Chronological
चार पसुअन क बारे मँ दानिय्येल क सपना
7 बेलसस्सर क बाबुल पइ सासन काल क पहिले बरिस दानिय्येल क एक ठु सपना आवा सपने मँ आपन पलंग पइ ओलरे भए दानिय्येल, इ सबइ दर्सन लखेन। दानिय्येल जउन सपना लखे रहा, ओका लिख लिहस। 2 दानिय्येल बताएस, “राति मँ मइँ सपना मँ एक दर्सन पाएउँ। मइँ लखेउँ कि चारिहुँ दिसा स हवा बहत अहइ अउर ओन हवा स सागर उफनइ लाग। 3 फुन मइँ तीन पसुअन क लखेउँ। हर पसु दूसर पसु स भिन्न रहा। उ पचे चारिहुँ पसु समुद्रर मँ स उभरिके बाहर निकरे रहेन।
4 “ओनमाँ स पहिला पसु सिहं क समान देखाइ देत रहा अउर उ सिहं क उकाब क जइसे पंख रहेन। मइँ उ पसु क लखेउँ। फुन मइँ लखेउँ कि ओकर पंख उखाड़ फेंका गवा अहइँ। धरती पइ स उ पसु क इ तरह उठावा गवा जेहसे उ कउनो मनई क समान आपन दुइ गोड़न पइ खड़ा होइ गवा। ऍका मनई क दिमाग दइ दीन्ह गवा रहा।
5 “अउर फुन मइँ लखेउँ कि मोरे समन्वा एक अउर दूसर पसु मौजूद अहइ। इ पसु एक भालू क नाईं रहा। उ आपन एक बगल पइ उठा भवा रहा। उ पसु क मुहँ स दाँतन की बीच तीन पसलियन रहिन। उ भालू स कहा गवा रहा, ‘उठा अउर तोहका जेतना चाही ओतना माँस खाइ ल्या।’
6 “एकरे पाछे, मइँ लखेउँ कि मोरे समन्वा एक अउर पसु खड़ा अहइ। इ पसु चीते जइसा लगत रहा अउर उ चीता क पिठिया पइ चार पंख रहेन। पंख अइसे लगत रहेन, जइसे उ पचे कउनो चिरइया क पंख होइँ। इ पसु क चार ठु सिर रहेन, अउर ओका हुकूमत क अधिकार दीन्ह गवा रहा।
7 “एकरे पाछे, सपना मँ रात क मइँ लखेउँ कि मोरे समन्वा एक अउर चौथा जनावर खड़ा अहइ। इ जनावर बहोतइ खूँखार अउर भयानक लगत रहा। उ बहोत मजबूत देखाई देत रहा। ओकरे लोहे क लम्बे-लम्बे दाँत रहेन। इ जनावर अपने सिकारन क कुचर कइके खाइ डावत रहा अउर सिकार क खाइ चुकइ क पाछे जड़न कछू बचि रहत, उ ओका आपन गोड़न क तरे कुचरि डावत रहा। इ पसु स पहिले मइँ सपना मँ जउन पसु लखे रहेउँ, उ चउथा पसु ओन स अलग रहा। इ पसु क दस ठु सींग रहेन।
8 “अबहिं मइँ ओन सींगन क बारे मँ सोच ही रहेउ कि ओन सींगन क बीच एक ठु अउर सींग जमि आवा। इ सींग बहोत छोट रहा। इ छोटे सींग पइ आँखिन रहिन, अउर उ सबइ आँखिन कउनो मनई क आँखिन जइसी रहिन। इ छोटके सींग मँ एक मुँह भी रहा अउर उ खुद क प्रसंसा करत रहा। इ छोटका सींग दूसर सींगन मँ स तीन ठु सींग उखाड़ फेकेस।
चउथे पसु क निआव
9 “मोर लखत ही लखत, ओनकी जगह पइ सिंहासन रखे गएन
अउर उ सनातन राजा[a] सिंहासन पर बिराज गवा।
ओकर ओढ़ना बहोतइ उज्जर रहेन,
उ सबइ ओढ़नन बर्फ जइसे सफेद रहेन।
ओकर सिंहासन आगी क बना रहा
अउर ओकर पहियन लपटन स बना रहेन।
10 प्राचीन राजा क समन्वा
एक आगी क नदी बहत रही।
लाखों करोड़ों लोग ओकर सेवा मँ रहेन।
ओकरे समन्वा करोड़न दास खड़ा रहेन।
निआवधीस ओकर समन्वा बइठेस
अउर पुस्तकन खोली गइ होइँ।
11 “मइँ लखत क लखत रहि गएउँ काहेकि उ छोटका सींग डीगंन मारत रहा। मइँ उ समइ तलक लखत रहेउँ जब अन्तिम रूप स चउथे पसु क हत्तिया कइ दीन्ह गइ। ओकरी देह क नस्ट कइ दीन्ह गवा अउर ओका धधकत आगी मँ डाइ दीन्ह गवा। 12 दूसर पसुअन क सक्ति अउर राजसत्ता ओहसे छीन लीन्ह गएन। किन्तु एक निहचित समइ तक ओनक जिअत रहइ दीन्ह गवा।
13 “राति क मइँ आपन दिव्व सपन मँ लखेउँ कि मोर समन्वा कउनो खड़ा अहइ, जउन मनई जइसा देखाई देत रहा। उ अकास मँ बादरन पइ सवार होइके आवत रहा। उ उ सनातन राजा क लगे आवा रहा। तउ ओका ओकरे समन्वा लइ आवा गवा।
14 “उ जउन मनई क समान देखाई देत रहा, ओका अधिकार, महिमा अउर सम्पूर्ण सासन सत्ता सौंप दीन्ह गइ। सबहिं लोग, सबहिं जातियन अउर प्रत्येक भासा-भासी लोग ओकर आराधना करिहीं। ओकर राज्ज अमर रही। ओकर राज्ज सदा बना रही। उ कबहुँ नस्ट नाहीं होइ।
चउथे पसु क सपन क फल
15 “मइँ, दानिय्येल बहुत विकल अउ चिंतित रहेउँ। उ सबइ दर्सन जउन मइँ लखे रहेउँ, उ सबइ मोका विकल बनाए भए रहेन। 16 मइँ जउन हुवाँ खड़ा रहेउँ, ओनमाँ स एक क लगे पहोंचेउँ। मइँ ओहसे पूछेउँ, “इ सब कछू क अरथ का अहइ? तउ उ बताएस, उ मोका समुझाएस कि एन बातन क मतलब का अहइ। 17 उ कहेस, ‘उ पचे इ चार बड़के पसु, चार राज्ज अहइँ। उ सबइ चारिहुँ राज्ज धरती स उ मरिहीं। 18 किन्तु परमेस्सर क पवित्तर लोग उ राज्ज क प्राप्त करिहीं जउन एक अमर राज्ज होइ।’
19 “फुन मइँ इ जानइ चाहेउँ कि उ चउथा पसु का रहा अउर ओकर का अभिप्राय रहा? उ चउथा पसु सबहिं दूसर पसुअन स भिन्न रहा। उ बहोत भयानक रहा। ओकर दाँत लोहे क रहेन, अउर पंजे काँसे क रहेन। उ पसु रहा, जउन आपन सिकार क चकनाचूर कइके पूरी तरह खाइ लिहे रहा, अउर आपन सिकार क खाइ क पाछे जउन कछू बचा रहा, ओका आपन गोड़वन क तले रौंद डाए रहा। 20 उ चउथे पसु क सिर पइ जउन दस सींग रहेन, मइँ ओनके बारे मँ जानइ चाहेउँ अउर मइँ उ सींग क बारे मँ जानइ चाहेउँ जउन हुवाँ सींगन मँ स तीन ठु सींग उखाड़ि फेंके रहेन। उ सींग दूसर सींगन स जियादा बड़का देखाई देत रहा। ओकर आँखिन रहिन अउर उ आपन डींग हाँके चला जात रहा। 21 मइँ लखत ही रहेउँ कि उ सींग परमेस्सर क पवित्तर लोग क विरुद्ध युद्ध अउर ओन पइ हमला करब सुरू कइ दिहेस ह अउर उ सींग ओनका मारि डावत अहइ। 22 परमेस्सर क पवित्तर लोग क उ सींग उ समइ तलक मारत रहा जब तलक सनातन राजा आइके उ सींग क निर्णय नाहीं किहस। उ निर्णय परमेस्सर क पवित्तर लोग क पच्छ मँ रहा। अउर ओनका ओनके आपन राज्ज क प्राप्ति होइ गइ।
23 “अउर फुन उ सपना क मोका इ तरह समुझाएस कि उ चउथा पसु, ‘उ चउथा राज्ज अहइ जउन धरती पइ आई। उ राज्ज दूसर सबहिं राज्जन स अलग होइ। उ चउथा राज्ज ससांर मँ सब कहूँ लोगन क बिनास करी। संसार क सबहिं देसन क उ आपन गोड़न तले रौदी अउर ओनकर टूका-टूका कइ देइ। 24 उ सबइ दस सींग उ सब दस राजा अहइँ, जउन इ चउथे राज्ज मँ अइहीं। एन दसन राजा लोगन क चले जाइ क पाछे एक ठु अउर राजा आई। उ राजा अपने स पहिले क राजा लोगन स अलग होइ। उ ओनमाँ स तीन दूसर राजा लोगन क पराजित करी। 25 इ बिसेस राजा सर्वोच्च परमेस्सर क विरुद्ध बातन करी तथा उ राजा परमेस्सर क पवित्तर लोगन क नोस्कान पहोंचाइ अउर ओनकर बध करी। जउन पवित्तर उत्सव अउर जउन नेम इ समइ प्रचलन मँ अहइँ उ राजा ओनका बदलइ क जतन करी। परमेस्सर क पवित्तर लोग साढ़े तीन बरिस तलक उ राजा क सक्ति क अधीन रहिहीं।
26 “‘किन्तु जउन कछू होब अहइ, ओकर निर्णय निआवालय करी अउर उ राजा स ओकर सक्ति छोरि लीन्ह जाइ। ओकरे राज्ज क पूरी तरह अन्त होइ। 27 फिन परनेस्सर क पवित्तर लोग उ राज्ज क हुकूमत चलइहीं। धरती क सबहिं राज्जन क सबहिं लोगन पइ सासन होइ। इ राज्ज सदा सदा अटल रही, अउर दूसर सबहिं राज्जन क लोग ओनका आदर देइहीं अउर ओनकर सेवा करिहीं।’
28 “इ तरह उ सपना क अंत भवा। मइँ, दानिय्येल तो बहोत डेराइ गवा रहेउँ। डर स मोर मुँह पीला पड़ गवा रहा। मइँ जउन बातन लखे रहेउँ अउर सुने रहेउँ, मइँ ओनके बारे मँ दूसर लोगन क नाहीं बताएउँ।”
भेड़न अउ बोकरन क बारे मँ दानिय्येल क दर्सन
8 बेलसस्सर क सासन काल क तीसरे बरिस मइँ इ दर्सन लखेउँ। इ उ पहिले वाल दर्सन क बाद क दर्सन रहा। 2 मइँ लखेउँ कि मइँ सूसन नगर मँ हउँ। सूसन, एलाम प्रान्त क राजधानी रही। मइँ ऊलै नदी क किनारे पइ खड़ा रहेउँ। 3 मइँ आँखिन ऊपर उठाएउँ तउ लखेउँ कि ऊलै नदी क किनारे पइ एक भेड़ा खड़ा अहइ। उ भेड़ा क दुइ लम्बे सींग रहेन। जदपि ओकर दुइनउँ ही सींग लम्बे रहेन। पर एक सींग दूसर स लम्बा रहा। लम्बा वाला सींग छोटेवाले सींग क बाद मँ जमा रहा। 4 मइँ लखेउँ कि उ भेड़ा कबहुँ पच्छिम कइँती दउड़त रहा तउ कबहुँ उत्तर कइँती, अउर कबहुँ दक्खिन कइँती अउर सींग मारत फिरत रहा। उ भेड़ा क कउनो भी पसु रोक नाहीं पावत अहइ अउर न ही कउनो दूसर पसुअन क बचाइ पावत अहइ। उ भेड़ा सब कछू कइ सकत रहा, जउन कछू उ करइ चाहत रहा। इ तरह स उ भेड़ा बहोतइ सक्तिसाली होइ गवा।
5 मइँ उ भेड़ा क बारे मँ सोचइ लगा। मइँ अबहिं सोचत ही रहत रहा कि पच्छिम कइँती स मइँ एक बोकरा क आवत लखेउँ। इ बोकरा धरती पइ दौड़ गवा। किन्तु उ बोकरा क गोड़ धरती पइ छुए तलक नाहीं। इ बोकरा क एक लम्बा सींग रहा। जउन साफ-साफ दिखत रहा, उ सींग बोकरा क दुइनउँ आँखिन क बीचउ-बीच रहा।
6 फिन उ बोकरा उ दुइ सींगवाले भेड़न क लगे आवा। (इ उहइ भेड़ा रहा जेका मइँ ऊलै नदी क किनारे खड़ा लखे रहेउँ।) उ बोकरा किरोध स भरा भवा रहा। तउ उ भेड़ा क तरफ लपका। 7 बोकरा क उ भेड़े क तरफ परात भए मइँ लखेउँ। उ बोकरा गुस्सा मँ आग बबूला होत रहा। तउ उ भेड़ा क दुइनउँ सींग तोड़ डाएस। भेड़ा बोकरा क रोक नाहीं पाएस। बोकरा भेड़ा क धरती पइ पछाड़ दिहस अउर फुन उ बोकरा उ भेड़ा क गोड़न तले कुचर दिहस। हुआँ उ भेड़ा क बोकरा स बचावइ वाला कउनो नाहीं रहा।
8 तउ बोकरा बहोत सक्तिसाली बन बइठा। किन्तु जब उ सक्तिसाली बना, ओकर बड़का सींग टूट गवा अउर फुन उ बड़के सींग क तरह चार सींग अउर निकरि आएन। उ सबइ चारिहुँ सींग आसानी स देखाई पड़त रहेन! उ सबइ चार सींग अलग-अलग दिसा कइँती मुड़े भए रहेन।
9 फुन ओन चारिहुँ सींगन मँ स एक छोटा सींग अउर निकरि आवा। उ छोटा सींग बढ़इ लाग अउर बढ़त-बढ़त बहोत बड़ा होइ गवा। इ सींग दक्खिन-पूरब कइँती बढ़ा। इ सींग सुन्नर धरती कइँती बढ़ा। 10 उ छोटा सींग बढ़िके बहोत बड़ा होइ गवा। उ बढ़त बढ़त अकास छुइ लिहेस। उ नान्ह सींग, हिआँ तलक कि कछू तारन क भी धरती पइ पटक दिहस अउर ओन सबहिं तारन क गोड़न तले मसल दिहस। 11 उ नान्ह सींग बहोत मजबूत होइ गवा अउर फुन उ तारन क सासक (परमेस्सर) क विरुद्ध हो गवा। उ नान्ह सींग उ सासक क अर्पित कीन्ह जाइवाली बलियन क रोक दिहस। उ ठउर जहाँ लोग उ सासक क उपासना किया करत रहेन, उ ओका उजाड़ दिहस 12 अउर ओनकर फउज क भी हराइ दिहस अउर एक विद्रोही कार्य क रूप मँ उ नान्ह सींग दैनिक बलियन क ऊपर अपने आप क स्थापित कइ दिहस। उ सच क धरती पइ पटक दिहस। उ नान्ह सींग जउन कछू किहस उ सब कछू मँ सफल होइ गवा।
13 फुन मइँ कउनो पवित्तर जन क बोलत सुनेउँ अउर ओकरे पाछे मइँ सुनेउँ कि कउनो दूसर पवित्तर मनई उ पहिले पवित्तर मनई क जवाब देत अहइ। पहिला पवित्तर मनई कहेस, “इ दर्सन दर्सावत ह कि दैनिक बलियन क का होइ? इ उ भयानक पाप क बारे मँ अहइ जउन बिनास डावत ह। इ दर्सावत ह कि जब लोग उ सासक क पूजा स्थल क तोड़ डइहीं तब का होइ? इ दर्सन दर्सावत ह कि जब लोग उ समूचे ठउर क गोड़न तले रौदिहीं तब का होइ। इ दर्सन दर्सावत ह कि जब लोग तास क ऊपर गोड़ धरहीं तब का होइ? किन्तु इ सबइ बातन कब तलक होत रइहीं?”
14 दूसर पवित्तर मनई कहेस, “दुइ हजार तीन सौ दिन तलक अइसा ही होत रही अउर ओकरे पाछे पवित्तर ठउर क फुन स स्थापित कइ दीन्ह जाइ।”
दर्सन क व्याख्या
15 मइँ, दानिय्येल इ दर्सन लखे रहेउँ, अउर इ प्रयत्न किहेउँ कि ओकर अरथ समुझ लेउँ। अबहिं मइँ इ दर्सन क विसय मँ सोच ही रहे रहेउँ कि मनई क जइसा देखाइवाला कउनो अचानक आइके मोरे समन्वा खड़ा होइ गवा। 16 एकरे पाछे मइँ कउनो मनई क वाणी सुनेउँ। इ वाणी ऊलै नदी क ऊपर स आवति रही। उ अवाज कहेस, “जिब्राएल, इ मनई क एकर दर्सन क अरथ समुझाइ द्या।”
17 तउ जिब्राएल जउन कउनो मनई क समान देखाँत रहा, जहाँ मइँ खड़ा रहेउँ, हुआँ आइ गवा। उ जब मोरे लगे आवा तउ मइँ बहोत डेराइ गएउँ। मइँ धरती पइ भहराइ पड़ेउँ। किन्तु जिब्राएल मोहसे कहेस, “अरे मनई, समुझ ल्या कि इ दर्सन अंत समइ बरे अहइ।”
18 अबहिं जिब्राएल बोलत ही रहत रहा कि मोका नीदं आइ गइ। नीदं बहोतइ गहरी रही। मोर मुख धरती कइँती रहा। फुन जिब्राएल मोका छुएस अउर मोहसे मोर गोड़न पइ खड़ा कइ दिहस। 19 जिब्राएल कहेस, “लखा, मइँ तोहका अब, उ दर्सन क समझावत हउँ। मइँ तोहका बताउब कि परमेस्सर क किरोध क समइ क बाद मँ का कछू घटी।
20 “तू दुइ सींगनवाला भेड़ा लखे रह्या। उ सबइ दुइ सींग अहइँ मादी अउ फारस क दुइ देस। 21 इ बोकरा युनान क राजा अहइ। ओकर दुइ आखिन क बीच क बड़ा सींग उ पहिला राजा अहइ। 22 उ सींग टूट गवा अउ ओकरे ठउर क चार सींग निकरि आएन। उ सबइ चार सींग चार राज्ज अहइँ। उ सबइ चार राज्ज, उ पहिले राजा क रास्ट्र स परगट होइहीं किन्तु उ सबइ चारिहुँ राज्ज उ पहिले राजा क स मजबूत नाहीं होइहीं।
23 “जब ओन राज्जन क अंत ओन लोगन क जरिये बुरा करम करइ क पाछे निकट होइ, तब हुवाँ एक हटी राजा जउन कि पहेलियन क समुझ सकत ह उठ खड़ा होइ। 24 इ राजा बहोत सक्तिसाली होइ किन्तु ओकर सक्ति ओकर आपन नाहीं होइ। इ राजा भयानक तबाहीं मचाइ देइ। उ जउन कछू करी ओहमाँ ओका सफलता मिली। उ सक्तिसाली लोगन-हिआँ तलक कि परमेस्सर क लोग क भी नस्ट कइ देइ।
25 “इ राजा बहोत चुस्त अउ मक्कार होइ। उ आपन कपट अउ झूठन क बल पइ सफलता पाइ। उ अपने आप क सब स बड़कवा समुझी। लोगन क उ बिना कउनो चितउनी क नस्ट करवाइ देइ। हिआँ तलक कि उ राजा लोगन क राजा (परमेस्सर) स भी जुद्ध क जतन करी किन्तु उ जफाकस राजा क सक्ति क खतम कइ दीन्ह जाइ अउर ओकर अंत कउनो मनई क हाथन नाहीं होइ।
26 “अउर साम अउ सुबह कर दर्सन फुरइ अहइँ। किन्तु इ दर्सन पइ तू मुहर लगाइके रख द्या। काहेकि उ सबइ बातन अबहिं बहोत सारे समइ तलक घटइवाली नाहीं अहइ।”
27 उ दिब्ब दर्सन क बाद मँ मइँ दानिय्येल, बहोत कमजोर होइ गवा अउर बहोत दिनन तलक बीमार पड़ा रहा। फुन बेरामी स उठिके मइँ लउटिके राजा क कामकाज करब सुरू कइ दिहस किन्तु उ दिब्ब दर्सन क कारण मँ बहोत बियाकुल रहा करत रहा। मइँ उ दर्सन क अरथ समुझ ही नाहीं पाए रहेउँ।
दानिय्येल क बिनती
9 मादी दारा क हुकूमत क पहिले बरिस मँ, जउन छयर्स राजा क पूत रहा जउन कसदियन क राजा रहा। 2 दारा क राजा क पहिले बरिस मँ मइँ, दानिय्येल कछु किताबन पढ़त रहेउँ। ओन किताबन मँ मइँ लखेउँ कि यहोवा यिर्मयाह क इ बताएस ह कि यरूसलेम क पुन: निर्माण कितने बरिस बाद होइ। यहोवा कहे रहा कि एहसे पहिले कि यरूसलेम फुन स बसइ, सत्तर बरिस बीत जइहीं।
3 फुन मइँ आपन सुआमी परमेस्सर कइँती मुड़ेउँ अउर ओहसे पराथना करत भए मदद क याचना किहेउँ। मइँ भोजन करब तजि दिहेउँ अउर अइसे ओढ़ना पहिर लिहेउँ जेहसे इ लागइ कि मँइ दुःखी हउँ। मइँ अपने मूँड़ पइ धूरि डाल दिहेउँ। 4 मइँ आपन परमेस्सर यहोवा स पराथना करत भए ओका आपन सबहिं पाप बताइ दिहेउँ। मइँ कहेउँ,
“हे यहोवा, तू महान अउ भयजोग्ग परमेस्सर अहा। जउन लोग तोहसे पिरेम करत हीं, जउन तोहरे आदेसन क पालन करत हीं, तू ओनके संग आपन पिरेम अउ दयालुता क करार क निभावत ह।
5 “मुला हे यहोवा, हम पचे पापी अही। हम पचे बुरा किहे अही। हम पचे कुकरम किहे अही। हम पचे तोहार विरोध किहा ह। तोहार निस्पच्छ निआत अउर तोहरे आदेसन स हम पचे दूर भटक गए अही। 6 हम पचे नबियन क बात नाहीं सुनित। नबी तउ तोहार सेवक अहइँ। उ पचे तोहरे बारे मँ हमारे राजा लोगन, सासकन अउ धरती क सारे लोगन क बारे मँ भी बात किहेस।
7 “हे यहोवा, तू नीक अहा, अउर तोहमाँ नेकी अहइ। जबकि आजु हम आपन बुरे करम स लज्जित अही। यरूसलेम अउ यहूदा क लोग लज्जित अहइँ-इस्राएल क सबहिं लोग लज्जित अहइँ। उ सबइ लोग जउन निआरे अहइँ अउर उ सबइ लोग जउन बहोत दूर अहइँ। हे यहोवा, तू ओन लोगन क बहोत स देसन मँ फइलाइ दिहा। ओन सबहिं देसन मँ बसे इस्राएल क लोगन क लज्जा आवइ चाही। हे यहोवा, ओन सबहिं बुरी बातन क बरे, जउन उ पचे तोहर विरुद्ध किहेन ह, ओनका लज्जित होइ चाही।
8 “हे यहोवा, हम सब क लज्जित होइ चाही। हमरे सबहिं राजा लोगन अउ मुखिया लोगन क लज्जित होइ चाही। अइसा काहे अइसा एह बरे कि हे यहोवा, हम तोहरे विरुद्ध पाप किहे अही।
9 “किन्तु हे यहोवा, तू दयालु अहा। लोग, जउन बुरे करम करतेन तउ तू ओनका, छमा कइ देत ह। हम असल मँ तोहसे मुँह फेर लिहा ह। 10 हम आपन यहोवा परमेस्सर क आग्या क पालन नाहीं कीन्ह। यहोवा आपन सेवकन, आपन नबियन क जरिये हमका व्यवस्था क विधान प्रदान किहस। किन्तु हम पचे ओकर व्यवस्थन क नाहीं माना। 11 इस्राएल क कउनो भी मनई तोहरी सिच्छन पइ नाहीं चला। उ पचे सबहिं राह स भटक ग रहेन। उ पचे तोहरे आदेसन क पालन नाहीं किहन। मूसा, जउन परमेस्सर क सेवक रहा क ब्यवस्था अउर विधान मँ सरापन अउ गम्भीर चिताउनी क उल्लेख भवा ह। उ सबइ सराप अउ चिताउनी ब्यवस्था अउर विधान पइ नाहीं चलइ क दण्ड क बखान करत हीं अउर उ सबइ सबहिं बातन हमरे संग घट चुकी अहइँ काहेकि हम यहोवा क विरोध मँ पाप किहा ह।
12 “परमेस्सर बताए रहा कि हमरे संग अउ हमरे मुखिया लोगन क संग उ सबइ बातन घटिहीं अउर उ ओनका घटाइ दिहस। उ हमरे संग भयानक बातन घटाइ दिहस। यरूसलेम क जेतना कस्ट उठावइ क पड़ा, कउनो दूसर नगर नाहीं उठाएस। 13 उ सबइ सबहिं भयानक बातन जउन मूसा क व्यवस्था क विधान मँ लिखा अहइँ हमरे संग भी घटिन। किन्तु हम अबहुँ भी यहोवा हमरे परमेस्सर स मदद माँगइ नाहीं परत ह। हम अबहुँ भी आपन पाप करब नाहीं तजा ह। अबहुँ तलक भी हम तोहस सच्चाई क अनुसार रहना सीखइ मँ रूची नाहीं रखत हउँ। 14 यहोवा उ सबइ खौफनाक बातन तइयार रख छोड़े रहिन अउर उ हमरे संग ओन बातन क घटाइ दिहस। हमार परमेस्सर यहोवा अइसा एह बरे किहे रहा कि उ तउ जउन कछू भी करत ह, निआव ही करत ह। किन्तु हम अबहुँ भी ओकर नाहीं सुनित।
15 “हे सुआमी हमार परमेस्सर, तू आपन महान सक्ति क प्रयोग किहा अउर हमका मिस्र स बाहेर निकारि लिआया। हम तउ तोहार आपन लोग अही। आजु तलक उ घटना क कारण तू जाना जात अहा। हे सुआमी, हम पाप किहा ह। हम खौफनाक पाप किहा ह। 16 हे सुआमी, यरूसलेम पइ किरोध करब तजि द्या। यरूसलेम तोहार पवित्तर पर्वतन पइ टिका अहइ। तू जउन करत अहा, ठीक ही करत अहा। एह बरे यरूसलेम पइ किरोधित होब तजि द्या। हमरे आसपास क लोग हमार अपमान करत हीं अउर हमरे लोगन क हँसी उड़ावत हीं। हम लोगन क पाप अउर हम लोगन क पुरखन क पापन क कारण इ सबइ कछू भएस ह।
17 “अब, हे यहोवा, तू मोर पराथना सुनि ल्या। मइँ तोहार दास हउँ। मदद बरे मोर बिनती सुन ल्या। आपन पवित्तर ठउर बरे तू अच्छी बातन करा। उ भवन नस्ट कइ दीन्ह गवा रहा। किन्तु हे यहोवा, तू खुद आपन भले बरे इ भली बातन क करा। 18 हे मोर परमेस्सर, हम लोगन क सुना। जरा आपन आँखिन खोला अउर हमरे संग जउन खौफनाक बातन घटी अहइँ, ओनका लखा। उ नगर जउन तोहरे नाउँ स गोहरावा जात रहा, लखा ओकरे संग का होइ गवा ह। मइँ इ नाहीं कहत हउँ कि हम अच्छे लोग अही। मइँ पराथना करत हउँ काहेकि मइँ जानत हउँ कि तू बहोत दयालु अहा। 19 हे सुआमी मोर सुना, हे यहोवा, हमका छिमा करा। हे सुआमी, हम पइ धियान द्या, अउर फुन कछू करा। अब अउर प्रतीच्छा जिन करा। इहइ समइ कछू करा। ओका तू खुद अपने भले बरे करा। हे सुआमी, अब तउ आपन नगर अउर आपन ओन लोगन क बरे, जउन तोहरे नाउँ स गोहरावा जात हीं कछू करा।”
सत्तर हफ्तन क बारे मँ दर्सन
20 मइँ परमेस्सर स पराथना करत भए इ सबइ बातन कहत रहेउँ। मइँ इस्राएल क लोगन क अउर आपन पापन क बारे मँ बतावत रहेउँ। मइँ यहोवा हमार परमेस्सर क पवित्तर पर्वत पइ पराथना करत रहेउँ। 21 मइँ अबहिं पराथना करत ही रहेउँ कि जिब्राएल मोरे लगे आवा। जिब्राएल उहइ सरगदूत रहा जेका मइँ दर्सन मँ लखे रहेउँ। जिब्राएल हाली स मोरे लगे आवा। उ साँझ क बलि क समइ आवा रहा। 22 मइँ जउन बातन क समुझइ चाहत रहा, ओन बातन क समुझइ मँ जिब्राएल मोर मदद किहेस। जिब्राएल कहेस, “हे दानिय्येल, मइँ तोहका बुद्धि प्रदान करइ अउ समुझइ मँ तोर सहायता क आवा हउँ। 23 जब तू पहिले पराथना आरंभ किहे रही, आदेस देइ दीन्ह गवा रहा अउ लखा मइँ तोहका बतावइ आइ गवा हउँ। परमेस्सर तोहका बहोत पिरेम करत ह। इ आदेस तहोरी समुझ मँ आइ जाइ अउर तू उ दर्सन क अरथ जान लेब्या।
24 “हे दानिय्येल, परमेस्सर तोहार प्रजा अउ तोहार पवित्तर नगरी बरे सत्तर हफ्तन क समइ निहचित किहेस ह। सत्तर हफ्तन क समइ एह बरे निहचित कीन्ह गवा ह ताकि बुरे करम खत्म कइ दीन्ह जाइँ, अउर पाप करब बन्द कइ दीन्ह जाइ, पापन बरे प्रायस्चित कीन्ह जाइ, हमेसा बरे निआव स्थापित कीन्ह जाइ। सब लोगन क सुद्ध कीन्ह जाइ, सदा-सदा बनी रहइवाली नेकी क लिआवा जाइ, दर्सन अउ नबियन पइ मोहर लगाइ दीन्ह जाइ, अउर पवित्तर ठउरे क समर्पित कीन्ह जाइ।
25 “दानिय्येल, तू एन बातन क समुझ ल्या। एन बातन क गियान रखा। जब वापस आवइ अउ यरूसलेम क पुनःनिर्माण करइ क आदेस दीन्ह गवा रहा क समइ स लइके अभिसिक्त कीन्ह गवा क आवइ क समइ तलक सात हफ्ता लगिहीं। सर्वजिनिक बाजार क निर्माण अउ नगर क रच्छा करइ बरे नगर क चारिहुँ कइँती खाई खोदइ क संग नगर क बासठ हफ्तन मँ निमार्ण कीन्ह जाइहीं। बासठ हफ्ता तलक यरूसलेम क बसावा जाइ। 26 बासठ हफ्तन पाछे उ अभिसिक्त मनई क हत्तिया कइ दीन्ह जाइ। उ अउर नाहीं रहब्या। फुन होइवाले नेता क लोग नगर क अउर उ पवित्तर ठउरे क तहस-नहस कइ देइहीं। उ अंत अइसे आइ जइसे बाड़ आवत ह। अंत तलक जुद्ध होत रही। उ ठउरे क पूरी तरह तहस-नहस कइ देइ क परमेस्सर आदेस दइ चुका ह।
27 “एकरे पाछे उ भावी सासक बहोत स लोगन क संग एक करार करी। उ करार एक हफ्ता तलक चली। भेंटन अउ बलियन आधे हफ्ता क पाछे रुकी रहिहीं अउर फुन एक विनासकर्ता आई। उ बहोत सारा घृणित काम करिहीं। किन्तु ओनकर पूरा करइ स पहिले, जउन आदेस दीन्ह गवा ह उ विध्वंस करइवालन क खिलाफ कीन्ह जाइहीं।”
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.