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The Daily Audio Bible

This reading plan is provided by Brian Hardin from Daily Audio Bible.
Duration: 731 days

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Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
1 इतिहास 1:1-2:17

आदम से नूह तक परिवारिक इतिहास

1-3 आदम, शेत, एनोश, केनान, महललेल, येरेद, हलोक, मतूशेलह, लेमेक, नूह।[a]

नूह के पुत्र शेम, हाम और येपेत थे।

येपेत के वंशज

येपेत के पुत्र गोमेर, मागोग, मादै, यावान, तूबल, मेशेक और तीरास थे।

गोमेर के पुत्र अशकनज, दीपत और तोगर्मा थे।

यावान के पुत्र एलीशा, तर्शीश, कित्ती और रोदानी थे।

हाम के वंशज

हाम के पुत्र कूश (मिस्रम), पूत और कनान थे।

कूश के पुत्र सबा, हबीला, सबाता, रामा और सब्तका थे। रामा के पुत्र शबा और ददान थे।

10 कूश का वंशज निम्रोद संसार में सर्वाधिक शक्तिशाली वीर योद्धा हुआ।

11 मिस्र लूदी, अनामी, लहावी, नप्तही,

12 पत्रूसी, कसलूही और कप्तोरी का पिता था। (पलिश्ती के लोग कसलूही के वंशज थे।)

13 कनान सीदोन का पिता था। सीदोन उसका प्रथम पुत्र था। कनान, हित्तियों, 14 यबूसी, एमोरी, गिर्गाशी, के लोगों का भी पिता था। 15 हिव्वी, अकर्की, सीनी, 16 अर्वदी, समारी और हमाती के लोगों का भी पिता था।

शेम के वंशज

17 शेम के पुत्र एलाम, अश्शूर, अर्पक्षद, लूद और अराम थे। अराम के पुत्र ऊस, हूल, गेतेर और मेशेक थे। 18 अर्पक्षद शेलह का पिता था। शेलह एबेर का पिता था।

19 एबेर के दो पुत्र थे। एक पुत्र का नाम पेलेग था, क्योंकि पृथ्वी के मनुष्य उसके जीवनकाल में कई भाषाओं में बटे थे। पेलेग के भाई का नाम योक्तान था। 20 (योक्तान से पैदा हुये अल्मोदाद, शुलेप, हसर्मावेत, येरह, 21 हदोराम, ऊजाल, दिक्ला, 22 एबाल, अबीमाएल, शबा, 23 ओपीर, हवीला, और योबाब, ये सब योक्तान की सन्तान थे।)

24 शेम के वंशजः अर्पक्षद, शेलह, 25 एबेर, पेलेग, रू, 26 सरूग, नाहोर, तेरह 27 और अब्राम (अब्राम को इब्राहीम भी कहा जाता है।)

इब्राहीम का परिवार

28 इब्राहीम के पुत्र इसहाक और इश्माएल थे। 29 ये इसके वंशज हैं:

इश्माएल का प्रथम पुत्र नबायोत था। इश्माएल के अन्य पुत्र केदार, अदवेल, मिबसाम, 30 मिश्मा, दूमा, मस्सा, हदद, तेमा, 31 यतूर, नापीश और केदमा थे। वे इश्माएल के पुत्र थे।

32 कतूरा इब्राहीम की रखैल थी। उसने जिम्रान, योक्षान, मदान, मिद्दान, यिशबाक और शूह को जन्म दिया। योक्षान के पूत्र्र शबा और ददान थे।

33 मिद्दान के पुत्र्र एपा, एपेर, हनोक, अबीदा और एलदा थे। ये सभी कतूरा के पुत्र थे।

इसहाक के वंशज

34 इब्राहीम इसहाक का पिता था। इसहाक के पुत्र एसाव और इस्राएल थे।

35 एसाव के पुत्र एलीपज, रूएल, यूश, यालाम और कोरह थे।

36 एलीपज के पुत्र तेमान, ओमार, सपी, गाताम और कनज थे। एलीप और तिम्ना का पुत्र अमालेक नाम का था।

37 रूएल के पुत्र नहत, जेरह, शम्मा और मिज्जा थे।

सेईर के एदोमी

38 सेईर के पुत्र लोतान, शोबाल, सिबोन, अना, दीशोन, एसेर और दीशान थे।

39 लोतान के पुत्र होरी और होमाम थे। लोतान की एक बहन तिम्ना नाम की थी।

40 शोबाल के पुत्र अल्यान, मानहत, एबाल, शपी और ओनाम थे। सिबोन के पुत्र अय्या और अना थे।

41 अना का पुत्र दीशोन था। दीशोन के पुत्र हम्रान, एशबान, यित्रान और करान थे।

42 एसेर के पुत्र बिल्हान, जावान और याकान थे। दीशोन के पुत्र ऊस और अरान थे।

एदोम के राजा

43 इस्राएल में राजोओं के होने के बहुत पहले एदोम में राजा थे। एदोम के राजाओं के नाम ये हैं:

उनके नाम थेः बोर का पुत्र बेला। बेला के नगर का नाम दिन्हाबा था।

44 जब बेला मरा, तब जेरह का पुत्र योबाब नया राजा बना। योबाब बोस्रा का था।

45 जब योबाब मरा, हूशाम नया राजा हुआ। हुशाम तेमनी लोगों के देश का था।

46 जब हूशाम मरा, बदद का पुत्र हदद नया राजा बना। हदद ने मिद्यानियों को मोआब देश में हराया। हदद के नगर का नाम अवीत था।

47 जब हदद मरा, सम्ला नया राजा हुआ। सम्ला मस्रेकाई का था।

48 जब सम्ला मरा, शाऊल नया राजा बना। शाऊल महानद के किनारे के रहोबोत का था।

49 जब शाऊल मरा, अकबोर का पुत्र बाल्हानान नया राजा हूआ।

50 जब बाल्हानान मरा, हदद नया राजा बना। हदद के नगर का नाम पाई था। हदद की पत्नी का नाम महेतबेल था। महेतबेल मत्रेद की पुत्री थी। मत्रेद, मेज़ाहाब की पुत्री थी। 51 तब हदद मरा।

एदोम के प्रमुख तिम्ना, अल्या, यतेत, 52 ओहोलीवामा, एला पीनोन, 53 कनज, तेमान, मिबसार, 54 मग्दीएल और ईराम थे। यह एदोम के प्रमुखों की एक सूची है।

इस्राएल के पुत्र

इस्राएल के पुत्र रूबेन, शिमोन, लेवी, यहूदा, इस्साकार, जबूलून, दान, यूसुफ, बिन्यामीन, नप्ताली, गाद और आशेर थे।

यहूदा के वंशज

यहूदा के पुत्र एर, ओनान और शेला थे। बतशू उनकी माँ थी। बतशू कनान की स्त्री थी। यहोवा ने देखा कि यहूदा का प्रथम पुत्र एर बुरा है। यही कारण था कि यहोवा ने उसे मार डाला। यहूदा की पुत्रवधू तामार ने पेरेश और जेरह[b] को जन्म दिया। इस प्रकार यहूदा के पाँच पुत्र थे।

पेरेस के पुत्र हेस्रोन और हामूल थे।

जेरह के पाँच पुत्र थे। वेः जिम्री, एतान, हेमान कलकोल और दारा थे।

जिम्री का पुत्र कर्मी था। कर्मी का पुत्र आकान था। आकान वह व्यक्ति था जिसने युद्ध में मिली चीजें रख ली थीं। उससे आशा थी कि वह उन सभी चीजों को परमेश्वर को देगा।

एतान का पुत्र अजर्याह था

हेस्रोन के पुत्र यरहोल राम और कलूबै थे।

राम के वंशज

10 राम अम्मीनादाब का पिता था और अम्मीनादाब नहशोन का पिता था। नहशोन यहूदा के लोगों का प्रमुख था।[c] 11 नहशोन सल्मा का पिता था। सल्मा बोअज़ का पिता था। 12 बोअज़ ओबेद का पिता था ओबेद यिशै का पिता था। 13 यिशै एलीआब का पिता था। एलीआब यिशै का प्रथम पुत्र था। यिशै का दूसरा पुत्र अबीनादब था उसका तीसरा पुत्र शिमा था। 14 नतनेल यिशै का चौथा पुत्र था। यिशौ का पाँचवाँ पुत्र रद्दैं था। 15 ओसेम यिशै का छठा पुत्र था और दाऊद उसका सातवाँ पुत्र था। 16 उनकी बहनें सरूयाह और अबीगैल थीं। सरुयाह के तीन पुत्र अबीशै, योआब और असाहेल थे। 17 अबीगैल अमासा की माँ थी। अमासा का पिता येतेर था। येतेर इश्माएली लोगों में से था।

प्रेरितों के काम 23:11-35

11 अगली रात प्रभु ने पौलुस के निकट खड़े होकर उससे कहा, “हिम्मत रख, क्योंकि तूने जैसे दृढ़ता के साथ यरूशलेम में मेरी साक्षी दी है, वैसे ही रोम में भी तुझे मेरी साक्षी देनी है।”

कुछ यहूदि की पौलुस को मारने की योजना

12 फिर दिन निकले। यहूदियों ने एक षड्यन्त्र रचा। उन्होंने शपथ उठायी कि जब तक वे पौलुस को मार नहीं डालेंगे, न कुछ खायेंगे, न पियेंगे। 13 उनमें से चालीस से भी अधिक लोगों ने यह षड्यन्त्र रचा था। 14 वे प्रमुख याजकों और बुजुर्गों के पास गये और बोले, “हमने सौगन्ध उठाई है कि हम जब तक पौलुस को मार नहीं डालते हैं, तब तक न हमें कुछ खाना है, न पीना। 15 तो अब तुम और यहूदी महासभा, सेनानायक से कहो कि वह उसे तुम्हारे पास ले आए यह बहाना बनाते हुए कि तुम उसके विषय में और गहराई से छानबीन करना चाहते हो। इससे पहले कि वह यहाँ पहुँचे, हम उसे मार डालने को तैयार हैं।”

16 किन्तु पौलुस के भाँन्जे को इस षड्यन्त्र की भनक लग गयी थी, सो वह छावनी में जा पहुँचा और पौलुस को सब कुछ बता दिया। 17 इस पर पौलुस ने किसी एक सेनानायक को बुलाकर उससे कहा, “इस युवक को सेनापति के पास ले जाओ क्योंकि इसे उससे कुछ कहना है।” 18 सो वह उसे सेनापति के पास ले गया और बोला, “बंदी पौलुस ने मुझे बुलाया और मुझसे इस युवक को तेरे पास पहुँचाने को कहा क्योंकि यह तुझसे कुछ कहना चाहता है।”

19 सेनापति ने उसका हाथ पकड़ा और उसे एक ओर ले जाकर पूछा, “बता तू मुझ से क्या कहना चाहता है?”

20 युवक बोला, “यहूदी इस बात पर एकमत हो गये हैं कि वे पौलुस से और गहराई के साथ पूछताछ करने के बहाने महासभा में उसे लाये जाने की तुझ से प्रार्थना करें। 21 इसलिये उनकी मत सुनना। क्योंकि चालीस से भी अधिक लोग घात लगाये उसकी प्रतीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने यह कसम उठाई है कि जब तक वे उसे मार न लें, उन्हें न कुछ खाना है, न पीना। बस अब तेरी अनुमति की प्रतीक्षा में वे तैयार बैठे हैं।”

22 फिर सेनापति ने युवक को यह आदेश देकर भेज दिया, “तू यह किसी को मत बताना कि तूने मुझे इसकी सूचना दे दी है।”

पौलुस का कैसरिया भेजा जाना

23 फिर सेनापति ने अपने दो सेनानायकों को बुलाकर कहा, “दो सौ सैनिकों, सत्तर घुड़सवारों और सौ भालैतों को कैसरिया जाने के लिये तैयार रखो। रात के तीसरे पहर चल पड़ने के लिये तैयार रहना। 24 पौलुस की सवारी के लिये घोड़ों का भी प्रबन्ध रखना और उसे सुरक्षा पूर्वक राज्यपाल फ़ेलिक्स के पास ले जाना।” 25 उसने एक पत्र लिखा जिसका विषय था:

26 महामहिम राज्यपाल फ़ेलिक्स को

क्लोदियुस लूसियास का

नमस्कार पहुँचे।

27 इस व्यक्ति को यहूदियों ने पकड़ लिया था और वे इसकी हत्या करने ही वाले थे कि मैंने यह जानकर कि यह एक रोमी नागरिक है, अपने सैनिकों के साथ जा कर इसे बचा लिया। 28 मैं क्योंकि उस कारण को जानना चाहता था जिससे वे उस पर दोष लगा रहे थे, उसे उनकी महा-धर्म सभा में ले गया। 29 मुझे पता चला कि उनकी व्यवस्था से संबंधित प्रश्नों के कारण उस पर दोष लगाया गया था। किन्तु उस परकोई ऐसा अभियोग नहीं था जो उसे मृत्यु दण्ड के योग्य या बंदी बनाये जाने योग्य सिद्ध हो। 30 फिर जब मुझे सूचना मिली कि वहाँ इस मनुष्य के विरोध में कोई षड्यन्त्र रचा गया है तो मैंने इसे तुरंत तेरे पास भेज दिया है। और इस पर अभियोग लगाने वालों को यह आदेश दे दिया है कि वे इसके विरुद्ध लगाये गये अपने अभियोग को तेरे सामने रखें।

31 सो सिपाहियों ने इन आज्ञाओं को पूरा किया और वे रात में ही पौलुस को अंतिपतरिस के पास ले गये। 32 फिर अगले दिन घुड़-सवारों को उसके साथ आगे जाने के लिये छोड़ कर वे छावनी को लौट आये। 33 जब वे कैसरिया पहुँचे तो उन्होंने राज्यपाल को वह पत्र देते हुए पौलुस को उसे सौंप दिया।

34 राज्यपाल ने पत्र पढ़ा और पौलुस से पूछा कि वह किस प्रदेश का निवासी है। जब उसे पता चला कि वह किलिकिया का रहने वाला है 35 तो उसने उससे कहा, “तुझ पर अभियोग लगाने वाले जब आ जायेंगे, मैं तभी तेरी सुनवाई करूँगा।” उसने आज्ञा दी कि पौलुस को पहरे के भीतर हेरोदेस के महल में रखा जाये।

भजन संहिता 3

दाऊद का उस समय का गीत जब वह अपने पुत्र अबशालोम से दूर भागा था।

हे यहोवा, मेरे कितने ही शुत्र
    मेरे विरुद्ध खड़े हो गये हैं।
कितने ही मेरी चर्चाएं करते हैं, कितने ही मेरे विषय में कह रहे कि परमेश्वर इसकी रक्षा नहीं करेगा।

किन्तु यहोवा, तू मेरी ढाल है।
    तू ही मेरी महिमा है।
    हे यहोवा, तू ही मेरा सिर ऊँचा करता है।

मैं यहोवा को ऊँचे स्वर में पुकारुँगा।
    वह अपने पवित्र पर्वत से मुझे उत्तर देगा।

मैं आराम करने को लेट सकता हूँ। मैं जानता हूँ कि मैं जाग जाऊँगा,
    क्योंकि यहोवा मुझको बचाता और मेरी रक्षा करता है।
चाहे मैं सैनिकों के बीच घिर जाऊँ
    किन्तु उन शत्रुओं से भयभीत नहीं होऊँगा।

हे यहोवा, जाग!
    मेरे परमेश्वर आ, मेरी रक्षा कर!
तू बहुत शक्तिशाली है।
    यदि मेरे दुष्ट शत्रुओं के मुख पर तू प्रहार करे, तो उनके सभी दाँतों को तो उखाड़ डालेगा।

यहोवा अपने लोगों की रक्षा कर सकता है।
    हे यहोवा, तेरे लोगों पर तेरी आशीष रहे।

नीतिवचन 18:14-15

14 मनुष्य का मन उसे व्याधि में थामें रखता किन्तु टूटे मन को भला कोई कैसे थामे।

15 बुद्धिमान का मन ज्ञान को प्राप्त करता है। बुद्धिमान के कान इसे खोज लेते हैं।

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

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