M’Cheyne Bible Reading Plan
इस्राएली परमेस्सर स मन्ना अउ गोस पावत ह
16 तबहिं लोगन एलीम स चलेन अउ सीनै रेगिस्तान मँ पहुँचि गएन। इ ठउर एलीम अउ सीनै क बीच रहा। उ पचे इ ठउर प दुसरे महीना क पद्रहवाँ दिन मिस्र छोड़ दिहे क पाछे पहुँचेन। 2 तब इस्राएल क मनइयन फिन ओरहना देब सुरू किहेन। उ सबइ मूसा अउ हारून स रेगिस्तान मँ ओराहना दिहेन। 3 मनइयन मूसा अउ हारून स कहेन, “इ हमरे बरे नीक होतेन कि यहोवा हम पचन्क मिस्र मँ मारि डाए होत। मिस्र मँ हम पचन्क लगे खइया क बहोत रहा। हम पचन क लगे उ सब खइया क रहा जेकर हमका जरूरत रही। मुला अब तू हम सबन्क रेगिस्तान मँ लइ आया ह। हम सब हिआँ भुखिया स मरि जाब।”
4 तब यहोवा मूसा स कहेस, “मइँ अकासे स खइया क गिराउब। इ भोजन तोहरे बरे खाइ क होइ। हर एक दिन लोग बाहेर जाइँ अउ उ दिन खाइ क जरूरत बरे भोजन बटोरि लेइँ। मइँ ऍह बरे करब कि मइँ लखिहउँ कि का लोग उहइ करिहीं जउन मइँ करइ क कहब। 5 हर एक दिन लोग बरे ढेर क खइया क बटोरि लेइँ। मुला सुकुरवार क जब खइया तइयार करइ लागइँ तउ लखइँ कि उ पचे दुइ दिन क भोजन रखि लेइँ।”
6 ऍह बरे मूसा अउ हारून इस्राएल क मनइयन स कहेन, “आज ही रात तू पचे यहोवा क सक्ती लखब्या। तू पचे जानब्या कि इ उहइ यहोवा अहइ जउन तू पचन्क मिस्र देस स बचाइके बाहेर निकारेस। 7 भिन्सारे तू पचे यहोवा क महिमा निहरब्या। तू पचे यहोवा स सिकाइत किहा ह। उ तोहार बात सुनेस ह। तू पचे हम सबन्क ओराहना देत अहा। इ होइ सकत ह कि हम पचे अब कछू अराम कइ सकित ह।”
8 अउर मूसा कहेस, “तू पचे सिकाइत किहा ह अउर यहोवा तू पचन्क सिकाइत सुनि लिहेन ह। ऍह बरे रात क यहोवा तू पचन्क गोस देइहीं। अउ हर भिन्सारे तू पचे उ सारा रोटी पउब्या, जेका तोहका जरूरत बा। तू पचे मोसे अउ हारून स ओराहना करत रहत बाट्या। मुला अब हम पचे तनिक अराम करब। याद राखा तू पचे मोरे अउ हारून क खिलाफ सिकाइत नाहीं करत बाट्या। तू पचे यहोवा क खिलाफ सिकायत करत बाट्या।”
9 तबहिं मूसा हारून स कहेस, “इसाएल क मनइयन क बोलावा अउ ओनसे कहा, ‘यहोवा क समन्वा जमा होइ जा काहेकि उ तोहार ओराहना सुनेस ह।’”
10 हारून इस्राएल क सबहीं मनइयन स बात किहेस। उ पचे एक ठउरे प जमा भइ रहेन। जबहिं हारून बतियात रहा तबहिं लोग घूमि गएन अउ रेगिस्ताने कइँती लखेन। अउर उ पचे यहोवा क महिमा क मँ बदरे मँ परगट होत निहारेन।
11 यहोवा मूसा स कहेस, 12 “मइँ इस्राएल क मनइयन क ओराहना सुनेउँ ह। ऍह बरे ओनसे मोर बतियन क कहि द्या, ‘आजु गउ धूरि मँ तू पचे गोस खाब्या। अउ भियान भोर होत ही तू पचे पेटवा भरिके रोटी खाब्या। तबहिं तू पचे जनब्या कि मइँ यहोवा तोहार परमेस्सर हउँ।’”
13 उ रात बटेर चिरइया डेरा क चारिहुँ कइँती आइ गइन। बटेरन डेरा क ठाँक लिहस। भोर मँ डेरा क नगिचे ओस गिरी रही। 14 सूरज क निकरि आए प ओस टेघॅरत रही। मुला पाला क तहे क नाईं भुइयाँ प कछू रहि जात रहा। 15 इस्राएल क मनइयन एका लखेन अउ आपुस मँ करइ लागेन, “इ का बा?”[a] उ पचे इ सवाल ऍह बरे पूछेन कि उ पचे इ नाहीं जानत रहेन इ कउन चीजि अहइ। ऍह बरे मूसा ओनसे कहेस, “इ खइया क अहइ जेका यहोवा तोहका खाइके देत अहइँ। 16 यहोवा कहत अहइँ, ‘हर व्यक्ति ओतॅना बटोरइ जेतना ओका जरूरत होइ। तू लोगन मँ स आपन परिवारे क हर एक सदस्य क खातिर एक ओमेर बटोरि लेइ।’”
17 तउ इस्राएल क मनइयन अइसा ही किहेन। हर मनई खइया क बटोरेस। कछू मिला दूसर मनइयन स जिआदा बटोरि लिहन। 18 उ मनइयन आपन-आपन परिवारे क खइया क दिहन। जब खइया क नाप जोख भवा तउ हर मनई बरे हमेसा ढेर क रहा, मुला कबहूँ भी जरूरत स जिआदा नाहीं भवा। हम मनई ठीक अपने खातिर अउ आपन परिवारे बरे ढेर क बटोरेस।
19 मूसा ओन पचेन स कहेस, “अगवा दिन बरे खइया क जिन बचावा।” 20 मुला कछू लोग मूसा क बतिया नाहीं मानेन। कछू लोग आपन खइया क बचाइ लिहन जेका उ सबे अगवा दिन खाइ सकेन। मुला जउन खइया क बचाइ लिहन ओहमाँ किरवा पड़ि गएन अउर उ बसाइ होइ गएन। मूसा उ लोगन प कोहाइ गएन जउन इ किहे रहेन।
21 हर भिन्सारे लोगन खइया क बटोरत रहेन। हर मनई ओतॅना ही बटोरत रहा जेतॅना उ खाइ सकत रहा। किन्तु जब धुपिया तेज होत रही तउ खइया गलि जात रहा।
22 सुकुरवारे क मनइयन दुगुना खइया क बटेरेन। उ पचे दुई ओमेर हर मनई बरे बटोरेन। ऍह बरे लोगन क मुखिया आएन अउर उ सबइ इ बात मूसा स कहेन।
23 मूसा ओनसे कहेस, “इ वइसेन भवा जइसा यहोवा कहे रहेन। काहेकि भियान यहोवा क परम अराम क पवित्तर दिन परमेस्सर क मान देइ बरे अहइ। तू पचे आजु बरे जेतॅना खइया क तोहका चाही तू बनइ सकत ह। मुला बाकी खइया क काल्ह भियान बरे भी बचावा।”
24 ऍह बरे लोगन अगवा दिन बरे बाकी खइया क बचाइ लिहन। अउर कउनो खइया किरवा पड़ि क खराब नाहीं भवा। अउर ओहमाँ स बसाइ भी नाहीं आवत रहा।
25 सनीचरे क मूसा मनइयन स कहेस, “जउन कछू तू बिते क दिन मँ बटोरा रहेन तोहका उहइ आज खाइ चाही। आज आराम का दिन सबत यहोवा क सम्मान दइ बरे अहइ। आज खेत मँ खइया पाइ नाहीं चाहीं। 26 तू पचन क हफ्ता क छ: दिना मँ ही खइया बटोर इ चाही। मुला सतवाँ दिन अराम क दिन अहइ ऍह बरे भुइयाँ प कउनो खास खइया नाहीं होइ।”
27 सनीचरे क कछू मिला तनिक खइया बटोरइ बरे गएन, मुला उ पचे हुवाँ रचिकउ खइया क नाहीं पाइ सकेन। 28 तबहिं यहोवा मूसा स कहेस, “तोहार लोग मोर आदेसन अउर उपदेसन क मानइ स कबहुँ तलक इनकार करत रहब। 29 लखा यहोवा सबत क दिन तोहरे अराम खातिर बनएस ह। ऍह बरे सुकुरवार क यहोवा दुइ दिना बरे ढेर क खइया के तोहका देइहीं। ऍह बरे सबत क दिना क हर कउनो क अराम करइ चाही। तू आपन जगह प रूकि रहा कउनो जगह बाहर नाहीं जा।” 30 ऍह बरे लोग सबत क दिन अराम किहेन।
31 इस्राएली लोग इ खास खइया क “मन्ना” कहब सुरू दिहेन। मन्ना नान्हक उज्जर धनिया क बिआ क नाई रहा अउ एकर स्वाद सहद स बनवा पपड़े क तरह रहा। 32 तबहिं मूसा कहेस, “यहोवा हुकुम दिहेस ह: ‘इ खइया क एक ओमेर अपने सन्तानन बरे बचावा। तब्बइ उ पचे खइया क लखि सकिहीं जेका मइँ तू पचन क रेगिस्ताने मँ तबहिं दिहे रहेउँ जबहिं मइँ तू पचन क मिस्र स निकारे रहेउँ।’”
33 ऍह बरे मूसा हारून स कहेस, “एक घँड़ा लइ आवा अउ एका एक ओमेर मन्ना स भरि द्या। अउ इ मन्ना क भरि के यहोवा क अगवा धइ द्या अउ आपन सन्तानन बरे बचावा।” 34 (यहोवा क हुकुम क अनुसार हारून मन्ना क काँड़ा क सुरच्छा बरे करार क समन्वा धरेस।) 35 इस्राएल क लोगन चालीस बरिस तलक मन्ना खाएन। उ पचे मन्ना तब तलक मन्ना खात रहेन जब तलक उ पचे उ भुइँया मँ नाहीं आइ गएन जहाँ ओनका बसइ क रहा। उ पचे ओका तब तलक खात रहेन जब ताईं उ पचे कनान देस क चौहद्दी तक नाहीं पहुँचेन। 36 (उ पचे मन्ना क नापइ बरे जउन तउल क बइपरत रहेन, उ आँमर रहा जउन लगभग एक ओमेर क बराबर रहा।)
जक्कई
19 फिन ईसू यरीहो मँ घुसिके जब हुवाँ स जात रहा। 2 तो हुवाँ जक्कई नाउँ क एक मनई भी हाजिर रहा। उ चुंगी (टैक्स) उगहियन मुखिया रहा। तउ उ बहोत धनी रहा। 3 उ इ देखइ क जतन करत रहा कि ईसू कउन अहइ, मुला भिड़िया क कारण उ देख नाहीं पावत रहा काहेकि ओकर कद छोटवार राह। 4 तउ उ सबन क अगवा धावत भवा एक ठु गुलरी क बृच्छ प जाइ चढ़ा जेहसे, उ ओका निहारि सकइ काहेकि ईसू क उहइ रास्ता स होइके निकरइ क रहा।
5 फिन जब ईसू उ ठउरे प आवा तउ उ ऊपर लखत भवा जक्कई स कहेस, “जक्कई, हाली स नीचे उतरि आवा काहेकि मोका आजु तोहरे ही घरे प रुकइ चाही।”
6 तउ उ तड़फड़ नीचे उतरिके खुसी क संग ओकर अगवानी किहेस। 7 जब सबहिं मनइयन इ लखेन तउ उ पचे बड़बड़ाइ लागेन अउर बोलेन, “अरे इ एक पापी क घर मेहमान बनइ जात अहइ।”
8 मुला जक्कई खड़ा भवा अउर पर्भू स बोला, “हे पर्भू देखा, मइँ आपन सारी धन दौलत क आधा हींसा गरीब गुरबन क दइ देब अउर जदि मइँ कउनो क छल कइके कछू भी छीना ह तउ ओका चौगुना कइके लौटाइ देब!”
9 ईसू ओसे कहेस, “इ घरे प आज उद्धार आइ गवा ह, काहेकि इ मनई भी इब्राहीम क ही संतान अहइ। 10 काहेकि मनई क पूत भी जउन कउनो हेराइ गवा अहइ, ओका ढूँढ़इ अउर ओकर उद्धार करइ आवा ह।”
परमेस्सर जउन देत ह ओका बैपरा
(मत्ती 25:14-30)
11 जब उ मनइयन इ बातन क सुनत रहेन तउ ईसू ओनका एक दिस्टान्त कथा सुनाएस काहेकि ईसू यरूसलेम क नगिचे रहा अउर उ पचे सोचत रहेन कि परमेस्सर क राज्य तुरंत ही परगट होइ जात अहइ। 12 तउ ईसू कहेस, “एक ऊँच कुल क मनई राजा क पद पावइ बरे कउनो परदेस मँ गवा। 13 तउ उ आपन दस नउकरन क बोलाएस अउर ओनमाँ स हर एक क एक एक थैली दिहस अउर ओनसे कहेस, ‘जब ताईं मइँ लौटउँ, ऍसे कउनो बियापार करा।’ 14 मुला सहर क दूसर मनई ओसे घिना करत रहेन, एह बरे उ पचे ओकर पाछे इ कहइ क एक प्रतिनिधि मण्डत पठएस, ‘हम नाहीं चाहित कि इ मनई हम पइ राज करइ।’
15 “मुला उ राजा क पदवी पाइ गवा। फिन जब उ वापस लौटा तउ जउन नउकरन क उ धन दिहे रहा ओनका इ जानइ बरे कि उ सबइ कउन लाभ कमाइ लिहन ह, उ बोलॉवा पठएस। 16 पहिला आइ अउर बोला, ‘स्वामी, तोहार थैलियन स मइँ दस अउर थैली कमाउँ ह!’ 17 ऍह पइ ओकर स्वामी ओसे कहेस, ‘उत्तिम नउकर तू नीक किहा ह। काहेकि तू इ छोटकी सी बात प बिसवास क जोग्ग रहा। तू दस सहरन क अधिकारी होब्या!’
18 “फिन दूसर नउकर आवा अउर बोला, ‘स्वामी तोर थैलियन स मइँ पाँच अउर थैली कमायउँ ह!’ 19 फिन उ ऍहसे कहेस, ‘तू पाँच सहरन क ऊपर राज करब्या!’
20 “फिन एक दूसर नउकर आवा अउर बोला, ‘स्वामी इ रही तोहार थैली जेका मइँ अँगौछा मँ बाँधिके कहूँ रख दिहे रहेउँ। 21 मइँ तोहसे डेरात रहत हउँ, काहेकि तू एक कठोर मनई अहा। तू जउन रख्या नाहीं ह तू ओका भी लइ लेत ह अउर जउन तू बोया नाहीं ओका काटत ह!’
22 “मालिक ओसे कहेस, ‘अरे दुस्ट नउकर! मइँ तोहरे आपन सब्दन क ऊपर तोहार निआव करब। तू तो जानत ही ह कि मइँ जउन राखत नाहीं हउँ, ओका भी लइ लेइवाला अउर जउन बोवत नाहीं ओका बी काटइवाला कठोर मनई हउँ? 23 तउ फिन तू मोर धन बियाज प काहे नाहीं लगाया ताकि मइँ अबहुँ वापस आवत होतउँ तउ बियाज क साथ ओका लइ लेतउँ।’ 24 फिन लगे खड़ा मनइयन स उ कहेस, ‘ऍकर थैली ऍहसे लइ ल्या अउर जेकरे लगे दस थैली अहइँ ओका दइ द्या।’
25 “ऍह पइ उ सबइ ओसे बोलेन, ‘मालिक, ओकरे लगे तउ दस थैली अहइँ!’
26 “मालिक कहेस, ‘मइँ तोहसे कहत हउँ हर एक उ मनई क जेकरे लगे अहइ अउर जिआदा दीन्ह जाइ अउर जेकरे पास नाहीं अहइ, ओसे जउन ओकरे लगे अहइ, उ भी छीन लीन्ह जाइ। 27 मुला मोर उ बैरी जउन नाहीं चाहतेन कि मइँ ओन पइ हुकूमत करउँ जेनका हिआँ मोरे समन्वा लावा अउर मारि डावा।’”
ईसू क यरूसलेम मँ घुसब
(मत्ती 21:1-11; मरकुस 11:1-11; यूहन्ना 12:12-19)
28 इ बातन कहि चुके क पाछे ईसू अगवा चलत भवा यरूसलेम कइँती बढ़इ लाग। 29 अउर फिन जब उ बैतफगे अउर बैतनिय्याह मँ उ पहाड़ी क नगिचे पहुँचा जउन जैतून क पर्वतन कही जात रहीं तउ उ आपन दुइ चेलन क इ कहिके पठएस कि 30 “इ जउन गाउँ तोहरे समन्वा अहइ, हुवाँ जा। जइसे ही तू हुवाँ घुसब्या, तोहका गदही क बच्चा हुवाँ बाँधा भवा मिली। जेहॅ पइ कउनो कबहूँ सवारी नाहीं किहे होइ, ओका खोलिके हिआँ लिआवा। 31 अउर जदि कउनो तोहसे पूछइ तू ऍका काहे खोलत अहा, तो तोहका ओसे इ कहब अहइ, ‘पर्भू क चाही।’”
32 फिन जेनका पठवा ग रहा, उ पचे गएन अउर ईसू जइसा ओनका बताए रहा, ओनका बइसा ही मिला। 33 तउ जब उ सबइ बचवा क खोलत ही रहेन, ओकर मालिक लोगन ओनसे पूछेन, “तू इ बचवा क काहे खोलत बाट्या?” 34 उ पचे कहेन, “इ पर्भू क चाही।” 35 फिन उ पचे ओका ईसू क लगे लइ आएन। उ पचे आपन ओढ़ना उ बच्चा प ओढ़ाइ दिहेन अउर ईसू क ओह पइ बइठाइ दिहन। 36 ईसू जब जात रहा तउ मनइयन आपन ओढ़ना सड़क पइ बिछावत जात रहेन।
37 अउर फिन जब उ जैतून क पर्वतन स तलहटी क लगे आवा तउ चेलन क समूची भीड़ ओन सबहिं अजूबा कामे बरे, जउन उ पचे लखे रहेन, ऊँच आवाज मँ खुसी स परमेस्सर क स्तुति करइ लागेन। 38 उ पचे पुकारेन;
“राजा उ धन्य अहइ, आवत ह जउन नाउँ मँ पर्भू (परमेस्सर) क! (A)
सरगे मँ सान्ति होइ, अउर अकास मँ महिमा होइ परमेस्सर क!”
39 भिड़िया मँ खड़ा भएन कछू फरीसियन ओसे कहेन, “गुरु, चेलन क मना करा!”
40 तउ उ जवाब दिहस, “मइँ तोहसे कहत हउँ जदि इ सबइ खामोस होइ जाइँ तउ उ सबइ पाथर चिचियइहीं।”
ईसू यरूसलेम बरे रोइ पड़ा
41 जब उ नगिचे आइके सहर क लखेस तउ उ ओह प रोइ पड़ा। 42 अउर बोला, “जदि तू बस आजु इहइ जानत होत्या कि कउन तोहका सान्ति देइ मुला अब उ तोहरी आँखी स ओझर होइ गवा बा। 43 उ दिनन तोहे प अइहीं जब तोहरे बैरी चारिहुँ कइँती अड़चन खड़ी कइ देइहीं। उ सबइ तोहका घेरि लेइहीं अउर सब कइँती स तोह पइ दबाव डइहीं। 44 उ सबइ तोहका धूरी मँ मिलइहीं। तोहका अउर तोहरे दीवार क भीतर रहइवालन गदेलन क। तोहरी चहरदीवारे क भीतर उ सबइ तोहरे मकाने क एक पथरा भी ना छोड़िहइँ। काहेकि जब परमेस्सर तोहरे लगे आइ, तू उ घड़ी क नाहीं पहिचान्या।”
ईसू मंदिर मँ
(मत्ती 21:12-17; मरकुस 11:15-19; यूहन्ना 2:13-22)
45 फिन ईसू मंदिर मँ घुसा अउर जउन हुवाँ दुकानदारी करत रहेन ओनका बाहेर निकारइ लाग। 46 उ ओनसे कहेस, “पवित्तर सास्तर मँ लिखा ग अहइ, ‘मोर घर पराथना घर होइ।’(B) मुला तू पचे ऍका ‘डाकुअन क अड्डा(C) बनए अहा।’”
47 अब तो हर दिन मंदिर मँ उपदेस देइ लाग। मुख्ययाजकन, धरम सास्तिरियन अउर मुखिया मनइयन ओका मार डावइ क ताक मँ रहइ लागेन। 48 मुला ओनका अइसा कइ डावइ क कउनो अउसर न मिल पावा काहेकि मनइयन ओकरे बचन क बहोत मान्नता देत रहेन।
34 फिन एलीहू बात क जारी रखत भए कहेस:
2 “अरे ओ गियानी मनइयो।
तू पचे धियान स सुना जउन बातन मइँ कहत हउँ।
अरे ओ चतुर लोगो, मोह पइ धियान दया।
3 कान ओन सबन्क परखत ह जेनका उ सुनत ह,
जइसेन जीभ जउने खइया क छुअति ह, ओकार सुआद पता करत ह।
4 तउ आवा इ परिस्थिति क परखा अउर खुद फइसला करा कि उचित का बाटइ।
हम संग संग सीखब कि का खरा बाटइ।
5 अय्यबू कहेस: ‘मइँ निर्दोख हउँ,
मुला परमेस्सर मोरे बरे निस्पच्छ नाहीं अहइ।
6 मइँ निरीह अहउँ मुला लोग सोचत हीं कि मइँ बुरा अहउँ।
उ पचे सोचत हीं कि मइँ एक झूठा हउँ अउर चाहे मइँ निर्दोख भी होउँ फुन भी मोर घाव नाहीं भरि सकत।’
7 “अय्यूब क नाई कउनो भी मनई नाहीं अहइ जेकर मुँह परमेस्सर क निन्दा स भरा रहत ह।
अय्यूब बरे परमेस्सर क बेज्जती करइ मँ आसानी स पानी क पीवइ जइसा अहइ।
8 अय्यूब बुरे लोगन क साथी अबइ
अउर अय्यूब क बुरे लोगन क संगत भावत ह।
9 काहेकि अय्यूब कहत ह,
‘अगर कउनो मनई परमेस्सर क हुकुम मानई क जतन करत ह तउ एहसे उ मनई क कछू भी भला न होइ।’
10 “अरे ओ लोगो जउन समुझ सकत हवा, तउ मोर बात सुना,
परमेस्सर कबहुँ भी बुरा नाहीं करत ह।
सर्वसक्तीमान परमेस्सर कबहुँ भी बुरा नाहीं करी।
11 परमेस्सर मनई क ओकर कीन्ह करमन क फल देइ।
उ मनइयन क जउन मिलइ चाही, देइ।
12 उ फुरइ अहइ परमेस्सर कबहुँ बुरा कारज नाहीं करत ह।
सर्वसक्तीसाली परमेस्सर सदा निस्पच्छ रही।
13 कउनो इनसान ओका धरती क प्रभारी नाहीं बनाएस।
कउनो भी मनई ओका इ सचमुच जगत क जिम्मेदारी नाहीं दिहस।
14 अगर परमेस्सर ठान लेत
तउ उ लोगन स जिन्नगी क साँस लइ लेत ह।
15 तउ धरती क सबहिं मनई मर जातेन,
फिन सबहिं लोग माटी बन जातेन।
16 “अगर तू पचे विवेकी अहा
तउ तू पचे ओका सुनब्या जेका मइँ कहत हउँ।
17 अइसा कउनो मनई जउन निआउ स घिना राखत ह
सासक नाहीं बन सकत ह।
अय्यूब, का तू सोचत अहा कि तू परमेस्सर क दोखी साबित कइ सकत अहइ?
18 सिरिफ परमेस्सर अइसा अहइ जउन राजा लोगन स कहत रहत ह कि ‘तू पचे बेकार अहइ।’
परमेस्सर नेता लोगन स कहत रहत ह कि ‘तू पचे दुस्ट अहा।’
19 परमेस्सर प्रमुखन स दूसर मनइयन क अपेच्छा अधिक पिरेम नाहीं करत,
अउर परमेस्सर धन्नासेठन क अपेच्छा गरीबन स जियादा पिरेम नाहीं करत ह।
काहेकि सबहिं क परमेस्सर रचेस ह।
20 होइ सकत ह रात मँ अचानक कउनो मनई मरि जाइ।
परमेस्सर बहोत जल्दी ही लोगन क रोगी करत ह अउर उ पचे प्राण तउ देत हीं।
परमेस्सर बगइर कउनो जतन क सक्तीसाली लोगन क उठाइ लइ जात ह।
21 “मनई जउन करत ह परमेस्सर ओका देखत ह।
मनई जउन भी चरण उठावत ह परमेस्सर ओका जानत ह।
22 कउनो जगहिया अइसी अँधियारा नाहीं अहइ, चाहे उ जगह कइसा भी अँधियारा होइ,
जेह मँ कि कउनो भी दुस्ट मनई अपने क परमेस्सर स छुपाइ पावइस।
23 कउनो मनई बरे इ उचित नाहीं
कि उ परमेस्सर स निआउ क अदालत मँ मिलइ क समइ निहचित करइ।
24 परमेस्सर क प्रस्नन क पूछइ क जरुरत नाहीं,
मुला परमेस्सर बरिआरन क नस्ट करी
अउर ओनकर जगह पइ
कउनो अउर क बइठाई।
25 तउ परमेस्सर जानत ह कि लोग का कर हीं।
एह बरे परमेस्सर राति मँ दुस्टन क हराई, अउर ओनका नस्ट कइ देइ।
26 परमेस्सर बुरे लोगन क ओनके बुरे करमन क कारण नस्ट कइ देइ
अउर बुरे मनई क सजा क सब लखइ देइ।
27 काहेकि बुरे लोग परमेस्सर क आग्या मनाइ क तजि दिहेन
अउर उ पचे बुरे लोग परवाह नाहीं करत हीं ओन कामन क करइ क जेनका परमेस्सर चाहत ह।
28 ओन बुरे लोग गरीबन क दुःख दिहन अउर ओनका मजबूर किहन परमेस्सर क मदद बरे गोहरावइ क।
गरीब मदद बरे गोहरावत ह, तउ परमेस्सर ओकर सुनत ह।
29 जब परमेस्सर खामोस रही क फइसला करत ह
तउ कउनो मनई परमेस्सर क दोखी नाहीं ठहराइ सकत ह।
अगर परमेस्सर आपना मुख छिपा लेत ह
तउ कउनो भी रास्ट्र या कउनो मनई ओका नाहीं पाइ सकत ह।
30 तउ फुन एक ठु अइसा मनई अहइ जउन परमेस्सर क खिलाफ अहइ अउर लोगन पइ जुलम करत ह।
तउ परमेस्सर ओका राजा बनइ नाहीं गइ सकत ह।
31 “होइ सकत ह कि कउनो परमेस्सर स कहइ,
‘मइँ अपराधी हउँ अउर फुन मइँ पाप नाहीं करब।
32 हे परमेस्सर, तू मोका उ सबइ बातन सिखावा जउन मइँ नाहीं जानत हउँ।
अगर मइँ कछू बुरा किहेउँ तउ फुन, मइँ ओका नाहीं करबउँ।’
33 मुला अय्यूब, जब तू बदलइ क मना करत अहा,
तउ क परमेस्सर तोहका वइसा प्रतिफल देइ, जइसा तू चाहत अहा?
इ तोहार फइसला अहइ इ मोर नाहीं अहइ।
तू ही बतावा कि तू का सोचत अहा?
34 कउनो भी मनई जेहमाँ विवेक अहइ अउर जउन समझत ह उ मोरे संग सहमत होइ।
कउनो भी विवेकवाला मनई जउन मोर सुनत, उ कही,
35 ‘अय्यूब, अबोध मनई क जइसी बातन करत अहा,
जउन बातन अय्यूब करत ह ओऩमाँ कउनो सच्चाइ नाहीं।’
36 मोर इ इच्छा अहइ कि अय्यूब क परखइ क अउर भी जियादा कस्ट दीन्ह जाइँ।
काहेकि अय्यूब हमका अइसा जवाब देत ह, जइसा कउनो दुस्ट मनई जवाब देत होइ।
37 अय्यूब पाप पइ किए जात ह अउर ओह पइ उ बगावत किहेस।
तोहरे ही समन्वा उ परमेस्सर क खिलाफ बहोत सारे इलाजाम लगावत रहत ह।”
माटी क भाँडी मँ आतिमा क धन
4 काहेकि परमेस्सर क दया स इ सेवा हम सबन का मिली बा, इही बरे हम निरास नाहीं होइत। 2 हम तउ लजाइ वाला छुपा काम क छोड़ दिहे अही। हम कपट नाहीं करित अउर न तउ हम परमेस्सर क बचन मँ मिलावट करित ह बल्कि सत्य क सरल रूपे मँ परगट कइके लोगन क चेतना मँ परमेस्सर क सामने अपने आपके प्रसंसा क जोग्ग ठहराइत ह। 3 जउन सुसमाचार क हम प्रचार करीत ह, ओह पर य कउनउ परदा पड़ा होइ तउ इ केवल ओनके बरे पड़ा बा। जउन बिनासे क रस्ता पर चलत ही। 4 एह जुगे क सुवामी (सइतान) एह अबिसवसियन क बुद्धि क आँधर कइ दिहे अहइ। ताकि उ पचे परमेस्सर क साच्छात एकदम्मई वइसेन हीं रूप उ मसीह क महिमा क सुसमाचार स फूटन रह प्रकास (सत्य) क न देख पावइँस। 5 हम खुद आपमन प्रचार नाहीं करित ह बल्कि पर्भू क रूपवा मँ उ मसीह ईसू क उपदेस देइत ह। अउर अपने बारे मँ त इहइ कहित ह कि हम ईसू क नाते तोहार सेवक अही। 6 काहेकि उइ परमेस्सर तउ जउन कहे रहा, “अँधियारे स ओजियारे मँ चमकइ।” उहइ हमरे हीये मँ अँजोर भवा बा। ताकि हमका ईसू मसीह क व्यक्तित्व मँ परमेस्सर क महिमा क गियान क ज्योति मिल सकइ।
7 मुला हम जइसेन माटी क भाँडिन मँ उ सम्पतिन इही बरे रखी गइ बा, अउर इ सिद्ध होइ गवा अहइ कि उ असीमित सक्ति हममे नाहीं उहइ आवत बल्कि परमेस्सर से आवत ह। 8 हम हर समइ सब प्रकार क कठिन दबाव मँ जियत हइ, मुला हम कुचल नाहीं ग अही। हम घबरान अही मुला निरास नाहीं अही 9 हमका यातना दीन्ह जात ह, पर हम खतम नाही अही हम झुकाइ दीन्ह जात अही, पर नस्ट नाहीं होइत। 10 हम हमेसा अपने देह मँ ईसू क हतिया क सब जगहा लिहे रहित ह ताकि ईसू क जीवन उ हमरे देहन मँ स परगट होइ। 11 ईसू क कारण हम जउन जिअत अही ओनके हमेसा मऊत क हाथे सौंपा जात ह। ताकि ईसू क जीवन नासवान सरीर मँ एकदम्मई उजागर होइ सकइ। 12 इही बरे मऊत हमरे मँ अउर जीवन तोहरे मँ सत्रिया बा।
13 सास्तरन मँ लिखा बा, “मइँ बिसवास किहे रहेउँ इही बरे मइँ बोलेउँ।”(A) हमहूँ मँ बिसवास क उहइ आतिमा बा अउर हम भी उही प्रकार क बिसवास करित ह इहीं बरे हमहूँ बोलित ह। 14 काहेकि हम जानित ह कि जे पर्भू ईसू क मरे रहे मँ जियाइ क उठाएस उ हमहूँ क उही तरह ईसू क साथ जिन्दा करिही। जइसेन क ईसू क जियाएस ह। अउर हमहूँ क तोहरे साथे अपने सामने खड़ा करिही। 15 इ सब बात तोहरे बरे ही करी जात ह। ताकि जियादा से जियादा लोगन मँ फइलत जात रही परमेस्सर क अनुग्रह परमेस्सर क महिमा चमकावइ वाले जियादा स जियादा धन्यवाद देइ मँ फलि सकइँ।
बिसवास स जीवन
16 इही बरे हम निरास नाहीं होइत! जद्यपि हमार भौतिक सरीर कमजोर होत जात बा, तबऊ हमार अन्तरात्मा रोज्जइ नवा से नवा होत जात बा। 17 हमार पल भरे क इ छोट मोट दुख एक न तुलना कीन्ह जाइवाली अनन्त महिमा पैदा करत बा। 18 जउन कछू देखा जाइ सकत ह, हमार आँखी ओह पर नाहीं टिकी बा। काहेकि जउन देखा जाइ सकत ह उ बिनासी बा, जब कि जउन नाहीं देखा जाइ सकत ह उ स्थाई बा।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.