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M’Cheyne Bible Reading Plan

The classic M'Cheyne plan--read the Old Testament, New Testament, and Psalms or Gospels every day.
Duration: 365 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
1 राजा 8

मन्दिर मँ करार क सन्दूख

तब राजा सुलैमान इस्राएल क सबहिं बुर्जुगन, परिवार समूहन क प्रमुखन अउ इस्राएल क परिवारन क प्रमुखन क एक संग यरूसलेम मँ बोलाएस। सुलैमान ओनका सामिल करइ चाहत रहा कि उ पचे करार क सन्दूख क दाऊद नगर स मन्दिर मँ लिआवइँ। एह बरे इस्राएल क सबहिं लोग इकट्ठा होइके राजा सुलैमान क लगे आएन। इ एतानीम महीना मँ कुटीर क त्यौहार क मौका रहा, इ बरिस क सतवाँ महीना रहा।

3-4 इस्राएल क सबहिं बुर्जुगन उ ठउरे पइ आएन। तब याजक लोग पवित्तर सन्दूख उठाएन। उ पचे पवित्तर तम्बू अउ तम्बू मँ क सबहिं चिजियन सहित यहोवा क पवित्तर सन्दूख क लइ आएन। लेवी वंसियन याजक लोगन क मदद एन चिजियन क लइ जाइ मँ किहेन। राजा सुलैमान अउर इस्राएल क सबहिं लोग करार क सन्दूख क समन्वा इकट्ठे भएन। उ पचे अनेक बलि भेंट किहन। उ पचे ऍतना जियादा भेंड़िन अउ गोरुअन मारेन कि ओन सबहिं क कउनो मनई गनइ या दर्ज करइ मँ सार्मथ नाहीं रहा। तब याजक लोग यहोवा क करार क सन्दूखे क ओकरे उचित ठउरे पइ धरेन। इ मन्दिर क भीतर सब स जियादा पवित्तर ठउरे मँ रहा। करार क सन्दूख करूब सरगदूतन क पखनन क खाले धरा गवा। करूब सरगदूतन क पखना करार क सन्दूख क अउर ओका लइ चलइ मँ सहायक बल्लियन क ढाँपे रहेन। इ सबइ सहायक बल्लिायन बहोत बड़ी रहिन। जदि कउनो मनई पवित्तर ठउर मँ सब स जियादा पवित्तर ठउर क समन्वा खड़ा होइ, तउ उ बल्लियन क सिरन क लख सकत ह। किन्तु बाहेर क कउनो भी ओनका नाहीं लख सकत। उ सबइ बल्लियन आजु भी हुँवा अहइँ। हिआँ पवित्तर सन्दूख क भीतर सिरिफ दुइ सिलन रहिन। उ सबइ दुइ सिलन उहइ रहिन जेनका मूसा होरेब नाउँ क ठउरे पइ पवित्तर सन्दूख मँ धरे रहेन। होरेब उ ठउर रहा जहाँ यहोवा इस्राएल क लोगन क संग ओनके मिस्र स बाहेर आवइ क पाछे करार किहस।

10 याजक सन्दूखे क सब स जियादा पवित्तर ठउर मँ धरेस। जब याजक पवित्तर ठउर स बाहेर आएन तउ बादल यहोवा क मन्दिर मँ भर गवा। 11 याजक आपन सेवा करत नाहीं रहि सकेन काहेकि बादर क कारण मन्दिर यहोवा क प्रताप स भर गवा रहा। 12 तब सुलैमान कहेस:

“यहोवा अकासे मँ सूरज चमकाएस,
    मुला उ करिआ बादर मँ रहब पसन्द किहेस।
13 मइँ तोहरे बरे एक सानदार मन्दिर बनाएउँ,
    एक निवास जेहमाँ तू सदा ही रहब्या।”

14 इस्राएल क सबहिं लोग हुँवा खड़े रहेन। एह बरे सुलैमान ओनकी ओर मुड़ा अउर परमेस्सर ओनका आसीर्बाद देइ क कहेस। 15 तब राजा सुलैमान यहोवा स एक लम्बी पराथना किहस। उ जउन पराथना किहस उ इ अहइ:

“इस्राएल क यहोवा परमेस्सर क प्रसंसा करा। यहोवा मोर पिता दाऊद स जउन कछु प्रतिग्या किहेस ओनका उ खुद पूरा किहस ह। यहवा मोरे बाप स कहेस, 16 ‘मइँ अपने लोगन, इस्राएल क मिस्र स बाहेर लिआएउँ। लेकिन मइँ अबहिँ तलक इस्राएल परिवार समूह स कउनो नगर क नाहीं चुनेउँ ह, कि मोका सम्मान देइ बरे मन्दिर-निर्माण करइ। अउर मइँ इस्राएलियन क नेता कउनो मनई क नाहीं चुनेस ह। किन्तु अब मइँ यरूसलेम क चुनेउँ ह जहाँ मइँ सम्मानित होत रहब अउर मइँ दाऊद क इस्राएली लोगन पइ हुकूमत करइ बरे चुनेउँ ह।’

17 “मोर बाप दाऊद जियादा चाहत रहेन कि उ पचे यहोवा, इस्राएल क परमेस्सर क सम्मान बरे मन्दिर बनावइँ। 18 किन्तु यहोवा मोर बाप दाऊद स कहेस, ‘मइँ जानत हउँ कि तू मोरे सम्मान बरे मन्दिर बनावइ क प्रबल इच्छा रखत अहा अउर इ नीक अहइ कि तू मोर मन्दिर बनावइ चाहत अहा। 19 किन्तु तू उ मनई नाहीं अहा जेका मइँ मन्दिर बनावइ बरे चुनेउँ ह। तोहार पूत मोर मन्दिर बनाई।’

20 “इ तरह यहोवा जउन प्रतिग्या किहे रहा ओका पूरी कइ दिहेउँ ह। अब मइँ अपने बाप दाऊद क ठउरे पइ राजा अहउँ। अब मइँ यहोवा क प्रतिग्या क अनुसार इस्राएल क लोगन पइ सासन करत हउँ अउर मइँ यहोवा इस्राएल क परमेस्सर बरे मन्दिर बनाएउँ ह। 21 मइँ मन्दिर मँ एक ठउर पवित्तर सन्दूखे बरे बनाएउँ ह। उ पवित्तर सन्दूखे मँ उ करार अहइ जउन वाचा यहोवा हमरे पुरखन क संग किहे रहा। यहोवा उ वाचा तब किहेस जब उ हमरे पुरखन क मिस्र स बाहेर लइ आवा रहा।”

22 तब सुलैमान यहोवा क वेदी क समन्वा खड़ा भवा। सबहिं लोग ओकरे समन्वा खड़े भएन। राजा सुलैमान अपने हाथन क अकासे कइँती फइलाएस। 23 उ कहेस,

“हे यहोवा इस्राएल क परमेस्सर तोहरे समान धरती पइ या अकास मँ कउनो दूसर परमेस्सर नाहीं अहइ। तू अपने लोगन क संग करार किहा अउर ओहमाँ कायम रह्या। तू ओन लोगन क बरे दयालु अउर स्नेहपूर्ण रहा जउन तोहार अनुसरण आपन पूरा हिरदइ स करत हीं। 24 तू अपने सेवक मोरे बाप दाऊद स, एक प्रतिग्या किहे रह्या अउर तू उ पूरी किहा ह। तू उ प्रतिग्या खुद अपने मुँह स किहे रह्या अउर तू अपनी महान सक्ती स उ प्रतिग्या क आज फुरइ घटित होइ दिहा ह। 25 अब, यहोवा इस्राएल क परमेस्सर, ओन दूसर प्रतिग्यन क पूरा करा जउन तू अपने सेवक, मोर बाप दाऊद स किहे रह्या। तू कहे रह्या, ‘दाऊद जइसा तू किहा वइसे ही तोहार सन्तानन क मोर हुकुम क पालन होसियारी स करइ चाही। जदि उ पचे अइसा करिहीं तउ तोहरे परिवार क कउनो न कउनो मनई सदा इस्राएल क लोगन पइ सासन करी।’ 26 अउर हे यहोवा, इस्राएल क परमेस्सर, मइँ फुन तोहसे माँगत हउँ कि तू कृपा कइके मोरे बाप क संग कीन्ह गइ प्रतिग्या क पूरी करत रहा।

27 “मुला परमेस्सर, का तू फुरइ इ धरती पइ हम लोगन क संग रहब्या? तोहका सारा आकास अउ सरग क उच्चतम ठउर भी धारण नाहीं कइ सकत्या? निहचइ ही इ मन्दिर भी, जेका मइँ बनाएउँ ह, तोहका धारण नाहीं कइ सकत। 28 मुला तू मोर पराथना अउ मोरे निवेदन पइ धियान द्या। मइँ तोहार सेवक हउँ अउर तू मोर यहोवा परमेस्सर अहा। इ पराथना क तू स्वीकार करा जेका आज मइँ तोहसे करत हुउँ। 29 बीते समइ मँ तू कहया रहा, ‘मोर हुवाँ सम्मान कीन्ह जाइ।’ एह बरे इ मन्दिर क देख-रेख दिन-रात करा। कृप्या कइके तू मोर, आपन सेवक क पराथना क सुन्या, जेका मइँ तोहसे इ मन्दिर मँ कहत हउँ। 30 यहोवा, मइँ अउर तोहरे इस्राएल क लोग इ मन्दिर की ओर पराथना करिहीं। कृपा कइके एन पराथनन पइ धियान द्या। हम जानित ह कि तू सरग मँ रहत ह। कृप्या कइके हुँवा स आपन सेवक क पराथना सुन्या अउर हम क छिमा कर्या।

31 “जदि कउने मनई कउनो दूसर मनई क खिलाफ कउनो अपराध करी तउ उ हिआँ तोहरी वेदी क लगे लिआवा जाइ। जदि उ मनई दोखी नाहीं अहइ तउ उ एक किरिया लेइ। उ किरिया लेइ कि उ निदोर्ख अहइ। 32 उ समइ तू सरग मँ सुना अउर उ मनई क संग निआव करा। जदि उ मनई अपराधी अहइ तउ कृपा कइके हम क दिखावा कि उ अपराधी अहइ। जदि उ मनई निरपराध अहइ तउ हमक दिखावा कि उ अपराधी नाहीं अहइ।

33 “कबहुँ-कबहुँ तोहरे इस्राएल क लोग तोहरे खिलाफ पाप करिहीं अउर ओनकर दुस्मन ओनका हराइ देइहीं। तब लोग तोहरे लगे लउटिहीं अउर उ सबइ लोग इ मन्दिर मँ तोहार नाउँ क स्तुति करिहीं अउ तोहसे पराथना अउर निवेदन करइहीं। 34 तउ मेहरबानी कइके सरग स ओनकर पराथना सुना। तब अपने इस्राएली लोगन क पापन क छिमा करा अउर ओनकर भुइँया ओनका फुन स प्राप्त करइ द्या। तू इ भुइँया ओनके पुरखन क दइ दिहे रह्या।

35 “कबहुँ-कबहुँ उ पचे तोहरे खिलाफ पाप करिहिं, अउर तू ओनकर भुइँया पर बर्खा होब बन्द कइ देब्या। तब उ पचे इ ठउरे की ओर मुँह कइके पराथना करिहीं। अउर तोहरे नाउँ क स्मुर्ति करहीं। तू ओनका कस्ट सहइ देब्या अउर उ पचे अपने पापन वापिस घूमि जाइहीं। 36 एह बरे मेहरबानी स सरग मँ ओनकर पराथना सुना। तब हम पचन्क हमरे पापन बरे छिमा करा। लोगन क सच्ची जिन्नगी जिअई क सिच्छा द्या। हे यहोवा तब कृपा कइके तू उ भुइँया पई बर्खा करा जेका तू ओनका दिहा ह।

37 “भुइँया बहोत जियादा झुराइ सकत ह अउर ओह पइ कउनो अन्न उग नाहीं सकी। संभव अहइ लोगन मँ महामारी फइलइ। संभव अहइ सारा पइदा भवा अन्न कीड़न मकोड़न क जरिये बर्बाद कइ दीन्ह जाइ या तोहार लोग अपने कछू नगरन मँ अपने दुस्मनन क हमला क सिकार बनइँ या तोहार अनेक लोग बीमार पड़ि जाइँ। 38 जब एनमाँ स कछू भी घटित होइ, अउर एक भी मनइ अपने पापन बरे पछतावा करइ, अउर अपने हाथन क इ मन्दिर कइँती पराथना मँ फइलावइ तउ 39 मेहरबानी कइके ओकर पराथना सुना। ओकर पराथना क सुना, जब तू अपने निवास स्थान सरग मँ अहा। तब लोगन क छिमा करा अउर ओनकर मदद करा। सिरिफ तू इ जानत अहा कि मनई क हिरदय मँ का बाटइ? एह बरे हर एक क संग ओकर काम अउर उद्देस क अनुसार निआव करा। 40 इ एह बरे करा ताकि तोहार लोग तोहसे डेराइँ अउर तोहार सम्मान उ समइ तलक करइँ जब तलक उ पचे इ भुइँया पइ रहइँ जेहका तू हमरे पुरखन क दिहे रह्या।

41-42 “दूसर जगहन क लोग तोहार महानता अउ तोहरी सक्ती क बारे मँ सुनिहीं। उ पचे बहोत दूर स इ मन्दिर मँ पराथना करइ अइहीं। 43 मेहरबानी कइके आपन निवास स्थान, सरग स ओनकर पराथना सुना। मेहरबानी कइके तू उ सब कछू करा जेका दूसर जगहन क लोग तोहसे माँगत हीं। तब उ सबइ लोग भी इस्राएली लोगन क तरह ही तोहसे डेरइहीं अउर तोहार सम्मान करिहीं। तब सबहिं जगहन क लोगन इ जानिहीं कि मइँ इ मन्दिर क तोहका सम्मान देइ बरे बनाएउँ ह।

44 “कबहुँ-कबहुँ तू अपने लोगन क अपने दुस्मनन क खिलाफ जाइ अउर ओनसे जुद्ध करइ क आदेस देब्या। तब तोहार लोग तोहार चुने भए इ नगर अउर मोर बनाए भए मन्दिर की ओर अभिमुख होइहीं। जेका मइँ तोहरे सम्मान मँ बनाएउँ ह अउर उ पचे तोहार पराथना करिहीं। 45 उ समइ तू अपने निवास स्थान सरग स ओनकर पराथना क सुना अउर ओनकर मदद करा।

46 “तोहार लोग तोहरे खिलाफ पाप करिहीं। मइँ एका एह बरे जानत हउँ काहेकि हर एक मनई पाप करत ह अउर तू अपने लोगन पइ कोहाब्या। तू ओनके दुस्मनन क ओनका हरावइ देब्या। ओनकर दुस्मन ओनका बंदी बनइहीं। अउर ओनका कउनो बहोत दूर क देस मँ लइ जइहीं। 47 उ दूर क देस मँ तोहार लोग समुझिहीं कि का होइ गवा ह। उ पचे अपने पापन बरे पछतावा करिहीं अउर तोहसे पराथना करिहीं। उ पचे आप क समन्वा पराथना करिहीं अउर कहिहीं, ‘हम पाप अउ अपराध किहा ह।’ 48 उ पचे उ दूर क देस मँ रहिहीं। किन्तु जदि उ पचे इ देस जेका तू ओनके पुरखन क दिहा अउर तोहार चुने नगर अउर इ मन्दिर जेका मइँ तोहरे सम्मान मँ बनाएउँ ह। अउर अगर उ तोहरे पास पूरा हिरदय स लउटत ह, 49 तउ तू मेहरबानी कइके ओकर पराथना अउर माँग क अपने निवास स्थान सरग स सुना अउर ओकरे उद्देस क सहारा द्या। 50 अपने लोगन क सबहिं पापन बरे छिमा कइ द्या अउर तू ओनका तोहार विरोध होइ बरे छिमा करा अउर कइके ओनके दुस्मनन क ओनके बरे दयालु बनावा। 51 याद राखा कि उ पचे तोहरे लोग अहइँ, याद राखा कि तू ओनका मिस्र स बाहेर लिआया। इ वइसा ही रहा जइसा तू बरत भट्ठी स ओनका धइके हींच लिहे ह्वा।

52 “यहोवा परमेस्सर, कृपा कइके मोर पराथना अउ अपने इस्राएली लोगन क पराथना सुना। ओनकर पराथना, जब कबहुँ उ पचे तोहार मदद करइ, सुना। 53 तू ओनका पृथ्वी क सारे मनइयन मँ स अपन खास लोग होइ बरे चुन्या ह। यहोवा तू ओका हमरे बरे करइ क प्रतिग्या किहा ह। तू हमरे पुरखन क मिस्र स बाहेर लिआवत समइ इ प्रतिग्या अपने सेवक मूसा क माध्यम स किहे रह्या।”

54 सुलैमान परमेस्सर स इ पराथना किहेस। उ वेदी क समन्वा अपने घुटनन क बल रहा। सुलैमान सरग कइँती भुजन उठाइके पराथना किहेस। तब सुलैमान पराथना पूरी किहेस अउर उ उठ खड़ा भवा। 55 तब उ ऊँच आवाज मँ इस्राएल क सबहिं लोगन क आसीर्वाद देइ बरे परमेस्सर स याचना किहस। सुलैमान कहेस:

56 “यहोवा क स्तुति करा। उ प्रतिग्या किहेस, कि उ अपने इस्राएल क लोगन क आराम देइ अउर उ हम क आराम दिहेस। यहोवा अपने सेवक मूसा क उपयोग किहस अउर इस्राएल क लोगन क बरे बहोत स नीक प्रतिग्या किहस अउर यहोवा ओन हर एक प्रतिग्यन क पूरा किहेस ह। 57 मइँ पराथना करत हउँ कि यहोवा, हमार परमेस्सर हम लोगन क संग उहइ तरह होइ जइसे उ हमरे पुरखन क संग रहा। मइँ पराथना करत हउँ कि यहोवा हम क कबहुँ न तजी। 58 मइँ पराथना करत हउँ कि हम ओकरी कइँती अभिमुख होब अउर ओकर अनुसरण करब। तब हम लोग ओकरे सबहिं नेमन, निर्णयन अउ आदेसन क पालन करब जेनका उ हमरे पुरखन क दिहस। 59 मइँ आसा करत हउँ कि यहोवा हमार परमेस्सर सदा ही इ पराथना क अउर जउने चिजियन क मइँ याचना किहेउँ ह, याद राखी। मइँ पराथना करत हउँ कि यहोवा अपने सेवक राजा अउर अपने लोग इस्राएल क बरे इ सबइ सब कछू करी। मइँ पराथना करत हउँ कि उ हर रोज इ करी। 60 जदि यहोवा एन कामन क करी तउ संसार क सबहिं मनई इ जनिहीं कि मात्र यहोवा ही फुरइ परमेस्सर अहइ। 61 ऐ लोगो, तू पचन्क यहोवा हमरे परमेस्सर क वफ़दार अउर ओकरे बरे सच्चा होइ चाही। तू पचन्क ओकरे सबहिं नेमन अउ आदेसन क हमेसा अनुसरण अउ पालन करइ चाही। जइसा कि अबहुँ करत ह।”

62 तब राजा सुलैमान अउ ओकरे संग क इस्राएल क लोग यहोवा क बलि भेंट किहन। 63 सुमैलान बाईस हजार गोरुअन अउ एक लाख बीस हजार भेड़िन क मारेस। इ सबइ मेलबलि बरे रहिन। इहइ मारग रही जेहसे राजा अउ इस्राएल क लोग यहोवा क मन्दिर क समर्पण किहन।

64 उहइ दिन राजा सुलैमान मन्दिर क समन्वा क आँगन समर्पित किहस। उ पचे होमबलि, अन्नबलि अउ मेलबलि क चर्बी क भेंट चढ़ाएस। उ इ एह बरे किहस कि एन सारी भेंटन क धारण करइ बरे यहोवा क समन्वा क काँसा क वेदी बहोत जियादा नान्ह रही।

65 इ तरह मन्दिर मँ राजा सुलैमान अउ इस्राएल क सारे लोग छुट्टी क पर्व मनाएन। सारा इस्राएल, उत्तर मँ हमात दर्रे स लइके दक्खिन मँ मिस्र क सीमा तलक हुवाँ मोजूद रहा। हुवाँ असंख्य लोग मोजूद रहेन। उ पचे सात दिना तलक यहोवा क संग मिलिके उत्सव मनाएन। तब उ पचे अगले सात दिनन तलक हुवाँ ठहरेन। उ पचे सब मिलिके चौदह दिनन तलक उत्सव मनाएन। 66 अगले दिन सुलैमान लोगन स घरे जाइ क कहेस। सबहिं लोग राजा क धन्यवाद दिहन, बिदा लिहन अउर उ पचे घरे चले गएन। उ पचे खुस रहेन काहेकि यहोवा अपने सेवक दाऊद क बरे अउर इस्राएल क लोगन क बरे बहोत सारी नीक चिजियन किहे रहेन।

इफिसियन 5

ज्योतिर्मय जीवन

पिआरे बच्चन क समान परमेस्सर क अनुकरण करा। पिरेम क साथे जिआ ठीक वइसेन ही जइसे मसीह हमसे पिरेम कीहे अहइ अउर आपन आप क, सुगन्धि सुलगाइके बलि भेंट क रूप मँ हमरे बरे परमेस्सर क अर्पित कइ दिहे अहइ।

तोहरे बीच यौन अनाचार अउर हर कउनो तरह क अपवित्तरता अउर लालच क चर्चा तक न चलइ चाही। जइसेन कि परमेस्सर क पवित्तर जनन क बरे उचित बाटई। तू न तऊ असलील भाखा क प्रयोग होइ चाही, न मूर्खतापूर्ण बात या भद्दी हँसी ठट्टा। इ तोहरे अनुकूल नाहीं अहइ। बल्कि तोहरे बीच धन्यबाद ही दीन्ह जाइ।

काहेकि तू निस्चय क साथे इ जानत ह कि अइसेन कउनउ भी मनई जउन दुराचारी अहइ, अपवित्तर अहइ अउर लालची अहइ (जउन एक मूर्तिपूजक होइ जइसा अहइ) मसीह क अउर परमेस्सर क, राज्य क उत्तराधिकार नाहीं पाई सकत।

देखा। तोहे कउनउ सब्दन स केउ छल न लेइ। काहेकि बुरी बातन क कारण ही आज्ञा क उल्लंघन करइवालन पर परमेस्सर क कोप होइ क अहइ। इही बरे ओनकर साथी न बना। इ मइँ एह बरे कहत हउँ कि एक समइ रहा जब तू अंधकार स भरा रह्या परन्तु अब तू पर्भू क अनुयायी क रूप मँ ज्योति स भरापूरा अहा। इही बारे प्रकासित बेटवन क स आचरण करा। हर प्रकार क उत्तम जीवन, नेकी अउर सत्य मँ ज्योति का प्रतिफल देखाइ पडत ह। 10 सब तरह इ जानइ क जतन करत रहा कि परमेस्सर क का भावत ह। 11 अइसेन काम जउन बुरे बाटेन, अन्धकार मँ लोग करत हीं ओन्हन बेकार क कामन मँ हिस्सा न बटावा बल्कि ओनकर भण्डा-फोड़ करा। 12 काहेकि अइसेन काम जेका उ पचे गुपचुप करत हीं। ओनके बारे मँ कीन्ह गइ चर्चा तक लाज का बात बा। 13 ज्योति जब प्रकासित होत ह तउ सब कछू दृस्मान होइ जात ह कि उ का अहइ। 14 अउर जउन कछू दृस्मान प्रकास क सामने आवत ह, उ खुद ज्योति ही बनि जात ह। इही बरे हमार भजन कहत ह:

“जाग अरे, ओ सोवइवाले
    मउत मँ स जी उठि बइठा,
खुद मसीह प्रकासित होई तोहरे ही सिर बइठी।”

15 इही बरे सावधानी क साथे देखत रहा कि तू कइसा जीवन जिअत अहा। विवेकहीन क स आचरण न करा, बल्कि बद्धिमान क स आचरण करा। 16 जे हर समइ क अच्छा करम करइ क बरे दीन्ह भए वर्तमान मँ ओकर पूरा उपयोग करत ह, काहेकि इ दिन बुरा बा। 17 मूर्खता स न रहत रहा बल्कि इ जान ल्या कि पर्भू क इच्छा का अहइ। 18 मदिरापान कइके मतवाला जिन बना रहा काहेकि इही स कामुकता पइदा होत ह। एकरे विपरीत आतिमा स परिपूर्ण होइ जा। 19 आपस मँ भजन, स्तुतिगयान अउर आध्यात्मिक गीतन क, परस्पर आदान-प्रदान करत रहा। आपन मने मँ पर्भू क बरे गीत गावत ओकर स्तुति करत रहा। 20 हर कीहीउँ बात क बरे हमार पर्भू ईसू मसीह क नाउँ पइ हमरे परम पिता परमेस्सर क हमेसा धन्यबाद करा।

पत्नी अउर पति

21 मसीह क प्रति सम्मान क कारण एक दूसरे क अरपन कइ द्या।

22 हे पतनियन, आपन-आपन पतियन क बरे अइसेन समर्पित रहा, जइसेन तू पर्भू क समर्पित होत ह। 23 काहेकि आपन पत्नी क उप्पर ओकर पति ही प्रमुख अहइ। वइसेन ही जइसे हमार कलीसिया क सिखर मसीह बा। उ खुदई इ देह क उद्धार करत ह। 24 जइसे कलीसिया मसीह क अधीन बा, वइसेन ही पत्नियन क सब बात मँ आपन-आपन पतियन क बरे समर्पित करइ चाही।

25 हे पतियन, आपन पत्नियन स पिरेम करा। वइसेन ही जइसे मसीह कलीसिया स पिरेम किहेस अउर आपन आप क ओकरे बरे बलि कई दिहेस। 26 ताकि उ ओका पर्भू क सेवा मँ जल मँ स्नान कराइके पवित्तर कई हमार घोसना क साथे परमेस्सर क अर्पित कइ देई। 27 इही तरह उ कलीसिया क एक अइसेन चमचमात दुलहिन क रूप मँ खुद क बरे पेस कइ सकत ह, जउन कलंक अउर पापन स मुक्त होइ, झुरियन स रहित होई, या जेहमाँ अइसेन अउर कउनउ कमन होइ। बल्कि उ पवित्तर होइ अउर हमेसा निर्दोस होइ।

28 पतियन क आपन-आपन पत्नियन स उही तरह पिरेम करइ चाही जइसे उ खुद आपन देह स करत हीं। जे आपन पत्नी स पिरेम करत ह उ खुद आपन आप स पिरेम करत ह। 29 केउ आपन देह स तब कभउँ घिरना नाहीं करत, बल्कि उ ओका पालत-पोसत ह अउर ओकर ध्यान रखत ह। वइसेन ही जइसे मसीह आपन कलीसिया क, 30 काहेकि हमउ त ओकरी काया क अंग अही। 31 पवित्तर सास्तर कहत ह, “इही बरे एक मनई आपन महतारी बाप क छोड़ि के आपन पत्नी स बंध जात ह अउर दुन्नउ एक देह होइ जात हीं।”(A)

32 इ रहस्यपूर्ण सच बहुत महत्वपूर्ण बा अउर मइँ तोहे बताइत ह कि इ मसीह अउर कलीसिया पर लागू होत ह। 33 तउन कछू भी होइ, तोहमाँ स हर कीहीउँ क आपन पत्नी स वइसेन ही पिरेम करई चाही जइसे तू खुद आपन आप क करत अहा। अउर एक पत्नी क आपन पति का डेरात भए आदर करइ चाही।

यहेजकेल 38

गोग क खिलाफ सँदेसा

38 यहोवा क सँदेसा मोका मिला। उ कहेस, “मनई क पूत, मागोग प्रदेस मँ गोग पइ धियान द्या। उ मेसेक अउर तूबल रास्ट्रन क सर्वाधिक महत्वपूर्ण प्रमुख अहइ। गोग क विरूद्ध मोरे बरे कछू कहा। उ ओहसे कहा कि सुआमी यहोवा इ कहत ह ‘गोग तू मेसेक अउ तूबल रास्ट्रन क सर्वाधिक महत्वपूर्ण प्रमुख अहा। किन्तु मइँ तोहरे खिलाफ हउँ। मइँ तोहका धरब अउर तोहार पूरी फउज क संग वापस लिआउब। मइँ तोहार फउज क सबहिं मनसेधुअन क वापस लिआउब। मइँ सबहिं घोडन अउर घुड़सवारन क वापस लिआउब। मइँ तोहरे जबड़न मँ हुक डालब अउर तू सबहिं क वापस लिआउब। सबहिं फउजी आपन सबहिं तरवारन अउर ढालन क संग आपन फउजी पोसाक मँ होइहीं। फारस, कूस अउ पूत क फउजी ओनके संग होइहीं। उ पचे सबहिं आपन ढालन अउर मूँड़े क कवच धारन किहे होइहीं। हुआँ आपन फउजियन क सबहिं समूहन क संग गोमेर भी होइ। हुवाँ दूर उत्तर स आपन फउजियन क सबहिं समूहन क संग तोगर्मा क रास्ट्र भी होइ। तोहार संग अनेक लोग होइहीं।

“‘तइयार होइ जा। हाँ, आपन क तइयार करा अउर आपन संग मिलइवाली सेना क भी। तोहका निगरानी रखइ चाही अउर तइयार रहइ चाही। बहोत लम्बे समइ क पाछे तू काम पइ बोलावा जाब्या। आगे आवइवाले बरिसन मँ तू उ प्रदेस मँ अउब्या जउन जुद्ध क बाद फुन निर्मित होइ। उ देस मँ लोग इस्राएल क पर्वत पइ आवइ बरे बहोत स रास्ट्रन स एकट्ठा कीन्ह जइहीं। अतीत मँ इस्राएल क पर्वत बार-बार नस्ट कीन्ह गवा रहा। किन्तु इ सबइ लोग ओन दूसर रास्ट्रन स वापस लउटे होइहीं। उ पचे सबहिं सुरच्छित होइहीं। किन्तु तू ओन पइ आक्रमण करइ अउब्या। तू तूफान क तरह अउब्या। तू देस क ढकत भए गरजत मेघ क तरह अउब्या। तू अउर बहोत स रास्ट्रन क तोहरे फउजियन क समूह, एन लोगन पइ आक्रमण करइ अइहीं।’”

10 मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह: “उ समइ तोहरे दिमागे मँ एक विचार उठी। तू एक बुरी जोजना बनाउब सुरू करब्या। 11 तू कहब्या, ‘मइँ उ देस पइ हमला करइ जाब जेकर नगर बगैर देवार क अहइँ (इस्राएल)। उ सबइ लोग सान्तिपूर्वक रहत हीं। उ पचे समुझत हीं कि उ पचे सुरच्छित अहइँ। ओनकर रच्छा बरे ओनकर नगरन क चारिहुँ कइँती कउनो देवार नाहीं अहइ। ओनके दरवाजन मँ तालन नाहीं अहइँ, ओनके दरवाजे भी नाहीं अहइँ। 12 मइँ एन लोगन क हराउब अउर ओनकर सबहिं कीमती चिजियन ओनसे छोर लेब। मइँ ओन ठउरन क खिलाफ लड़ब जउन नस्ट होइ चुका रहेन, किन्तु अब लोग ओनमाँ रहइ लागेन ह। मइँ ओन लोगन (इस्राएल) क खिलाफ लड़ब जउन दूसर रास्ट्रन स एकट्ठा भए रहेन। अब उ सबइ लोग मवेसी अउ सम्पत्ति वाले अहइँ। उ सबइ संसार क चउराहे पइ रहत हीं जउने ठउर मँ सक्तीसाली देसन क दूसर सक्तीसाली सबहिं देसन तलक जाइ बरे जात्रा करइ पड़त ह।’

13 “सबा, ददान अउ तर्सीस क बइपारी अउर सबहिं नगर जेनके संग उ पचे बइपार करत हीं, तोहसे पूछिहीं, ‘का तू कीमती चिजियन पइ अधिकार करइ आया ह का तू आपन फउजियन क समूहन क संग, ओन नीक चिजियन क हड़पइ अउर चाँदी, सोना मवेसी तथा सम्पत्ति लइ जाइ आवा रह्या?’”

14 परमेस्सर कहेस, “मनई क पूत, मोरे बरे गोग स कहा। ओहसे कहा कि सुआमी यहोवा इ कहत ह, ‘तू हमरे लोगन पइ तब हमला करइ अउब्या जब उ पचे सान्तिपूर्वक अउर सुरच्छित रहत अहइँ। 15 तू दूर उत्तर क आपन ठउर स अउब्या अउर तू बहुसंख्यक लोगन क साथ लउब्या। उ पचे सबहिं घुड़सवार होइहीं। तू एक बिसाल अउर ताकतवर फउज होब्या। 16 तू मोरे लोग इस्राएल क विरूद्ध लड़इ अउब्या। तू देस क गरजत मेघ क तरह ढकइवाले होब्या। मइँ बाद मँ, आपन देस क विरूद्ध लड़इ बरे तोहका लिआउब। तब हे गोग, रास्ट्र जनिहीं कि मइँ केतना ताकतवर हउँ। उ पचे मोर सम्मान करिहीं अउर समुझिहीं कि मइँ पवित्तर हउँ। उ पचे लखिहीं कि मइँ तोहरे संग का करब।’”

17 यहोवा इ कहत ह, “उ समइ लोग याद करिहीं कि मइँ पुराने जमाने मँ तोहरे बारे मँ जउन कहेउँ। उ पचे याद करिहीं कि मइँ आपन सेवकन इस्राएल क नबियन क उपयोग किहेउँ। उ पचे याद करिहीं कि इस्राएल क नबी लोग मोरे बरे पुराने जमाने मँ बातन किहन अउर कहेन कि मइँ तोहका ओनके खिलाफ लड़इ बरे लिआउब।”

18 मोर सुआमी यहोवा कहेस, “उ समइ, गोग इस्राएल देस क विरूद्ध लड़इ आइ। मइँ आपन किरोध परगट करब। 19 किरोध अउ जलजलाहट मँ मइँ इ प्रतिग्या करत हउँ, अउर इ कहत हउँ कि इस्राएल मँ एक प्रबल भूकम्प आई। 20 उ समइ सबहिं सजीव प्राणी भय स काँप उठिहीं। समुद्र मँ मछरियन, अकासे मँ पंछी, खेतन मँ जंगली जनावरन अउर उ सबइ सबहिं परानी जउन धरती पइ रेगंत हीं, भय स काँप उठिहीं। पर्वत भहराइ पड़िहीं अउर सिखर ध्वस्त होइहीं। हर एक देवार धरती पइ आइ गिरिहीं।”

21 मोर सुआमी यहोवा कहत, “इस्राएल क पर्वतन पइ, मइँ गोग क विरूद्ध हर प्रकार क भय उत्पन्न करब। ओकर फउजी एतना भयभीत होइहीं कि उ पचे एक दूसर पइ हमला करिहीं अउर आपन तरवार स एक दूसर क मार डइहीं। 22 मइँ गोग क रोग अउर मउत स दण्ड देब। मइँ ओह पइ, ओकर सेना पइ अउर अनेक रास्ट्रन क लोगन पइ जउन कि ओकर संग अहइँ। ओलन, आगी अउर गंधक क बर्खा करब। 23 तब मइँ देखाउब कि मइँ केतना महान हउँ, मइँ प्रमाणित करब कि मइँ पवित्तर हउँ। बहोत स रास्ट्र मोका इ सबइ काम करत लखिहीं अउर उ पचे जनिहीं कि मइँ कउन हउँ। तब उ पचे जनिहीं कि मइँ यहोवा हउँ।”

भजन संहिता 89

एज्रा-वंसी एथान क एक ठु मस्किल।

मइँ हमेसा यहोवा क पिरेम क गीतन क गाउब।
    मइँ ओकरी हमेसा ओकरी बिस्सासी क गीत गावत रहब।
हे यहोवा, मोका सचमुच बिस्सास अहइ, तोहार पिरेम अमर अहइ।
    तोहार बिस्सास लम्बी अकास क नाईं अहइ।

यहोवा परमेस्सर कहत ह, “मइँ आपन चुने भए राजा क संग एक ठु करार किहेउँ ह।
    आपन सेवक दाऊद क मइँ वचन दिहेउँ ह:
‘दाऊद तोहरे बंस क मइँ हमेसा बरे अमर बनाउब।
    तोहरे राज्ज सदा सदा बरे बनाइ रखबेउँ।’”

हे यहोवा, तोहरे ओन अद्भुत करमन क अकास स्तुति करत हीं।
    सरगदूतन क सभा तोहरी ईमानदारी क गीत गावत हीं।
सरगे मँ कउनो मनई यहोवा क तुलना नाहीं कइ सकत।
    कउनो भी देवता यहोवा क समान नाहीं।
पवित्तर सरगदूतन क सभा मँ परमेस्सर अत्यंत सम्मानित बाटइ।
    उ सबइ जउन ओकर चारिहुँ कइँती अहइ,
    क जरूर डरइ चाही अउर ओकर आदर करइ चाही।
सर्वसक्तिमान परमेस्सर यहोवा, तोहस जियादा कउनो सक्तिसाली नाहीं अहइ।
    अउर यहोवा तू हमेसा भरोसेमन्द अहा।
तू गरजत समुद्दर पइ सासन करत अहा।
    तू ओकर उमंगित तंरगन क सांत करत अहा।
10 हे परमेस्सर, तू ही अहा जउन राहाब[a] क हराए रह्या अउर ओका जुद्ध मँ मार डाए रह्या।
    तू आपन महासक्ति स आपन दुस्मन बिखराइ दिह्या।
11 सरग अउ धरती तोहार अहइ।
    उ तू ही अहा जउन इस संसार क बनाय अउर संसार मँ क हर वस्तु रच्या।
12 तू ही सब कछू उत्तर दक्खिन रच्या ह।
    ताबोर अउ हर्मोन पर्वत तोहार गुन गावत हीं।
13 तू सक्तिसाली अहा।
    तोहार सक्ति महान अहइ।
    तोहार सक्ति क सम्मान कीन्ह जात हीं।
14 तोहार राज्ज धार्मिकता अउ निआउ पइ टिका बाटइ।
    पिरेम अउ बिस्सासी तोहरे सेवा करत अहइँ।
15 जउन तोहमाँ खुस अहइँ उ धन्न अहइँ।
    उ पचे तोहरी समर्थन क प्रकास मँ जिअत रहत हीं।
16 तोहार नाउँ ओनका सदा खुस करत ह
    अउर तोहार धार्मिकता क कारण उ सम्मान पावत ह।
17 तू ओनकर सक्ति क अद्भुत स्रोत अहा।
    उ तोहार समर्थन क कारण तोहसे सक्ति पावत ह।
18 काहेकि हमार रच्छा यहोवा स सम्बंधित अहइ।
    हम लोगन क राजा इस्राएल क पवित्तर क कइँती स अहइ।
19 एक बार दर्सन मँ तू आपन सच्चे मनइयन स कहे रहा,
“मइँ ओनका मदद दिहे हउँ जउन मज़बूत अहइ,
    मइँ लोगन क बीच मँ स नउ जवान मनई क प्रतिस्ठित किहेउँ।
20 मइँ आपन सेवक दाऊद क पाइ लिहेउँ,
    अउर मइँ ओकर ताजपोसी किहेउँ ह अउ ओकरे अभिसेक आपन तेल स किहेउँ ह।
21 मइँ आपन दाहिने हाथे स दाऊद क सहारा दिहेउँ,
    अउर मइँ ओका आपन सक्ति स बलवान बनाएउँ।
22 कउनो दुस्मन चुने भए राजा क धोखा नाहीं देइ सकतेन।
    दुट्ठ जन ओहे पइ अत्याचार नाहीं कइ सकतेन।
23 मइँ ओकरे दुस्मनन क समाप्त कइ दिहेउँ।
    जउन लोग चुने भए राजा स बैर राखत रहेन, मइँ ओनका हराइ दिहेउँ।
24 मइँ हमेसा आपन चुने भए राजा स पिरेम राखब अउर ओका समर्थन देब।
    उ मोहे पइ निर्भर रहिके मोर सक्ती स भरि जाइ।
25 मइँ आपन चुने भए राजा क महासागर क नियंत्रक तइनात करब।
    उ नदियन पइ हुकुमत करी।
26 उ मोहसे कही, ‘तू मोर पिता अहा।
    तू मोर परमेस्सर, मोर चट्टान अउ मोर उद्धारकर्ता अहा।’
27 मइँ ओका आपन पहिलौटा पूत बनाउब।
    उ सबइ राजन पइ प्रमुख होइ।
28 मइँ सदा ओका आपन पिरेम दिखावत हउँ।
    मोर करार ओकरे संग दृढ़ता स स्थापित होइ।
29 मइँ इ बंस क अमर बनाउब।
    ओकर सासन हुआँ तब तलक टिका रही जब तलक कटनी क समई रही।
30 अगर ओकर संतानन मोर कानून अउर आदेस क पालन तजि दिहन ह,
    अउर अगर उ लोग मोरे उपदेसन क मानब तजि दिहन ह।
31 अगर मोर अभिसिक्त राजा क संतानन मोरे कानून क पालन नाहीं किहन
    अउर अगर मोरे आदेसन क न मानेन।
32 तउ मइँ ओकर बिद्रोह बरे ओका दण्ड देइ बरे अधर्म चिजियन क न होइ देब,
    अउर मइँ ओकरे आग्याभंग करइ बरे मनइयन क दण्ड क रूप मँ देब।
33 मुला मइँ ओन लोगन क परिवार स आपन पिरेम क नाहीं हटाउब।
    मइँ सदा ही ओनके बरे बिस्सासी रहब।
34 जउन करार मोर दाऊद क संग अहइ, मइँ ओका नाहीं तोड़ब।
    मइँ आपन वाचा क नाहीं बदलब।
35 मइँ आपन पवित्तरता प्रतिग्या लेब,
    अउर मइँ ओहे स आपन वाचा क नाहीं तोड़ब।
36 दाऊद क बंस हुवाँ सदा बना रही।
    जब तलक हुवाँ सूरज रही तब तलक ओकर सिंहासन भी रही।
37 उ सदा हुवाँ रहब।
    निहचय ही जब तलक आकासे मँ चन्द्रमा साच्छी रही तब तलक लगातार रही।” (सेला)

38 मुला अब, तू ओकर अपमान किहा ह अउर ओका तजि दिहा ह।
    तू आपन अभिसिक्त राजा पइ कोहाइ गवा ह।
39 तू आपन सेवक क कीन्ह भवा करार क रद्द कइ दिहा।
    तू ओकरे मुकुट धूरि मँ लोकाइ दिहा।
40 तू राजा क नगर क देवारन बर्बाद कइ दिहा,
    तू ओकरे सब किला क तहस नहस कइ दिहा।
41 राजा क पड़ोसी ओह पइ हँसत अहइँ, अउर उ सबइ लोग जउन पास स गुजरत हीं,
    ओनकर चिजियन क चोराइ लइ जात हीं।
42 तू राजा क दुस्मनन क खुस किहा।
    तू ओकरे दुस्मनन क जुद्ध मँ जिताइ दिहा।
43 तू ओकरे तरवार क जुद्ध मँ असफल किहा।
    तू आपन राजा क जुद्ध जीतइ मँ मदद नाहीं किहा।
44 तू ओकरे खास स्थान क समाप्त कइ दिहा ह,
    अउर तू ओकर पवित्तर सिंहासन क तू धरती पइ पटक दिहा।
45 तू ओकरे जवानी क दिनन क
    घटा दिहा ह।

46 हे यहोवा, इ कब तलक रही?
    का सदा-सदा हमार मदद नाहीं करब्या?
    का तू सदा सदा बरे आपन किरोध आगी क नाईं धधकत भए रखब्या?
47 याद करा मोर जिन्नगी केतनी अल्पकालीन अहइ।
    तू ही हमका नान्ह जिन्नगी जिअइ अउर फुन मरि जाइ क रच्या ह।
48 अइसा कउनो मनई नाहीं जउर सदा जिई अउर कबहुँ नाहीं मरी।
    कब्र स कउनो मनई बच नाहीं पाई। (सेला)

49 हे सुआमी, उ पिरेम कहाँ अहइ जउन तू अतीत मँ देखाँए रह्या
    अउर तू आपन बिस्सास क दाऊद क वचन दिह्या।
50 हे सुआमी, कृया कइके याद करइ क जतन करा, कि लोगन तोहरे सेवक क कइसे अपमानित किहन।
51 मइँ आपन हिरदय मँ बहोत सारे रास्ट्रन क अपमान क सहन किहे हउँ।
    केकरे बारे मँ तोहार दुस्मन मज़ाक उड़ाएन, हे यहोवा? तोहरे चुने भए राजा क उ पचे अपमानित किहेन ह।

52 यहोवा, क हमेसा ही स्तुति होइ।
    आमीन आमीन!

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)

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