M’Cheyne Bible Reading Plan
अब्राम कनान लउटा
13 अब्राम मिस्र तजि दिहस। अब्राम आपन मेहरारु अउ आपन सबहि सामान क संग नेगव स होइ के जात्रा किहस। लूत भी ओकरे संग रहा। 2 इ टेम अब्राम बहोतइ धनी रहा। ओकरे संग ढेरिके जनावर, बहोत सी चाँदी अउ ढेर क सोना रहा।
3 अब्राम चारिहु कइँती जात्रा करत रहा। उ नेगेव क तजेस अउ बेतेल वापस गवा। उ बेतेल अउर आइ क बीच क जगह मँ पहोंचेस। इ उहइ ठउर रहा जहाँ अब्राम अउ ओकर परिवार पहिले तम्बू लगाइके ठहरा रहा। 4 इ उहइ ठउर रहा जहाँ अब्राम एक वेदी बनाए रहा। ऍह बरे अब्राम इहा यहोवा क आराधना किहस।
अब्राम अउ लूत अलग भएन
5 इ टेम लूत भी अब्राम क संग जात्रा करत रहा। लूत क लगे ढेरिके जनावर अउ तम्बू रहेन। 6 अब्राम अउ लूत क लगे ऍतना जिआदा जनावर रहेन कि भुइँया एक लागे ओनका चारा नाही दइ सकत रही। 7 अब्राम अउ लूत क गड़ेरिया या आपुस मँ तखड़ावइ-बखड़ावइ लागेन। (उ दिनन मँ कनानी लोग अउ परिज्जी लोग भी इहइ पहटा मँ रहत रहेन।)
8 अब्राम लूत स कहेस, “हमरे अउ तोहरे बीच कउनो तखड़ा बखड़ा न होइ चाही। हमार अउर तोहार गड़ेरियन क बीच मँ झगड़ा नही होइ चाही। हम पचे सबहि भाई अही। 9 हम पचन क अलग होइ जाइ चाही, तू जउन चाहा ठउर चुन ल्या। अगर तू बाईं कइँती जाब्या तउ मइँ दाहिन कइँती जाब। अगर तू दाहिन कइँती जाब्या तउ मइँ बाईं कइँती जाब।”
10 लूत द्रिस्टी दउड़ाएस अउ यरदन क घाटी क निहारेस। लूत निहारेस कि हुवाँ बहोत पानी अहइ। (इ बात उ टेम क बाटइ जब यहोवा सदोम अउ अमोरा क नास नाहीं किहे रहा। उ टेम यरदन क घाटी सोअर तलक यहोवा क बगिया क नाईं पूरे राह क संग संग फइली रही। इ भुइँया मिस्र देस क भुइँया क नाईं नीक रही।) 11 ऍह बरे लूत यरदन क घाटी मँ रहब अंगीकार किहस। इ तरह दुइनउँ मनई अलग अलग होइ गएन अउ लूत पूरब कइँती जात्रा सुरु किहेस। 12 अब्राम कनान प्रदेस मँ रहा अउ लूत घाटी क सहरन मँ रहा। लूत सदोम क दक्खिन मँ बढ़ा अउ रुकि गवा। 13 सदोम क मनई बहोत पापी रहेन। उ पचे सदा यहोवा बरे खिलाफ पाप करत रहेन।
14 जब लूत चला गवा तब यहोवा अब्राम स कहेस, “आपन चारिहु कइँती निहारा, उत्तर, दक्खिन, पूरब अउ पच्छिम कइँती लखा। 15 इ सारी भुइँया, जेका तू लखत अहा, मइँ तोहका अउ तोहरे पाछे जउन तोहार लोग रइहीं ओनका देत अहउँ। इ प्रदेस सदा तोहार अहइ। 16 मइँ तोहरे लोगन क धरती क धूल क कण क नाईं अनगिनत बनउब। अगर कउनो धरती क कण क गन सकइ तउ उ तोहरे मनइयन क भी गन सकी। 17 ऍह बरे आवा। आपन धरती प चला। मइँ एका अब तोहका देत अहउँ,”
18 इ तरह अब्राम आपन तम्बू हटाएस। उ मम्रे क बड़का बृच्छ क लगे रहइ लाग। इ हेब्रोन सहर क निचके रहा। उ ठउरे प अब्राम एक वेदी यहोवा क आराधना बरे बनाएस।
कछू यहूदियन ईसू क निन्दा किहेन
(मरकुस 2:23-28; लूका 6:1-5)
12 लगभग उहइ समइया ईसू सबित क दिन अनाजे क खेतन स होइके जात रहा। ओकरे चेलन क भूख लाग अउ गोहूँ क बाल तोड़ि क चबाइ लागेन। 2 फरीसियन अइसा होत देखिके कहेन, “देख! तोहार चेलन उ करत अहइँ जेकर सबित क दिन करब मूसा क व्यवस्था क माफिक नाहीं।”
3 ऍह प ईसू ओनसे पूछेस, “का तू नाहीं पढ्या कि दाऊद अउर ओकर साथी, जब ओनका भूख लाग, का किहे रहेन? 4 उ परमेस्सर क घरे मँ घुसिके ओनके बरे चढ़ाई गइ पवित्तर रोतिन क कइसे खाए रहेन? तउ भी ओका अउर ओनके साथी संगी क ओकर खाब मूसा क व्यवस्था क खिलाफ रहा। ओका सिरिफ याजकन ही खाइ सकत रहेन। 5 मूसा क व्यवस्था मँ तू इ नाहीं पढ़्या कि सबित कि दिन मंदिर क याजक ही असिल मँ सबित क दिन बिगार देत हीं अउर फिन ओनका कउनो कछू नाहीं कहत। 6 मुला मइँ तोसे कहत हउँ, हियाँ जउन कउनो बाटइ उ मंदिर ते बड़वार बाटइ। 7 जदि तू पवित्तर सास्तर मँ जउन लिखा अहइ, ओका जानत ह, ‘मइँ मनइयन मँ दाया चाहत हउँ, पसुबलिदान नाहीं’(A) तउ तू ओनका दोखी नाहीं ठहरउत्या जउन निर्दोख अहइँ।
8 “हाँ, मनई क पूत सबित क दिन क भी सुआमी अहइ।”
ईसू सुखंडी हाथे क चंगा किहेस
(मरकुस 3:1-6; लूका 6:6-11)
9 फिन उ हुवाँ स चला गवा अउर उनके आराधनालय मँ पहुँच गवा। 10 हुवाँ एक ठु मनई रहा, जेकर हाथ सुखंडी रहा। तउ मनइयन ईसू स पूछेन, “मूसा क व्यवस्था क माफिक सबित क दिन का कउनो क नीक करब ठीक अहइ?” उ सबई एह बरे ओसे पूछेन कि, उ पचे ओह प दोख लगाइ सकइँ।
11 मुला उ ओनका जबाव दिहेस, “मान ल्या, तोहमाँ स कउनो क लगे एक ही भेड़ बाटइ, अउर उ भेड़ सबित क दिन कउनो गड़हा मँ गिरि जात ही, तउ तू का ओका बाहेर न निकरब्या? 12 सच मनई तउ एक भेड़े स जिआदा बढ़के अहइ। यह बरे सबित क दिन मूसा क व्यवस्था भलाई करइ बरे अनुमति देत ह।”
13 तब ईसू उ सुखंडी हाथवाला मनई स कहेस, “आपन हथवा आगे बढ़ावा।” उ पूरी तरह स चँगा होइ गवा। ठीक उहइ तरह जइसे ओकर दूसर हाथ रहा। 14 तब फरीसियन हुवाँ स चला गएन अउर ओका मार डावइ क तरकीब गूंथइ मथइ लागेन।
ईसू उहइ करत ह जेकरे बरे परमेस्सर ओका चुनेस
15 ईसू इ जान गवा अउर हुवाँ स चला गवा। भारी भीड़ पाछे पाछे होइ गइ। उ ओनका चंगा करत 16 चिताउनी दिहस कि ओकरे बारे मँ मनइयन क कछू न बतावइँ। 17 इ एह बरे भवा कि नबी यसायाह पर्भू क बारे मँ जउन कछू कहेस ह, उ पूरा होइ जाइ:
18 “इ मोर सेवक अहइ,
मइँ जेका चुनेउ हउँ।
इ मोर पिआरा अहइ,
ऍहसे मइँ आनंद मँ हउँ
आपन आतिमा ऍह प मइँ रखियउँ
सब देसन क सब मनइयन क इ निआव क एलान करी।
19 इ कबहुँ नाहीं चिचिआई,
या झगड़ी ही मनइयन ऍका गली कूचा मँ न सुनिहइँ
20 उ सरते क न उ तोड़ीन
इ बुझत दिया तलक उ न बुझाई डटा रही
तब ताई जब ताईं निआव क जीत न होइ जाई।
21 तब फिन सबइ लोग आपन आसा ओहमाँ बँधिहीं, फिन उहइ नाउँ मँ।” (B)
ईसू मँ परमेस्सर क सक्ती बाटइ
(मरकुस 3:20-30; लूका 11:14-23; 12:10)
22 फिन मनइयन ईसू क लगे एक अइसे अँधरे क लइ आएन जउन गूँगा भी रहा काहेकि ओहॅ प दुस्ट आतिमा क सवारी रही। ईसू ओका चांगा किहेस अउर एह बरे इ गूँगा अउर आँधर बोलइ अउर देखइ लाग। 23 ऍह प सबइ मनइयन अचरजे मँ पड़ि गएन अउर उ सबइ कहइ लागेन, “का इ मनई दाऊद क पूत होइ सकत ह?”
24 जबहिं फरीसियन इ सुनेन तउ उ पचे कहेन, “इ दुस्ट आतिमन क ओनके सरदार बेल्जाबुल क सहारा स बाहरे निकारत ह।”
25 ईसू ओनके मनवा क बात जानि गवा अउर ओनसे कहेस, “हर राज्य जेहमाँ फूट परि जात ह, ओकर नास होइ जात ह। वइसे ही हर सहर या परिवार जेहमाँ फूट परि जात ह उ टिकइ नाहीं पावत। 26 तउ सइतान ही खुद आपन क बाहेर कइसे निकारी फिन तउ ओहमाँ आपन खिलाफ फूट पड़ि जाई। तउ ओकर राज्य कइसे बना रहि पाई। 27 अगर इ सच अहइ कि मइँ बेल्जाबुल क सहारा स दुस्ट आतिमन क खदेरत हउँ तउ तोहार मनवइया कउने सहारा स ओनका बाहेर खदेरत हीं? तउ तोहार आपन मनवइया ही सिद्ध करिहीं कि तू गलत अहा। 28 मइँ दुस्ट आतिमन क परमेस्सर क आतिमा क सक्ती स निकारत हउँ। ऍहसे इ सिद्ध होत ह कि परमेस्सर क राज्य तोहरे निअरे आइ ग अहइ। 29 फिन कउन कउनो जबरा क घरवा मँ घुसिके ओकर माल कइसे चोरॉइ सकत ह, जब तलक उ जबरा क पहिले बाँध न देइ। तबहिं उ ओकरे घरवा क लूटि सकत ह। 30 जउन मोर संग नाहीं उ हमरे खिलाफ बाटइ। अउर जउन अलगाइ भई भेड़न क बटोरइ मँ मोर मदद नाहीं करत, उ ओनका अलगावत ह।
31 “एह बरे मइँ तोहसे कहत हउँ कि सब मनइयन क किस्म किस्म क निन्दा अउर पापन्क छमा कइ दीन्ह जाइ मुला पवित्तर आतिमा क निन्दा क छमा किन्ह न जाई। 32 कउनउ मनई क पूत क खिलाफ जदि कछू कहत ह तउ ओका छमा कीन्ह जाइ सकत ह, मुला पवित्तर आतिमा क खिलाफ कउनो कछू कहइ तउ ओका छमा न कीन्ह जाई। न तउ इ युग मँ अउर न आवइवाला युगे माँ।
मनई आपन करम स जाना जात ह
(लूका 6:43-45)
33 “तू लोग जानत ह कि बढ़िया फरे बरे तोहका बढ़िया बृच्छ रोपइ चाही। मुला बृच्छ बुरा अहइ तउ बुरा फर देइ। काहेकि बृच्छ आपन फरे स जाना जात ह। 34 अरे हे कीरा क बचवन! जब तू खुदइ बुरा अहा तउ नीक बातन कइसे कहि सकत ह? मनई क सब्द जउन ओकरे मनवा मँ भरा अहइ, उहइ स निकरत ही। 35 एक नीक मनई मनवा क नीक भंडारे स नीक बातन निकारत ह अउर बुरा मनई बुरी बातन क निकारत ह जउन मनवा क भंडारे मँ एकट्ठा रहत हीं। 36 अउ मइँ तू सब जने के बतावन हउँ कि निआव क दिन हर मनई क लापरवाही स बोली गइ बातन क हिसाब देइ क होई। 37 तोहरे बातन क ऊपर तोहका निर्दोख अउर दोखी ठहराइ जाई।”
ईसू स प्रमाण सरूप अचरज चीन्ह क माँग
(मरकुस 8:11-12; लूका 11:29-32)
38 फिन कछू धरम सास्तिरियन अउर फरीसियन ओसे कहेन, “गुरु, हम पचे तोसे अद्भुत चीन्हा परगट करइ चाहित ह।”
39 ईसू ओनसे जवाबे मँ कहेस, “इ जुग क बुरा अउर दुराचारी पीढ़ी क मनई अद्भुत चीन्हा देखा चाहत हीं। नबी योना क अद्भुत चीन्हा तजिके ओनका अउर कउनो अद्भुत चीन्हा न दीन्ह जाई। 40 अउ जइसे योना तीन दिना अउर तीन रात उ समुद्री जीव क पेटवा मँ रहा, वइसे ही मनई क पूत तीन दिन अउर तीन रात धरती क अन्दर मँ रही। 41 निआव क दिन निनेवा क रहइवाले आज क पीढ़ी क मनई क संग खड़ा होइहीं अउर दोखी ठहरइहीं। काहेकि निनेवा क मनई योना क उपदेस स मनफिराव करे रहेन अउर हियाँ तउ कउनो योना स बड़वार हाजिर अहइँ।
42 “निआव क दिन दक्खिन क रानी इ पीढ़ी क मनइयन क संग खड़ी होई अउर ओनका दोखी ठहराई, काहेकि उ धरती क दूसर छोर स सुलैमान क उपदेस सुनइ बरे आइ रही अउर हियाँ तउ कउनउ सुलैमान स भी बड़वार हाजिर अहइ।
मनइयन मँ सइतान
(लूका 11:24-26)
43 “जब कउनउ दुस्ट आतिमा कउनो मनई क छोड़ देत ह तउ उ आराम खोजइ बरे झुरान धरती प ढूँढ़त फिरत ह, मुला उ ओका मिल नाहीं पावत। 44 तब उ कहत ह, ‘जउन घरे क मइँ छोड़ दिहेउँ, मइँ फिन उहइँ लौटि हउँ।’ तउ उ लौटत ह अउर ओका अब ताईं खाली अउ साफ सूथर अउर सजा भवा पावत ह। 45 फिन उ लौटत ह अउ आपन संग सात अउ दुस्ट आतिमन क लइ आवत ह जउन ओसे भी बुरी होत हीं। फिन उ सबइ आइके हुवाँ रहइ लागत हीं। अउर उ मनई क हालत पहिले स जिआदा खौफनाक होत ह। आज क इ खराब पीढ़ी क मनइयन क दसा अइसी बाटइ।”
ईसू क मनवइयन ही ओकर परिवार
(मरकुस 3:31-35; लूका 8:19-21)
46 ईसू अबहिं भिड़िया क मनइयन स बातन कर रहा कि ओकर महतारी अउर भाइयन हुवाँ अइके बाहेर खड़ा होइ गएन। उ पचे ईसू स बात करइ बरे इंतजार करत रहेन। 47 कउनो ईसू स कहेस, “सुना तोहार महतारी अउर तोहार भाइयन खड़ा बाटेन अउर तोसे बात करइ चाहत हीं।”
48 जवाबे मँ ईसू बात करइवालन स कहेस, “कउन अहइ मोर महतारी, अउ कउन अहइ मोर भाइयन?” 49 फिन आपन हथवा स चेलन कइँती सनकावत कहेस, “इ अहइँ मोर महतारी अउर मोर भाइयन। 50 हाँ सरगे मँ रहवइया मोरे परमपिता क इच्छा प जउन कउनो चलत ह, उहइ मोर भाई, बहिन अउर महतारी अहइ।”
राजा अर्तछत्र क नहेमायाह क यरूसलेम पठउब
2 राजा अर्तछत्र क बीसवें बरिस क नीसान नाउँ क महीने मँ, रात्री-भोज क समइ मँ दाखरस राजा क परोसइ बरे रखा भवा रहा। मइँ उ दाखरस क लिहेस अउर राजा क दइ दिहेस। मइँ जब पहिले राजा क संग रहा तउ मइँ कभी भी दुःखी नाहीं भवा रहा किन्तु अब मइँ उदास रहेउँ। 2 एह पइ राजा मोहसे पूछेस, “का तू बीमार अहा? तू उदास काहे देखाई देत अहा? मोर विचार अहइ तोहार मन दुख स भरा अहइ।”
एहसे मइँ बहोत जियादा डर गएउँ। 3 मुला जदपि मइँ डर गवा रहेउँ किन्तु फुन भी मइँ राजा स कहेउँ, “राजा जिअत रहइँ। मइँ एह बरे उदास हउँ कि उ नगर जेहमाँ मोर पुरखन दफनाए गए रहेन उजा़ड़ प़ड़ा ह अउ उ नगर क प्रवेस दुआर आगी स भसम होइ गएन ह।”
4 फुन राजा मोहसे कहेस, “एकरे बरे तू मोहसे का करवावइ चाहत ह?”
एहसे पहिले कि मइँ जवाब देतेउँ, मइँ सरग क परमेस्सर स बिनती किहेउँ। 5 फुन मइँ राजा क जवाब देत भए कहेउँ, “जदि इ राजा क भावइ अउर जदि मइँ राजा क बरे सच्चा रहउँ तउ यहूदा क नगर यरूसलेम मँ मोका पठइ दीन्ह जाइ जहाँ पुरखन दफनाए भए अहइँ। मइँ हुवाँ जाइके उ नगर क फुन स बसावइ चाहत हउँ।”
6 रानी राजा क बराबर बइठी भइ रही, तउ राजा अउर रानी मोहसे पूछेस, “तोहार इ जात्रा मँ केतने दिन लगिही? हिआँ तू कब तलक लउट अउब्या?”
राजा मोका पठवइ बरे रानी होइ गवा। तउ मइँ ओका एक निहचित समइ दइ दिहेउँ। 7 मइँ इ राजा स इ भी कहेउँ, “जदि राजा क मोरे बरे कछू करइ मँ खुसी होइ तउ मोका इ माँगइ क अनुमति दीन्ह जाइ। कृपा कइके परात नदी क पच्छिम छेत्र क राज्जपालन क देखावइ क बरे कछू पत्र दीन्ह जाइँ। इ सबइ पत्र मोका एह बरे चाही ताकि उ पचे राज्जपाल यहूदा जात भए मोका अपने-अपने इलाकन स सुरच्छापूर्वक निकरइ देइँ। 8 मोका दुआरन, देवारन, मन्दिरन क चारिहुँ कइँती क प्राचीरन अउ अपने घरे क बरे काठे क भी जरूरत अहइ। एह बरे मोका आप स आसाप क नाउँ भी एक पत्र चाही। आसाप आपके जंगलात क हाकिम अहइ।”
तउ राजा मोका पत्र अउर उ हर चीज दइ दिहस जउन मइँ माँगे रहेउँ। काहेकि परमेस्सर मोरे बरे दयालु रहा एह बरे राजा इ सब कइ दिहे रहा।
9 इ तरह मइँ परात नदी क पच्छिमी पहँटा क राज्जपालन क लगे गएउँ अउर ओनका राजा क जरिये दीन्ह गए पत्र देखाएउँ। राजा फउज क अधिकारी अउ घु़ड़सवार फउजी मोरे संग कइ दीन्ह रहेन। 10 सम्बल्लत अउर तोबियाह नाउँ क दुइ मनइयन मोरे कामन क बारे मँ सुनेन। उ पचे इ सुनिके बहोत बेचैन अउर किरोधित भएन कि कउनो इस्राएल क लोगन क मदद बरे आवा ह। सम्बल्लत होरोन क निवासी रहा अउर तोबियाह अम्मोनी क अधिकारी रहा।
नहेमायाह क जरिये यरूसलेम क देवार क निरीच्छण
11 मइँ यरूसलेम पहोंचेउँ अउर हुवाँ तीन दिन तलक ठहरेउँ 12 अउर कछू लोगन क संग लइके मइँ राति मँ बाहेर निकरि पड़ेउँ। परमेस्सर यरूसलेम क बरे करइ क जउन बात मोरे मने मँ बसाइ दिहे रहा ओकरे बारे मँ मइँ कउनो क कछू भी नाहीं बताए रहेउँ। उ घो़ड़ा क सिवा, जेह पइ मइँ सवार रहेउँ, मोरे संग अउर कउनो घो़ड़न नाहीं रहेन। 13 अबहि जब अँधेरा ही रहा तउ मइँ तराई दुआर स होइके गुजरेउँ। अजगर क कुएँ क तरफ मइँ आपन घो़ड़ा मो़ड़ दिहेउँ अउर मइँ उ दुआर पइ भी घो़ड़े क लइ गएउँ, जउन कूड़ा फाटक कइँती खुलत रहा। मइँ यरूसलेम क उ देवार क निरीच्छण करत रहेउँ जउन टूटिके ढह चुका रहा अउर ओकर फाटकन जउन कि आगि दुआरा तबाह कीन्ह गए रहेन। 14 एकरे पाछे मइँ सोते क फाटक कइँती अपने घो़ड़े क लइ गएउँ अउर फुन राजसरोवर क लगे जाइ निकरेउँ। किन्तु जब मइँ निअरे पहोंचेउँ तउ मइँ लखेउँ कि हुवाँ मोरे घो़ड़े क निकरइ बरे काफी जगह नाहीं अहइ। 15 एह बरे अँधियारा मँ ही मइँ देवार क निरीच्छण करत भए घाटी कइँती ऊपर निकरि गवा अउर आखीर मँ मइँ लउट पड़ा अउर तराई क फाटक स होत भवा भीतर आइ गवा। 16 ओन अधिकारियन अउर इस्राएल क महत्वपूर्ण लोगन क इ पता नाहीं चला कि मइँ कहाँ गवा रहेउँ। उ पचे इ नाहीं जान पाएन कि मइँ का करत रहेउँ। मइँ यहूदी लोग, याजकन, राजा क परिवार, अधिकारियन अउर ओन लोगन क जउन हुवाँ काम करब रहा, अबहि कछू भी नाहीं बताए रहा।
17 एकरे पाछे मइँ ओन सबहिं लोगन स कहेउँ, “हिआँ हम जउने विपत्तियन मँ पड़े अहइँ, तू ओनका लखि सकत ह। यरूसलेम खण्डहरन क ढेर बना भवा ह अउर एकर दुआर आगी स जरि चुके अहइँ। आवा, हम यरूसलेम क देवार क फुन स निर्माण करी। एहसे हम क भविस्स मँ फुन कबहुँ लज्जित नाहीं रहइ पड़ी।”
18 मइँ ओन लोगन क इ भी कहेउँ कि मोह पइ परमेस्सर क कृपा अहइ। राजा मोहसे जउन कछू कहे रहा, ओका मइँ उ सबइ बातन बताएउँ। एह पइ ओन लोग जवाब देत भए कहेन, “आवा, अब हम काम करब सुरू करी।” तउ उ पचे उत्तिम कार्य क करब सुरू कइ दिहन। 19 मुला होरोन क सम्बल्लत अम्मोनी क अधिकारी तोबियाह अउर अरब क गेसेम जब इ सुनेन कि फुन स निर्माण करत अहइँ तउ उ पचे बहोत भद्दे ढंग स हमार मजाक उड़ाएन अउर हमार अपमान किहन। उ पचे बोलेन, “इ तू का करत अहा? का तू राजा क विरोध मँ होत रहे अहा?”
20 मुला मइँ तउ ओन लोगन स बस एतना ही कहेउँ, “हम क सफल होइ मँ सरग क परमेस्सर हमार मदद करी। हम परमेस्सर क सेवक अही अउर हम इ नगर क फुन स निर्माण करब। इ काम मँ तू हमार मदद नाहीं कइ सकत्या। हिआँ यरूसलेम मँ तोहार कउनो भी पुरखा पहिले कबहुँ भी नाहीं रहा। इ धरती क कउनो भी भाग तोहार नाहीं अहइ। इ जगह मँ बने रहइ क तोहका कउनो अधिकार नाहीं अहइ।”
हेरोदेस क कलीसिया प जुल्म
12 उहइ समइया क लगभग राजा हेरोदेस कलीसिया क कछू निअंबर क सताउब सुरू किहेस। 2 उ यूहन्ना क भाई याकूब क तरवार स कतल कराइ दिहेस। 3 उ जब इ लखेस कि इ बात स यहूदी खुस होत हीं तउ उ पतरस क भी गिरफतार करइ बरे सोचेस (इ बे खमीरे क रोटी क उत्सव क दिनन क बात अहइ) 4 हेरोदेस पतरस क धइके जेलि मँ धाँध दिहेस। ओका चार चार सिपाहियन क कतार क पहरा लगाइ दीन्ह गवा। मतलब इ रहा कि ओह प मुकदमा चलावइ बरे फसह क त्यौहार पाछे ओका मनइयन क समन्वा बाहेर लइ आवा जाइ। 5 तउ पतरस क जेल मँ रोक दीन्ह गवा। ओहर कलीसिया हिरदय स ओकरे बरे परमेस्सरस पराथना करत रही।
जेल स पतरस क छूटब
6 जब हरोदेस मुकदमा चलावइ बरे ओका बाहेर लोगन क सामने लइ आवइ क रहा, उ रात पतरस दुइ सिपाहियन क बीच सोवा रहा। उ दुइ जंजीरे स बँधा रहा अउर दुआर प पहरुआ जेल क रखवारी करत रहेन। 7 एकाएक पर्भू क सरगदूत हुँवा आइके खड़ा भवा, जेल क खोली रोसनी स जगमगाइ उठी। उ पतरस क बगली थपथपाएस अउर ओका जगावत भवा कहेस, “हाली, खड़ा ह्वा!” जंजीर ओकरे हाथ मँ खुलके गिरि गइ। 8 तबहिं सरगदूत ओका कहेस, “तइयार ह्वा अउर आपन चप्पल पहिरा।” तउ पतरस वइसा ही किहेस। सरगदूत ओका फिन कहेस, “आपन चोगा पहिरा अउर मोरे पाछे चला आवा।”
9 फिन ओकरे पाछे-पाछे पतरस बाहेर निकरि आवा। उ समुझ नाहीं पाएस कि सरगदूत जउन कछू करत रहा, उ फुरइ रहा। उ बिचारेस कि उ कउनो दर्सन लखत अहइ। 10 पहिले अउर दूसर पहरे क छोड़िके आगे बढ़त भवा उ पचे लोहा क उ फाटक प आइ गएन जउन सहर कइँति जात रहा। उ फाटक ओनकइ बरे खुद ही खुलि गवा। अउर उ पचे बाहेर निकरि गएन। उ पचे अबहिं गली क पार किहेन कि उ सरगदूत एकाएक ओका छोड़ि गवा।
11 फिन पतरस क जइसे होस आवा, उ बोला, “अब मोरी समझ मँ आवा ह कि असल मँ फुरइ अहइ कि पर्भू आपन सरगदूत क पठइके हेरोदेस क पंजा स मोका छुटकारा दियाएस ह। यहूदी लोग मोह प जउन कछू बुरा होइ क सोचत रहेन, ओहसे उहइ मोका बचाएस ह।”
12 जब उ इ समझ गवा तउ उ यूहन्ना क महतारी मरियम क घर चला गवा। (यूहन्ना जउन मरकुस भी कहवावत ह।) हुँवा ढेर मिला बटुरा रहेन अउर पराथना करत रहेन। 13 पतरस दुआरे क बाहेर स खटखटाएस ओका लखइ रूदे ऩाउँ क एक दासी हुँवा आइ। 14 पतरस क अवाज क पहिचान के खुसी क मारे ओकरे बरे फाटक बगैर खोले भए उ उलटिके भीतर दउड़ आइ अउर उ बताएस कि पतरस दुआरे प खड़ा अहइ। 15 उ पचे ओसे बोलेन, “तू पागल होइ गइ अहा।” मुला उ जोर दइके कहतइ रही कि इ अइसा ही अहइ। ऍह पॅइ उ पचे कहेन, “उ ओकर सरगदूत होइ।”
16 ओहर पतरस दुआर खटखटावत ही रहा। फिन उ पचे जब दुआर खोलेन तउ उ पचे अचरज मँ पड़ि गएन। 17 ओनकइ हाथे स चुप रहइ क इसारा करत भए उ खोलिके बताएस कि पर्भू ओका जेलि स कइसे बाहेर निकारेस ह। उ कहेस, “याकूब अउर दूसर भाइयन क इ बारे मँ बताइ दिहा।” अउर तब उ ठहुर क तजिके कउनो दूसर स्थान प चला गवा।
18 जब भोर भवा तउ पहरुअन मँ बड़ी खलबली मचि गइ। उ पचे अचरज मँ पड़ा सोचत रहेन कि पतरस क संग का भवा होइ। 19 ऍकरे पाछे हेरोदेस जब ओकर छानबीन कइ चुका अउर उ ओका नाहीं मिला तउ उ आपन पहरुअन स पूछताछ किहेस अउर ओनका मारि डावइ क हुकुम दिहेस।
हेरोदेस क मउत
हेरोदेस फिन यहूदिया स जाइके कैसरिया मँ रहइ लाग। हुँवा उ कछू समइ बिताएस। 20 उ सूर अउर सैदा क मनइयन स बहोत कोहान रहत रहा। उ पचे एक झुण्ड बनइके ओसे भेंटइ आइ रहेन। राजा क खुद क सेवक बलास्तुस क मान मनउवल कइके उ पचे हरोदेस स सांति क पराथना किहेन काहेकि ओनकइ देस क राजा क देस स खाइक मिलत रहा।
21 एक निहचत दिन हेरोदेस आपन राजसी वेस-भूसा पहिरिके आपन सिंहासन प बइठा अउर मनइयन क बियाख्यान देइ लाग। 22 लोग चिचियाने, “इ तउ कउनो देवता क बानी अहइ, मनई क नाहीं।” 23 काहेकि हेरोदेस परमेस्सर क महिमा नाहीं दिहेस, यह बरे फउरन पर्भू क एक दूत ओका बीमार कइ दिहेस। अउर ओहमाँ किरवा परि गएन जउन खाइ लागेन अउर उ मरि गवा।
24 मुला परमेस्सर क बचन क प्रचार होत रहा अउर उ फइलत जात रहा अउर बिसवासियन की संख्यि बढ़त जात रही।
25 बरनाबस अउर साऊल आपन काम पूरा कइके मरकुस कहवावइवाला यूहन्ना का भी संग लइके अन्ताकिया लौटि आएऩ।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.