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M’Cheyne Bible Reading Plan

The classic M'Cheyne plan--read the Old Testament, New Testament, and Psalms or Gospels every day.
Duration: 365 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
निर्गमन 5

मूसा अउ हारून अहइँ फिरौन क समन्वा

लोगन स बात किहे क पाछे मूसा अउ हारून फिरौन क लगे गएन। उ पचे कहेन, “यहोवा इस्राएल क परमेस्सर कहत हीं, ‘मोरे लोगन क रेगिस्तान मँ जाइ द्या, जेसे उ पचे मोरे सम्मान बरे जलसा करइँ।’”

मुला फिरौन कहेस, “यहोवा कउन अहइ? मइँ ओकर हुकुम काहे मानी? मइँ यहोवा क नाहीं जानित। ऍह बरे मइँ इस्राएल क लोगन क जाइ देइ स मना करत हउँ।”

तब हारून अउ मूसा कहेन, “हिब्रू मनइयन क परमेस्सर हम पचन क दरसन दिहेस ह। ऍह बरे हम आपसे पराथना करत अही कि आप हम पचन्क रेगिस्तान मँ तीन दिना तलक जात्रा करइ देइँ। हुवाँ हम पचे आपन परमेस्सर यहोवा बरे बलि चढ़ाउब। जदि हम अइसा नाहीं करित, उ हमसे कोहाइ जाइ अउ हमका बरबाद कइ देइ। उ हम पचन्क बेमारी स या तरवारि स मारि डाइ।”

मुला मिस्र क राजा ओनसे कहेस, “मूसा अउ हारून, तू पचे लोगन क काम करइ स बगदावद अहा। ओन मजदूरन क आपन काम करइ द्या। जहाँ तलक तू दुइनउँ क बात ब जा अउर आपन काम करा। हिआँ बहोत स मजदूर अहइँ, तू पचे ओनका काम स रोकत बाट्या।”

फिरौन मनइयन क सजा दिहेस

ठीक उहइ दिना फिरौन इस्राएलियन क काम करइ क अउर जिआदा कर्रा हुकुम पालन करइ बरे कहेस। फिरौन गुलामन क मालिक अउ हिब्रू सरदारन स कहेस, “तू मनइयन क हमेसा पुआल दिहा ह जेका उ ईटां बनवइ मँ बइपरत हीं। मुला अब ओनसे कहा कि उ पचे ईर्टा बनवइ खातिर पुआल खुद बटोरइँ। मुला अब उ पचे ओतनी तदाद मँ ओतनी ईर्ट बनइहीं जेतना उ पचे पहिले बनवत रहेन। उ पचे अहदी होइ ग अहइँ। इहइ कारण अहइ कि उ पचे मोसे बाहेर जाइ बरे कहत बाटेन। ओनके लगे करइ खातिर काम नाहीं बा। ऍह बरे उ पचे मोसे माँगत बाटेन ताकि उ पचे आपन परमेस्सर क बलि अउ चढ़ावा देइ। ऍह बरे इ दास स जिआदा कर्रा काम करावा। ऍनका कामे मँ लगाइ राखा। तबहिं ओनके लगे ऍतना टेम नाहीं रही कि उ पचे मूसा क झूठी बातन क सुनइँ।”

10 ऍह बरे मिस्री गुलामन क मालिक अउ हिब्रू काम क इस्राएलियन क लगे गएन अउ उ पचे कहेन, “फिरौन फइसला किहे अहइ कि उ तू पचन्क तोहरे ईर्टा बरे तोहका पुआल न देइ। 11 तू पचन्क खुद जाइ क होइ अउ आपन बरे पुआल खुद बटोरइ क होइ। ऍह बरे जा अउ पुआल बटोरा। मुला तू ओतना ईर्टा बनवा जेतँना तू पचे पहिले बनवत रह्या।”

12 तउ इ तरह हर मनई मिस्र मँ पुआल हेरइ बरे चारिहुं कइँती गवा। 13 गुलामन क मालिक जिआदा कर्रा काम करइ बरे मजबूर करत रहेन। उ पचे मनइयन क ओतँना ही ईर्टा गढ़इ बरे मजबूर करत रहेन जेतना उ पचे पहिले बनावत रहेन। 14 मिस्र क गुलामन क मालिक हिब्रू काम क मेठ चुनि लिहे रहेन। उ पचे लोगन क कामे क जिम्मेदार रहेन। मिस्री गुलाम क मालिक उन हिब्रू काम क मेठन क पीटत रहेन अउ ओनसे कहत रहेन, “तू पचे ओतॅनी ईर्टन क काहे नाहीं बनउत्या जउन पहिले बनावत रह्या।”

15 तब हिब्रू काम क मेठ फिरौन क लगे गवा। उ पचे सिकाइत किहेन अउ कहेन, “हम पचे आप क सेवक अही आप हम पचन्क संग अइसा बर्ताव काहे करत अहइँ? 16 आप हम पचन्क पुआल नाहीं दिहेन। मुला हम पचन्क हुकुम दिहेन कि ओतॅना ही ईर्टा बनावइँ जेतॅना पहिले बनत रहिन। अउर अब हम पचन्क मालिक हमका पीटत हीं। अइसा करइ स आप लोगन क गलती अहइ।”

17 फिरौन उत्तर दिहेस, “तू पचे अहदी अहा। तू पचे काम नाहीं करइ चहत्या। इहइ कारण अहइ कि तू पचे माँगत बाट्या कि मइँ तू सबन क निकरइ देउँ। अउर इहइ कारण अहइ कि तू पचे इ ठउर क तजि देइ चाहत बाट्या अउर यहोवा क बलि चढ़ावा चाहत अहा। 18 अब कामे प लउट जा, हम तू पचन क कछू पुआल न देब। मुला तू पचे ओतना ही ईर्टा बनवा जेतना पहिले बनवत रह्या ह।”

19 हिब्रू काम क मेठ बूझ गएन कि उ पचे मुस्किल मँ पड़ि गएन। तब उ पचे कहेन, “तू पचन्क हर दिना क तय किया भवा ईट स कम ईट नाहीं बनाइ चाही।”

20 जब उ पचे फिरौन क संग बइठे क पाछे जात रहेन, उ पचे मूसा अउ हारून क लगे स निकरेन। मूसा अउ हारून ओनकइ इंतजार करत रहेन। 21 ऍह बरे उ सबइ मूसा अउ हारून स कहेन, “तू पचे सचमुच फिरौन स इ आग्रह करइ क कि हम पचन्क जाइ देइ क गलती किहा। यहोवा तोहॅका सजा देइ काहेकि तू पचे फिरौन अउ ओकरे अफसरन मँ हमरे बरे घिन पइदा कर्या ह। तू पचे ओनका एक बहाना हमका मारि डावइ क-दिहा ह।”

मूसा क परमेस्सर स सिकाइत

22 तबहिं मूसा यहोवा स पराथना किहेस अउ कहेस, “हे यहोवा! आप आपन लोगन बरे इ भयानक काम काहे किहा ह? आप हमका हिआँ काहे पठया ह? 23 मइँ फिरौन क लगे गएउँ अउ जउन आप कहइ क बोल्या ह ओका मइँ ओसे कहेउँ ह। मुला उ समइया स उ मनइयन बरे जिआदा अत्यिाचार होइ गवा अहइ। मुला आप ओनके बचावइ बरे काहे कछू नाहीं किहा ह।”

लूका 8

ईसू आपन चेलन क संग

ऍकरे बाद अइसा भवा कि ईसू परमेस्सर क राज्य क सुसमाचार मनइयन क सुनावत भवा सहर-सहर अउर गाउँ गाउँ घूमइ लाग। ओकर बारहु प्रेरितन भी ओकरे संग होत रहेन। ओकरे संग कछू स्त्रियन भी होत रहीं जेनका उ बेरामी अउर दुस्ट आतिमन स छुटकारा दियावत रहा। एनमाँ मरियम मगदलीनी नाउँ क एक स्त्री रही जेका सात दुस्ट आतिमन स छुटकारा मिला रहा। हेरोदेस क संरकाम अफसर खोजा क पत्नी योअन्ना भी एनहीं मँ रहिन। साथ ही सूसन्नाह अउर ढेर क स्त्रियन भी रहिन। इ स्त्रियन आपन जतन स ईसू अउर ओकरे प्रेरितन क सेवा क संरजाम करत रहिन।

बिआ बोवइ क दिस्टान्त कथा

(मत्ती 13:1-17; मरकुस 4:1-12)

जब सहर-सहर स आइके मनइयन क बड़ी भीड़ ऍकट्ठा होत रही, तउ उ ओनसे एक दिस्टान्त कथा कहेस,

“एक किसान आपन बिआ बोवइ निकरा। जब उ बिआ बोएस कछू बिआ राह क किनारे जाइके गिरेन अउर गोड़े तरे रौंद गएन। अउर चिड़ियाँ ओनका चुग लिहेन। कछू बिआ पथरही धरती प गिरेन, उ सबइ जब उगेन तउ ओद न होइ स मुरझाइ गएन। कछू बिआ कँटेहरी झाड़िन मँ गिरेन। काँटन क बाढ़इ क संग संग उ भी बाढ़ेन अउर कँटवन ओनका दबोच लिहन। अउर कछू बिआ धरती प गिरेन। उ उगेन अउर उ सबइ सउ गुना फसल दिहेन।”

इ बातन क बतावत भवा उ पुकारिके कहेस, “जेकरे लगे कान अहइँ, उ सबइ सुनि लेइँ।”

ओकर चेलन ओसे पूछेन, “इ दिस्टान्त कथा क अरथ का अहइ?”

10 तउ उ बताएस, “परमेस्सर क राज्य क भेद जानइ क सुविधा तोहका दीन्ह गइ अहइ मुला दूसर क इ भेद दिस्टान्त कथा स दीन्ह ग अहइँ जेहसे:

‘उ पचे देखत भी
    न देख पावइँ
अउर सुनते हुए भी
    न समुझ पावइँ।’ (A)

बिआ बोअइ क दिस्टान्त कथा क अरथ

(मत्ती 13:18-23; मरकुस 4:13-20)

11 “इ दिस्टान्त कथा क अरथ इ अहइ: बिआ परमेस्सर क उपदेस अहइ। 12 उ बिआ जउन राह क किनारे गिरा रहेन, उ मनइयन उपदेस जउन अब उपदेस सुनत हीं, सइतान आवत ह अउर उपदेस क ओनके मने स निकार लइ जात ह जेहसे उ सबइ पतिआय न पावइँ अउर ओनकइ उद्धार न होइ सकइ। 13 उ बिआ जउन पथरही भुइयाँ प गिरा रहेन ओनकइ अरथ अहइ ओन मनइयन स जउन उपदेस सुनत हीं तउ ओका खुसी स तउ अपनावत हीं। मुला बिआ ओनके भितरे जम नाहीं पावत उ सबइ कछू समइ बरे बिसवास करत हीं मुला परीच्छा क घड़ी मँ डुग जात हीं।

14 “अउर जउन बिआ काँटन मँ गिरेन ओकर अरथ अहइ, ओन मनइयन स जउन उपदेस सुनत हीं, मुला जब उ पचे आपन राहे प चलइ लागत हीं। तउ फिकिर, धन दौलत अउर जिन्नगी क भोग बिलास ओका दहबोचि लेत हीं, जेहसे ओन प कबहुँ फसल पाकत नाहीं। 15 अउर बढ़िया भुइयाँ प गिरा भवा बिआ क अरथ अहइ ओन मनइयन स जउन अच्छा अउर सच्चा मन स जब उपदेस क सुनत हीं तउ ओका धारण भी करत हीं। फिन आपन धीरज क संग उ पचे उत्तिम फल देत हीं।

आपन सच्चाई क बैपरा

(मरकुस 4:21-25)

16 “कउनो दीया ढकना स ढाकइ बरे नाही जलावत। या ओका बिछउना तरे नाहीं धरत। मुला उ ओका डीबट प धरत ह काहेकि जउन भीतर आवइँ, रोसनी देखि सकइँ। 17 काहेकि कछू भी अइसा छुपा नाहीं अहइ जउन उजागर न होई अउर कछू भी अइसा छुपा नाहीं बा जउन जाना न जाई अउर परगट न होई। 18 एह बरे धियान स सुना काहेकि जेकरे लगे बा ओका भी दीन्ह जाई अउर जेकरे लगे नाहीं अहइ, ओसे भी ओकरे नगिचे देखात ह, उ भी लइ लीन्ह जाई।”

ईसू क मनवइयन ही ओकर सच्चा परिवार

(मत्ती 12:46-50; मरकुस 3:31-35)

19 तबहीं ईसू क महतारी अउर ओकर भाइयन ओकरे लगे आएन मुला उ पचे भीड़ क कारण ओकरे नगिचे नाहीं जाइ सकेन। 20 यह बरे ईसू स इ कहा गवा, “तोहार महतारी अउर तोहार भाइयन बाहेर खड़ा अहइँ। उ पचे तोसे भेंटइ चाहत हीं।”

21 मुला ईसू ओनका जवाब दिहस, “मोर महतारी अउर मोर भाइयन तउ इ सबइ अहइँ जउन परमेस्सर क उपदेस सुनत हीं अउर ओह प चलत हीं।”

चेलन क ईसू क सक्ति क दर्सन

(मत्ती 8:23-27; मरकुस 4:35-41)

22 तब्बइ एक दिन अइसा भवा कि उ आपन चेलन क संग एक नाउ प चढ़ा अउर ओनसे “आवा, झिलिया क उ पार चली।” तउ उ पचे पाल खोलि दिहन। 23 उ पचे जब नाउँ खेवत रहेन, ईसू सोइ गवा। झिलिया प आन्धी अउर तूफान उतर आवा। ओनके नाउ मँ पानी भरइ लाग। उ पचे खतरा मँ रहेन। 24 ऍहसे उ सबइ ओकरे लगे आएन अउर ओका जगाइके कहइ लागेन, “स्वामी! स्वामी! हम बूड़त अही!”

फिन उ खड़ा भवा अउर उ आन्धी, अउर लहरन क फटकारेस। उ सबइ थम गइन अउर हुवाँ सान्ति होइ गइ। 25 फिन उ ओनसे पूछेन, “तोहार बिसवास कहाँ गवा?”

मुला उ पचे डेरान रहेन अउर अचरज मँ पड़ा रहेन। उ पचे आपुस मँ एक दूसरे स कहेन, “आखिर इ अहइ कउन जउन हवा अउर पानी दुइनउँ क हुकुम देत ह अउर उ सबइ ओका मानत हीं!”

दुस्ट आतिमन स छुटकारा

(मत्ती 8:28-34; मरकुस 5:1-20)

26 फिन उ पचे गिरासेनियन लोगन क पहँटा मँ पहुँचेन जउन गलील झीले क समन्वा रहा। 27 जइसेन ही उ किनारे प उतरा, सहर क एक मनई ओका मिला। ओहमा दुस्ट आतिमन क सवारी रहिन। बहोत दिना स उ न तउ ओढ़ना पहिरत रहा, न ही उ घरे मँ रहत रहा, मुला उ कबरे मँ रहत रहा।

28-29 उ जब ईसू क लखेस तउ चिचियात भवा ओकरे समन्वा गिरिके ऊँची अवाज मँ बोला, “हे सर्वोच्च परमेस्सर क पूत ईसू तू मोसे का चाहत ह? मइँ बिनती करत हउँ मोका पीरा जिन द्या।” उ दुस्ट आतिमा क उ मनई मँ स बाहेर निकरइ क हुकुम दिहेस, काहेकि उ दुस्ट आतिमा उ मनई क बहोत दाई पकड़े रही। अइसेन अवसरन प ओका हथकड़ी बेड़ी स बाँधि के पहरुअन क बीच राखि जात रहा। मुला उ हमेसा जंजीरे क तोरि डावत अउर दुस्ट आतिमा ओका वीरान जगहन मँ भगावत रहत!

30 तउ ईसू ओसे पूछेस, “तोहार नाउँ का अहइ?”

उ कहेस, “सेना।” (काहेकि बहोत स दुस्ट आतिमन ओहमा समाई रहिन।) 31 उ सबइ ईसू स बहस मोबहसा क संग बिनती करत रहेन कि ओनका गहिर गड़हा मँ जाइके हुकुम न देइँ। 32 अब देखा, तबहिं हुआँ पहाड़ी प सुअरन क झुण्ड चरत रहा। दुस्ट आतिमन ओसे बिनती किहेन कि उ ओनका सुअरिअन मँ जाइ देइँ। तउ उ ओनका जाइके हुकुम दिहेस। 33 ऍह प उ सबइ दुस्ट आतिमन उ मनई मँ स बाहेर निकरीं अउर ओन सुअरिअन मँ घुस गइन। अउर सुअरिअन क झुण्ड तरखाले उ ढालू तट स लुढ़कत पुढ़कत अउर दउड़त भवा झीले मँ जाइके गिरि गवा अउर बूड़ गवा।

34 सुअरिअन क झुण्ड क बहोरिया, जउन कछू भवा रहा, ओका निहारिके हुवाँ स परानेन। अउर ऍकर खबर उ पचे सहर अउर दिहात मँ सुनाएन। 35 फिन हुवाँ क मनइयन जउन कछू घटा रहा ओका लखइ बाहेर आएन। उ सबइ ईसू स भेंटेन। अउर उ पचे उ मनई क जेहमाँ स दुस्ट आतिमन निकरी रहिन, ईसू क गोड़वा प बइठा पाएन। उ मनई ओढ़ना पहिरे रहा अउर ओकर दिमाग एकदम सही रहा। ऍहसे उ सबहिं डेराइ गएन। 36 जउन निहारेन, उ पचे बताएन क दुस्ट आतिमन क सवारीवाला मनई कइसे नीक भवा। 37 गिरासेन पहँटा के सबहीं वसइया ओसे बिनती किहेन कि उ हुवाँ स चला जाइ काहेकि सबहिं बहोत डेरान रहेन।

तउ ईसू नाउ मँ आवा अउर लौटि गवा। 38 मुला जउने मनई स दुस्ट आतिमन निकरी रहिन, उ ईसू स आपन क संग लइ जाइके बिनती करत रहा। ऍह पइ ईसू ओका इ कहत भवा लौटाइ दिहस, 39 “घर जा अउर जउन कछू परमेस्सर तोहरे बरे किहे अहइ ओका बतावा।”

तउ उ लौटिके ईसू ओकरे बरे जउन कछू किहस ह, ओका सारे नगर मँ कहत फिरा।

मरी लरकी क जिन्नगी देब अउर बेरमिया स्त्री क चंगा होब

(मत्ती 9:18-26; मरकुस 5:21-43)

40 अब लखा जब ईसू लौटा तउ मनइयन क भीड़ ओकर अगवानी किहेस, काहेकि उ सबइ ओका जोहत रहेन। 41-42 तबहीं याईर नाउँ क एक मनई हुवाँ आइ। उ हुवाँ क आराधनालय क मुखिया रहा। उ ईसू क गोड़वा मँ गिरि गवा अउर ओसे आपन घरे जाइके बिनती करइ लाग। काहेकि ओकर बारह बरिस क एक इकलौती बिटिया रही, उ मरइ क रही।

तउ ईसू जब जात रहा तउ भीड़ ओका कुचरि देत रही। 43 हुवाँ एक स्त्री रही जेकर बारह बरिस स खून बहत रहा। जउन कछू ओकरे लगे रहा, उ बैद्य पर खरिच कइ दिहस, मुला उ कउनो स नीक नाहीं होइ पाइ। 44 उ ओकरे पाछे आइ अउर ओकरे चोंगा क मोहरी छुएस अउर तुरंतहि ओकर लहू बहब रुकि गवा। 45 तब ईसू पूछेस, “उ कउन अहइ जउन मोका छुएस ह?”

जब सबहिं मुकरइ लागेन कि उ पचे ईसू क नाहीं छुएन तउ पतरस कहेस, “स्वामी तोहका भिड़िया घेरे अहइ अउर तोहका दबावति अहइ।”

46 मुला ईसू कहेस, “कउनो मोका छुएस ह काहेकि मोका लागत अहइ कि मोसे सक्ती निकरी गइ होइ।” 47 जब उ स्त्री देखेस कि मइँ छुप नाहीं सकित तउ उ काँपत काँपत आइ अउर ईसू क समन्वा गिरि गइ। हुवाँ सबहीं मनइयन क समन्वा उ बताएस कि मइँ तोहका कउने कारण स छुए हउँ अउर कइसे फउरन नीक होइ गइ। 48 ऍह प ईसू ओसे कहेस, “बिटिया तोहरे पतियाये स तोहार उद्धार भवा ह। चइन स जा।”

49 उ अबहीं बोलत रहा कि आराधनालय क मुखिया क घरे स कउनो आवा अउर बोला, “तोहार बिटिया मरि गइ अहइ। तउ गुरु क अब अउर कस्ट जिन द्या।”

50 ईसू इ सुनि लिहस। तउ उ ओसे बोला, “डेराअ जिन! बिसवास राखा। उ बचि जाई।”

51 जब ईसू उ घरे मँ आवा उ आपन संगे पतरस, यूहन्ना, याकूब अउर बिटिया क महतारी बाप क तजिके कउनो अउर क आपन संग भितरे नाहीं लइ गवा। 52 सबहीं मनइयन उ लरकी बरे रोवत रहेन अउर बिलाप करत रहेन। ईसू कहेस, “रोउब बंद कइ द्या। इ मरी नाहीं बा, मुला सोवति अहइ।”

53 ऍह पइ मनइयन ओकर हँसी उड़ाएन। काहेकि उ जानत रहेन कि लरकी मरि चुकी बा। 54 मुला ईसू ओकर हथवा पकड़ेस अउर चिल्लाइके कहेस, “बच्ची, खड़ी होइ जा!” 55 ओकर आतिमा लौटि आइ, अउर उ फउरन उठि गइ। ईसू हुकुम दिहेस, “ऍका कछू खइया क दीन्ह जाइ।” 56 ऍह पइ लरकी क महतारी बाप क बहोत अचरज भवा मुला ईसू ओनका हुकुम दिहेस कि जउन भवा अहइ, ओका उ पचे कउनो क न बतावइँ।

अय्यूब 22

एलीपज क जवाब

22 फुन तेमान क एलीपज जवाब देत भए कहेस।

“परमेस्सर क कउनो भी मनई सहारा नाहीं दइ सकत,
    हिआँ तलक कि उ भी जउन बहोत बुद्धिमान मनई होइ परमेस्सर बरे हितकर नाहीं होइ सकत।
अगर तू उहइ किहा जउन उचित रहा एहसे सर्वसक्तीमान परमेस्सर क आनन्द नाहीं मिली,
    अउर अगर तू खरा रहा हवा तउ एहसे ओका पछू नाहीं मिली।
अय्यूब तोहका परमेस्सर काहे सजा देत ह अउर काहे तोह पइ दोख लगावत ह?
    का इ एह बरे कि तू भक्त अहा।
नाहीं, इ सबइ एह बरे कि तू बहोत स पाप किहा ह, अय्यूब,
    तोहार पाप नाहीं रुकत अहइँ।
अय्यूब, होइ सकत ह कि तू आपन कउनो भाई क कछू चिज बिना कउनो कारण क गिरवी रख सकत ह।
    होइ सकत ह कि तू कउनो दीन मनइ क ओढ़ना रख लिहे ह्वा अउर ओनका नंगा बना किहे हवा्।
तू थके-माँदे लोगन क पानी नाहीं दिहा,
    तू भुखान मनइयन क भोजन नाहीं दिहा।
अय्यूब, अगर तू सक्तीसाली अउ धनी रह्या, तू ओन लोगन क सहारा नाहीं दिहा।
    तू बड़का जमींदार अउ समरथ वाला मनई रह्या।
मुला तू राँड़ अउरतन क बगइर कछू दिहे लउटाइ दिहा।
    अय्यूब, तू अनाथ गदेलन क लूट लिहा अउर ओनसे बुरा बेउहार किहा।
10 एह बरे तोहरे चारिहुँ कइँती जाल बिछा भवा अहइँ
    अउर तोहका एकाएक आवत विपत्तियन डेरावत हीं।
11 एह बरे घना अँधियारा तोहका ढाँक लिहस ह
    अउर एह बरे बाढ़ क पानी तोहका लीलत बाटइ।

12 “परमेस्सर अकास क सब स ऊँच हींसा मँ रहत ह।
    उ आपन जगह स सबन स ऊँच तारन क लखइ बरे खाले लखत ह।
13 मुला अय्यूब, तू का करत ह, ‘परमेस्सर कछू नाहीं जानत,
    करिया बदरन स कइसे परमेस्सर हमका जाँच सकत ह
14 धना बादर ओका छुपाइ लेइ हीं,
    एह बरे जब उ आकास क सबन ऊँच हींसा मँ बिचरत ह तउ हमका ऊपर अकासे स लखि नाहीं सकत।’

15 “अय्यूब, तू उ ही पुरानी राह पइ
    जेन पइ दुस्ट लोग चला करत हीं, चलत अहा।
16 आपन मउत क समइ स पहिले ही दुट्ठ लोग मर गएन।
    बाढ़ ओनका बहाइके लइ गइ रही।
17 इ सबइ उहइ लोग अहइँ जउन परमेस्सर स कहत हीं, ‘हमका अकेल्ले तजि द्या।’
    उ पचे सोचेन कि ‘सर्वसक्तीमान परमेस्सर हमार कछू नाहीं कइ सकत ह।’
18 मुला परमेस्सर ओन लोगन क कामयाब बनाएस ह अउर ओनका धनवान बनाइ दिहा।
    मुला मइँ उ ढंग स जेहसे दुस्ट सोचत हीं, अपनाइ नाहीं सकत हउँ।
19 सज्जन जब बुरे लोगन क नास देखत हीं, तउ उ पचे खुस होत हीं।
    पाप स रहीत लोग दुस्टन पइ हँसत हीं, अउर कहा करत हीं।
20 ‘हमार दुस्मन फुरइ नस्ट होइ गएन।
    आगी ओनके धने क बारि देत ह।’

21 “अय्यूब, अब खुद क तू परमेस्सर क अर्पित कइ दया, तब तू सान्ति पउब्या।
    अगर तू अइसा करा तउ तू धन्य अउर कामयाब होइ जाब्या।
22 ओकर सीख अपनाइ ल्या
    अउर ओकरे सब्द आपन मने मँ सुरच्छित रखा।
23 अय्यूब, अगर तू फुन सर्वसक्तीमान परमेस्सर क लगे आवा तउ फिन स पहिले जइसा होइ जाइ।
    तोहका अपने घरे स पाप क बहोत दूर करइ चाही।
24 तोहका सोना क धूरि क नाई
    अउर ओफीर क सोना क नदी क तराई क चट्टान क नाई समझइ चाही।
25 तब सर्वसक्तीमान परमेस्सर तोहरे बरे सोना
    अउर चाँदी बन जाइ।
26 तब तू बहोत खुस होब्या अउर तोहका सुख मिली।
    परमेस्सर क समन्वा तू बिना कउनो सर्म क मूँड़ि उठाइ सकब्या।
27 जब तू ओकर बिनती करब्या तउ उ तोर सुना करी,
    जउन प्रतिग्या तू ओहसे किहे रह्या, तू ओका पूरा कइ सकब्या।
28 जउन कछू तू करब्या ओहमाँ तोहका कामयाबी मिली,
    तोहरे रास्ते पइ प्रकास चमकी।
29 परमेस्सर अहंकारी जन क लज्जित करी,
    मुला परमेस्सर नम्र मनई क रच्छा करी।
30 परमेस्सर जउन मनई भोला नाहीं अहइ ओकर भी रच्छा करी,
    तोहरे हाथन क सफाई स ओका उद्धार मिली।”

1 कुरिन्थियन 9

पौलुस भी दुसरे प्रेरितन जइसा अहइ

का मइँ स्वतन्त्र नाहीं हउँ? का मइँ भी एक प्रेरित नाही हऊँ? का मइँ हमार पर्भू ईसू मसीह क दर्सन नाहीं किहे अहउँ? का तू लोग पर्भू मँ मोर इ करम क उदाहरण नाहीं अहा? चाहे दुसरन क बरे मइँ प्रेरित न भी होउँ तबउ मइँ तोहरे बरे त प्रेरित हउँ। काहेकि तू एक अइसेन मोहर क समान अहा जउन पर्भू मँ मोरे प्रेरित होइ क प्रमाणित करत ह।

उ लोग जउन मोर जाँच करइ चाहत हीं, ओनके बरे आपन आत्मरच्छा मँ मोर उत्तर इ अहइ: का हमका खाइ पियइ क अधिकार नाहीं बाटइ? का हमका इ अधिकार नाहीं कि कउनो बिसवासिनी पत्नी क हम अपने साथे लइ जाइ? जइसेन क दूसर प्रेरित, पर्भू क बन्धु अउर पतरस किहे रहेन। अउर का बरनाबास अउर मोरे लगे ही इ अधिकार बा कि आपन आजीविका कमाइ क बरे हम कउनउ काम न करीं? सेना मँ अइसेन के होइ जउन एक सिपाही क रूपे मँ अपने क वेतन देइ। अउर के होइ जउन अंगूर क बगिया लगाइके ओकर फल न चखी? या कउन अइसा अहइ जउन भेड़न क खरका क देखभाल न करत होइ पर ओकर दूध न पीअत होइ?

का हम मानवीय चिन्तन क रूपे मँ ही अइसेन करत हई? आखिरकार का व्यवस्था क विधान भी अइसेन नाहीं कहत? मूसा क व्यवस्था मँ लिखा बा, “खरिहाने मँ बरधा क मुँह जिन बाँधा।”(A) का परमेस्सर केवल बरधन क बारे मँ बतावत अहइ? 10 निस्चित रूप स उ एका क हमरे बरे नाहीं बतावत अहइ? हाँ, इ हमरे बरे ही लिखा गवा रहा। काहेकि खेत जोतइवाला कीहीउ आसा स ही खेत जोतइ अउर खरिहाने मँ भूसा स अनाज अलगावइवाला फसल क कछू भाग पावइ क आसा तउ रखी। 11 फिन अगर हम तोहरे हिते क बरे आत्मिक बिया बोए अही तउ हम तोहसे भौतिक चीजन क फसल काटइ चाहित ह, इ का कउनउ बहुत बड़ी बात बा? 12 अगर दूसर लोग तोहसे भौतिक चीजन पावइ क अधिकार रखत हीं तउ हमार तउ तोह पइ का अउर भी जियादा अधिकार नाहीं बा? मुला हम इ अधिकार क उपयोग नाहीं किहे अही। बल्कि हम तउ सब कछू सहत रहे ताकि हम मसीह क सुसमाचार क रस्ता मँ कउनउ बाधा न डाली देइ। 13 का तू नाहीं जानत बाटया कि जउन लोग मंदिर मँ काम करत हीं उ पचे आपन खाना मंदिर स ही पावत हीं। अउर जउन नियमित रूप स वेदी क सेवा करत हीं वेदी क चढ़ावा मँ ओनकर हिस्सा होत ह? 14 इही तरह पर्भू व्यवस्था दिहे अहइ कि सुसमाचार क प्रचारकन क आजीविका सुसमाचार क प्रचार स ही होइ चाही।

15 मुला ओन्हन अधिकारन मँ स मइँ एक क कभउँ प्रयोग नाहीं किहेउँ। अउर इ बात मइँ ऍह बरे लिखेउँ नाहीं कि अइसेन कछू मोरे बिसय मँ कीन्हा जाई। बजाय एकरे कि कउनउ मोसे ओह बात केउ छीन लेइ जेकर मोका गरब बा। ऐसे तउ मइँ मरि जाब ही ठीक समझब। 16 एह बरे अगर मइँ सुसमाचार क प्रचार करित ह तउ एहमाँ मोका गरब करइके कउनउ हेतु नाहीं बा काहेकि मोर त इ कर्तव्य बा। अउर अगर मइँ सुसमाचार क प्रचार न करउँ तउ मोरे बरे इ केतना खराब होइ। 17 फिन अगर इ मइँ अपने इच्छा स करित ह तउ मइँ एकर पुरस्कार पावइ योग्ग हई, परन्तु अगर आपन इच्छा स नाहीं बल्कि कउनो नियुक्ति क कारण इ काम मोका सौंपा गवा ह। 18 तउ फिन मोर पुरस्कार काहे क? इही बरे जब मइँ सुसमाचार क प्रचार करीत हउँ बिना कउनउ मूल लिहे ही ओका करउँ। ताकि सुसमाचार क प्रचार मँ जउन कछू पावइ क मोर अधिकार बा, मइँ ओकर कुल उपयोग न करउँ।

19 जद्यपि मइँ किहू मनई क बन्धन मँ नाहीं हउँ, फन मइँ खुद क तोहरे सबन क गुलाम बनाइ लिहे हउँ। ताकि मइँ अधिकतर लोगन क जीत सकउँ। 20 यहूदियन क बरे मइँ एक यहूदी जइसेन बनउँ, ताकि मइँ यहूदियन क उद्धार मँ मदद करि सकउँ मइँ खुद व्यवस्था क अधीन नाहीं अहउँ। जउन लोग व्यवस्था क अधीन अहइँ, ओनके बरे मइँ एक अइसेन मनई बरे जउन व्यवस्था क अधीन जइसेन बनेउँ। इ मइँ एह बरे किहे कि मइँ व्यवस्था क अधीनन क उद्धार करवइ मँ मदद कइ सकउँ। 21 मइँ एक अइसेन मनई बने जउन व्यवस्था क नाहीं मानत। जद्यपि मइँ परमेस्सर क व्यवस्था स रहित नाहीं हउँ बल्कि मसीह क व्यवस्था क अधीन हउँ। तउ कि मइँ जउन व्यवस्था क नाहीं मानत हउँ ओन्हे जीत सकउँ। 22 जउन मनइयन कमजोर अहइँ, ओनके बरे मइँ कमजोर बनेउँ ताकि मइँ कमजोरन क उद्धार करावइ मँ मदद कइ सकी। हर किहू क बरे मइँ हर किहू जइसेन बनेउँ त कि हर सम्भव उपाय स ओनकर उद्धार कइ सकउँ। 23 इ सब कछू मइँ सुसमाचार क बरे करत हउँ ताकि एकरे बरदानन मँ मोर भी कछू भाग होइ।

24 का तू लोग इ नाहीं जानत अहा कि खेल क मैदान मँ दौड़त सबहिं धावक बाटेन मुला इनाम कउनो एक क मिलत ह। अइसेन दउड़ा कि जीत तोहार होइ सकइ। 25 कउनो खेल प्रतियोगिता मँ हर एक प्रतियोगी क हर तरह क आतिमा संयम करब होत ह। उ एक नासमान कीर्तिमान स सम्मानित होइ क बरे करत हीं मुला हम तउ एक अविनासी मुकुट क पावइ बरे इ करित ह। 26 एह तरह मइँ ओह मनई क समान दौड़त हउँ जेकरे सामने एक लच्छ बा। मइँ अहइ मुक्केबाज क तरह मुक्का मारत मारत हउँ मुला मइँ हवा मँ मुक्का नाहीं मारत हउँ। 27 बल्कि मइँ तउ आपन सरीर क कठोर अनुसासन मँ तपाइके, ओका अपने बस मँ करत हउँ। ताकि कहूँ अइसेन न होइ जाइ कि दुसरन क उपदेस देइ क बाद परमेस्सर क जरिये मइँ इ बेकार ठहराइ दीन्ह जाउँ।

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.