M’Cheyne Bible Reading Plan
दासी हाजिरा
16 सारै अब्राम क मेहरारु रही। अब्राम अउ ओकरे कउनो लरिका नाही रहा। सारै क लगे एक ठु मिस्र क दासी रही। ओकर नाउँ हाजिरा रहा। 2 सारै अब्राम स कहेस, “लखा, यहोवा मोका कउनो बच्चा नाही दिहे अहइ। ऍह बरे मोरी दासी क संग सारीरिक संबन्ध करा होइ सकत ह कि ओकर बच्चा मोर अपना बच्चा होइ जाब।” अब्राम आपन मेहरारु क कहब मान लिहस।
3 कनान मँ अब्राम क दास बरिस रहइ क पाछे इ बात भइ अउ सारै आपन भतार अब्राम बरे हाजिरा क दइ दिहस। हाजिरा मिस्र क दासी रही। 4 हाजिरा, अब्राम स गाभिन भइ। जब हाजिरा इ देखेस तउ ओका बहोत गरब भवा अउ इ महसूस करइ लाग कि मइँ आपन मालकिन सारै स बढ़िया अहउँ। 5 मुला सारै अब्राम स कहेस, “मोर दासी अब मोसे घिना करत ह अउ एकरे बर मइँ तोहका दोखी मानन हउँ। मइँ ओका तोहरे बरे दिहेउँ। उ गाभिन भइ अउर तब उ महसूस करइ लाग कि उ मोसे बढ़िया बा। मइँ चाहत हउँ कि यहोवा सही निआव करी।”
6 मुला आब्राम सारै स कहेस, “तू हाजिरा क मालकिन अहा। तू ओकरे संग जउन चाहा कइ सकत ह।” ऍह बरे सारै आपन दासी पइ अत्याचार किहस अउर ओकर दासी पराइ गइन।
हाजिरा क पूत इस्माएल
7 यहोवा क सरगदूत रेगिस्तान मँ पानी क सोता क लगे हाजिरा क पाएस। इ सोता सूर जाइवाला राहे प रहा। 8 सरगदूत कहेस, “हाजिरा, तू सारै क दासी अहा। तू हिआँ काहे अहा? तू कहाँ जात अहा?”
हाजिरा कहेस, “मइँ आपन मालकिन सारै क हिआँ स पराइ जात अहउँ।”
9 यहोवा क सरगदूत ओसे कहेस, “तू आपन मालकिन क घर जा अउर ओका सोंप द्या।” 10 यहोवा क सरगदूत ओसे फुन कहेस, “तोहसे बहोत स लोग पइदा होइहीं। इ सबइ लोग ऍतना होइ जइहीं कि गना नाही जाइ सकिही।”
11 यहोवा क सरगदूत अउर भी कहेस,
“अबहि तू गर्भ धरे अहा
अउर तोहका एक पूत होइ।
तू ओकर नाउँ इस्माएल राख्या।
काहेकि यहोवा तोहका देइ भए कस्ट क सुनेस ह।
12 इस्माएल एक ठु जंगली गदहा क तरह
जंगली अउ अजाद होइ
उ सब क खिलाफ होइ
अउर सबहीं ओकर खिलाफ होइ जाइ।
उ आपन भाइयन क लगे आपन डेरा डाइ
मुला उ ओनके खिलाफ होइ।”
13 तब हाजिरा परमेस्सर क जउन ओसे बात करत रहा, एक नवा नाउँ स यहोवा क पुकारेस। उ कहेस, “तू ‘परमेस्सर ह जउन मोका लखत ह।’” उ ओसे उ नाउँ ऍह बरे दिहस काहेकि उ आपन आप स कहेस, “मइँ महसूस करत हउँ कि उ मोरे ऊपर निगाह राखत ह।” 14 ऍह बरे उ कुआँ क नाउँ लहैरोइ पड़ा। उ कुआँ कादेस अउ बेरेद क बीच मँ बाटइ।
15 हाजिरा अब्राम क पूत क जन्म दिहस। अब्राम पूत क नाउँ इस्माएल धरेस। 16 अब्राम उ टेम छियासी बरिस क रहा जब हाजिरा इस्माएल क जन्म दिहस।
मनई क बनवा बिधान स परमेस्सर क व्यवस्था बड़वार अहइ
(मरकुस 7:1-23)
15 फिन कछू फरीसियन अउर धरमसास्तिरियन यरूसलेम स ईसू क लगे आएन अउर ओसे पूछेन, 2 “तोहार चेलन हमरे पूर्वजन क रीति रिवाज क काहे नाहीं मनतेन? उ पचे खइया खाइ स पहिले आपन हथवन क काहे नाहीं धोउतेन!”
3 जबावे मँ ईसू ओनसे पूछेस, “आपन रीति रिवाजन क कारण तू परमेस्सर क हुकुम क काहे टारत ह 4 काहेकि परमेस्सर तउ कहेस, ‘तू आपन महतारी बाप क इज्जत करा’(A) अउर जउन कउनो, ‘महतारी बाप क बेज्जत करइ, ओका जरूर मार डावइ चाही।’(B) 5 मुला तू कहत ह कि अगर कउनो आपन महतारी बाप स कहइ, ‘मइँ आपन सब कछू परमेस्सर क अर्पन कइ दिहे हउँ, एह बरे तोहार मदद नाहीं कइ सकत हउँ।’ 6 इ तरह ओका आपन बाप क मानइ क जरूरत नाहीं। एह तरह तू आपन रीति रिवाजे क कारण परमेस्सर क हुकुम क नाहीं मान्या। 7 अरे कपटी मनइयो! तोहरे बारे मँ यसायाह ठीक ही भविस्सबाणी किहेस। उ कहे रहा:
8 ‘इ सबइ सिरिफ ओंठन स कि हमार मान करत हीं,
मुला रहत ऍनकइ मन मोसे सदा दूर
9 अर्पन भइ आराधना मोका ऍनकी बगैर कामे की काहेकि
सिखउतेन इ सबइ मनइयन क कहिके आपन धरम क उपदेस बनवा नेम मनई क।’” (C)
10 उ भिड़िया क आपन नगिचे बोलाऍस अउर ओनसे कहेस, “सुना अउर समझ ल्या कि 11 मनई क मुँहे स जउन भीतर जात ह उ ओका अपवित्तर नाहीं करत, मुला ओकरे मुँहना स निकरा सब्द ओका अपवित्तर करत ह।”
12 तब ईसू क चेलन ओकरे निअरे आएन अउर बोलेन, “का तोहका पता बाटई कि तोहरे बात क फरीसियन बहोत बुरा मान गएन?”
13 ईसू जबाव दिहेस, “हर पउधा जेका सरगे मँ बसा मोर परमपिता नाहीं लगाएन, ओका उजाड़ दीन्ह जाई। 14 ओनका तजि द्या, उ सबइ तउ आँधरन क नेता अहइँ। जदि एक आँधर दुसरे आँधर क राह देखावत ह, तउ उ दुइनउँ गड़हा मँ गिरि जात हीं।”
15 जबावे मँ पतरस ओसे कहेस, “हम पचन क पवित्तर न होइ क बारे मँ पहिले दीन्ह मँ दिस्टान्त क समझावा।”
16 ईसू कहेस, “का तू अबहूँ नाहीं समझया? 17 का तू नाहीं जानत अहा कि जउन कछू कउनो क मुँहे मँ जात ह, उ ओकरे पेटे मँ पहुँचत ह अउर फिन टट्टी स निकर जात ह 18 मुला जउन मनई क मुँहे स बाहेर आवत ह, उ ओकरे मने स निकरत ह। इहइ ओका अपवित्तर करत ह। 19 काहेकि बुरा बिचार, कतल, व्यभिचार, बुरी चाल, चोरी, झूठ अउर निन्दा सबइ बुराई मनवा स ही आवत हीं। 20 इहइ अहइँ जेसे कउनो अपवित्तर बनत ह। बे हाथ धोए खाइ स कउनो अपवित्तर नाहीं होत।”
गैर यहूदी स्त्री क मदद
(मरकुस 7:24-30)
21 फिन ईसू उ ठउर क तजिके सूर अउ सैदा कइँती चला गवा। 22 हुवाँ क एक कनानी स्त्री आइ अउर चिचियाइ लाग, “हे पर्भू, दाऊद क पूत मोहे प दाया करा। मोरी बिटिया प दुस्ट आतिमा बुरी तरह स सवार अहइ।”
23 ईसू ओसे एक सब्द भी नाहीं कहेस, तउ ओकर चेलन ओकरे लगे आएन अउर बिनती करइ लागेन, “इ हमरे पाछे चिचिआत भई आवति अहइ। ऍका दूर हटावा।”
24 ईसू जवाब दिहेस, “मोका सिरिफ इस्राएल क लोगन क भटक गई भेड़न क बजाय कउनो अउर बरे नाहीं पठवा ग अहइ।”
25 तब उ स्त्री ईसू क समन्वा निहुरिके बिनती करेस, “हे पर्भू, मोर सहायता करा!”
26 जवाबे मँ ईसू कहेस, “इ ठीक नाहीं कि गदेलन क खइया लइके ओका कुकुरन क अगवा नाईं दीन्ह जाइ।”
27 उ बोली, “इ ठीक बाटइ पर्भू, मुला आपन मालिक क मेजे स गिरि गवा चूर चरावा मँ स थोड़ बहोत तउ घरे क कुकुर खाइ लेत ही।”
28 तब ईसू कहेस, “बिटिया, तोहार बिसवास बहोत मजबूत क अहइ। जउन तू चाहत ह, पूर होइ जाइ।” अउ फउरन ओकर बिटिया चंगी होइ गइ।
ईसू क बहोतन क चंगा करब
29 फिन ईसू हुवाँ स चल पड़ा अउर गलील झीले क किनारे पहुँच गवा। उ एक पहाड़े प चढ़िके बइठ गवा।
30 बहोत बड़ी भीड़ लँगड़ा, लूला, आँधर, अपाहिज, बहिरा, गूँगा अउर अइसे दूसर बेरमिया क लइके ओकरे लगे आवइ लागेन। भिड़िया ओकरे गोड़वा प भुइयाँ प डाइ दिहेस अउ ईसू ओन पचेन क चंगा किहेस। 31 ऍहसे भीड़ क मनइयन क, इ लखिके बहिर, गूँगा बोलत अहइँ, अपाहिज नीक होइ गएन, लँगड़ा लूला चलइ फिरइ लागेन अउ आँधर अब देख पावत हीं, बड़ा अचरज भवा। उ सबइ इस्राएल क परमेस्सर क सराहना करइ लागन।
चार हजार स जिआदा मनइयन क खइया क खियाउब
(मरकुस 8:1-10)
32 ईसू तब आपन चेलन क आपन नगिचे बोलाएस अउ कहेस, “मोका इ भीड़े पर तरस आवत अहइ काहेकि इ मनइयन तीन दिना स बराबर मोर संग अहइँ अउर ऍनके लगे कछू खइया के भी नाहीं बाटइ। मइँ ऍनका भूखा ही नाहीं पठवइ चाहत हउँ काहेकि होइ सकत ह कि कहूँ उ पचे रस्ता मँ चक्कर खाइके गिरि जाइँ।”
33 तबहि ओकर चेलन कहेन, “ऍतनी बड़वार भीड़ बरे अइसी दूर कर ठउर मँ ऍतना ढेर खइया क कहाँ स मिली?”
34 तब ईसू ओनसे पूछेस, “तोहरे लगे केतॅनी रोटी अहइँ?”
उ सबइ कहेन, “सात रोटी अउर कछू नान्ह नान्ह मछरिन।”
35 ईसू भिड़िया स भुइयाँ प बइठइ क कहेस। 36 अउर ओन सात रोटी अउर मछरियन क लइके उ परमेस्सर क धन्यबाद दिहेस अउ रोटिनक तोड़ेस अउर आपन चेलन क देइ लाग। फिन ओकर चेलन लोगन क बाँटि दिहेन। 37 सब लोग तब तलक खात रहेन जब अघाइ नाहीं गएन। फिन ओकर चेलन बचा भवा टुकड़न स सात झउआ भरेन। 38 स्त्रियन अउर बचवन क छाँड़िके हुवाँ चार हजार पुरुसन खइया क खाएन। 39 भीड़े क बिदा कइके ईसू नाउ मँ आवा अउर मगदन क छेत्र मँ चला गवा।
नहेमायाह क जरिये गरीबन क मदद
5 बहोत स गरीब लोग अपने यहूदी भाइयन क खिलाफ सिकाइत करइ लगे रहेन। 2 ओनमाँ स कछू कहा करत रहेन, “हमरे बहोत स बच्चन अहइँ। जदि हम क खइया क खाब अहइ अउर जिअत रहब अहइ तउ हम क थोड़ा अनाज तउ मिलइ ही चाही।”
3 दूसर लोगन क कहब अहइ, “इ समइ अकाल पड़त अहइ। हम क अपने खेत अउ घर गिरवी रखइ पड़त अहइँ ताकि हम क थोड़ा अनाज मिलि सकइ।”
4 कछू लोग इ भी कहत रहेन, “हम क अपने खेतन अउर अँगूर क बगीचन पइ राजा क कर चुकावइ पड़त ह मुला हम कर चुकाइ नाहीं पाइत एह बरे हम क चुकावइ क बरे धन उधार लेइ पड़त ह। 5 ओन धनवान लोगन क तरफ लखा। हम भी वइसे ही अच्छे अही जइसे उ पचे हमरे पूत भी वइसे ही अच्छे अहइँ, जइसे उनके पूत। किन्तु हम क अपने पूत बिटिया दासन रूप मँ बेचइ पडत अहइ। हम मँ स कछू क तउ दासन क रूप मँ अपनी बिटियन क वेचइ भी पडा हे। अइसा कछू भी तउ नाहीं अहइ जेका हम कइ सकइँ। हम अपने खेतन अउ अँगूर क बगीचन क खोइ चुके अहइँ। अब दूसर लोग ओनके मालिक अहइँ।”
6 जब मइँ ओनकर इ सबइ सिकाइतन सुनेउँ तउ मोका बहोत किरोध आवा। 7 मइँ खुद क सांत किहेउँ अउर फुन धनी परिवारन अउ हाकिमन क लगे जाइ पहोचेउँ। मइँ ओनसे कहेउँ, “तू पचे अपने ही लोगन क उ धने पइ बियाज चुकावइ क बरे मजबूर करत अहा जेका तू ओनका उधार देत अहा। निहचइ ही तू पचन्क अइसा बन्द कइ देइ चाही।” फुन मइँ लोगन क एक ठु सभा बोलाएउँ 8 अउर फुन मइँ ओन लोगन स कहेउँ दूसरे देसन मँ हमरे यहूदी भाइयन क दासन क रूप मँ बेचा जात रहा। ओनका वापस बेसहइ अउ अजाद करावइ क बरे हम स जउन बन पडा, हम कीन्ह अउर अब तू पचे ओनका फुन दासन क रूप मँ बेचत अहा अउर हम क फुन ओनका वापस लेइ पड़ी।
इ तरह उ सबइ धनी लोग अउर उ सबइ हाकिम चुप्पी साधे रहेन। कहइ क ओनके लगे कछू नाहीं रहा। 9 तउ मइँ बोलत चला गवा। मइँ कहेउँ, “तू लोग जउन कछू करत अहा, उ उचित नाहीं अहइ। तू पचे इ जानत अहा कि तू पचन्क परमेस्सर स डेराइ चाही अउर ओकर सम्मान करइ चाही। तू पचन्क अइसे लज्जापूर्ण कार्य नाहीं करइ चाही जइसे दूसर लोग करत हीं। 10 मोर लोग, मोरे भाई अउर खुद मइँ भी लोगन क धन अउर अनाज उधार पइ देत ही। मुला आवा हम ओन कर्जन पइ बियाज चुकावइ क बरे ओनका मजबूर करब बन्द कइ देइ। 11 इहइ दिना तू पचन्क ओनके खेतन, अंगूरे क बगीचन, जैतून क बाग अउर ओनकर घर ओनका जरूर वापस लउटाइ देइ चाही अउर उ बियाज भी तू पचन्क ओनका लउटाइ देइ चाही जउन तू पचे ओनसे वसूल किहा ह।”
12 एह पइ धनी लोगन अउ हाकिमन कहेन, “हम इ ओनका लउटाइ देब अउर ओनसे हम कछू भी नाहीं माँगब। हे नहेमायाह, तू जइसा कहत ह, हम वइसा ही करब।”
एकरे पाछे मइँ याजकन क बोलाएउँ। मइँ धनी लोगन अउ हाकिमन स इ प्रतिग्या करवाएउँ कि जइसा उ पचे कहेन ह, उ पचे वइसा ही करिहीं। 13 एकरे पाछे मइँ अपने ओढ़नन क सलवटन क फाड़त भए कहेउँ, “हर उ मनई क साथ, जउन अपने बचन क नाहीं निभाई, परमेस्सर तदनुकूल करी। परमेस्सर ओनका ओनके घरन स उखाड़ देइ अउर उ पचे जउन भी चिजियन क बरे काम किहन ह उ पचे सबहिं ओनके हाथ स जाती रही। उ मनई आपन सबहिं कछू खोइ बइठी।”
मइँ जब एन बातन क कहब समाप्त किहेउँ तउ सबहिं लोग एनसे सहमत होइ गएन। उ पचे सबहिं बोलेन, “आमीन।” अउर फुन उ पचे यहोवा क बडकई किहन अउर इ तरह जइसा उ पचे बचन दिहे रहेन, वइसा ही किहन।
14 अउर फुन यहूदा क धरती पइ अपने राज्जपाल काल क दौरान ज तउ मइँ अउर न मोरे भाइयन उ भोजन क ग्रहण किहेन जउन राज्जपाल क बरे निआव पूर्ण नाहीं रहा। मइँ अपने भोजन क बेसहइ क वास्ते कर चुकावइ बरे कबहुँ कउनो पइ दबाव नाहीं डाएउँ। राजा अर्तछत्र क सासन काल क बीसवे साल स बत्तीसवे बरिस तलक मइँ हुवाँ क राज्जपाल रहा। मइँ बारह बरिस तलक यहूदा क राज्जपाल रहा। 15 मुला मोहसे क पहिले क राज्जपालन लोगन क जिन्नगी क दूभर बनाइ दिहे रहेन। उ सबइ राज्जपाल लोगन पइ लगभग एक पौण्ड चाँदी चालीस सकेल देइ क बरे दबाव डावा करत रहेन। ओन लोगन पइ उ पचे खाना अउ दाखरस देइ क बरे भी दबाव डावत रहेन। ओन राज्जपालन क नीचे क हाकिम भी लोगन पइ हुकूमत चलावत रहेन अउर जिन्नगी क अउर जियादा दूभर बनावत रहेन। किन्तु मइँ काहेकि परमेस्सर क आदर करत रहेउँ, अउर ओहसे डेरात रहेउँ, एह बरे मइँ कबहुँ वइसे काम नाहीं किहेउँ। 16 यरूसलेम क देवार क बनावइ मँ मइँ कड़ी मेहनत किहे रहेउँ। मोर सबहिं सेवकन देवार पइ काम करत रहेन। हम पचे कउनो भी ज़मीन नाही लिहेन।
17 मइँ, अपने भोजन क चउकी पइ नियमित रूप स हाकिमन क संग एक सौ पचास यहूदियन क खाइ पइ बोलाया करत रहेउँ। मइँ चारिहुँ ओर क देसन क लोगन क भी भोजन देत रहेउँ जउन मोरे लगे आवा करत रहेन। 18 मोरे संग मेरी मेज पइ खाइवाले लोगन क बरे ऍतना खाना सुनिहचित कीन्ह गवा रहा: एक ठु बर्धा, छ तगड़ी भेड़िन अउर अलग-अलग तरीके क पंछी। एकरे अलावा हर दसन दिन मोरी मेज पइ हर तरह क दाखरस लावा जात रहा। फुन भी मइँ कबहुँ अइसे भोजन क माँग नाहीं किहेउँ, जउन राज्जपाल क बरे अनुमोदित नाहीं रहा। मइँ अपने भोजन क दाम चुकावइ क वास्ते, ओन लोगन पइ कबहुँ दबाव नाहीं डाएउँ। मइँ इ जानत रहेउँ कि उ सबइ लोग जउने काम क करत अहइँ उ बहोत कठिन अहइ। 19 परमेस्सर, ओन लोगन क बरे मइँ जउन अच्छा किहेउँ ह, तू ओका याद राखा।
यरुसलेम मँ एक सभा
15 फिन कछू लोग यहूदिया स आएन अउर भाई लोगन क सिच्छा देइ लागेन, “जदि मूसा क व्यवस्था क मुताबिक तोहार खतना नाहीं भवा अहइ तउ तोहार उद्धार नाहीं होइ सकत।” 2 पौलुस अउर बरनाबास क बिचार मेल नाहीं खात रहा, तउ ओनमाँ एक बड़ा मत भेद पइदा होइ गवा। यह बरे पौलुस अउर बरनाबास अउर ओनके कछू अउर संगी इ समस्या क हल निकारइ बरे प्रेरितन अउर मुखियन क लगे यरुसलेम पठवइ क ठान लिहेन।
3 उ पचे कलीसियन क जरिए पठवा गाएऩ अउर फीनीके अउर सामरिया होत भए अधर्मियन क हिरदय बदलत भए भाई बहिनियन क समाचार सुनाइके खुस करत रहेन। 4 फिन जब उ पचे यरुसलेम पहोंचेन तउ कलिसिया, प्रेरितन अउर बुजुर्ग लोगन अगवानी किहेन। अउर उ पचे ओनके संग परमेस्सर जउन किहे रहा, उ सब कछू ओनका कहिके सुनाएन। 5 ऍह पइ फरीसियन क दल क कछू बिसवासि खड़ा भएऩ अउर बोलेन, “ओनकइ खतना जरुर कीन्ह जाइ चाही अउर ओनका हुकुम देइ चाही कि उ पचे मूसा क व्यवस्था क पालन करइँ।”
6 तउ इ सवाल प बिचार करइ बरे प्रेरितन अउर बुजुर्गन आपुस मँ बटुर गएऩ। 7 एक लम्बी चौड़ी तहत्तुक पाछे पतरस खड़ा भवा अउर ओनसे बोला, “भाइयो, तू पचे जानत ह कि बहोत दिना पहिले तोहमाँ स परमेस्सर एक चुनाव किहे रहा कि मोरे हीला स गैर यहूदियन लोग सुसमाचार क संदेसा सुनइहीं अउर बिसवास करिहीं। 8 अउर अन्तर्यामी परमेस्सर हमरे ही तरह ओनका भी पवित्तर आतिमा क बरदान दइके, ओकरे बारे मँ आपन समर्थन देखाए रहा। 9 बिसवास क जरिए ओनकइ हिरदय क पवित्तर कइके हमरे अउर ओनके बेच उ कउनो भेद-भाव नाहीं किहेस। 10 तउ अब चेलन क गटइया प एक अइसा जुआ लादिके जेका न हम उठाइ सकित अही अउर न हमार पूर्वज तू पचे परमेस्सर क गुस्सा करावइ चाहत ह? 11 मुला हमार तउ इ बिसवास अहइ कि पर्भू ईसू क अनुग्रह स जइसे हमार उद्धार भवा ह, वइसे ही हमका भरोसा अहइ कि ओनकइ भी बचाव जाई!”
12 ऍह पइ समूचा दल सन्न मारि गवा अउर बरनाबास अउर पौलुस क बोलब सुनई लागेन। उ पचे, गैर यहूदियन क बीच परमेस्सर ओनकइ हीला स दुइ अद्भुत कारजन परगट किहे रहा, अउर अचरज कारजन किहे रहा, ओकरे बाबत बतावत रहेन। 13 उ पचे जब बोल चुकेन तउ याकूब कहइ लाग, “भाइयो, मोरउ सुना। 14 समौन बताए रहा कि परमेस्सर गैर यहूदियन मँ स कछू लोगन्क आपन नाउँ बरे चुनिके सबन ते पहिले कइसे पिरेम परगट किहे रहा। 15 नबी लोगन्क बचन भी इ बात क समर्थन करत हीं। जइसा कि लिखा बाटइ:
16 ‘अउर जाबइ मइँ एकरे पाछे,
फिन स दाऊद क उ घरे क
खड़ा करब जउन गिर चुका ह।
फिन स ओकर खण्डहर क
सँवारब, फिन स पुराने क उद्धार करब।
17 काहेकि जउन बचा अहइँ
उ सबइ गैर यहूदी सबहिं जउन
अब मोर कहवावत हीं,
पर्भू क हेरइँ।’ (A)
18 ‘उहइ पर्भू इ बात क कहत ह, जउन जुग-जुग स इ बातन क परगट करत रहा।’
19 “इ तरह मोर इ निर्णय अहइ कि हमका ओन मनइयन क, जउन गैर यहूदी होत भए परमेस्सर कइँती घूमा अहइँ, सतावइ नाहीं चाही। 20 मुला हमका तउ ओऩके लगे लिखिके पठवइ चाहीं। हमका ओनका इ बातन क बतावइ चाही:
मूरत क चढ़ावा भवा खइया क जिन खा (ऍहसे खइया क अपवित्तर होत ह।)
कउनो तरह क व्यभिचार जिन करा लहू क कबहुँ जिन चखा।
गटइ घोटिके मारा गवा गोरू क मांस जिन खा।
21 ओऩ पचन्क क इ बात न करइ चाही, काहेकि हर सहर मँ मनइयन (यहूदी) बाटेन जउन मूसा क व्यवस्था सिखावत हीं। हर सबित क दिन मूसा क व्यवस्था क तरीका स पाठ आराधनालय मँ बरिसन स होत आवत ह।”
गैर यहूदी बिसवासियन क नाउँ चिट्ठी
22 फिन प्रेरितन अउर बुजुर्गन समूचइ कलीसिया क संग इ निहचय किहेन कि ओनमाँ स कछू लोगन क चुनिके पौलुस अउर बरनाबास क संग अन्ताकिया पठवा जाइ। तउ उ पचे बरसब्बा कहा जाइवाला यहूदा अउर सीलास क चुन लिहेन। उ सबइ भाइयन मँ यरूसलेम मँ मान्य रहेन। 23 उ पचे ओनकइ हाथे स इ चिट्ठी पठएन:
तोहरे बंधु, बुजुर्ग अउर प्रेरितन कइँती स,
अन्ताकिया, सीरिया अउर किलिकिया क गैर यहूदी भाइयन क नमस्ते पहुँचइ।
मोरे भाइयन,
24 हम पचे जब त इ सुना ह कि हम स कउनो आदेस पाए बिना ही, हम पचन मँ स कछू मनइयन जाइके आपन सब्दन स तोहार जिअर दुखी किहेन हे, अउर तोहरे मन क नाहीं थिरइ दिहेन। 25 हम पचे आपुस मँ एक मत होइके इ निहचय कीन्ह ह हम सबइ आपन मँ स कछू मनई चुनी अउर आपन पिआरा बरनाबास अउर पौलुस क संग ओनका तोहरे लगे पठई। 26 इ सबइ उ पचे ही लोग अहइँ जउऩ हमरे पर्भू ईसू मसीह क नाउँ बरे आपन प्राण क बाजी लगाइ दिहे रहे। 27 हम पचे यहूदा अउर सीलास क पठावत अही। उ सबइ तोहका आपन मुँह स इ सब बातन क बतइहीं। 28 पवित्तर आतिमा क अउर हमका इ नीक जान पड़ा कि तू सबन प इ जरूरी बात क अलावा क अउर कउनो बात क बोझा न डावा जाइ:
29 मूरतिन प चढ़ावा गवा भोजन तोहका नाहीं ग्रहण करइ चाही।
खून, गटइ घोटिके बधा गवा पसु
अउर व्यभिचार स बचा रहा।
जदि तू आपन आप क इ बातन स बचाए रखब्या तउ तोहार कल्याण होइ।
अच्छा बिदा।
30 इ तरह ओनका बिदा कइ दीन्ह गवा अउर उ सबइ अन्ताकिया पहोंचेन। हुवाँ उ पचे बिसवासियन क धरम सभा क बोलाएन अउर ओऩका उ चिट्ठी दइ दिहेन। 31 चिट्ठी बाँचिके जउन उछाह ओनका मिला ओह पइ उ पचे आनंद मनाएन। 32 यहूदा अउर सीलास, जउन खुद ही दुइनउँ नबी रहेन, आइयन क समन्वा ओनकइ हिम्मत बँधावत भए अउर मजबूती देत भए, एक लम्बा प्रबचन दिहेन। 33 हुवाँ कछू समइ बिताए क पाछे, भाई लोग ओनका सांति क साथ ओनही क लगे लौटि जाइ बरे बिदा किहेन जउन ओनका पठए रहेन। 34 [a]
35 पौलुस अउर बरनाबास अन्ताकिया मँ कछू समइ बिताएन। बहोत स दूसर मनइयन क संग उ पचे पर्भू क बचन क उपदेस देत भए मनइयन मँ सुसमाचार क प्रचार किहेन।
पौलुस अउर बरनाबास क अलग होव
36 कछू दिनन क बाद बरनाबास स पौलुस कहेस, “आवा, जउन जउन नगरन मँ हम पचे पर्भू क बचन क प्रचार कीन्ह ह, हुवाँ आपन भाई लोगन क लगे बापिस लौटिके इ लखी कि उ पचे का कछू करत बाटेन।” 37 बरनाबास चाहत रहा कि मरकुस कहवावइवाला यूहन्ना क भी उ पचे संग लइ चलइँ। 38 मुला पौलुस इहइ ठीक समझेस कि उ पचे ओका आपन संग न लेइँ जउऩ पंफूलिया मँ ओनकइ संग छोड़ दिहे रहा अउर (पर्भू क) काम मँ जउऩ ओनकइ साथ नाहीं दिहेस। 39 ऍह पइ उ दुइनउँ मँ घोर खिलाफत जन्मी। नतीजा इ भवा कि उ पचे आपुस मँ एक दूसर स अलगाइ गएन। बरनाबास मरकुस क लइके पानी क जहाजे स साइप्रस गवा।
40 पौलुस सीलास क चुनिके हुवाँ स चला गवा अउर भाइयन ओका पर्भू क छत्रछाया मँ सौंपेन। 41 तउ पौलुस सीरिया अउर किलिकिया क जात्रा करत भवा हुवाँ क कलीसियन क मजबूत करत रहा।
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