M’Cheyne Bible Reading Plan
याकूब राहेल स मिलत ह
29 तब याकूब आपन जात्रा जारी रखेस। उ पूरब क देस मँ गवा। 2 याकूब निगाह किहेस, उ मइदान मँ एक नारा लखेस। हुआँ इनारा क नगिचे भेड़ी क तीन झुण्ड पड़ी रहिन। इहइ एक नारा रहा जहा इ सबइ भेड़िन पानी पिअत रहिन। हुआँ एक बड़ी सिला स नारा क मुँइ मूँदा रहा। 3 जब सबहि भेड़िन हुआँ बदुर जात रहिन तउ गड़रिया चट्टान क नारा क मुँहे प स हटावत रहेन। तब सबहि भेड़िन ओकर चल पी सकत रहिन। जब भेड़िन पी चुकत रहिन तब गड़रिया सिला क फुन अपनी जगह प रख देत रहेन।
4 याकूब हुआँ गड़रिया स कहेन, “भाईयन, आप लोग कहा क अहइँ?”
उ पचे जवाब दिहन, “हम पचे हारान क अही।”
5 तब याकूब कहेस, “का आप लोग नाहोर क पूत लाबान क जानत ही?”
गड़रियन जवाब दिहेन, “हम पचे ओका जानित ह।”
6 तब याकूब पूछेस, “उ कुसल स तउ अहइ?”
उ पचे कहेन, “उ सबइ ठीक अहइँ। सब कछू बहोत नीक अहइ। लखा, उ ओकर बिटिया राहेल आपन भेड़िन क संग आवति अहइ।”
7 याकूब कहेस, “लखा, अबहि दिन अहइ अउ सूरज बूड़इ मँ अबहि, काफी देर बाटइ। रात बरे जनावरन क बटोरइ क अबहि टेम नाही बा। ऍह बरे ओनका पानी द्या अउ ओनका मइदान मँ लौटि जाइ द्या।”
8 मुला उ गड़ेरियन कहेन, “हम पचे इ सबइ तब तलक नाही कइ सकित जब तलक सबहि झुण्ड नाही बटुरि जातिन। तब हम पचे सिला क नारा स हटाइब अउ सब भेड़िन पानी पीइही।”
9 याकूब जब गड़ेरियन लोगन स बात करत रहा तब राहेल आपन बाप क भेड़िन क संग आइ। (राहेल क काम भेड़िन क देख रेख करब रहा।) 10 राहेल लाबान क बिटिया रही। लाबान, रिबका क भाई रहा, जउन याकूब क महतारी रही। जब याकूब राहेल क लखेस तउ जाइके सिला क हटाएस अउ भेड़िन क पानी पियाएस। 11 तब याकूब राहेल क चूमेस अउ भोंकारा मारिके रोएस। 12 याकूब बताएस कि मइँ तोहरे बाप क खानदान स अहउँ। उ राहेल क बताएस कि मइँ रिबका क पूत अहउँ। ऍह बरे राहेल घर क पराइ गइ अउ आपन बाप स कहेस।
13 लाबान आपन बहिन क पूत याकूब क बारे मँ खबरिया सुनेस। ऍह बरे लाबान ओसे भेटंइ परान। लाबान ओसे गले मिला, ओका चूमेस अउ ओका आपन घरे लइ आवा। याकूब जउन कछू भवा रहा, ओका लाबान क बताएस।
14 तब लाबान कहेस, “बहोत अच्छी बात अहइ तू हमरे खानदाने स अहा।” ऍह बरे याकूब लाबान क संग एक महीना तलक रहा।
लाबान याकूब क धोखा देत ह
15 एक दिन लाबान याकूब स कहेस, “इ ठीक नाही अहइ कि तू हमरे हिआँ बे पगारे क काम करतइ रहा। तू नातेदार अहा, नउकर नाही। मइँ तोहका का पगार देउँ?”
16 लाबान क दुइ बिटिया रहिन। बड़की लिआ रही अउ लहुरी राहेल।
17 राहेल सुन्नर रही अउ लिआ क आँखियन कमजोर अउ धुँधरी रहिन। 18 याकूब राहेल स पिरेस करत रहा। याकूब लाबान स कहेस, “जदि तू मोका आपन बिटिया राहेल क संग बियाह करइ द्या तउ मइँ तोहरे हिआँ सात बरिस तलक काम कइ सकत हउँ।”
19 लाबान कहेस, “इ ओकरे बरे नीक होइ कि कउनो दूसर क बजाय उ तोहसे बियाह करइ। ऍह बरे मोरे संग ठहरा।”
20 ऍह बरे याकूब ठहरा अउ सात बरिस तलक लाबान बरे काम करत रहा। लेकिन इ समइ ओका बहोत कम लगा काहेकि उ राहेल स पिरेम करत रहा।
21 सात बरिस क पाछे उ लाबान स कहेस, “मोका राहेल क द्या जेहसे मइँ बियाह करउँ। तोहरे हिआँ मोरे काम करइ क टेम पूर होइ गवा।”
22 ऍह बरे लाबान उ जगह क सब लोगन क एक भोज दिहस। 23 उहइ राति लाबान आपन बिटिया लिआ क याकूब क लगे लावा। याकूब अउ लिआ अपुस मँ तन क संबंध जोड़ेन। 24 (लाबान आपन बिटिया बरे, दासी क रुप मँ आपन नउकरानी जिल्पा क दिहस।) 25 भिन्सारे याकूब जानेस कि उ लिआ क संग सोवा रहा। याकूब लाबान स कहेस, “तू मोका धोखा दिहा ह। मइँ तोहरे बरे कठिन मेहनत ऍह बरे किहेउँ कि मइँ राहेल स बियाह कइ सकउँ। तू मोका धोखा काहे दिहा ह?”
26 लाबान कहेस, “हम पचे आपन देस मँ लहुरी बिटिया क जेठ बिटिया स पहिले बियाह नाहीं करइ देइत। 27 मुला बियाह क रस्म क पूरा हफता तलक मनावत रहा अउ मइँ राहेल क भी तोहका बियाह बरे देब। मुला तोहका सात बरिस तलक मोर सेवा करइ क पड़ी।”
28 ऍह बरे याकूब इहइ किहस अउ हप्ता क बिताएस। तब लाबान आपन बिटिया राहेल क भी ओका आपन मेहरारु क रुप मँ दिहस। 29 (लाबान आपन बिटिया राहेल क दासिनी क रुप मँ आपन नउकरानी बिल्हा क दिहस।) 30 ऍह बरे याकूब राहेल क संग भी तने क सम्बंध किहस अउ याकूब राहेल क लिआ स जियादा पियार किहस। याकूब लाबान बरे अउर सात बरिस तलक काम किहस।
याकूब क परिवार बाढ़त ह
31 यहोवा लखेस कि याकूब लिआ स जियादा राहेल क पिआर करत ह। ऍह बरे यहोवा लिआ क इ जोग्ग बनाएस कि उ बच्चन क जन्म दइ सकइ। मुला राहेल क कउनो लरिका नाही भवा।
32 लिआ एक पूत क जन्म दिहस। उ ओकर नाउँ रुबेन राखेस। लिआ ओकर नाउँ ऍह बरे राखेस काहेकि उ कहेस, “यहोवा मोरे कष्टन क लखत ह। मोर पति मोका पिआर नाही करत, ऍह बरे होइ सकत ह कि मोर भतार अब मोसे पिआर करइ।”
33 लिआ फिन गरभधारण किहस अउ उ दूसर पूत क जन्म दिहस। उ इ पूत क नाउँ सिमोन रखेस। लिआ कहेस, “यहोवा सुनेस कि मोका पिआर नाही मिलत, ऍह बरे उ मोका इ पूत दिहस।”
34 लिआ फुन गरभधारण किहस अउ एक ठु अउर पूत क जन्मेस। उ पूत क नाउँ लेवी धरेस। लिआ कहेस, “अब फुरइ मोर भतार मोका पिआर करी। मइँ ओका तीन पूत दिएउँ ह।”
35 तब लिआ एक अउर पूत क जन्मेस। उ इ लरिका क नाउँ यहूदा धरेस। लिआ ओका इ नाउँ दिहस काहेकि उ कहेस, “अब मइँ यहोवा क स्तुति करब”। तब लिआ क बच्चा होब बन्द होइ गवा।
ईसू क फिन स जी उठब
(मरकुस 16:1-8; लूका 24:1-12; यूहन्ना 20:1-10)
28 सबित क बाद जब रविवार क भिन्सारे पउ फाटत रही, मरियम मगदलीनी अउर दूसर स्त्री मरियम कब्र क जाँच करइ आइन।
2 काहेकि सरगे स पर्भू क एक दूत हुवाँ उतरा रहा, एह बरे उ सबइ बहोत बड़का भुइँडोल आवा। सरगदूत हुवाँ आइके पाथर क लुढ़काएस अउर ओह पर बइठ गवा। 3 ओकर रूप अकासे क बिजरी क नाईं चमचमात रहा अउर ओकर ओढ़ना बरफ जइसे उज्जर रहेन। 4 उ सिपाहियन जउन कब्रे प पहरा देत रहेन, डर क कारण डेरानेन अउर अइसा होइ गएन जइसे मरि गवा होइँ।
5 तब सरगदूत बोला अउर उ ओन स्त्रीयन स कहेस, “डेराअ जिन, मइँ जानत हउँ कि तू ईसू क खोजति अहा जेका, क्रूस प चढ़ाइ दीन्ह गवा रहा। 6 उ हियाँ नाहीं बा। जइसा कि उ कहे रहा। उ मउत क पाछे फिन जिआइ दीन्ह जाई। आवा, उ ठउरे क लखा, जहाँ उ ओतरा रहा। 7 अउ फिन तुरंत जा अउर ओकरे चेलन स कहा, ‘उ मरे हुअन मँ स जिआइ दीन्ह जाई अउर अब उ तोहसे पहिले गलील क जात अहइ। तू ओका हुवाँ देखब्या इहइ मइँ तोहका बतावइ आवा हउँ, ओका याद राखा।’”
8 उ स्त्रियन फउरन ही कब्र क तजि दिहन। उ पचे डर अउर आनंद स खुस होइ गइन। फिन ईसू क चेलन क इ बतावइ उ पचे धाएन। 9 एकाएक ईसू ओनसे भेंटेस अउर बोला, “अरे तू!” उ पचे ओकरे लगे आइन, उ पचे ओकर गोड़वा धइ लिह अउर ओकर आराधना करेन। 10 तब ईसू ओनसे कहेस, “डेराअ जिन, मोरे भाइयन क लगे जा, अउर ओनसे कहा कि उ पचे गलील बरे रवाना होइ जाइँ, हुवँइ उ सबइ मोका देखिहइँ।”
पहरेदारन यहूदी नेतन क घटना क बारे मँ बताएन
11 अबहिं उ स्त्रीयन आपन राहे मँ ही रहिन कि कछू सिपाही जउन पहरुअन मँ रहेन, सरह मँ गएन अउर जउन कछू भवा, उ सब क खबर प्रमुख याजकन क जाइके सुनाएन। 12 तउ उ सबइ बुजुर्ग यहूदी नेतन मिलिके एक चाल चलेन। उ पचे सिपाहियन क बहोतइ धन दइके। 13 कहेन कि उ पचे मनइयन स कहइँ, “ईसू क चेलन राति क आएन अउ जब हम सबइ सोवत रहेन ओकरे ल्हास क चुराइ लइ गएन। 14 जदि तोहार इ बात राज्यपाल तक पहुँचत ह तउ हम ओका समझाइ लेब अउर तोहरे प कउनो आँच न आवइ पाई।” 15 पहरूअन धन लइके वइसा ही करेन, जइसा ओनका बतावा ग रहा। अउ इ कहानी यहूदियन मँ आज तलक इहइ रूप मँ सँचर गउ अहइ।
ईसू क आपन चेलन स बातचीत
(मरकुस 16:14-18; लूका 24:36-49; यूहन्ना 20:19-23; प्रेरितन 1:6-8)
16 फिन ग्यारहु चेलन गलील मँ उ पहाड़ी प पहुँचेन जहाँ जाइके बरे ईसू कहे रहा। 17 जब उ पचे ईसू के निहारेन तउ ओकर आराधना करेन। जदपि कछूक मनवा मँ सक रहा। 18 फिन ईसू ओनके लगे जाइके कहेस, “सरगे मँ अउ धरती प सबइ हक मोका दइ दीन्ह गवा अहइँ। 19 तउ, जा अउर सब देसन क मनइयन क मोर चेलन बनावा। तोहका इ काम परमपिता क नाउँ मँ, पूत क नाउँ म अउर पवित्तर आतिमा क नाउँ मँ, ओनका बपतिस्मा दइके पूर करब अहइ। 20 उ सबइ हुकुम जउन मइँ तोहका दिहे हउँ, ओनका ओन प चलब सिखावा। अउर याद राखा इ सृस्टि क अंत ताईं मइँ हमेसा तोहरे संग रहब।”
एस्तेर क राजा स बिनती
5 तीसरे दिन एस्तेर आपन बिसेस साही पोसाक पहिरेस अउर राजमहल क भीतरी आंगन मँ जाइ खड़ी भइ। इ जगह राजा क बैठका क समन्वा रही। राजा दरबार मँ अपने सिंहासने पइ बइठा रहा। राजा उहइ कइँती मुहँ किहे बइठा रहा जहाँ स लोग सिहांसन क कच्छ कइँती प्रवेस करत रहेन। 2 तउ राजा महारानी एस्तेर क हुवाँ दरबार मँ खड़े लखेस। ओका लखिके उ बहोत खुस भवा। उ ओकरी कइँती अपने हाथ मँ थामे भए सोने क राजदण्ड क आगे बढ़ाइ दिहस। इ तरह एस्तेर उ कमरे मँ प्रवेस किहस अउर उ राजा क लगे चली गइ अउर उ राजा क सोने क राजदण्ड क सिरे क छुइ लिहस।
3 एकरे पाछे राजा ओहसे पूछेस, “महारानी एस्तेर, तू बेचैन काहे अहा? तू मोहसे का चाहति अहा? तू जउन चाहा मइँ तोहका उहइ देब। हिआँ तक कि आपन आधा राज्ज तलक, मइँ तोहका दइ देब।”
4 एस्तेर कहेस, “मइँ आपके अउर हामान क बरे एक ठु भोज क आयोजन किहेउँ ह। कृपा कइ आप अउर हामान आजु मोरे हिआँ भोज मँ पधारें।”
5 एइ पइ राजा कहेस, “हामान क तुरंत बोलावा जाइ ताकि एस्तेर जउन चाहत ह, हम ओका पूरा कइ सकी।”
तउ महाराजा अउर हामान एस्तेर ओनके बरे जउन भोजन आयोजित किहे रही, ओहमाँ आइ गएन। 6 जब उ पचे दाखरस पिअत रहेन तबहिं राजा एस्तेर स फुन पूछेस, “एस्तेर कहा अब तू का माँगति चाहति अहा? कछू भी माँग ल्या, मइँ तोहका उहइ दइ देब। कहा तउ उ का अहइ जेकर तोहका इच्छा अहइ? तोहर जउन भी इच्छा होइ उहइ मइँ तोहका देब। अपने राज्ज क आधा हीसां तलक।”
7 एस्तेर कहेस, “मइँ इ माँगइ चाहत हउँ। 8 जदि मोका महाराज अनुमति देइँ अउर जदि जउन मइँ चाहउँ, उ मोका देइ स महाराज खुस होइँ तउ मोर इच्छा इ अहइ कि महाराज अउर हामान भियान मोरे हिआँ आवइँ। भियान मइँ महाराज अउर हामान क बरे एक अउर भोज देइ चाहत हउँ अउर उहइ समइ इ बताउब कि असल मँ मइँ का चाहति हउँ।”
मोर्दकै पइ हामान क किरोध
9 उ दिन हामान राजमहल क बहोत जियादा खुस होइके बिदा भवा। किन्तु जब उ राजा क दुआर पइ मोर्दकै क लखेस तउ ओका मोर्दकै पइ बहोत किरोध आवा। हामान मोर्दकै क लखत ही किरोध स पागल होइ उठा, काहेकि जब हामान हुवाँ स गुजरा, मोर्दकै नाही खड़ा भवा अउर नाहीं काँपेस अउर नाहीं हामान बरे कउनो आदर देखाएस। 10 किन्तु हामान अपने किरोध पइ काबू किहस अउर घरे चला गवा। एकरे पाछे हामान अपने मीतन अउ अपनी मेहरारु जेरेस क एक संग बोलाएस। 11 उ आपने मीतन क अगवा अपने धन अउ अनेक पूतन क बारे मँ डीगं मारत भए इ बतावइ लागा कि राजा ओकर कउने प्रकार स सन्मान करत ह। उ बढ़इ चढ़ाइ के इ भी बतावइ लाग कि दूसर सबहिं हाकिमन स राजा कउने तरह ओका अउर जियादा ऊँच पद पइ पदोन्नति दिहस ह। 12 “एतना ही नाहीं” हामान इ भी बताएस। “एक मात्र मइँ ही अइसा मनई हउँ जेका महारानी एस्तेर अपने भोज मँ राजा क संग बोलाइ रहा अउर महारानी मोका भियान फुन राजा के संग बोलाए पठए रही। 13 मुला मोका एन सब बातन स फुरइ कउनो खुसी नाहीं अहइ। असल मँ मइँ उ समइ तलक खुस नाहीं होइ सकत जब तलक राजा क दुआर पइ मइँ उ यहूदी मोर्दकै क बइठे भए लखत हउँ।”
14 एह पइ हामान क मेहरारु जेरेस अउर ओकर मीतन ओका एक सुझाव दिहन। उ पचे बोलेन, “कउनो स कहिके पचहत्तर फुट ऊँच ओका फासीं देइ क एक ठु फासीं क खाम्भा खड़ा करा। फुन भिंसारे राजा स कहा कि उ मोर्दकै क ओहे पइ लटकइ क आदेस दे। फुन राजा क संग तू भोज पइ जाया अउर आनन्द स रह्या।”
हामान क इ सुझाव नीक लगा। तउ उ फाँसी क खम्भा बनवावइ क बरे कउनो क आदेस दइ दिहस।
माल्टा द्वीप प पौलुस
28 इ सब कछू स सुरच्छा क साथ बच निकरे क पाछे हम सबन क पता लाग कि उ द्वीप क नाउँ माल्टा रहा। 2 हुवाँ क मूल-नीवासियन हमरे संग असाधारण रूप स नीक बियूहार किहेन। काहेकि जाड़ा रहा अउर बरखा होइ लाग, यह बरे उ पचे आगी बारेन अउर हम सबन क सुआगत किहेन। 3 पौलुस लकड़ी क गठरा बनाएस अउर जब उ आगी प लकड़ियन क धरत रहा तबहिं गर्मी लागे स एक बिख स भरा नाग बाहेर निकरा अउर उ ओकरे हाथ क डस लिहेस। 4 हुवाँ क निवासी जब उ जंतु क ओकरे हाथ स लटकत भवा निहारेन तउ उ पचे आपुस मँ कहइ लागेन, “सचमुच ही इ मनई हत्तियारा अहइ। जदि अपि इ सागर स बचिके निकरा अहइ मुला दिब्ब निआव[a] ऍका जिअइ देत नाहीं बा।”
5 मुला पौलुस उ नाग क आगी मँ ही पटकेस। पौलुस क कउने तरह क हानि नाहीं भइ। 6 मनइयन सोचत रहेन कि उ या तउ सूजि जाइ या फिन बरबस धरती प भहराइ के मरि जाइ। मुला बहोत देर तलक जोहे क पाछे अउर लखिके ओका असाधारण रूप स कछू नाहीं भवा अहइ, उ पचे आपन बिचार बदल दिहेन अउर बोलेन, “इ तउ कइनो देवता अहइ!”
7 उ ठउर क नगिचे ही उ द्वीप क प्रधान मनई पुबलियुस की खेत रहा। उ आपन घरे लइ जाइके हमार सुआगत-सत्कार किहेस। बड़ा खुला मन स तीन दिना तलक उ हमार मेहमानदारी करत रहा। 8 पुबलियुस क बाप बिस्तर प ओलरा रहा। ओका बोखार अउर पेचिस होत रही। पौलुस ओसे भेंटइ भितरे गवा। फिन पराथना करइ क पाछे उ ओह पार आपन हाथ धरेस अउर उ नीक होइ गवा। 9 इ घटना क बाद उ द्वीप क बाकी सबहिं बेरमियन हुवाँ आएन अउर उ पचे नीक होइ गएन।
10-11 कहइ उपहार स हमार मान बढ़ाएन अउर जब हम हुवाँ स नाउ प आगे चलेन तउ उ पचे सब जरूरी चीज क लइ आइके हमका दइ दिहेन।
पौलुस क रोम जाब
तीन महीना पाछे सिकन्दरिया क एक जहाज स हम चल पड़ेन। इ द्वीप प जहाज जाड़ा भरे क बरे रूका जहाज क आगे क हींसा मँ जुड़वा भाइयन[b] क चीन्हा बना रहा। 12 फिन हम पचे सरकुसा जाइ पहोंचेन जहाँ हम तीन दिना तलक ठहरेन। 13 हुवाँ स जहाज स हम सबइ रेगियुम पहोंचेन अउर फिन अगले ही दिन दखिनाई हवा चली। तउ अगले दिन हम पुतियुली पहोंचेन। 14 हुवाँ हमका कछू बंधु मिलेन अउर उ पचे हमका हुवाँ सात दिना ठहरइ क कहेन अउर इ तरह हम रोम पहोंचि आएन। 15 जब हुवाँ क भाइ लोगन क हमार सूचना मिली तउ उ पचे अप्पियुस क बजार अउर तीन सराय[c] तलक हम पचन स भेंटइ आएन। पौलुस जब ओनका लखेस तु परमेस्सर क धन्यबाद दइके आपना ढ़ाढ़स बढ़ाएस।
पौलुस क रोम आउब
16 जब हम सबइ रोम पहोंचेन तउ एक ठु सिपाही क देखरेख मँ पौलुस क अपने आप अलग रहइ क अनुमति दीन्ह गइ।
17 तीन बरिस पाछे पौलुस यहूदी नेतन क बोलाएस अउर ओनकइ बटुर जाए प उ ओनसे बोला, “भाइयो, चाहे मइँ आपन रास्ट्र या आपन पूर्वजन क व्यवस्था क खिलाफ कछू भी नाहीं किहेउँ ह, तउ भी यरुसलेम मँ मोका बंदी क रूप मँ रोमी लोगन क हवाले कइ दीन्ह गवा रहा। 18 उ पचे मोर जाँच पड़ताल किहेन अउर मोका छोड़इ चाहेन काहेकि अइसा कछू मइँ किहेउँ ही नाहीं रहा जउन मउत क सजा क काबिल होत 19 मुला जब यहूदी लोगन एतराज किहेन तउ मइँ कैसर स फिन बिचार करइ क पराथना करइ क बेबस होइ गएउँ। यह बरे कि नाहीं कि मइँ आपन ही लोगन प कउनो दोख लगावइ चाहत रहेउँ। 20 इहइ कारण अहइ जेहसे मइ तोहसे मिलइ अउर बातचीत करइ चाहत रहेउँ काहेकि इस्राएल क उ भरोसा ही बाटइ जेकरे कारण मइँ जंजीर मँ बंधा अहउँ।”
21 यहूदी नेतन पौलुस स कहेन, “तोहरे बारे मँ यहूदिया स न तउ कउनो चिट्ठी ही मिली बाटइ, अउर न ही हुवाँ स आवइवाला कुउनो भी भाई तोहार कइनो खबर दिहेन अउर तोहरे बारे मँ कउनो बुरी बात कहेस। 22 मुला तोहार का बिचार अहइँ, इ हम तोहसे सुनइ चाहित ह काहेकि हम जानित ह कि लोग सब कछू पंथ क खिलाफ बोलत रहत हीं।”
23 तउ उ पचे ओकरे साथ एक दिन ठहराएन। अउर फिन जहाँ उ ठहरा रहा, बड़ी गनती मँ ओइके उ लोग बटुर गएन। मूसा क व्यवस्था अउर नबी लोगन क किताबन स ईसू क बारे मँ ओनका समझावइ क जतन करत भए उ परमेस्सर क राज्य क बारे मँ आपन साच्छी दिहेस अउर समुझाएस। 24 उ जउन कछू कहे रहा, ओहसे कछू मिला तउ बात मान गएन मुला कछू बिसवास नाहीं किहेन। 25 फिन आपुस मँ एक दूसर स असहमत होत भएन उ पचे हुवाँ स जाइ लागेन। तब पौलुस एक बात अउर कहेस, “यसायाह नबी क जरिया पवित्तर आतिमा तोहरे पूर्वजन स केतॅना ठीक कहे रहा,
26 ‘जाइके इन लोगन स कहि द्या:
तू पचे सुनब्या,
पर न बुझब्या कबहुँ।
लखत ही लखत बस तू रहब्या हज
न बुझब्या कबहुँ भी!
27 काहेकि ऍनकइ हिरदय मूर्खपन स गवा भरि
कान ऍनकइ मुस्किल स सुनत हीं
अउर कइ लिहन मूँद आँखी आपन इ सबइ,
काहेकि अइसा न होइ जाइ कि
इ सबइ आँखीन स लखइँ, सुनइँ
अउर कान स आपन
अउर समुझइँ हिरदय मँ, लौटइँ
साइद अउर करइ पड़ब मोका चंगा ओनका।’ (A)
28 “यह बरे तोहका जान लेइ चाही कि परमेस्सर क इ उद्धार बिधर्मियन क लगे पठइ दीन्ह ग अहइ। उ पचे ऍका सुनिहीं।” 29 [d]
30 हुआँ किराये क आपन मकान मँ पौलुस पूरा दुइ बरिस तलक ठहरा। जउन कउनो भी ओसे मिलइ आवत, उ ओकर सुआगत करत। 31 उ परमेस्सर क राज्य क प्रचार करत रहत अउर पर्भू ईसू मसीह क बारे मँ उपदेस देत। उ इ कारज क पूरा बेडर होइके अउर बगेरे कउनो बाधा क मानत भवा करत रहा।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.