M’Cheyne Bible Reading Plan
एलीसा अउ लौह फलक
6 नबियन क समूह एलीसा स कहेस, “जहाँ पइ हम लोग रहत अहइँ उ जगह हमरे बरे बहोत छोट अहइ। 2 हम लोग यरदन नदी क चली अउर कछू लकड़ियन काटी। हम पचन मँ स हर एक-एक ठु लट्ठा लेइ अउर हम लोग अपने बरे रहइ क एक ठउर हुवाँ बनाई।”
एलीसा कहेस, “बहोत नीक, जा अउर करा।”
3 ओनमाँ स एक मनई कहेस, “कृपा कइके हमरे संग चलइँ।”
एलीसा कहेस, “बहोत नीक, मइँ तोहरे संग चलब।”
4 एह बरे एलीसा नबियन क समूह क संग गवा। जब उ पचे यरदन नदी पइ पहोंचेन तउ उ पचे कछू बृच्छ काटइ सुरू किहन। 5 मुला जब एक मनई एक ठु बृच्छ काटत रहा तउ कुल्हाड़ी क लोहा क फलक कुल्हाड़ी स निकर गवा अउर पानी मँ गिर पड़ा। तब उ मनई चिचियान, “हे सुआमी, मइँ उ कुल्हाड़ी उधार लिहे रहेउँ।”
6 परमेस्सर क जन (एलीसा) कहेस, “उ कहाँ गिरी?”
उ मनई एलीसा क उ ठउर देखाएस जहाँ लोहा क फलक गिरा रहा। तब एलीसा एक ठु डण्डी काटेस अउर उ डण्डी क पानी मँ लोकाइ दिहस। उ डण्डी लोहा क फलक क तैराइ दिहस। 7 एलीसा कहेस, “लोहा क फलक क पकड़ ल्या।” तब उ मनई अगवा बढ़ा अउर उ लोहे क फलक लइ लिहस।
अराम क राजा इस्राएल क राजा क फँसावइ क जतन करत ह
8 अराम क राजा इस्राएल क खिलाफ जुद्ध करत रहा। उ फउज क अधिकारियन क संग परिषद क बैठक बोलाएस। उ हुकुम दिहस, “इ ठउरे पइ लुकाई जा अउर इस्राएलियन पइ तब आक्रमण करा जब हिआँ स होइके निकरउँ।”
9 मुला परमेस्सर क जन (एलीसा) इस्राएल क राजा क एक सँदेसा पठएस। एलीसा कहेस, “सावधान रहा। उ ठउरे स होइके जिन जा। हुवाँ अरामी फउजी छिपे अहइँ।”
10 इस्राएल क राजा उ ठउरे पइ जेकरे बारे मँ परमेस्सर क जन चितउनी दिहे रहा, आपन मनइयन क सँदेसा पठएस। इ एक या दुई दाईं स जियाद भवा।
11 अराम क राजा एहसे बहोत घबरान। अराम क राजा आपन फउजी अधिकारियन क बोलाएस, अउर ओनसे पूछेस, “मोका बतावा कि इस्राएल क राजा बरे जासूसी कउन करत अहइ।”
12 अराम क राजा क फउजी अधिकारियन मँ स एक कहेस, “मोर पर्भू अउ राजा, हम पचन मँ स कउनो भी जासू नाहीं अहइ। एलीसा, इस्राएल क नबी इस्राएल क राजा क अनेक गुप्त सूचना दइ सकत ह, हिआँ तलक कि आप जउन अपने बिछउना मँ कहिहीं, ओकर भी।”
13 अराम क राजा कहेस, “एलीसा क पता लगावा अउर मइँ ओका धरइ बरे मनइयन क पठउब।”
सेवकन अराम क राजा स कहेस, “एलीसा दोतान मँ अहइ।”
14 तब अराम क राजा घोड़न, रथ अउ विसाल फउज क दोतान पठएस। उ पचे रात क पहोंचेन अउर पचे नगर क घेर लिहन। 15 एलीसा क सेवक उ भिंसारे हाली उठेन। एक सेवक बाहेर गवा अउर उ एक फउज क घोड़न अउ रथन क संग नगर क चारिहुँ कइँती लखेस।
एलीसा क सेवक एलीसा स कहेन, “ओह, मोर सुआमी हम का कइ सकित ह?”
16 एलीसा कहेस, “डेराअ जिन। उ फउज जउन हमरे बरे जुद्ध करत ह, उ फउज स बड़ी अहइ जउन अराम क बरे जुद्ध करत ह।”
17 तब एलीसा पराथना किहेस अउर कहेस, “यहोवा, मइँ तोहसे पराथना करत हउँ कि तू मोरे सेवक क आँखिन खोला जेहसे उ लखि सकइ।”
यहोवा जुवक क आँखिन खोलेस अउ सेवक लखेस कि पूरा पर्वत आगी क घोड़न अउ रथन स ढका पड़ा रहा। उ पचे सबहिं एलीसा क चारिहुँ कइँती रहेन।
18 इ सबइ आगी क घोड़न अउ रथ एलीसा क लगे आएन। एलीसा यहोवा स पराथन किहेस अउर कहेस, “मइँ पराथना करत हउँ कि तू एन लोगन क आँधर कइ द्या।”
तब यहोवा अरामी फउज क आँधर कइ दिहस, जइसे एलीसा पराथना किहे रहा। 19 एलीसा अरामी फउज स कहेस, “इ गलत मारग अहइ। इ उ सहर नाहीं अहइ जेका तू खोजत ह। मोरे पाछे आवा। मइँ उ मनई क लगे तू पचन क लइ जाब जेकर खोज तू करत अहा।” तब एलीसा अरामी फउज क सोमरोन लइ गवा।
20 जब उ पचे सोमरोन पहोंचेन तउ एलीसा कहेस, “यहोवा, ऍन लोगन क आँखिन खोल द्या जेहसे इ सबइ लखि सकइँ।”
तब यहोवा ओनकर आँखिन खोल दिहस अउर अरामी फउज लखेस कि उ सोमरोन नगर मँ रहेन। 21 इस्राएल क राजा अरामी फउज क लखेस। इस्राएल क राजा एलीसा स पूछेस, “मोरे बाप, का मइँ एनका मार डावउँ?”
22 एलीसा जवाब दिहस, “नाहीं, ओन लोगन क जिन मारा। तू ओनका आपन तरवार या धनुस स नाहीं पकड़ेस ह किन्तु तू तउ अब ओन मनइयन क मराइ चाहत ह अरामी फउज क कछू रोटी पानी द्या। ओनका खाइ पिअइ द्या। तब एनका अपने सुआमी क लगे लउटि जाइ द्या।”
23 इस्राएल क राजा अरामी सेना बरे बहोत स भोजन तइयार कराएस। अरामी फउज खाएस-पीएस। तब इस्राएल क राजा अरामी फउज क ओनके घरे वापस पठइ दिहस। अरामी फउज अपने सुआमी क लगे क घर लउटे गइ। अरामी लोग एकरे पाछे इस्राएल पइ आक्रमण करइ बरे फुन कउनो फउज नाहीं पठएस।
भयंकर भुखमरी सोमरोन क कस्ट देत ह
24 जब इ सब होइ गवा तउ अराम क राजा बेन्हदद अपनी सारी फउज बटोरेस अउ उ सोमरोन नगर पइ घेरा डावइ अउर ओह पइ आक्रमण करइ गवा। 25 फउजियन लोगन क नगर मँ भोजन सामग्री भी नाहीं लिआवइ दिहन। एह बरे सोमरोन मँ भयंकर भुखमरी क समइ आइ गवा। इ ऍतना भयंकर रहा कि एक गदहे क मूँड़ चाँदी क अस्सी सिक्कन मँ बिकइ लाग अउर एक ठु छोटा टोकरी कबूतर क गोबरी क कीमत पाँच चाँदी क सिक्कन रही।
26 इस्राएल क राजा नगर क प्राचीर पइ घूमत रहा। एक ठु मेहरारू चिचिआइके ओका गोहराएस। उ मेहरारू कहेस, “मोर पर्भू, अउर राजा, कृपा करके मोर मदद करइँ।”
27 इस्राएल क राजा कहेस, “जदि यहोवा तोहार मदद करत तउ मइँ कइसे तोहका मदद दइ सकत हउँ? मोरे लगे तोहका देइ क कछू भी नाहीं अहइ। खरिहानन स कउनो अन्न नाहीं आवा, या दाखरस क कारखाने स कउनो दाखरस नाहीं आइ।” 28 तब इस्राएल क राजा उ मेहरारू स पूछेस, “तोहार परेसानी का अहइ?”
मेहरारू जवाब दिहेस, “इ मेहरारू मोहसे कहेस, ‘आपन पूत क मोका द्या जेहसे हम ओका मार डाइ अउर ओकर आज खाइ लेइ। फुन काल्ह मइँ आपन पूत क मारिके खाउब्या।’ 29 तब हम आपन पूत क पकावा अउर खावा। तब दूसरे दिन इ मेहरारू स कहेउँ, ‘आपन पूत क द्या जेहसे हम ओका मार सकी अउर खाइ सकी।’ किन्तु उ आपन पूत क छुपाए दिहेस ह।”
30 जब राजा उ मेहरारू क बातन सुनेस तउ उ आपन ओढ़नन क अपनी सम्सया बतावइ बरे फार डाएस। जब राजा प्राचीर स होइके चला तउ लोग लखेन कि उ आपन पहिरावे क नीचे मोटा वस्त्र पहिरे रहा जेहसे पता चलत रहा कि उ बहोत दुखी अउ परेसान अहइ।
31 राजा कहेस, “परमेस्सर मोका निहचित ही दण्डित करइ जदि सापात क पूत एलीसा क मूड़ इ दिन क आखिर तलक भी ओकरे धड़ पर रहि जाइ।”
32 राजा एलीसा क लगे एक ठु सँदेसवाहक पठएस। एलीसा आपन घरे मँ प्रमुखन क संग बइठा रहा। सँदेसवाहक क अवाइ क पहिले एलीसा प्रमुखन स कहेस, “लखा, उ हत्तियारा क पूत (इस्राएल क राजा) लोगन क मोर मूँड़ काटइ क पठवत अहइ। जब सँदेसवाहक आवइ तउ दरवाजा बन्द कइ ल्या। दरवाजा क बन्द रखा अउर ओका घुसइ जिन द्या। एहमाँ कउनो सक नाहीं कि ओकर सुआमी क कदमन क आवाज़ ओकरे पाछा करब्या।”
33 जउने समइ एलीसा अग्रजन स बातन करत ही रहा, सँदेसवाहक ओकरे करीब आवा। सँदेसा इ रहा: “इ बिपत्ति यहोवा कइँती स आई अहइ। मइँ यहोवा क प्रतीच्छा आगे अउर काहे करउँ?”
कलीसिया क निरीच्छक
3 इ एक बिसवास करइ जोग्ग कथन बा कि अगर केउ निरिच्छक बनइ चाहत ह तउ उ एक अच्छे कामे क इच्छा रखत ह। 2 अब देखा ओका एक अइसी जिन्नगी जिअइ चाही जेकर लोग निआव स भरी आलोचना न कइ पावइँ। ओकर एकई पत्नी होइ चाही, ओका आत्मसंयमी, सुसील अउर अतिथि सत्कार करइवाला अउर सिच्छा देइ मँ निपुण होइ चाही। ओका पइसा क पिरेमी न होइ चाही। 3 ओका पियक्कड़ न होइ चाही, न तउ ओका झगड़ालू होइ चाही। ओका तउ सज्जन अउर सान्ति प्रेमी होइ चाही। ओका पैसे का पिरेमी न होइ चाही। 4 अपने परिवारे क उ अच्छा प्रबन्धक होइ अउर ओनकर बच्चन ओरके कब्जे मँ रहत रहइँ। ओकर पूरा सम्मान करत होइँ। 5 अगर केउ अपने परिवारे क प्रबन्ध करइ नाहीं जानत तउ उ परमेस्सर क कलीसिया क प्रबन्ध कइसे कइ पाई?
6 उ एक नवा बिसवासी न होइ चाही ताकि उ अहंकार स फूलि न जाइ। अउर ओका सइतान क जइसा दण्ड पावइ पड़इ। 7 एकरे अलावा बाहेर क लोगन मँ भी ओकर अच्छी इज्जत होइ चाही ताकि उ कउनउ आलोचना मँ फँसिके सइतान क फंदा मँ न पड़ि जाइ।
कलीसिया क सेवक
8 इही तरह कलीसिया क सेवकन केउ आदरणीय होइ चाही अउ ओका अउर दु मुँहा न होइ चाही। ओकर मदिरापान मँ रुचि न होई चाही। बुरे रस्तन स ओनका धन कमाइ क इच्छुक न होइ चाही। 9 ओनका तउ पवित्तर मने स हमरे अभिव्यक्त सत्यन क थामे रखइ चाहे। 10 ऐन्हेऊ क पहिले निरीच्छकन क समान परखा जाइ चाही फिन अगर ओनके विरोध मँ कछू आपत्ति न होइ तबहिं एनका कलीसिया क सेवकन क न रूप मँ सेवा काम करइ देइ चाही।
11 इही तरह स्त्रीयन क भी सम्मान क जोग्ग होइ चाही। ओनका निंदक न होइ चाही। बल्कि सालीन अउर सब तरह स भरोसा करइवाली होइ चाही।
12 कलीसिया क सेवक क केवल एक्कई पत्नी होइ चाही अउर ओका आपन बाल बच्चन अउर अपने घरारन क अच्छा प्रबन्धक होइ चाही। 13 काहेकि अगर क कलीसिया क अइसेन सेवक क रूप मँ होइहीं जउन अच्छा सेवा प्रदान करत हीं, तउ उ पचे अपने बरे सम्मान स भरा स्थान अर्जित करिहीं। मसीह ईसू क बरे बिसवासे मँ जरूरइ ओनकइ आस्था होई।
हमार जीवन क रहस्य
14 मइँ इ आसा क साथे तोहे इ बातन क लिखत हउँ कि जल्दी ही तोहरे लगे आउबइ। 15 अगर मोका आवइ मँ समइ लग जाइ तउ तोहे सबन क पता रहइ कि परमेस्सर क परिवारे मँ, जउन सजीव परमेस्सर क कलीसिया बा, कउनो क आपन व्यवहार कइसे रखइ चाही। कलीसिया तउ सब क जड़ अउर आधार स्तम्भ अहइ। 16 बिना संदेह क हमरे भक्ति का रहस्य महान बाटइः
उ नर-देह धरे परगट भवा
आतिमा द्वारा धर्मी प्रमाणित भवा
देखेन ओका सरगदूतन हुआ
प्रचारित उ राष्ट्रन मँ,
जग तउ ओहपइ बिसवास किहेस,
अउर उठावा गवा ओका महिमा मँ उप्पर।
हिद्देकेल नदी क किनारे दानिय्येल क दर्सन
10 कुसू फारस क राजा रहा। कुसू क सासनकाल क तीसरे बरिस दानिय्येल क एन बातन क दैवी संदेस मिला। (दानिय्येल क ही दूसर नाउँ बेलतसस्सर रहा) इ सबइ बातन फुरइ रहेन किन्तु समुझइ बरे बहोत कठिन रहेन। किन्तु दानिय्येल ओन क समुझ गवा। उ सबइ बातन एक दर्सन मँ ओका समुझाई गई रहिन।
2 दानिय्येल क कहब अहइ, उ समइ, मइँ दानिय्येल, तीन हफ्तन तलक बहोत दुःखी रहा। 3 ओन तीन हफ्तन क दौरान, मइँ कउनो भी उत्तम खाना नहीं खाएउँ। मइँ दाखरस नाहीं पिएउँ। कउनो भी तरह क तेल मइँ आपन मुँड़े पइ नाहीं डाएउँ। तीन हफ्ता तलक मइँ अइसा कछू भी नाहीं किहेउँ।
4 बरिस क पहिले महीने क चउबीसवें दिन मइँ हिद्देकेल महानदी क किनारे खड़ा रहेउँ। 5 हुवाँ खड़े-खड़े जब मइँ ऊपर कइँती लखेउँ तउ हुँवा मइँ एक मनई क आपन समन्वा खड़ा पाएउँ। उ सन क कपड़ा भवा रहा। ओकर करिहाउँ मँ निखालिस सोना क बनी भइ कमर बंर रही। 6 ओकर बदन चमचमात पाथर क जइसे रही। ओकर मुँह बिजुरी क समान उज्जर रहा। ओकर बाँहन अउर ओकर गोड़ चमकदार पीतर स झिलमिलात रहेन। ओकर अवाज एतनी ऊँच रही जइसे लोगन क भीड़ क अवाज होत ह।
7 इ दर्सन बस मोका, दानिय्येल क भवा। जउन लोग मोरे संग रहेन, उ सबइ जदपि उ दर्सन क नाहीं लखि पाएन किन्तु उ सबइ फुन डर गए रहेन। उ पचे एतना डर गएन कि पराइके कहूँ जाइ छिपेन। 8 तउ मइँ अकेल्ला छूटि गएउँ। मइँ उ दर्सन क लखत रहेउँ अउर उ दृस्य मोका भयभीत कइ डाए रहा। मोर सक्ति जात रही। मोर मुहँ अइसे पिअर पड़ गवा जइसे माना उ कउनो मरे भए मनई क मुँह होइ। मइँ बेवस रहा। 9 फुन दर्सन क उ मनई क मइँ बात करत सुनेउँ। मइँ ओकर अवाज क सुनत ही रहेउँ कि मोका गहिर नींद घेरि लिहस। मइँ धरती पइ औधें मुँह पड़ा रहेउँ।
10 फिन एक हाथ मोका छुइ लिहस। अइसा होइ पइ मइँ आपन हाथन अउ आपन घुटनन क बल खड़ा होइ गवा। मइँ डर क मारे थर-थर काँपत रहेउँ। 11 दर्सन क उ मनई मोहसे कहेस, “दानिय्येल, तू परमेस्सर क बहोत पियारा अहा। जउन सब्द मइँ तोहसे कहउँ ओह पइ तू सावधानी से पियार करा। खड़ा ह्वा। मोका तोहरे लगे पठवा गवा ह।” जब उ अइसा कहेस तउ मइँ खड़ा होइ गवा। मइँ अबहुँ भी थर-थर काँपत रहेउँ काहेकि मइँ डेरान भवा रहा। 12 एकरे बाद दर्सन क उ मनई फुन बोलन सुरू किहेस। उ कहेस, “दानिय्येल, जिन डेराअ। पहिले ही दिन स तू इ निहचइ कइ लिहे रह्या कि तू परमेस्सर क समन्वा विवेक पूर्ण अउर विनम्र रहब्या। परमेस्सर तोहार पराथनन क सुनत रहत ह। तू पराथना करत रहा ह, मइँ एह बरे तोहरे लगे आवा हउँ। 13 किन्तु फारस क जुवराज (सरगदूत) इक्कीस दिन तलक मोर संग लड़त रहा अउर मोका तंग करत रहा। एकरे बाद मिकाएल जउन एक बहोतइ महत्व पूर्ण जुवराज रहा। मोर मदद बरे मोरे लगे आवा काहेकि मइँ हुवाँ फारस क राजा क संग अरइ भवा रहा। 14 हे दानिय्येल, अब मइँ तोहरे लगे तोहका उ बतावइ क आवा हउँ जउन भविस्स मँ तोहरे लोगन क संग घटइवाला अहइ। कहा सपना आवइवाले भविस्स क बारे मँ अहइ।”
15 अबहिं उ मनई मोहसे बात ही करत रहा कि मइँ धरती क तरफ़ खाले मुँह निहुराइ लिहेउँ। मइँ बोल ही नाहीं पावत रहा। 16 फुन कउनो जउन मनई क जइसा देखाइ देत रहा, मोरे होठन क छुएस। मइँ आपन मुहँ खोलेउँ, अउ बोलब सुरू किहेउँ। मोरे समन्वा जउन खड़ा रहा, ओहसे मइँ कहेउँ, “महोदय, मइँ दर्सन मँ जउन लखे रहेउँ, मइँ ओहसे बियावुल अउ भयभीत अहउँ। महँ अपने क बेसहारा समुझत हउँ। 17 मइँ तोहार दास हउँ। मइँ तोहसे कइसे बात कर सकत हउँ? मोर सक्ति जात रहत ह। मोहसे तउ साँस भी नाहीं लीन्ह जात ह।”
18 मनई जइसे देखात भए उ मोका फुन छुएस। ओकरे छुअत स मइँ मज़बूत बनि गवा। 19 फुन उ बोला, “दानिय्येल, डेराअ जिन। परमेस्सर तोहसे बहोत पिरेम करत ह। तोहका सान्ति प्राप्त होइ। अब तू सुदृढ़ होइ जा। सुदृढ़ होइ जा।”
उ मोहसे जब बात किहेस तउ मइँ अउर जियादा सक्तिसाली होइ गवा। फुन मइँ ओहसे कहेउँ, “सुआमी! आप तउ मोका सक्ति दइ दिहा ह। अब आप बोल सकत हीं।”
20 तउ उ फुन कहेस, “दानिय्येल, का तू जानत अहा, मइँ तोहरे पास काहे आवा हउँ? फारस क जुवराज स जुद्ध करइ क बरे मोका फुन वापस जाब अहइ। मोरे चले जाइ क बाद युनान क जुवराज हिआँ आइ। 21 किन्तु दानिय्येल आपन जाइ स पहिले तोहका सब स पहिले मोका इ बताउब अहइ कि सच क पुस्तक मँ का लिखा अहइ। ओन बुरे राजकुमारन क विरोध मँ मीकाएल सरगदूत क अलावा मोरे संग कउनो नाहीं खड़ा होत। मीकाएल उ राजकुमार अहइ जउन तोहरे लोगने पइ हुकूमत करत ह।
आलेफ
1 जउन लोग इमानदारी स जीवन जिअत हीं, उ सबइ कामयाब रहत हीं।
अइसे लोग यहोवा क सिच्छा पइ चलत हीं।
2 लोग जउन यहोवा क करार पइ चलत हीं, उ पचे कामयाब रहत हीं।
आपन समूचइ मन स उ पचे यहोवा क मानइ बरे खोजत हीं।
3 उ पचे लोग बुरा काम नाहीं करतेन।
उ पचे यहोवा क आग्या क मानत हीं।
4 हे यहोवा, तू आपन उपदेस इ बरे दिहा ह,
हम पचे ओका धियान स पालन कइ सकी।
5 हे यहोवा, मइँ सदा तोहरे कानून क
नियमित रूप स पालन करेउँ,
6 तब जब मइँ तोहर सबइ आग्यन क पढ़ब
मइँ कबहुँ भी नाहीं लजाब।
7 मइँ तोहार स्तुति पूरी मन स करब
जेतॅना जियादा मइँ तोहरे फइसलन क बारे मँ सिखेउँ ह।
8 हे यहोवा, मइँ तोहरे कानूनन क पालन करब।
तउ कृपा कइके मोका पूरी तरह स जिन बिसरा।
बैथ
9 एक जवान मनई तोहरे निर्देसन पइ चलइ कइ
कइसे आपन जीवन पवित्तर रख पावइ?
10 मइँ, आपन पूर्ण मन स यहोवा क सेवा क जतन करत हउँ।
कृपा कइके तोहरे आग्यन क मानइ मँ मोका जिन गल्ती करइ द्या।
11 मइँ धियान पूर्वक तोहार वचन याद किहेउँ ह।
काहेकि मइँ तोहरे खिलाफ फुन स पाप न करइ चाहत हउँ।
12 हे यहोवा, मइँ तोहार स्तुति किहेउँ ह।
कृपा कइके मोका तोहार कानून क सिखावा।
13 मइँ तोहार सबहिं फइसलन क बरे मँ बताउब।
14 तोहरे करार क निर्देसन क पालन करब
मोका दूसर कउनो धन स जियादा भावत अहइ।
15 मइँ तोहरे उपदेसन पइ विचार किहेउँ ह,
अउर मइँ तोहरे सिद्धान्तन पइ चलत हउँ।
16 मइँ तोहरे नियमन मँ आनन्द लेत हउँ।
मइँ तोहरे बचनन क नाहीं भूलब।
गिमेल
17 आपन सेवक, मोर बरे अच्छा करा
ताकि मइँ जी सकेउँ अउर तोहरे वचन पइ चलि सकेउँ।
18 हे यहोवा, मोर आँखी खोला तउ होइ सकत ह कि मइँ एका लखि सकत हउँ।
अउर तोहरी अद्भुत बातन पढ़ सकेउँ जेका तू किहा ह।
19 मइँ इ धरती पइ एक अनजाना परदेसी हउँ।
हे यहोवा, आपन सिच्छन क
मोसे जिन छिपावा।
20 मोर हमेसा तोहरे जरिए पइ बना भवा फइसलन क
अध्ययन क अभिलासा रखत हउँ।
21 हे यहोवा, तू अहंकारी जन क फटकारत ह।
ओन अहंकारी लोगन पइ बुरी बातन घटित होइहीं।
उ सबइ तोहरे आदेसन स मुरि गवा अहइँ।
22 लज्जा अउर अपमान क मोसे हटाइ द्या।
मइँ तोहरी करार क पालन किहेउँ ह।
23 हिआँ तलक कि नेता लोगन भी मोरे बरे बुरी बातन किहेन ह।
मुला मइँ तउ तोहार सेवक अहउँ।
मइँ तोहरे विधियन क समुझत हउँ।
24 तोहार करार मोर सर्वोत्तम मीत अहइ।
इ मोका नीक सलाह दिया करत ह।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.