M’Cheyne Bible Reading Plan
19 यहूदा क राजा यहोसापात सुरच्छित यरूसलेम अपने घरे लउटा। 2 दूस्टा येहू यहोसापात स भेंटइ गवा। येहू क बाप क नाउँ हनानी रहा। येहू राजा यहोसापात स कहेस, “तू बुरे मनइयन क मदद काहे करत ह तू ओन लोगन स काहे पिरेम करत ह जउन यहोवा स घिना करत हीं? इहइ कारण अहइ कि यहोवा तोह पइ कोहान अहइ। 3 किन्तु तोहरी जिन्नगी मँ कछू अच्छी बातन अहइँ। तू असेरा खम्भन क इ देस स बाहेर किहा अउर तू हिरदइ स परमेस्सर क अनुसरण करइ क निहिचय किहा।”
यहोसापात निआवाधीसन क चुनत ह
4 यहोसापात यरूसलेम मँ रहत रहा। उ लोगन स संग मिलइ बरे फुन एप्रैम क पहाड़ी पहँटा स बेर्सेबा नगर तलक गएन। यहोसापात ओन लोगन क उ यहोवा परमेस्सर क लगे लउटाएस जेकर अनुसरण ओनकर पुरखन करत रहेन। 5 यहोसापात यहूदा मँ निआवाधीस चुनेस। उ यहूदा क हर किला नगर मँ रहइ क बरे निआवाधीस चुनेस। 6 यहोसापात एन निआवाधीसन स कहेस, “जउन कछू तू करा ओहमाँ सावधान रहा काहेकि तू, लोगन क बरे निआव नाहीं करत रह्या मुला यहोवा बरे करत अहा। जब तू निर्णय करब्या तब यहोवा तोहरे संग होइ। 7 तोहमाँ स हर एक क अब यहोवा स डेराइ चाही। जउन करा ओहमाँ सावधान रहा काहेकि हमार यहोवा परमेस्सर निआवी बाटइ। उ कउनो मनई क दूसर मनई स जियादा महत्त्वपूर्ण मानिके बेउहार नाहीं करत। उ अपने निर्णय क बदलइ क बरे धन नाहीं लेत।”
8 अउर यहोसापात यरूसलेम मँ, लेवीबंसियन, याजकन अउर इस्राएल क परिवार क प्रमुखन क निआवाधीस चुनेस। ओन लोगन क यहोवा क नेमन क उपयोग यरूसलेम क लोगन क समस्यन क निपटावइ बरे करब रहा। 9 यहोसापात ओनका आदेस दिहस अउ कहेस, “तोहका अपने पूरे हिरदइ स निस्ठावान पुर्वक सेवा करइ चाही। तोहका यहोवा स जरूर डेराइ चाही। 10 तोहरे लगे हत्या, परमेस्सर क नेम मँ हिंसा, आदेस, सासन या कउनो दूसर नेमन क मामले आइ सकत हीं। इ सबइ सबहिं मामले नगरन मँ रहइवाले तोहरे भाइयन दुआरा तोहार समन्वा आइहीं। एन सबहिं मामलन मँ तोहका लोगन क इ बात क चितउनी देइ चाही कि उ तोहार निर्देसन क जरूर मानिहीं अन्यथा उ परमेस्सर क समन्वा दोखी होइ अउर ओकर किरोध ओन पइ, तोह पइ अउर तोहार भाइयन क ऊपर उतरिहीं। इ करा तब तू अपराधी नाहीं होब्या।
11 “अमर्याह मार्गदर्सक याजक अहइ। उ यहोवा क सम्बन्ध क सबहिं बातन मँ तोहरे ऊपर होइ। इस्माएल क पूत जबद्याह राजा क सबहिं बातन क अधिकारी होइ। जबद्याह यहूदा क परिवार समूह मँ प्रमुख अहइ। लेवीबंसी अधिकारियन क रूप मँ भी तोहार सहायता करिहीं। जउन कछू करा ओहमाँ साहस रखा। यहोवा ओन लोगन क संग होइ, जउन उहइ करत हीं जउन ठीक अहइ।”
यहोसापात जुद्ध क सामना करत ह
20 कछू समइ पाछे मोआबी, अम्मोनी अउर कछू मूनी लोग यहोसापात क संग जुद्ध करइ आएन। 2 कछू लोग आएन अउर उ पचे यहोसापात स कहेस, “तोहरे खिलाफ एदोम स, मृत-सागर क दूसर कइँती स एक ठु बिसाल फउज आवति अहइ। उ पचे हसासोन्तामार मँ पहिले स ही अहइँ।” (हसासोन्तामार क एनगदी भी कहा जात ह।) 3 यहोसापात डर गवा अउर उ यहोवा स इ पूछइ क निहचइ किहेस कि ओका का करइ चाही? उ यहूदा मँ हर एक क बरे उपवास क समइ घोसित किहस। 4 यहूदा क लोग एक संग यहोवा स मदद माँगइ आएन। उ पचे यहूदा क सबहिं नगरन स यहोवा क मदद माँगइ आएन। 5 यहोसापात यहोवा क मन्दिर मँ नवे अंगना क समन्वा रहा। य यरूसलेम अउ यहूदा स आए लोगन क सभा मँ खड़ा भवा। 6 उ कहेस,
“हे हमरे पुरखन क यहोवा परमेस्सर, तू सरग मँ परमेस्सर अहा। तू सबइ देसन क सबइ राज्जन पइ हुकूमत करत ह। तोहार लगे सक्ती अउ ताकत अहइ! कउनो मनई तोहरे बिरूद्ध खड़ा नाहीं होइ सकत। 7 तू हमार परमेस्सर अहा। तू इ भुइँया मँ रहइवालन क एका तजइ क मजबूर किहा। इ तू अपने इस्राएली लोगन क समन्वा किहा। तू इ भुइँया तू आपन मीत इब्राहीम क संतानन क सदा ही क बरे दइ दिहा। 8 इब्राहीम क संतान इ देस मँ रहत रहेन अउर उ पचे एक ठु मन्दिर तोहरे नाउँ पइ बनाएन। 9 उ पचे कहेन, ‘जदि हम लोगन पइ बिपद आइ जइसे तरवार, दण्ड, रोग या अकाल तउ हम इ मन्दिर क समन्वा अउर तोहरे समन्वा खड़े होब। इ मन्दिर पइ तोहार नाउँ अहइ। जब हम लोगन पइ बिपत्ति आइ तउ हम लोग तोहका गोहराउब। तब तू हमरी सुनब्या अउर हमार रच्छा करब्या।’
10 “मुला इ समइ हिआँ अम्मोन, मोआब अउर सेईर पर्वत क लोग चढ़ आएन ह। तू इस्राएल क लोगन क उ समइ ओनकी भुइँया मँ नाहीं जाइ दिहा जब उ पचे मिस्र स बाहेर आएन। एह बरे इस्राएल क लोग मुड़ गए रहेन अउर ओन लोग ओनका नस्ट नाहीं किहेन। 11 मुला लखा कि उ सबइ लोग हम क ओनका नस्ट न करइ क कउनो तरह क पुरस्कार देत अहइँ। उ पचे हम क तोहरी भुइँया स बाहेर होइ बरे मजबूत करइ आए अहइँ। इ भुइँया तू हम क दिहा ह। 12 हे हमार परमेस्सर, ओन लोगन क दण्ड देइ। हम लोग उ बिसाल फउज क खिलाफ कउनो सक्ती नाहीं रखतेन जउन हमरे खिलाफ आवति अहइ। हम नाहीं जानित कि का करी। इहइ कारण अहइ कि हम तोहार मदद बरे लखिहीं!”
13 यहूदा क सबहिं लोग यहोवा क समन्वा अपने गदेलन, मेहररुअन अउ बच्चन क संग खड़े रहेन। 14 तब यहोवा क आतिमा यहजीएल पइ उतरी। यहजीएल जकर्याह क पूत रहा बनायाह यीएल क पूत रहा अउर यीएल मत्तन्याह क पूत रहा। यहजीएल एक लेवीबंसी रहा अउर आसाप क संतान रहा। 15 उ सभा क बीच यहजीएल कहेस, “हे राजा यहोसापात अउ यहूदा अउ यरूसलेम मँ रहइवाले लोगो, मोर सुना। यहोवा तोहसे इ कहत ह: ‘इ बिसाल फउज स न तउ डरा, न ही चिन्ता करा काहेकि इ तोहार जुद्ध नाहीं अहइ। इ परमेस्सर इ जुद्ध अहइ। 16 भियान तू हुवाँ जा अउर ओन लोगन स लड़ा। उ पचे सीस क दर्रे स होइके अइहीं। तू लोग ओनका घाटी क आखिर मँ यरूसलेम रेगिस्तान क दूसरि कइँती पउब्या। 17 इ जुद्ध मँ तोहका लड़ब नाहीं पड़ी। अपने जगहन पइ मजबूती स खड़ा रहा। तू लखब्या कि यहोवा तोहका कइसे बचावत ह। यहूदा अउ यरूसलेम क लोगो, डेराअ नाहीं। चिन्ता जिन करा! यहोवा तोहरे संग अहइ एह बरे भियान ओन लोगन क खिलाफ जा।’”
18 यहोसापात बहोत नम्रता स निहुरा। ओकर मूँड़ भुइँया क छूअत रहा अउर यहूदा अउ यरूसलेम मँ रहइवाले सबहिं लोग यहोवा क समन्वा गिर गएन अउर ओन सबहिं यहोवा क उपासना किहन। 19 कहाती परिवार समूह क लेवीबंसी अउ कहाती लोग, इस्राएल क यहोवा परमेस्सर क स्तुति क बरे खड़े भएन। उ पचे बहोत ऊँची अवाज मँ स्तुति किहन।
20 यहोसापात क फउज तकोआ रेगिस्तान मँ बहोत सबेरे गइ। जब उ पचे बढ़ब आरम्भ करत रहेन, यहोसापात खड़ा भवा अउर उ कहेस, “यहूदा अउ यरूसलेम क लोगो, मोर सुना। अपने यहोवा परमेस्सर मँ बिस्सास रखा अउर तब तू मज़बूती क संग खड़े रहब्या। यहोवा क नबियन मँ बिस्सास रखा। तू लोग सफल होब्या।”
21 यहोसापात लोगन क उत्साहित किहेस अउर निर्देस दिहेस। तब उ यहोवा क बरे गायक चुनेस। उ पचे गायक यहोवा क स्तुति करइ क बरे चुने ग रहेन काहेकि उ पवित्तर अउर महिमामय बाटइ। उ पचे फउजे क समन्वा कदम मिलावत भए बढ़ेन अउर उ पचे यहोवा क स्तुति किहन। एन गायकन गाएन,
“परमेस्सर क धन्यवाद द्या,
काहेकि ओकर पिरेम सदैव रहत ह।”
22 जइसे ही ओन लोग गाना गाइके यहोवा क स्तुति सुरु किहन, यहोवा अम्मोनी, मोआबी अउर सेईर पर्वत क लोगन क खिलाफ अचानक हमला किहेस। इ सबइ उ सब लोग रहेन जउन यहूदा पइ आक्रमण करइ आए रहेन। उ सबइ लोग पिट गएन। 23 अम्मोनी अउ मोआबी लोग सेईर पर्वत स आए लोगन क क खिलाफ जुद्ध करइ सुरू कइ दिहेन अउ ओनका नस्ट कइ दिहन। जब उ पचे सेईर क लोगन क मार चुकेन तु पचे एक दूसर क मार डाएन।
24 यहूदा क लोग एक अइसी जगह पइ आएन जहाँ स उ पचे सारे रेगिस्तान क लखइ सकत। उ पचे दुस्मन क बिसाल सेना क लखेन। किन्तु उ पचे सिरिफ ल्हासन क भुइँया पइ पड़े लखेन। कउनो मनई बचा न रहा। 25 यहोसापात अउर ओकर फउज ल्हासन स कीमती चिजियन लइ लिहेस। उ पचे बहोत स सामानन, वस्त्रन अउ कीमती चिजियन पाएन। उ पचे बहोत सारा जनावरन भी पाएन। चिजियन ओहसे अधिक रहिन जेतना यहोसापात अउर ओकर फउज लइ जाइ सकत रही। ओनका ल्हासन स कीमती चिजियन बटोरइ मँ तीन दिन लगेन, काहेकि हुवाँ बहोत जियादा रहेन। 26 चउथे दिन यहोसापात अउर ओकर फउज बराका क घाटी[a] मँ मिलेन। उ पचे उ जगह पइ यहोवा क स्तुति किहन। इहइ कारण अहइ कि उ जगह क नाउँ आजु तलक “बराका क घाटी” अहइ।
27 तब यहोसापात यहूदा अउ यरूसलेम क लोगन क यरूसलेम लउटाइके लइ गवा। यहोवा ओनका बहोत खुस किहस काहेकि ओनकर दुस्मन पराजित होइ गए रहेन। 28 उ पचे यरूसलेम मँ प्रवेस किहेन अउर वीणा, सितार अउ तुरहियन बजावत भए यहोवा क मन्दिर मँ दाखिल भएन।
29 सबहिं देस क सारे राज्ज यहोवा स डेरान रहेन काहेकि उ पचे सुनेन कि यहोवा इस्राएल क दुस्मनन स लड़ा। 30 इहइ कारण अहइ कि यहोसापात क राज्ज मँ सान्ति रही। यहोसापात क परमेस्सर ओका चारिहुँ कइँती स सान्ति दिहस।
यहोसापात क सासन क अन्त
31 यहोसापात यहूदा देस पइ हुकूमत किहस। यहोसापात जब सासन सुरु किहस तउ उ पैतीस बरिस क रहा। उ पच्चीस बरिस यरूसलेम मँ हुकूमत किहस। ओकर महतारी क नाउँ अजूबा रहा। अजूबा सिल्ही क बिटिया रही। 32-33 यहोसापात सच्चे मारग पइ अपने बाप आसा क तरह रहा। यहोसापात, आसा क मारग क अनुसरण करइ स मुड़ा नाहीं। यहोसापात यहोवा क दृस्टि मँ उचित किहस। मुला ऊँच जगहियन नाहीं हटाई गइन अउर लोग आपन हिरदय परमेस्सर क अनुसरण करइ मँ नाहीं लगाएस जेकर अनुसरण ओनकर पुरखन करत रहेन।
34 यहोसापात सुरु स आखीर तलक जउन कछू किहस उ येहू क सबइ रचना मँ लिखा अहइ। येहू क बाप क नाउँ हनानी रहा। इ सबइ बातन इस्राएल क राजा लोगन क इतिहास नाउँ क किताब मँ लिखा भवा अहइ।
35 कछू समइ पाछे यहूदा क राजा यहोसापात इस्राएल क राजा अहज्याह क संग सन्धि किहस। अहज्याह बुरा किहस। 36 यहोसापात अहज्याह क संग जहाजन क बरे, बनाइ बरे राज़ी होइ गएन जउन तर्सीस नगर जाइहीं। उ पचे जहाजन क एस्योन गेबेर नगर मँ बनाएस। 37 तब दोदावाह जउन मारेस क रहा क पूत एलीआज़ार यहोसापात क खिलाफ भविस्सबाणी किहेस। उ कहेस, “यहोसापात, तू अहज्याह क संग मिल गए अहा, इहइ कारण अहइ कि यहोवा तोहरे कारज क नस्ट करी।” जहाज टूट गएन, एह बरे यहोसापात अउ अहज्याह ओनका तर्सीस नगर क न पठइ सकेन।
सातवी मोहर
8 फिन मेमना जब सावती मोहर तोड़ेस तउ सरग मँ करीब आधा घन्टा तक सत्राटा छावा रहा। 2 फिन मइँ सात सरगदूतन देखेउँ जउन परमेस्सर क सामने खड़ा रहेन। ओनका सात तुरही दीन्ह गइ रहिन।
3 फिन एक अउर सरगदूत आवा अउर वेदी प खड़ा होइ गवा। ओकरे लगे सोने क एक ठु धूपदान रहा। ओका परमेस्सर क पवित्तर लोगन क पराथना क साथ सोने क उ वेदी प जउन सिंहासन क समन्वा रही चढ़ावइ क बरे तमाम धूप दीन्ह गइन। 4 फिन सरगदूत क हाथे स धूप क उ धुआँ परमेस्सर क लोगन क पराथना क साथे परमेस्सर क समन्वा पहुँचा। 5 एकरे बाद सरगदूत उ धूपदान क उठाएस, ओका बेदी क आग स भरेस अउर उचल क धरती प फेंक दिहेस। तब हुवाँ गरजना भइ, भयंकर आवाज आवइ लाग अउर बिजली चमकइ लाग। भूकम्प आइ गवा।
सातहुँ सरगदूतन क आपन तुरही बजाउब
6 फिन उ सात सरगदून जेकरे लगे सात तुरही रहिन, ओनका फूकइ क बरे तय्यार होइ गएन।
7 जइसेन पहिला सरगदूत तुरही मँ फूँक मारेस, वइसेन खून, ओला, अउर आग एकइ साथे देखाइ लागेन अउर ओनका धरती प नीचे उछालिके फेंक दीन्ह गवा। जउने स धतरी एक तिहाई हिस्सा जलभुन क राख होइ गवा। एक तिहाई पेड़ जलत भए राख होइ गएन अउन संसार क पूरी घास राख होइ गइ।
8 दूसरा सरगदूत जब तुरही मँ फूँक मारेस तउ अइसा लगा जइसे आग क एक जलत विसाल पहाड़े क समान कउनो चीज समुद्दर मँ फेक दीन्ह गइ होइ। एहसे एक तिहाई समुद्दर खून मँ बदल गवा। 9 अउर समुद्दर क एक तिहाई जीवित प्रानी मरि गएन अउर एक तिहाई पानी क जहाज विलाइ गएन।
10 तिसरा सरगदूत जब तुरही मँ फूँक मारेस तउ आकास स मसाल क तरह जरत भवा एक बड़का तारा गिर पड़ा इ तारा एक तिहाई नदियन अउर झरनन क पानी प जाइ गिरा। 11 इ तारा क नाउँ रहा “नागदौना” जउन समूचे पानी क एक तिहाई हिस्सा नागदौना[a] मँ बदल गवा। अउर उ पानी क जे पियेस ह बहुत मनई मर गएन। काहेकि पानी बहुत तीत होइ ग रहा।
12 अउ चौथा सरगदूत तुरही मँ फूँक मारेस, तउ एक तिहाई सूरज अउर साथे मँ एक तिहाई चन्द्रमा अउर एक तिहाई तारन प आफत आइ गइ। ओनकइ एक तिहाई हिस्सा काला पड़ गवा। इ तरह स एक तिहाई दिन अउर एक तिहाई रात अन्धेरे मँ बूड़ गएन।
13 फिन मइँ देखेउँ कि एक गरुड़ अबइ ऊँच अकास मँ उड़त रहा। मइँ ओका जोर स कहत सुनेउँ, “जउन तीन सरगदूत बचा अहइँ अउर आपन तुरही बचावइवाला अहइ, ओनके तुरही बजाए स धरती प रहइवाले प बिपति आवइ! बिपत्ति आवइ! बिपत्ति आवइ!”
दीपाधार अउ दुइ जइतून क बृच्छ
4 तब ओकर पाछे जउन सरगदूत मोहसे बातन करत रहा, वापिस आएस अउर मोका जगाएस। मोका अइसा लाग जइसा कउनो क नींद जगाया जात ह। 2 उ मोसे पूछेस, “तू का लखत अहा?”
मइँ जवाब दिहेउँ, “मइँ एक ठु ठोस सोना क डीबट लखत हउँ। हुवाँ ओकरे सिरे पइ एक ठु पिआला अहइ। पिआले मँ स सात ठु दीपक अहइँ। इ सबइ दीपक डीबट पइ अहइ अउर उ सबइ नाली क जुड़ा भवा अहइ। 3 अउर दुइ जइतून क पेड़ पिआला क पीछे मँ अहइ एक ठु पिआल दाहिने तरफ अउर दूसरा पियाले क बाये तरफ अहइ।” 4 तब मइँ, उ सरगदूत स जउन पूछेस जउन तोह स बातन करत रहा, “महोदय, एन सबन्क अरथ का अहइ?”
5 तब सरगदूत जउन मोहसे बातन करत रहा जवाब दिहेस, “का तू नाहीं जानत्या कि इ सबइ चिजियन का अहइँ?”
मइँ कहेउँ, “नाहीं, महोदय।”
6 तब उ मोहसे कहेस, “इ यहोवा क सँदेसा जरूब्बाबेल बरे बाटइ: ‘तोहरी सक्ति अउ प्रभुता स मदद नाहीं मिली। वरना तोहका मदद मोरी आतिमा स मिली।’ सर्वसक्तीमान यहोवा इ सब कहत ह। 7 उ ऊँचके महान पर्वत, तू का अहइ? जरूब्बाबेल समन्वा तू एक समतल भुइँया क नाईं अहइ। उ मंदिर क बनाई। जब आखिरी पाथर इ पइ रखा जाइ तब लोग नरियाइ उठिहीं, ‘वाह केतॅना सुन्नर, वाह बहोत सुन्नर!”
8 तउ यहोवा वचन मोर लगे आवा, 9 “जरूब्बाबेल क हाथन इ मंदिर क नींव पाथर राखब्या अउर ओकर हाथन इ मन्दिर क पूरा करब्या। हे लोगो तब तू पचे समुझब्या कि सर्वसक्तीमान यहोवा मोका तू लोगन क लगे पठएस ह। 10 जउन कउनो भी जउन उ दिन क मजाक उड़ावत ह जब छोटे स्तर पइ निर्माणकारी कार्य सुरू कीन्ह गवा रहा तउ जब उ पचे जरूब्बाबेल क हाथ मँ समारोह क पाथर जउन कि अन्तिम पाथर होइ तउ आन्दित होइ। इ सात दीपक यहोवा क आँख अहइ। सचमुच भुइँया पइ खोजइ बरे उ पचे आगे पीछे फिरत।”
11 तब मइँ ओहसे कहेउँ, “इ दुइ ठु जइतून क बृच्छ अहइँ। एक दीपाधार क दाईं अउर एक बाईं कइँती अहइ। इ सबइ का अहइँ?” 12 मइँ ओहसे इ भी कहेउँ, “मइँ जइतून क दुइनउँ साखा सोने क रंग क तेल लइ जात, सोना क नलन क सहारे लखेउँ। एन चिजियन क अरथ का अहइ?”
13 तब सरगदूत मोसे कहेस, “का तू नाहीं जानत्या कि एन चिजियन क अरथ का अरथ का बा?”
मइँ कहेउँ, “नाहीं महोदय।”
14 एह बरे उ जवाब दिहेस, “इ दुइ अभिसिक्त कीन्ह भवा मनई क प्रस्तुत करत ह जउन कि समूचइ धरती क सुआमी क बगल मँ खड़ा अहइ।”
ईसू अउर ओकर भाइयन
7 ओकरे बाद ईसू गलील चला गवा। उ यहूदिया मँ जात्रा न करइ का निस्चय किहेस। काहेकि यहूदी ओका मारि डावा चाहत रहेन। 2 यहूदियन क कुटीर क त्यौहार[a] आवइवाला रहा। 3 इ बरे ईसू क भाइयन ओसे कहेन, “तोहका इ जगहा छोड़िके यहूदिया चला जाइ चाही। जइसे कि तोहार चेलन तोहार अद्भुत कारजन देख पावइँ। 4 कउनो मनई जउन सब मनइयन क बीच मँ मसहूर होइ चाहत ह, आपन कारज छिपाइ क नाहीं करत। तू तउ अद्भूत कारजन करत ह, इ बरे समूचे संसार मँ अपुना क परगट करा।” 5 (ईसू क भाइयन ओहमाँ बिसवास नाहीं करत रहेन।)
6 ईसू ओनसे कहेस, “मोरे बरे अबहीं तब नीक समइ नाहीं आवा बाटइ। मुला तोहरे बरे सबइ समइ नीक अहइ। 7 इ दुनिया तोहसे घिना नाहीं कइ सकत मोसे तउ घिना करत ह। मोसे घिना करइ क कारण इ बाटइ कि मइँ सब क कहत फिरत हउँ, कि तोहार इ कारज बुरा अहइ, 8 इ त्यौहार मँ तू पचे जा मइँ एहि बार न जाब, मोर नीक समइ अबहीं नाहीं आइ बाटइ।” 9 इ कहिके ईसू गलील मँ रूक गवा।
10 तब ओकर सब भाई त्यौहार मँ चला गएन तब उहउ चला गवा। उ खुलेआम नाहीं गवा मुला छुप छुपके उहइ हुवाँ पहुँच गवा। 11 यहूदी ओका त्यौहार मँ इ कहत खोजत फिरत रहेन, “उ मनई कहाँ अहइ?”
12 ईसू क बारे मँ उ भीड़ मँ छिप छिप क तरह तरह क बातन होत रहिन। कछू मनई कहत रहेन, “उ नीक मनई बाटइ” मुला दूसर कछू मनई कहत रहेन, “नाहीं, उ तउ सबका भटकावत अहइ।” 13 ओकरे बारे मँ कउनो भी खुलिके नाहीं बतियात रहा, काहेकि उ पचे यहूदी क नेता स डेरात रहेन।
यरुसलेम मँ ईसू क उपदेस
14 जब उ त्यौहार करीब करीब आधा बीत गवा तब ईसू मन्दिर मँ गवा अउर उपदेस देब सुरू कइ दिहेस। 15 यहूदी क नेता क बहुत अचरज भवा अउर उ पचे कहेन, “इ मनई आज तक कउनो पाठसाला मँ पढ़इ क बरे नाहीं गवा, इ कइसे ऍतनी गियान क बात करत बाटइ?”
16 ऍकरे जवाब मँ ईसू ओनसे कहेस, “जउन सिच्छा देत अहउँ, उ मोर आपन नाहीं अहइ, इ हुवा स आवत अहइ, जउन मोका भेजेस ह। 17 अगर मनई उ करइ चाहत ह, जउन परमेस्सर क इच्छा अहइ, तउ उ जान जाई कि जउन सिच्छा मइँ देत अहउँ, उ ओकर अहइ या मइँ अपनी ओर स देत अहउँ 18 जउन अपनी ओर स बोलत ह, उ अपने बरे प्रसिद्धि चाहत ह, मुला सच्चा उ मनई अहइ जउन खुदइ प्रसिद्धि पावा न लइके ओका देइ क कोसिस करत ह, जउन ओका भेजे अहइ। ओहमाँ फिन कउनो तरह क खोट नाहीं रहत। 19 का तू पचन क मूसा व्यवस्था क दिहे अहइ? मुला तोहरे मँ स कउनो ओकर पालन नाहीं करत। तू मोका मार डावइ क कोसिस काहे बरे करत अहा?”
20 उ लोग इ जवाब दिहेन, “तोहरे ऊपर दुस्ट आतिमा चढ़ी अहइ जउन तोहका मार डावइ क कोसिस करत बाटइ।”
21 एकरे जवाब मँ ईसू कहेस, “मइँ एक चमत्कार करम करेउँ अउर तू पचे चकराइ गया। 22 इहइ कारण रहा कि मूसा तू पचन क, खतना क नियम दिहे रहा (इ नियम मूसा का नाहीं बरन, इ तउ तोहरे पूर्वजन स चला आवत रहा।) अउर तू सबित क दिन लरिकन क खतना करत ह। 23 अगर सबित क दिन कउनो क खतना इ बरे करइ जात ह कि मूसा क विधान बचा रहइ, उ टूटइ न पावइ तउ तू पचे मोरे ऊपर काहे गुस्सा करत अहा कि मइँ सबित क दिन एक मनई क एकदम ठीक कइ दीन्ह 24 जउऩ बात जइसे देखात अहइ, उहइ तरह ओहपइ निआव न करइ चाही, जउन एकदम ठीक बात होइ उहइ क आधार प निआव होय चाही।”
का ईसू ही मसीह अहइ?
25 फिन यरुसलेम मँ रहइवाले लोगन मँ स कछू कहेन, “का इहइ तउ उ मनई नाहीं अहइ जेहिका उ लोग मार डावा चाहत अहइँ? 26 मुला देखा; उ तउ सब मनइयन क बीच मँ बोलत अहइ अउर कउनो ओसे कछू नाहीं कहत अहइँ। का इ बात नाहीं होइ सकत कि यहूदी नेता क पता होइ ग होइ कि इहइ मसीह अहइ। 27 खैर हम सबका तउ पता होइ ग अहइ कि इ कहाँ स आइ बाटइ। जब असली मसीह आइ जाइ तउ कउनो न जान पाइ कि उ कहाँ स आवा।”
28 ईसू जब मन्दिर मँ उपदेस देत रहा तउ बड़े जोर स कहेस, “तू पचे मोका जानत अहा अउर इहउ जानत अहा कि मइँ कहाँ स आएउँ। मइँ अपनी कइँती नाहीं आइ अहउँ। मइँ ओकरे पास स आएउँ ह जउन मोका भेजे अहइ, उहइ सच्चा अहइ, तू पचे ओका नाहीं जानत अहा। 29 मुला मइँ ओका जानत अहउँ, काहेकि मोका उहइ पठएस।”
30 फिन उ पचे ओका बन्दी बनाइ क जतन करइ लागेन मुला कउनो ओह पइ हाथ नाहीं डाइ पाएस, एह बरे कि ओकर समइ अबहीं पूरा नाहीं भवा रहा। 31 तमाम मनई ओकरे मँ बिसवास करइ लागेन अउर कहइ लागेन, “जब मसीह आई तउ उ जेतना अद्भुत कारजन इ करत बा ओसे जियादा उ थोड़ा कइ पाई। का उ अइसा करी?”
यहूदियन क ईसू क बन्दी बनावइ क कोसिस
32 फरीसियन इ सुनेन कि भीड़ मँ तमाम मनई चुप्पे चुप्पे ईसू क बारे मँ कहत रहेन्ह अउर मुख्ययाजक अउर फरीसियन मन्दिर क सिपाहियन क ईसू क गिरफ्तार करइ बरे भेजेन। 33 फिन ईसू बोला, “मइँ तू पचेन्क साथ कछू समी तलक अउ रहब, फिन ओकरे पास वापिस लौट जाब, जउन मोका हियाँ भेजे अहइ। 34 तू पचे मोका ढूँढ़िब्या मुला ढूँढ़ि न पउब्या। काहेकि तू पचे हुवाँ तलक न जाइ पाउब्या जहाँ मइँ रहब।”
35 ऍकरे बाद यहूदी आपस मँ बतियाइ लागेन, “इ कहाँ जाइवाला अहइ, जहाँ हम पचे एँका न ढूँढ़ि पाऊब। साइत ह हुवाँ तउ नाहीं जात अहइ जहाँ हमार मनइयन यूनानी नगरन मँ तितर बितर होइके रहत हीं। का इ यूनानियन मँ उपदेस देई? 36 जउन इ कहत अहइ: ‘तू मोका ढूँढ़ि न पउब्या’ अउर ‘जहाँ मइँ रहब, हुवाँ तू पहुँच नाहीं सकत ह।’ ओकर क मतलब अहइ?”
ईसू पवित्तर आतिमा क उपदेस दिहेस
37 त्यौहार क आखिरी अउर जरूरी दिन ईसू ठाढ़ भवा अउर ऊँची आवाज मँ कहेस, “अगर कउनो पियासा अहइ तउ मोरे पास आवइ अउर पियइ। 38 जउन मनई मोरे मँ बिसवास करत ह, जइसा कि पवित्तर सास्तर मँ लिखा अहइ, ओकरे पवित्तर आतिमा स जीवन जल क नदियन फूट पड़िहइँ।” 39 ईसू इ पवित्तर आतिमा क बारे मँ बताए रहा। जेहिका उ पचे पइहीं जउन ओहमा बिसवास करत हीं, उ पवित्तर आतिमा अबहीं तलक नाहीं दीन्ह गइ अहइ, काहेकि ईसू अबहीं तलक महिमावान नाहीं भवा अहइ।
ईसू क बारे मँ लोगन क बातचीत
40 भीड़ क कछू मनई जउन इ सुनेन तउ कहइ लागेन, “इ मनई सच मँ नबी अहइ।”
41 कछू अउर मनई कहत रहेन, “इहइ मनई मसीह अहइ।”
कछू अउर मनई कहत रहेन, “मसीह गलील स न आई। का इ होइ सकत ह? 42 का पवित्तर सास्तर मँ नाहीं लिखा अहइ कि मसीह दाऊद क लरिका होई अउर बैतलहम स आई जउने सहर मँ दाऊद रहत रहा।” 43 ऍह तरह स ईसू क मनइयन मँ सब मनइयन क बीच मँ फूट पड़ि गइ। 44 कछू लोग ओका बन्दी बनावा चाहत रहेन मुला कउनो ओकरे प हाथ नाहीं डाएन।
यहूदी नेतन क अबिसवास
45 इ बरे मन्दिर क सिपाही मुख्ययाजक अउर फरीसियन क पास लौट आएन। एहि पइ ओनसे पूछा गवा, “तू ओका पकरिके काहे नाहीं लाया?”
46 सिपाहियन क जवाब रहा, “कउनो मनई आज तक अइसे नाहीं बोला, जइसे उ बोलत ह!”
47 ऍहि पइ फरीसियन ओनसे कहेन, “का तू पचे भरमाइ ग अहा? 48 कउनो यहूदी नेता या फरिसियन ओकरे मँ कबहुँ बिसवास नाहीं करे अहइँ। 49 मुला जउन मनइयन क व्यवस्था क जानकारी नाहीं अहइ, परमेस्सर ओनका सराप देत ह।”
50 नीकुदेमुस ओनसे कहेस इ उहइ रहा जउन पहिले ईसू क पास गवा रहा, इ ओन फरीसियन मँ स एक ठु अहइ, 51 “हमार व्यवस्था क तब तलक कउनो क दोखी नाहीं ठहरावत जब तलक ओका सुनि नाहीं लेत अउर इ पता नाहीं लगाइ लेत कि उ कउन करम करे अहइ।”
52 ऍकरे जवाब मँ उ पचे ओसे कहेन, “का तू भी गलील क अह्या? सास्तर क पढ़े स पता चलत ह कि गलील स कउनो नबी कबहूँ नाहीं आई।”
दुराचारी स्त्री स क छमा
53 [b] फिन उ पचे हुवाँ स अपने घर चला गएन।
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