M’Cheyne Bible Reading Plan
यित्रो मूसा क नगिचे आवत ह।
18 मूसा क ससुर यित्रो मिदियन मँ याजक रहा। यहोवा मूसा अउ इस्राएल क मनइयन क अनेक तरह स जउन मदद किहे रहा ओकरे बारे मँ यित्रो सुनेस। यित्रो इस्राएल क मनइयन क यहोवा क जरिए बाहेर लइ जाइ क बारे मँ सुने रहा। 2 ऍह बरे यित्रो मूसा क लगे उ समइ गवा, जब उ परमेस्सर क पर्वत क नगिचे डेरा डाए रहा। उ मूसा क पत्नी बसही सिप्पोरा क आपन संग लइ आवा। (सिप्पोरा मूसा क संग नाहीं रही काहेकी मूसा ओका आपन बाप क घरे मँ पठए रहा।) 3 यित्रो मूसा क दुइनउँ बेटवन क भी आपन संग लइ आवा। पहिलौटी बेटहना क नाउँ गेर्सोन राखे रहा, काहेकि जब उ पइदा भवा, मूसा कहेस, “मइँ बिदेस मँ अजनबी हउँ।” 4 दुसरे बेटहना क नाउँ एलिएजेर राखेस काहेकि जब उ पइदा भवा तउ मूसा कहेस, “मोरे बाप क परमेस्सर मोर मदद किहेस ह अउ मिस्र क राजा क तरवार स मोका बचाएस ह।” 5 ऍह बरे यित्रो मूसा क लगे तब गवा जब उ परमेस्सर क पर्वत सीनै पर्वते क निअरे रेगिस्ताने मँ डेरा डाए रहा। मूसा क मेहरारू अउ ओकर दुइ बेटवा यित्रो क लगे रहेन।
6 यित्रो मूसा क सँदेसा पठएस। यित्रो कहेस, “मइँ तोहार ससुर यित्रो अहउँ। अउर मइँ तोहार मेहरारू अउ ओकरे दुइनउँ बेटवन क तोहरे लगे लइ आवत हउँ।”
7 ऍह बरे अपने ससुर स मिलइ गवा। मूसा ओकरे समन्वा निहुरा अउ ओका चूमेस। दुइनउँ मनइयन एक दुसरे स हाल चाल पूछेन। तब उ पचे खेमा मँ गएन। 8 मूसा आपन ससुर यित्रो क हर बात बताएस जउन यहोवा इस्राएल क मनइयन बरे किहे रहा। मूसा ओन सारी चीजन क बारे मँ बताएस जउन यहोवा फिरौन अउर मिस्र क लोगन क खिलाफ किहे रहा। अउर मूसा आपन ससुर क बताइ दिहस कि कउने तरह यहोवा इस्राएलियन क बचाएस जब उ पचे कस्ट मँ रहेन।
9 यित्रो उ समइया बहोत खुस भवा जब उ यहोवा क जरिए इस्राएल क मनइयन बरे सबहिं नीक बातन क सुनेस। यित्रो ऍह बरे खुस रहा कि यहोवा इस्राएल क मनइयन क मिस्री मनइयन स अजाद कइ दिहेस। 10 यित्रो कहेस:
“यहोवा क गुन गावा!
उ तोहका मिस्र क मनइयन क अजाद कराएस।
यहोवा तू पचन क फिरौन स बचाएस ह।
11 अब मइँ जानत हउँ कि यहोवा सबहिं देवतन स बड़वार अहइ।
उ पचे बिचारेन उ सबइ नियन्तरण मँ अहइँ मुला निहारा यहोवा का किहेस ह।”
12 तबहिं यित्रो होम बलि अउर दूसर बलि परमेस्सर क मान दइ बरे भेंट किहस। तबहिं हारून अउ इस्राएल क सबहिं नेतन परमेस्सर क समन्वा मूसा क ससुर यित्रो क संग खइया क खाएस।
13 दुसरे दिना मूसा लोगन क परखइ बरे बइठा। हुँवा लोगन क गिनती जियादा रही। इ कारण लोगन मूसा क समन्वा दिन भइ ठाड़ रहेन।
14 यित्रो मूसा क लोगन क परखते भए लखेस। उ पूछेस, “तू इ काहे करत बाट्या? का सिरिफ तू ही एक कानून क निआवधीस अहा? अउर मनइयन सिरिफ तोहरे लगे ही सारे दिन भइ काहे आवत हीं?”
15 तबहिं मूसा आपन ससुर स कहेस, “मनइयन मोरे लगे आवत हीं अउर आपन समस्या क बारे मँ मोसे यहोवा क निर्णय क बारे मँ पूछत हीं। 16 जदि ओन पचन मँ कउनो वाद-विवाद होत ह तउ उ पचे मोरे लगे आवत हीं। मइँ निर्णय देत हउँ कि कउन निआव प अहइ। इ तरह मइँ यहोवा क नेमन अउ ओकरे उपदेसन क बारे मँ मनइयन क बतावत हउँ।”
17 मुला मूसा क ससुर ओसे कहेस, “इ नीक तरीका काम करइ क नाहीं अहइ। 18 तोहरे अकेल्ले बरे इ काम बहोत जिआदा अहइ। एहसे तू थक जात ह अउर इ सबइ लोग भी थक जात ही। तू इ काम क खुद नाहीं कइ सकत्या। 19 अब मोरउ सुना। मइँ तोहका कछू सुझाव देत हउँ। मइँ तोहका बताउब कि तोहका का करइ चाही। मोर पराथना बा कि परमेस्सर तोहार साथ देइ हीं। तोहका लोगन क वाद-विवाद सुनब जारी रखइ चाही। तोहका इ तहत्तुकन अउ समस्या क परमेस्सर क समन्वा रखइ चाही। 20 तोहका परमेस्सर क नेमन अउ विधि का उपदेसन लोगन क देइ चाही। लोगन क चिताउनी द्या कि उ पचे परमेस्सर क नेम न तोड़इँ। लोगन क जानकार बना उ पचन्क कइसे जिअइ चाही। ओनका बतावा कि उ पचे का करइँ। 21 मुला तोहका लोगन मँ स कछू क जज अउ नेता क चुनइ चाही।
“उ नीक मनइयन क चुना जेहँ प तू पतिआत ह। उ मनइयन जउन यहोवा क मान करत हीं। उ मनइयन क चुना जउन धने खातिर आपन फइसला न बदल देइँ। इन चुने मनइयन क लोगन क प्रधान बनवा। एक हजार मनइयन, एक सौ मनइयन, पचास मनइयन, अउर दस मनइयन प भी एक प्रधान होइ क चाही। 22 इन ही सासक लोगन्क क मनइयन क निआव करइ द्या। अगर जिआदा कउनो गंभीर मामला होइ तउ प्रधान लोग तोहरे लगे आइ सकत हीं। अउ उ पचे दूसर मुकदमा क फैसला खुद कइ सकत हीं। इ तरह उ पचे तोहरे काम मँ मदद करिहीं अउ इ तोहरे बरे जिआदा सहल होइ जाइ। 23 जदि तू परमेस्सर क इच्छा स अइसा करत ह तबहिं तू आपन काम करइ बरे जोग्ग रहब्या। अउ ऍकरे संग संग सब मनइयन आपन समस्या क पूरी होइ जाए स संसात होइके घरवा जाइ सकिहीं।”
24 ऍह बरे मूसा उहइ किहेस जइसा यित्रो कहे रहा। 25 मूसा इस्राएल क मनइयन मँ स नीक मनइयन क चुनेस। मूसा ओन मिला क मनइयन क अगुवा बनएस। हुवाँ एक हजार मनइयन, एक सौ मनइयन, पचास मनइयन, अउर दस मनइयन भी प्रधान रहेन। 26 इ प्रधान मनइयन क जज रहेन। मनइयन आपन आपन समस्या क एनके लगे हमेसा लइ आवत रहेन। अउर मूसा क सिरिफ गंभीर मामला निपटावइ क पड़त रहा।
27 तनिक समइया पाछे मूसा आपन ससुर यित्रो क बिदा किहेस अउ यित्रो अपने घरे लौटि गवा।
सच्चा दान
(मत्ती 12:41-44)
21 ईसू आपन अँखिया उठाइके देखेस कि धनी लोग दान पात्र मँ आपन आपन भेंट चढ़ावत अहइँ। 2 तबहीं उ एक गरीब विधवा क ओहमाँ, ताँबे क दुइ नान्ह सिक्का नावत भइ लखेस। 3 उ कहेस, “मइँ तोहसे सच कहत हूँ कि दूसर सबहीं मनइयन स इ विधवा जिआदा दान दिहेस ह। 4 इ मइँ इ बरे कहत हउँ काहेकि इ सबहीं मनइयन आपन उ धने मँ स जेकर ओनका जरूरत नाहीं रही, दान दिहे रहेन मुला इ विधवा गरीब होत भइ जिन्ना रहइ बरे जउन कछू ओकर लगे रहा, सब कछू दइ डाएस।”
मन्दिर क बिनास
(मत्ती 24:1-14; मरकुस 13:1-13)
5 कछू चेलन मन्दिर क बारे मँ बतियात रहेन कि उ मंदिर सुन्नर पथरन अउर परमेस्सर की दीन्ह गइ मनौती क भेंट स कइसे सजाना ग बा!
6 तबहिं ईसू कहेस, “अइसा समइ आइ जब, इ जउन कछू तू देखत अहा, ओहमाँ एक पाथर दूसर पाथर टिक न रह पाइ। उ सबइ ढहाइ दीन्ह जइहीं!”
7 उ पचे ओसे पूछत भए बोलेन, “गुरु, इ बातन कब होइहीं? अउर इ बातन जउन होइवाली अहइँ, ओकर कउन चीन्हा होइहीं?”
8 ईसू कहेस, “होसियार रहा, कहूँ कउनो तोहका छल न लेइ। काहेकि मोरे नाउँ स बहोत मनइयन अइहीं अउर कइहीं, ‘मइँ मसीह अहउँ’ अउर ‘समइ आइ पहुँचा अहइ।’ ओनके पाछे जिन जा। 9 परन्तु जब तू जुद्ध अउर दंगा क बात सुना तउ जिन डेराअ काहेकि इ बातन तउ पहिले घटि जइहीं। अउर ओनकइ अंत फउरन न होइ।”
10 उ ओनसे फिन कहेस, “एक जाति दूसर जाति क खिलाफ खड़ी होइ अउर एक राज्य दूसर राज्य क खिलाफ। 11 बड़ा बड़ा भुइँडोल अइहीं अउर अनेक जगहन प अकाल पड़िहीं अउर महामारी आइ। अकासे मँ खौफनाक घटना घटिहीं अउर भारी चीन्हा परगट होइहीं।
12 “मुला इ सबन घटना स पहिले तोहका बंदी बनइ डइहीं अउर तोहका दारुण दुःख देइहीं। उ सबइ तोह प जुर्म लगावइ बरे तोहका आराधनालय क सौंपिहीं अउर फिन तोहका जेल पठइ दीन्ह जाइ। अउर फिन मोरे नाउँ क कारण उ पचे तोहका राजा लोग अउर राज्यपाल क समन्वा लइ जइहीं। 13 ऍसे तोहका मोरे बारे मँ साच्छी देइ क अउसर मिली। 14 एह बरे पहिले स ही ऍकर फिकिर न करइ क निहचइ कइ ल्या कि आपन बचाव कइसे करब्या। 15 काहेकि अइसी बुद्धि अउर सब्द तोहका मइँ देब कि तोहार कउनो भी बैरी तोहार सामना अउर तोहार खण्डन नाहीं कइ सकी। 16 मुला तोहार महतारी बाप, भाई, बन्धु, नातेदार अउर मीत भी तोहका धोखा स पकड़वइहीं अउर तोहमाँ स कछू क तउ मरवाइ ही डइहीं। 17 मोरे कारण सब तोसे बैर रखिहीं। 18 मुला तोहरे मूँड़े क एक बार बाँका नाहीं होइ। 19 तोहार सहइ क सक्ती, तोहरे प्रान क रच्छा करी।
यरूसलेम क नास
(मत्ती 24:15-21; मरकुस 13:14-19)
20 “अब लखा जब यरूसलेम क तू फऊज स घिरा देखब्या तउ समुझ लिहा कि ओकर तहस नहस होइ जाब नगिचे अहइ। 21 तब तउ जउन यहूदिया मँ होइँ, ओनका चाही कि उ पचे पहाड़न प पराइ जाइँ अउर उ सबइ जउन सहर क भीतर होइँ, बाहेर निकर आवइँ अउर उ पचे जउन गाउँ मँ होइँ ओनका सहर मँ नाहीं जाइ चाही। 22 काहेकि उ दिनन सजा क होइहीं। ऍहसे जउन लिखा ग बाटइ, उ सबहीं पूर होइ। 23 उ स्त्रियन बरे, जउन पेटवा स भारी होइहीं अउर ओनके बरे जउन दूध पिआवत होइहीं, उ दिनन केतॅना खौफनाक होइहीं। काहेकि उ दिनन धरती प बहोत बड़की बिपत आइ इ मनइयन प परमेस्सर कोहाइ जाइ। 24 उ सबइ तरवारे क धार स गिरा दीन्ह जइहीं अउर कैदी बनइके सब देसन मँ पहुँचाइ दीन्ह जइहीं। अउर यरूसलेम बे यहूदियन क गोड़वा तरे तब तलक रौंद जाइ जब तलक गैर यहूदियन क समइ पूर नाहीं होइ जात।
डेराअ जिन
(मत्ती 24:29-31; मरकुस 13:24-27)
25 “सूरज चाँद अउर तारन मँ चीन्हा परगट होइहीं अउर धरती प क सबहिं रास्ट्रन प बिपत आई अउर उ सबइ समुद्दर क आवाज अउर उधर-पुथर स घबराइ उठिहीं। 26 मनइयन डर अउर संसार प आवइ वाली बिपत क भय से बेहोस होइ जइहीं काहेकि आकास क सक्ती हलोर दीन्ह जाइ। 27 अउर तबहिं उ पचे मनई क पूत क आपन सक्ती अउर महान महिमा क एक बादर आवत भवा देखिहीं। 28 अब देखा, इ बातन जब घटइ लागइँ तउ खड़ा होइके तू आपन मूँड़ ऊपर उठाइ ल्या। काहेकि तोहार छुटकारा नगिचे आइ रही होइ!”
मोर बचन अमर बा
(मत्ती 24:32-35; मरकुस 13:28-31)
29 फिन एक ठु दिस्टान्त कथा कहेस: “अउर सबहिं बृच्छन अउर अंजीरे क बिरवा लखा। 30 ओहमाँ स जइसे ही कोंपर फूटत हीं, तू आपन आप जान जात ह कि गर्मी क रितु बस आइ ग अहइ। 31 वइसे ही तू जब इ बातन क घटतइ देख्या तउ जान लिहा कि परमेस्सर क राज्य नगिचे अहइ।
32 “मइँ तोहसे सच कहत हउँ कि जब तलक इ सब बातन घटि नाहीं जातिन, इ पीढ़ी क अंत नाहीं होइ! 33 धरती अउर अकास बरिबाद होइ जइहीं, पर मोर बचन हमेसा अटल रही!
हमेसा तइयार रहा
34 “आपन धियान राखा जेहसे तोहार मन कहूँ पिअइ पिआवइ अउर संसारे क फिकिर स पाथर न होइ जाइ। अउर उ दिन एक फंदा क तरह तोह प एकाएक न आइ पड़इ। 35 सचमुच ही उ इ सारी धरती क बसइयन पइ अइसे ही आइ गिरी। 36 हर छिन होसियार रहा, अउर पराथना करा कि तोहका इ सब बातन स, जउन घटइवाली अहइँ, बचइ क ताकत मिलइ अउर तू मनई क पूत क समन्वा खड़ा होइ सका।”
37 हर रोज मंदिर मँ उपदेस देत रहा मुला, राति बीति जाइ प हर साँझ जैतून पर्वत प चला जात रहा। 38 सबहीं मनई भिन्सारे क तड़के उठत रहेन अउर मंदिर मँ ओकरे लगे जाइके, ओका सुनत रहेन।
36 एलीहू बात जारी राखत भए कहेस।
2 “अय्यूब, मोरे संग तनिक देर अउर धीरा धरा।
मइँ तोहका देखाँउब कि परमेस्सर क पच्छ मँ अबहिं कहइ क अउर अहइ।
3 मइँ आपन गियान क सब स बाँटब।
मोका परमेस्सर रचेस ह।
मइँ जउन कछू भी जानत हउँ मइँ ओकर प्रयोग तोहका इ देखाँवइ बरे करब कि परमेस्सर निस्पच्छ अहइ।
4 अय्यूब, मइँ तोहका फुरइ कहत हउँ कि मइँ झूट नाहीं कहत हउँ।
मइँ जानत कि मइँ का बात करत हउँ।
5 “परमेस्सर महान अहइ मुला उ आम लोगन क तुच्छ नाहीं समुझत ह।
परमेस्सर बहोत सामर्थी बाटइ अउ विवेक स पूर्ण बाटइ।
6 परमेस्सर दुट्ठ लोगन क जिअइ नाहीं देइ
अउर परमेस्सर हमेसा गरीब लोगन क संग खरा बेउहार करत ह।
7 उ सबइ लोग जउन मुनासिब बेउहार करत हीं, परमेस्सर ओनकर धियान राखत ह।
उ राजा लोगन क संग ओनका सिंहासन देत ह अउर उ पचे सदा आदर पावत हीं।
8 मुला अगर लोग सजा पावत होइँ अउर अउर बेड़ियन मँ जकरि गवा होइँ।
अगर उ पचे पीरा भोगत रहत होइँ अउर संकटे मँ होइँ।
9 तउ परमेस्सर ओनका बताई कि उ पचे कउन सा बुरा करम किहेन ह।
परमेस्सर ओनका बताई कि उ पचे पाप किहेन ह अउर उ पचे अहंकारी रहेन।
10 परमेस्सर ओनका ओकर चिताउनी सुनइ क मजबूर करी।
उ ओनका पाप करइ स रोकइ खातिर आदेस देइ।
11 जदि लाग परमेस्सर क सुनिहीं अउर ओकर अनुसरण करिहीं
तउ परमेस्सर ओनका खुसहाल दिन आनन्दित बरिस देब्या।
12 मुला अगर उ पचे परमेस्सर क आग्या क नकारिहीं
तउ उ पचे बिना जाने ही मउत क दुनिया मँ चला जइहीं।
13 “अइसे लोग जेनका परमेस्सर क परवाह नाहीं अहइ उ पचे सदा कडुवाहट स भरा रहत हीं।
हिआँ तलक कि जब परमेस्सर ओनका सजा देत ह, उ पचे परमेस्सर स सहारा पावइ क विनती नाहीं करतेन।
14 अइसे लोग जवान होत ही मरि जइहीं।
उ पचे भ्रस्ट लोगन क संग सर्म स मरिहीं।
15 मुला परमेस्सर दुखिन लोगन क बचाब।
परमेस्सर लोगन क जगावइ बरे विपत्ति पठवत ह ताकि लोग ओकर सुनइँ।
16 “सचमुच मँ परमेस्सर तोहार दुख-मुसीबत मँ तोहार मदद करइ चाहत ह।
उ तोहार बोझन क दुर करइ चाहत ह जउन तोहका कुचरत ह।
उ तोहार मेजे पइ भरपूर खइया रखइ चाहत ह।
17 किन्तु तू दोख, निर्णय अउर निआव क बातन स भरा भवा अहा!
18 अय्यूब, तू आपन किरोध क परमेस्सर बरे संका क कारण जिन बना द्या।
मुक्ति क बड़ा मूल्य तोहका राह स दुर भटकावइ क कारण जिन बना दया।
19 तू इ जान ल्या कि न तउ जब तोहार समूचा धन
अउर न ही तोहार सक्ती तोहार मदद कइ सकत ह।
20 तू राति क अवाई क इच्छा जिन करा।
जब लोग आपन ठउरन स गाइब हो जात ह।
21 अय्यूब बुरा करम करइ स तू होसियार रहा।
तोह पइ मुसीबतन पठइ गइ अहइँ ताकि तू पापे क ग्रहण न करा।
22 “लखा, परमेस्सर क सक्ती ओेका महान बनावत ह।
परमेस्सर सबहिं स महानतम सिच्छक अबइ।
23 कउनो भी मनई परमेस्सर स नाहीं कह सकत ह कि का करब।
कउनो भी परमेस्सर स नाहीं कहिं सकत, ‘परमेस्सर तू बुरा किहा ह।’
24 परमेस्सर क कर्मन क बड़कइ करब तू जिन बिसरा।
लोग गीत गाइके परमेस्सर क सबइ काम क बड़कइ किहेन ह।
25 परमेस्सर क करम क हर कउनो मनई लखि सकत ह।
दूर देसन क लोग ओन कर्मन क लखि सकत हीं।
26 इ फुरइ अहइ कि परमेस्सर महान अहइ।
ओकरी महिमा क हम नाहीं समुझ सकित ह।
परमेस्सर क उमर क बरिसन क गनती क कउनो गन नाहीं सकत।
27 “परमेस्सर पानी क धरती स ऊपर उठावत ह
अउर ओका बर्खा अउ कुहरा क रुप मँ बदल देत ह।
28 परमेस्सर बादरन स लोगन पइ
भरपूर पानी बरसावत ह।
29 का कउनो मनइ इ ब्यान कइ सकत ह कि परमेस्सर कइसे बादरन क फैलावत ह,
या ओकर घर, आकास मँ बिजुरि क गरज क समझ सकत ह
30 लखा, परमेस्सर कइसे आपन बिजुरि क अकासे मँ चारिहुँ कइँती बिखेरत ह
अउर कइसे समुझदार क गहिरे हींसा क ढाँपि लेत ह।
31 परमेस्सर रास्ट्रन क नियंत्रण मँ रखइ
अउर ओनका भरपूर भोजन देइ बरे बादरन क उपयोग करत ह।
32 परमेस्सर आपन हाथे स बिजरी क पकरि लेत ह
अउर जहाँ, उ चाहत ह, हुआँ बिजुरि क गिरइ क हुकुम देत ह।
33 गर्जन लोगन क तूफाने क अवाइ क चिताउनी देत ह।
इ गर्जन दिखावत ह कि इ दुस्टता क खिलाफ किरोध मँ अहइ।
6 परमेस्सर क काम मँ साथे साथे काम करइ क नाते हम तू लोगन स आग्रह करत अही कि परमेस्सर क जउन अनुग्रह तोहे मिला बा, ओका बेकार न जाइ द्या। 2 काहेकि उ कहे बा:
“तोहार सुन लिहा अच्छे समइ पर मइँ
अउर उद्धार क दिना आवा मइँ तोहका सहारा देइ।” (A)
देखा! “उचित समइ” इहइ अहइ! देखा! “उद्धार क दिन” इहइ अहइ।
3 हम कउनो क बरे कउनउ बहुत विरोध उपस्थित नाहीं करित ह जेसे हमरे कामे मँ कउनउ कमी आवइ। 4 बल्कि परमेस्सर क सेवक क रूप मँ हम सब तरह से अपने क अच्छा सिद्ध करत रहित ह। धीरज क साथे सबकछू सहत सहत सबइ यातना क बीच, बिपत्तियन क बीच, कठिनाइन क बीच 5 मार खात खात बन्दी घरे मँ रहत रहत भीड़ हमरे खिलाफ अउर हमसे झगड़त रही मेहनत करत करत रातिन रात पलकउ न झपकाइके, भूखा रहिके, 6 अपने पवित्तर जीवन, गियान अउर धीरज से आपन दया स, अपने पवित्तर आतिमा स, अपने सच्चे पिरेम स 7 अपने सच्चे सँदेस अउर परमेस्सर क सक्ती स नेकी क अपने दायें बाँए हाथन मँ ढाल क रूप मँ लइके।
8 हम आदर अउर निरादर क बीच अपमान अउ सम्मान मँ अपने क उपस्थित करत रहित ह। हमका ठग समझा जात ह, हम सच्चा अही 9 हमका गुमनाम समझा जातह, जब कि हम सच्चा अही हमका मरा हुआ जानत हीं, तबउ देखा हम जिन्दा अहीं। हमका दण्ड भोगईवाला जाना जात ह, तबउ देखउ हम मऊत क नाहीं सौंपा जाइत ह। 10 हमका सोक से बियाकुल समझा जात ह, जबकि हम तउ हमेसा खुस रहित ह। हम दीन हीन क नाई जाना जाइत ह, जब कि हम बहुत जने क धनी बनावत अही। लोग समझत हीं कि हमरे लगे कछू नाहीं ना, जब कि हमरे लगे तउ सब कछू बा।
11 हे कुरिन्थियन! हम तोहसे पूरी तरह खुली क बात किहे अही। तोहरे बरे हमार मन फैला बा। 12 हमरा पिरेम तोहरे बरे कम नाहीं भवा बा। मुला तु हमसे पिरेम करई क बन्द कइ दिहे अहा। 13 तोहका आपन बच्चा समझत भए मइँ कहत हउँ कि अच्छा प्रतिदान क रूप मँ आपन मन तोहार हमरे बरे पूरी तरह फैला रहइ चाही।
गैर मसीहन क संगत क विरुद्ध चेतावनी
14 अबिसवासियन क साथे बेमेल संगत जिनकरा काहेकि नेकी अउर बदी क भला कइसेन बराबरी? इ प्रकास अउर अँधारे मँ भाईचारा क कइसेन तालमेल? 15 अइसे मसीह का बलियाल (सइतान) स का तालमेल अउर अविसवासी क साथे बिसवासी क कइसेन साझा? 16 परमेस्सर क मंदिर क मूर्तियन स का नाता? काहेकि हम खुदइ उ सजीव परमेस्सर क मंदिर अही, जइसेन की परमेस्सर कहे रहा:
“मइँ ओहमे अधिवास करब,
चलबई फिरब होब
ओनकर परमेस्सर
अउर बनिहीं उ मोर लोग।” (B)
17 “इहीं बरे तू ओहमें स आइ जा बाहेर,
अलग करा ओनसे अपने क
अब न कबहुँ छुआ तू कछूउ जउन असुद्ध अहइ
तब मइँ तोहका अपनउबई।” (C)
18 “अउ तोहार पिता बनब
तू होब्या मोरे बेटवा, मोर बिटिया
सर्वसक्तिमान पर्भू इ कहत हीं।” (D)
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.