुँचइ बरे सीढ़ी जिन बनया। जदि सीढ़ी होइ तउ लोग ऊपर वेदी क लखिहीं तउ उ पचे तोहरे ओढ़ना क नीचे स तोहका निहरिहीं।”
पिलातुस ईसू स पूछताछ किहेस
(मत्ती 27:1-2,11-14; मरकुस 15:1-5; यूहन्ना 18:28-38)
23 फिन सारा जमघट खड़ा होइ गवा अउर ओका पिलातुस क समन्वा लइ गवा 2 अउर उ पचे ओह पइ इ दोख लगावइ लागेन। उ सबइ कहेन, “हम पचे इ मनई का हमरे मनइयन क बहकावत भए धरा ह। इ कैसर क चुंगी (टैक्स) चुकावइ बरे खिलाफत करत ह अउर कहत ह इ खुद मसीह अहइ, एक राजा।”
3 ऍह पइ पिलातुस ओहसे पूछेस, “का तू यहूदियन क राजा अहा?”
ईसू ओका जवाब दिहास, “तू ठीक कहत रह्या कि मइँ उहइ हउँ।”
4 ऍह पइ पिलातुस मुख्ययाजकन अउर भीड़ से कहेस, “मोका इ मनई प कउनो दोख लगावइ क कउनो प्रमाण नाहीं देखॉइ देत।”
5 मुला उ पचे इ कहत भए दबाव डावत रहने, “इ समूचइ यहूदिया मँ मनइयन क आपन उपदेस स भड़काएस ह। इ ऍका गलील मँ सुरू किहे रहा अउर समूचइ रस्ता पार कइके हिआँ तलक आइ पहुँचा अहइ!”
ईसू क हेरोदेस क लगे पठउब
6 पिलातुस इ सुनिके पूछेस, “का इ मनई गलील क अहइ?” 7 फिन जब ओका इ पता लाग कि उ हेरोदेस क अधिकार पहँटा क मातहत अहइ तउ उ ओका हेरोदेस क लगे पठएस जउन उ समइ यरूसलेम मँ ही रहा।
8 तउ हेरोदेस जब ईसू क निहारेस तउ उ बहोत खुस भवा काहेकि बरिसन स ओका लखइ चाहत रहा। काहेकि उ ओकरे बारे सुनि चुका रहा अउर ओका कउनो अद्भुत कारज करत भवा लखइ क आसा करत रहा। 9 उ ईसू स ढेर सवाल किहेस मुला ईसू ओका कउनो जवाब नाहीं दिहेस। 10 मुख्ययाजकन अउर धरम सास्तिरियन हुवँइ खड़ा रहेन अउर उ सबइ ओह प बुरी तरह स जुर्म लगावत रहेन। 11 हेरोदेस भी आपन सैनिकन क संग ओकर बेज्जत ब्यौहार किहेस अउर ओकर मसखरि उड़ाएस। फिन उ सबइ ओका एक उत्तिम चोगा पहिराइ के पिलातुस क लगे वापस पठइ दिहेस। 12 उ दिन हेरोदेस अउर पिलातुस एक दूसर क मीत होइ गएन। ऍसे पहिले तउ एक दूसर क बैरी रहेन।
ईसू क मरब रहा
(मत्ती 27:15-26; मरकुस 15:6-15; यूहन्ना 18:39–19:16)
13 फिन पिलातुस मुख्ययाजकन, यहूदी नेतन अउर मनइयन क एक संग बोलाएस। 14 उ ओनसे कहेस, “तू इ मनइयन क बहकावइ वाला मनई क रूप मँ हिआँ मोरे लगे लइ आए अहा। अउर मइँ हिआँ अब तोहरे समन्वा ही ऍकर जाँच पड़ताल कइ लीन्ह ह अउर तू ऍह पइ जउन दोख लगाया ह ओकर न तउ कउनो ठोस सबूत मिलि पावा ह। 15 नाहीं हेरोदेस क काहेकि उ ऍका वापस हमरे लगे पठइ दिहेस ह। जइसा कि तू लखत अहा कि इ अइसा कछू नाहीं किहे अहइ कि इ मउत क काबिल अहइ। 16 यह बरे मइँ ऍका कोड़ा स पिटवाइ क छोड़ देबूँ।” 17 [a]
18 मुला उ सबइ एक संग चिल्लाएन, “इ मनई क लइ जा। हमरे बरे बरअब्बा क तजि द्या।” 19 (बरअब्बा क सहर मँ मार धाड़ अउर कतल बरे जेल मँ धाँधा गवा रहा।)
20 पिलातुस ईसू क तजि देइ चाहत रहा, तउ उ ओनका समझाएस। 21 मुला उ पचे नारा लगावत रहेन, “ऍका क्रूस प चढ़ाइ द्या, ऍका क्रूस प चढ़ाइ द्या!”
22 पिलातुस ओनसे तिसरी दाईं पूछेस, “मुला इ मनई जुर्म का किहे अहइ? मोका ऍकरे खिलाफ कछू नाहीं मिला बाटइ जउन ऍका मउत क सजा दीन्ह जाइ. एह बरे मइँ कोड़वा लगावाइ के ऍका छोड़ि देइहउँ।”
23 मुला उ सबइ ऊँच आवाज मँ नारा लगाइके माँग करत रहेन कि ओका क्रूसे प चढ़ाइ दीन्ह जाइ। अउर ओकइ नारा क कुलाहल ऍतना बाढ़ि गवा क 24 पिलातुस फैसला किहेस कि ओनकइ माँग मान लीन्ह जाइ। 25 पिलातुस उ मनई क छोड़ दिहस जेकॅा मार धाड़ अउर कतल बरे जेलि मँ धाँधा ग रहा (इ उहइ रहा जेकरे तजि देइ क उ पचे माँग करत रहेन।) अउर ईसू क ओकरे हाथन मँ सौंपि दिहन कि उ सबइ जइसा चाहइँ, करइँ।
ईसू क क्रूस प चढ़ावा जाब
(मत्ती 27:32-44; मरकुस 15:21-32; यूहन्ना 19:17-27)
26 जब उ सबइ ईसू क लइ जात रहेन तउ उ पचे कुरेनी क बसइया समौन नाउँ क एक मनई क, जउन आपन खेते स आवत रहा, धइ लिहन, अउर ओह पइ क्रूस लादिके ओका ईसू क पाछे पाछे चलइ क मजबूर कइ दिहन।
27 मनइयन एक भारी भीड़ ओकरे पाछे चलत रही। एहमां कछू स्त्रियन भी रहिन जउन ओकरे बरे रोवत रहिन अउर बिलापत रहिन। 28 ईसू ओनके कइँती मुड़ि गवा अउर बोला, “यरूसलेम क स्त्रियो, मोरे बरे जिन बिलापा बल्कि तू पचे आपन बरे अउर आपन बचवन बरे बिलाप करा। 29 काहेकि अइसे दिनन आवत अहइँ जब मनइयन कइहीं, ‘उ सबइ स्त्रियन धन्य अहइँ, जउन बाँझ बाटिन अउर धन्य अहइँ, उ सबइ कोख जउन कउनो क कबहूँ जनम ही नाहीं दिहन। उ सबइ चूची धन्य अहइँ कबहूँ दूध नाहीं पियाएन।’ 30 फिन उ पचे पहाड़न स कइहीं, ‘हम पइ फाटि पड़ा!’ अउर पहाड़ियन स कइहीं, ‘हमका ढाँकि ल्या!’ (A) 31 काहेकि मनइयन जब बृच्छ हरियर बाटइ, ओकरे संग तब अइसा करत हीं तउ जब पेड़ झुराइ जाइ तब का होइ?”
32 दुइ अउर मनई, जउन दुइनउँ ही अपराधी रहेन, ओकर संग मउत क सजा दिये बरे लइ जावा जात रहेन। 33 फिन जब उ पचे उ ठउरे प आएन जउन खोपड़ी कहवावत ह तउ उ पचे ओन दुइउँ अपराधियन क संग ओका क्रूस प चढ़ाइ दिहन, एक अपराधी क ओकरे दाहिन कइँती अउर, दूसर क बाईं कइँती।
34 ऍह पइ ईसू बोला, “हे परमपिता, ऍनका छमा कर्या काहेकि इ पचे नाहीं जानतेन कि इ सबइ का करत अहइँ।”
फिन उ सबइ पॉसा फेंकिके ओकरे ओढ़ना क बाँटि लिहन। 35 हुवाँ खड़ा भएन मनइयन लखत रहेन। यहूदी नेतन ओकर मसखरी करत भएन बोलेन, “इ दूसरन क उद्धार किहे अहइ। अगर उ परमेस्सर क चुना भवा मसीह अहइ तउ ऍका आपन खुद क रच्छा करइ द्या।”
36 सैनिकन भी आइके ओकर मसखरी उड़ाएन। उ पचे ओका दाखरस पिअइ क दिहेन 37 अउर कहेन, “जदि तू यहूदियन क राजा अहा तउ आपन खुद क बचाइ ल्या।” 38 (ओकरे ऊपर इ खबर छापी गइ “इ अहइ यहूदियन क राजा।”)
39 हुवाँ लटकावा भवा अपराधियन मँ स एक ओका बेज्जत करत भवा कहेस, “का तू मसीह नाहीं अहइ? हमका अउर आपन खुद क बचाइ ल्या!”
40 मुला दूसर उ पहिले अपराधी क फटकारत भवा कहेस, “का तू परमेस्सर स नाहीं डेरात्या? तोहका भी उहइ सजा मिलति अहइ 41 मुला हमार सजा तउ उचित निआव स भरी अहइ काहेकि हम जउन कछू कीन्ह, ओकरे बरे जउन हमका मिलइ चाही रहा, उहइ मिलत बा मुला इ मनई तउ कछू भी बुरा नाहीं किहेस।” 42 फिन उ बोला, “ईसू, जब तू आपन राज्य मँ आवा तउ मोका याद राख्या।”
43 ईसू ओसे कहेस, “मइँ तोहसे सच कहत हउँ, आज ही तू सरगलोक मँ मोरे संग होब्या।”
ईसू क मउत
(मत्ती 27:45-46; मरकुस 15:33-41; यूहन्ना 19:28-30)
44 उ समइ दिना क बारह बजा होइ तबहीं तीन बजे तलक समूची धरती प गहिर अँधियारा छाइ गवा। 45 सूरज भी नाहीं चमकत रहा। ओहर मंदिर मँ परदे क फटे क दुइ टुका होइ गएन। 46 ईसू ऊँच आवाज मँ पुकारेस, “हे परमपिता, मइँ आपन आतिमा तोहरे हाथे मँ सौंपत हउँ।” इ कहिके उ आखिरी साँस लिहेस।
47 जब रोम क फऊजी नायक, जउन कछू घटि गवा रहा, उ लखेस तउ परमेस्सर क गुन गावत भवा उ कहेस, “इ सचमुच ही एक नीक मनई रहा!” 48 जब हुवाँ देखइ आएन एकट्ठा मनइयन, जउन कछू भवा रहा, ओका देखेन तउ आपन छाती पीटत लौटि गएन। 49 मुला उ सबइ जउन ओका जानत रहेन, ओन स्त्रियन संग, जउन गलील स पाछे पाछे आवत रहिन, इ बातन क लखइ कछू दूरी प खड़ा रहेन।
अरिमतियाह क यूसुफ
(मत्ती 27:57-61; मरकुस 15:42-47; यूहन्ना 19:38-42)
50-51 अब हुवँई यूसुफ नाउँ क मनई रहा जउन यहूदी महासभा क निअम्बर रहा। उ एक नीक धर्मी पुरुस रहा। उ ओनका फैसला अउर ओका काम मँ लावइ बरे राजी नाहीं रहा। उ यहूदियन क एक सहर अरमत्तिया क बसइया रहा। उ परमेस्सर क राज्य क बाट जोहत रहा। 52 उ मनई पिलातुस क लगे गवा अउर ईसु क ल्हास माँगेस। 53 उ ल्हास क क्रूस पइ स नीचे उतरा अउर सने क उत्तिम रेसा क बना कपड़ा मँ ओका लपेट दिहस। फिन उ ओका चट्टान मँ काटी गइ एक कब्र मँ धइ दिहस, जेहमाँ पहिले कबहुँ कउनो क भी नाहीं राखा गवा रहा। 54 उ सुकरवार क दिन रहा, अउर सबित सुरू होइ क रहा।
55 उ सबइ स्त्रियन जउन गलील स ईसू क साथे आइ रहिन, यूसुफ क पाछे होइ चलिन। उ पचे उ कब्र देखिन अउर लखेन कि ओकर ल्हास कब्र मँ कइसे धरी गइ। 56 फिन उ पचे घर लौटिके खुसबूदार सामग्री अउर लेप तइयार किहेन।
सबित क दिन व्यवस्था क मुताबिक उ पचे आराम किहेन।
परमेस्सर अय्यूब स बोलत ह
38 फिन यहोवा बौडंर मँ स अय्यूब क जवाब दिहस। परमेस्सर कहेस।
2 “इ कउन मनई अहइ
जउन मूर्खता स भरी भइ बातन करत अहइ?”
3 अय्यूब, तू मनई क तरह सुदृढ़ बना।
जउन सवाल मइँ पूछउँ ओकर जवाब देइ क तइयार होइ जा।
4 “अय्यूब, बतावा तू कहाँ रह्या, जब मइँ भुइँया क रचना किहे रहेउँ?
अगर तू एँतना समुझदार अहा तउ मोका जवाब दया।
5 अय्यूब, अगर तू एँतना हाज़िर जवाब अहा तउ मोका बता कि इ संसारे क विस्तार कउन तय किहेस?
कउन इ संसार क नापइ वाला सूत स नापेस?
6 इ धरती क नींव काहे पइ धरी गइ अहइ?
कउन धरती क नींव क रुप मँ सवन त जियादा महत्व क पाथर क धरेस ह
7 जब परमेस्सर अइसा करत रहेन तउ भोर क तारन एक संग खुस होइके गाना गाएन।
अउर सरगदूतन खुस होअके चिल्ला उठेन।
8 “अय्यूब, जब सागर धरती क गरम स फूट बहत निकरा,
तउ कउन ओका रोकइ बरे दुआर क बँद किहे रहा।
9 उ समइ मइँ बादरन स समुददर क ढाँपि दिहेउँ
अउ अंधियारा मँ सागर क लपेट दिहे रहेउँ (जइसे गदेला क चादर मँ लपेटा जात ह।)
10 सागर क चउहद्दी मइँ निहचित किहे रहेउँ
अउर ओहमाँ ताला डाइके दुआरन क पाछे रख दिहे रहेउँ।
11 मइँ समुददरे स कहेउँ, ‘तू हिआँ तलक आइ सकत ह मुला अउर जियादा आगो नाहीं।
तोहार घमण्डी लहरन हिआँ पइ रुकि जइहीं।’
12 “अय्यूब, का तू कबहुँ आपन जिन्नगी मँ भोर क हुकुम दिहा ह निकरि आवइ
अउर दिन क सुरु करइ क?
13 अय्यूब, का तू कबहुँ भिन्सारे क प्रकास क धरती पइ छाइ जाइ क कह्या ह
अउर का कबहुँ ओहसे दुस्टन क लुकाइ क जगहिया क तजि देइ क मजबूर करइ क कह्या ह?
14 जब भिंसारे क प्रकास धरती पइ पड़त ह
तउ धरती क रूप व आकृति अइसा प्रगट होत ह
जइसे नरम मिट्टी क मुहर स दबाइ स होत ह।
एकर रूप रेखा ओढ़नन क सलवटन क नाईं उभरत ह।
15 दुस्ठ लोगन स प्रकास लइ लीन्ह गवा ह।
नीक अउर ओन बाजूअन क जउन कि उ पचे बुरा करम करइ बरे उठाएस तोड़ दीन्ह ग रहेन।
16 “अय्यूब, बतावा का तू कबहुँ सागर क गहिर तहे मँ गवा अहा
जहाँ स सुरु होत हका तू कबहुँ सागर क स्त्रितों पइ चला अहा?
17 अय्यूब, का तू कबहुँ उ फाटकन क लख्या ह, जउन मउते क लोक लइ जात हीं?
का तू कबहुँ ओन फाटकन क लख्या जउन मउत क अँधियार जगह क लइ जात हीं?
18 अय्यूब, तू जानत अही कि इ धरती केतँनी बड़ी अहइ?
तू मोका बतावा अउर तू इ सब कछु जानत अहा।
19 “अय्यूब, प्रकास कहाँ स आवत अहइ?
अउर अँधियारा कहा स आवत ह?
20 अय्यूब, का तू प्रकास अउ अँधियारा क अइसी जगह लइ जाइ सकत ह जहाँ स उ सबइ आए होइँ?
जहाँ उ सबइ रहत हीं हुआँ पइ जाइ क मारग का तू जानत अहा?
21 अय्यूब, मोका निहचय अहइ कि तोहका सारी बातन मालूम अइँ काहेकि तू बहोत ही बूढ़ा अहा।
जब वस्तुअन क रचना भइ रही तब तू हुआँ रह्या।
22 “अय्यूब, का तू कबहुँ ओन भण्डार क कोठरियन मँ गना अहा
जहाँ मइँ बरफ अउ ओलन क धरा करत हउँ?
23 मइँ बरफ अउ ओलन क विपत्ति क समइ मँ अउ जुद्ध
अउर लड़ाई क समइ मँ उपयोग करइ बरे बचाए राखत हउँ।
24 अय्यूब, का तू कबहुँ अइसी जगह गवा अहा, जहाँ स सूरज उगत ह
अउ जहाँ स पुरवइया सारी धरती पइ छाइ जाइ बरे आवत ह
25 अय्यूब, भारी बर्खा बरे अकास मँ कउन नहर खोदेस ह,
अउर कउन गरजनवाले बिजली क रस्ता बनाएस ह
26 अय्यूब, कउन हुआँ भी पानी बरसाएस,
जहाँ कउनो भी नाहीं रहत ह
27 उ बर्खा उ खानी भुइँया क खूब देर क पानी देत ह
अउ घास जामब सुरु होइ जात ह।
28 अय्यूब, का बर्खा क कउनो बाप अहइ?
ओस क बूँदन क कउन बनावत अहइ?
29 अय्यूब, बरफ क महतारी कउन अहइ?
आकास क पाला क कउन पइदा करत ह?
30 पानी जमिके चट्टान जइसा कठोर बन जात ह,
अउर सागर क ऊपर क सतह जम जावा करत ह।
31 “अय्यूब, सप्तर्षि तारन क का तू बाँध सकत ह?
का तू मिरगसरा का बन्धन खोल सकत ह?
32 अय्यूब, का तू तारा समूहन (कहकसाँ) क ठीक वेला पइ निकार सकत ह?
का तू भालू क ओकरे बच्चन क संग अगुअइ कइ सकत ह?
33 का तू ओन नेमन क जानत ह, जउन नभ पइ सासन करत हीं?
का तू ओन नेमन क धरती पइ लागू कइ सकत ह?
34 “अय्यूब, का तू गोहराइके बादरन क आदेस दइ सकत ह,
कि उ पचे भारी बर्खा क साथ घेरि लेइँ।
35 अय्यूब बतावा, का तू बिजुरी क जहाँ चाहत्या पठइ सकत अहा?
अउर का तोहरे निअरे आइके बिजुरी कही अय्यूब,
‘हम हिआँ अही बतावा तू का चाहत ह?’
36 “मनई क मन मँ विवेक क कउन राखत ह?
लोगन क चिजियन क समझइ बरे छमता कउन देत ह?
37 अय्यूब कउन आपन बुद्धि स बादरन क गनेस ह?
कउन आकास क पानी क चाम थेले क उंडेल सकत ह?
38 बर्खा धूरि क कीचंड़ बनाइ देत ह
अउर माटी क लौदा आपुस मँ चिपक जात हीं।
39 “अय्यूब, का तू सिंह क आहार पाइ सकत ह?
का तू मुखान सेरनी क बच्चन क पेट भरि सकत ह?
40 उ सबइ सेर आपन खोहन मँ पड़ा रहत हीं
अउर सिकार बरे झाड़ी मँ दुबक क घात लगनवइ बरे बइठा रहत हीं।
41 अय्यूब, कउआ क कबेला चारा पाए बगइर एहर ओहर भटकत भए परमेस्सर क दुहाइ देत हीं।
कउन ओनका चारा देत ह?
हमार दान
8 देखा भाइयो, अब हम इ चाहित ह कि तू परमेस्सर क ओह अनुग्रह क बारे मँ जान ल्या मैसिडोनिया छेत्र क कलीसियावन पर कीन्ह गवा बा। 2 मोर मतलब इ अहइ कि जद्यपि ओनकर कठिन परीच्छा लीन्ह गइ अहइ। तबउ उ पचे खुस रहेन, अउ अपने गहन गरीबी क रहत ओनकर सब उदारता उमड़ी पड़त रही। 3 मइँ प्रमानित करत हउँ कि उ पचे जेतना दइ सकत हीं दिहेन! एतनई नाहीं बल्कि अपने समरथ से जियादा प्रोत्साहन दइ दिहेन। 4 उ पचे बड़े आग्रह क साथ परमेस्सर क लोग सहायता करइ मँ हमका सहयोग देइ क विनय करत रहेन। 5 ओनका जइसेन हमसे आसा रही, वइसेन नाहीं बल्कि पहिले अपने आप क पर्भू क समर्पित किहेन अउर फिन परमेस्सर क इच्छा क अनुकुल उ पचे हमका अर्पित होइ गएन।
6 इहीं बरे हम तीतुस स पराथना कीन्ह कि जइसेन उ अपने काम क पूरा कइ ही दिहे बाटइ होइ। वइसेन हाँ उ अनुग्रह क काम क तोहरे बरे करी। 7 अउ जइसेन कि तू सब बाते मँ यनि बिसवासे मँ, बानी मँ, गियान मँ, अनेक प्रकार क उपकार करइ मँ अउर हम तोहका जउनो पिरेम क सिच्छा ह दीन्ह ह उ पिरेम मँ, जउन भरपूर होइ सीख्या ह वइसेन ही अनुग्रह क इ कामें मँ सम्पन्न होइ जा।
8 इ मइँ आदेस क रूपे मँ नाहीं कहित ह बल्कि अउर मनइयन क मने मँ तोहारे बरे जउन तेजी बा, उ पिरेम क सच्चाई क परख करइ क बरे अइसेन करत इउँ। 9 काहेकि हमार पर्भू ईसू मसीह क अनुग्रह स तू परिचित अहा। तू इ जानत अहा कि धनी होके तोहरे बरे उ निर्धन बन गवा। ताकि ओनकइ गरीबी स तू मालामाल होइ जा।
10 इ बिसय मँ मइँ तोहे आपन सलाह देत हउँ, तोहे इ सोभा देत ह। तू पिछले साल न केवल दान देइ क इच्छा मँ सबसे आगे रह्या। बल्कि दान देइ मँ भी सबसे आगे रह्या। 11 अब दान करइ क उ तेज इच्छा क तू जउन कछू तोहरे पास बा, ओहसे पूरा करा। तू एका ओतनेन लगन से “पूरा करा।” जेतने लगन से तू एका “चाहे” रह्या। 12 काहेकि अगर दान स देइ क लगन अहइ तउ मनइयन क लगे जउन कछू बा, उहइ क अनुसार ओकर दान ग्रहण करइ क जोग्ग बनत ह। न कि ओनके अनुसार जउन ओनके पास नाहीं बा। 13 हम इ नाहीं चाहित ह कि दुसरन क तउ सुख मिलई अउर तोहे कस्टन, बल्कि हम तउ बराबरी चाहित ह। 14 हमार इच्छा बा कि ओनके इ अभाऊ क समइ मँ तोहर सम्पन्नता ओनके अभाव क दूर कइ सकइ आवस्यकता पड़े पर आगे चलिके ओनकी सम्पन्नता भी तोहरे अभाव क दूर करइ, ताकि समता स्थापित हो सकइ। 15 जइसे कि पवित्तर सास्तर मँ कहा गवा बा:
“जे बहुत बटोरेस ओकरे लगे न जियादा रहा,
अउर जे कम बटोरेस ओकरे लगे न तनिकउ रहा।” (A)
तीतुस अउर ओनकर संघी
16 परमेस्सर क धन्यवाद बा जे तीतुस क मने मँ तोहरे सहायता क बरे वइसेन तीव्र इच्छा भर दिहे बा, जइसेनइ हमरे मने मँ बा। 17 काहेकि उ हमार पराथना स्वीकार किहेस अउर उ ओकरे बरे विसेस रुप स आपन इच्छा भी क रखत ह। इही बरे उ खुद आपन इच्छा से ही तोहरे लगे आवई बरे बिदा होत बा। 18 हम ओकरे साथे उ भाई क भेजत अही, जेकर सुसमाचार क प्रचार की उत्सुकता सब कलीसियावन मँ सब जगह जस फइलत बा। 19 एकरे अलावा इ दयापूर्वक काम मँ कलीसियनन ओका हमरे साथे जात्रा करइ बरे नियुक्त कीन्ह गवा अहइ। इ द्या क काम जेकर प्रबन्ध हमरे कारण कीन्हा जात अहइ। खुद पर्भू क महिमा करइ बरे अउर परोपकार मँ हमार लगन क देखॉवई बरे बा।
20 हम सावधान रहइ क चेस्टा करत अही इ बड़े भेंट की व्यवस्था करत अही, केऊ हमार बुराई न करइ। 21 काहेकि हमका आपन अच्छी साख बनबइ रखइ क चिन्ता बा। न केवल पर्भू क आगे बल्कि लोगन क बीच मँ।
22 अउ ओनके साथे हम आपन उ भाई क भेजत रहे, जेका बहुत बिसय मँ अउ बहुत मौकन पर हमका परोपकार क बरे उत्सुक मनई क रूप मँ प्रभावित किहे अहइ। अउर अब त तोहरे बरे ओहमें जउन असीम बिसवास बा, ओहसे ओहमे सहायता करइ क उत्साह अउर जियादा होइ गवा बा।
23 जहाँ तलक तीतुस क विसय मँ पूछे बा, तउ तोहरे बीच सहायता क काम मँ मोर साथी अउर साथे साथे काम करइवला रहा। अउर जहाँ तलक हमरे भाइयन क सवाल बाटई, उ सबइ तउ कलीसियन क प्रतिनिधि अउ मसीह क महिमा लावत समान बा। 24 तउन तू ओन्हे अपने पिरेम क प्रमाण देब अउर तोहरे बरे हम एतना गरब काहे रक्खित ह, ऎका सिद्ध करब ताकि सब कलीसिया ओका देख सकइँ।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.