M’Cheyne Bible Reading Plan
8 तब यहोवा मूसा स कहेस, “फिरौन क लगे जा अउ ओसे कहा कि यहोवा इ कहत ह, ‘मोरे मनइयन क मोरी आराधना करइ बरे जाइ द्या। 2 मुला जदि फिरौन ओनका जाइ स रोकत ह तउ मइँ, यहोवा सारे मिस्र क मेघन स भरि देब। 3 नील नदी मेघन स भरि जाइ। उ पचे नदी स निकरिहीं अउ तोहरे घरे मँ घुसिहीं। उ सबइ तोहरे सोवइ क खोलि मँ अउ तोहरे बिछउना मँ होइहीं। मेघन तोहरे अफसरन क घरे मँ होइहीं अउ तोहरे तन्दूरे मँ अउ पानी क घइली मँ होइहीं। 4 मेघन पूरि तरह तोहरे ऊपर, तोहरे मनइयन क ऊपर अउ तोहरे अफसरन क ऊपर होइहीं।’”
5 तबहिं यहोवा मूसा स कहेस, “हारून स कहा कि उ आपन छड़ी क नहरन, नदियन अउ झीलियन क ऊपर पसारइ। अउर मेघन बाहेर निकरिके सारे मिस्र देस मँ भरि जइहीं।”
6 तब हारून परमेस्सर क हुकम स मिस्र देस मँ जहाँ कहूँ पानी रहा ओकर ऊपर हथवा उठाएस अउ मेघा पानी स बाहेर आउब सुरू कइ दिहन अउ पूरे मिस्र प छाइ गएन।
7 जादूगर भी वइसा किहेन। उ पचे भी मिस्र देस मँ मेघा लइ आएन।
8 फिरौन मूसा अउ हारून क बोलाएस। फिरौन कहेस, “यहोवा स आराधना करइ कि उ हम लोगन क मेघन स आजाद करइ देइ। तबहिं मइँ मनइयन क यहोवा बरे बलि भेंट चढ़ावइ बरे जाइ देइहउँ।”
9 मूसा फिरौन स कहेस, “मोका इ बतावा कि आप कब चाहत हीं कि मेघन निकरि जाइँ। मइँ आप बरे, आप क मनइयन बरे अउ आप क अफसर बरे पराथना करिहउँ। तबहिं मेघन आप क अउ आप क घरन्क, अउ आप क अफसन्क अउ आप क मनइयन क तजि देइहीं। मेघन सिरिफ नदिया मँ रहि जइहीं। तू कब चाहत बाट्या कि मेघन तोहका तजि देइँ?”
10 फिरौन कहेस, “भियान।”
मूसा कहेस, “जइसा आप कहत हीं वइसा ही होइ। इ तरह आप जानि जइहीं कि यहोवा हमार परमेस्सर क नाई अउर कउनो देवता नाहीं बा। 11 मेघन आप क, आप क घरे क, आप क अफसरन्क अउ आप क लोगन क तजि देइहीं। मेघन सिरिफ नदी मँ रहि जइहीं।”
12 मूसा अउ हारून फिरौन स बिदा भएन। मूसा ओन मेघन खातिर यहोवा क पराथना किहेस, जउने मेघन क यहोवा फिरौन क खिलाफ पठए रहा। 13 अउ यहोवा उहइ किहेस जउन मूसा कहेस। सब मेघा घरन मँ, घरन क अंगने मँ अउ खेतन मँ मरि गएन। 14 मिस्री मुरदा मेघन क ढेर मँ जमा कहेस तउ समूचा देस मँ भयंकर बदबू होइ लाग। 15 जब फिरौन निहारेस कि उ पचे मेघन स बरी होइ गएन उ फुन जिद्दियाइ गवा। फिरौन वइसा नाहीं किहेस जइसा मूसा अउ हारून ओसे करइ बरे कहे रहेन। इ ठीक वइसा ही भवा जइसा यहोवा कहेस।
जुआँ
16 तब यहोवा मूसा स कहेस, “हारून स कहा कि उ आपन छड़ी उठावइ अउ भुइयाँ क धूरि प पटकइ। मिस्र मँ सब कइँती धूरि जुअँन होइ जाइ।”
17 उ पचे इ किहेन। हारून छड़ी क उठाएस अउ भुइयाँ क धूरि प दइ मारेस। मिस्र मँ सब कइँती धूरि जुअँन मँ बदल गइ। जुअँन जानवरन अउ लोगन प छाइ गइन।
18 जादूगरन आपन जादू मारेन अउ वइसे करइ चाहेन। मुला जादूगरन धूरि स जुअँन नाहीं बनाइ सकेन। जुअँन जानवरन अउ मनइयन प छाइ गएन। 19 तउ जादूगरन फिरौन स कहेन, “इ परमेस्सर क सक्ती अहइ?” मुला फिरौन ओनपइ बिसवास करइ स इन्कार कइ दिहेस। उ जिद्दी होइ गवा। इ ठीक अइसा ही भवा जइसा यहोवा कहे रहा।
माखिन
20 यहोवा मूसा स कहेस, “भिन्सारे उठा अउ फिरौन क लगे जा। फिरौन नदी क लगे जाइ। ओन से कहा, ‘मोरे लोगन क मोर आराधना बरे जाइ द्या। 21 जदि तू मोर लोगन क नाहीं जाइ देब्या तउ तोहरे घरन मँ माखी अइहीं। माखी तोहरे अउ तोहरे अफसरन प छाइ जइहीं। मिस्र क घरन माखिन स भरि जइहीं। माखिन पूरी भुइयाँ प छाइ जइहीं। 22 मुला मइँ इस्राएल क लोगन क संग वइसा बर्ताव न करब जइसा मिस्री लोगन क संग करिब। जहाँ गोसेन मँ मोर लोगन रहत हीं हुवाँ कउनो माखी नाहीं होइ। इ तरह तू जनब्या कि मइँ यहोवा, इ देसे मँ हउँ। 23 ऍह बरे मइँ काल्ह भियान स तोहरे लोगन क संग आपन लोगन स अलग बर्ताव करिहउँ।’”
24 ऍह बरे यहोवा उहइ किहेस जउन उ कहेस। माखिन झुण्ड क झुण्ड मँ आइ गइन। माखिन फिरौन क घर अउ ओकर सबहिं अफसरन क घरे मँ भरी रहिन। माखिन पूरे मिस्र देस मँ भरि गइन। माखी देस क नासत रहिन। 25 ऍह बरे फिरौन मूसा अउ हारून क बोलाएस। फिरौन कहेस, “तू पचे यहोवा तोहार परमेस्सर क इहइ देस मँ बलि भेंट कइ द्या।”
26 मुला मूसा कहेस, “वइसा करब नीक नाहीं होइ। मिस्री मनइयन सोचत हीं कि परमेस्सर बरे हम लोगन क बलि देब एक खउफनाक बात अहइ। ऍह बरे जदि हम पचे अइसा करित तउ उ पचे हमका देखिहीं अउ हम पइ पाथर बहइहीं अउर हमका मारि डइहीं। 27 हम पचन्क तीन दिना तलक रेगिस्तान मँ जाइ द्या अउर हमका आपन यहोवा परमेस्सर क ओकर हुकम क अनुसार बलि चढ़ावइ द्या।”
28 ऍह बरे फिरौन कहेस, “मइँ तोह सबन क मरूभूमि मँ जाइ क देब अउ तोह सबन क यहोवा तोहार परमेस्सर क भेंट चढ़ाई क देब। मुला तोहका बहोत दूर नाहीं जाई क चाही। अब जा अउर मोरे बरे पराथना कर।”
29 मूसा कहेस, “लखा, मइँ जाब अउ यहोवा स पराथना करब कि काल्ह भियान आप स, आपक लोगन स अउ आपक अफसरन्स माखिन क हड़ाइ देइँ। मुला आप लोगन क यहोवा क बलि चढ़ावइ स जिन रोका।”
30 ऍह बरे मूसा फिरौन क लगे स गवा अउ यहोवा स पराथना किहेस। 31 अउर यहोवा इ किहेस जउन बरे मूसा पराथना किहेस। यहोवा माखिन क फिरौन स, ओकरे अफसरन्स ओकरे लोगन स हड़ाइ लिहेस। कउनो माखी नाहीं टिक पाइ। 32 मुला फिरौन फुन जिद्दी होइ गवा अउर उ लोगन क जाइ नाहीं दिहेस।
पराथना क बारे मँ ईसू क उपदेस
(मत्ती 6:9-15)
11 अब अइसा भवा कि ईसू कहूँ पराथना करत रहा। जब उ पराथना खतम कइ चुका तउ ओकर एक चेला ओसे कहेस, “पर्भू हमका सिखावा कि हम पराथना कइसे करी। जइसा कि यूहन्ना आपन चेलन क सिखाए रहा।”
2 ऍह पइ उ ओसे कहेस, “तू पराथना करा, तउ कहा:
‘परमपिता, तोहार नाउँ पवित्तर होइ,
आवइ तोहार राज्य,
3 हर दिन क बरे जरूरी रोटी हमका द्या।
4 हमार अपराध छमा करा,
काहेकि हमहूँ छमा कीन्ह ह आपन अपराधी क,
कठिन परीच्छा मँ हमें जिन डावा।’”
माँगत रहा
(मत्ती 7:7-11)
5-6 फिन ईसू कहेस, “मान ल्या तोहमाँ स कउनो क एक मीत अहइ तउ तू आधीरात ओकरे लगे आइके कहत ह, ‘मीत, मोका तीन रोटी द्या। काहेकि एक मीत अबहिं अबहिं जात्रा प मोरे लगे आवा ह अउर मोरे लगे ओकरे समन्वा परसइ क कछू भी नाहीं बा।’ 7 अउर मान ल्या उ मनई भितरे स जवाब दिहस, ‘मोका तंग जिन करा, दुआर बंद होइ चुका अहइ बिछउना प मोरे साथ गदेलन अहइँ, एह बरे तोहका कछू देइ मँ खड़ा नाहीं होइ सकित।’ 8 मइँ तोहका बतावत हउँ उ अगर न उठी अउर तोहका कछू न देई, मुला फिन भी काहेकि उ तोहार मीत बा, तउ तोहरे लगातार बे सरमाये क माँगत रहइ स उ खड़ा होई अउर तोहार जरूरत भर तोहका देई। 9 अउर एह बरे मइँ तोहसे कहत हउँ माँगा, तोहका दीन्ह जाई, ढूँढ़ा तू पउब्या खटखटावा, तोहरे बरे दुआर खोलि दीन्ह जाई। 10 काहके हर कउनो जउन माँगत ह, पावत ह। जउन ढूँढ़त ह, ओका मिलत ह। अउर जउन खटखटावत ह, ओकरे खातिर दुआर खोलि दीन्ह जात ह। 11 तोहरे मँ अइसा बाप कउन होई जउन जदि ओकर बेटवा मछरी माँगइ, तउ मछरी क जगह प ओका कीरा थमाइ दीन्ह जाइ। 12 अउर जदि उ अण्डा माँगइ तउ ओका बीछी दइ देइ। 13 तउ बुरा होत भवा जब तू जानत ह कि आपन गदेलन क उत्तिम भेंट कइसे दीन्ह जात हीं, तउ स्वर्गीय पिता जउन ओसे माँगत हीं, ओनका पवित्तर आतिमा केतना ढेरि क देई।”
ईसू क सक्ती परमेस्सर स मिली
(मत्ती 12:22-30; मरकुस 3:20-27)
14 फिन ईसू जब एक गूँगा बनइ डावइवाली दुस्ट आतिमा क निकारत रहा तउ अइसा भवा कि जइसा ही दुस्ट आतिमा बाहेर निकरी, तउ उ गूँगा बोलइ लाग। भीड़ क मनई ऍसे बहोतइ अचरजे मँ पड़ि गएन। 15 मुला ओहमाँ स कछू कहेन, “इ सइतान क सासक बाल्ज़ाबुल क मदद स दुस्ट आतिमन क खदेरत ह।”
16 मुला अउर मनइयन ओका परखइ बरे कउनो सरग क चीन्ह क माँग किहेन। 17 लेकिन ईसू जानत रहा कि ओनके मनवा मँ का बाटइ? उ ओनसे कहेस, “उ राज्य जेहमाँ आपन भीतर ही फूट परि जाइ, ओकर नास होइ जात ह अउर अइसे ही कउनो घरे क फूट परे प नास होइ जात ह। 18 जदि सइतान आपन खिलाफ होइ जाइ तउ ओकर राज्य कइसे टिक सकित ह? इ मइँ तोहसे यह बरे पूछत हउँ काहेकि तू कहत ह कि मइँ बाल्ज़ाबुल क मदद स दुस्ट आतिमन क निकारत हउँ। 19 मुला जदि मइँ बाल्ज़ाबुल क मदद स दुस्ट आतिमन क निकारत हउँ तउ तोहार मनवइयन ओनका केकरी मदद स निकारत ही? तउ तोहार आपन मनई ही तोहका गलत बतइहीं 20 मुला जदि मइँ परमेस्सर क सक्ती स बुरी आतिमा को निकारत हउँ तउ इ साफ बा कि परमेस्सर क राज्य तू ताई आइ गवा अहइ।
21 “जब एक सक्तीसाली मनई पूरी तरह हथियार टेइके आपन घरे क रच्छा करत ह तउ ओकरे धन दौलत क रच्छा होत ह। 22 मुला जब कबहूँ कउनो ओसे जिआदा बरिआर ओह प हमला कइके ओका हराइ देत ह तउ उ ओकरे सबहीं हथियारन क, जउने प ओका भरोसा रहा, ओसे छीन लेत ह अउर लूट क माल क उ पचे अपने दोस्तन मँ बाट लेत हीं।
23 “जउन मोर संग नाहीं अहइँ, मोर खिलाफत मँ बाटेन। उ जउन मोरे संग बटोरत नाहीं अहइ, छितरइहीं।
बे कामकाजी मनई
(मत्ती 12:43-45)
24 “जब कउनो दुस्ट आतिमा कउनो मनई स बाहेर निकरत ह तउ अराम क ढूँढ़त सूखे ठउरन मँ स होत जात ह अउर जब ओका अराम नाहीं मिलत तउ उ कहत ह, ‘मइँ आपन उहइ जगह लौटब जहाँ स गइ हउँ।’ 25 अउर वापस जाइके उ ओका साफ सूथर अउर तरकीबे मँ बसी पावत ह। 26 फिन उ जाइके आपन स भी जिआदा दुस्ट दूसर सात जिआदा दुस्ट आतिमन क हुवाँ लइ आवत ह। फिन उ सबइ ओहमाँ जाइके रहइ लागत हीं। इ तरह उ मनई क पाछे क दसा पहिले स जिआदा खराब होइ जात ह।”
उ पचे धन्य अहइँ
27 फिन अइसा भवा कि जइसे ही ईसू इ बातन कहेस, भिरिया मँ स एक स्त्री उठी चिल्लाइके बोली, “उ गरभ धन्य अहइ, जउन तोहका धारण किहेस ह। अउर उ चूची धन्य अहइ, जेका तू चुस्या ह।”
28 ऍह प उ कहेस, “धन्य तउ मुला उ पचे बाटेन जउन परमेस्सर क बचन सुनत हीं अउन ओह प चलत हीं!”
प्रमान क माँग
(मत्ती 12:38-42; मरकुस 8:12)
29 जइसे जइसे भिरिया बढ़त रही, उ कहइ लाग, “इ एक दुस्ट पीढ़ी अहइ। इ कउनो अद्भुत चीन्हा लखइ चाहत ह। मुला ऍका योना क चीन्ह क अलावा अउर कउनो चीन्हा नाहीं दीन्ह जाइ। 30 काहेकि जइसे निनवे क मनइयन बरे योना चीन्हा बन गवा, वइसे ही इ पीढ़ी बरे मनई क पूत भी चीन्हा बनी।
31 “दक्खिन क रानी[a] निआव क दिन परगट होइके इ पीढ़ी क मनइयन क दोखी ठहराई, काहेकि उ धरती दूसर कोने स सुलैमान क गियान सुनइ बरे आइ अउर अब लखा हिआँ तउ कउनो सुलैमान स भी बड़कवा अहइ। 32 नीनावे क मनइयन निआव क दिना इ पीढ़ी क मनइयन क खिलाफ खड़ा होइके ओन पइ दोख लगइहीं काहेकि उ पचे योना क उपदेस क सुनिके मनफिराव करि लिहन ह। अउर देखा अब तउ योना स भी महान कउनो हिआँ नाहीं बा!
संसार क ज्योति बना
(मत्ती 5:15; 6:22-23)
33 “दिया बारिके कउनो भी ओका कउनो छुपा ठउर या कउनो भाँड़ी क भीतर नाहीं राखत, मुला ओका डीबट प धरत ह जेहसे जउन भितरे आवइँ, ज्योति लखि सकइँ। 34 तोहरे देह क दिया तोहार आँखिन अहइँ, तउ जदि आँखी नीक अहइँ तउ समूची देह ज्योति स भरि गइ बाटइ मुला, जदि इ सबइ खराब अहइँ तउ तोहार देह अँधियार होइ जात ह। 35 तउ धियान राखा! कि तोहरे भीतर ज्योति अहइ, अँधियारा नाहीं। 36 एह बरे जदि तोहार समूची देह ज्योति स भरपूर अहइ अउर ऍकर कउनो भी अंग अँधियारा नाहीं तउ उ पूरी तरह अइसे चमकी मान ल्या कउनो दिया तोह पइ आपन किरण स प्रकासित होत ह।”
ईसू फरीसियन क नुक्ताचीनी करत ह
(मत्ती 23:1-36; मरकुस 12:38-40; लूका 20:45-47)
37 ईसू जब आपन बात पूरी किहस तउ एक फरीसी ओसे अपने साथ खाइ बरे हठ किहेस। तउ उ भितरे जाइके खइया क खाइ बैठि गवा। 38 मुला उ फरीसी जब इ देखेस कि खइया स पहिले उ आपन हाथ नाहीं धोएस तउ ओका बड़ा अचरज भवा। 39 ऍह पइ पर्भू ओनसे कहेस, “अब लखा तू फरीसियन टाठी अउर खोरा क बस बाहेर स तउ माँजत ह मुला तोहरे भीरत लालच अउर दुस्टता भरी अहइ। 40 अरे मूढ़ मनइयो! का जउन बाहरी अंग क बनाएस ह, उ भीतरी अंग क नाहीं बनाएस। 41 ऍह बरे जउन कछू भितरे अहइ, ओका दीनन क दइ द्या। फिन तोहरे बरे सब कछू पवित्तर होइ जाइ।
42 “अरे फरीसियन! तोहका धिक्कार अहइ काहेकि तू आपन पुदीना अउर सुदाब बूटी अउर हर कउनो जरी बूटि क दसवाँ हींसा तउ चढ़ाइ देत ह मुला परमेस्सर बरे पिरेम अउर निआव क टारि देत ह। मुला इ बातन क तोहका उ बातन क बगैर टारि देइ क करइ चाही।
43 “अरे फरीसियन! तोहका धिक्कार अहइ। काहेकि तू सबइ आराधनालय मँ बहोत ही प्रमुख आसन चाहत बाट्या अउर बजारन मँ मान मर्जादा क संग पैलगी तोहका सोहात ह। 44 तोहका धिक्कार अहइ काहेकि तू पचे बिना कउनो चीन्हा क कब्र क नाई अहा जेह प मनई चलत हीं मुला उ सबइ नाहीं जानत हीं।”
45 तब एक धरम सास्तिरि ईसू स कहेस, “गुरु, जब तू अइसी बातन कहत ह तउ हम भी बेज्जत होइत ह।”
46 ऍह प ईसू कहेस, “अरे धरम सास्तिरियो! तोहका धिक्कार अहइ। काहेकि तू सबइ मनइयन प अइसा बोझा लादे बाट्या जेका उठाउब मुस्किल अहइ। अउर तू खुद ओन बोझन क एक ठु अँगुरी भर स छुअइ नाहीं चाहत ह। 47 तोहका धिक्कार अहइ काहेकि तू नबियन बरे मकबरा क बनवत ह, जेनकइ कतल कीन्ह गवा अउर ओनकर कतल करइया तोहार पूर्वजन रहेन। 48 ऍसे तू सबइ इ देखावत ह कि तू आपन पूर्वजन क उ कामे क अँगीकार करत ह। काहेकि उ पचे तउ ओनका मारेन ह अउर तू पचे ओनकइ मकबरा क बनाया ह। 49 एह बरे परमेस्सर क गियान भी कहेस, ‘मइँ नबियन अउर प्रेरितन क भी ओनके लगे पठउब। फिन कछू क तो उ पचे मारि डइहीं अउर कछू क सजा देइहीं।’
50 “एह बरे संसार क सुरुआत स जेतॅना भी नबियन क लहू बहाइ दीन्ह ग अहइ, ओनकइ हिसाब इ पीढ़ी क मनइयन स चुकाइ जाइ। 51 यानी हाबिल क कतल स लइके जकरयाह क कतल क हिसाब जउन परमेस्सर क मन्दिर अउर वेदी क बीच कीन्ह गवा रहा। हाँ, मइँ तोहसे कहत हउँ इ पीढ़ी क मनइयन क ऍकरे बरे लेखा जोखा देइ क होइ।
52 “ओ धरम सास्तिरियो! तोहका धिक्कार अहइ, काहेकि तू सबइ गियान क कुंजी तउ लइ लिहा ह। मुला ओहमाँ न तउ खुद घुसि पाया अउर न घुसइ क कउनो जतन करत रह्या। ओनका भी तू अड़ंगा डाया जे अइसा करइ चाहेन।”
53 अउर फिन जब ईसू हुवाँ स चला गवा तउ उ सबइ धरम सास्तिरियन अउर फरीसियन ओसे घोर दुस्मनी राखइ लागेन। बहोत स बातन क बारे मँ ओसे सोझ सवाल करइ लागेन। 54 काहेकि उ सबइ ओका ओकर कही कउनो बात स घात करइ बरे टोहत रहेन।
बिल्दद क अय्यूब क जवाब
25 फिन सूह प्रदेस क निवासी बिल्दद जवाब देत भए कहेस।
2 “परमेस्सर सासक अहइ
अउर हर मनई क चाही कि परमेस्सर स डेराइ अउर ओकर मान करइ।
परमेस्सर आपन सरग क राज्ज मँ सान्ति राखत ह।
3 कउनो आपन फउजन क गन नाहीं सकत ह,
परमेस्सर क प्रकास सब पइ चमकत ह।
4 मुला फुरइ परमेस्सर क अगवा कउनो मनई उचित नाहीं ठहर सकत ह।
कउनो मनई जउन मेहरारु स पइदा भवा होइ फुरइ निर्दोख नाहीं होइ सकत ह।
5 परमेस्सर क आँखिन क समन्वा चाँद तलक चमकीला नाहीं अहइ।
परमेस्सर क आँखिन क समन्वा तारन निर्मल नाहीं अहइँ।
6 मनई तउ बहोत कम भला अहइँ।
मनई तउ बस कीरा अहइ एक ठु अइसा कीरा जउन बेकार क होत ह।”
अय्यूब क बिल्दद क जवाब
26 तब अय्यूब कहेस।
2 “हे बिल्दद, सोपर अउर एलीपज़ जउन लोग दुर्बल अहइँ तू फुरइ ओनका सहारा देइ सकत ह।
अरे हाँ, तू दुर्बल बाहँन क फुन स सक्तीसाली बनाया ह।
3 हाँ तू निर्बुध्दि क सम्मति दिहा ह।
कइसा महागियान तू देखाँया ह।
4 इ बातन क कहइ मँ कउन तोहर मदद किहस?
केकर आतिमा तोहका प्रेरणा दिहस।?
5 “जउन लोगन मरि गवा अहइँ ओनकर आतिमा
धरती क खाले पानी मँ भय स बहोत काँपति अहइँ।
6 मउत क जगह परमेस्सर क आँखी क समन्वा खुली अहइ,
परमेस्सर क अगवा विनास क जगह ढका नाहीं अहइ।
7 परमेस्सर उत्तरी अकासे क खाली जगह पइ फइलावत ह।
परमेस्सर खाली जगह मँ धरती लटकाएस ह।
8 परमेस्सर घने बादरन क पानी स भरत ह,
मुला पानी क भारी भार स बादरन क फाटइ नाहीं देत ह।
9 परमेस्सर पूरा चन्दमा क ढाँपत ह,
परमेस्सर चाँद पइ आपन बादर फइलावत ह अउर ओका ढाँकि लेत ह।
10 परमेस्सर छितिज क रचत ह
प्रकास अउ अँधिरा क सीमा रेखा क रुप मँ समुन्ददर पइ।
11 जब परमेस्सर डाँटत ह तउ उ सबइ नेवंन जउने पइ आकास टिका अहइ
डर स काँपइ लागत हीं।
12 परमेस्सर क सक्ती सागर क सांत कइ देत ह।
परमेस्सर क बुध्दि राहब[a] क नस्ट किहस।
13 परमेस्सर क साँस अकास क साफ पकइ देत ह।
परमेस्सर क हाथ उ साँप क मारि दिहस जउन पराइ जाइ क जतन किहेस।
14 इ सबइ तउ परमेस्सर क अजूबा कारजन क तनिक सी बातन अहइँ।
बस हम थोड़के परमेस्सर क अवाज क फुसफुसाहट क सुनित ह।
मुला फुरइ कउनो मनई परमेस्सर क सक्ती क गर्जन क नाहीं समुझ सकत ह।”
पवित्तर आतिमा क बरदान
12 भाइयो तथा बहिनियो, अब मइँ चाहत हउँ कि तू आतिमा क बरदान क बारे मँ जाना। 2 तू जानत अहा कि जब तू विधर्मी रह्या तब तोहे गूगी जड़ मूर्तियन कइँती जइसेन भटकावा जात रहा, तू वइसेन ही भटकत रह्य। 3 तउन मइँ तोहे बतावत हउँ कि परमेस्सर क आतिमा क बोलइ वाला कउनउ इ नाही कहत, “ईसू क स्राप लगइ” अउर पवित्तर आतिमा क बगैर मदद द्वारा कहइवालन क न केउ इ कहि सकई, “ईसू पर्भू अहइ।”
4 हर एक क आतिमा क अलग-अलग बरदान मिला बा। मुला ओनका देइवाली आतिमा तउ एक्कइ बा। 5 सेवा कइउ तरह क निस्चित कीन्ह गइ बाटिन मुला हम सब जेकर सेवा करत अही उ पर्भू तउ एक ही अहइ। 6 काम-काज बहुत स बतावा गवा बाटेन मुला सबहिं क बीच सब कामन क करइवाला उ परमेस्सर तउ एक ही अहइ।
7 सब कउनो मँ आतिमा केउ न केउ रूपे मँ परगट होत ह जउन हर एक क भलाइ क बरे होत ह। 8 कउनो क आतिमा क जरिये परमेस्सर क गियान स युक्त भइ बोलइ क योग्यता दीन्ह गइ बा। तउ केउ क उही आतिमा क जरिये दिव्य गियान क प्रबचन क योग्यता। 9 अउर केउ क उही आतिमा द्वारा बिसवास क बरदान दीहा गवा बा तउ केउ क चंगा करइ क छमता ऊही आतिमा क जरिये दीन्ह गइ बा। 10 अउर केउ दुसरे मनई क अद्भुत कारजन करइ क सक्ती दीन्ह गइ बा तउ केउ दूसरे क परमेस्सर कइँती स बोलइ क सामर्थ्य दीन्ह गवा बा। अउर केउ क मिली बा भली बुरी आतिमा क अन्तर क पहिचानइ क सक्ती कउनो क अलग-अलग भाखा बोलइ क सक्ती मिली भइ बा: तउ केउ क भाखा क बियाखिया कईके ओकर मतलब निकालइ क सक्ती। 11 मुला इ उहई एक आतिमा बा जउन जेह-जेह क जइसेन-जइसेन ठीक समझत ह, देत भए इन सब बातन क पूरा कइ सकत ह।
मसीह क देह
12 जइसेन हममें स हर एक क सरीर तउ एक्कइ बा, पर ओहमाँ अंग कइयउ बाटेन। अउर यद्यपि अंगन क कइयउ रहत भए ओनसे देह एकइ बनत ह वइसेन ही मसीह अहइ। 13 काहेकि चाहे हम यहूदी रहा अही, चाहे गैर यहूदी, सेवक होइ य स्वतन्त्र एकइ सरीर क विभिन्न अंग बनी जाइ क बरे हम सब क एकइ आतिमा द्वारा बपतिस्मा दीन्ह गवा अउर पियास बुझावइ क हम सब क एकइ आतिमा दीन्ह गइ बा।
14 अब देखा, मनई सरीर कउनो एक अंग स ही तउ बना नाहीं होत, बल्कि ओहमाँ बहुत स अंग होत हीं। 15 अगर गोड़ कहई, “काहेकि मइँ हाथ नाहीं हउँ, इही बरे मोर सरीर स कउनउ सम्बन्ध नाहीं।” तउ इही बरे क उ सरीर क अंग न रही। 16 इही तरह अगर कान कहइ, “काहेकि मइँ आँख नाहीं हउँ, एह बरे मइँ सरीर क नाहीं हउँ।” तउ का इही कारण स उ सरीर क अंग न रही? 17 अगर एक आँख ही सब सरीर होत तउ सुना कहाँ स जात? अगर कान ही सब सरीर होत तउ सूँघा कहाँ स जात? 18 मुला परमेस्सर जइसा ठीक समझेस उ सही मँ सरीर मँ वइसेन ही स्थान दिहेस। 19 तउ सरीर क सब अंग एक जइसा ही होइ जात तउ सरीर ही कहाँ होत। 20 मुला स्थिति इ बा कि अंग त कइयउ होत हीं मुला सरीर एक्कइ रहत ह।
21 आँख हाथे स इ नाहीं कहि सकत, “मोका तोहार जरूरत नाहीं बाटइ!” या अइसे ही सिर, गोड़न स इ नाहीं कहि सकत, “हमका तोहार जरूरत नाहीं!” 22 एकरे बिलकूल उल्टा सरीर क अंगन क हम कमजोर समझित ह, उ सबइ बहुत जरूरी होत हीं। 23 अउर सरीर क जउने अंगन क हम कम आदरणीय समझित ह, ओनकर हम जियादा धियान रखित ह। अउर हमार गुप्त अगं अउर जियादा सालीनता पाइ लेत हीं। 24 जब कि हमरे प्रदर्सनीय अंगन क एह तरह क उपचार क जरूरत नाहीं होत। मुला परमेस्सर तउ हमरे सरीर क रचना एह ढंग स किहेस ह जेहसे ओन अंगन क जउन कम सुन्दर बा अउर जियादा आदर मिलइ। 25 ताकि देहे मँ कहूँ कउनउ फूट न पड़इ बल्कि देहे क अंग परस्पर एक दुसरे क समान रूप स धियान रखइँ। 26 अगर सरीर क कउनउ एक अंग दुख पावत ह तउ ओकरे साथे सरीर क अउर सभन अंग दुखी होत हीं। अगर कउनउ एक अंग क मान बढ़वत ह त ओकर खुसी मँ सभन अगं हिस्सा बटाव थीं।
27 एह तरह तू सभन लोग मसीह क देह अहा अउर अलग-अलग रूप मँ ओकर अंग अहा। 28 ऍतना ही नाहीं परमेस्सर तउ कलीसिया मँ पहिले प्रेरितन क, दूसरे नबियन क, तीसरे उपदेसकन क फिन अद्भुत कारजन करइ वालन क, चंगा करइ क सक्ती स युक्त मनइयन क, फिन ओनकर जउन दुसरन क सहायता करत हीं, स्थापित किहे अहइ, फिन अगुवाई करइवालन क अउर फिन ओन्हन लोगन क जउन विभिन्न भाखा बोल सकत हीं। 29 का इ सब लोग प्रेरित अहइँ? का इ सब लोग नबी अहइँ? का इ सब लोग उपदेसक अहइँ? का इ सब लोग अचरज काम करत हीं? 30 का इ सब लोगन क लगे चंगा करइ क सक्ती बाटइ? का इ सब लोग दूसर भाखा बोलत हीं? 31 हाँ, मुला आतिमा क अउर बड़ा बरदान पावइ क बरे यत्न करत रहा। अउर इ सबन क बरे अच्छा रस्ता तू पचन क अब मइँ देखउब।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.