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M’Cheyne Bible Reading Plan

The classic M'Cheyne plan--read the Old Testament, New Testament, and Psalms or Gospels every day.
Duration: 365 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
निर्गमन 9

खेते क गोरूअन क बेरामी

तब परमेस्सर मूसा स कहेस, फिरौन क लगे जा अउर ओका कहा, “हिब्रू मनइयन क यहोवा परमेस्सर कहत बा, ‘मोरे लोगन क मोरे आराधना बरे जाइ द्या।’ जदि आप ओनकइ लगातार रोकत रहब्या अउ ओनकइ जाइ स लगातार मना करत रहब्या, तउ यहोवा आपन सक्ती क प्रयोग तोहरे खेतन क गोरूअन क खिलाफ करी। परमेस्सर तोहरे सबहिं घोड़न, गदहन, ऊँट, गइया बोकरी अउ भेड़िन क भयानक बेरामी दइ देइ। यहोवा इस्राएल क गोरूअन क संग मिस्र क गोरूअन स अलग बर्ताव करी। इस्राएलियन क मनइयन क कउनो गोरू न मरी। यहोवा एका घटित होइ जाइ क टेम तइ कइ दिहे अहइ। ‘भियान यहोवा इहइ देस मँ घटइ देइ।’”

अगली भियान मिस्र क खेत क सबहीं जनावर मर गएन। मुला इस्राएल क कउनो भी जनावर नाहीं मरा। फिरौन मनयइन क यह देखे इस्राएल भेजा कि का इस्राएल क कउनो जनावर मरा। अउ इस्राएल क कउनो जनावर नाहीं मरा। फिरौन हठी रहा उ कउनो मनयइन क नाहीं जाई दया।

फोड़ा फुंसी

यहोवा मूसा अउ हारून स कहेस, “मुट्ठी भर भट्ठी क राखी ल्या। मूसा तू फिरौन क समन्वा राखी क हवा मँ उछारा। इ धूरि होइ जाइ अउ समूचइ मिस्र देस मँ संचरि जाइ। जबहुँ इ धूरि मनई क छुइ या गोरू प गिरी, खाली प फोड़ा (गलका) फुंसी फुटिहीं।”

10 ऍह बरे मूसा अउ हारून भट्ठी स राखी लिहेस। तबहिं उ पचे गएन अउ फिरौन क समन्वा ठाड़ भएन। मूसा राखी क हवा मँ उछारेन अउर मनइयन अउ गोरूअन क बदन मँ फोड़ा फुंसी होइ लागेन। 11 जादूगर मूसा क अइसा करइ स थाम नाहीं पाएन, काहे कि जादूगरन क फोड़ा होइ गएन। इ समूचइ मिस्र मँ अइसा ही भवा। 12 मुला यहोवा फिरौन क जिद्दी बनइ दिहे रहा। ऍह बरे फिरौन मूसा अउ हारून क सुनइ स मना कइ दिहेस। इ वइसा ही भवा जइसा यहोवा कहे रहा।

ओला

13 तब यहोवा मूसा स कहेस, “भिन्सारे उठा अउ फिरौन क समन्वा आपन आप क पेस करा। अउर ओसे कहा कि परमेस्सर, हिब्रू मनइयन क यहोवा तोहसे कहत ह, ‘मोर लोगन क मोर आराधना बरे जाइ द्या। 14 जदि तू इ नाहीं करब्या तउ मइँ तोहारे अफसरन अउ तोहरे मनइयन क खिलाफ आपन पूरी ताकत क प्रयोग करब। तब तू जनब्या कि मोरे तरह दुनिया मँ दूसर कउनो देवता नाहीं अहइ। 15 मइँ आपन सक्ती क प्रयोग कइ सकत हउँ अउ अइसी बीमारी फइलाइ सकत हउँ जउन तोहका अउ तोहरे मनइयन क भुइयाँ प नास कइ डाइ। 16 मुला मइँ तू सबन्क कउनो खास कारण स हिआँ धरे अहउँ। मइँ तू पचन्क हियाँ ऍह बरे धरे अहउँ कि मइँ तू पचन्क आपन सक्ती देखाउब। तब सारी दुनिया क मनइयन मोरे बारे मँ बात करिहीं। 17 तू पचे अबहुँ मोरे लोगन क खिलाफ अहा। तू ओनका जाइ नाहीं देत अहा। 18 ऍह बरे भियान मइँ इहइ टेम काफी जोरदार ओला बरसाउब। जब ते मिस्र देस बना ह आजु तक कबहुँ अइसे ओला नाहीं बरसा ह। 19 तू आपन गोरूअन क सुरच्छित ठउरे मँ राख्या। जउन कछू तोहार खेते मँ होइ ओका ओंटे मँ छिपाइ जरूर लिहा। काहेकी कउनो भी लोग या गोरू जउन खेते मँ होइ उ मरि जाइ। हर एक चीजन अउ हर एक मनइयन प जउन घरे क बाहेर होइ ओन सब प ओला बरसिहीं।’”

20 फिरौन क कछू अफसरन यहोवा क संदेसे प धियान दिहेस। उ पचे हाली हाली आपन गोरूअन अउ गुलामन क घरे मँ हाँक लिहेन। 21 मुला दूसर मनइयन यहोवा क सँदेसा प धियान नाहीं दिहेन। ओ पचन्क गुलाम अउ गोरू जउन बाहेर खेतन मँ रहेन सब तबाह हो गएन।

22 यहोवा मूसा स कहेस, “आपन हाथ हवा मँ उठावा अउ मिस्र प ओला गिरब सुरू होइ जइहीं। इ ओला मिस्र क सबहुँ खेतन प, लोगन प, गोरूअन प अउर बृच्छ अउ पौधा प गिरिहीं।”

23 ऍह बरे आपन छड़ी क हवा मँ उठाएस अउ यहोवा बिजुरी अउ ओला क भुइँया प गिराएन। ओला समूचइ मिस्र प गिरेन। 24 ओला पड़त रहेन अउ बिजुरी चमकत रही। जबहिं ते मिस्र एक ठु रास्ट्र बना तबहिं स अब तलक इ सबते जिआदा नोसकान करइवाली ओला बरसत रही। 25 मिस्र क खेत मँ जउन कछू रहा आँधी ओका नसाइ दिहेस। ओला मिस्र मँ मनइयन, गोरूअन अउ बृच्छ पउधन क नास कइ डाएस। ओला खेतन मँ सबन बृच्छन क ओखाड़ अउ तोड़ि दिहस। 26 गोसेन पहँटा मँ जहाँ इस्राएल क मनइ रहत रहेन हुवाँ ओला नाहीं गिरेन।

27 फिरौन मूसा अउ हारून क बोलाएस। फिरौन ओनसे कहेस, “इ समइ मँ मइँ पाप किहउँ ह। यहोवा सही अहइ। अउर मइँ अउ मोर लोग गलत अहइँ। 28 परमेस्सर क ओर स ओला क आवाज अउ गर्जत अवाज बहोत जिआदा बा। यहोवा स आँधी थामइ क परार्थना करा। मइँ तू सबइ पचन्क जाइ देब। तू सबइ पचन्क हिआँ नाहीं रहइ क पड़ी।”

29 मूसा फिरौन स कहेस, “जब मइँ सहर क तजि देब, तबहिं मइँ पराथना मँ आपन बाँही क यहोवा क समन्वा पसराउब। गर्जब अउ ओला क गिरब थमि जाइ। तबहिं आप सबन जनिहीं कि इ भुँइया यहोवा क अहइ। 30 मुला मइँ जानत हउँ कि आप अउ आपक अफसरन अबहुँ नाहीं यहोवा स डेरातेन अउर नाहीं यहोवा क इज्जत देत हीं।”

31 सनई मँ दाना पड़ि गवा रहा अउ बारली मँ फूल निकरि आवा रहा। मुला इ सब पउधन नसाइ गएन। 32 गोहूँ अउ कठियान गोहूँ जउन दूसर अनाजे क पाछे पाकत हीं, ऍह बरे एनकइ फसल नसान नाहीं।

33 मूसा फिरौन क तजि दिहेस अउ सहर क बाहेर आवा। उ यहोवा क समन्वा आपन बाँह पसारेस अउ गर्जब अउ ओला क गिरब पटान। बर्खउ धरती प गिरब पटाइ गइ।

34 जब फिरौन लखेस, कि बर्खा, ओला अउ गर्जब पटाइ गएन। उ फुन स पाप किहेस। उ अउ ओकर अफसरन फुन जिद धरे रहेन। 35 फिरौन फुन जिद्दी होइ गएन। उ इस्राएल क मनइयन क अजादी स जाइके मना कइ दिहस। इ ठीक उहइ तरह भवा जइसे यहोवा मूसा स कहे रहा।

लूका 12

फरीसियन जइसा जिन बना

12 अउर फिन जब हजारन मनइयन क भारी भीड़ जुटि गइ तउ एक दुसरे क रौंदे जात रही तब ईसू पहिले आपन चेलन स कहइ लाग, “फरीसियन क खमीरे स, जउन ओनकइ कपट बा, बचा रहा। कछू छुपा नाहीं अहइ जउन परगट नाहीं कइ दीन्ह जाइ। अइसा कछू अनजाना नाहीं अहइ जेका बतावा नाहीं दीन्ह जाइ। एह बरे हर उ बात जेका तू अँधियारे मँ कह्या ह, उजिआरे मँ सुनी जाइ। अउर एकांत खोली मँ जउन कछू भी तू चुप्पे स कउनो क काने मँ कह्या ह, घरे क छते स ऍलान कइ दीन्ह जाइ।”

परमेस्सर स डेराअ

(मत्ती 10:28-31)

“मुला मोर मीतो, मइँ तोहसे कहत हउँ ओनसे जिन डेराअ जउन तोहरे तन क मारि डाइ सकत हीं अउर ओकरे पाछे अइसा कछू नाहीं अहइ जउन ओनके बस मँ होइ। मइँ तोहका देखाउब कि तोहका कउनो स डेराइ चाही। ओसे (परमेस्सर) डेराअ अउर तोहका मारिके नरक मँ नावइ क सक्ती राखत ह। हाँ, मइँ तोहका बतावत हउँ, बस उहइ स डेराअ।

“का दुइ पइसा मँ पाँच ठु चिरइयन नाहीं बिकतिन? फिन भी परमेस्सर ओहमाँ स एक क भी नाहीं बिसरत। अउर लखा तोहरे मूँड़े प क एक एक बारि तलक गना भवा अहइँ। डेराअ जिन तू बहोत सी चिरइयन स कहूँ जिआदा कीमत क अहा।”

ईसू क नाउँ प जिन सर्मा

(मत्ती 10:32-33; 12:32; 10:19-20)

“मुला मइँ तोहसे कहत हउँ जउन कउनो मनई सबहीं क समन्वा मोका मानत ह, मनई क पूत भी उ मनई क परमेस्सर क दूतन क समन्वा मानी। मुला ज जउन मोका दुसरे क समन्वा न मानी, ओका परमेस्सर क दूतन क समन्वा इन्कार कइ दीन्ह जाइ।

10 “अउर हर उ मनई क तो छमा कइ दीन्ह जाइ जउन मनई क पूत क खिलाफ कउनो सब्द बोलत ह, मुला जउन पवित्तर आतिमा क बुराई करत ह, ओका छमा नाहीं कीन्ह जाइ।

11 “तउ जब उ पचे तोहका आराधनालय मँ, राज्य क करइवालन अउर अधिकारियन क समन्वा लइ जाइँ तउ फिकिर जिन कर्या काहे तू आपन क कइसे बचउब्या या तोहका का कछू कहे होइ। 12 चिंता जिन करा काहेकि पवित्तर आतिमा तोहका सिखाइ कि उ समइया तोहका का बोलइ चाही।”

सुआरथ क खिलाफ चिताउनी

13 फिन भीड़ मँ स ओसे कउनो कहेस, “गुरु, मोरे भइया स मोरे बाप क धन दौलत क हींसा बाँटइ बरे कहि द्या।”

14 ऍह प ईसू ओसे कहेस, “अरे भले मनई, मोका तोहरे बरे निआववाला या पंच कउन बनएस ह” 15 तउ ईसू ओनसे कहेस, “होसियारी क संग आपन क लालच स दूर राखा। काहेकि जरूरत स जिआदा धन-दौलत होइ प जिन्नगी क आधार ओकर संग्रह नाहीं होत।”

16 फिन उ ओनका एक दिस्टान्त कथा सुनाएस: “कउनो धनी मनई क धरती प खूब पैदावार भइ। 17 उ आपन मनवा मँ सोचत भवा कहइ लाग, ‘मइँ का करुँ, मोरे लगे फसिल क रखइ बरे ठउर तउ अहइ नाहीं।’

18 “फिन उ बोला, ‘ठीक अहइ मइँ इ करब कि आपन अनाज क कोठिला गिराइके बड़का कोठा बनवाउब अउर आपन समूचा अनाज क अउर सामान हुवाँ रखब। 19 फिन आपन आतिमा स कहब, अरे मोर आतिमा अब बहोत स उत्तिम बस्तु, बहोत स बरिस बरे तोहरे लगे ऍकट्ठी अहइँ। घबरा जिन, खावा, पिआ अउर मउज उड़ावा!’

20 “मुला परमेस्सर ओसे बोला, ‘अरे मूर्ख! इहइ राति मँ तोहार आतिमा तोहसे लइ लीन्ह जाइ। जउन कछू तू तइयार किहे अहा, ओका कउन लेइ?’

21 “लखा, उ मनई क संग भी कछू अइसा ही भवा ह, उ अपने बरे बटोरत ह मुला परमेस्सर क निगाह मँ उ धनी नाहीं।”

परमेस्सर क राज क महत्ता

(मत्ती 6:25-34,19-21)

22 तब उ आपन चेलन स कहेस, “एह बरे मइँ तोहसे हउँ, आपन जिन्नगी क फिकिर जिन करा कि तू का पहिनब्या? 23 काहेकि जिन्नगी खइया स अउर तन ओढ़ना स जिआदा जरूरी अहइ। 24 कउअन क लखा, न उ पचइ बोवत हीं, न ही उ पचे काटत हीं। न ओनके लगे भण्डारा बा अउर न आजु अन्न क कोठिला, फिन भी परमेस्सर ओनका भोजन देत ह। तू तउ चिरइयन स केतॅना जिआदा कीमती अहा। 25 चिन्ता कइके, तू पचन मँ स कउन अइसा अहइ, जउन आपन उमिर मँ एक घड़ी भी अउर जोर सकत ह? 26 काहेकि तू जदि छोटका काम क भी नाहीं कइ सकत्या तउ बाकी बरे काहे फिकिर करत ह?

27 “कोका बेली क लखा, उ कइसे उगत हीं? न उ सबइ मेहनत करत हीं, न कताई, फिन भी मइँ तोहसे कहत हउँ कि सुलैमान आपन समूचे धन दौलत क संग ओहमाँ स कउनो एक क नाई नाहीं सज पाएस। 28 एह बरे जब मैदान क घास क, जउन आज हिआँ बा अउर भियान ही ओका भार मँ झोंक दीन्ह जाइ, परमेस्सर अइसे ओढ़नन स सजावत ह तउ अरे ओ कम बिसवास करइया मनइयो! तोहका तउ उ केतॅना अउर जिआदा ओढ़ना पहिराइ।

29 “अउर फिकिर जिन करा कि तू का खाब्या अउर का पीब्या। ऍनके बरे जिन सोचा। 30 काहेकि संसार क अउर सबहीं मनई चीजन्क क पाछे धावत अहइँ मुला तोहार परमपिता तउ जानत ही अहइ कि तोहका इ चीजन्क जरूरत अहइ। 31 मुला तू तउ परमेस्सर क राज्य क चिन्ता करा। इ चीजन तउ तोहका दइ दीन्ह जइहीं।

धने प भरोसा जिन करा

32 “हे भोली भेड़ी क झुण्ड! जिन डेराअ, काहेकि तोहार परमपिता तोहका राज्य देइ क तइयार अहइ। 33 तउ आपन धन दौलत बेंचिके धन गरीबन मँ बाँटि द्या। आपन लगे अइसी झोरी राखा जउन पुरान न होई अरथ बा कबहुँ न टूटइवाला सरगे मँ खजाना जहाँ ओह तलक कउनो चोर क पहुँच न होइ। अउर न ओका न किरवा नास कइ पावइँ। 34 काहेकि जहाँ तोहार खजाना अहइ, हुवँई तोहार मनवा भी रही।

सदा तइयार रहा

(मत्ती 24:42-44)

35 “काम करइ क सदा तइयार रहा। अउर आपन दिया बारे रहा। 36 अउर ओ मनइयन जइसा बना जउन बियाह क भोज स लौटिके आवत आपन स्वामी क जोहत होइँ जेहसे उ जब आवइ अउर दुआर खटखटावइ तउ उ पचे फउरन खोलि सकइँ। 37 उ नउकर धन्य अहइँ जेका स्वामी वापस आइके जागत अउर तइयार पइहीं। मइँ तोहसे सच कहत हउँ कि उ भी ओनकर सेवा बरे करिहाउँ बाँधि लेइ अउर ओनका खइया क पीढ़ा प जेवइं बरे बइठाई। उ आई अउर ओनका जेंवाइ। 38 उ चाहे आधी राति स पहिले आवइ अउर चाहे आधी राति क पाछे जदि उ ओनका तइयार पावत ह तउ उ सबइ धन्य अहइँ।

39 “इ बात बरे निस्चित रहा कि जदि घरे क स्वामी क इ पता होइ कि चोर कउनो घड़ी आवत अहइ, तउ उ ओका आपन घरे मँ सेंध नाहीं लगावइ देइ। 40 तउ तू भी तइयार रहा काहेकि मनई क पूत अइसी घड़ी मँ आई जेका तू सोच नाहीं सकत्या।”

बिसवास क जोग्ग सेवक कउन?

41 तब पतरस पूछेस, “पर्भू इ दिस्टान्त कथा तू हमरे बरे कहत अहा या सब बरे?”

42 ऍह प पर्भू कहेस, “तउ फिन अइसा बिसवास क जोग्ग, बुद्धिमान संरजाम अधिकारी कउन होइ जेका पर्भू आपन नउकरन क ठीक समइ प खइया क चीज देइ बरे ठहराइ? 43 उ नउकर धन्य अहइ जेका ओकर स्वामी जब आवइ तउ ओका वइसा ही करत पावइ। 44 मइँ सच कहत हउँ कि उ ओका आपन सबहिं धन दौलत क अधिकारी ठहराइ।

45 “मुला उ नउकर आपन मनवा मँ सोचइ कि मोर स्वामी तउ आवइ मँ देर करत अहइ अउर उ दूसर पुरुस अउर स्त्री नउकरन क मारब पीटब सुरु कइ देइ अउर खाइ पिअइ अउर नसा मँ चूर होइ। 46 तउ उ जउकर क स्वामी अइसे दिन आइ जाइ जेका उ सोचत नाहीं। एक ठु अइसी घरी जेकरे बारे मँ निसाखातिर अहइ। फिन भी ओकर टुकरा टुकरा कइ डाइ अउर ओका न बिसवास करइयन क बीच ठउर देइ।

47 “उ नउकर जउन आपन स्वामी क इच्छा जानत ह अउर ओकरे बरे तइयार नाहीं होत या जइसा ओकर स्वामी चाहत ह, वइसहु नाहीं करत, तउ नउकर प जमिके मार परी। 48 मुला उ जेका आपन स्वामी क इच्छा क ग्यान नाहीं अउर कउनो अइसा काम कइ डावइ जउन मार खाइ काबिल होइ तउ उ नउकर प हल्की मार परी। काहेकि उ हर मनई स जेका बहोत जिआदा दीन्ह ग अहइ, जिआदा माँगा जाइ। उ मनई जेका ढेर सौंपा ग अहइ ओसे जिआदा ही माँगा जाइ।”

मनइयन क मत ईसू स मेल नाहीं खात

(मत्ती 10:34-36)

49 “मइँ धरती प एक आगी बारइ आवा हउँ मोर केतॅनी इच्छा अहइ कि उ साइद अबहुँ ताई बरि जात। 50 मोरे लगे एक बपतिस्मा अहइ जउन मोका लेब बा जब ताईं उ पूरा नाहीं होइ जात, मइँ केतॅना बियाकुल हउँ। 51 तू का सोचत बाट्या कि मइँ इ धरती प सान्ति लइ आवइ क बरे आवा हउँ? नाहीं, मइँ तोहका बतावत हउँ, मइँ अलगावइ आवा हउँ। 52 काहेकि अब स आगे एक घरे क पाँच आदमी एक दूसर क खिलाफ बँटि जइहीं। तीन दुइ क बिरोध मँ अउर दुइ तीन क बिरोध मँ होइ जइहीं।

53 बाप बेटवा क बिरोध मँ,
    अउर बेटवा बाप क बिरोध मँ,
महतारी बिटिया क बिरोध मँ,
    अउर बिटिया महतारी क बिरोध मँ,
सास दुलहिन क बिरोध मँ
    अउर दुलहिन सास क बिरोध मँ होइ जइहीं।”

समइ क पहिचान

(मत्ती 16:2-3)

54 फिन उ भीड़ स बोला, “जब तू पच्छूँ कइँती कउनो बदरे क उठत भइ लखत ह तउ कहि देत ह, ‘बरखा आवति अहइ।’ अउर फिन अइसा ही होत ह। 55 अउर फिन जब दखिनी हवा चलत ह, तू कहत ह, ‘गरमी पड़ी’ अउर अइसा ही होत ह। 56 अरे कपटी मनइयो! तू धरती अउर अकासे क रूपे क समझाउब तउ जानत बाट्या, फिन अइसा काहेकि इ जुग क बारे मँ समझउत्या नाहीं?”

आपन समसिया हल करा

(मत्ती 5:25-26)

57 “जउन नीक अहइ, ओकर फैसला करइवाला तू खुद काहे नाहीं बनत्या? 58 जब तू आपन बैरी क संग न्यायाधीस क लगे जात रहब्या तउ रास्ता मँ ही ओकरे संग समझौता करइ क जतन करया। नाहीं तउ कहूँ अइसा न होइ कि उ तोहका न्यायाधीस क लगे खैंच लइ जाइँ अउर न्यायाधीस एक अधिकारी क सौंपि देइ। अउर अधिकारी तोहका जेलि मँ धाँध देइ। 59 मइँ तोहका बतावत हउँ, तू हुवाँ स तब ताईं छूटि नाहीं पउब्या जब तलक आखिरी दमड़ी तक न चुकाइ द्या।”

अय्यूब 27

27 फुन अय्यूब कहइ क जारी राखेस। उ कहेस,

“फुरइ परमेस्सर जिअत ह अउर इ जेतँना सच अहइ कि परमेस्सर जिअत ह
    फुरइ उ वइसेन ही मोरे बोर अनिआउ स भरा रहा अहइ।
हाँ! सर्वसक्तीसाली परमेस्सर मोरे जीवन मँ कड़वाहट भरेस ह।
    मुला जब तलक मोहमाँ प्राण अहइ
    अउर परमेस्सर क साँस मोहे मँ अहइ।
तब तलक मोरे होंठ झूठी बातन नाहीं बोलिहीं,
    अउर मोर जिभिया कबहुँ झूठ नाहीं बोली।
मइँ कबहुँ न मानब कि तू लोग सही अहा।
    जब तलक मइँ मरब उ दिन तलक कहत रहब कि मइँ निर्दोख हउँ।
मइँ आपन धार्मिक भाव क मजबूती क थामे रहब।
    मइँ कबहुँ उचित करम करब मोर चेतना मोका तंग नाहीं करी जब तलक मइँ जिअत हउँ।
मोरे दुस्मनन क दुस्ट जइसा बनइ दया,
    अउर ओनका सजा पावइ द्या जइसे दुस्ट लोग दण्डित होत हीं।
अइसे उ मनई बरे मरत वक्त कउनो आसा नाहीं अहइ जउन परमेस्सर क परवाह नाहीं करत ह।
    जब परमेस्सर ओकर प्राण लेइ तब भी ओकरे बरे कउनो आसा नाहीं अहइ।
जब उ बुरा मनई बुरा दुःखी पड़ी अउर ओका पुकारी,
    परमेस्सर नाहीं सुनी।
10 ओका चाही कि उ उ आनन्द क चाहइ जेका सिरिफ सर्वसाक्तीमान परमेस्सर देत ह।
    ओका चाही कि उ हर समइ परमेस्सर स पराथना करत रहा।

11 “मइँ तोहका परमेस्सर क सक्ती सिखाउब।
    मइँ सर्वसक्तीसाली परमेस्सर क योजनन क नाहीं छिपाउब।
12 खुद तू आपन अँखिन स परमेस्सर क सक्ती लख्या ह,
    तउ काहे तू बेकार क बातन बोलत ह?

13 “दुस्ट लोगन बरे अइसी जोजना बनाया ह।
    दुस्ट लोगन क सर्वसक्तीसाली परमेस्सर स अइसा ही मिली।
14 दुस्ट क चाहे केतँनी ही सन्तानन होइँ, मुला ओकर संतानन जुद्ध मँ मारी जइहीं।
    दुस्टन क सन्तानन कबहुँ भरपेट खाना नाहीं पइहीं।
15 अउर अगर दुस्टन क सन्तानन ओकरी मउत क पाछे भी जिअत रहइँ तउ महामारी ओनका मारि डाई।
    ओकर राँड़ ओनके बरे दुःखी नाहीं होइहीं।
16 दुस्ट जन चाहे चाँदी क ढेर बटोरइँ, एतना बड़का ढेर जेतँना माटी क ढूहा होत ह,
    माटी क ढूहन जइसे ओढ़ना होइँ ओकरे लगे।
17 जउने ओढ़नन क दुस्ट मनई जुटावत रहा ओन ओढ़नन क सज्जन पहिरी,
    दुस्ट क चाँदी निर्दोखन मँ बँटी।
18 दुस्ट क बनावा घर जियादा दिनन नाहीं टिकत ह,
    उ मकड़ी जाल जइसा या कउनो चौकीदार क झोपड़ी जइसा कमजोर होत ह।
19 दुस्ट लोग आपन खुद क दौलत क संग आपन बिछउना पइ सोवइ जात ह,
    मुला एक अइसा दिन आइ जब उ फुन बिस्तरे मँ वइसे ही नाहीं जाइ पाई।
    जब उ आँखी खोली तउ ओकर सम्पत्ति जाइ चुकी होइ।
20 दुःख ओका बाढ़ क जइसा ढाँक लेइहीं,
    रातउ रात तूफान ओका उड़ाइ लइ जाइ।
21 पुर वइया हवा ओका दूर उड़ाइ देइ,
    तुफान ओका ओकरे घरे क बाहेर खींचली।
22 तूफान ओह पइ बगैर दाया किए भए पइ आइ अउर उ ओमँ स दुर भागइ क जतन करी।
    मुला लपेटके मारि।
23 जब दुस्ट मनई पराई, लोग ओह पइ तालियन बजाइहीं,
    दुस्ट जन जब निकरिके पराइ, अपने घरे स तउ लोग ओह पइ सीटियन बजइहीं।”

1 कुरिन्थियन 13

पिरेम महान बा

13 अगर मइँ मनइयन अउर सरगदूत क भाखा बोल सकउँ मुला मोहेमाँ पिरेम न होइ, तउ मइँ एक बाजत भआ सिरिफ घड़ियाल या झंकारत भइ झाँझ अहउँ। अगर मइँ परमेस्सर कइँती स बोलइ क सक्ती क बरदान प्रप्त करउँ अउर जदि मइँ परमेस्सर क सबइ रहस्यन क जानत होउँ अउर समूचा दिव्य गियान मोरे लगे होइ अउर ऍतना बिसवास उ मोका होइ कि पर्वतन क अपने स्थान स सरकाइ सकउँ, मुला मोहेमाँ पिरेम न होइ तउ मइँ कछू नाहीं अहउँ। अगर मइँ आपन सारी सम्पत्ति थोड़-थोड़ कइके जरूरत मन्द क बरे दान कइ देउँ अउर अब चाहे अपने सरीर तक क जलाइ डालइ क बरे सौंप देउँ मुला अगर मइँ पिरेम नाहीं करित तउ।

एहसे मोर भला होइवाला नाहीं बा। पिरेम धीरजपूर्ण बा, पिरेम दयामय बा, पिरेम मँ ईर्सा नाहीं होत, पिरेम आपन प्रसंसा आप नाहीं करत। उ अभिमानी नाहीं होत। उ अनुचित व्यवहार कबहुँ नाहीं करत, उ सुवार्थी नाहीं बा, पिरेम कबहुँ झुँझलात नाहीं, उ बुराइयन क कउनउ लेखा-जोखा नाहीं रखत। बुराइ पर कबहुँ ओका खुस नाहीं होतइ। उ तउ दुसरन क साथे सत्य पर आनंदित होत ह। उ हमेसा रच्छा करत ह, उ हमेसा बिसवास करत ह। पिरेम हमेसा आसा स भरा रहत ह। उ सहनसील बा।

पिरेम अमर बा। जब कि भविस्सबाणी करइ क सामर्थ तउ समाप्त होइ जाइ, दूसर भाखा क बोलइ क छमता स जुरी भइ जीभ एक दिन चुप होइ जइहीं, दिव्य गियान क उपहार जात रही, काहेकि हमार गियान तउ अधूरा बा। हमार सब भविस्सबाणी अपूर्ण बाटिन। 10 मुला जब पूर्णता आई तउ उ अधूरापन चला जाई।

11 जब मइँ गदेला रहे तउ एक गदेला क तरह ही बोला करत रहे, वइसेन ही सोचत रहे अउर उही तरह सोच विचार करत रहे, मुला अब जब मइँ बाढ़िके मनई बनि गवा हउँ, तउ उ बचपने क बात जात रही बाटइ। 12 काहेकि अबहिं तउ दरपन मँ हमका एक धुँधली सी छाया देखॉय पड़त रही बा मुला पूरी तरह मिलि जाए पइ हम पूरी तरह आमने-सामने देखब। अबहिं तउ मोर गियान तनिक बा मुला समइ आवइ पर उ पूरा होये। वइसे ही जइसे परमेस्सर मोका पूरी तरह जानत ह। 13 इही बीच बिसवास, आसा अउर पिरेम तउ बना ही रहइँ अउर इन तीनऊ मँ सबसे महान बाटइ पिरेम।

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.