M’Cheyne Bible Reading Plan
22 दाऊद कहेस, “यहोवा परमेस्सर क मन्दिर अउर इस्राएल क लोगन बरे भेंटन क बारइ क वेदी हिआँ बनी।”
दाऊद मन्दिर बरे जोजना बनावत ह
2 दाऊद आदेस दिहस कि इस्राएल मँ रहइवाले सबहिं तोहार बीच रहइवाला बिदेसी एक संग बटुरइँ। तोहार बीच रहइवाला बिदेसियन क उ समूह मँ स दाऊद सगंतरासन क चुनेस। ओनकर काम परमेस्सर क मन्दिर बरे पाथरन क काटिके तइयार करइ क रहा। 3 दाऊद दुआर क पालन बरे कीलन अउर चुलन बनावइ बरे बहोत सारा लोहा प्राप्त किहस। दाऊद ओतना काँसा भी प्राप्त किहस जउन तउला न जाइ सकइ। 4 अउर दाऊद ऍतने जियादा देवदारु क पेड़न बटोरेस जउन न गना जाइ सकेन। सीदोन अउ सोर क लोग बहोत स देवदारु क पेड़न लिआएन।
5 दाऊद कहेस, “हम क यहोवा बरे एक बिसाल मन्दिर बनावइ चाही। किन्तु मोरे पूत सुलैमान अबहुँ तलक बालक अउर अनुभवहीन अहइ। यहोवा क मन्दिर बहोत बिसाल होइहीं। एका अपनी बिसालता अउ सुन्दरता क बरे सबहिं रास्ट्रन मँ प्रसिद्ध होइ चाही। इहइ कारण अहइ कि मइँ यहोवा क मन्दिर बनावइ क जोजना बनाउब।” एह बरे दाऊद मरइ स पहिले मन्दिर बनावइ बरे बहोत स जोजना बनाएस।
6 तब दाऊद अपने पूत सुलैमान क बोलाएस। दाऊद सुलैमान स इस्राएल क यहोवा परमेस्सर बरे मन्दिर क बनावइ क कहेस। 7 दाऊद सुलैमान स कहेस, “मोर पूत, मइँ अपने परमेस्सर यहोवा क नाउँ बरे एक ठू मन्दिर बनावइ चाहत रहेउँ। 8 मुला यहोवा मोहसे कहेस, ‘दाऊद तू बहोत स जुद्ध किहा ह अउर बहोतस लोगन क मर्या ह एह बरे तू मोरे नाउँ क बरे मन्दिर नाहीं बनाइ सकत्या। 9 किन्तु तोहार एक पूत अहइ जउन सान्ति प्रिय अहइ। मइँ तोहरे पूत क सान्ति क समइ प्रदान करब। ओकरे चारिहुँ कइँती क दुस्मन ओका परेसान नाहीं करिहीं। ओकर नाउँ सुलैमान अहइ अउर मइँ इस्राएल क उ समइ सुख सान्ति देब जउने समइ सुलैमान राजा होइ। 10 सुलैमान मोरे नाउँ क एक मन्दिर बनाई सुलैमान मोरे पूत अउर मइँ ओकर बाप रहब अउर मइँ सुलैमान, क राज्ज क सक्तीसाली बनाउब अउर ओकरे परिवार क कउनो निअँबर सदा इस्राएल पर ही हुकूमत करी।’”
11 दाऊद इ भी केहस, “पूत, अब यहोवा तोहरे संग रहइ। तू सफल बना अउर जइसा यहोवा कहेस ह, अपने यहोवा क मन्दिर बनावा। 12 यहोवा तोहका इस्राएल क राजा बनाई। होइ सकत ह यहोवा तोहका बुद्धि अउ समुझ देइ जेहसे तू लोगन क मार्गदर्सन कइ सका अउर अपने यहोवा परमेस्सर क व्यवस्था क पालन कइ सका। 13 अउर तोहका कामयाबी तब मिली जब तू ओन नेमन अउर व्यवस्था क पालन मँ सावधान रहब्या जउन यहोवा मूसा क इस्राएल बरे दिहे रहा। सक्तीसाली अउर वीर रहा। जिन डेरावा अउ जिन निरास भवा।
14 “सुलैमान, मइँ यहोवा क मन्दिर क जोजना बनावइ मँ करी मेहनत किहेउँ ह। मइँ तीन हजार सात सौ पचास टन सोना दिहेउँ ह अउर मइँ लगभग सैंतीस हजार पाँच सौ टन चाँदी दिहउँ ह। मइँ कासाँ अउ लोहा ऍतना जियादा दिहेउँ ह कि तउला नाहीं जाइ सकत अउर मइँ लकड़ी अउ पाथर दिहेउँ ह। सुलैमान, तू एहमँ अउर जियादा जोर सकत ह। 15 तोहरे लगे बहोत स संगतरास अउ बढ़ई अहइँ। तोहरे लगे हर एक प्रकार क काम करइ वाले कुसल मनई अहइँ। 16 उ पचे सोना, चाँदी, काँसा, अउर लोहे क काम करइ मँ कुसल अहइँ। तोहरे लगे एतने जियादा कुसल मनई अहइँ कि उ पचे गने नाहीं जाइ सकतेन। अब काम सुरू करा अउर यहोवा तोहरे संग होइ।”
17 तब दाऊद इस्राएल क सबहिं प्रमुखन क आपने पूत सुलैमान क सहायता करइ क आदेस दिहेस। 18 दाऊद ओन प्रमुखन स कहेस, “यहोवा तोहर परमेस्सर तोहार संग अहइ। उ तोहका सान्ति क समइ दिहेस ह। उ हम लोगन क उ भुइँया मँ रहइवाले लोगन क पराजित करइ मँ मदद किहेस ह। अब यहोवा अउर ओकर लोग इ भुइँया पइ पूरा अधिकार किहेन ह। 19 अब तू अपने हिरदइ अउर आतिमा क अपने यहोवा परमेस्सर क समर्पित कइ द्या अउर उ जउन कहइ, करा। यहोवा परमेस्सर बरे पवित्तर जगह बनावा। यहोवा क नाउँ बरे मन्दिर बनावा। तब करार क सन्दूख अउ दूसर सबहिं पवित्तर चिजियन मन्दिर क अन्दर लिआवा।”
पत्नी अउर पति
3 इहइ तरह पत्नियन अपने पतियन क अधीनता मानत रहइँ। जइसेन यदि ओनमाँ स कउनो परमेस्सर क उपदेस क पालन नाही करतियन तउ उ पचे कछू तोहरे पवित्तर अउर आदरपूर्ण चाल चलन स जीत लीन्ह जाइँ, बिना कउनो बात-चीत क उ सबइ जउने तरह तू पचे अच्छी तरह स रहित अहा। 2 तोहार पति लोग तोहार पवित्तर जीवन क देखिही जउन तरह तू पचे परमेस्सर क आदर देत भए रहबिउँ। 3 तोहार साज सिंगार बाहरी न होइ क चाही महतलब जउन बाल क चोटी गुहइ, सोने क आभूसण पहिरइ अउर नीक नीक कपड़ा पहिरइ स होत ह। 4 बल्कि तोहार सिंगार तउ तोहरे भीतर क व्यक्तित्व होइ चाही जउन कोमल सान्त आतिमा क अविनासी सौन्दर्य स युक्त होइ। परमेस्सर क दृस्टि मँ जउन मुल्यावान होइ।
5 काहेकि बीते जुग मँ उ सबइ स्त्रियन क, अपने क सजावइ क इहइ ढंग रहा, जइसेन ओनकर सबइ आसा परमेस्सर प टिकी अहइँ उ पचे अपने पति क अधीन रहत रहिन। 6 जइसेन इब्राहीम क आग्या मानइवाली रहइवाली सारा जउन ओका आपन सुआमी मानत रही। तू पचे भी अगर नीक काम करत अहा अउर डेरात नाही अहा तउ सारा क बिटिया ही अहा।
7 अइसेन ही तू सबइ पति लोगन, अपनी पत्नियन क साथ समझदारी स रहा, काहेकि वह सारीरीक दृस्टि स कमज़ोर अहइँ। जीवन क बरदान मँ ओनका आपन आपन उत्तराधिकारी माना जइसेन तोहरे पराथना मँ बाधा पड़इ।
सत् कर्मन क खातिर दुःख झेलब
8 आखिर मँ तू पचन क सान्ति स रहइ चाही। एक दूसर क समझइ क कोसिस करा। एक दूसर स भाइयन क तरह पिरेम करा। दयालु अउर नरम बना। 9 एक बुराई क बदला दूसर बुराई स न द्या कि गाली क बदले गाली द्या। एकरे विपरीत आसीस द्या। काहेकि परमेस्सर तोह पचन क आसीर्बाद देइ बरे बोलाएस ह। इहइ स तू पचन्क परमेस्सर क आसीर्बाद क उत्तराधिकार मिली। 10 पवित्तर सास्तर कहत ह:
“जउन जीवन आनन्द उठाइ चाही
जउन समइ की सद्गति क देखइ चाही
ओका कि कबहूँ बुरा न बोलइ
उ अपने ओठन क छल वाणी स रोकइ
11 बुराई स अपने क अलग रखइ, उ करइ सदा उ नेक करमन क जउन
अहइ नीक चाही ओका कर जतन सान्ति पावइ चाही ओका अनुसरण करइ सान्ति क
12 पर्भू की आँखियन अहइँ टिकी ओनहियन प जो नीक अहइँ लागे
कान पर्भू क ओनकी पराथना प पइ जउन करत
अहइँ बुरा करम मुँहना सदा फेरत अहइ पर्भू ओनसे।” (A)
13 अगर जउन उत्तम अहइ तू पचे उहि क करइ क लालयित रहा तउ भला कउनो तोह सबन क नुकसान पहुँचाइ सकत ह। 14 मुला अगर तोहका भले क खातिर दुःख उठावइ क पड़इ तउ तू सब धन्य अहा। “इहइ खातिर कउनो क भय स भयभीत न रहा अउर न ही परेसान ह्वा अउर न विचालित।”(B) 15 अपने मन मँ मसीह क पर्भू क प्रति नरम ह्वा, श्रद्धा स नत ह्वा! तू जउन बिस्सास रखत अहा अगर कउनो ओकरे बार मँ पूछइ तउ सदा उत्तर देइ क तइयार रहा। 16 मुला विनम्रता अउर आदर क साथ अइसा करा। आपन हिरदइ सुद्ध राखा जइसेन अपने अच्छे मसीह व्यवहार स तोहरे नीक गुणन क निन्दा करइवाले तोहार अपमान करत भए लजाइँ।
17 अगर परमेस्सर क इहइ इच्छा अहइ कि क अच्छा बाटइ अच्छे काम करत भए दुःख उठावा इ नाहीं कि बुरा करत भए।
18 काहेकि ईसू मसीह भी हमरे पाप
खातिर दुःख उठाइस।
मतलब उ निर्दोस रहइ
हम सबइ पापियन खातिर एक बार मरि गवा
ताकि हमका परमेस्सर क नगीचे लइ जाइ।
सरीर क भाव स तउ उ मारा गवा
मुला आतिमा मँ जियावा गवा।
19 आतिमा क स्थिति मँ उ जाइके जउन जेल मँ बंदी आतिमन रहेन ओन बंदी भइयन आतिमन क उपदेस दिहेस। 20 जउन उ समइ परमेस्सर क आग्या न मानइवाली सबइ आतिमा रहिन जब नूह क नाव बनाई जात रही अउर परमेस्सर बड़े धीरज क साथ प्रतीच्छा करत रहा। उ नाव मँ थोड़ेन-मतलब आठइ मनई पानी स बचावा जाय सेकन। 21 इ पानी उ बपतिस्मा क तरह अहइ जेहसे अब तोहार उद्धारण होत अहइ। बपतिस्मा सरीर क मैल क छोड़ावइ बरे नाही अहइ, बल्कि सुद्ध अन्तकरण खातिर परमेस्सर स बिनती अहइ। अब तउ बपतिस्मा तोहका ईसू मसीह क पुनरुत्थान क दुआरा बचावत अहइ। 22 उ ईसू सरग मँ गवा अउर अब परमेस्सर क दाहिने हाथ बिराजमान अहइ अउर अब सरगदूत, अधिकारियन अउर सबइ सक्तियन ओकरे अधीन कइ दीन्ह गइ अहइँ।
सोमरोन अउ इस्राएल क सजा दीन्ह जाइ
1 यहोवा क सँदेस मीका लगे राजा योताम, आहाज अउ हिजकिय्याह क समइ मँ आवा। इ सबइ पुरुस यहूदा क राजा रहेन। मीका मोरेसेती स रहा। मीका सोमरोन अउर यरूसलेम क बारे मँ इ सबइ दर्सन देखेन।
2 हे लोगो, तू पचे सबहिं सुन ल्या!
हे धरती अउर जउन कछू धरती पइ अहइ, सुना।
मोर सुआमी यहोवा इ पवित्तर मन्दिर स आइ।
मोर सुआमी तोहरे विरोध मँ एक साच्छी क रूप मँ आइ।
3 लखा, यहोवा आपन जगह स बाहेर जात अहइ।
उ धरती क ऊँच जगहियन पइ चलइ बरे उतरिके तरखाले आवत अहइ।
4 परमेस्सर यहोवा क गोड़े क नीचे पहाड़ टेघर जइहीं,
घाटियन चरमराइ जइहीं।
जइसे आगी क समन्वा मोम टेघर जात ह,
जइसे ढालू जगह स पानी उतरत भवा बहत ह।
5 अइसा काहे होई? इ एह बरे होई कि याकूब अपराध किहेस ह।
काहेकि इस्राएल क लोग पाप किहेस ह।
सोमरोन, पापे क कारण
कउन याकूब स पाप कराए रहेन?
इ सोमरोन अहइ!
यहूदा मँ कउन ऊँच ठउरन अहइ?
उ सबइ यरूसलेम मँ अहइ।
6 एह बरे मइँ सोमरोन क खाली मइदान अउर खंडहरन क ढेर बनाउब।
इ अइसी जगह क नाईं होइ जब जेहमाँ अंगूर क बाग लगावा जात हीं।
मइँ सोमरोन क पाथरन क घाटी मँ फेंकि देब।
मइँ ओकरी सबहिं नेंव क प्रदर्सित कइ देब।
7 ओकर सबइ मूरतियन टूकन मँ तोरि दीन्ह जइहीं।
सारा धन जेका इ रण्डीबाज़ी दुआर कमाएस ह,
आगी स भसम होइ
अउर मइँ एकर लबार देवतन क मूरतियन क नस्ट कइ देब।
काहेकि उ सबइ लाभ रण्डीबाज़ी दुआरा हासिल किहेन ह,
अउर ठीक वइसा ही रण्डी क मजूरी मँ खर्च कीन्ह जाब।
मीका क महान दुःख
8 मइँ इ हाली आवइवाला बिनास क कारण बियाकूल होबउँ अउर हाय-हाय करिहउँ।
मइँ पनही न पहिरब अउर न ओढ़ना धारण करब।
सियारन क जइसे मइँ जोर स चिल्लाब।
मइँ विलाप करब जइसे सुतुर्मुर्ग करत हीं।
9 सोमरोन क घाव नाहीं भर सकत ह।
ओकर बियाधि यहूदा तलक फइलि गवा अहइ।
इ मोर लोगन्क नगर-दुआर तलक पहोंच गवा
बल्कि इ तउ यरूसलेम तलक आइ गवा ह।
10 एकर बात गात क नगरी मँ जिन करा।
अको मँ जिन रोआ।
विलाप करा
अउर बेत-आप्रा क माटी मँ लोटा।
11 हे सापीर क निवासिन,
तू अपने राहे नंगी अउर लज्जा होइके चली जा।
उ सबइ लोग, जउन सानान क बसइया अहइँ,
बाहेर नाहीं निकरिहीं।
बेतेसेल क लोग रोवत बिलखिहीं
अउर तू पचन्स सहारा लेइहीं।
12 अइसा उ मनई जउन मारोत क बसइया अहइ,
सुसमाचार आवइ क बाट जोहत भवा दुर्बल होत जात अहइ।
काहेकि यहोवा स तरखाले यरूसलेम क
मगर-दुआर पइ विपद उतरि अहइ।
13 हे लाकीस क बसइयो,
तेज घोड़न क रथन मँ जोरा।
सिय्योन क पाप लाकीस मँ सुरू भए रहेन।
काहेकि तू इस्राएल क पापन्क पाछे चलति अहा।
14 तउ तोहका गात मँ मोरेसेत क
बिदाई क उपहार देइ क अहइ।
अकजीब क घराना
इस्राएल क राजा लोगन क निरास करिहीं।
15 हे मारेसा क बसइयो,
तू पचन्क विरोध मँ मइँ एक ठु मनई क लिआउब जउन तू पचन्क सबइ चिजियन्क छोरि लेइ।
इस्राएल क महिमा
अदुल्लाम मँ आइ।
16 एह बरे तू पचे आपन बार कटवाइ ल्या अउर तू गंजा बनि जा।
काहेकि तू पचे आपन गदेलन बरे जेनसे तू पचे पियार करत रह्या रोउब्या चिल्लउब्या।
आपन मुड़ँन क गिद्ध क नाईं गंजा होइ द्या।
काहेकि उ पचे तू पचन्क छोड़ि देइ अउर बाहेर निकरि जाइ बरे मजबूर होइ जइहीं।
ईसू बहत्तर चेलन क पठएस
10 इ सबइ घटि जाइके पाछे पर्भू बहत्तर[a] अउर मनइयन क तैनात किहस अउर फिन जउन जउन सहरन अउर ठिकानन प ओका खुद जाइके रहा, दुइ दुइ कइके उ ओनका उ आपन स अगवा पठएस। 2 उ ओनसे बोला, “फसल खूब जिआदा बा, मुला काम क करइया मजूर कम अहइँ। एह बरे फसल क पर्भू स बिनती करा कि उ आपन फसल मँ मजूर पठवइ।
3 “जा अउर सुमिरत रहा, मइँ तोहका बिगवन क बीच भेड़ क मेमनन क नाईं पठवत अहउँ। 4 कउनो बटुआ आपन संग जिन ल्या, न थैला अउर न ही पनही। राहे मँ कउनो स पैलगी तलक जिन करा। 5 जउनो घरवा मँ जा, सब ते पहिले कहा, ‘इ घरवा क सान्ति मिलइ।’ 6 जदि हुवाँ कउनो सान्ति क मनई होई तउ तोहार सान्ति ओका मिली। मुला जदि उ मनई सान्ति क न होई तउ तोहार सान्ति लौटि आई। 7 जउन कछू उ पचे तोहका देइँ। ओका खात पिअत उहइ घरवा मँ ठहरा। काहेकि मजूरी प मजूर क हक अहइ। घर घर जिन फिरा।
8 “अउर जब कबहूँ तू कउनो सहर मँ जा अउर उ सहर क मनई तोहार सुआगत करइँ तउ जउन कछू तोहका परसई, बस उहइ खा। 9 उ सहर क बेरमियन क बीमार स जरटुट करा अउर ओनसे कहा, ‘परमेस्सर क राज्य तोहरे नगिचे आइ पहुँचा बा!’
10 “अउर जब कबहूँ तू कउनो अइसे सहर मँ जा जहाँ क मनई तोहार मानसम्मान न करइँ, तउ हुवाँ क गलियन मँ जाइके कहा, 11 ‘इ सहर क उ धूरि तलक जउन हमरे गोड़े मँ चिपकी रही, हम तोहरे खिलाफ हिआँ झार देत अही। फिन भी इ धियान रहइ कि परमेस्सर क राज्य नगिचे आइ गवा बा।’ 12 मइँ तोहसे कहत हउँ कि उ दिन उ सहर क लोगन स सदोम क लोगन क दसा कहूँ नीक होइ।
बिसवास न करइवालन क चिताउनी
(मत्ती 11:20-24)
13 “अरे खुराजीन, अरे बैतसैदा, तोहका धिक्कार अहइ काहेकि जउन अद्भुत कारजन तोहमाँ कीन्ह गएन, जदि ओनका सूर अउर सैदा मँ कीन्ह जात तउ न जानी कबहूँ उ टाट क कपरा पहिरि के राखि प बइठिके मनफिराव कइ लेतेन। 14 कछू भी होइ निआव क दिन सूर अउर सैदा क हालत तोहसे कहूँ नीक होई। 15 अरे कफरनहूम का तू सर्ग क ऊँचाई क तरह ऊँचा उठब्या? तू तउ तरखाले नरक मँ जाब्या।
16 “चेलो! जउन कउनो तोहका सुनत ह, मोका सुनत ह, अउर जउन कउनो तोहका दुरियावत ह, उ मोका दुरियावत ह जउन मोका पठएस ह। अउर जउन मोका नकारत ह उ उसे नकारत ह जउन मोका पठएस ह।”
सइतान गिरत ह
17 फिन उ सबइ बहत्तर आनन्दित होइके वापस लउटेन अउर बोलेन, “हे पर्भू, दुस्ट आतिमन तलक तोहरे नाउँ मँ हमार हुकुम मानत हीं!”
18 ऍह पइ ईसू ओनसे कहेस, “मइँ सइतान क अकास स बिजरी क नाईं गिरत लखेउँ ह। 19 सुना, कीरा अउर बीछी क गोड़े तरे रौंदब अउर सइतान क समूची सक्ती प हावी होइ क सामर्थ मइँ तोहका दिहे अही। तोहका कउनो नसकान नाहीं पहुँचाइ पाई। 20 मुला इ बात प खुस जिन ह्वा कि आतिमन तोहरे बसे मँ अहइँ बल्कि एह पइ खुस होइ जा कि तोहार नाउँ सरगे मँ लिखा बाटइ।”
ईसू क परमपिता स पराथना
(मत्ती 11:25-27; 13:16-17)
21 उहइ छिन उ पवित्तर आतिमा मँ रहिके आनंद मँ रहा अउर बोला, “हे परमपिता हे सरग अउर धरती क पर्भू! मइँ तोहार स्तुति करत हउँ कि तू इ बातन क चतुर अउर बुद्धिमान मनइयन स छुपाइ के राखत भवा भी गदेलन बरे ओनका परगट कइ दिहा ह। हे परमपिता! सचमुच ही तू अइसा ही करब चाहत रह्या।
22 “मोका मोरे परमपिता क जरिये सब कछू दीन्ह ग अहइ अउर परमपिता क अलावा कउनो नाहीं जानत कि पूत कउन अहइ अउर पूत क अलावा कउनो नाहीं जानत कि परमपिता कउन अहइ या ओकरे अलावा जेका पूत ऍका परगट करइ चाहत ह।”
23 फिन चेलन कइँती मुड़िके ईसू चुप्पे स कहेस, “धन्य अहइँ उ आँखिन जउन तू देखत अहा, ओका देखत हीं। 24 काहेकि मइँ तोहका बतावत हउँ कि उन बातन क बहोत स नबी अउर राजा देखइ चाहत रहिन, जेनका तू देखत रह्या, मुला देखि नाहीं सक्या। जउन बातन क तू सुनत रहत ह, उ सबइ ओनका सुनइ चाहत रहेन, मुला उ पचे सुन नाहीं पाएन।”
नीक सामरी क कथा
25 तब एक धरम सास्तरी खड़ा भवा अउर ईसू क परीच्छा लेइ बरे ओसे पूछेस, “गुरु, अनन्त जीवन पावइ बरे मइँ का करउँ?”
26 ऍह पइ ईसू ओनसे कहेस, “व्यवस्था मँ का लिखा बाटइ? तू हुवाँ का पढ़त ह?”
27 धरम सास्तरी उत्तर दिहस, “‘तू आपन समूचा मन, सारी आतिमा, सारी सक्ती अउर सारी बुद्धि क संग आपन पर्भू स पिरेम करा।’(A) अउर ‘आपन पड़ोसी स भी वइसे ही पिआर करा, जइसे तू आपन खुद स करत ह।’”
28 तब ईसू ओसे कहेस, “तू ठीक जवाब दिहा ह। तउ तू अइसा ही करा अउर ऍहसे तू जीवित रहब्या।”
29 मुला उ आपन ताई निआव स जुरा भवा ठहरावइ क इच्छा करत भवा ईसू स कहेस, “अउर मोर परोसी कउन अहइ?”
30 ईसू जवाबे मँ कहेस, “देखा, एक मनई यरूसलेम स यरीहो जात रहा कि उ डाकुअन स घिरि गवा। उ पचे सब कछू मुच्छ कइ ओका नंगा कइ दिहन अउर मार पीटिके ओका अधमरा छोड़ि के उ पचे चल दिहन।
31 “अब संजोग स उहइ रस्ता स एक यहूदी याजक जात रहा। जब उ एका निहारेस तउ दूसर कइँती चला गवा। 32 उहइ रस्ता स गुजरत भवा, एक लेवी[b] भी हुवाँ आवा। उ ओका देखेस अउर उ भी दूसरी कइँती चला गवा।
33 “मुला एक सामरी भी जात भवा हुवँई आइ गवा जहाँ उ ओलार दीन्ह ग रहा। उ जब उ मनई क देखेस तउ ओकरे बरे ओकरे मन मँ करुना आइ। 34 तउ उ ओकरे नगिचे आवा ओकरे घाउन प तेल अउर दाखरस डाइके पट्टी बाँधेस। फिन उ ओका आपन पसु प लदिके एक ठु सराय मँ लइ गवा अउर ओका देखइ भालइ लाग। 35 दूसरे दिन उ दुइ दीनार निकारेस अउर ओनका भटियारा क देत भवा कहेस, ‘ऍकर धियान रख्या अउर ऍसे जिआदा जउन कछू खरच होइ, जब मइँ लौटिहउँ, तोहका चुकाइ देबूँ।’
36 “बतावा तोहरे बिचार स डाकुअन क बीच घिरे भए मनई क पड़ोसी इ तीनउँ मँ स कउन भवा?”
37 धरम सास्तरी कहेस, “उहइ जउन ओहॅ प दाया किहेस।”
ऍह पइ ईसू ओनसे कहेस, “जा अउर वइसा ही करा जइसा उ किहेस ह।”
मरियम अउर मार्था
38 जब ईसू अउर ओकर चेलन आपन राहे प जात रहेन तउ ईसू एक गाउँ मँ पहुँचा। एक स्त्री, जेकर नाउँ मार्था रहा, दिल खोलिके ईसू क अगवानी अउर सम्मान किहेस। 39 मार्था क बहिन मरियम नाउँ क रही जउन ईसू क गोड़वा मँ बैठि गई अउर जउन कछू उ कहत रहा, ओका सुनत रही। 40 ओहॅर तरह तरह क तइयारी मँ लाग मार्था बियाकुल होइके आइ अउर बोली, “पर्भू, का तोहका चिंता नाहीं कि मोर बहिन सारा काम बस मोहे प डाइ दिहे अहइ? एह बरे ओसे मोर मदद करइ क कहा?”
41 पर्भू ओका जवाब दिहेस, “मार्था अरी मार्था! तू बहोत स बातन क बरे चिंता मँ बूड़ी अउर बियाकुल रहत ह। 42 मुला बस एक ही बात जरूरी अहइ। मरियम आपन बरे उहइ उत्तिम हींसा क चुने बाटइ, तउ उ ओसे छीना नाहीं जाई।”
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