Print Page Options
Previous Prev Day Next DayNext

M’Cheyne Bible Reading Plan

The classic M'Cheyne plan--read the Old Testament, New Testament, and Psalms or Gospels every day.
Duration: 365 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
1 राजा 6

सुलैमान मन्दिर बनावत ह

तब सुलैमान मन्दिर बनाउब सुरु किहस। इ इस्राएल क लोगन क जरिये मिस्र तजइ क चार सौ अस्सीवाँ बरिस पाछे रहा। इ राजा सुलैमान क इस्राएल पइ हुकूमत क चउथे बरिस मँ रहा, इ जीव क महीना, बरिस क दूसर महीना रहा। मन्दिर साठ हाथ लम्बा, बीस हाथ चौड़ा अउर तीस हाथ ऊँचा रहा। मन्दिर मण्डप तीस हाथ लम्बा अउ दस हाथ चौड़ा रहा। इ मण्डप मन्दिर क ही मुख्य हींसा क समन्वा बराबर लम्बा रहा। एकर लम्बाई मन्दिर क चौड़ाई क बराबर रही। मन्दिर मँ सँकरी खिड़कियन रहिन। इ सबइ खिड़कियन बाहेर कइँती सँकरी अउ भीतेर कइँती चौड़ी रहिन। तब सुलैमान मन्दिर क मुख्य हींसा क चारिहुँ कइँती कमरन क एक कतार बनाएस। उ पचे एक दूसर क छते क ऊपर बने रहेन। कमरन मन्दिर क देवार स सटा रहेन किन्तु ओनकर सहतीरन ओनकी देवार मँ नाहीं घुसी रहिन। सिखर पइ, मन्दिर क देवार पातर होइ गइ। एह बरे ओन कमरन क एक कइँती क देवार ओकरे खाले क देवार स पातर रही। खाले क मंजिल क कमरन पाँच हाथ चौड़ा रहेन। बीच क मंजिल क कमरन छ: हाथ चौड़ा रहेन। ऊपर क कमरन सात हाथ चौड़ा रहेन। काम करइवाला मनईयन देवारन क बनावइ बरे बड़के पाथरन क उपयोग किहन। काम करइवाला मनईयन उहइ जगह पइ पाथरन क काटेन जहाँ उ पचे ओनका जमीने स निकारेन। एह बरे मन्दिर मँ हथौड़ियन, कुल्हाड़ियन अउ दूसर कउनो भी लोहा क औजार क आवाज़ मन्दिर क बगल मँ ऐकरे निर्माण क समई नाहीं सुनाई दिहे रहेन।

खाले क कमरन क प्रवेस दुआर मन्दिर क दक्खिन कइँती रहा। भीतर सीढ़ियन रहिन जउन मन्दिर क दूसर मंजिल क कमरन अउ तब तीसरे मंजिल क कमरन तलक जात रहिन।

इ तरह सुलैमान मन्दिर बनाउब पूरा किहस। मन्दिर क हर एक भाग देवदारु क तख्तन स मढ़ा गवा रहा। 10 सुलैमान मन्दिर क चारिहुँ कइँती कमरन क बनाउब भी पूरा किहस। हर एक मंजिल पाँच हाथ ऊँचा रही। ओन कमरन क देवदार क सहतीरन मन्दिर क छुअत रहिन।

11 यहोवा सुलैमान स कहेस, 12 “इ मन्दिर क बारे मँ जका तू निर्माण करत ह जदि तू मोर सबहिं नेमन अउ आदेसन क पालन करब्या तउ मइँ उ सबइ करब जेकरे बरे मइँ तोहरे बाप दाऊद स प्रतिग्या किहे रहेउँ। 13 अउर मइँ इस्राएल क गदेलन क संग रहब, अउर मइँ इस्राएल क लोगन क कबहुँ छोड़ब नाहीं।” मन्दिर क विस्तृत विवरण

14 इ तरह सुलैमान मन्दिर क निर्माण पूरा किहस। 15 मन्दिर क भीतर क देवारन देवदारु क पल्लन स मढ़ी गइ रहिन। देवदारु क पल्लन भूइँया स छत तलक रहेन। पाथर क भूइँया चीड़ क पल्लन स ढका रहा। 16 उ पचे मन्दिर क पिछले हींसा मँ एक ठु कमरा बीस हाथ अन्दर गहिरा बनाएन। उ पचे इ कमरा क देवारन क देवदारु क पल्लन स मढ़ेन। देवदारु क पल्लन भूइँया स छते तलक रहेन। इ कमरा सब स जियादा पवित्तर जगह कहा जात रहा। 17 महा पवित्तर स्थान क समन्वा वाला भाग मन्दिर क सबन त जियादा पवित्तर भाग रहा। इ कमरा चालीस हाथ लम्बा रहा। 18 उ पचे इ कमरे क देवारन क देवदारु क पल्लन स मढ़ेन, देवारे क कउनो भी पाथर नाहीं लखा जाइ सकत रहा। उ पच्चे फूलन अउ कद्द् क चित्र देवदारु क पल्लन मँ नक्कासी किहन।

19 सुलैमान मन्दिर क पाछे भीतर गहिर कमरन क तइयार किहस। इ कमरा यहोवा क करार क सन्दूखे क बरे रहा। 20 इ कमरा बीस हाथ लम्बा बीस हाथ चौड़ा अउ बीस हाथ ऊँचा रहा। 21 सुलैमान इ कमरे क निखालिस सोना स मढ़ेस। उ इ कमरा क समन्वा एक ठु धूप वेदी बनाएस। उ वेदी क सोने स मढ़ेस अउर एकरे चारिहुँ कइँती सोने क जंजीरन लपेटेस। 22 सारा मन्दिर सोना स मढ़ा रहा अउर सब स जियादा पवित्तर जगह क समन्वा वेदी सोना स मढ़ी गइ रही।

23 सिल्पकार पखना सहित दुई ठु करूब सरगदूतन क मूरती बनाएन। सिल्पकार जइतून क काठे स मूरतियन बनाएन। दुइनउँ सरगदूतन सब स जियादा पवित्तर जगह मँ धरे गएन। हर एक सरगदूत दस हाथ ऊँच रहा। 24-26 उ सबइ दुइनउँ सरगदूत एक ही माप क रहेन अउर एक ही सैली मँ बने रहेन। हर एक सरगदूत क दुइ पखनन रहेन। हर एक पखना पाँच हाथ लम्बा रहा। एक पखना क सिरे स दूसर पखना क सिरे तलक दस हाथ रहा अउर हर एक सरगदूत दस हाथ ऊँच रहा। 27 इ सबइ करूब सरगदूत सब स जियादा पवित्तर ठउर मँ धरे गए रहेन। उ सबइ एक दूसर क बगल मँ खड़े रहेन। ओनकर पखना कमरा बीच मँ एक दूसर क छुअत रहेन। दूसर दुइ पखनन हर एक बगल क देवार क छुअत रहेन। 28 दुइनउँ करूब सरगदूत सोना स मढ़े गए रहेन।

29 मुख्य कच्छ अउ भीतरी कच्छ चारिहुँ कइँती क देवारन पइ करूब सरगदूतन, ताड़ क बृच्छन अउ फूल क चित्र उकेरे गए रहेन। 30 दुइनउँ कमरन क भूइँया सोना स मढ़ी गइ रही।

31 कारीगरन जइतून क काठे क दुइ दरवाजा बनाएन। उ पचे ओन दुइ दरवाजन क सब स जियादा पवित्तर जगह क प्रवेस दुआर मँ लगाएन। दरवाजन क चारिहुँ कइँती क चौखट पाँच पहलदार बनी रही। 32 उ पचे दुइनउँ दरवाजन क जैतून क काठे क बनाएन। कारीगरन दरवाजन पइ करूब सरगदूत, ताड़ क बृच्छन अउ फूलन क चित्रन क उकेरेन। तब उ पचे दरवाजन क सोना स मढ़ेन।

33 उ पचे मुख्य कच्छ मँ प्रवेस बरे भी दरवाजन बनाएन। उ पचे एक वर्गाकार दरवाजे क चौखट बनावइ बरे जैतून क काठे क उपयोग किहन। 34 तब उ पचे दरवाजा बनावइ बरे चीर क लकड़ी क उपयोग किहन। 35 हुवाँ दुइ दरवाजा रहेन। हर एक दरवाजे क दुइ भाग रहेन, एह बरे दुइनउँ दरवाजन मुड़िके बंद होत रहेन। उ पचे दरवाजन पइ करूब सरगदूत ताड़ क बृच्छन अउ फूलन क चित्रन क उकेरेन। तब उ पचे ओनका सोना स मढ़ेन।

36 तब उ पचे भीतरी आँगन बनाएन। उ पचे इ आँगन क चारिहुँ ओर देवारन बनाएन। हर एक देवदार कटे पाथरन क तीन कतारन अउ देवारु क काठन क एक कतार स बनाइ गइ।

37 उ पचे बरिस क दूसरे महीने जिब माह मँ मन्दिर क निर्माण सुरु किहन। इस्राएल क लोगन पइ सुलैमान क हुकूमत क चउथे बरिस मँ, इ भवा। 38 मन्दिर क निर्माण बरिस क अठएँ महीने बूल माह मँ पूरा भवा। लोगन पइ सुलैमान क हुकूमत क गियारहवें बरिस इ भवा रहा। मन्दिर क निर्माण मँ सात बरिस लगेन। मन्दिर ठीक उहइ प्रकार बना रहा जइसा ओका बनावइ क जोजना रही।

इफिसियन 3

गैर यहूदियन मँ पौलुस क प्रचार-काम

इही बरे मइँ, पौलुस तू गैर यहूदियन क तरफ स मसीह ईसू बरे बंदी बना हउँ। तोहरे कल्लयान बरे परमेस्सर अनुग्रह क साथे जउन काम मोका संउपे अहइ, ओकरे बारे मँ तू जरुर ही सुने होब्या। कि उ रहस्यमयी योजना दिव्यदर्सन क द्वारा मोका जनाई गइ रही, जइसेन कि मइँ तू सबन क संक्षेप मँ लिख ही चुका अहउँ। अउर अगर तू पचे ओका पढ़ब्या तउ मसीह-बिसयक रहस्यपूर्ण सच मँ मोरी अन्तरदृस्टी क समझ तू पचन क होइ जाइ। इ रहस्यमय सत्य पिछली पीढ़ीक लोगन क वइसेन ही नाहीं जनावा गवा रहा जइसे जब ओकर आपन पवित्तर प्रेरितन अउर नबियन क आतिमा क द्वारा जनावा जाई चुका बा।

इ रहस्यमय सत्य अहइ कि यहूदियन क साथे गैर यहूदियन साथ साथ उत्तराधिकारी अहइँ, एक्कइ सरीर क अंग अहइँ अउर मसीह ईसू मँ जउन बचन हमका दीन्ह गवा बा ओहमन सहभागी बाटेन।

सुसमाचार क कारण मइँ ओह सुसमाचार क प्रचार करइवाला एक सेवक बन गवा अहउँ। जउन ओकर सक्ती क अनुसार परमेस्सर क अनुग्रह क बरदान स्वरूप मोका दीन्ह गवा रहा। जद्यपि सभन संतजनन मँ मइँ छोट स छोटकवा हउँ परन्तु मसीह क अनन्त धन रूपी सुसमाचार क गैर यहूदियन मँ प्रचार करइ क इ बिसेस अधिकार मोका दीन्ह गवा कि मइँ सभन जने क बरे ओन रहस्यपूर्ण जोजना क स्पस्ट करउँ जउन सब कछू क सिरजनहार परमेस्सर मँ सिस्टी क प्रारम्भ स ही छुपी रहिन। 10 ताकि उ सरगे क क्षेत्र क सक्तियन अउर प्रसासकन क अब ओह परमेस्सर क विधी गियान क कलीसिया क द्वारा परगट कई सकइ। 11 इ ओह सनातन प्रयोजन क अनुसार सम्पन्न भवा जउन ओ हमरे पर्भू मसीह ईसू मँ पूरा किहे रहा। 12 मसीह मँ बिसवास क कारण हम परमेस्सर तलक भरोसा अउर निडरता क साथे पहुँच रखत अही। 13 इही बरे मइँ पराथना करत हउँ कि तोहरे बरे मइँ जउन यातना भोगत हउँ, ओनसे आसा जिन छोड़ बइठ्या काहेकि इ यातना मँ तउ तोहर महिमा बा।

मसीह क पिरेम

14 इही बरे मइँ परमपिता क आगे निहुरत अहउँ। 15 उहइ स सरगे मँ या धरती पइ क सभन वंस आपन-आपन नाउँ ग्रहण करत हीं। 16 मइँ पराथना करत हउँ कि उ महिमा क आपन-धने क अनुसार आपन आतिमा क दुवारा तोहरे भीतर व्यक्तित्व क सक्तिपूर्वक सदृढ करइ। 17 मइँ पराथना करत हउँ कि बिसवासे क दुआरा तोहरे हीये मँ मसीह क निवास होइ। तोहरे जीवन मँ पिरेम दृढ़ अउर आधारित होइ। 18 मइँ परातथना करत हउँ कि जेहसे तोहका अउर परमेस्सर क पवित्तर लोगन क साथे इ समझई क सक्ती मिलि जाइ कि मसीह क पिरेम केतना व्यापक, विस्तृत, विसाल अउर गम्भीर बा। 19 अउर तू मसीह क ओह पिरेम क जान ल्या जउन सभन प्रकार क गियन (सोनों) स परे अहइ ताकि तू परमेस्सर क सभन पूरापन स भरि जा।

20 अब ओह परमेस्सर क बरे जउन आपन ओह सक्ति स जउन हममें काम करत ब। जेतना हम माँग सकीत अही या जहाँ तलक हम सोच सकीत अही, ओहसे कहूँ अधिक कइ सकत ह। 21 ओकर कलीसिया मँ अउर ईसू मसीह मँ अनन्त पीढ़ियन तलक हमेसा-हमेसा बरे महिमा होत रहइ। आमीन।

यहेजकेल 36

इस्राएल देस क फुन निर्माण कीन्ह जाइ

36 “मनई क पूत, मोरे बरे इस्राएल क पर्वतन स कहा। इस्राएल क पर्वतन क यहोवा क बचन सुनइ क कहा। ओनसे कहा कि सुआमी यहोवा इ कहत ह, ‘दुस्मन तोहार बिरुद्ध बोलेस ह। उ लोग कहेस, वाह! अब प्राचीन पर्वत हमार होइ।’

“एह बरे मोरे बरे इस्राएल क पर्वतन स कहा। कहा कि सुआमी यहोवा इ कहत ह, ‘दुस्मन तोहका खाली किहस। उ पचे तोहका चारिहुँ ओर स कुचल डाएन ह। उ पचे अइसा किहेन। एह बरे तू दूसर रास्ट्रन क अधिकार मँ गया। तब तोहरे बारे मँ लोग बातन अउ कानाफूसी किहन।’”

एह बरे इस्राएल क पर्वतो, मोर सुआमी यहोवा क बचन सुना। मोर सुआमी यहोवा पर्वतन, पहाड़ियन, धारन, घाटियन, खाली खण्डहरन अउ छोड़े गए नगरन स, जउन चारिहुँ कइँती क दूसर रास्ट्रन क जरिये लूटेन अउ मजाक उडाए गएन कहत ह मोर सुआमी यहोवा कहत ह: “मइँ किरिया खात हउँ कि मइँ आपन जलजलाहट क अपने बरे बोलइ देब। मइँ एदोम अउर दूसर रास्ट्रन क आपन किरोध क अनुभवा कराउब। ओन रास्ट्रन मोर भुइँया पइ कबजा कइ लिहेन। उ पचे उ देस क लइके बड़े खुस भएन। उ पचे उ भुइँया क लूटिके बहोत खुस भएन।”

“एह बेरे इस्राएल देस क बारे मँ इ सबइ कहा। पर्वतन, पहाड़ियन, धारन अउ घाटियन स कहा। इ कहा कि मोर सुआमी यहोवा कहत ह, ‘मइँ आपन जलन अउ किरोध क आपन बरे बोलइ देब। काहेकि एन रास्ट्रन स तोहका अपमान क पीरा मिली ह।’”

एह बरे मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह, “मइँ प्रतिग्या करत हउँ कि मइँ आपन हाथ उठाउब तोहरे चारिहुँ कइँती क रास्ट्र अपमान क कस्ट भोगिहीं।”

“किन्तु इस्राएल क पर्वतो, तू मोरे इस्राएल क लोगन बरे नए बृच्छ उगउब्या अउर फल पइदा करब्या। मोर लोग हाली लउटिहीं। मइँ तोहरे संग हउँ। मइँ तोहार मदद करब अउर तोहार देख-रेख करब। लोग तोहार भुइँया जोतिहीं। लोग बिआ बोइहीं। 10 तोहरे ऊपर अनगिनत लोग लहिहीं। इस्राएल क सारा परिवार अउर सबहिं लोग हुआँ रहिहीं। नगरन मँ, लोग रहइ लगिहीं। नस्ट ठउर नवे जगहन क तरह बनिहीं। 11 मइँ तोहका बहोत स लोग अउर जनावरन देब। उ पचे बढ़िहीं अउर ओनके बहोत गदेलन होइहीं। मइँ तोहारे ऊपर रहइवाले लोगन क वइसे ही प्राप्त कराउब, जइसे तू पहिले किहे रह्या। मइँ एका तोहरे बरे सुरूआत क बनिस्बत नीक बनाउब। तू फुन कबहुँ ओनका, ओनकर सन्तान स बंचित नाहीं करब्या। तब तू जनब्या कि मइँ यहोवा हउँ। 12 हाँ, मइँ आपन लोग, इस्राएल क तोहरी भुइँया पइ चलाउब। उ पचे तोह पइ अधिकार करिहीं अउर तू ओनकर होब्या। तू ओनका बगैर बच्चन क फुन कबहुँ नाहीं बनउब्या।”

13 मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह, “हे इस्राएल देस लोग तोहसे बुरी बातन कहत हीं। उ पचे कहत हीं कि तू आपन लोगन क नस्ट किहा ह। उ पचे कहत हीं कि तू बच्चन क दूर लइ गया। 14 अब भविस्स मँ तू लोगन क नस्ट नाहीं करब्या। तू भविस्स मँ बच्चन क दूर नाहीं लइ जाब्या।” मोर सुआमी यहोवा इ सबइ बातन कहे रहा। 15 “मइँ ओन रास्ट्रन क तोहका, अउर जियादा अपमानित नाहीं होइ देब। तू ओन लोगन स अउर जियादा चोट नाहीं खाब्या। तू ओनका गदेलन स रहित फुन कबहुँ नाहीं करब्या।” मोर सुआमी यहोवा इ सबइ बातन कहेस। यहोवा आपन अच्छे नाउँ क रच्छा करी

16 तब यहोवा क बचन मोका मिला। उ कहेस, 17 “मनई क पूत, इस्राएल क परिवार आपन देस मँ रहत रहा। किन्तु उ पचे उ देस क आपन कामन स दुसित बनाइ दिहन जउन उ पचे किहन। मोरे बरे उ पचे अइसी मेहरारू क समान रहेन जउन आपन मासिक धरम स असुद्ध होइ गइ होइ। 18 उ पचे जब उ देस मँ लोगन क हत्या किहन तउ उ पचे धरती पइ खून फइलाएन। उ पचे आपन देवमूरतियन स देस क गन्दा किहन। एह बरे मइँ ओनका देखाएउँ कि मइँ केतना कोहान रहेउँ। 19 मइँ ओनका रास्ट्रन मँ बिखेरेउँ अउर सबहिं देसन मँ फइलाएउँ। मइँ ओनका दण्ड उ बुरे काम बरे दिहेउँ जउन उ पचे किहन। 20 उ पचे ओन दूसर रास्ट्रन क गएन अउर ओन देसन मँ भी उ पचे मोर अच्छे नाउँ क बदनाम किहेन। कइसे? हुवाँ रास्ट्रन ओनके बारे मँ बातन किहन। उ पचे कहेन, ‘इ सबइ यहोवा क लोग अहइँ किन्तु इ पचे ओकर देस तजि दिहन तउ जरूर यहोवा मँ कछू खराबी होइ।’

21 “इस्राएल क लोग मोरे पवित्तर नाउँ क जहाँ कहीं उ पचे गएन, बदनाम किहन। मइँ आपन नाउँ बरे दुःख अनुभव किहेउँ। 22 एह बरे इस्राएल क परिवार स कहा कि सुआमी यहोवा इ कहत ह, ‘इस्राएल क परिवार, तू जहाँ गया हुआँ तू मोरे पवित्तर नाउँ क बदनाम किहा। एका रोकइ बरे मइँ कछू करइ जात हउँ। मइँ इ तोहरे बरे नाहीं करब। इस्राएल, मइँ एका आपन पवित्तर बरे करब। 23 मइँ ओन रास्ट्रन क देखाउब कि मोर महान नाउँ सच मँ पवित्तर अहइ। तब उ सबइ रास्ट्र जनिहीं कि मइँ यहोवा हउँ।’” मोर सुआमी यहोवा इ सबइ कहे रहा।

24 परमेस्सर कहेस, “मइँ तोहका ओन रास्ट्रन स बाहेर निकारब, एक संग बटोरब अउर तोहका तोहरे देस मँ लिआउब। 25 तब मइँ तोहरे उपर सुद्ध जल छिछकारब अउर तोहका सुद्ध करब। मइँ तोहार सारी गन्दगियन क धोइ डाउब अउर ओन घृणित देवमूरतियन स पइदा भइ गन्दगी क धोइ डाउब।” 26 परमेस्सर कहेस, “मइँ तोहमें नई आतिमा भी भरब अउर तोहरे सोचइ क ढंग क बदलब। मइँ तोहरे तने स कठोर हिरदय क बाहेर करेब अउर तोहका एक कोमल मानवी हिरदइ देब। 27 मइँ तोहरे भीतर आपन आतिमा प्रतिस्ठित करब। मइँ तोहका बदलब जेहसे तू मोरे नेमन क पालन करब्या। तू सावधानी स मोरे आदेसन क पालन करब्या। 28 तब तू उ देस मँ रहब्या जेका मइँ तोहरे पुरखन क दिहे रहेउँ। तू पचे मोरे लोग रहब्या अउर मइँ तोहार परमेस्सर रहब।” 29 परमेस्सर कहेस, “मइँ तोहका पचन्क बचाउब भी अउर तोहका पचन्क असुद्ध होइ स रोकब। मइँ अन्न क उगइ बरे आदेस देब। मइँ तोहरे पचन्क भुखमरी समइ नाहीं लिआउब। 30 मइँ तोहरे बृच्छन स फलन क बड़की फसलन अउर खेतन स अन्न क फसलन देब। तब तू दूसर देसन मँ भूखे रहइ क लज्जा फुन कबहुँ महसूस नाहीं करब्या। 31 तू पचे ओन बुरे कामन क याद करब्या जउन तू पचे स किहा। तू पचे याद करब्या कि उ सबइ काम नीक नाहीं रहेन। तब तू पचे आपन पापन अउर जउन भयंकर करम किहा ओनके बरे तू खुद अपने स घिन करब्या।”

32 मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह, “मइँ चाहत हउँ कि तू इ याद राखा: मइँ तोहरी भलाई बरे इ सबइ कामन नाहीं करत हउँ। मइँ ओनका आपन नीक नाउँ करत हउँ। इस्राएल क परिवार, तोहका आपन रहइ क ढंग पइ लज्जित अउ बियाकुल होइ चाही।”

33 मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह, “जउने दिन मइँ तोहरे पापन्क धोउब, मइँ लोगन्क वापस तोहरे नगरन मँ लिआउब। उ सबइ नगर फुन बनावा जइहीं। 34 खाली पड़ी भुइँया फुन जोती जाइ। हिआँ स गुजरइवाले हर एक क इ बरबादियन क ढेर क रूप मँ नाहीं देखाइ। 35 उ पचे कहिहीं, ‘पुराने समइ मँ इ देस नस्ट होइ ग रहेन। लेकिन इ सबइ अदन क बगीचे जइसे अहइँ। नगर नस्ट होइ गए रहेन। उ पचे बर्बाद अउर खाली रहेन। किन्तु अब उ सबइ सुरच्छित अहइँ ओनमाँ लोग रहत हीं।’”

36 परमेस्सर कहेस, “तब तोहरे चारिहुँ ओर क रास्ट्र समझिहीं कि मइँ यहोवा हउँ अउर मइँ ओन नस्ट ठउरन क फुन बसाएउँ। मइँ इ पहँटा मँ जउन खाली पड़ा रहा पेड़न क रोपेस। मइँ यहोवा हउँ। मइँ इ कहेउँ अउर मइँ एका घटित कराउब।”

37 मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह, “जब इस्राएल क मनई मोहसे इ चिजियन करइ बरे कहब तउ मइँ सकारात्मक उत्तर देउब। मइँ ओनका असंख्य लोग बनाउब। उ पचे भेड़िन क झुण्डन क तरह होइहीं। 38 यरूसलेम मँ बिसेस त्यौहार क अवसर क समइ (बोकरियन, भेड़िन क खरकन क तरह, लोग होइहीं।) नगर अउर बरबाद ठउर, लोगन क झुण्ड स भरि जइहीं। तब उ पचे समुझिहीं कि मइँ यहोवा हउँ।”

भजन संहिता 86

दाऊद क पराथना।

मइँ एक दीन, असहाय मनई अहउँ।
    हे यहोवा, तू कृपा कइके मोर सुनि ल्या, अउर तू मोर विनती क जवाब द्या।
मइँ तोहार भगत हउँ, कृपा कइके मोर रच्छा करा।
    मइँ तोहार सेवक अहउँ अउर तू मोर परमेस्सर अहा।
    मइँ तोह पइ भरोसा किहेउँ, कृपा कइके मोका बचावा।
मोर सुआमी, मोह पइ दाया करा।
    मइँ सारा दिन तोहार बिनती करत रहत हउँ।
हे मोर यहोवा, मइँ आपन जिन्नगी तोहार हाथन मँ देत हउँ।
    हे मोर सुआमी, मोका, आपन सेवक क सुखी बनावा।
हे सुआमी, तू नीक अउ छिमाकर्ता अहा।
    तू आपन मनवइयन स बहोत पिरेम करत अहा, जउन सहारा पावइ क तोहका गोहरावत हीं।
हे यहोवा, मोर बिनती सुनि ल्या।
    कृपा कइके तू आपन कान क मोर पराथना पइ दाया बरे द्या।
हे यहोवा, आपन संकट क घरी मँ मइँ तोहार बिनती करत हउँ।
    मइँ जानत हउँ तू मोका जवाब देब्या।
हे सुआमी, तोहरे जइसा कउनो देवता नाहीं अहइ।
    जइसेन काम तू किहा ह वइसा काम कउनो भी नाहीं कइ सकत।
हे सुआमी, तू ही सब लोगन क रच्या ह।
    उ पचे आइहीं अउर तोहार आराधना करिहीं।
    उ पचे सबहिं तोहरे नाउँ क आदर करिहीं।
10 हे परमेस्सर, तू महान अहा।
    तू अजूबा करम करत अहा।
    तू अकेल्ले ही परमेस्सर अहा।
11 हे यहोवा, मोका आपन राहन क सिच्छा द्या,
    तउ मइँ तोहरे सच्चाइ क अनुसार रहेबउँ।
कृपा कइके मोर मदद करा,
    तउ मइँ पूरे हिरदय स तोहार उपासना करबउँ।
12 हे मोर सुआमी परमेस्सर, मइँ सम्पूर्ण हिरदय स तोहार गुण गावत हउँ।
    मइँ तोहरे नाउँ क आदर सदा सदा ही करबउँ।
13 काहेकि तू मोका बहोत जिआदा पिरेम किहा ह।
    तू मोका मउत क गहड़ा खाइ स बचाया ह।
14 परमेस्सर, अहंकारी लोग मोह पइ वार करत अहइँ।
    कर लोगन क समूह मोका मार डावइ चाहत अहइँ।
    अउर उ सबइ मनई तोहार आदर नाहीं करत अहइँ।
15 हे सुआमी, तू दयालु अउ कृपा स भरा परमेस्सर अहा।
    तू धीरज स भरा, बिस्सासी अउ पिरेम स भरा अहा।
16 हे परमेस्सर, देखावा कि तू मोर सुनत ह अउर मोह पइ कृपालु रहत ह।
    मइँ तोहार सेवक हउँ, तू मोका सक्ति द्या।
    मइँ तोहार सेवक हउँ, मोका बचावा!
17 हे यहोवा, कछू अइसा करा जेहसे इ साबित होइ कि तू मोर सहायता करब्या।
    तब मोर दुस्मन एका जानिहीं अउ निरास होइ जइहीं।
    तउ इ परगट होइ तू उहइ अहा जउन मोर मदद किह्या अउर मोका आराम दिह्या।

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.