M’Cheyne Bible Reading Plan
16 तब यहोवा हनान क पूत येहू स बातन किहस। यहोवा राजा बासा क बिरुद्ध बातन कहत रहा। 2 “मइँ तोहका धूरि-माटी स चुन कइ उठाएउँ। मइँ तोहका इस्राएल क लोगन क ऊपर राजा बनाएउँ। किन्तु तू यारोबाम क मारग क अनुसरण किहा ह। तू मोर लोगन, इस्राएलियन स पाप कराया ह। उ पचे अपने पापन स मोका गुस्सैल किहन ह। 3 एह बरे बासा, मइँ तोहका अउर तोहरे परिवार क बर्बाद करब। मइँ तोहरे संग उहइ करब जउन मइँ नाबात क पूत यारोबाम क परिवार क संग किहेउँ। 4 तोहरे परिवार क लोग नगर क सड़कियन पइ मरिहीं अउर ओनके ल्हासन क कूकुर खइहीं। तोहरे परिवार क कछू लोग मइदानन मँ मरिहीं अउर ओनके ल्हासन क पंछी खइहीं।”
5 बासा क बारे मँ दूसर बातन अउर जउन महान कारज उ किहेस सबहिं इस्राएल क राजा लोगन क इतिहास नाउँ क किताबे मँ लिखा अहइ। 6 बासा मरा अउ तिर्सा मँ दफनावा गवा। ओकर पूत एला ओकरे पाछे नवा राजा बना।
7 एह बरे यहोवा येहू नबी क एक सँदेसा दिहस। इ सँदेसा बासा अउ ओकरे परिवार क बिरुद्ध रहा। बासा उहइ करम किहे रहा जेका यहोवा बुरा करम ठेहराएस। एहसे यहोवा बहोत कोहाई गवा। बासा उहइ किहस यारोबाम क परिवार ओहसे पहिले किहे रहा। यहोवा एह बरे भी कोहान रहा कि बासा यारोबाम क समूचे परिवार क मार डाए रहा।
इस्राएल क राजा एला
8 यहूदा पइ आसा क राज्जकाल क छब्बीसवें बरिस मँ एला इस्राएल क राजा भवा। एला बासा क पूत रहा। उ तिर्सा मँ दुई बरिस तलक हुकूमत किहस।
9 एला राजा क अधिकारियन मँ स जिम्री एक रहा। जिम्री एला क आधे रथन क आदेस देत रहा। किन्तु जिम्री एला क बिरुद्ध जोजना बनाएस। राजा एला तिर्सा मँ रहा। उ अर्सा, क घरे मँ दाखरस पिअत रहा अउर मदमस्त होत रहा। अर्सा तिर्सा क महल क अधिकारी रहा। 10 जिम्री उ घरे मँ गवा अउ उ राजा एला क मार डाएस। यहूदा पइ आसा क राज्जकाल क सत्ताइसवें बरिस मँ इ भवा। तब एला क पाछे इस्राएल क नवा राजा जिम्री भवा।
इस्राएल क राजा जिम्री
11 जब जिम्री राजा भवा तउ उ बासा क पूरे परिवार क मार डाएस। उ बासा क परिवार मँ कउनो मनई क जिअत नाहीं रहइ दिहस। जिम्री बासा क मीतन क भी मार डाएस। 12 इ तरह जिम्री बासा क पूरा परिवार क बर्बाद किहस। इ वइसे ही भवा जइसा यहोवा, येहू नबी क उपयोग बासा क खिलाफ कहइ क कहे रहा। 13 इ बासा अउ ओकर पूत एला क सबहिं पापन क कारण भवा। उ पचे पाप किहे रहेन अउर इस्राएल क लोग स पाप कराए रहेन। यहोवा कोहान रहा काहेकि उ पचे बहोत स देवमूरतियन धरे रहेन।
14 इस्राएल क राजा लोगन क इतिहास नाउँ क किताबे मँ दूसर सबहिं बातन लिखी अहइँ जउन एला किहे रहा।
15 यहूदा पइ आसा क राज्जकाल क सत्ताइसवें बरिस मँ जिम्री इस्राएल क राजा बना। जिम्री तिर्सा मँ सात दिन सासन किहस। जउन कछू भवा, इ अहइ: इस्राएल क फउज गिब्बतोन क पलिस्तियन क निचके डेरा डाए पड़ी रहिन। उ पचे जुद्ध बरे तइयार रहेन। 16 पड़ाव मँ टिके लोग सुनेन कि जिम्री राजा क खिलाफ गुप्त सड्यन्त्र रचेस ह। अउर ओका मार डाएस। एह बरे सारे इस्राएल डेरा मँ, उ दिन ओम्री क इस्राएल क राजा बनाएस। ओम्री सेनापति रहा। 17 एह बरे ओम्री अउर सारे इस्राएल गिब्बतोन क तजेन अउ तिर्सा पई हमला कइ किहन। 18 जिम्री लखेस कि नगर पइ अधिकार कइ लीन्ह गएस ह। एह बरे उ महल क भीतर गएन अउर जराइ सरू किहेन। उ महल अउ खुद क जराइ दिहेस। अउर उ मरि गवा। 19 इ तरह जिम्री मरा काहेकि उ पाप किहे रहा। जिम्री ओन कामन क किहेस जेनका यहोवा बुरा कहे रहा। उ वइसे ही पाप किहेस जइसे यारोबाम किहे रहा अउ यारोबाम इस्राएल क लोगन स पाप कराए रहा।
20 “इस्राएल क राजा लोगन क इतिहास” नाउँ क किताबे मँ जिम्री क गुप्त सड्यन्त्र अउ दूसर बातन लिखी अहइँ जउन उ राजा एला क बिरुद्ध किहे रहा।
इस्राएल क राजा ओम्री
21 इस्राएली लोग दुइ दलन मँ बँट गए रहेन। आधे लोग गीनत क पूत तिब्नी क अनुसरण करत रहेन अउर ओका राजा बनावइ चाहत रहेन। दूसर आधे लोग ओम्री क अनुयायी रहेन। 22 किन्तु ओम्री क अनुयायी गीनत क पूत तिब्नी क अनुयायियन स जियादा सक्तीसाली रहेन। एह बरे तिब्नी मारा गवा अउर ओम्री राजा भवा।
23 यहूदा पइ आसा क राज्जकाल क इकत्तीसवें बरिस मँ ओम्री इस्राएल क राजा भवा। ओम्री इस्राएल पइ बारह बरिस तलक सासन किहस। ओन बरिसन मँ स छ: बरिस तलक उ तिर्सा नगर मँ सासन किहस। 24 किन्तु ओम्री सोमरोन क पहाड़ी क बेसहि लिहस। उ एका लगभग डेढ़ सौ पौण्ड चाँदी समेर स बेसहेस। ओम्री उ पहाड़ी पइ एक ठु नगर बनाएस। बाद मँ, इ पहिले क मालिक समेर क नाउँ पइ सोमरोन पुकारा गएस।
25 ओम्री उ सबइ काम किहस जेनका यहोवा बुरा घोसित किहे रहा। ओम्री ओन सबहिं राजा लोगन स बुरा रहा जउन ओकरे पहिले होइ चुके रहेन। 26 उ उ सबइ ही पापन किहेस जउन नबात क पूत यारोबाम किहे रहा। यारोबाम इस्राएल क लोगन स पाप कराए रहा। एह बरे उ पचे यहोवा, इस्राएल क परमेस्सर क बहोत किरोधित कइ दिहे रहेन। यहोवा कोहान रहा, काहेकि उ पचे बेकार क देवमूरतियन क पूजा करत रहेन।
27 इस्राएल क राजा लोगन क इतिहास नाउँ क पुस्तक मँ ओम्री क बारे मँ दूसर बातन अउर ओकर किहे महान कारज लिखे गएन ह। 28 ओम्री मरा अउ सोमरोन मँ दफनावा गवा। ओकर पूत अहाब ओकरे पाछे नवा राजा बना।
इस्राएल क राजा अहाब
29 यहूदा पइ आसा क राज्जकाल क अड़तीसवें बरिस मँ ओम्री क पूत अहाब इस्राएल क राजा बना। अहाब इस्राएल पइ सामरिया मँ बाईस बरिस तलक हुकूमत किहेस। 30 अहाब उ सबइ काम किहेस जेनका यहोवा बुरा बताए रहा अउर अहाब ओन सबहिं राजा लोगन स भी बुरा रहा जउन ओकरे पहिले भए रहेन। 31 अहाब क बरे ऍतना काफी नाहीं रहा कि उ वइसे ही पापन करइ जइसे नबात क पूत यारोबाम किहे रहा, उ अहाब एतबाल क बिटिया ईजबेल स बियाह किहेस। एतबाल सीदोन क राजा रहा। तब अहाब बाल क सेवा अउर पूजा करब सुरू किहेस। 32 अहाब बाल क पूजा करइ बरे सोमरोन मँ पूजा घर बनाएस। उ पूजाघरे मँ एक वेदी रखेस। 33 अहाब असेर क पूजा बरे एक बिसेस खम्भा भी खड़ा किहस। अहाब यहोवा, इस्राएल क परमेस्सर क किरोधित करइवाले बहोत स काम, ओन सबहिं राजा स जियादा किहेस, जउन ओकरे पहिले रहेन।
34 अहाब क राज्जकाल मँ बेतेल क हीएल यरीहो नगर क दुबारा बनाएस। जउने समइ हीएल नगर बनावइ क काम सुरु किहस, ओकर बड़ा पूत अबीराम मर गवा अउर जब हीएल नगर दुआर बनाएस, ओकर सब स नान्ह पूत सगूब मर गवा। इ ठीक वइसे ही भवा जइसा यहोवा नून क पूत यहोसू स बातन करत भए कहे रहा।
मसीह मँ नवाजीवन
3 काहेकि अगर तोहे मसीह क साथे मरा हुआ मँ स जियाइके उठावा गवा अहइ तउ ओन्हन चीजन क बरे कोसिस करत रहा जउन सरगे मँ हयेन जहाँ परमेस्सर क दहिनी कइँती मसीह विराजत ह। 2 सरगे क चीजन क सम्बन्ध मँ सोचत रहा। संसारी चीजन क सम्बन्ध मँ न सोचा। 3 काहेकि तू लोगन क पूराना पापी जीव मरि चुका बा अउर तोहर नवा जीवन मसीह क साथे साथे परमेस्सर मँ छिपा बा। 4 जब मसीह, जउन हमार जीवन अहइ, फिन स परगट होई तउ तूहउ ओनके साथे ओनके महिमा मँ परगट होब्या।
5 इही बरे तोहमे जउन कछू संसारी बा, ओकर अन्त कइ द्या यौन अनाचार, अपवित्तरता, वासना, बुरी इच्छा अउर लालच जउन मूर्ति पूजा क ही एक्कई रूप अहइ, 6 एनहीन बातन क कारण परमेस्सर क गुस्सा[a] परगट होई जात बा। 7 एक समइ रहा जब तूहउ अइसेन करम करत इही तरह क जीवन जिया करत रह्या।
8 परन्तु अब तोहे इन सब बातन क साथे साथे गुस्सा झुँझलाहट, सत्रुता, निन्दा भाऊ, अउर अपसब्द बोलइ स छुटकारा पाइ लेइ चाही। 9 आपस मँ झूठ न बोला काहेकि तू अपने पुरानी पापी-जीव, अउर उ तरह जीवन जउन ओकरे साथ जाता ह ओनके उतार फेंके अहा। 10 अउर नवा जीवन क धारण कइ लिहे अहा। हमेसा नवा होत जात बा जउन अपने रचइता क सरूप मँ स्थित होइके परमेस्सर क सत्य गियान क निमित्त। 11 परिणाम सरूप उहाँ यहूदी अउर गैर यहूदी मँ कउनउ अन्तर नाहीं रहि गवा बा, न कीहीउ खतना युक्त अउर खतना रहित मँ, न केउ सुसभ्य अउर बर्बर मँ, न दास अउर एक स्वतन्त्र मनई मँ कउनउ अन्तर बा। मसीह सर्वेसर्वा अहइ अउर सब बिसवासियन मँ उही क निवास बाटई।
एक-दुसरन क साथे तोहार नवा जीवन
12 काहेकि तू परमेस्सर क चुना भवा पवित्तर अउर प्रिय जने अहा इही बरे सहानुभूति, दया नम्रता, कोमलता अउर धीरज क धारण करा। 13 तोहे आपस मँ जब कभउँ कीहीउ स कउनउ कस्ट होइ तउ एक दुसरे स सहि ल्या अउर परस्पर एक दुसरे क मुक्त भाऊ स छमा कई द्या। यदि केउ ने तोहरे साथ गलत किया अहइ तोहे आपस मँ एक दुसरे क अइसेन ही छमा कई देइ चाही जइसेन परमेस्सर तोहे मुक्त भाउन स छमा कई दिहेस। 14 इन बातन क अलावा सबसे महत्वपूर्ण अहइ कि तू पिरेम क धारण करा। पिरेम इ सबके आपस मँ बाँधत अउर पूरा करत ह। 15 तोहरे मने पर मसीह स मिलइवाली सान्ति क सासन होई। इही बरे तोहे उही एक्क देहए[b] मँ बोलावा गवा ह। हमेसा धन्यबाद करत रहा।
16 अपने सम्पन्नता क साथे मसीह क संदेसा तोहमें वास करइ। ग्यान स एक दूसरे क सिच्छा अउर चेतावनी द्या। भजन, स्तुतियन अउर आतमिक गीतन क गावत भए अपने हिरदय मँ परमेस्सर का धन्यबाद द्या। परमेस्स क मन-मने धन्यबाद देत इहइ गावत रहा। 17 अउर तू जउन कछू भी करा या सब कहा, उ सब पर्भू ईसू क नाउँ प करा। उही क द्वारा तू हर समइ परमपिता परमेस्सर क धन्यबाद देत रहा।
नवा जीवन क नियन
18 हे पत्नियन, अपने पतियन क बरे तरह स समपर्ति रहा जइसे पर्भू क अनुयायियन क इ सोभा देत ह।
19 हे पतियन, अपने पत्नियन स पिरेम करा, ओनके बरे कठोर न बना।
20 बचवन सब बातन मँ अपने माता-पिता क आज्ञा क पालन करा। काहेकि पर्भू क अनुयायिन क एह व्यवहारे स परमेस्सर खुश होत ह।
21 हे बाप, अपने बचवन क हतोउत्साह स न भरा। कहूँ अइसेन न होइ कि उ जतन करबई छोड़ देइ।
22 हे सेवकन, अपने संसारी स्वामियन क सब बातन क पालन करा। केवल लोगन क खुस भर करइ क बरे ऊही समइ नाहीं जब उ देखत रहइ, बल्कि सच्चे मने स ओनका माना। काहेकि तू पर्भू क आदर करत ह। 23 तू जउन कछू कर अपने पूरे मने स करा। माना कि जउन करा इ मान करा तू ओका लोगन क बरे नाहीं बल्कि पर्भू क बरे करत अहा। 24 याद रखा कि तोहे पर्भू स उत्ताधिकार क फल-मिलइ। अपने स्वामी मसीह क सेवा करत रहा। 25 काहेकि जे बुरा करम करइ, ओका ओकर फल मिलइ अउर उहाँ कउनउ पच्छापात नाहीं बा।
सासक अउ त्यौहार
46 मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह, “भीतरी आँगन क पूर्वी फाटक काम क छ: दिनन मँ बन्द रही। किन्तु इहइ सबित क दिन अउर नवचन्द्र क दिन खुली। 2 सासक फाटक क प्रवेस कच्छ स अन्दर आइ अउर उ फाटक क खम्भा क सहारे खड़ा होइ। तब याजक क होमबलि अउ मेलबलि चढ़ाई। सासक फाटक क डेवढ़ी पइ उपासना करी। तब उ बाहेर जाई। किन्तु फाटक साँझ होइ तलक बन्द नाहीं होइ। 3 उ देस क लोग भी यहोवा क सम्मुख जहाँ फाटक सबित क दिन अउर नवचन्द्र क दिन खुलत ह, उहइँ उपासना करी।
4 “सासक सबित क दिन यहोवा क होमबलि चढ़ाई। ओका दोख रहित छ: मेमनन अउर दोख रहित एक भेड़ा देइ चाही। 5 ओका एक एपा अन्नबलि भेड़ा क साथ देइ चाही। सासक ओतनी अन्नबलि मेमनन क साथ देइ, जेतनी उ दइ सकत ह। ओका एक हिन जैतून क तेल हर एक एपा अन्न क साथ देइ चाही।
6 “नवचन्द्र क दिन ओका एक बैल भेंट करइ चाही, जेहमाँ कउनो दोख न होइ। उ छ: मेमनन अउ एक भेड़ा, जेहमाँ कउनो दोख न होइ, भी भेंट करी। 7 सासक क, बैल क संग एक एपा अन्नबलि अउर एक एपा अन्नबलि भेड़ा क साथ देइ चाही। सासक क हरेक मेमना क संग जेतना होइ सकइ देइ चाही तथा हर एक एपा अन्न बरे एक हिन तेल ओका जरूर चढ़ावइ चाही।
8 “सासक पूर्बी फाटक ओसारा स होइके अन्दर जाइ चाही अउर उहइ रास्ता स होइके वापिस बाहर जाइ चाही।
9 “जब देस क लोग बिसेस त्यौहार पइ यहोवा मिलइ बरे आइहीं तउ जउन कउनो भी उत्तर फाटक स उपासना करइ बरे अन्दर आवत हीं तउ ओका दक्खिन फाटक स होइके बाहेर जाइ चाही। अउर जउन कउनो दक्खिन फाटक स उपासना करइ बरे आवत हीं तउ ओका उत्तर फाटक स होइके बाहेर जाइ चाही। कउनो भी उहइ मार्ग स नाहीं लउटि जेहसे उ प्रवेस किहे रहेन। हरेक मनई क सोझे आगे बढ़इ चाही। 10 जब लोग अन्दर जइहीं तउ सासक अन्दर जाइ। जब उ पचे बाहेर अइहीं तब सासक बाहेर जाइ।
11 “दावतन अउ बिसेस बइठकन क अवसर पइ एका एपा अन्नबलि हर बैल क संग चढ़ाई जाइ चाही। एक एपा अन्नबलि हर भेड़ा क संग चढ़ाई जाइ चाही अउ हर एक मेमना क संग ओका जेतना जियादा उ दइ सकइ देइ चाही। ओका एक हिन तेल हर अन्न क एक एपा क बरे देइ चाही।
12 “जब सासक यहोवा क स्वेच्छा भेंट करत ह, इ होमबलि, मेलबलि या स्वेच्छा भेंट होइ सकत ह, चढ़ाई तउ उसके बरे पूर्व क फाटक खुली। तब उ आपन होमबलि अउर आपन मेलबलि क सबित क दिन क तरह चढ़ाई। जब उ जाई ओकरे पाछे फाटक बन्द होई।
नित्य भेंट
13 “तू दोख रहित एक बरिस का एक मेमना देब्या। इ प्रतिदिन यहोवा क होम बलि बरे होइ। प्रत्येक भिन्सारे तू एका देब्या। 14 तू हर एक भिन्सारे मेमना क संग अन्नबलि भी चढ़उब्या। तू एक क छठा भाग एपा आटा अउ एक क तीसरा भाग हिन तेल नीक आटा क चिकना करइ बरे, देब्या। इ यहोवा क हमेसा अन्नबलि होइ। 15 इ तरह उ पचे सदा ही मेमना, अन्नबलि अउ तेल, होमबलि बरे हर भिन्सारे देत रहिहीं।”
आपन सन्तान क सासक क जरिये भुइँया देइ क नेम
16 मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह, “जदि सासक आपन भुइँया क कउनो हींसा क आपन पूतन क मीरास क रूप मँ देत ह तउ उ ओकर पूतन क होइ। इ ओनकर सम्पत्ति अहइ। 17 किन्तु जदि कउनो सासक आपन भुइँया क कउनो भाग क आपन गुलाम क मीरास क रूप मँ देत ह तउ उ मीरास ओकरे पास जुबली क बरिस तलक होइ। तब ओकरे पाछे मीरास सासक क वापस होइ जाइ। सिरिफ राजा क पूत ही ओकरी भुइँया क मीरास क अपने लगे रख सकत ही। 18 अउर सासक लोगन क भुइँया क कउनो भी हींसा नाहीं लेइ अउर न ही ओनका आपन भुइँया छोड़इ क मजबूर करी। ओका आपन भुइँया क कछू हींसा आपन पूतन क देइ चाही। इ तरह स हमार लोग आपन भुइँया स बंचित होइ बरे मजबूर नाहीं कीन्ह जइहीं।”
विसेस रसोई घर
19 उ मनई मोका दुआर स फाटक क बगल मँ लइ गवा। उ मोका याजकन क उत्तर मँ पवित्तर कमरन कइँती लइ गवा। मइँ हुवाँ बहोत दूर पच्छिम मँ एक ठउर लखेस। 20 उ मनई मोहसे कहेस, “इहइ उ ठउर अहइ जहाँ याजक दोखबलि अउ पाप बलि क पकइहीं। हिअँइ पइ याजक अन्नबलि क पकइहीं। काहे जेहसे ओनका ओन भेंटन क बाहरी आँगन मइ लइ जाइ क जरूरत न रहइ। इ तरह उ पचे ओन पवित्तर चिजियन क बाहेर नाहीं लइहीं जहाँ साधारण लोग होइहीं।”
21 तब उ मनई मोका बाहरी आँगन मँ लिआवा। उ मोका आँगन क चारिहुँ कोनन मँ लइ गवा। आँगन क हर एक कोने मँ एक नान्ह आँगन रहा। 22 आँगन क कोनन मँ नान्ह आँगन रहेन। हर एक नान्ह आँगन चालीस हाथ लम्बा अउर तीस हाथ चउड़ा रहा। चारिहुँ कोनन क नाप समान रही। 23 भीतर एन नान्ह आँगनन क चारिहुँ कइँती ईंटन क एक देवार रही। हर एक देवार मँ भोजन पकावइ क ठउर बरे रहेन। 24 उ मनई मोहसे कहेस, “इ सबइ रसोइयाँ अहइँ जहाँ उ पचे लोग जउन मन्दिर क सेवा करत ही, लोगन बरे बलि पकइहीं।”
एक पीड़ित मनई क उ समय क पराथना जब उ आपन क टूटा भवा महसूस करत ह अउर आपन वेदना अउ कस्टे क यहोवा स कहि डाकइ चाहत ह।
1 हे यहोवा, मोर पराथना क सुना।
मोर पराथना क तोहे तलक आवइ द्या।
2 जब मइँ विपत्ति मँ रहेउँ मोका नज़र अंदाज़ जिन करा।
जब मइँ तोहार पराथना करेउँ तउ तू मोर सुना मोर पराथना क हाली जवाब द्या।
3 मोर जिन्नगी वइसे बीती रही जइसे उड़त भवा धुआँ।
मोर सक्ति अइसे अहइ जइसे धीरे धीरे बुझत आग।
4 मोर सक्ति छीन होइ चुकी अहइ।
मइँ वइसा ही अहउँ जइसा झुरान मुरझान घास।
आपन सबइ वेदना मँ मोका भूख नाहीं लागत।
5 दुःख क कारण,
मइँ सिरिफ चमड़ा अउर हड्डियन होइ गवा अहउँ।
6 मइँ अकेला अहउँ जइसे कउनो एकान्त निर्जन जगह मँ उल्लू रहत होइ।
मइँ अकेला अहउँ जइसे कउनो पुरान खण्डहर मँ उल्लू रहत होइ।
7 मइँ जाग कइ पूरी रात पहरा करत हउँ।
मइँ उ अकेले पंछी जइसा होइ गवा हउँ, जउन छते पइ बइठा भवा होइ।
8 मोर सत्रु सदा मोका बेइज्जत करत हीं,
अउर लोग मोर नाम लइके मोर हँसी उड़ावत हीं।
9 दुःख मोर खइया होइ गवा अहइ।
आँसू नीचे लुढ़किके मोर पिअइया बन जात ह।
10 काहेकि यहोवा तू मोसे रूठ गवा अहा।
तू ही मोका ऊपर उठाए रह्या, अउर तू ही मोका बहाइ दिहा।
11 मोर जिन्नगी क लगभग अंत होइ चुका अहइ।
वइसे ही जइसे साँझ क लम्बी छाया हेराइ जात हीं।
मइँ वइसा ही अहउँ जइसे झुरान अउ मुरझान घास।
12 मुला हे यहोवा, तू तउ सदा ही अमर रहब्या।
तोहार नाउँ सदा अउ सदा ही बना रही।
13 तोहार उत्थान होइ अउ तू सिय्योन क चइन देब्या।
उ समइ आवत अहइ, जब तू सिय्योन पइ कृपालु होब्या।
14 तोहार सेवकन सिय्योन क पाथरन स पिरेम करत हीं।
उ पचे ओकरे धूरि स भी पिरेम करत हीं।
15 रास्ट्रन यहोवा क नाउँ क आराधना करिहीं।
हे यहोवा, धरती क सबहिं राजा तोहार आदर करिहीं।
16 जब यहोवा फुन स सिय्योन क बनाई।
तउ उ आपन पूरी महिमा मँ परगट होइ।
17 जउन लोगन जिअत अहइ, उ ओनकर पराथना सुनीहीं।
उ ओनकर पराथनन क नज़र अंदाज़ नाहीं करी।
18 ओन बातन क लिखा ताकि भविस्स क पीढ़ी पढ़इ।
ताकि जउन लोग अवइ वाला समइ मँ पइदा होइहीं यहोवा क स्तुति करिहीं।
19 यहोवा आपन ऊँच पवित्तर ठउर स खाले निहारी
यहोवा सरण स खाले धरती पइ निहारी।
20 उ कैदी लोगन क पराथना सुनी।
उ ओन मनइयन क मुक्त करी जेनका राजा स मउत दीन्ह गइ रही।
21 फुन सिय्योन मँ लोग यहोवा क बखान करिहीं।
यरूसलेम मँ लोग यहोवा क गुण गइहीं।
22 अइसा तब होइ जब यहोवा लोगन क फिन बटोरी,
अइसा तब होइ जब राज्ज यहोवा क सेवा करिहीं।
23 मोर सक्ती मोका बिसराइ दिहस ह।
यहोवा मोर जिन्नगी घटाइ दिहस ह।
24 एह बरे मइँ कहेउँ, “मोर प्राण छोटी उमर मँ जिन ल्या।
हे परमेस्सर, तू सदा अउ सर्वदा अमर रहब्या!
25 पुराने जमाने मँ तू संसार रच्या ह।
तू खुद अपने हाथन स आकास रच्या।
26 इ जगत अउ आकास नस्ट होइ जइहीं, मुला तू ही सदा जिअत रहब्या।
उ सबइ ओढ़नन क नाई फट जइहीं।
ओढ़नन क नाई ही तू ओनका बदलब्या।
उ पचे सबहिं बदल दीन्ह जइहीं।
27 हे परमेस्सर, मुला तू कबहुँ नाहीं बदलत्या;
तू सदा बरे अमर रहब्या।
28 आज हम तोहार दास अही।
हमार संतान भविस्स मँ हिअँइ रइहीं
अउर ओनकर संतानन हिअँइ तोहार उपासना करिहीं।”
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.