Chronological
महारानी वसती क जरिये राजा क आग्या क उल्लंघन
1 इ ओन दिनन क बात अहइ जब छयर्स नाउँ क राजा राज्ज किया करत रहा। भारत स लइक कुस क एक सौ सत्ताईस प्रान्तन पइ ओनकर राज्ज रहा। 2 महाराजा छयर्स, सुसन नाउँ क नगरी, जउन राजधानी भवा करत रही, मँ अपने सिहासन स ससान चलावा करत रहा।
3 अपने सासन क तीसरे बरिस मँ, छयर्स अपने अधिकारियन अउ मुखिया लोगन बरे एक भोज क प्रबंध किहेस। फारस, अउ मादै क फउज क मुखियन अउर दुसर महत्वपूर्ण मुखियन अउर प्रान्तीय अधिकारियन उ भोज मँ मौजुद रहेन। 4 इ भोज ऐक सौ अस्सी दिन तलक चला। इ समइ क दौरन, महाराजा छयर्स अपने राज्ज क महान सम्पत्ति अउ आपनी महानता क भब्य सुन्लरता देखावत रहा। 5 एकरे पाछे जब एक सौ अस्सी दिन क इ भोज समाप्त भवा, तउ महाराजा छयर्स एक ठु अउर भोज दिहेस जेहमाँ सुसा क जिला महल क सबहि लोगन साथ ही महत्वपूर्ण अउ बे-महत्वपूर्ण लोगन बोल गवा रहा। इ भोज सात दिन तलक चला। इ भोज क आयोजन महल क भितरी बगीचे मँ कीन्ह गवा रहा। 6 भोज क जगह सफेद अउ नीले रंग क मलमल सूती कपड़न स सजावा ग रहा। इ बैगनी रंग की डोरियन स पकड़ा रहा। उ संगमर क खम्भन क बीच मँ चाँदी क छड़न दुआरा पर लटकत रहा। हुवाँ सोने अउ चाँदी क चौकियन रहिन। इ सबइ चौकियन लाल अउ सफेद रंग क अइसी स्फटिक क भूमितल मँ जुड़ी भई रहिन जेहमाँ संगमरमर, प्रकेलास, सीप अउर दूसर कीमती पाथर जड़े रहेन। 7 सोने क पियालन मँ दाखरस परोसा गवा रहा। हर पियाला एक दूसरे स अलग रहा। महाराजा क ओकर महान सम्पत्ति क अनुसार दाखरस परोसा गवा रहा। 8 महाराजा अपने सेवकन क आग्या दिहेस कि हर कउनो मेहमन क जेतना दाखरस उ चाहे ओतने दीन्ह जाइ।
9 राजा क महल मँ हा महारानी वसती भी महररुअन क एक ठु भोज दिहस।
10 भोज क सातएँ दिन, महारजा छयर्स दाखरस पिअइ क कारण मगन रहा। उ ओन सात हिजड़न क आग्या दिहस जउन ओकर सेवा किया करत रहेन। एन हिजड़न क नाउँ रहेन: गहूमान, बिजता, हबौना, बिगता, अबगता, जेतेर अउर कर्कस। महाराजा आपन सेवकन क आग्या किहेस 11 उ पचे राजमुकुट धारण किए भए महारानी वसती क ओकरे लगे लिआवइँ। उ चाहत रहा कि उ मुखिया लोगन अउर महत्वपूर्ण लोगन क अपनी सुन्दरता देखाइ काहेकि उ फुरइ बहोत सुन्नर रही।
12 मुला उ सेवकन जब राजा क आदेस क बात महारानी वसती स कहेन तउ उ हुवाँ जाइ स मना कइ दिहस। राजा बहोत कोहाइ गवा अउर ओहे पइ किरोध स जरइ लाग। 13-14 एह बरे महाराज इ ताज़ा घटना क बारे मँ अपने अनुभवी स बात किहेस। इ रीति रहा कि राजा अपन अनुभवी मनइयन स नेम अउ सज़ा क बारे सलाह लेत रहत रहेन। इ सबइ अनुभवी मनई महाराजा क बहोत निचेक रहेन। एनकर नाउँ रहेन: कर्सना, सेतार, अदमाता, तर्सीस, मेरेस, मर्सना अउर ममूकान। उ सबइ सातहुँ फारस अउर मादै क बहोत महत्वपूर्ण अधिकारी रहेन। एनके लगे राजा स मिलइ क बिसेस अधिकार रहा। उ पचे राज्ज मँ सबन त उच्च अधिकारी रहेन। 15 राजा ओन लोगन स पूछेस, “महारनी वसती क संग का कीन्ह जाइ? इ बारे मँ नेम का कहत ह? उ महाराजा छयर्स क मोर उ आग्या क मानइ स मना कइ दिहस जेका हिजड़न ओकरे लगे लइ गए रहेन।”
16 एइ पइ दुसर अधिकारियन क उपस्थिति मँ महाराजा स ममूकन कहेस, “महारानी वसती अपराध किहस ह। महारानी महाराजा क संग-संग सबहिं मुखिया लोगन अउर महाराजा छयर्स क सबहिं प्रदेसन क लोगन क बिरुद्ध अपराध किहेस ह। 17 मइँ अइसा एह बरे कहत हउँ कि दूसर मेहरुअन जउन महारानी वसती किहस ह, ओका जब सुनिहीं तउ उ पचे अपन भतारंन क आग्या मानब बंद कइ देइहीं, उ पचे अपने भतारन क स कहिहीं ‘महाराजा छयर्स महारानी वसती क अपन लगे लिआवइ क आग्या दिहे रहा किन्तु उ आवह मना कइ दिहस।’
18 “आनु फारस अउ मादै क मुखिया लोगन क मेहररुअन, रानी जउन किहे रही, सुनि लिहन ह अउर लखा अब उ सबइ मेहररुअन भी जउन कछू महारानी किहस ह, ओहसे प्रभावित होइहीं। उ सबइ मेहररुअन राजा लोगन क महत्वपूर्ण मुखिया लोगन क संग वइसा ही करिहीं अउर इ तरह बहोत जियादा अनादर अउर किरोध फइल जाइ।
19 “तउ जदि महाराजा क अच्छा लगइ तउ एक ठु सुझाव इ अहइ: महाराजा क एक राजग्या देइ चाही अउर ओका फारस अउ मादै क नेम मँ लिख दीन्ह जाइ चाही एह बरे इ नेम ना ही बदला जाइ सकत ह या नही संसोधन कीन्ह जाइ सकत। राजा क आग्या इ होइ चाही: महाराजा छयर्स क समन्वा रानी वसती अब कबहूँ न आवइ। साथ ही महाराजा क रानी क पद भी कउनो अइसी मेहरारु क दइ देइ चाही जउन ओहसे उत्तिम होइ। 20 फुन जब राजा क इ आग्या ओकरे बिसाल राज्ज क सबहिं हीसन मँ घोसित कीन्ह जाइ, तउ सबहिं मेहररुअन अपने भतारन क आदर करइ लगिहीं, चाहे ओकर भातरन महत्वपूर्ण लोग अहइ या न अहइ।”
21 इ सुझाव स महाराजा अउर ओकर बड़े-बड़े अधिकारी सबहीं खुस भएन। तउ महाराजा छयर्स वइसा ही किहस जइसा ममूकान सुझाए रहा। 22 महाराजा छयर्स अपने राज्ज क सबहीं प्रान्तन मँ पत्रन पठइ दिहस। हर प्रान्त मँ जउन पत्रन पठवा गवा, उ उहइ प्रान्त क लिपि मँ लिखा गवा रहा। हर जाति मँ उ ओकरे भाखा मँ पत्रन पठएस। उपचे पत्रन मँ हरेक व्यक्ति क भाखा मँ घोसना कीन्ह ग रहेन कि हरेक मनई क आपन पररिवार नियंत्रण रखइ क होइ।
एस्तेर महारानी बनाई गइ
2 आगे चलिके महाराजा छयर्स क किरोध सान्त भवा तउ ओका वसती अउर क वसती कार्य याद आवइ लागेन। वसती क बारे मँ उ जउन आदेस दिहे रहा, उ भी ओका याद आवा। 2 एकरे पाछे राजा क निजी सेवकन ओका एक ठु सुझाव दिहन। उ पचे कहेन, “राजा क बरे सुन्नर कुँवारी कन्यन क खोज करा। 3 हे राजा, तोहका अपने राज्ज क हर प्रान्त मँ नेतन क चुनाव कइर चाही। फुन ओन नेतन लोगन क चाही कि उ पचे सुन्नर कुवाँरी कन्याओं क सूसन क जिला महल मँ लइके आवइँ। उ पचे लड़िकयन राजा क हरम सरा मँ तोहर दूसरी मेहररुअन क संग रहब। उ पचे हेगे क देख-रेख मँ रखी जइही। हेगे महाराजा क हिजड़ा जउन कि ओन मेहररुअन क निगराँकार अहइ। फुन ओनका सुन्नरता क प्रसाधन दीन्ह जाइँ। 4 फुन उ लरकी जउन राजा क भावइ, वसती क जगह पइ राजा क नई महारानी बनाइ दीन्ह जाइ।” राजा क इ सुझाव बहोत अच्छा लगा। तउ उ एका अंगीकार कइ लिहस।
5 बिन्यामीन परिवार समूह क मोर्दकै नाउँ क एक ठु य़हूदी हुवा रहा करत रहा। मोर्दकै याईर क पूत रहा अउर याईर सिमी क पूत रहा अउर सिमी कीस क पूत रहा। सूसन क महल प्रान्त मँ रहत रहा। 6 ओहका यरुसलेम स बाबेल क राजा नबूकदनेस्सर बंन्दी बनाइके लइ गवा रहा। उ यहूदा क राजा यकोन्याह क संग उ दल मँ रहा, जेका बंदी बनाइ लीन्ह गवा रहा। 7 मोर्दकै क हदस्सा नाउँ क एक चचेरी बहिन रही। उ अनाथ रही। न ओकरे बाप रहा, न महतारी। तउ मोर्दकै ओकर धियान रखत रहा। मोर्दकै ओकरे महतारी बाप क मइर क पाछे ओका अपनी बिटिया क रुप मँ गोद लइ लिहे रहा। हदस्सा क नाउँ एस्तेर भी रहा। एस्तेर क मुहँ अउ ओकरे तने क बनावट बहोत सुन्नर रही।
8 जब राजा क आदेस सुनावा गवा, तउ सूसन क जिला महल मँ बहोत स जवान मेहररुअन क लिआवा गवा। ओन जावान मेहररुअन क हेगेक देख-रेख मँ रख दीन्ह गवा। एस्तेर एनही जवान मेहररुअन मँ स एक रही। एस्तेर क राजा क महल मँ लइ जाइके हेगे क देख-रेख मँ रख दीन्ह गवा रहा। हेगे मेहररुअन क महल क निगराँकार रहा। 9 हेगे क एस्तेर बहोत अच्छी लगी। उ ओकर मनपसंद बन गइ। हेगे हाली ही सुन्नरता क उपचार अउ जरुरी भोजन ओका दिहस। हेगे राजा क महल स सात दासियन चुनेस अउ ओनका एस्तेर क दइ दिहस। अउर एकरे पाछे हेगे एस्तेर अउ ओकर सातहुँ दासियन क जहाँ राजघराने क मेहररुअन रहा करत रहिन। 10 एस्तेर इ बात कउनो क नाही बताएस कि उ एक यहूदी अइह। काहेकि मोर्दक ओका मना कइ दिहे रहा, एह बरे उ अपने परिवार क पृस्ठभूमि क बारे मँ कउनो क कछु नाही बाताएस। 11 मोर्दकै जहाँ रनवास क मेहररुअन रहा करत रहिन, हुवाँ आसपास अउर आगे पाछे धूमा करत रहा। उ इ पता लगावइ चाहत रहा कि एस्तेर कइसी अहइ अउर ओकरे संग का कछु घटत अहइ? एह बरे उ अइसा करत रहा।
12 एहसे पहिले कि राजा छयर्स क लगे जाइ क बरे कउनो लड़की क बारी आवत, ओका इ सब करइ क पड़त रहा। बारह महीने तलक ओका सुन्नरता उपचार करइ पड़त रहा यानी छ: महीने तलक ओका गंधरस क तेल लगावा जात अउर छ: महीने तलक सुगंधित द्रव्य अउर तरह-तरह क प्रसाधन सामग्रियन क उपयोग करइ होत रहा। 13 रीति क अनुसार जब कउनो जवान लड़की राजा क लगे जाइ ओनका उ सबहिं दीन्ह जात ह जेका उ मेहरारु महल स राजा क महल मं लेइ जात चाहत ह। 14 साँझ क समइ उ लड़की राजा क महल मं जात अउर भिंसारे दूसर मेहरारु क महल मं उ लउटि आवत। फुन ओका सासगज नाउँ क मनई क देखरेख मं मँ रख दीन्ह जात। सासगज राजा क हिजड़ा रहा जउन राजा क रखैलन क अधिकारी रहा। यदि राजा ओहसे खुस न होता, तउ उ लड़की फुन कबहुँ राजा क लगे न जात। अउर जदि राजा ओहेसे खुस होत तउ ओका राजा नाउँ लइक वापस बोलावत।
15 जब एस्तेर क राजा क लगइ जाइ क बारी आइ, तउ उ कछू नाही पूछेस। उ राजा क हिजड़ा, हेगेस, जउन हेगे रनवास क आधिकारी रहा, बस उहइ लिहेस जउन हेगे ओका आपन संग लेइ क कहेस। (एस्तेर उ लड़की रही जेका मोर्दकै गोद लइ लिहे रहा अउर जउन ओकरे चाचा अबीहैल क बिटिया रही।) एस्तेर क जउन कछू भी लखत, ओका पसंद करत रहा। 16 तउ एस्तेर क महाराजा छयर्स क महल मं लइ जावा गवा। इ उ समइ भवा जब ओकरे राज्जकाल क सताएँ बरिस क तेबेत नाउँ क दसवाँ महीना चलत रहा।
17 राजा एस्तेर कउनो भी अउर लरकी स जियादा पिरेम किहस अउर उ ओकर कृपा पाएस। कउनो भी दुसर लरकी स जियादा, राजा क उ भाइ गइ। तउ राजा छयर्स एस्तेर क मूँड़ि पइ मुकुट पहिराइके वसती क जगह पइ नई महारनी बनाइ लिहस। 18 तब राजा एस्तेर क बरे एक बहोत बड़का भोज दिहस। इ भोज ओकरे महत्वपूर्ण मनइयन अउर मुखिया लोगन क बरे रही। उ सबहिं प्रान्तन मँ छुट्टी क घोसणा कइ दिहस। लोगन क ओकरे साही सम्पति क अनुसार उपहार दिहेस।
मोर्दकै क एक बहोत बुरी योजना क पता चला
19 मोर्दकै उ समइ राजदुआर क निअरे ही बइठा रहा, जब दुसरी दाई लरकियन क एकट्ठा कीन्ह गवा रहा। 20 एस्तेर भी अबहुँ भी इ रहस्य क छुपाए भए रही कि उ एक यहूदी रही। अपने परिवार क पृस्ठभूमि क बारे मं उ कउनो क कछू नाही बताए रही, काहेकि मोर्दकै ओका अइसा कइर स रोक दिहे रहा। उ मोर्दकै क आग्या क अब भी वइसे पालन करत रही, जइसे किहे, करत रही, जब उ मोर्दकै क देख-रेख मँ रही।
21 उहइ समइ जब मोर्दक राजदुआर क निअरे बइठा करत रहा, इ घटना घटी: राजा क दुइ अधिकारियन बिकतान अउर तेरेस जउन साही दुआर क रच्छा करत रहेन, उ पचे राजा पइ बहोत कोहाई गएन अउर ओकर हत्या कइर क जोजना बनाएन। 22 मोर्दकै क उ सड्यंत्र क पता चल गवा अउर उ ओका महारानी एस्तेर क बताइ दिहस। फुन महारानी एस्तेर ओका राजा स कहि दिहस। उ राजा क इ भी बताइ दिहस कि मोर्दकै ही उ मनई अइह, जउन इ सड्यंत्र क पता चलाएस ह। 23 एकरे पाछे उ सूचना क जाँच कीन्ह गइ अउर इ पता चला कि मोर्दकै क सूचना सही रही अउर उ दुइ पहरेदारन क जउन राजा क मार डावइ क सड्यंत्र बनाए रहेन, एक ठु खम्भे पइ लटकाइ दीन्ह गवा। राजा क सामने ही इ सबहीं बातन राजा क इतिहास क पुस्तक मँ लिख दीन्ह गइन।
यहूदियन क बिनास क बरे हामान क योजना
3 एन बातन क घटइ क पाछे महाराजा छयर्स हामान क सन्मान किहस। हामान अगागी हम्मदाता नाउँ क मनई क पूत रहा। महाराजा हामान क कउनो दुसर अधिकरियन स जउन ओकर संग रहेन स बड़का अउ महत्वपूर्ण पद दिहेस। 2 राजा क दुआर पइ महाराजा क सबहिं मुखिया हामान क अगवा निहुरिके ओका आदर देइ लागेन। उ पचे महाराजा क आग्या क अनुसार ही अइसा किया करत रहेन। किन्तु मोर्दकै हामान क अगवा निहुरइ या ओका आदर देइ क मना कइ दिहस। 3 एँह बरे राजा क दुआर पइ राजा क दुसर सेवकन मोर्दकै स पूछेन, “तू महाराजा क आग्या क पालन काहे नाहीं किहा?”
4 राजा क सबइ अधिकारियन हररोज मोर्दकै स बात किहन, किन्तु उ हामान क आदेस क माइन स इन्कार करत रहा। तउ ओन अधिकारियन हामान स एकरे बारे मँ बताइ दिहन, काहेकि उ पचे इ सबइ जानइ चाहत रहेन कि का मोर्दकै क इ बेउहार क लगातार रहइ क अनुमति होइ। काहेकि मोर्दकै ओन सबइ लोगन क बताइ दिहे रहा कि उ एक यहूदा रहा। 5 हामान जब इ लखेस कि मोर्दकै ओकरे अगवा निहुरइ अउर ओका आदर देइ क मना कइ दिहस ह तउ ओका बहोत किरोध आवा। 6 हामान क इ पता तउ चल ही चुका रहा कि मोर्दकै एक यहूदी अहइ। किन्तु उ मोर्दकै क हत्या मात्र स संतुस्ट होइवाला नाहीं रहा। हामान तउ इ भी चाहत रहा कि उ कउनो एक अइसा रस्ता ढूँढ़ निकारइ जेहेसे छयर्स क समूचे राज्ज क ओन सबहीं यहूदियन क मार डावइ जउनो मोर्दकै क लोग अहइँ।
7 महाराजा छयर्स क राज्ज क बारहवें बरिस मँ नीसान नाउँ क पहिले महिने मँ, हामान क मोजूदगी मँ यहूदी लोगन क बर्बाद करइ क दिन चुनई बरे पासा लोकावा गवा। इ तरह अदार नाउँ क बारहवाँ महीना चुन लीन्ह गवा। (ओन दिनन लाटरी निकारइ बरे इ सबइ पासन, “पुर” कहवावा करत रहेन।) 8 फुन हामान महाराजा छयर्स क लगे आवा अउर ओहसे बोला, “हे महाराजा छयर्स तोहरे राज्ज क हर प्रान्त मँ लोगन क बीच एक खास समूह क लोग फइले भए अहइँ। इ सबइ लोग अपने आप क दूसर लोगन स अलग रखत हीं। एन लोग क रीतिरिवाज भी दूसर लोगन स अलग अहइँ अउर इ सबइ लोग राजा क नेमन क पालन नाहीं करत हीं। अइसे लोगन क अपने राज्ज मँ सखइ क अनुमति देब महाराजा क बरे अच्छा नाहीं अहइ।
9 “जदि महाराजा क अच्छा लगइ तउ मोरे लगे एक सुझाव अहइ: ओन लोगन क नस्ट कइ डावइ क आग्या दीन्ह जाइ। एकरे बरे मँइ साही अधिकरियन क दस हजार चाँदी क सिक्कन महाराजा क खजाने मँ जमा करइ बरे देब।”
10 इ तरह महाराजा राजकीय अंगूठी अपनी अँगुरि स निकारेस अउर ओका हामान क सौप दिहस। हामान अगागी हम्मदाता क पूत रहा। उ यहूदियन क दुस्मन रहा। 11 “एकरे पाछे महाराजा हामान स कहेस, “इ धन अपने लगे रखा अउर ओन लोगन क संग जउन चाहत ह, करा।”
12 फुन उ पहिले महीने क तेरहवें दिन महाराजा क सचिवन क बोलावा गवा। उ पचे हामान क सबहिं आदेसन क हर प्रान्त क लिपि अउर हर लोगन क भाखा मँ अलग-अलग लिख दिहस। उ पचे राजा क मुखिया लोगन, विभिन्न प्रान्तन क राज्यपालन, अलग-अलग कबीलन क मुखिया लोगन क नाउँ पत्र लिख दिहस। उ पचे इ आदेस अगूंठी स मोहर लगाइ दिहेस।
13 सँदेस वाहक राजा क विभिन्न प्रान्तन मँ ओन पत्रन क लइ गएन। एन पत्रन पइ इ आदेस रहा कि सबहिं यहूदियन जवान, बुढ़े, मेहररु अउर नान्ह गदेलन क भी एक ही दिन मार दीन्ह जाइँ अउर पूरी तरह नस्ट कइ दिन्ह जाइ। उ दिन बारहवें महीने क तेरहवीं तारिख क रहा जउन अदार क महीना अहइ। अउर इ भी आदेस रहा कि यहूदियन क सब कछू चिजिया लइ लीन्ह जाइ।
14 एन पत्रन क प्रतियन उ आदेस क संग एक नेम क रुप मँ दीन्ह जाब रही। हर प्रान्त मँ एका एक नेम बनावा जाब रहा। सबहिं लोगन मँ एकर घोसना कीन्ह जाब रही, ताकि उ पचे सबहिं लोग उ दिन क बरे तइयार रहइँ। 15 महाराजा आग्या अनुसार सँदेस बाहक फउरन चल दिहन। अउर इ राजधानी नगरी सूसन मँ भी इ ऐलान कइ दीन्ह गइ। महाराजा अउर हामान तउ दाखरस पिअइ क बरे बइठ गएन किन्तु सूसन नगर क लोग घबरा गए रहेन अउ चकित भए रहेन।
मदद क बरे एस्तेर स मोर्दकै क बिनती
4 मोर्दकै, जउन कछू होत रहा, ओकरे बारे मँ सब कछू सुनेस। जब उ यहूदियन क बिरुद्ध राजा क आग्या सुनेस तउ अपने ओढ़नन फार डाएस। उ सोक वस्त्र धारण कइ लिहस अउर अपने मूँड़े पइ राखी डाइ लिहस। उ ऊँच सुर स बिलाप करत भए नगर मँ निकर पड़ा। 2 मोर्दकै राजा क दुआर तलक गएन, किन्तु उ दुआर क पार नाहीं किहेन जउन महल क छेत्र मँ जात ह, काहेकि सोक वस्त्रन क पहिरके दुआर क भीतर जाइ क आग्या कउनो क भी नाहीं रही। 3 हर कउनो प्रांन्त मँ जहाँ कहूँ भी राजा क इ आदेस पहोंचा, यहूदियन मँ रोउब-धोउब अउर सोक फइल गवा। उ पचे खाना छोड़ दिहन अउर उ पचे ऊँच सुर मँ बिलपइ लागेन। बहोत स यहूदी अपने सोक बस्त्रन क धारण किहे भए अउर अपने मूंड़न पइ राखी डाए भए धरती पइ पड़े रहेन।
4 एस्तेर क दासियन अउर खोजन एस्तेर क लगे जाइके ओका मोर्दकै क बारे मँ बताएन। एहसे महारानी एस्तेर बहोत दुखी अउर बियाकुल होइ उठी। उ मोर्दकै क लगे सोक वस्त्रन क बजाय दूसर ओढ़नन पहिरइ क पठएस। मुला उ उ सबइ ओढ़नन स्वीकार नाहीं किहस। 5 एकरे पाछे एस्तेर हताक क अपने लगे बोलाएस। हताक एक अइसा हिजड़ा रहा जेका राजा ओकरी सेवा बरे नियुक्त किहे रहा। एस्तेर ओका इ पता लगावइ क आदेस दिहस कि मोर्दकै क का बियाकुल बनाए भए अहइँ अउर काहे? 6 एह बरे हताक नगर क खुले चौराहे मँ गएन जहाँ मोर्दकै मौजूद रहा। 7 हुवाँ मोर्दकै हताक स, जउन कछू भवा रहा, सब कहि डाएस। उ हताक क इ भी बताएस कि हामान यहूदियन क हत्या बरे राजा क खजाने मँ केतना धन जमा करावइ क वादा किहेस ह। 8 मोर्दकै हताक क यहूदियन क हत्या क बरे राजा क आदेस पत्र क एक प्रति भी दिहेस। उ आदेस पत्र पहिले ही सूसन नगर मँ हर कहूँ पठवा गवा रहा। मोर्दकै इ चाहत रहा कि हताक ओका एस्तेर क देखाइ देइ अउर हर बात ओका पूरी तरह निर्देस देइ अउर ओहसे इ भी कहेस कि उ एस्तेर क राजा क लगे जाइके मोर्दकै अउर अपने लोगन क बरे दया क याचना कइर क प्रेरित करइ।
9 हताक एस्तेर क लगे लउटि आवा अउर उ एस्तेर स मोर्दकै जउन कछू कहइ क कहे रहा, सब बताइ दिहस।
10 फुन एस्तेर मोर्दकै क हताक स इ कहवाइ पठएस: 11 “मोर्दकै, राजा क सबहिं मुखिया अउर राजा क प्रान्तन क सबहिं लोग इ जानत हीं कि कउनो भी मनई या मेहरारु क बरे राजा क बस इहइ नेम अहइ कि राजा क भीतरी आंगन मँ बिना बोलाए जउन भी जात ह, ओका मारि दीन्ह जातेन। इ नेम क पालन बस एक ही स्थिति मँ उ समइ नाहीं कीन्ह जात रहा जब राजा अपने सोने क राजदण्ड क उ मनई कहँती बढ़ाइ देत रहा। जदि राजा अइसा कइ देत तउ उ मनई क प्राण बच जात रहेन। मुला मोका तीस दिन होइ गएन ह अउर राजा स मिलइ क बरे मोका नाहीं बोलावा गवा ह।”
12-13 एकरे पाछे एस्तेर क सँदेसा मोर्दकै क लगे पहोंचाइ दीन्ह गवा। उ संदेसा क पाइके मोर्दकै ओका वापस जवाब पठएस: “एस्तेर, अइसा जिन सोचा कि तू राजा क महल मँ रहइ क कारण बच जाब्या, जबकि सबइ यहूदियन मारा जाब। 14 जदि अबहिं तू चुप रहति अहा यहूदियन क मदद अउर मुक्ती कहुँ अउर स मिल जाब। मुला तू अउर तोहरे बाप क परिवार मारा डावा जाइ सकत्या। अउर कउन जानत ह कि तू कउनो अइसे ही समइ क लिए महारानी बनाइ गई अहा, जइसा समइ इ अहइ।”
15-16 एह पइ एस्तेर मोर्दकै क आपन इ जवाब पठएस: “मोर्दकै, जा अउर जाइके सबहिं सूसन नगर सबहिं यहूदी लोगन क एकट्ठा करा अउर मोरे बरे उपवास राखा। तीन दिन अउ तीन रात तलक न कछू खा अउर न कछू पिआ। तोहरी तरह मइँ अउर मोर मेहरारु नउकर भी उपवास रखब। हमरे उपवास रखइ क पाछे मइँ राजा क लगे जाब। मइँ जानत हउँ कि जदि राजा मोका न बोलावइ तउ ओकरे लगे जाब, नेम क खिलाफ अहइ। अगर मँ अइसा करब्या तउ हो सकत ह कि मइँ मारा डावइ जाइ। किन्तु कउनो बात नाहीं मइँ अइसा करब।”
17 इ तरह मोर्दकै हुवाँ स चला गवा अउर एस्तेर ओहसे जइसा करइ क कहे रहा उ सब कछू वइसा ही किहस।
एस्तेर क राजा स बिनती
5 तीसरे दिन एस्तेर आपन बिसेस साही पोसाक पहिरेस अउर राजमहल क भीतरी आंगन मँ जाइ खड़ी भइ। इ जगह राजा क बैठका क समन्वा रही। राजा दरबार मँ अपने सिंहासने पइ बइठा रहा। राजा उहइ कइँती मुहँ किहे बइठा रहा जहाँ स लोग सिहांसन क कच्छ कइँती प्रवेस करत रहेन। 2 तउ राजा महारानी एस्तेर क हुवाँ दरबार मँ खड़े लखेस। ओका लखिके उ बहोत खुस भवा। उ ओकरी कइँती अपने हाथ मँ थामे भए सोने क राजदण्ड क आगे बढ़ाइ दिहस। इ तरह एस्तेर उ कमरे मँ प्रवेस किहस अउर उ राजा क लगे चली गइ अउर उ राजा क सोने क राजदण्ड क सिरे क छुइ लिहस।
3 एकरे पाछे राजा ओहसे पूछेस, “महारानी एस्तेर, तू बेचैन काहे अहा? तू मोहसे का चाहति अहा? तू जउन चाहा मइँ तोहका उहइ देब। हिआँ तक कि आपन आधा राज्ज तलक, मइँ तोहका दइ देब।”
4 एस्तेर कहेस, “मइँ आपके अउर हामान क बरे एक ठु भोज क आयोजन किहेउँ ह। कृपा कइ आप अउर हामान आजु मोरे हिआँ भोज मँ पधारें।”
5 एइ पइ राजा कहेस, “हामान क तुरंत बोलावा जाइ ताकि एस्तेर जउन चाहत ह, हम ओका पूरा कइ सकी।”
तउ महाराजा अउर हामान एस्तेर ओनके बरे जउन भोजन आयोजित किहे रही, ओहमाँ आइ गएन। 6 जब उ पचे दाखरस पिअत रहेन तबहिं राजा एस्तेर स फुन पूछेस, “एस्तेर कहा अब तू का माँगति चाहति अहा? कछू भी माँग ल्या, मइँ तोहका उहइ दइ देब। कहा तउ उ का अहइ जेकर तोहका इच्छा अहइ? तोहर जउन भी इच्छा होइ उहइ मइँ तोहका देब। अपने राज्ज क आधा हीसां तलक।”
7 एस्तेर कहेस, “मइँ इ माँगइ चाहत हउँ। 8 जदि मोका महाराज अनुमति देइँ अउर जदि जउन मइँ चाहउँ, उ मोका देइ स महाराज खुस होइँ तउ मोर इच्छा इ अहइ कि महाराज अउर हामान भियान मोरे हिआँ आवइँ। भियान मइँ महाराज अउर हामान क बरे एक अउर भोज देइ चाहत हउँ अउर उहइ समइ इ बताउब कि असल मँ मइँ का चाहति हउँ।”
मोर्दकै पइ हामान क किरोध
9 उ दिन हामान राजमहल क बहोत जियादा खुस होइके बिदा भवा। किन्तु जब उ राजा क दुआर पइ मोर्दकै क लखेस तउ ओका मोर्दकै पइ बहोत किरोध आवा। हामान मोर्दकै क लखत ही किरोध स पागल होइ उठा, काहेकि जब हामान हुवाँ स गुजरा, मोर्दकै नाही खड़ा भवा अउर नाहीं काँपेस अउर नाहीं हामान बरे कउनो आदर देखाएस। 10 किन्तु हामान अपने किरोध पइ काबू किहस अउर घरे चला गवा। एकरे पाछे हामान अपने मीतन अउ अपनी मेहरारु जेरेस क एक संग बोलाएस। 11 उ आपने मीतन क अगवा अपने धन अउ अनेक पूतन क बारे मँ डीगं मारत भए इ बतावइ लागा कि राजा ओकर कउने प्रकार स सन्मान करत ह। उ बढ़इ चढ़ाइ के इ भी बतावइ लाग कि दूसर सबहिं हाकिमन स राजा कउने तरह ओका अउर जियादा ऊँच पद पइ पदोन्नति दिहस ह। 12 “एतना ही नाहीं” हामान इ भी बताएस। “एक मात्र मइँ ही अइसा मनई हउँ जेका महारानी एस्तेर अपने भोज मँ राजा क संग बोलाइ रहा अउर महारानी मोका भियान फुन राजा के संग बोलाए पठए रही। 13 मुला मोका एन सब बातन स फुरइ कउनो खुसी नाहीं अहइ। असल मँ मइँ उ समइ तलक खुस नाहीं होइ सकत जब तलक राजा क दुआर पइ मइँ उ यहूदी मोर्दकै क बइठे भए लखत हउँ।”
14 एह पइ हामान क मेहरारु जेरेस अउर ओकर मीतन ओका एक सुझाव दिहन। उ पचे बोलेन, “कउनो स कहिके पचहत्तर फुट ऊँच ओका फासीं देइ क एक ठु फासीं क खाम्भा खड़ा करा। फुन भिंसारे राजा स कहा कि उ मोर्दकै क ओहे पइ लटकइ क आदेस दे। फुन राजा क संग तू भोज पइ जाया अउर आनन्द स रह्या।”
हामान क इ सुझाव नीक लगा। तउ उ फाँसी क खम्भा बनवावइ क बरे कउनो क आदेस दइ दिहस।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.