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M’Cheyne Bible Reading Plan

The classic M'Cheyne plan--read the Old Testament, New Testament, and Psalms or Gospels every day.
Duration: 365 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
उत्पत्ति 43

याकूब बिन्यामीन क मिस्र जाइ क आग्या दिहस

43 उ देस मँ अकाल बहोत भयंकर रहा। मनइयन उ सारा अन्न खाइ गएन जउन उ पचे उ सबइ मिस्र स लिआइ रहेन। जब अनाज खतम होइ गवा, याकूब आपन बेटवन स कहेस, “फुन मिस्र जा। हम लोगन क खाइ बरे कछू अउर अनाज बेसहा।”

मुला यहूदा याकूब स कहेस, “उ देस क राजा हम लोगन क चिताउनी दिहस ह। उ कहेस ह, ‘जदि तू लोग आपन भाई क मोरे लगे वापिस नाही लउब्या तउ मइँ तू लोगन स बात करइ स मना भी कइ देब’ जदि तू हम लोगन क संग बिन्यामीन क पठउब्या तउ हम पचे जाब अउ अनाज खरीदब। अन्यथा, हम लोग नाहीं जाब। उ मनई चिताउनी दिहस कि हम लोग बिन्यामीन के बिना वापस न आइ।”

इस्राएल कहेस, “तू लोग उ मनई स काहे कहया, कि तोहार दूसर भाई भी अहइ। तू पचे मोरे संग अइसी बुरी बात काहे किह्या?”

भाइयन जवाब दिहन, “उ राज्जपाल हुसियारी स हम पचन स प्रस्न पूछेस। उ हम लोगन अउ हम लोगन क परिवार क बारे मँ जानइ चाहत रहा। उ हम लोगन स पूछेस, ‘का तू पचन क पिता अबहि जिउत अहइ? का तू लोगन क दूसर भाई घरे प बाटइ?’ हम लोग सिरिफ ओकरे प्रस्न क जवाब दीन्ह। हम लोग नाही जानत रहे कि उ हमरे दूसर भाई क आपन लगे लइ आवइ क कही।”

तब यहूदा आपन पिता इस्राएल स कहेस, “बिन्यामीन क मोरे संग पठवा। मइँ ओकर देखभाल करब। हम पचे मिस्र जरुर जाब अउ भोजन लिआउब। अगर हम पचे नाहीं जाई तउ हम सबहिं लोग आपन गदेलन क संग मरि जाबइ। मइँ बिस्सास दियावत अहउँ कि उ सुरच्छित रही। मइँ एकर जिम्मेदार रहब। जदि मइँ ओका तोहरे लगे लउटाइके न लिआवउँ तउ तू सदा बरे मोका दोखी ठहराइ सकत ह। 10 जदि तू हमका पहिले जाइ दिहे होत्या तउ भोजन बरे हम लोग दुइ जात्रा अबहि तलक कर चुके होतेन।”

11 तब ओनके पिता इस्राएल कहेस, “अगर इ फुरइ सही अहइ तउ बिन्यामीन क आपन संग लइ जा। मुला राज्जपाल बरे कछू भेंट लइ जा। ओन चीजन मँ स कछू लइ जा जउन हम पचे आपन देस मँ बटोरि सका अही। ओकरे बरे कछू सहद, पिस्ता, बादाम, गोदं अउ लोहबान लइ जा। 12 इ टेम, पहिले स दुई गुना धन भी लइ ल्या उ धन क भी लइ ल्या जउन पिछली दाईं दिहे क पाछे लउटाइ दीन्ह गवा रहा। होइ सकत ह कि राज्जपाल स गलती भइ ह। 13 बिन्यामीन क संग ल्या अउ उ मनई क लगे लइ जा। 14 मइँ पराथना करत हउँ कि सर्वसक्तिमान परमेस्सर तू पचन क उ टेम मदद करी जब तू उ राज्जपाल क समन्वा ठाड़ होब्या। मइँ इ पराथना भी करत हउँ कि उ बिन्यामीन अउ सिमोन क भी सुरच्छित आवइ देइ। अगर नाही तउ मइँ आपन पूतन स वंचित होइ जाब।”

15 ऍह बरे भाइयन राजा क देइ बरे भेंट लिहन अउ उ पचे जेतॅना धन पहिले लिहे रहेन ओकर दुइ गुना आपन साथ लिहन। बिन्यामीन भाइयन क संग मिस्र गवा।

भाइयन क यूसुफ क घर निमंत्रण मिलत ह

16 मिस्र मँ यूसुफ ओनके संग बिन्यामीन क लखेस। यूसुफ आपन सेवक स कहेस: “ओन मनइयन क मोरे घरे लिआवा। एक ठु जनावर मारा अउ पकावा। उ सबइ मनई क आजु दुपहरिया मोरे संग भोजन करइ द्या।” 17 नउकर क जइसा कहा गवा रहा वइसा किहस। उ ओन मनइयन क यूसुफ क घर लइ गवा।

18 भाई लोग ससान रहेन जब उ सबइ यूसुफ क घर गएन। उ पचे कहेन, “हम पचे हिआँ उ धन बरे लिआवा ग अही जउन पिछली दाईं हम लोगन क बोरन मँ रखि दीन्ह ग रहा। उ पचे ऍका हम लोगन क बिरुद्ध प्रयोग करिही। तब उ पचे हम पचन क गदहन क लइ लेइहीं अउ हम लोगन क गुलाम बनइहीं।”

19 ऍह बरे यूसुफ क घरे क देख रेख करइवाला नउकर क लगे सबहि भाई गएन। 20 उ पचे कहेन, “महोदय हम सपथ लइके कहत हउँ कि पिछली दाईं हम लोग हिआँ भोजन खरीदइ बरे आए रहेन। 21-22 घर लउटत समइ हम पचे आपन बोरन क खाली कीन्ह अउ हर एक बोरा मँ आपन धन पावा। हम पचे नाहीं जानत रहेन कि ओनमाँ धन कइसे पहोंचा। मुला हम उ धन आप क लउटावइ बरे साथ लाए अहइँ अउ इ समइ हम लोग जउन अनाज बेसहइ चाहित ह ओकरे बरे धन लाए अही”

23 नउकर जवाब दिहस, “डेराअ जिन, मोहे प पतिआ। तोहरे पिता क परमेस्सर तू लोगन क धन क तोहरे बोरवन मँ भेंट क रुप मँ धरे होइ। मोका सुमिरन अहइ कि तू लोगन पिछली दाईं अनाज क दाम मोका दइ दिहे रह्या।”

तब नउकर सिमौन क जेल स बाहेर लिआवा। 24 नउकर ओन लोगन क यूसुफ क घरे लइ गवा। उ ओनका पानी दिहस अउ उ पचे आपन गोड़ पखारेन। उ ओनके गदहन क खाइ बरे चारा दिहस।

25 भाइयन सुनेन कि यूसुफ क संग खइया क खइही। ऍह बरे ओकर भाई आपन भेंट तइयार करइ मँ उ पचे दुपहर तलक लगा रहेन।

26 यूसुफ आपन घर गवा अउ भाइयन ओका भेंट दिहन जउन उ पचे आपन संग लइ आए रहेन। तब उ पचे धरती प निहुरिके पैलगी किहन।

27 यूसुफ ओनकइ कुसल पूछेस। यूसुफ कहेस, “तू पचन क बुढ़वा पिता जेकरे बारे मँ तू लोगन क बताया, ठीक तउ अहइ? का उ अब तलक जिउत अहइ?”

28 भाइयन जवाब दिहेन, “हम पचन क बाप नीक अहइँ।” उ सबइ अब तलक जिउत अहइँ अउर उ पचे फुन यूसुफ क समन्वा निहुरेन। यूसफ आपन भाई बिन्यामीन स मिलत ह

29 तब यूसुफ आपन बिन्यामीन क लखेस। (बिन्यामीन अउ यूसुफ क एक ही महतारी रहिन।) यूसुफ केहस, “का इ तू लोगन क सब स लहुरा भाई अहइ जेकरे बारे मँ तू बताए रह्या” तब यूसुफ बिन्यामीन स कहेस, “परमेस्सर तोह प कृपालु होइ।”

30 तब यूसुफ कमरा स बाहेर दौड़ि गवा। आपन भाइ बिन्यामीन क सहानुभूति मँ बेकाबू होइ गवा रहेन। ऍह बरे उ रोवइ वास्ते गुप्त ठउर खोजेस। उ आपन कमरा मँ गवा अउर हुवाँ रोवा। 31 तब यूसुफ आपन मुँह धोएस अउ बाहेर आवा। उ आपन आप पइ काबू रखेस अउर कहेस, “अब खइया क खाइके टेम बाटइ।”

32 यूसुफ अकेले एक ठु मेज प खइया खाएस। ओकर भाइयन दूसर मेज प एक साथ भोजन किहन। मिस्र क लोगन दूसर मेज प एक संग खाएन। ओनकइ बिस्सास रहा कि ओनके बरे इ ठीक नाही कि उ पचे हिब्रू लोगन क संग खाइँ। 33 अब उ पचन्क यूसुफ क समन्वा मेज पइ पहलोठा स लइ क सबन त छोटा क तरतीब मँ बइठा गवा रहेन। ऍह बरे सबइ भाइयन अचरज करत भए रहेन। 34 नउकर लोग यूसुफ क मेज प ओनका भोजन लइ जात रहेन। मुला अउरन स अपेच्छा नउकर लोग बिन्यामीन क पाँच गुना बेसी दिहन। यूसुफ क संग उ सबहि भाई तब तलक खात रहेन अउ दाखरस पिअत रहेन जब तलक उ पचे नसा मँ मस्त नाही होइ गएन।

मरकुस 13

बिनासे क भविस्सबाणी

(मत्ती 24:1-25; लूका 21:5-24)

13 जब उ मन्दिर स जात रहा, ओकर एक ठु चेला ओसे कहेस, “गुरु, लखा इ सबइ पाथर अउर इमारतन केतॅना अजूबा अहइँ।”

तउ ईसू ओनसे कहेस, “तू इन भारी इमारत क देखत बाट्या? हिआँ एक पाथर प दूसर पाथर टिकाइ कइ रखा बाटइ। एक एक ठु पाथर ढकेल दीन्ह जाई।”

जबहिं उ मन्दिर क समन्वा जैतून क पर्वत प बइठा रहा तउ पतरस, याकूब, यूहन्ना अउर अन्द्रियास अकेल्ले मँ पूछेन, “हमका बतावा, इ सब कछू कब घटी? जब इ सब कछू पूरा होइ जाई तउ कउन निसान देखॉइ देइहीं?”

ऍह पइ ईसू कहइ लाग, “होसियार! कउनो तोहका न छली। मोरे नाउँ स बहोत लोग अइहीं अउर इ दावा करिहीं, ‘मइँ उहइ हउँ।’ उ पचे बहोतन क छलिहीं। जब तू जुद्ध अउर जुद्धन क अफवाह क बारे मँ सुन्या तउ घबराया जिन अइसा तो होइ मुला अबहिं अंत नाहीं बाटइ। एक रास्ट्र दूसर रास्ट्र क खिलाफ अउर एक ठु राज्य दूसर राज्य क खिलाफ खड़ा होइहीं। बहोतन स ठउरन प भूइँडोल अइहीं अउर अकाल पड़ी। ई उ पीरा क सुरुआत होइ।

“आपन बारे मँ होसियार रहा। उ पचे तोहका अदालत मँ पेस करिहीं अउर फिन तोहका आराधनालयन मँ पीटा जाई अउर मोरे कारण तोहका सासक राजा लोगन क समन्वा खड़ा होइ क होई जइसे ओनका प्रमाण मिलि जाइ। 10 लेकिन इ जरूरी अहइ कि पहिले स हि सबन्क क सुसमाचार सुनाइ दीन्ह जाइ। 11 जब कबहुँ तोहका पकरि के तोहरे प मुकदमा चलइहीं तउ पहिले स इ फिकिर जिन कर्या कि तोहका का कहइ क अहइ। उ समइ प जउन कछू तोहका बतावा जाइ, उहइ बोल्या काहेकि इ सबइ तू पचे नाहीं जउन तू बोलत ह, मुला बोलइवाला पवित्तर आतिमा अहइ।

12 “भाई, भाई क धोखा दइके पकड़ावावत मरवाइ देइ। बाप, बेटवा क धोखा दइ के पकड़वाई अउर बाल-बच्चे आपन महतारी अउर बाप के खिलाफत मँ खड़ा होइके मरवइहीं। 13 मोरे कारण सब जने तोसे घिना करिहीं मुला जउन अंत समइ तलक धीरज धरी, ओकर उद्धार होई।

14 “जब तू पचे ‘घृनित खउफनाक अउर बिनास करइवाली चीजन्क,’ जहाँ उ सबन क न होइ चाही, हुवाँ खड़ा देख्या।” (पढ़वइया खुद समझि लेई कि ऍकर का अरथ अहइ।) “तब जउन लोग यहूदिया मँ होइहीं, ओनका पर्वत प पराय जाइ चाही। 15 अउर जउन लोग आपन घरवा क छतवा प होइहीं, उ पचे घरवा मँ घुसुरि क कछू भी लइ आवइ क तरखाले न उतरइ। 16 अउर जउन बाहेर मैदान मँ होई, उ पचे पाछे घूमि के आपन ओढ़ना तलक न लेई।”

17 उ स्त्रियन बरे जेकर पैर भारी होइ अउर जेकर दूध पिअइया बचवन गोदी मँ होइहीं, उ दिनन बहोतई खउफनाक होइहीं। 18 पराथना करा कि इ सब कछू सर्दी क रितु मँ न होइ। 19 उ दिनन अइसी बिपत आई जइसी आजु तक नाहीं इ जबहिं ते परमेस्सर इ संसार क रचि दिहन ह, आजु तक नाहीं आइ अउ कबहुँ अगवा न आई। 20 अउर जदि परमेस्सर उ दिनन क कमती कइ न दिहेस होत तउ कउनो न बच पावत। मुला उ खात रूप स चुना गवा मनइयन क कारण जेनका उ चुनेस, उ उ समइ क कब कम दिहस ह।

21 “उ दिनन मँ जदि कउनो तोसे कहइ कि, ‘देखा, इ रहा मसीह!’ या ‘उ अहइ मसीह।’ तू ओकर बिसवास न कर्या। 22 काहेकि झूठे मसीहन अउर झूठे नबियन देखॉइ देइहीं अउर उ सबइ अइसा अद्भुत चीन्हन देखइहीं अउर अचरज कारजन करिहीं कि जदि होइ जाए तउ उ पचे चुना गएन मनइयन क भी अड़पेंचे मँ डाइ देइहीं। 23 एह बरे तू सब होसियार रहा। मइँ समइ स पहिले ही तो पचन्क सब कछू बताइ दीन्ह।

24 “उ दिनन मँ दारून कस्ट क समइ क पाछे:

‘सूरज करिया पड़ि जाई,
    चंदा स ओकर चाँदनी न निकसी।
25 अकास स तारे टूटइ लगिहीं,
    अउर अकासे मँ बड़वार सक्ती झकाझोरि दीन्ह जइहीं।’ (A)

26 “तब्बइ मनइयन मनई क पूत क महासक्ती अउर महिमा क संग बदरवन मँ निहरिही। 27 फिन उ आपन दूतन क पठइके चारहु दिसा मँ धरती क छोरे स दूसर छोरे तक सब कइँती स आपन चुना भवा मनइयन क जमा करी।

28 “अंजीरे क बिरवा स उपदेस ल्या कि जबहिं ओकर टहनियन नरम अउर हरिअर होइ जात हीं तउ ओह पइ कोंपर फूटइ लागत हीं। तउ तू पचे जान लेत ह्या कि गर्मी क रितु आवइ क अहइ। 29 अइसे ही जबहिं तू पचे इ सब कछू होत लख्या तउ समझ लिहा कि उ समइ नगिचे आइ ग अहइ, मुला ठीक स दरवज्जे प। 30 मइँ तोसे सच-सच कहत हउँ कि इ सब घटना इत मनइयन क जिअते जी होइहीं. 31 धरती अउर अकास बरबाद होइ जइहीं लेकिन मोर बचन कबहुँ न टारे टरी।

32 “उ दिन या उ घड़ी क बारे मँ कउनो कछू गियान नाहीं, न सरग क दूतन अउर न अबहिं मनई क पूत क, सिरिफ परमपिता जानत बाटइ। 33 होसियार! जागत रहा काहेकि तू नाहीं जनत्या कि उ समइया कब आइ जाई।

34 “ई अइसे अहई कि जइसे कउनो मनई कउनो जात्रा प जात जात आपन नउकरन प आपन घरवा छोड़ि जाए अउर हर मनई क ओकर आपन आपन काम बाँटि दे अउर चौकीदार क हुकुम दइ जाए कि तू जागत रहा। 35 एह बरे तू जागत रहा काहेकि घरे क मालिक न जानी कब आइ जाए। चाहे सांझ होई, की आधी रात की मुर्गन क बाँग क समइ की फिन दिन निकरि आवइ। 36 जदि उ अचानक आइ जा तउ अइसा करा कि जेसे उ तोहका सोवत न पावइ। 37 जउन मइँ तोसे कहत हउँ, उहइ सबते कहत हउँ, ‘जानत रहा!’”

अय्यूब 9

अय्यूब बिलदद क जवाब देत ह

फुन अय्यूब जवाब दिहस।

“हाँ, मइँ जानत हउँ कि तू फुरइ कहत ह
    मुला मनई परमेस्सर क समन्वा निर्दोख कइसे होइ सकत ह?
मनई परमेस्सर स बहस नाहीं कइ सकत।
    परमेस्सर मनई स हजारन सवाल कइ सकत ह
    अउर कउनो ओनमाँ स एक ठु क भी जवाब नाहीं दइ सकत ह।
परमेस्सर बुद्धिमान अउर सक्तीसाली बाटइ।
    अइसा कउनो मनई नाहीं जउन पारमेस्सर क कामयाबी क खिलाफ करी।
जब परमेस्सर कोहाइ जात ह, उ पहाड़न क हटाइ देत ह, अउर उ सबइ समुझ तलक नाहीं पउतेन।
परमेस्सर भुइँया क कँपावइ बरे भुइँडोल पठवत ह।
    परमेस्सर भुइँया क खम्भन क हिलाइ देत ह।
परमेस्सर सूरज क आग्या दइ सकत ह अउर ओका उगइ स रोक सकत ह।
    उ तारन क बंद कइ सकत ह ताकि उ सबइ न चमकइँ।
सिरिफ परमेस्सर अकासन क रचेत ह।
    उ सागरे क लहरन पर बिचरि सकत ह।

“परमेस्सर सप्तर्सि, मृगसिरा अउर कचपचिया तारन क बनाएस ह।
    उ ओन ग्रहन क बनाएस जउन दक्खिन क अकास पार करत हीं।
10 परमेस्सर अइसेन अदभुत करम करत ह जेनका मनई नाहीं समुझ सकत।
    परमेस्सर क महान अचरज भरे करमन क कउनो अन्त नाहीं अहइ।
11 परमेस्सर जब मोरे लगे स निकरत ह तउ मइँ ओका लख नाहीं पावत हउँ।
    परमेस्सर जब मोरी बगल स निकरि जात ह तउ भी मइँ जान नाहीं पावत हउँ।
12 अगर परमेस्सर छोरइ लागत ह तउ कउनो भी ओका रोक नाहीं सकत।
    कउनो भी ओहसे कह नाहीं सकत कि ‘तू का करत अहा?’
13 परमेस्सर आपन किरोध क रोकी नाहीं।
    हिआँ तलक कि राहाब[a] क सहायक भी परमेस्सर क सक्ती क आगे झुकत ही।
14 एह बरे परमेस्सर स मइँ बहस नाहीं कइ सकत।
    मइँ नाही जानत कि ओहसे का कहा जाइ।
15 यद्दपि मइँ तउ निर्दोख अहउँ, मोरे लगे कउनो विकल्प नाहीं अहइ
    किन्तु ओहसे जउनो कि मोका निआव करत ह दाया क आग्रह कइ सकत हउँ।
    मइँ सिरिफ ओसे जउन मोर निआउ करत ह, दाया क भीख माँग सकत हउँ।
16 अगर मइँ ओका गोहरावउँ अउर उ जवाब देइ,
    तबहुँ मोका बिस्सास नाहीं होइ कि उ सच ही ओह पइ धियान देत ह, ‘जउन मइँ कहत हउँ।’
17 परमेस्सर मोका कुचरइ बरे तूफान पठइ
    अउर उ मोका अकारण ही जियादा घाव देइ।
18 परमेस्सर मोका फुन साँस नाहीं लेइ देइ।
    उ मोका अउर जियादा दुख देइ।
19 कउनो मनई परमेस्सर क सक्ती क मुकाबला मँ
    हराइ नाहीं सकत ह।
कउनो मनई परमेस्सर क अदालत मँ लइ बरे
    मजबूर नाहीं कइ सकत ह।
20 चाहे मइँ निर्दोख अहउँ, जउन कछू भी मइँ कहत हउँ उ मोका दोखी ठहराउब।
    चाहे मइँ कउनो बुरा काम नाहीं किहा, उ मोका भ्रस्ट क जइसा बनाउब्या।
21 मइँ पाप रहित हउँ।
मुला मोका आपन ही परवाह नाहीं अहइ
    मइँ खुद आपन ही जिन्नगी स घिना करत हउँ।
22 मइँ खुद स कहत हउँ, ‘हर कउनो क संग एक समान ही घटित होइ।
    निरपराध लोग वइसेन ही मरत हीं जइसे अपराधी मरत हीं।
    परमेस्सर ओन सबक जिन्नगी क अन्त करत ह।’
23 का परमेस्सर मज़ाक करत ह जब अचानक विपत्ति आवत अउर कउनो निर्दोख मनई मारा जात ह
24 अगर निआधीस क आँखिन क ढाँपि दीन्ह जाइ तउ धरती पइ दुट्ठन क राज होइ जाब्या।
    अगर इ परमेस्सर नाहीं किहस, तउ फुन कउन किहस ह?

25 “कउनो तेज धावक स तेज मोर दिन परात अहइँ।
    मोर दिन उड़िके बीतत अहइँ अउर ओनमाँ कउनो खुसी नाहीं अहइँ।
26 तेजी स मोर दिन बीतत अहइँ जइसे भोजपत्र क नाब बहत चली जात ह।
    मोर दिन अइसे हीं बीतत अहइँ जइसे उकाब आपन सिकारे पइ टूट पड़त होइ!

27 “जदि मइँ कह सकब, ‘मइ सिकाइत नाहीं करब।
    मइँ आपन दर्द भुल जाब।
    अउर खुस होइ जाब्या।’
28 किन्तु मइँ अबहुँ तलक पीरा स डेरात हउँ
    काहेकि मइँ जानत हउँ कि अबहुँ भी तू (परमेस्सर) मोका निर्दोख नाहीं बनाउब्या।
29 मइँ परमेस्सर क संग आपन दलील क खोइ देब।
    तउ कोसिस करइ मँ मोका आपन समइ काहे बरबाद करइ चाही।
30 चाहे मइँ आपन हाथ धोइ बरे सबन त सुद्ध पानी
    अउर बड़िया साबुन क प्रयोग करा।
31 फुन भी परमेस्सर मोका घिनौना गड़हा मँ ढकेल देइ
    जहाँ मोर ओढ़ना तलक मोहसे घिना करिहीं।
32 परमेस्सर, मोर जइसा मनई नाहीं अहइ।
एह बरे ओका मइँ जवाब नाहीं दइ सकत।
    हम दुइनउँ अदालत मँ एक दूसरे स मिल सकित नाहीं।
33 हुवाँ कउनो एक बिचौलिया नाहीं जउन हमार बीच क बातन सुन सकत।
    हुवाँ कउनो एक नाहीं जउन हम दुइनउँ क ऊपर अधिकार रखइ सकत।
34 अगर परमेस्सर मोका सज़ा देइ बन्द कइ देइ,
    अउर उ मोका बहोत जियादा नाहीं डेरावइ।
35 तब मइँ बगैर डरे परमेस्सर स उ सब कहि सकत हउँ,
    काहेकि मइँ जानत हउँ कि मइँ अइसा दोखी नाहीं हउँ जइसा मोह क दोखी ठहराइ गवा ह।

रोमियन 13

सरकारी सासक क नेमन क पालन करा

13 हर मनई क प्रधान सत्ता क अधीनता अंगीकार करइ चाही। काहेकि सासन क अधिकार परमेस्सर कइँती स बा। अउर जउन अधिकार मौजूद बा ओन्हे परमेस्सर नियत किहे बा। इही बरे जउन सत्ता क विरोध करत हीं, उ परमेस्सर क आज्ञा क विरोध करत ह अउर जउन परमेस्सर क आज्ञा क विरोध करत हीं, उ दण्ड पइहीं। अब देखा कउनउ सासक, उ मनई क, जउन नेकी करत हीं, नाहीं डेरातेन बल्कि उही क डेरावत हीं, जउन खराब काम करत हीं। अगर तू सासन स नाहीं डेराइ चाहत ह, तउ भला काम करत रहा। तोहे सत्ता क प्रसंसा मिली।

जउन सासन मँ अहइँ उ परमेस्सर क सेवक अहइँ उ तोहर भला करइ बरे बा। परन्तु अगर तू खराब करत ह तउ ओहसे डेरा काहे? काहेकि ओकर तलवार बेकार नाहीं बाटइ। उ परमेस्सर का सेवक अहइ अउर जो गलत करत ह, वह परमेस्सर क क्रोध लिआवत ह। इही बरे समर्पण जरुरी बा। न केवल डर क कारण बल्कि तोहरे अपने चेतना क कारण

इही बरे त तू पचे चुंगी (टिॅक्स) चुकावत ह काहेकि अधिकारी परमेस्सर क सेवक बाटेन जउन अपने कत्तर्व्यन क ही पूरा करइ मँ लागा रहत हीं। जेह कउनो क तोहका देइ क बा, ओका चुकाइ द्या। जउन कर तोहका देइ क बा। ओका द्या जेकर चुंगी (टिॅक्स) तोहपे निकरत ह, ओका चुँगी द्या। जेहसे तोहे डेराइ चाही, तू ओसे डेरा। जेकर आदर करइ चाही ओकर आदर करा।

पिरेम इ व्यवस्था अहइ

आपसी पिरेम क अलावा कउनो क ऋण अपने उप्पर न रखा काहेकि जउन अपने साथियन स पिरेम करत ह, उ एह तरह व्यवस्था क पूरी आज्ञा क मानत ह। मइँ इ एह बरे कहत हउँ काहेकि, “व्यभिचार न करा, हतिया न करा, चोरी न करा, लालच न रखा”(A) अउ जउनउ दूसरी व्यवस्था होइ सकत ह, इ बचन मँ समाइ जात ह कि, “तोहे अपने साथी क अइसेन ही पियार करइ चाही, जइसेन तू अपने आप क करत ह।”(B) 10 पिरेम अपने साथी क बुरा कभउँ नाहीं करत। इही बरे पिरेम करब व्यवस्था क पूरा करब बा।

11 इ सब कछू त एह बरे करा कि जइसेन समइ मँ तू रहत ह, ओका जानत अहा। तू जानत अहा कि तोहरे बरे संकट का समइ अहइ अपने नींद स जगावइ क समइ आइ पहुँचा बा, उ समय क तुलना मँ जब हम पहले बिसवास धारण किहे रहेन तउ हमार उद्धार अब ओसे जियादा लगे बा। 12 “रात” लगभग पूरी होइ चुकी बा, “दिन” लगे ही बा, इही बरे आवा हम ओन्हन करमन स छुटकारा पाइ लेइ जउन अन्धकार क अहइँ। आवा हम प्रकास क अस्त्रन क धारण करी। 13 आवा हम वइसेन ही अच्छे रीति स रही जइसेन दिन क समइ दिन रहत ह। बहुत जियादा बेमार क दावत मँ न जात भए खाइ पीइके बुत्त न होइ जा। लुच्चापना दुराचार व्यभिचार मँ न पड़ा। न झगड़ा अउर न ही डाह रखा। 14 बल्कि पर्भू ईसू मसीह क धारण करा। अउर आपन भौतिक मनई सुभाउ क सबइ इच्छा क पूरा करइ मँ ही न लगा रहा।

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.