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The Daily Audio Bible

This reading plan is provided by Brian Hardin from Daily Audio Bible.
Duration: 731 days

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Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
2 इतिहास 11-13

11 जब रहूबियाम यरूशलेम आया, उसने एक लाख अस्सी हज़ार सर्वोत्तम योद्धाओं को इकट्ठा किया। उसने इन योद्धाओं को यहूदा और बिन्यामीन के परिवार समूहों से इकट्ठा किया। उसने इन्हें इस्राएल के विरुद्ध लड़ने के लिये तैयार किया जिससे वह राज्य को रहूबियाम को वापस लौटा सके। किन्तु यहोवा का सन्देश शमायाह के पास आया। शमायाह परमेश्वर का व्यक्ति था। यहोवा ने कहा, “शमायाह यहूदा के राजा, सुलैमान के पुत्र रहूबियाम से बातें करो और यहूदा तथा बिन्यामीन में रहने वाले सभी इस्राएल के लोगों से बातें करो। उनसे कहो, यहोवा यह कहाता है: ‘तुम्हें अपने भाईयों के विरुद्ध नहीं लड़ना चाहिये! हर एक व्यक्ति अपने घर लौट जाये। मैंने ही ऐसा होने दिया है।’” इसलिये राजा रहूबियाम और उसकी सेना ने यहोवा का सन्देश माना और वे लौट गए। उन्होंने यारोबाम पर आक्रमण नहीं किया।

रहूबियाम यहूदा को शक्तिशाली बनाता है

रहूबियाम यरूशलेम में रहने लगा। उसने आक्रमण के विरुद्ध रक्षा के लिये यहूदा में सुदृढ़ नगर बनाए। उसने बेतलेहेम, एताम, तकोआ, बेत्सूर, सोको, अदुल्लाम, गत, मारेशा, जीप, अदोरैम, लाकीश, अजेका, 10 सोरा, अय्यालोन, और हेब्रोन नगरों की मरम्मत कराई। यहूदा और बिन्यामीन में ये नगर दृढ़ बनाए गए। 11 जब रहूबियाम ने उन नगरों को दृढ़ बना लिया तो उनमें सेनापति रखे। उसने उन नगरों में भोजन, तेल और दाखमधु की पूर्ति की व्यवस्था की। 12 रहूबियाम ने ढाल और भाले भी हर एक नगर में रखे और उन्हें बहुत शक्तिशाली बनाया। रहूबियाम ने यहूदा और बिन्यामीन के लोगों को अपने अधिकार में रखा।

13 पूरे इस्राएल के याजक और लेवीवंशी रहूबियाम से सहमत थे और वे उसके साथ हो गए। 14 लेवीवंशियों ने अपनी घास वाली भूमि और अपने खेत छोड़ दिये और वे यहूदा तथा यरूशलेम आ गए। लेवीवंशियों ने यह इसलिये किया कि यारोबाम और उसके पुत्रों ने उन्हें यहोवा के याजक के रूप में सेवा कराने से इन्कार कर दिया।

15 यारोबाम ने अपने ही याजकों को वहाँ उच्च स्थानों पर सेवा करने के लिये नियुक्त किया जहाँ उसने बकरे और बछड़े की उन मूर्तियों को स्थापित की जिन्हें उसने बनाया था। 16 जब लेवीवंशियों ने इस्राएल को छोड़ दिया तब इस्राएल के परिवार समूह के वे लोग जो इस्राएल के यहोवा परमेश्वर के प्रति विश्वास योग्य थे, यरूशलेम में यहोवा, अपने पूर्वजों के परमेश्वर को बलि चढ़ाने आए। 17 उन लोगों ने यहूदा के राज्य को शक्तिशाली बनाया और उन्होंने सुलैमान के पुत्र रहूबियाम को तीन वर्ष तक समर्थन दिया। वे ऐसा करते रहे क्योंकि इस समय के बीच वे वैसे रहते रहे जैसे दाऊद और सुलैमान रहे थे।

रहूबियाम का परिवार

18 रहूबियाम ने महलत से विवाह किया। उसका पिता यरीमोत था। उसकी माँ अबीहैल थी। यरीमोत दाऊद का पुत्र था। अबीहैल एलीआब की पुत्री थी और एलीआब यिशै का पुत्र था। 19 महलत से रहूबियाम के ये पुत्र उत्पन्न हुए: यूश, शमर्याह और जाहम। 20 तब रहूबियाम ने माका से विवाह किया। माका अबशलोम की पोती थी और माका से रहूबियाम के ये बच्चे हुएः अबिय्याह, अत्ते, जीजा और शलोमीत। 21 रहूबियाम माका से सभी अन्य पत्नियों और दासियों से अधिक प्रेम करता था। माका अबशलोम की पोती थी। रहूबियाम की अट्ठारह पत्नियाँ और साठ रखैल थीं। रहूबियाम अट्ठाईस पुत्रों और साठ पुत्रियों का पिता था।

22 रहूबियाम ने अपने भाईयों में अबिय्याह को प्रमुख चुना। रहूबियाम ने यह इसलिये किया कि उसने अबिय्याह को राजा बनाने की योजना बनाई। 23 रहूबियाम ने बुद्धिमानी से काम किया और उसने अपने लड़कों को यहूदा और बिन्यामीन के पूरे देश में हर एक शक्तिशाली नगर में फैला दिया और रहूबियाम ने अपने पुत्रों को बहुत अधिक पुत्रियाँ भेजीं। उसने अपने पुत्रों के लिये पत्नियों की खोज की।

मिस्री राजा शीशक का यरूशलेम पर आक्रमण

12 रहूबियाम एक शक्तिशाली राजा हो गया। उसने अपने राज्य को भी शक्तिशाली बनाया। तब रहूबियाम और यहूदा के सभी लोगों ने यहोवा के नियम का पालन करने से इन्कार कर दिया।

रहूबियाम के राज्यकाल के पाँचवें वर्ष शीशक ने यरूशलेम पर आक्रमण किया। शीशक मिस्र का राजा था। यह इसलिये हुआ कि रहूबियाम और यहूदा के लोग यहोवा के प्रति निष्ठावान नहीं थे। शीशक के पास बारह हज़ार रथ, साठ हज़ार अश्वारोही, और एक सेना थी जिसे कोई गिन नहीं सकता था। शीशक की सेना में लूबी, सुक्किय्यी और कूशी सैनिक थे। शीशक ने यहूदा के शक्तिशाली नगरों को पराजित कर दिया। तब शीशक अपनी सेना को यरूशलेम लाया।

तब शमायाह नबी रहूबियाम और यहूदा के प्रमुखों के पास आया। यहूदा के वे प्रमुख यरूशलेम में इकट्ठे हुए थे क्योंकि वे सभी शीशक से भयभीत थे। शमायाह ने रहूबियाम और यहूदा के प्रमुखों से कहा, “यहोवा जो कहता है वह यह हैः ‘रहूबियाम, तुम और यहूदा के लोगों ने मुझे छोड़ दिया है और मेरे नियम का पालन करने से इन्कार कर दिया है। इसलिये मैं तुमको अपनी सहायता के बिना शीशक का सामना करने को छोड़ूँगा।’”

तब यहूदा के प्रमुखों और राजा रहूबियाम ने ग्लानि का अनुभव करते हुये अपने को विनम्र किया और कहा कि, “यहोवा न्यायी है।”

यहोवा ने देखा कि राजा और यहूदा के प्रमुखों ने अपने आप को विनम्र बनाया है। तब यहोवा का सन्देश शमायाह के पास आया। यहोवा ने शमायाह से कहा, “राजा और लोगों ने अपने को विनम्र किया है, इसलिये मैं उन्हें नष्ट नहीं करूँगा अपितु मैं उन्हें शीघ्र ही बचाऊँगा। मैं शीशक का उपयोग यरूशलेम पर अपना क्रोध उतारने के लिये नहीं करूँगा। किन्तु यरूशलेम के लोग शीशक के सेवक हो जाएंगे। यह इसलिये होगा कि वे सीख सकें कि मेरी सेवा करना दूसरे राष्ट्रों के राजाओं की सेवा करने से भिन्न है।”

शीशक ने यरूशलेम पर आक्रमण किया और यहोवा के मन्दिर में जो खजाना था, ले गया। शीशक मिस्र का राजा था और उसने उस खजाने को भी ले लिया जो राजा के महल में था। शीशक ने हर एक चीज ली और उनके खजानों को ले गया। उसने सोने की ढालों को भी लिया जिन्हें सुलैमान ने बनाया था। 10 राजा रहूबियाम ने सोने की ढालों के स्थान पर काँसे की ढालें बनाईं। रहूबियाम ने उन सेनापतियों को जो राजमहल के द्वारों की रक्षा के उत्तरदायी थे, काँसे की ढालें दीं। 11 जब राजा यहोवा के मन्दिर में जाता था तो रक्षक काँसे की ढालें बाहर निकालते थे। उसके बाद वे काँसे की ढालों को रक्षक—गृह में वापस रखते थे।

12 जब रहूबियाम ने अपने को विनम्र कर लिया तो यहोवा ने अपने क्रोध को उससे दूर कर लिया। इसलिये यहोवा ने रहूबियाम को पूरी तरह नष्ट नहीं किया। यहूदा में कुछ अच्छाई बची थी।

13 राजा रहूबियाम ने यरूशलेम में अपने को शक्तिशाली राजा बना लिया। वह उस समय इकतालीस वर्ष का था, जब राजा बना। रहूबियाम यरूशलेम में सत्रह वर्ष तक राजा रहा। यरूशलेम वह नगर है जिसे यहोवा ने इस्राएल के सारे परिवार समूह में से चुना। यहोवा ने यरूशलेम में अपने को प्रतिष्ठित करना चुना। रहूबियाम की माँ नामा थी। नामा अम्मोन देश की थी। 14 रहूबियाम ने बुरी चीज़ें इसलिये कीं क्योंकि उसने अपने हृदय से यहोवा की आज्ञा पालन करने का निश्चय नहीं किया।

15 जब रहूबियाम राजा हुआ, अपने शासन के आरम्भ से अन्त तक, उसने जो कुछ किया वह शमायाह और इद्दो के लेखों में लिखा गया है। शमायाह एक नबी था और इद्दो दृष्टा। वे लोग परिवार इतिहास लिखते थे और रहूबियाम तथा यारोबाम जब तक शासन करते रहे उनके बीच सदा युद्ध चलता रहा। 16 रहूबियाम ने अपने पूर्वजों के साथ विश्राम किया। रहूबियाम को दाऊद के नगर में दफनाया गया। रहूबियाम का पुत्र अबिय्याह नया राजा हुआ।

यहूदा का राजा अबिय्याह

13 जब राजा यारोबाम इस्राएल के राजा के रूप में अट्ठारहवें वर्ष में था अबिय्याह यहूदा का नया राजा बना। अबिय्याह यरूशलेम में तीन वर्ष तक राजा रहा। अबिय्याह की माँ मीकायाह थी। मीकायाह, ऊरीएल की पुत्री थी। ऊरीएल गिबा नगर का था और वहाँ अबिय्याह और यारोबाम के बीच युद्ध चल रहा था। अबिय्याह की सेना में चार लाख वीर सैनिक थे। यारोबाम ने अबिय्याह के विरुद्ध युद्ध के लिये तैयारी की। उसके पास आठ लाख वीर सैनिक थे।

तब अबिय्याह एप्रैम के पर्वतीय प्रदेश में समारैम पर्वत पर खड़ा हुआ। अबिय्याह ने कहा, “यारोबाम और सारे इस्राएली मेरी बात सुनों! तुम लोगों को जानना चाहिये कि यहोवा, इस्राएल के प्ररमेश्वर ने दाऊद और उसकी सन्तानों को इस्राएल का राजा होने का अधिकार सदैव के लिये दिया है। यहोवा ने दाऊद को यह अधिकार नमकवाली वाचा के साथ दिया। किन्तु यारोबाम अपने स्वामी के विरुद्ध हो गया! यारोबाम जो नबात का पुत्र था, दाऊद के पुत्र सुलैमान के अधिकारियों में से एक था। तब निकम्मे, बुरे व्यक्ति यारोबाम के मित्र हो गए तथा यारोबाम और वे बुरे व्यक्ति सुलैमान के पुत्र रहूबियाम के विरुद्ध हो गये। रहूबियाम युवक था और उसे अनुभव नहीं था। इसलिये रहूबियाम यारोबाम और उसके बुरे मित्रों को रोक न सका।

“तुम लोगों ने परमेश्वर के राज्य, जो दाऊद के पुत्रों द्वारा शासित है, हराने की योजना बनाई है। तुम लोगों की संख्या बहुत है और यारोबाम का तुम्हारे लिये बनाया गया सोने का बछड़ा तुम्हारा ईश्वर है! तुम लोगों ने हारून के वंशज यहोवा के याजकों और लेवीवंशियों को निकाल बाहर किया है। तुमने पृथ्वी के अन्य देशों के समान अपने याजकों को चुना है। तब तो कोई भी व्यक्ति जो एक युवा बैल और सात मेंढ़े लाये, उन झूठे ‘ईश्वरों’ की सेवा करने वाला याजक बन सकता है।

10 “किन्तु जहाँ तक हमारी बात है यहोवा हमारा परमेश्वर है। हम यहूदा के निवासी लोगों ने यहोवा की आज्ञा पालन से इन्कार किया नहीं है! हम लोगों ने उसको छोड़ा नहीं है! जो याजक यहोवा की सेवा करते हैं, वे हारून की सन्तान हैं और लेवीवंशी यहोवा की सेवा करने में याजकों की सहायता करते हैं। 11 वे होमबलि चढ़ाते हैं और धूप की सुगन्धि यहोवा को हर सुबह—शाम जलाते हैं। वे मन्दिर में विशेष मेज पर रोटियाँ पंक्तियों में रखते भी हैं और वे सोने के दीपाधार पर रखे हुए दीपकों की देखभाल करते हैं ताकि हर संध्या को वह प्रकाश के साथ चले। हम लोग यहोवा, अपने परमेश्वर की सेवा सावधानी के साथ करते हैं। किन्तु तुम लोगों ने उसको छोड़ दिया है। 12 स्वयं परमेश्वर हम लोगों के साथ है। वह हमारा शासक है और उसके याजक हमारे साथ हैं। परमेश्वर के याजक अपनी तुरही तुम्हें जगाने और तुम्हें उसके पास आने को उत्साहित करने के लिये फूँकते हैं! ऐ इस्राएल के लोगो, अपने पूर्वजों के यहोवा, परमेश्वर के विरुद्ध मत लड़ो! क्योंकि तुम सफल नहीं होगे!”

13 किन्तु यारोबाम ने सैनिकों की एक टुकड़ी को चुपके—चुपके गुप्त रूप से अबिय्याह की सेना के पीछे भेजा। यारोबाम की सेना अबिय्याह की सेना के सामने थी। यारोबाम की सेना के गुप्त सैनिक अबिय्याह की सेना के पीछे थे। 14 जब अबिय्याह की सेना के यहूदा के सैनिकों ने चारों ओर देखा तो उन्होंने यारोबाम की सेना को आगे और पीछे से आक्रमण करते पाया। यहूदा के लोगों ने यहोवा को जोर से पुकारा और याजकों ने तुरहियाँ बजाईं। 15 तब अबिय्याह की सेना के लोगों ने उद्घोष किया। जब यहूदा के लोगों ने उद्घोष किया तो परमेश्वर ने यारोबाम की सेना को हरा दिया। इस्राएल की सारी यारोबाम की सेना अबिय्याह की यहूदा की सेना द्वारा हरा दी गई। 16 इस्राएल के लोग यहूदा के लोगों के सामने भाग खड़े हुए। परमेश्वर ने यहूदा की सेना द्वारा इस्राएल की सेना को हरवा दिया। 17 अबिय्याह की सेना ने इस्राएल की सेना को बुरी तरह हराया और इस्राएल के पाँच लाख उत्तम योद्धा मारे गये। 18 इस प्रकार उस समय इस्राएल के लोग पराजित और यहूदा के लोग विजयी हुए। यहूदा की सेना विजयी हुई क्योंकि वह अपने पूर्वजों के परमेश्वर, यहोवा पर आश्रित रही।

19 अबिय्याह की सेना ने यारोबाम की सेना का पीछा किया। अबिय्याह की सेना ने यारोबाम से बेतेल, यशाना तथा एप्रोन नगरों को ले लिया। उन्होंने उन नगरों और उनके आस पास के छोटे गावों पर अधिकार कर लिया।

20 यारोबाम पर्याप्त शक्तिशाली फिर कभी नहीं हुआ जब तक अबिय्याह जीवित रहा। यहोवा ने यारोबाम को मार डाला। 21 किन्तु अबिय्याह शक्तिशाली हो गया। उसने चौदह स्त्रियों से विवाह किया और वह बाईस पुत्रों तथा सोलह पुत्रियों का पिता था। 22 अन्य जो कुछ अबिय्याह ने किया, वह इद्दो नबी की पुस्तकों में लिखा है।

रोमियों 8:26-39

26 ऐसे ही जैसे हम कराहते हैं, आत्मा हमारी दुर्बलता में हमारी सहायता करने आती है क्योंकि हम नहीं जानते कि हम किसके लिये प्रार्थना करें। किन्तु आत्मा स्वयं ऐसी आहें भर कर जिनकी शब्दों में अभिव्यक्ति नहीं की जा सकती, हमारे लिए विनती करती है। 27 किन्तु वह अन्तर्यामी जानता है कि आत्मा की मनसा क्या है। क्योंकि परमेश्वर की इच्छा से ही वह परमेश्वर के पवित्र जनों के लिए मध्यस्थता करती है।

28 और हम जानते हैं कि हर परिस्थिति में वह आत्मा परमेश्वर के भक्तों के साथ मिल कर वह काम करता है जो भलाई ही लाते हैं उन सब के लिए जिन्हें उसके प्रयोजन के अनुसार ही बुलाया गया है। 29 जिन्हें उसने पहले ही चुना उन्हें पहले ही अपने पुत्र के रूप में ठहराया ताकि बहुत से भाइयों में वह सबसे बड़ा भाई बन सके। 30 जिन्हें उसने पहले से निश्चित किया, उन्हें भी उसने बुलाया और जिन्हें उसने बुलाया, उन्हें उसने धर्मी ठहराया और जिन्हें उसने धर्मी ठहराया, उन्हें महिमा भी प्रदान की।

परमेश्वर का प्रेम

31 तो इसे देखते हुए हम क्या कहें? यदि परमेश्वर हमारे पक्ष में है तो हमारे विरोध में कौन हो सकता है? 32 उसने जिसने अपने पुत्र तक को बचा कर नहीं रखा बल्कि उसे हम सब के लिए मरने को सौंप दिया। वह भला हमें उसके साथ और सब कुछ क्यों नहीं देगा? 33 परमेश्वर के चुने हुए लोगों पर ऐसा कौन है जो, दोष लगायेगा? वह परमेश्वर ही है जो उन्हें निर्दोष ठहराता है। 34 ऐसा कौन है जो उन्हें दोषी ठहराएगा? मसीह यीशु वह है जो मर गया (और इससे भी अधिक महत्त्वपूर्ण यह है कि) उसे फिर जिलाया गया। जो परमेश्वर के दाहिनी ओर बैठा है और हमारी ओर से विनती भी करता है 35 कौन है जो हमें मसीह के प्यार से अलग करेगा? यातना या कठिनाई या अत्याचार या अकाल या नंगापन या जोख़िम या तलवार? 36 जैसा कि शास्त्र कहता है:

“तेरे लिये (मसीह) सारे दिन हमें मौत को सौंपा जाता है।
    हम काटी जाने वाली भेड़ जैसे समझे जाते हैं।”(A)

37 तब भी उसके द्वारा जो हमें प्रेम करता है, इन सब बातों में हम एक शानदार विजय पा रहे हैं। 38 क्योंकि मैं मान चुका हूँ कि न मृत्यु और न जीवन, न स्वर्गदूत और न शासन करने वाली आत्माएँ, न वर्तमान की कोई वस्तु और न भविष्य की कोई वस्तु, न आत्मिक शक्तियाँ, 39 न कोई हमारे ऊपर का और न हमसे नीचे का, न सृष्टि की कोई और वस्तु हमें प्रभु के उस प्रेम से, जो हमारे भीतर प्रभु यीशु मसीह के प्रति है, हमें अलग कर सकेगी।

भजन संहिता 18:37-50

37 फिर अपने शत्रुओं का पीछा करुँ, और उन्हें पकड़ सकूँ।
    उनमें से एक को भी नहीं बच पाने दूँगा।
38 मैं अपने शत्रुओं को पराजित करुँगा।
    उनमें से एक भी फिर खड़ा नहीं होगा।
    मेरे सभी शत्रु मेरे पाँवों पर गिरेंगे।
39 हे परमेश्वर, तूने मुझे युद्ध में शक्ति दी,
    और मेरे सब शत्रुओं को मेरे सामने झुका दिया।
40 तूने मेरे शत्रुओं की पीठ मेरी ओर फेर दी,
    ताकि मैं उनको काट डालूँ जो मुझ से द्वेष रखते हैं!
41 जब मेरे बैरियों ने सहायता को पुकारा,
    उन्हें सहायता देने आगे कोई नहीं आया।
यहाँ तक कि उन्होंने यहोवा तक को पुकारा,
    किन्तु यहोवा से उनको उत्तर न मिला।
42 मैं अपने शत्रुओं को कूट कूट कर धूल में मिला दूँगा, जिसे पवन उड़ा देती है।
    मैंने उनको कुचल दिया और मिट्टी में मिला दिया।

43 मुझे उनसे बचा ले जो मुझसे युद्ध करते हैं।
    मुझे उन जातियों का मुखिया बना दे,
    जिनको मैं जानता तक नहीं हूँ ताकि वे मेरी सेवा करेंगे।
44 फिर वे लोग मेरी सुनेंगे और मेरे आदेशों को पालेंगे,
    अन्य राष्टों के जन मुझसे डरेंगे।
45 वे विदेशी लोग मेरे सामने झुकेंगे क्योंकि वे मुझसे भयभीत होंगे।
    वे भय से काँपते हुए अपने छिपे स्थानों से बाहर निकल आयेंगे।

46 यहोवा सजीव है!
    मैं अपनी चट्टान के यश गीत गाता हूँ।
    मेरा महान परमेश्वर मेरी रक्षा करता है।
47 धन्य है, मेरा पलटा लेने वाला परमेश्वर
    जिसने देश—देश के लोगों को मेरे बस में कर दिया है।
48     यहोवा, तूने मुझे शत्रुओं से छुड़ाया है।

तूने मेरी सहायता की ताकि मैं उन लोगों को हरा सकूँ जो मेरे विरुद्ध खड़े हुए।
    तूने मुझे कठोर व्यक्तियों से बचाया है।
49 हे यहोवा, इसी कारण मैं देशों के बीच तेरी स्तुति करता हूँ।
    इसी कारण मैं तेरे नाम का भजन गाता हूँ।

50 यहोवा अपने राजा की सहायता बहुत से युद्धों को जीतने में करता है!
    वह अपना सच्चा प्रेम, अपने चुने हुए राजा पर दिखाता है।
    वह दाऊद और उसके वंशजों के लिये सदा विश्वास योग्य रहेगा!

नीतिवचन 19:27-29

27 मेरे पुत्र यदि तू अनुशासन पर ध्यान देना छोड़ देगा, तो तू ज्ञान के वचनों से भटक जायेगा।

28 भ्रष्ट गवाह न्याय की हँसी उड़ाता है, और दुष्ट का मुख पाप को निगल जाता।

29 उच्छृंखल दण्ड पायेगा, और मूर्ख जन की पीठ कोड़े खायेगी।

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

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