M’Cheyne Bible Reading Plan
इस्राएल गोसेन मँ बसत ह
47 यूसुफ फिरौन क लगे गवा अउ उ कहेस, “मोर पिता, मोर भाई अउ ओनके सबहि परिवार हिआँ आइ ग अहइँ। उ सबइ आपन सबइ जनावर तथा कनान मँ ओनकइ आपन जउन कछू रहा, ओकरे संग अहइ। इ टेम उ सबइ गोसेन प्रदेस मँ अहइँ।” 2 यूसुफ आपन भाइयन मँ स पाँच क फिरौन क समन्वा हाजिर होइ बरे चुनेस।
3 फिरौन भाइयन स पूछेस, “तू लोग का काम करत अहा?”
भाइयन फिरौन स कहेन, “महोदय, हम पचे गड़रिया अही। हम लोगन स पहिले हमार पुरखन भी गड़रिया रहेन।” 4 उ पचे फिरौन स कहेन, “कनान मँ भुखमरी क इ टेम बहोत बुरा बाटइ। हम लोगन क गोरुअन क घास वाला कउनो खेत बचा नाही रहि गवा बाटइ। ऍह बरे हम लोग इस देस मँ बसइ आवा अही। आप से हम पचे बिनती करत अही कि आप कृपा कइके हम लोगन क गोसेन प्रदेस मँ रहइ देइँ।”
5 तब फिरौन यूसुफ स कहेस, “तोहरे पिता अउ तोहार भाई तोहरे लगे आवा अहइँ। 6 तू मिस्र मँ कउनो भी जगह ओनके रहइ बरे चुन सकत ह। आपन पिता अउ आपन भाइयन क सबसे अच्छी भुइँया द्या। ओनका गोसेन पहटा मँ रहइ द्या अउ अगर उ सबइ कुसल गड़रिया अहउँ, तउ उ पचे मोरे जनावरन क भी देख भाल कइ सकत ही।”
7 तब यूसुफ आपन पिता याकूब क भितरे फ़िरौन क समन्वा बोलाएस। याकूब फिरौन क आसीर्बाद दिहस।
8 तब फिरौन याकूब स पूछेस, “आप क उमिर का अहइ?”
9 याकूब फिरौन स कहेस, “बहोत स कस्टन क संग मोर छोटी जिन्नगी रही। मइँ सिरिफ एक सौ तीस बरिस जिन्नगी बिताएउँ ह। मोर पिता अउ ओनके पुरखन मोसे बेसी उमिर तक जिअत रहेन।”
10 याकूब फिरौन क आसीर्बाद दिहस। तब फिरौन स बिदा लेइके चल दिहस।
11 यूसुफ फिरौन क हुकुम मानेस। उ आपन पिता अउ भाइयन क मिस्र मँ भुइँया दिहस। इ रामसेस सहर क निअरे मिस्र मँ सबसे बढ़िया भुइँया रही। 12 यूसुफ आपन पिता भाइयन अउ ओनके आपन लोगन क, जउन भोजन ओनका जरुरी रहा, दिहस।
यूसुफ फिरौन बरे भुइँया खरीदत ह
13 भुखमरी क समइ अउर भी जियादा बुरा होइ गवा। देस मँ कही भी भोजन न रहा। इ बुरा समइ क कारण मिस्र अउ कनान बहोत गरीब होइ गएन। 14 देस मँ लोग जियादा स जियादा अनाज बेसहइ लागेन। यूसुफ धन बचाएस अउ ओका फिरौन क महल मँ लिआएस। 15 कछू समइ पाछे मिस्र अउ कनान मँ लोगन क लगे पइसा नाही रहा। उ पचे आपन सारा धन अनाज बेसहइ मँ खर्च कइ दिहन। ऍह बरे लोग यूसुफ क लगे गएन अउ बोलेन, “कृपा कइके हम पचन क खइया क द्या। हम पचन क धन खतम होइ ग अहइ। अगर हम लोग नाहीं खाब तउ आप क लखत लखत मरि जाब।”
16 मुला यूसुफ जवाब दिहस, “आपन गोरु मोका द्या अउर मइँ तू लोगन क भोजन देब।” 17 ऍह बरे लोग आपन गोरु, घोड़ा अउ दूसर सबहि जनावरन क भोजन बेसहइ बरे प्रयोग मँ लावइ लागेन अउ उ बरिस यूसुफ ओनके गोरुअन क लिहस अउ भोजन दिहस।
18 मुला दूसर बरिस लोगन क लगे जनावर नाही रहि गएन अउ भोजन बेसहइ बरे कछू न रहा। ऍह बरे मनई यूसुफ क लगे गएन अउ बोलेन, “आप जानत ही कि हम लोगन क लगे धन नाही बचा बाटइ अउ हमार सबहिं गोरु आप क होइ गए अहइँ। ऍह बरे हम लोगन क लगे कछू नाही बचा अहइ। उ बचा अहइ सिरिफ, जउन आप लखत ही, हमार तन अउ हमार भुइँया। 19 आप क लखत भए ही हम फुरइ मरि जाब। मुला जदि आप मोका भोजन देत ही तउ हम फिरौन क आपन भुइँया देब अउ ओकर गुलाम होइ जाब। हमका बिआ द्या जेनका हम बोइ सकी। तब हम लोग जिअत रहब अउ मरब नाहीं अउ भुइँया हम लोगन बरे फुन अनाज उगाई।”
20 ऍह बरे यूसुफ मिस्र क सारी भुइँया फिरौन बरे बेसहेस। मिस्र क सबहि लोगन आपन खेतन क यूसुफ क हाथ बेंचि दिहन। उ पचे इ ऍह बरे किहन काहे कि उ पचे बहोत भुखान रहेन। 21 अउर सबइ लोग फिरौन क दास होइ गएन। मिस्र मँ सब जगह लोग फिरौन क दास रेहन। 22 एक सिरिफ उहइ भुइँया यूसुफ नाही बेसहेस जउन
याजकन क कब्जा मँ रही। याजकन क भुइँया बेंचइ क जरुरत नाही रही। काहेकि फिरौन ओनके काम बरे ओनका पगार देत रहा। ऍह बरे उ पचे इ धन क खाइ बरे भोजन बेसहइ मँ खरच किहन।
23 यूसुफ लोगन स केहस, “अब मइँ तू पचन क अउ तोहरी भुइँया क फिरौन बरे बेसहेउँ ह। ऍह बरे मइँ तू पचन क बिआ देब अउ तू लोग आपन खेतन मँ पौध लगाइ सकत ह। 24 फसल काटइ क समइ तू लोग फसल क पाँचवाँ हीसा फिरौन क जरुर दिह। तू पचे आपन खातिर पाँच मँ स चार हीसा रखि सकत ह। तू लोग उ बिआ क जेका भोजन अउ बोवइ बरे रखब्या ओका दुसरे बरिस प्रयोग कइ सकब्या। अब तू आपन परिवारन अउ गदेलन क खिआइ सकत ह।”
25 मनइयन कहेन, “आप हम लोगन क जिन्नगी बचाइ लिहन ह। हम लोग आप क अउ फिरौन क दास होइ मँ खुस अही।”
26 ऍह बरे यूसुफ उ समइ देस मँ एक नेम बनाएस अउ उ नेम अब तलक चला आवत अहइ। नेम क मुताबिक भुइँया स हर एक उपज क पाँचवाँ हीसा फिरौन क बाटइ। फिरौन सारी भुइँया क सुआमी अहइ। सिरिफ उहइ भुइँया ओकर नाही जउन याजकन क बाटइ।
“मोका मिस्र मँ जिन दफनाया”
27 इस्राएल मिस्र मँ रहेउँ। उ गोसेन पहटा मँ रहा। ओकर परिवार बाढ़ा अउ बहोत बड़वार होइ गवा। उ पचे मिस्र मँ उ भुइँया क पाएन अउ अच्छी जिन्नगी बिताएन।
28 याकूब मिस्र मँ सत्रह बरिस रहा। इ तरह याकूब एक सौ सैंतालीस बरिस क होइ गवा। 29 उ समइ आइ गवा जब इस्राएल समझ गवा कि उ हाली ही मरी, ऍह बरे उ आपन पूत यूसुफ क आपन लगे बोलाएस। उ कहेस, “अगर तू मोसे पिरेम करत ह तउ तू आपन हाथ मोरी जाँधे क तरे धइके मोका बचन द्या कि तू जउन मइँ कहब करब्या अउ तू मोरे बरे सच्चा रहब्या। जब मइँ मरब तउ मोका मिस्र मँ जिन दफनाया। 30 उहइ जगह मोका दफनाया जउने जगह मोरे पुरखन दफनावा गए अहइँ। मोका मिस्र स बाहेर लइ जा अउ मोरे पुरखन जहा दफनाए गवा अहइँ उहइ जगह मोका दफनावा।”
यूसुफ जवाब दिहस, “मइँ बचन देत हउँ कि उहइ करब जउन आप कहत हीं।”
31 तब याकूब कहेस, “मोसे एक प्रण करा” अउर यूसुफ ओसे प्रण किहेस कि उ ऍका पूरा करी। तब इस्राएल आपन मूँड़ी खटिया प पाछे धरेस।[a]
लूका ईसू क जीवन क बरे मँ लिखस
1 बहोत स मनई हमरे बीच होइजाइ वाली घाटना क ब्यौरा लिखइ क कोसिस करेन ह। 2 उहइ बातन हमका उ सबइ मनइयन क जरिये जान पड़िन जउन उ पचे सुरुआत स घटत देखेन अउर जउन सुसमासार क प्रचार करत रहेन। 3 हे मान्यवर थियुफिलुस! काहेकि मइँ सुरुआत स सब कछू होसियारी स पढ़ेउँ ह। एह बरे मोका इ नीक जान पड़त ह कि तोहरे बरे एक ठु एक क बाद एक एक घटना क लिखेउँ। 4 जेसे तू सब इन बातन क बेफिकिर होइके जान ल्या जउन तोहका सिखाइ ग अहइँ।
जकरयाह अउर इलीसिबा
5 उ समइया मँ जब यहूदिया प हेरोदेस क राज्य रहा। हुवाँ जकरयाह नाउँ क एक याजक रहत रहा। जउन याजकन क अबिय्याह दल[a] क रहा अउर ओकर पत्नी इलीसिबा हारून बंस क रही। 6 उ दुइनउँ परमेस्सर क निगाह मँ धर्मी रहेन। उ पचे बिना कउनो दोख क पर्भू क सबइ हुकुमन अउर बिधानन क पालन करत रहेन। 7 मुला ओनके कउनो संतान नाहीं रही, काहेकि इलीसिबा बाँझ रही अउर उ दुइनउँ बहोत बुढ़वा होइ ग रहेन।
8 जब जकरयाह क आपन दले क मन्दिर मँ याजक क काम खातिर बारी आइ, अउर उ परमेस्सर क समन्वा आराधना बरे हाजिर भवा। 9 तउ याजकन मँ चली भइ रीति रिवाजे क तरह पर्ची डाइके ओका चुना गवा कि उ पर्भू क मन्दिर मँ जाइके धूप जरावइ। 10 जब धूप जरावइ क समइ आइ तउ बाहेर ऍकट्ठा भवा मनई पराथना करत रहेन।
11 उहइ समइया जकरयाह क समन्वा एक ठु पर्भू का दूत परगट भवा। उ दूत धूप क वेदी क दाहिन कइँती खड़ा रहा। 12 जकरयाह जइसे उ दूत क निहारेस तउ उ घबराइ गवा अउर डर जइसे ओका जकड़ि लिहस। 13 फिन सरगदूत ओसे कहेस, “जकरयाह जिन डेराअ, तोहार पराथना सुनि लीन्ह गइ अहइ। एह बरे तोहार पत्नी इलीसिबा एक बेटवा क जनम देई, अउर तू ओकर नाउँ यूहन्ना धर्या। 14 उ तोहका आनंद अउर खुसी देइ, साथे ओकरे जनम स अउर भी बहोत स मनइयन क खुसी होई। 15 काहेकि उ पर्भू क निगाहे मँ महान होई। उ कबहुँ कउनो दाखरस या कउनो मदिरा क न पिई। आपन जन्म स पवित्तर आतिमा स भरपूर होई।
16 “उ इस्राएल क बहोतन मनइयन क ओनकइ पर्भू परमेस्सर कइँती लौटइ बरे फेरी। 17 उ एलिय्याह क आतिमा अउर सामर्थ मँ होइके परभू क अगवा अगवा चली। उ बापन क हिरदय ओनके संताने कइँती मोड़ देइ अउर आज्ञा न मानइवालन क मने क बदल देइ जेहसे उ पचे धर्मी मनइयन क नाई सोचइ लागइ। इ सबइ, उ मनइयन क पर्भू बरे तइयार करइ क करी।”
18 तबहीं जकरयाह दूत स कहेस, “मइँ इ कइसे जान लेउँ कि इ सच अहइ? काहेकि मइँ एक बुढ़वा हउँ अउर मोर पत्नी बुढ़िया होइ ग अहइ।”
19 तबहिं सरगदूत जवाब देत ओसे कहेस, “मइँ जिब्राईल हउँ। मइँ उहइ हउँ जउन परमेस्सर क अगवा खड़ा रहत हउँ। मोका तोसे बात करइ अउर इ सुसमाचार क बतावइ बरे पठवा ग अहइ। 20 मुला देखा, काहेकि तू मोरे सब्दन प, जउन निस्चित समइ क आइ प सच सिद्ध होइहीं, बिसवास नाहीं किहा, यह बरे तू गूँगा होइ जाब्या अउर उ दिना तलक नाहीं बोल पउब्या जबहिं ताई इ घटित न होइ जाइ।”
21 ओहर बाहेर मनई जकरयाह क इंतजार करत रहेन। ओकना अचरज भवा कि उ ऍतनी देर मन्दिर मँ काहे ठहर गवा। 22 फिन जब उ बाहेर आवा अहइ तउ उ ओनसे बोल नाहीं पावत रहा। ओनका इ लाग कि जइसे मन्दिर क भीतर कउनो दर्सन होइ गवा अहइ। उ गूँगा होइ ग अउर सिरिफ इसारा करत रहा। 23 अउर फिन अइसा भवा कि जब ओकर आराधना क काम होइ गवा तउ जकरयाह वापस आपन घर लौटि गवा।
24 थोड़े दिना बाद ओकर पत्नी इलीसिबा गर्भवती भइ। पाँच महीना तलक उ सबन स अलगइ रही। उ कहेस, 25 “अब आखिर मँ जाइके इ तरह पर्भू मोर मदद करेस ह। मनइयन क बीच मोर लाज राखइ बरे उ मोर सुधि लिहस ह।”
कुँवारी मरियम
26-27 इलीसिबा क छठा महीना चलत रहा, गलील क एक सहर नासरत मँ परमेस्सर क दूत जिब्राईल क एक कुँवारी कन्या क लगे पठएस जेकर यूसुफ नाउँ क एक मनई स गोदी भरि दीन्ह गइ। उ दाऊद क बंस मँ जनमा रहा अउर उ कुँवारी कन्या क नाउँ मरियम रहा। 28 जिब्राईल ओकरे लगे आइ अउर कहेस, “तोह पइ अनुग्रह भइ अहइ, तोहार जय होइ। पर्भू तोहरे संग बा।”
29 इ बचन सुनिके उ बहोत घबरान, उ सोच मँ पड़ि गइ, “एकर का अरथ होइ सकत ह?”
30 तब सरगदूत ओसे कहेस, “मरियम तू जिन डेराअ, तोसे परमेस्सर खुस अहइ। 31 सुना! तू गोड़वा स भारी होब्या अउर एक पूत क जनम देबू अउर ओकर नाउँ ईसू रखबिउ। 32 उ महान होई अउर उ सबन त सर्वोच्च (परमेस्सर) क पूत कहवावा जाई। पर्भू परमेस्सर ओका ओकरे बाप दाऊद क सिंहासन दइ देई। 33 उ अनन्त समइया ताई याकूब क घराने प राज करी। ओकर राज्य क नास कबहुँ न होई।”
34 एह पइ मरियम सरगदूत स कहेस, “इ सच कइसे होइ सकत ह? काहेकि मइँ तउ अबहुँ कुँवारी हउँ।”
35 जवाबे मँ सरगदूत ओसे कहेस, “तोहरे लगे पवित्तर आतिमा आई अउर सर्वोच्च (परमेस्सर) क सक्ती तोहका आपन परिछाहीं मँ लइ लेई। इ तरह उ जनम लेइवाला पवित्तर पूत परमेस्सर क पूत कहवावा जाई। 36 अउर इ भी सुनि ल्या कि तोहरे कुनबा क इलीसिबा क कुनबे मँ बुढ़ौती क गरभ मँ एक बेटवा अहइ अउर ओकरे कोखी क इ छठा महीना चलत बा। लोग कहत रहेन कि उ बाँझ बा! 37 मुला परमेस्सर बरे कछू न होइ सकइ, अइसा नाहीं!”
38 मरियम कहेस, “मइँ पर्भू क दासी हउँ जइसा तू मोरे बरे कह्या ह, वइसा ही होइ!” अउर तब उ सरगदूत ओकरे लगे स चला गवा।
13 “मोर आँखिन पहिले स ही उ सब चिजियन क गवाही अहा जउन तू कहया ह।
मोर कानन पहिले ही सुन अउर समुझ चुका ह
जउन कछू तू करत अहा।
2 मइँ भी ओतना ही जानत हउँ जेतना तू जानत अहा,
मइँ तोहसे कम नाहीं हउँ।
3 किन्तु मइँ सर्वसक्तीमान परमेस्सर स बोलइ चाहत हउँ,
अउर मइँ ओकर समन्वा
आपन मुकद्दमा क सफ़ाइ देउँ।
4 मुला तू तीनउँ लोग आपन छूठ बातन स फुरई क ढाँपइ चाहत अहा।
तू उ बेकार क चिकित्सक नाई अहा जउन कउनो क नीक नाहीं कइ सकत।
5 मोर इ कामना अहइ कि तू पूरी तरह चुप होइ जा।
इ तोहरे बरे बूद्धिमानी क बात होइ जउन तू कइ सकत ह।
6 “अब मोर तर्क सुना।
सुना जब मइँ आपन सफाई देउँ।
7 का तू परमेस्सर बरे झूठ बोलब्या?
का तू सचमुच परमेस्सर क बारे मँ झूठ बोलब्या?
8 का तू मोरे खिलाफ परमेस्सर क पच्छ लेब्या?
का तू अदालत मँ
परमेस्सर क बचावइ जात अहा?
9 अगर परमेस्सर तोहका बहोत करीब स जाँच लिहस
तउ का उ कछू भी नीक बात पाई?
का तू सोचत अहा कि तू परमेस्सर क छल पउब्या,
ठीक उहइ तरह जइसे तू लोगन क छलत अहा?
10 अगर तू अदालत मँ छुपा छुपा कउनो तरफ़दारी करब्या,
तउ परमेस्सर निहचय ही तोहका लताड़ी।
11 ओकर तेज तोहका डरावत ह
अउर तू डर जात ह।
12 तोहार कहब धूलि जइसे बेकार अहइँ।
तोहार तर्कन माटी जइसी दुर्बल अहइँ।
13 “चुप रहा अउ मोका कहि लेइ दया।
मोरे संग कछू बात होइ जाइ दया।
14 मइँ खुद क संकट मँ डावत हउँ
अउर मइँ खुद आपन जिन्नगी आपन हाथन मँ लेत हउँ।
15 होइ सकत ह परमेस्सर मोका मारि देइ।
यद्यापि मोका जीत क कछू आसा नाहीं अहइ,
तउ भी मइँ आपन मुकदमा क तर्क ओकरे समन्वा देब।
16 परमेस्सर मोर मुक्ति अहइ,
काहेकि कउनो दुट्ठ मनई ओकर आपने-सामने नाहीं आइ सकत।
17 ओका धियान स सुना जेका मइँ कहत हउँ,
ओह पइ कान दया जेकर व्याख्या मइँ करइ चाहत हउँ।
18 अब मइँ आपन बचाव करइ क तैयार हउँ।
इ मोका पता अहइ कि मोका निर्दोख सिद्ध कीन्ह जाइ।
19 कउनो भी मनई इ प्रमाणित नाहीं कइ सकत कि मइँ गलत हउँ।
अगर कउनो मनई इ सिद्ध कइ देइ तउ मइँ चुप होइ जाब अउर मरि जाब।
20 “हे परमेस्सर, तू मोका दुइ बातन दइ दया,
फिन मइँ तोहसे नाहीं छुपब।
21 मोका दण्ड देइ रोकि दया,
अउर मोसा जियादा लड़इ छोड़ द्या।
22 फिन तू मोका पुकारा अउर मइ तोहका जवाब देब,
या मोका बोलइ दया अउर तू मोका जावब दया।
23 केतँना पाप मइँ किए हउँ?
कउन सा अपराध मोहसे होइ गवा?
मोका मोर पाप अउर अपराध देखाँवा।
24 हे परमेस्सर, तू मोहसे काहे बचत अहा?
तू मोर संग दुस्मन जइसा बेउहार काहे करत अहा?
25 का तू मोका डेरउब्या?
मइँ एक पत्ता जइसा हउँ जेका पवन उड़ावत ह।
एक झुरान तिनका क तू खदेड़त अहा।
26 हे परमेस्सर, तू मोरे विरोध मँ गंभीर दोसपूर्ण बात लिखत अहा।
का तू मोका अइसे पापन बरे दुःख देत ह जउन मइँ आपन जवानी मँ किहे रहेउँ?
27 मोरे गोड़न मँ तू काठ डाइ दिहया ह।
तू मोर हर कदम पइ आँखी गड़ए रखत ह।
मोरे कदमन क तू सीमा बाँध दिहा ह।
28 मइँ सड़ी चीज जइसा छीन होत जात हउँ
कीरन स खाए भए ओढ़नन क टुका जइसा।
1 हमार भाई सोस्थिनेस क साथे पौलुस क अउर जेका परमेस्सर आपन इच्छानुसार मसीह ईसू प्रेरित बनावइ बरे चुनेस।
2 कुरिन्थुस मँ रही परमेस्सर क ओन्ह कलीसिया क नाउँ अहइ यानि ओन सबन का नाउँ, जउन मसीह ईसू मँ रही परमेस्सर क सेवा करइ बरे नेउछावर रहइ, जेका परमेस्सर पवित्तर मनइयन बनवइ बरे ओकरे साथेन चुनेस। जउन सब जगह पर्भू ईसू मसीह क नाउँ लेत रहत हीं।
3 हमरे परमपिता कइँती स अउर हमरे पर्भू ईसू मसीह कइँती स तोहे सबन क अनुग्रह अउर सान्ति मिलइ।
पौलुस क परमेस्सर क धन्यबाद
4 तोहे मसीह ईसू मँ जउन अनुग्रह कींहीं गइ बा, ओकरे बरे मइँ तोहरे कइँती स परमेस्सर क हमेसा धन्यबाद करत अहउँ। 5 तोहरे पचन क ईसू मसीह मँ रहइ क कारण हर तरफ स अउर सब बानी अउर सब गियान स परिपूर्ण किहा गवा बा। 6 मसीह क बारे मँ हम जउन साच्छी दिहे अही उ तोहरे बीच मँ प्रमाणित भई बा। 7 अउर एनही क कारण तोहरे लगे ओनके कउनउ इनाम क कमी नाहीं बा। तू हमरे पर्भू ईसू मसीह क परगट होइ बरे इन्तजार करत रहा। 8 उ तोहे अन्त तक हमेसा मजबूत बनाए रही जेहसे जब ओहि दिन तोहमाँ कोई गलती न होइ, जब ईसू फिनि स आवइ। हमार पर्भू ईसू मसीह क दिनवा एकदम निहकलंक, खरा बनाए रखीन। 9 परमेस्सर एकदम बिसवासी अहइ। ओनही क कारण तोहे हमरे पर्भू अउर ओकरे बेटवा ईसू मसीह क सत संगति बरे बुलावा गवा बा।
कुरिन्थियन क कलीसिया क समस्सिया
10 भाइयो तथा बहिनियो, हमरे पर्भू ईसू मसीह क नाउँ मँ मोर तोह सबनस बिनती बा कि तू सभन मँ कउनउ मतभेद न होइ? तू सभे एक साथेन जुटा रहा, अउर तोहार चिन्तन अउर लच्छ एक्कई होइ।
11 भाइयन तथा बहिनियन, मोका खलोए क घराने क लोगन स पता चला ह कि तोहरे पचन क बीच आपस क झगड़ा बा। 12 मइँ इ कहत हउँ कि तोहमें स केऊ कहत ह, “मइँ पौलुस क हउँ” तउ केउ कहत ह, “मइँ अपुल्लोस क हउँ।” कीहीउ क मत अहइ, “उ पतरस क अहइ।” त केउ कहत ह, “उ मसीह क अहइ।” 13 का मसीह बँटि गवा बाटेन? पौलुस तउ तोहरे बरे क्रूस पर नाहीं चढ़ा रह। का वो चढ़ा रहेन? तोहे पौलुस क नाउँ क बपतिस्मा तउ नाहीं दिहा गवा। बतावा का दीहा गवा? 14 परमेस्सर क धन्यबाद बा कि मइँ तोहमा स क्रिसिपुस अउर गयुस क छोड़िके कउनो अउर क बपतिस्मा नाहीं दिहा। 15 ताकि कउनउ इ न कहि सकइ कि तू लोगन क हमरे नाउँ क बपतिस्मा दिहा गवा बा। 16 (मइँ स्तिफनुस क परिवार कभी बपतिस्मा दिहे रउँ मुला जहाँ तलक बाकी क लोगन क बात बा, तउ मोका याद नाहीं कि मइँ कउनो ही अउर क कभउँ बपतिस्मा दिहे होउँ।) 17 काहेकि मसीह हमका बपतिस्मा देइ क बरे नाहीं, बल्कि बानी क कउनउ तर्क-वितर्क तथा अलंकार क बिना सुसमाचार क प्रचार करइ क बरे पठए रहा ताकि मसीह क क्रूस अइसेन ही व्यर्थ न चला जाइ।
परमेस्सर क सक्ति अउर गियान-सरूप मसीह
18 उ जउन भटकत हयेन, ओनके बरे क्रूस क संदेस एक निरी मूरखतइ अहइ। मुला जउन उद्धार पावत हयेन ओनके बरे उ परमेस्सर क सक्ति बा। 19 पवित्तर सास्तरन मँ लिखा बा
“गियानियन क गियान क मइँ नस्ट कइ देबइ,
अउर मइँ सब चतुरन क चतुरइ कुंठित करबइ।” (A)
20 कहाँ अहइ गियानी मनइँ? कहाँ बा विद्वान? अउर एह युगे क सास्त्रार्थी कहाँ अहइ? का परमेस्सर संसारी क बुद्धिमानी क मूर्खता नाहीं सिद्ध किहेस? 21 इही बरे काहेकि परमेस्सर गियान क जरिये इ संसार अपने बुद्धि बले स परमेस्सर क नाहीं पहिचान सका तउ हम सँदेस क कही भइ मूर्खता क प्रचार करत अही।
22 यहूदियन लोग त अदभुत चीन्हन क मांग करत हीं अउर गैर यहूदियन विवेक क खोज मँ अहइँ। 23 मुला हम तउ बस क्रूस पर चढ़ावा गवा मसीह क ही उपदेस देइत अही। एक अइसेन उपदेस जउन यहूदियन क बरे विरोध क कारण अहइ अउर गैर यहूदियन क बरे निरी मूर्खता। 24 मुला ओनके बरे जेनका परमेस्सर द्वारा बोलॉइ लिहा गवा बा, फिन चाहे ओ यहूदी होइँ या गैर यहूदी, इ उपदेस मसीह अहइ जउन परमेस्सर क सक्ती अहइ, अउर परमेस्सर क विवेक अहइ। 25 काहेकि परमेस्सर क कही गइ “मूर्खता” मनइयन क गियान स कहूँ जियादा विवेकपूर्ण बा। अउर परमेस्सर क कही गइ “कमजोरी” मनइयन क सक्ती स कहूँ जियादा सच्छम बा।
26 भाइयो तथा बहिनियो, अब तनिक सोचा कि जब परमेस्सर तउ तू बोलाये रहा तउ तोहमें स बहुत जनेन संसारिक दिस्टी स न तउ बुद्धिमान रहेन अउर न त सक्तिसाली। तोहमें स कइयउ क सामाजिकइ स्तर भी कउनउ ऊँचा नाहीं रहा। 27 बल्कि परमेस्सर तउ संसार मँ जउन कही गइ मूर्खतापूर्ण रहा, ओका चुनेस ताकि बुद्धिमान लोग लज्जित होइँ। परमेस्सर तउ संमार मँ कमजोरन क चुनेस ताकि जउन मजबूत अहइँ, उ सबइ लज्जित होइँ। 28 परमेस्सर संसार मँ स इन बातन क चुनेस जउन नीचे रहिन अउर जउन तुच्छ रहिन अउर जउन कछू नाहीं रहिन। परमेस्सर एनका चुनेस ताकि संसार जेका कछू समझत ह, ओका उ खराब कइ सकइ। 29 ताकि परमेस्सर क सामने कउनउ मनई अभिमान न कइ पावइ। 30 मुला तू मसीह ईसू मँ उही क कारण स्थित ह्वा, उहइ परमेस्सर क बरदान क रूप मँ हमार बुद्धि बनिगइ अहइ। उही क जरिये हम निर्दोस ठहरावा गएन अउर हम परमेस्सर क समर्पित होइ सकी अउर हमका पापन स छुटकारा मिलि जाइ। 31 जइसेन कि पवित्तर सास्तरन मँ लिखा बा, “अगर कीहीउ क कउनउ घमण्ड करब बाटइ तउन उ पर्भू मँ घमण्ड करइ।”(B)
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