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M’Cheyne Bible Reading Plan

The classic M'Cheyne plan--read the Old Testament, New Testament, and Psalms or Gospels every day.
Duration: 365 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
निर्गमन 13

13 तब यहोवा मूसा स कहेस, “हर पहिला पइदा भवा इस्राएली लरिका मोका अर्पण कइ दिहा। हर अउरत क पहिला पइदा बचवा मोर ही होइ। तू पचे पहिला पइदा हर एक नर पसु क मोका अर्पण कइ दिहा।”

मूसा मनइयन स कहेस, “इ दिन क याद राखा। तू पचे मिस्र मँ गुलाम रह्या। मुला इ दिन यहोवा आपन बड़की सक्ती क बइपरेस अउ तू पचन्क अजाद कराएस। तू पचे खमीरे क संग जिन खाया। आजु आबीब क महीना मँ, तू पचे मिस्र स जात रह्या। यहोवा तू पचन्क पुरखन स खास वाचा किहे रहेन। यहोवा तू पचन्क कनानी, हित्ती, एमोरी, परिज्जी, हिब्बी, अउ यबूसी मनइयन क धरती देइ क वाचा किहेस। जब यहोवा तू पचन्क उ बढ़िया देस मँ ले जाइ जहाँ दूध अउर सहद क नदी बहत रहत ह तब तू इ दिन क जरूर याद राख्या। तू पचे हर बार बरिस क पहिले महीना मँ इ दिन क खास आराधना क दिन क रूप मँ मनावा।

“सात दिन तलक तू पचे उहइ रोटी खाया जेहँमा खमीर न होइ। सातवें दिन एक ठु बड़की दावत होइ। इ दावत यहोवा क मान करइ क निसानी होइ। ऍह बरे सात दिना ताई खमीर स बनई रोटी नाहीं खाइ चाही। तोहरे पहँटा मँ कउनो जगह खमीर क रोटी नाहीं होइ चाही। इ दिन तू सबन्क आपन गदेलन स कहइ चाही, ‘हम पचे इ दावत ऍह बरे करत अही कि यहोवा हमका मिस्र स बाहेर निकारेस।’

“इ छुटी क दिन तू पचन्क याद करइ मँ मदद करी यानी इ तू पचन्क कलाई प बाँधा धागा[a] क नाई होइ। इ दिन तोहार आँख क आगवा एक चीन्ह क नाई होइ। इ छुटी क दिन तोहका यहोवा क उपदेस क याद राखइ मँ मदद करी। इ छुटी क दिन तू पचन्क ई याद राखइ मँ मदद करी कि यहोवा तू पचन्क क आपन महान सक्ती क प्रयोग कइके तोहका मिस्र स बाहेर निकारेस ह। 10 ऍह बरे हर बरिस इ छुटी क दिन क ठीक टेम प मनावइ क याद राखा।

11 “यहोवा तू मनइयन क उ देस मँ लइ चलिहीं जेका तू पचन्क देइ बरे वाचा किहेस रहा। इ समइया हुवाँ कनानी मनइ रहत हीं। मुला यहोवा तोहार पुरखन स इ वाचा किहे रहा कि इ धरती तू पचन्क दइ देइ। यहोवा इ भुइँया तोहका देइहीं। 12 ओकरे पाछे तू सबइ आपन हर एक पहिलौटी लरिका क ओका अर्पण करइके याद राखा अउ हर एक पहिला पइदा भवा नर पसु क जरूर यहोवा बरे अर्पण कइ दिहा। 13 हर एक पहिला पइदा भवा गदहा यहोवा स वापस बेसहि लिहा। तू पचे ओकरे बदले मँ भेड़ क बच्चा क दइ दिहा अउ गदहा क वापस लइ सकत ह। जदि तू यहोवा स गदहा नाहीं बेसहा चहत्या तउ एका मारि डावा। इ एक बलि होइ। तू ओकर गरदन जरूर तोड़ि द्या। हर एक पहिलौटी लरिका यहोवा स फुन जरूर बेसहि लीन्ह जाइ।

14 “अगवा तोहार गदेलन पूछिहीं तू इ काहे करत ह। उ पचे कइहीं, ‘इ सब का का मतलब अहइ?’ अउर तू जवाब देब्या, ‘यहोवा हम सबन्क मिस्र स बचावइ बरे बड़की सक्ती बइपरेस ह। हम पचे हुवाँ गुलाम रहेन। मुला यहोवा हम पचन्क बाहेर निकारेस अउ उ पचे हिआँ लइ आएन। 15 मिस्र मँ फिरौन हठी होइ गवा। उ हम पचन क जाइ नाहीं दिहस। ऍह बरे यहोवा उ देस क सबहिं पहिलौटी नर अउलादे क मारि डाएस। (यहोवा पहिलौटी नर पसु अउ पहिलौटी बेटवन क मारि डाएस।) ऍह बरे हम पचे पहिले पइदा भए हर एक नर पसु क यहोवा बरे अर्पण करत अही। अउर इहइ कारण अहइ कि हम पचे पहिलौटी भए बेटवन क यहोवा स बेसहित ह।’ 16 इ तोहरे कलाई प बाँधा भवा धगा क नाई अहइ। अउ इ तोहरे आँखिन क समन्वा बँधा भवा चीन्हा क तरह अइइ। इ एका याद दियावइ मँ मदद करी कि यहोवा आपन बड़की ताकत स हम पचन्क मिस्र स बाहेर लइ आएन।”

मिस्र स बाहेर जात्रा

17 फिरौन लोगन क मिस्र तजि देइ क मजबूर किहेस। यहोवा लोगन क उ सड़क प नाहीं जाइ दिहस जउन फिलीस्तीन कइँती जात रही। उ सड़क समुद्र स होइ क सबते छोटी राह रही मुला यहोवा कहेस, “जदि लोगन उ राहे स जात हीं, उ पचन्क जुद्ध करइ क होइ। तउ उ पचे आपन इरादा बदलि सकत हीं अउ मिस्र क लौटि सकत हीं।” 18 ऍह बरे यहोवा ओनका दूसर राहे स लइ गवा। उ ओन पचेन्क लाल समुद्र क रेगिस्ताने स लइ गवा। इस्राएल क मनइयन जुद्ध क कपड़ा पहिरे रहेन जब उ पचे मिस्र क तजि दिहन।

यूसुफ घर जात ह

19 मूसा यूसुफ क हाड़े क आपन संग लइ गवा। मरइ क पहिले यूसुफ इस्राएल क अउलादे स वाचा किहेस कि उ पचे इ करिहीं। मरइ स पहिले यूसुफ कहेस, “परमेस्सर तू पचन्क बचावइ, तू आपन संग मोर हाड़े क मिस्र स बाहेर लइ जाइ क याद राखा।”

यहोवा आपन लोगन क अगुवाई करत ह

20 इस्राएल क मनइयन सुक्कोत नगर तजेन अउ एताम मँ डेरा डाएन। एताम रेगिस्ताने क छोरे प रहा। 21 यहोवा रस्ता देखाँएन। दिन मँ यहोवा एक लम्बा बदरे क प्रयोग मनइयन क लइ जाइ बरे किहस अउ राति मँ यहोवा ओनका रस्ता देखावइ बरे एक लम्बा आगी क खम्भा क बइपरेस। इ आगी ओनका उजिआरा देत रही। इ कारण उ पचे राति मँ जात्रा कइ सकत रहेन। 22 एक ऊँच खम्भा क रूप मँ बादर हमेसा ओनके संग दिन मँ रहा अउ राति क आगी क खम्भा सदा ओनके संग रहा।

लूका 16

साँच धन

16 फिन ईसू आपन चेलन स कहेस, “एक धनी मनई रहा। ओकर एक प्रबन्धक रहा। उ प्रबन्धक प लांछन लगाइ गवा कि उ ओकर धन दौलत क नासत रहा। तउ उ ओका बोलाएस अउर कहेस, ‘तोहरे बारे मँ इ मइँ का सुनत रहत हउँ? आपन संरजाम क हिसाब किताब द्या काहेकि अब अगवा तू प्रबन्धक नाहीं रहि सकत्या।’

“ऍह पइ प्रबन्धक मन ही मन मँ कहेस, ‘मोर स्वामी मोसे मोर प्रबन्धक क नउकरी छीनत अहा, तउ अब मइँ का करउँ? मोहमाँ अब ऍतनी ताकत भी नाहीं बा कि मइँ खेते खोदाई अउर गोंड़ाई क काम तलक कइ सकउँ। अउर माँगइ मँ तउ मोका लाज आवति बाटइ। ठीक, मोरी समझ मँ आइ गवा कि मोका का करइ चाही जेहॅसे जब मइँ प्रबन्धक क ओहदा स हटाइ दीन्ह जाउँ तउ मनई आपन घरे मँ मोर सुआगत करइँ।’

“तउ उ स्वामी क हर देनदार क बोलाएस। पहिले मनई स उ पूछेस, ‘तोहका मोरे स्वामी क केतॅना देब अहइ?’ उ कहेस, ‘3,000 लीटर जौतून क तेल।’ ऍह पइ उ ओसे बोला, ‘इ ल्या आपन बही खाता अउर बैठिके हाली 1,500 लीटर कइ द्या।’

“फिन उ दूसर स कहेस, ‘अउर तोह प केतनी देनदारी अहइ?’ उ बताएस, ‘270 क्विंटल गोहूँ।’ उ ओसे बोला, ‘इ ल्या आपन बही अउर 225 क्विंटल कइ द्या।’

“ऍह प ओकर स्वामी उ बेइमान प्रबन्धक क सराहेस काहेकि उ होसियारी स काम लिहे रहा। संसारे मँ रहइवाला मनई आपन जइसे मनइयन स ब्यौहार करइ मँ परमेस्सर क जोतिवाला स जिआदा चालाक अहइ।

“मइँ तोहसे कहत हउँ संसारे क धन दौलत स आपन बरे मीत बनावा। काहेकि जब उ धन दौलत खतम होइ जाइ, उ पचे अनंत निवासे मँ तोहार सुआगत करिहीं। 10 उ सबइ जेनॅ पइ तनिक बरे बिसवास कीन्ह जाइ सकत ह, ओन पइ जिआदा बरे भी बिसवास कीन्ह जाइ अउर इहइ तरह जउन तनिक बरे बेइमान होइ सकत हीं उ जिआदा बरे बेइमान होइहीं। 11 इ तरह जदि तू संसारे क धन दौलत बरे तू बिसवासनीय नाहीं रह्या तउ साँच धने क बारे मँ तोह पइ कउन भरोसा करी? 12 जदि जउन कउनो दूसर क अहइ, तू ओकरे बरे बिसवास क जोग्ग नाहीं, बाट्या, तउ जउन तोहार अहइ, ओका तोहरा कउन देइ?

13 “कउनो भी नउकर दुइ मालिक क सेवा नाहीं कइ सकत। उ या तो एक स घिना करी अउर दूसर स पिरेम या उ एक क बरे न्यौछावर करी अउर दूसर क दुरियाई। तू धने अउर परमेस्सर दुइनउँ क सेवा एक संग नाहीं कई सकत्या।”

परमेस्सर क व्यवस्था अटल बा

(मत्ती 11:12-13)

14 अब फरीसियन जउन धन क लोभी रहेन, जब इ सब सुनेन तउ उ पचे ईसू क बहोत बुराई किहेन। 15 ऍह पइ उ ओनसे कहेस, “तू पचे उ सबइ अहा जउन मनइयन क इ जताइ देइ चाहत ह कि तू बहोत नीक अहा मुला परमेस्सर तोहरे मन क जानत ह। मनई जेका बहोत कीमती समझत हीं, परमेस्सर बरे उ तुच्छ अहइ।

16 “यूहन्ना तलक व्यवस्था अउर नबियन क समइ रहा। ओकरे पाछे परमेस्सर क राज्य क सुसमाचार क प्रचार होत रहा अउर हर कउनो बड़ी तेजी स ऍकर कइँती हींचा चला आवत रहा। 17 फिन सरग अउर धरती क डुग जाब तउ सहल बा मुला व्यवस्था क एक एक बिन्दु क अमान्य होब नाहीं।

तलाक अउर दुहेजा बियाह

18 “उ हर कउनो जउन आपन पत्नी क तजत ह अउर दूसर स्त्री क बियाहत ह, व्यभिचार करत ह। अइसे ही आपन पति स तलाकी गइ, कउनो मनई स बियाहत ह, उ भी व्यभिचार करत ह।”

धनी मनई अउर लाजत

19 “अब देखा एक मनई रहा जउन बहोत धनी रहा। उ बैंजनी रंग क ओढ़ना पहिरत रहा अउर हर रोज अमीरी ठाट बाट स रहत आनन्द लेत रहा। 20 हुँवई लाजर नाउँ क दीन दुखिया ओकरे दुआरे ओलरा रहत रहा। ओकर देह घाउन स भरि गइ रही। 21 उ धनी मनई क जूठे स ही उ आपन पेटवा भरइ क तरसत रहा। हिआँ तलक कि कूकुर भी अउतेन अउर ओकरे घाउ क चाट जातेन।

22 “अउर फिन अइसा भवा कि उ दीन हीन मनई मरि गवा। तउ सरगदूतन लइ जाइके ओका इब्राहीम क गोदी मँ बइठाइ दिहन। फिन उ धनी मनई भी मरि गवा अउर ओका दफनियावा गवा। 23 नरके मँ तड़पत भवा उ जब आँखी खोलिके लखेस तउ इब्राहीम ओका बहोत दूर देखाइ गवा मुला लाजर उ ओकरी गोदी मँ लखेस। 24 उ तब्बइ पुकारके कहेस, ‘बाप इब्राहीम, मोहे प दाया करा अउर लाजर क पठवा कि उ पानी मँ अगुँरि क नोक बोरिके मोर जीभ ठंढी कइ देइ, काहेकि मइँ इ आगी मँ तड़पत हउँ!’

25 “मुला इब्राहीम बोला, ‘मोर बेटहना, याद राखा, तू आपन जिन्नगी मँ आपन नीक चीजन्क पाइ गया मुला लाजर क बुरी चीज मिलि पाइँ। तउ अब हिआँ उ आनन्द भोगत बा अउर तू दारूण दुःख। 26 अउर इ सब क अलावा हमरे अउर तोहरे बीच एक बड़की खाई डाइ दीन्ह ग अहइ काहेकि हिआँ स जदि कउनो तोहरे लगे जाइ चाहइ, उ जाइ नाहीं सकत अउर हुवाँ स कउनो हिआँ आइ न सकइँ।’

27 “उ धनी मनई कहेस, ‘अइ बाप! मइँ तोहसे पराथना करत हउँ कि तू लाजर क मोरे बाप क घर पठइ द्या 28 काहेकि मोरे पाँच भाइयन अहइँ। उ ओनका चिताउनी देइ ताकि ओनका इ दारुण दुःख क ठउर मँ न आवइ क होइ।’

29 “मुला इब्राहीम कहेस, ‘ओनके लगे मूसा क व्यवस्था अहइ अउर नबियन क लिखा अहइँ। ओ पचेन क ओनका सुनइ द्या।’

30 “धनी मनई कहेस, ‘नाहीं बाप इब्राहीम, जदि कउनो मरे हुअन मँ स ओनके लगे जाइ तउ उ पचे मनफिराव करिहीं।’

31 “इब्राहीम ओसे कहेस, ‘जदि उ सबइ मूसा अउर नबियन क नाहीं अनकतेन तउ, जदि कउनो मरे हुअन मँ स उठिके ओनके लगे आवइ तउ भी कोउ काम क न होई, काहेकि उ ओनका भी न सुनिहीं।’”

अय्यूब 31

31 “मइँ आपन अँखिन क संग एक समझौता किहेउ ह
    कि उ सबइ कउनो लड़िकी क वासना क निगाह स न लखहीं।
सर्वसक्तीमान परमेस्सर लोगन क संग कइसा करत ह
    उ कइसे आपन ऊँच सरगे क घरे से ओनकर करमन क प्रतिफल देत ह
परमेस्सर दुस्ट लोगन बरे संकट अउ विनास पठवत ह,
    अउर जउन बुरा करम करत हीं ओनके बरे बर्बादी पठवत ह।
मइँ जउन भी करत हउँ परमेस्सर जानत ह।
    अउर मोरे हर कदम क उ लखत ह।

“अउर मइँ झूठी जिन्नगी जिया हउँ
    या झूठ बोलिके लोगन क मुरख बनाए हउँ।
तउ उ मोका खरी तरजू स तौलेइ,
    तब परमेस्सर जान लेइ कि मइँ निरपराध हउँ।
अगर मइँ खरा रास्ता स हटा होउँ,
    अगर मइँ आपन आप क बुरे लालसा मँ लइ गइ होइ
    या अगर मइँ आपन हाथ क पवित्तर नाहीं राखत हइँ।
तउ मोर उपजाई भइ फसल दूसर लोग खाइ जाइँ
    अउर मोर फसलन क उजारिके लइ जाइँ।

“अगर मइँ मेहररुअन बरे कामुक रहा होउँ,
    या अगर मइँ आपन पड़ोसी क दुआरे क ओकरी पत्नी क संग व्याभिचार करइ क बरे ताकत रहा होउँ,
10 तउ मोर पत्नी दूसर लोगन क भोजन बनावइ
    अउर ओकरे संग दूसर लोग सोवइँ।
11 काहेकि यौन पाप लज्जा स भरा होत ह?
    इ अइसा पाप अहइ जेका निहचय ही सजा पावइ चाही।
12 व्याभिचार उ पाप क समान अहइ, जउन बारत अउ बर्बाद कइ डावत ह।
    मोरे लगे जउन कछू भी अहइ बिभिचार क पाप ओका बारि डाइ।

13 “अगर मइँ आपन दास-दासियन क समन्वा उ समइ निस्पच्छ नाहीं रहेउँ
    जब ओनका मोसे कउनो सिकाइत रही।
14 तउ जब मोका परमेस्सर क समन्वा जाइ क होइ, तउ मइँ का करब?
    जब उ मोका मोरे करमन क सफाई माँगइ बोलइ तउ मइँ परमेस्सर क का जावाब देब?
15 परमेस्सर मोका अउर मोरे सेवकन क
    हमरी आपन-आपन महतारी क गर्भ मँ बनाएस ह।

16 “मइँ कबहुँ भी दीन जन क मदद क मना नाहीं किहेउँ।
    मइँ राँड़ मेहररुअन क सहारे क बिना नाहीं रहइ दिहेउँ।
17 मइँ स्वार्थी नाहीं रहेउँ।
    मइँ आपन भोजन क संग अनाथ बच्चन क भूखा नाहीं रहइ दिहेउँ।
18 मइँ अइसे गदेलन क जेनके बाप नाहीं अहइँ, मइँ बाप जइसा रहेउँ ह।
    मइँ जिन्नगी भइ राँड़ मेहररुअन क धियान रखेउँ ह।
19 जब मइँ कउनो क एह बरे कस्ट भोगत भए पाएउँ ह कि ओकरे लगे ओढ़ना नाहीं अहइ,
    या मइँ कउनो दीन क बगैर कोट क पाएउँ।
20     तउ मइँ सदा ओन लोगन क ओढ़ना देत रहेउँ,
मइँ ओनका गरम राखइ क मइँ खुद आपन भेड़िन क ऊन बइपरेउँ,
    तउ उ पचे मोका समूचइ मने स असीसत रहेन।
21 मइँ कउनो अनाथे क खिलाफ कबहुँ आपन हाथ नाहीं उठाएस
    जब कबहुँ मइँ ओका सहर क फाटके पइ मदद माँगत भए निहारेउँ।
22 अगर मइ अइसा किहेउँ तउ मोर काँधा आपन जगह स छूट कइ गिर जाइ
    अउर मोर बाजू आपन जोड़ स अलग होइ जाइ।
23 मुला मइँ तउ ओनमाँ स कउनो बुरा करम नाहीं किहेउँ।
    मइँ परमेस्सर क दण्ड स डेरात हउँ।
    ओकरी तेजस्विता स डेरात हउँ।

24 “मइँ कबहुँ आपन धन दौलत क भरोसा नाहीं किहेउँ,
    अउर मइँ कबहुँ नाहीं चोखा सोने स कहेउँ कि ‘तू मोर आसा अहा।
25 मइँ धने स सम्पन्न रहेउँ।’
    मुला मइँ ओसे घमण्डी नाहीं भएउँ।
मइँ खूवइ धन कमाएउँ।
    मुला उहइ नाहीं जेहसे आनन्दित भएउँ।
26 मइँ कबहुँ भी नाहीं चमकत सूरज क पूजा किहेउँ
    या मइँ सुन्नर चाँद क पूजा नाहीं किहेउँ।
27 मइँ कबहुँ भी आपन हाथ क चूम कइ सूकज
    अउर चाँद क पूजा करइ क मूरखता नाहीं किहा रहा।
28 अगर मइँ एनमाँ स कछू किहेउँ तउ उ मोर पाप होइ अउ मोका सजा मिलइ।
    अगर मइँ ओन बातन क पूजा किहे होतेउँ तउ सर्वसक्तीसाली परमेस्सर क अबिस्सासी होइ जातेउँ।

29 “जब मोर दुस्मन बर्बाद भएन
    तउ मइँ खुस नाहीं भएउँ।
जब मोरे दुस्मनन क दुख-मुसीबत डाली गवा,
    तउ मइँ ओकर बरे खूस नाहीं भवा।
30 मइँ आपन मुहँ खोलिके आपन दुस्मनन क सरापत भए पाप नाहीं किहेउँ
    अउ मइँ ओकरे मोत क इच्छा नाहीं कहेस।
31 मोरे घरे क सबहिं लोग जानत हीं
    कि मइँ सदा अजनबी लोगन क खइया क दिहेउँ।
32 मइँ सदा अजनबी लोगन क घरे मँ बोलाएउँ,
    ताकि ओनका राति मँ गलियन मँ सोवइ क न पड़इ।
33 दूसर लोग आपन पापे क छूपावइ क जतन करत हीं,
    मुला मइँ आपन दोख कबहुँ नाहीं छुपाएउँ।
34 मइँ कबहुँ नाहीं डेराउँ कि लोग का कहत रहत हीं।
    मइँ कबहुँ चुप नाहीं रहेउँ अउ मइँ आपन घर बाहेर जाइ बरे कबहुँ नाहीं डेराउँ।

35 “कास! कउनो होत जउन मोर सुनत।
    मोका आपन बात अपनी कइँती स समझावइ द्या।
कास! सक्तीसाली परमेस्सर मोका अउर कास उ ओनँ बातन क लिखत
    जउन मइँ ओकरी निगाहे मँ गलत किहे रहेउँ।
36 काहेकि फुरइ ही मइँ उ लिकावट आपन खुद क काँधे पइ धइ लेब
    अउर मइँ ओका मुकुट क तरह मूँड़े पइ धइ लेब।
37 “अगर परमेस्सर किहेस तउ जउन कछू मइँ किहेउँ ह, मइँ ओका परमेस्सर क समुझाउब।
    मइँ परमेस्सर क लगे आपन मूँड़ि उठाइके जाब, जइसे मइँ कउनो मुखिया होउँ।

38 “मइँ आपन भुइँया पइ कबहुँ बेगुनाह क खुन नाहीं बहाया हउँ
    एँह बरे मोर मिट्टी या मोर धरती क खिलाफ कबहुँ आवाज़ नाहीं उठाएस।
39 मइँ हमेसा मजदूरन क फसल काटइ बरे ओनकर मजूरी दिहेउँ।
    मइँ कबहुँ भी ओकर मालिक स जबरदस्ती अनाज़ नाहीं लिहेउँ।
40 हाँ! एनमाँ स अगर कउनो भी बुरा काम मइँ किहे होउ,
    तउ गोहूँ क जगह पइ काँटा अउर जौ क बजाय खर-पतवर खेतन मँ उग जाइँ।”

अय्यूब क सब्द खतम भएन।

2 कुरिन्थियन 1

परमेस्सर क इच्छा स मसीह ईसू क प्रेरित पौलुस अउर हमरे भाई तीमुथियुस क कइँती स।

कुरिन्थुस परमेस्सर क कलीसिया अउर अखाया क पूरे छेत्रन क पवित्तर लोग क नाउँ:

हमार परमपिता परमेस्सर अउर पर्भू ईसू मसीह क कइँती से तू सबन क अनुग्रह अउर सान्ति मिलइ।

पौलुस क परमेस्सर क धन्यवाद

हमार पर्भू ईसू मसीह क परमपिता परमेस्सर धन्य अहइ। उ दया क स्वामी अहइ अउर आनन्द क प्रेरणा अहइ। हमार हर विपत्तिन मँ उ हमका सान्ति देत ह ताकि हमहूँ हर प्रकार क विपत्तिन मँ पड़े लोगन क वइसेनइ सान्ति दइ सकी जइसेन परमेस्सर हमका दिहे अहइ। काहेकि जइसेन मसीह क सबइ यातना मँ हम सहभागी अही। वइसेनही मसीह क कारण हमार आनन्द भी तोहरे बरे उमड़त बा। जदि हम कष्ट उठाइत ह तउ उ तोहरे दिलासा अउर उद्धार क बरे बा। अउर हम आनन्दित अही। तउ उ तोहरे दिलासा क बरे बा। ई आनन्द ओनही यातना क जेनका हमहूँ सहत अही। तू सबन क धीरज क साथ सहई बरे प्रेरित करत ह। तोहरे बिसय मँ हमका पूरी आसा बा। काहेकि हम जानित ह कि जइसे हमरे कस्टन क तू बाँटत ह, बइसेनइ ही हमरे आनन्द मँ तोहार भाग बा।

भाइयो, हम चाहित ह कि तू ओन यातना क बारे मँ जाना जउन हमका एसिया[a] मँ झेलइ क पड़ी रही। उहाँ हम, हमार सहन सक्ति क सीमा स कहूँ बहुत बोझन क तरे दबाइ गवा रहे। इहाँ तक कि हमका जिअइ क कउनउ आसा नाहीं रही ग रही। हाँ अपने अपने मने मँ हमका अइसेन लागत रह जइसेन हमका मऊत क सजा दीन्ह गइ रही। ताकि हम अपने ऊपर अउर जियादा भरोसा न कइके परमेस्सर पइ भरोसा करी जउन मरे हुए क फिन से जिआई देई। 10 हमका उ भयंकर मऊत से उहइ बचाएस अउर हमार आजु क परिस्थितियन मँ उहइ हमका बचावत रहा। हमार आसा उहइ पर टिकी बा। उहइ हमका आगेउ बचाइ। 11 अउर तूहऊ हमरे तरफ स पराथना कइके मदद देब्या तउ हमका बहुत जने क पराथना क कारण परमेस्सर क अनुग्रह मिला बा, ओकरे बरे बहुत मनइयन क हमरे तरफ स धन्यवाद देई बरे मिली जाई।

पौलुस क योजनन मँ बदलाव

12 हमका ऐकर गरब बा कि हम इ बात साफ मने स कहि सकित ह कि हम इ जगत क साथे अउर खासकर तू लोगन क साथे परमेस्सर क अनुग्रह क एकदम्मई उहइ रुप क व्यवहार किहे अही। हम उ सरलपन अउर सच्चाई क साथे बहुत खातिदारी किहे रहेन। जउन परमेस्सर से मिलत ह न कि दुनियावी बुद्धि स। 13 हाँ! इहीं बरे हम ओका छोड़िके तू सबन क बस अउर कछू नाहीं लिखत अही। जेसे तू मोका एकदंमई वइसेन ही समझ लेब्या। 14 जइसेन तू हमका थोड़ेन मँ समझे अहा। तू हमरे बरे वइसेन ही गरब कई सकत ह। जब हमार पर्भू ईसू फिन आइ।

15 अउ इहीं बिसवास क कारण मइँ पहिले तोहरे पास आवइ बरे ठाने रहेउँ। ताकि तोहका दुसरीउ बार से आसीर्बाद क लाभ मिल सकइ। 16 मइँ सोचित ह कि मैसीडोनिया से लऊटिउँ उ फिन तोहरे पास जाउँ। अउर फिन तोहरे से ही यहूदिया क जाइ बदे बिदा कीन्ह जाउँ। 17 मइँ जब इ जोजना बनाए रहेउँ, तउ मोका कउनो संदेह नाहीं रहा। का तू बिना अच्छी तरह से सोच्या ह। मइँ जउन जोजना बनाइत ह, ओक ओ संसारी ढंग से बनाइत ह कि एक्कइ समइ “हाँ, हाँ” कहत रही अउर “न, न” कहत रही।

18 यदि तू परमेस्सर मँ बिसवास कइ सकत ह तउ तू बिसवास कइ सकत ह कि अउर उ ऍनके सास्छी देई कि तोहरे बरे हमार जउन बचन बा एक साथे “हाँ” अउर “ना” नाहीं कहत। 19 काहेकि तोहरे बिचवा मँ जउन परमेस्सर क पूत ईसू मसीह क हम यानि सिलवानुस, तीमुथियुस अउर मइँ प्रचार किहे अही, उ “हाँ” अउर “ना” दुइनँउ एक साथे नाहीं बल्कि ओनके कारण एक चिरन्तन “हाँ” का घोसणा कही गइ बा। 20 काहेकि परमेस्सर जउन अनन्त प्रतिज्ञा किहे अहइ उ ईसू मँ सबके बरे “हाँ” बनि जात ह। इही बरे हम ओकरे द्वारा जउन “आमीन” कहत अही उ परमेस्सर क ही महिमा बरे होत ह। 21 उ जउन तोहका मसीह क मनई क रुप मँ हमरे साथे सुनिस्चित करत ह अउर मइँ क अभिसेक किहे बा उ परमेस्सर ही अहइ। 22 जउन हम पइ आपन स्वामी क मोहर लगाए अहइ अउर हमरे भीतर बयाना क नाई उ पवित्तर आतिमा दिहेस जउन इ बात क आस्वासन बा कि जउन देइ क बचन उ हमका दिहे अहइ, ओका उ हमका देई।

23 साच्छी की तरह परमेस्सर क दुहाई देत अउर अपने जीवन क सपथ लेत मइँ कहत अहउँ कि मइँ दुवारा कुरिन्तुस इही बरे नाहीं आए रहेउँ कि मइँ तोहका पीड़ा से बचावई चाहत रहेउँ। 24 ऐकर मतलब इ नाहीं कि हम तोहरे बिसवासे पर काबू पावई चाहत अही। तू तउ अपने बिसवासे मँ अडिग अहा। बल्कि बाति इ अहइ कि हम तउ तोहरे खुस रहई बरे तोहर कर्मी अही।

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.