M’Cheyne Bible Reading Plan
बलि क नेमॅ
15 यहोवा मूसा स कहेस, 2 “इस्राएल क मनइयन स बात करा अउ ओनसे कहा: मइँ तू पचन क इ धरती घर क रूप मँ देत अहउँ। जब तू उ देस मँ घुसब्या, 3 जब तू परमेस्सर क होमबलि चाहे उ गइयन, भेड़िन अउ बोकरियन होइ क होमबलि क रूप मँ बलि क रूप मँ, मनौती भेंट क रूप मँ, बचनबलि क रूप मँ, मेलबलि क रूप मँ या खास पवित्तर क रूप मँ चढ़ाउब्या तउ इ परमेस्सर बरे एक सुहावना सुगन्धित अहइ।
4 “अउर उ टेमॅ जउन आपन भेंट लइ आइ ओका यहोवा क अन्नबलि देइ क होइ। इ अन्नबलि एक चौथाई हीन जइतून क तेले मँ सनी भइ एपा क दसवाँ हींसा बढ़िया आटा क होइ। 5 हर दाई जब तू एक ठु मेमना होमबलि क रूप मँ या बलिदान क रूप मँ द्या तउ तोहका एक चौथाई हीन दाखरस पयेबलि क रूप मँ तइयार करइ चाही।
6 “हर समइ जब तू भेड़ा क भेंट करइहीं तउ तोहका अन्नबलि क रूप मँ एक तिहाई हीन जइतून क तेले मँ सनी भइ एपा क दुइ दसवाँ हींसा बढ़िया आटा क जरूर भेंट करइ चाही। 7 अउर तोहका एक तिहाई हीन पेयबलि जरूर चढ़ावइ चाही। एनका परमेस्सर क भेंट करा। इ परमेस्सर बरे सुहावना सुगन्ध अहइ।
8 “होमबलि, मेलबलि या कउनो मन्नत बरे यहोवा क एक भेंट क रूप मँ एक बछवा तइयार कइ सकत ह। 9 एह बरे तोहका बर्धा क संग अन्नबलि भी लइ आवइ चाही। अन्नबलि आधा हीन जइतून क तेले स सनी भइ एपा क तीन दसवाँ हींसा बढ़िया आटा क होइ चाही। 10 आधा हीन दाखरस भी पयेबलि क रूप मँ लइ आवा। आगी मँ बारी गइ इ भेंट परमेस्सर बरे महकउआ सुगन्ध अहइ। 11 हर एक बछवा या भेड़ा या मेमना या बोकरी क बच्चा, जेका तू यहोवा क भेंट करा, उहइ तरह तइयार करइ चाही। 12 जनावरन क गनती क अनुसार तू परमेस्सर क भेंट करा, हर एक एकहीं तरीका स तइयार करा।
13 “एह बरे इ तरीका स हर एक इस्राएली क होमबलि देइ चाही जेकर गंध परमेस्सर क प्रसन्न करी। 14 तोहरे बीच बिदेसी रहब। अगर उ पचे होमबलि देइ चाहत हीं तउ ओनका वइसे ही देइ चाही जइसे तू करत ह। ताकि इ परमेस्सर बरे सुहावना सुगन्ध होइ। 15 उहइ नेमॅ हर एक इस्राएली बरे होइ चाही अउ तोहरे बीच बसइया बिदेसी बरे भी होइ। इ नेमॅ हमेसा लागू रही। तू अउ तोहरे बीच बसइया मनइयन यहोवा क समन्वा बराबर होइहीं। 16 ऍकर अरथ अहइ कि तू सबन क एक ही कनून अउ नेमॅ क मानइ चाही। उ सबइ कनून अउ नेमॅ इस्राएल क परिवार मँ पइदा भए तोहरे अउ जउन तोहरे बीच रहत ही, ओनके बरे अहइ।”
17 यहोवा मूसा स कहेस, 18 “इस्राएल क लोगन स इ कहा: मइँ तोहका दूसर देस मँ लइ जात हउँ। 19 जब तू उ भोजन करब्या जउन उ पहँटा मँ पइदा होइ तउ भोजन क कछू हींसा यहोवा क भेंट क रूप मँ द्या। 20 तू अनाजे क बटोरब्या अउ ऍका आटा क रूप मँ पिसब्या। तू आटा क रोटी बनवइ बरे गुँधब्या। तू पहिला गुँधा भाव आटा स बना रोटी परमेस्सर क अर्पित करब्या। उ अइसा अन्नबलि होइ जउन खरिहान स आवत ह। 21 इ नेमॅ सदा बरे बा। एकर अरथ अहइ कि जउन अन्न क तू आटा क रूप मँ गूँधत ह ओकर पहिली रोटी यहोवा क देइ चाही।
22 “अगर तू यहोवा क जरिये मूसा की दीन्ह गवा आदेस मँ स कउनो क मानव भूलि जा तउ तू का करब्या? मूसा क जरिये दीन्ह गए यहोवा क इ हुकुम अहइँ। 23 इ आदेस उहइ दिन स सुरु होइ ग रहेन जउने दिन यहोवा ऍनका तोहका दिहेस ह। अउर इ आदेस भविस्स मँ भी लागू रइहीं। 24 जदि समूदाय अनजाने मँ कि उ पचे पाप करत हीं तउ सब जने मिलिके एक होमबलि बर्धा क परमेस्सर क चढ़ावइँ। इ परमेस्सर बरे सुहावना सुगन्धि अहइ। बर्धा क बलि क संग परमेस्सर क हिदायत क अनुसार अन्नबलि अउर पयेबलि चढ़ा। तोहका एक ठु बोकरा भी पापबलि क रूप मँ देइ चाही।
25 “याजक क लोगन क पाप स सुद्धि बरे ओकर प्रायस्चित करइ चाही। उ इस्राएल क सब लोगन बरे अइसा करी। लोगन इ नाहीं जाने रहेन कि उ सबइ पाप करत बाटेन। मुला जब उ पचे इ जानेन तब उ पचे होमबलि अउ पापबलि लेइ बरे आएन। इ तरह मनइयन ओकर गलती बरे छिमा पाइ हीं। 26 इस्राएल क सब मनइयन अउ ओनके बीच रहइवाला सब लोग छिमा कइ दीन्ह जइहीं। उ पचे एह बरे छिमा कइ दीन्ह जइहीं कि उ सबइ नाहीं जानतेन कि उ पचे बुरा करत बाटेन।
27 “मुला एक ठू मनई बिना इरादे स पाप करत ह तउ ओका एक बरिस एक ठु मादा बोकरी पापबलि क रूप मँ आपन पाप बरे लावइ चाही। 28 याजक यहोवा क समन्वा पाप बरे जउन उ मनइ गलती स किहेस ह प्रायस्चित करी अउ उ मनई छिमा पाइँ। 29 इ हर मनई बरे कनून अहइ जउन पाप करत ह, मुला जानत नाहीं कि बुरा किहेस ह। इहइ कनून इस्राएल क परिवार मँ पइदा भए मनइयन बरे अहइ या दूसर मनइयन बरे जउन तोहरे बीच रहत हीं।
30 “मुला कउनो मनई जउन पाप करत ह अउ जानत ह कि उ बुरा करत ह। उ मनई क आपन लोगन स अलग पठइ देइ चाही। इ इस्राएल क परिवार मँ जन्मा मनई अउ कउनो भी दूसर मनई बरे, जउन तोहरे बीच रहत ह, एक समान बाटइ। 31 उ मनई यहोवा क हुकुम क खिलाफ गवा अहइ। उ यहोवा क हुकुम क तिस्सकार करइ। उ मनई क तोहरे दले स अलगाइ दीन्ह जाइ चाही। उ मनई अपराधी ही रही अउ सजा भोगी।”
एक ठु मनई अराम क दिन काम करत ह।
32 इ टेमॅ इस्राएल क मनई अबहिं रेगिस्तान मँ रहेन। अइसा भवा कि एक मनई क बारइ बरे कछू काठ मिला। एह बरे उ मनई लकड़ी बटोरत रहा मुला उ सबित क दिन रहा। कछू दूसर मनई ओका इ करत लखेन। 33 जउन मनई ओका लकड़ी बटोरत करत देखेन। उ पचे ओका मूसा अउ हारून क लगे लइ आएन। अउर सबहिं लोग चारिहुँ कइँती बठुर गएन। 34 उ पचे उ मनई क हुवाँ राखेन काहे की उ पचे नाहीं जानत रहेन कि ओकर संग का करइ चाहीं।
35 तब यहोवा मूसा स कहेस, “इ मनई क मरि जाइ चाही। पूरा धामिर्क सभा क ओका सिबिर स बाहेर लइ जाइ चाही अउर ओका पाथर स मार डावइ चाही।” 36 एह बरे सबइ लोगन ओका सिबिर स बाहेर लइ गएन। उ ओका तब तलक पाथर मारेन जब तलक उ मरि नाहीं गवा। उ पचे इ वइसा ही किहेन जइसा मूसा क यहोवा हुकुम दिहे रहा।
परमेस्सर नेमॅ क सुमिरइ मँ मनइयन क मदद करत ह
37 यहोवा मूसा स कहेस, 38 “इस्राएल क लोगन स बतियाअ अउ ओनसे इ कहा, ‘मइँ तू सबन क आपन हुकुम क सुमिरइ क देब। धागा क कइउ खण्ड क एक साथ बाँधा अउ ओनका आपन बस्तर क कोना प धइ द्या। एक ठु नीला रंग क डोरा हर एक अइसे गुच्छा मँ नावा। अब ऍका तू पहिरब्या अउ भविस्स क सबहिं दिनन मँ पहिरब्या। 39 तू पचे इ गुच्छन क लखत रहब्या अउ यहोवा जउन हुकुम तोहका दिहे अहइ ओका सुमरत रहब्या। तब तू हुकुम क मनब्या। तू पचे हुकुम क न बिसरब्या। अउर आपन आँखिन अउ जरुरत स बस मँ आइके कउनो पाप न करब्या। 40 तू हमरे सब हुकुम मानइ क सुमिरब्या। अउर तोहका तोहार परमेस्सर क अपर्ण कीन्ह जाइहीं।’ 41 मइँ तोहार परमेस्सर यहोवा अहउँ। उ मइँ अहउँ जउन तोहका मिस्र स बाहेर लइ आएउँ ह। मइँ इ किहेउँ ह। एह बरे मइँ तोहार परमेस्सर रहब। मइँ तोहार परमेस्सर यहोवा अहउँ।”
संगीत निर्देसक बरे दाऊद क एक ठु पद। इ पद उ समइ क अहइ जब दाऊद क बतसेबा क संग पाप करइ क पाछे नातान नबी दाऊद क लगे गवा रहा।
1 हे परमेस्सर, आपन बिसाल पिरेम स भरी
आपन करुणा स मोह पइ दाया करा।
आपन बड़ी दयालुता स
मोरे सबहिं पापन क तू मेट द्या।
2 मोर सबइ पापन क धोइ डावा,
अउर फुन स मोका स्वच्छ बनाइ द्या।
3 मइँ जानत हउँ, जउन पाप मइँ किहे अहउँ।
मइँ आपन पापन क सदा आपन समन्वा लखत हउँ।
4 हे परमेस्सर, मइँ उहइ काम किहेउँ जेनका तू बुरा कह्या।
तू उहइ अहा, जेकरे खिलाफ मइँ पाप किहेउँ।
मइँ स्वीकार करत हउँ इ सबइ बातन क,
ताकि लोग जानि जाइँ कि मइँ पापी हउँ अउर तू निआउ स पूर्ण अहा,
अउ तोहार निर्णय निस्पच्छ होत हीं।
5 मोर महतारी मोका दोखी मँ जनमेस,
अउर पाप मँ मोर महतारी मोका गर्भ मँ धारण किहस।
6 हे परमेस्सर, तू चाहत अहा, हम बिस्सासी बनी।
अउर निर्भय बन जाउँ।
एह बरे तू मोका सच्चा विवेक स रहस्यन क सिच्छा द्या।
7 मोह पइ जूफा क पौंधा क प्रयोग करा अउर मोका पापे स स्वच्छ करा।
मोका तब तलक धोआ, जब तलक मइँ बर्फ स जियादा उज्जवर न होइ जाउँ।
8 मोका खुस बनाइ द्या।
बताइ द्या मोका कि कइसे खुस बनउँ? मोर उ सबइ हड्डियन जउन तू तोड़्या, फिन आनन्द स भरि जाइँ।
9 मोरे पापन्क जिन लखा।
ओन सबन्क धोइ डावा।
10 हे परमेस्सर, मोहेमाँ एक ठु नवा, सुद्ध हिरदइ बनावा।
मोरी आतिमा क फुन सुदृढ़ कइ द्या।
11 मोका आपन समन्वा स जिन दूर हटावा,
तोहार पवित्तर आतिमा क मोहसे जिन छोर ल्या।
12 उ उल्लास जउन तोहसे आव्त ह, मोहमाँ भरि जाइ।
मोरे चित्त क अडिग अउ तइयार करा
सुरच्छित होइ बरे अउर तोहार हुकूम मानइ बरे।
13 मइँ पापियन क तोहार जिन्नगी विधि सिखाउब,
जेहसे उ सबइ लउटिके तोहरे लगे आवइँ।
14 हे परमेस्सर, धरती पइ क हर कउनो दोख स मोर रच्छा करा,
मोर परमेस्सर, परमेस्सर जउन मोका बचाएस,
मोका तोहार सदाचारी क बारे मँ गावइ क अनुमति द्या?
15 हे मोर सुआमी, मोका मोर मुँह खोलइ द्या कि मइँ तोहार बड़कई क गीत गावउँ।
16 जउन बलियन तोहका नाहीं नीक लगतिन तउ मोका चढ़ाउब नाहीं अहइँ।
उ सबइ बलियन तोहका बांछित तलक नाहीं अहइँ।
17 हे परमेस्सर, मोर टुटही आतिमा ही तोहरे बरे मोर बलि अहइ।
हे परमेस्सर, तू एक कुचरा अउ टुटहा हिरदइ स मुँह नाहीं फेरब्या।
18 हे परमेस्सर, सिय्योन बरे दयालु होइके, उत्तिम बना।
तू यरूसलेम क सहर क चहरदीवारी क बनावा।
19 तू उत्तिमा बलियन क
अउ सम्पूर्ण होमबलियन क आनन्द ल्या।
लोग फुन स तोहरी वेदी पइ बर्धन क बलियन द्या।
इस्राएल परमेस्सर क खास उपवन
5 अब मइँ आपन मीत बरे एक ठु गीत गाउब। इ गीत मोरे मीत क अंगूर क बागीचा क बारे मँ अहइ।
ओकरे लगे अंगूर क इ बागीचा
बहोत उपजाऊ पहाड़ी पइ अहइ।
2 मोर मीत धरती खोदेस
अउ काँकड़ पाथर हटाइके ओका साफ किहेस
अउर हुवाँ पइ अंगूरे क उत्तिम बेलन रोपि दिहस।
फुन खेत क बीच मँ उ अंगूर क रस निकारइ क कुण्ड बनाएस।
मीत क आसा रही कि हुवाँ उत्तिम अंगूर होइहीं।
किन्तु हुवाँ जउन अंगूर लाग रहेन उ सबइ बुरा रहेन।
3 तउ परमेस्सर कहेस: “हे यरूसलेम क लोगो, अउर यहूदा क बसइयो,
मोर अउ मोरे अंगूर क बाग क बारे मँ निर्णय करा।
4 मइँ अउर क आपन अंगूर क बाग क बरे कइ सकत रहेउँ?
मइँ उ सब किहेउँ जउन कछू भी मइँ कइ सकत रहेउँ।
मोका उत्तिम अंगूरन क लगइ क आसा रही,
किन्तु हुवाँ अंगूर बुरे ही लागेन।
इ अइसा काहे भवा?
5 “अब मइँ तोहका बताउब कि आपन अंगूर क बगीचा बरे मइँ का कछू करउँ:
उ कँटेहरी झाड़ी जउन खेते क रच्छा करत ह
मइँ उखाड़ि देब,
अउर ओन झाड़ियन क आगी मँ बारि देबउँ।
पाथर क परकोटा तोड़िके भहराइ देब।
बगिया क रौंदि दीन्ह जाइ।
6 मइँ अंगूरे क बगीचे क खाली खेते मँ बदली देबउँ।
कउनो पउधन क काटा-छाँटा नाहीं जाइ
अउर नाहीं कुदाल स मिटी क खोदी जाइ।
ऍह बरे हुवाँ सिरिफ काँटा
अउर खरपतवार उगीहीं।
मइँ बादरन क आदेस देब कि उ सबइ हुवाँ न बरिसइँ।”
7 सर्वसक्तीसाली यहोवा क अंगूरे क बगीचा इस्राएल क रास्ट्र अहइ, अउर अंगूरन क बेलन यहूदा क राजा अहइँ।
यहोवा निआव क आसा किहे रहा,
किन्तु हुवाँ हत्तिरा दबदबा रही।
यहोवा निस्पच्छता क आसा किहस,
किन्तु हुवाँ बस मदद माँगइवालन क रोना रहा जेनके संग जुल्म कीन्ह गवा रहा।
8 सराप ओनका जउन मकान दर मकान लेत ही चला जात हीं अउर एक खेत क पाछे दूसर खेत अउर दूसर क पाछे तीसर खेत तब तलक घेरत ही चला जात हीं जब तलक कउनो अउर बरे कछू भी जगह नाहीं बची रहत। अइसे लोगन क इ भूइँया मँ अकेले ही रहइ पड़ी। 9 सर्वसक्तीसाली यहोवा क मइँ मोहसे इ कहत भए सुना ह, “अब लखा हुवाँ बहोत सारे भवन अहइँ किन्तु मइँ तोहसे कसम लइके कहत हउँ कि उ सब सबहिं भवन नस्ट कइ दीन्ह जइहीं। अबहिं हुवाँ बड़के बड़के भव्य भवन अहइँ किन्तु उ सबइ भवन उजड़ जइहीं। 10 उ समय दस एकड़ भुइँया क अंगूरन स एक ही बेरल दाखरस तइयार होइ, अउर दस बोरी बिअन स एक बोरी अनाज पइदा होइ।”
11 तू पचन्क धिक्कार अहइ, तू लोग अलख भिन्सारे उठत ह अउर अब सराब पिअइ क ताक मँ रहत ह। राति क देर तलक जागत भए दाखरस पिअके धुत होत अहा। 12 तू आपन प्रतिभोज मँ दाखरस पीअत ह अउर वीणा, ढोल, बाँसुरी अउर अइसे ही दूसर बाजन यत्रं स संगीत सुनत ह तू पचे ओन बातन पइ दृस्टि नाहीं डउत्या जेनका यहोवा किहस ह! तू उ चिजियन क भी नाहीं लखेस ह जेका यहोवा आपन हाथन स बनाएस ह। ऍह बरे तू लोगन बरे इ बहोत बुरा होइ।
13 यहोवा कहत ह, “मोरे लोगन क बंदी बनाइके कैदी क रूप मँ लइ जावा जाइ, काहेकि उ पचे मोका नाहीं जानतेन। अउ महत्वपूर्ण लोग भूख स झूझत रही। अउर आम लोग बहोत पियासा होइ जइहीं। 14 फुन ओनकर मउत होइ जाइ अउर सियोल, जियादा स जियादा लोगन क निगलि जाइ। मउत क उ प्रदेस आपन असीम मुँह पसारी अउर उ पचे सबहिं महत्वपूर्ण अउर साधारण लोग अउर हुल्लड़ मचावत उ पचे सबहिं खुसियन मनावत अउर सियोल मँ धँसि जइहीं।”
15 ओन लोगन क नीच देखाँवा जाइ। उ सबइ बड़के लोग आपन मूँड़ नीचे लटकाए धरती कइँती लखिहीं। 16 सर्वसक्तीसाली यहोवा निआव क संग निर्णय देइ, अउर लोग जान लेइहीं कि उ महान अहइ। पवित्तर परमेस्सर ओन बातन क करी जउन उचित अहइँ, अउर लोग ओका आदर देइहीं। 17 इस्राएल क लोगन स परमेस्सर ओनका आपन देस छोड़वाइ देइ। धरती वीरान होइ जाइ। भेड़िन जहाँ चइहीं, चली जइहीं। उ धरती जउन कबहुँ धनवान लोगन क रही, ओह पइ भेड़िन घूमा करिहीं।
18 ओन लोगन क बुरा होइ, उ पचे आपन अपराध अउर आपन पापन क आपन पाछे अइसे ढोवत अहइँ जइसे लोग रस्सन स छकड़न हींचत हीं। 19 ओह, तू कहत हीं, “ओका उ हाली करी द्या जे उ करइ बरे जात अहा, ताकि हम एकॉ लख सकत हीं! यहोवा जउन चाहत ह ओका होइ द्या ताकि हम जान सकि कि असल मँ इ का अहइ!”
20 ओन लोगन क बुरा होइ जउन कहा करतेन कि अच्छी बातन बुरी अहइँ, अउर बुरी बातन अच्छी अहइँ। उ सबइ लोग सोचा करत हीं कि प्रकास अँधेरा बाटइ, अउर अँधेरा प्रकास अहइ। ओन लोगन क विचार अहइ कि कड़ुवा, मीठ अहइ अउर मीठ कड़ुवा अहइ। 21 बुरा होइ ओन अभिमानियन क जउन खुद क बहोत चतुर मानत हीं। वे पचे सोचा करत हीं कि उ पचे बहोत बुद्धिमान अहइ। 22 बुरा होइ ओनकर जउन दाखरस पिअइ बरे जाना माना जात हीं। दाखरस क मिस्रन मँ जेनका कुसलता हासिल अहइ। 23 अउर यदि तू पचे ओन लोगन क रिस्वत दइ द्या तउ उ पचे एक अपराधी क भी छोड़ देइहीं। किन्तु उ पचे अच्छे मनई क भी निस्पच्छता स निआव नाहीं होइ देतेन। 24 अइसे लोगन क साथ बुरी बातन घटिहीं। ओनकर सन्तान पूरी तरह वइसे ही बर्बाद होइ जइहीं जइसे घास फूस आगी मँ बारि दीन्ह जात हीं। ओनकर सन्तान उ कंद मूल क तरह नस्ट होइ जइहीं जउन मरिके धूरि बन जात ह। ओनकर सन्तान अइसे बर्बाद कइ दीन्ह जइहीं जइसे आगी फूलन क बारि डावत ह अउर ओकर राखी हवा मँ उड़ि जात ह।
अइसे लोग सर्वसक्तीसाली यहोवा क उपदेसन क पालन करइ स इन्कार कइ दिहन ह। ओ लोग इस्राएल क पवित्तर परमेस्सर क कथन स बइर किहन ह। 25 एह बरे यहोवा आपन लोगन स बहोत जियादा कोहाइ गवा ह। यहोवा आपन हाथ उठाएस अउर ओनका दण्ड दिहस। हिआँ तक कि पर्वत भी डेराइ ग रहेन। गलियन मँ कूड़न क तरह ल्हासन बिछी पड़ी रहिन। किन्तु यहोवा अबहिं भी कोहान अहइ। ओकर हाथ लोगन क दण्ड देइ बरे अबहिं भी उठा भवा बाटइ।
इस्राएल क सजा देइ बरे परमेस्सर फउजन लिआइ
26 लखा! परमेस्सर दूर देसन क लोगन क संकेत देत अहइ। परमेस्सर एक ठु झण्डा उठावत अहइ, अउर ओन लोगन क बोलावइ बरे सीटी बजावत अहइ।
कउनो दूर देस स दुस्मन आवत अहइ। उ दुस्मन हाली ही देस मँ घुसि आइ। उ पचे बड़ी तेजी स अगवा बढ़त अहइँ। 27 दुस्मन कबहुँ थका नाहीं करत या कबहुँ नीचे नाहीं गिरत। दुस्मन कबहुँ न तउ ओंघात ह अउर न ही सोवत ह। ओनकर हथियारन क कमर बंद सदा कसा रहत हीं। ओनकर जूतन क तस्मन कबहुँ टूटतेन नाहीं ह। 28 दुस्मन क बाण पैना अहइँ। ओनकर सबहिं धनुस बाण छोड़इ बरे तइयार अहइँ। ओनकर घोड़न क खुर चट्टानन जइसे कठोर अहइँ। ओनकर रथन क पाछे धूरि क बादर उठा करत हीं।
29 दुस्मन गरजत ह, अउर ओनकर गरजब सेर क दहाड़ क जइसा अहइ। उ ऍतना तीव्र अहइ जेतना जवान सेर क गरजब। दुस्मन जेनके खिलाफ जुद्ध करत अहइ ओनके ऊपर गुर्गत ह अउर ओन पइ झपट पड़त ह। उ ओनका हुवाँ स घसीट लइ आवत ह अउर हुवाँ बचावइवाला कउनो नाहीं होत। किन्तु ओनके बच पावइ क कउनो वजह नाहीं। 30 तउ, उ दिन उ “सिंह” समुद्दर क तरगन क नाई दहाड़न मारी अउर बंदी बनाए गए लोग धरती ताकत रहि जइहीं, अउर फुन हुवाँ अँधेरा अउर दुःख ही रहि जाइ। इ घने बादर मँ समूचइ प्रकास अँधेरा मँ बदलि जाइ।
परमेस्सर अपने बेटवन क सिधावत ह
12 काहेकि हम साच्छियन क अइसेन एतॅनी बड़ी भीड़ स घिरी भइ अहइ, जउन हमका बिसवास क मतलब का अहइ एकर साच्छी देत ह इही बरे आवा बाधा पहुँचावइवाली हर एक चीज क अउर ओह पाप क जउन सहज इ मँ हमका उलझाइ लेत ह झटकिके फेंका अउर उ दउड़ जउन हमका दउड़इ क बा, आवअ धीरज क साथे ओका दउड़ी। 2 हमार बिसवास क अगुआ अउर ओका पूरा सिद्ध करइवाला। इसू पे आवा हमका दिस्टी हटवाइ न चाही। जे अपने सामने उपस्थित आनन्द क बरे क्रूस क जातना झेलेन, ओकरी लज्जा क कउनउ चिंता नाहीं किहेस अउर परमेस्सर क सिंहासन क दहिने हाथ विराजमान होइ गवा। 3 ओकर धियान करा जे पापियन क अइसेन विरोध एह बरे सहन किहेस ताकि थकिके तोहार मन हार न मानि बइठइ।
परमेस्सर पिता जइसा
4 पाप क बिरुद्ध आपन संघर्स मँ तोहे सबन क एतॅना नाहीं अड़इ पड़ा रहा कि आपन लहू बहावइ पड़ा होइ। 5 तू उ साहसपूर्ण बचन क भूलि गवा अहा। जउन तोहरे बेटवा नाते सम्बोधित अहइः
“मोर बेटवा, पर्भू क अनुसासन क महत्व को समझइ मँ असफल न ह्वा।
तिरस्कार जिन करा, ओकरे फटकार क बुरा कबहुँ जिन माना
6 काहेकि पर्भू ओनका अनुसासन करत ह।
उ जेनसे पिरेम करत ह।
अउर जइसेन बेटवा बनाइ लेत अहइ, ओनका दंड भी देत ह।” (A)
7 कठिनाइ क अनुसासन क रूप मँ सहन करा। परमेस्सर तोहरे साथे अपने बेटवा क समान व्यवहार करत ह। अइसा बेटवा के होइ जउन अपने बाप क द्वारा अऩुसासित न भवा होइ? 8 अगर तोहे अइसेन नाहीं दण्डित कीन्ह गवा होइ जइसेन सबन क दण्ड दीन्ह जात ह तउ तू अपने बाप स पैदा भवा बेटवा नाहीं अहा। तउ सच्चा सन्तान नाहीं अहा। 9 अउर फिन इहउ कि एन सबन क उ बापउ जे हमरे सरीर क जन्म दिहे अहइ, हमका सिधावत अहइ। अउर एकरे बरे हम ओन्हे मान देइ ह तउ फिन हमका आपन आतिमन क बाप क अनुसासन क तउ केतना जियादा अधीन रहत भए जिअत चाही। 10 हमार बाप तउ तनिक समइ मँ जइसा उ नीक समझेस, हमका दंडित किहेस। हमका दण्ड, मुला परमेस्सर हमका हमार भलाइ क बरे दण्डित करत ह, जइसेन हम ओकर पवित्रता क सहभागी होइ सकी। 11 लोगन क जउने समइ सिधावा जात ह, ओह समइ सिधाउब अच्छा नाहीं लागत, बल्कि उ दुखद लागत ह मुला कछू भी होइ, उ जउन एकरे द्वारा सिधावा जाइ चुका बाटेन, ओनके बरे इ आगे चलिके नेकी अउर सान्ति क सुफल प्रदान करत ह।
चेतावनी: कइसे रहा
12 इही बरे आपन कमजोर भुजा अउर कमजोर घुटनन क सबल बनावा। 13 अपने गोड़न क बरे रस्ता बनावा तू समतल। तकि जउन लँगड़ा हयेन, उ अपंग नाहीं, वरन चंगा होइ जाइँ।
14 सभन क साथे सान्ति क साथे रहइ क कोसिस करा अउर पवित्तर होइ क बरे हर तरह स प्रयत्नसील रहा, बिना पवित्तरता क कउनउ पर्भू क दर्सन न कइ पाई। 15 इ बात क धियान रखा कि परमेस्सर क अऩुग्रह स कउनो बिमुख न होइ जाइ अउर तोहे कस्ट पहुँचावइ अउर बहुत जने क बिकृत करइ क बरे कड़वी जड़ न फूटि पड़इ। 16 देखा कि कउनउ व्यभिचार न करइ अउर उ एसाव क समान परमेस्सर बिहीन न होइ जाइँ जइसेन सबसे बड़ा बेटवा होइ क नाते उत्तराधिकार पाबइ क अधिकारी रहा मुला जे ओन्हे बस एक जून क खाइ भर क बरे बेचि दिहेस। 17 जइसेन कि तू जनतइ अहा बाद मँ जब उ इ आसीर्बाद क पावई चाहेस तउ ओका अयोग्य ठहरावा गवा। जद्यपि उ रोइ-रोइके बरदान पावइ चाहेस मुला उ अपने किहे क अनकिहे नाहीं कइ पाएस।
18 तू आगी स जलत हुआ एह पर्वत क लगे नाहीं आया जेका छुवा जाइ सकत रहा अउर न तउ अंधकार, बिसाद अउर बवंडर क लगे आया होइ। 19 अउर न तउ तुरही क तेज आवाज अउर कउनउ अइसेन सुर क करीब मँ आया, अउर न बोलत बचन का सुन्या, उ आवाज जेकरे सुने क बाद केउ क सुनइ क जरूरत नाहीं रहत। 20 काहेकि जउन आदेस दीन्ह गवा रहा, उ पचे ओका झेली नाहीं पाएनः “अगर कउनउ पसु तलक उ पर्वत क छुवइ तउ ओहे पे पथराऊ कीन्ह जाई।”(B) 21 उ दृस्य एतना भयभीत कइ डावइवाला रहा कि मूसा तउ कहेस, “मइँ भय स थर-थर काँपत हउँ।”(C)
22 बल्कि तू सिय्योन पर्वत, सजीव परमेस्सर क नगरी, सरगे क यरूसलेम क लगे आइ पहुँचा अहा। तू तउ हजारन-हजार सरगदूतन क आनन्दपूर्ण सभा, 23 परमेस्सर क पहिलौटी क संतानन, जेनके नाउँ सरग मँ लिखा बाटेन, ओनके सभा क लगे पहुँच चुका अहा। तू सबके निआव कर्ता परमेस्सर अउर ओन्हन धर्मात्मा, पूर्ण मनइयन क सबइ आतिमन, 24 अउर एक नवा करार क बीचवा मँ ईसू अउर छिड़का भवा उ लहू स लगे आइ चुका अहा जउ न हाबील क लहू क अपेच्छा अच्छा बचन बोलत ह।
25 धियान रहइ, कि यदि जब परमेस्सर बलत ह ओका सुनइ स जिन करा। जदि उ पचे ओका नकारिके नाहीं बच पाएस जउन ओनकर धरती पे चेतावनी दिहे रहा अगर हम ओनसे मुँह मोड़बइ जउन हमका सरग स चेताउनी देत बा, तउ हम त दण्ड स बिकूलही न बची पउबइ। 26 ओकर बानी ओह समइ धरती क झकझोर दिहे रही मुला अब उ प्रतिज्ञा किहे अहइ, “एक बार फिन न केवल धरती क ही बल्कि आकासे क भी मइँ झकझोर देबइ।”(D) 27 “एक बार फिन” इ सब्द उ हर चीज क ओर इंगित करत भवा जउन हिल गवा बा, जब स उ रचा गवा बा। उ सबइ क नास कइ दीन्ह जाई। केवल उहइ चीजन बचिहीं जउन हिलाई न जाइ सकइँ।
28 अतः काहेकि जब हमका एक अइसेन राज्य मिलत बा, जेका झकझोरा नाहीं जाइ सकत, तउ आवा हम धन्यवादी बनी अउर आदर मिले भए क साथे परमेस्सर क आराधना करी। 29 काहेकि हमार परमेस्सर भस्म कइ डावइवाली एक आग अहइ।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.