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Chronological

Read the Bible in the chronological order in which its stories and events occurred.
Duration: 365 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
दानिय्येल 4-6

एक ठु बृच्छ क बारे मँ नबूकदनेस्सर क सपना

राजा नबूकदनेस्सर सबइ लोगन, जाति अउर भाखा क, जउन सारी दुनिया मँ बसे भए रहेन, इ पत्र पठएस तू सबइ क अधिक सान्ति मिली।

सर्वोच्च परमेस्सर मोर संग जउन अचरज भरी अद्भूत बातन किहेस ह, ओकरे बारे मँ तोहका बतावत भए मोका बहोत खुसी अहइ।

ओकरे कार्य केतॅना अद्भुत अहइ।
    ओकरे चमत्कार केतॅना सक्तिसाली अहइ।
परमेस्सर क राज्ज सदा टिका रहत ह;
    परमेस्सर क सासन पीढ़ी दर पीढ़ी बना रहत ह।

मइँ, नबूकदनेस्सर, आपन महल मँ रहेउँ। मइँ प्रसन्न अउ सफल रहेउँ। मइँ एक सपना लखेउँ जउन मोका डेराइ दिहेस। मइँ आपन बिछउना मँ सोवत रहेउँ। मइँ तस्वीर अउर दर्सनन क लखेउँ। जउन कछू मइँ लखे रहेउँ उ मोका बहोत डेराइ दिहस। तउ मइँ इ आग्या दिहेउँ कि बाबुल क सबहिं बुध्दिमान लोगन क मोरे लगे, लिआवा जाइ ताकि उ पचे मोका सपन क फल बतावइँ। जब जादगर तान्त्रिक, कसदी अउर भविस्यवक्ता मोरे लगे आबइँ तउ मइँ ओनका आपन सपना क बारे मँ बताएउँ। किन्तु उ सबइ लोग मोका मोरे सपन क अर्थ नाहीं बताइ पाएन। अंत मँ दानिय्येल मोरे लगे आवा (मइँ आपन देवता क सम्मानित करइ बरे दानिय्येल क बेलेतसस्सर नाउँ दिहे रहेउँ। पवित्तर देवतन क आतिमा क ओहमाँ निवास अहइ।) दानिय्येल क मइँ आपन सपन कहि सुनाएउँ। मइँ ओहसे कहेउँ, “हे बेलतसस्सर, तू सबहिं तान्त्रिकन मँ सब स बड़का अहा। मोका पता अहइ कि तोहमाँ पवित्तर देवतन क आतिमा बास करत अहइ। मइँ जानत हउँ कि कउनो भी रहस्स क समुझब तोहरे बरे कठिन नाहीं अहइ। मइँ जउन सपना लखे रहेउँ, उ इ अहइ। तू मोका एकर अरथ समुझावा। 10 जब मइँ आपन बिछउना मँ ओलरा भवा रहेउँ तउ मइँ दिव्य दर्सन लखे रहेउँ। मइँ लखेउँ कि मोरे समन्वा धरती क बीचउ-बीच एक बृच्छ खड़ा अहइ। उ बृच्छ बहोत लम्बा अहइ। 11 बृच्छ बड़ा होत भवा एक बिसाल मजबूत बृच्छ बन गवा। बृच्छ क चोटी अकास छुअइ लाग। उ बृच्छ क धरती पइ कहूँ स भी लखा जाइ सकत रहा। 12 बृच्छ क पातियन सुन्नर रहिन। बृच्छ पइ बहोत नीक फल बहोतयात मँ लगे रहेन अउर उ बृच्छ पइ हर कउनो क लिए भरपूर खाइ क रहा। जंगली जनावर बृच्छ क नीचे आसरा पाए भए रहेन अउर बृच्छ क डारन पइ चिरइयन क बसेरा रहा। हर पसु पच्छी उ बृच्छ स ही भोजन पावत रहा।

13 “अपने बिछउना पइ ओलरे-ओलरे दर्सन मँ मइँ ओन वस्तुअन क लखत रहेउँ अउर तबहिं एक पवित्तर सरगदूत क मइँ सरग स नीचे उतरत भए लखेउँ। 14 उ बड़े ऊँचे सुर मँ बोला। उ कहेस, ‘बृच्छ क कांट लोकावा। एकर टहनियन क काट डाला। एकर पातियन क नोंच डावा। एकर फलन क चारिहुँ ओर बिखेर द्या। इ बृच्छ क नीचे आसरा पाए भए पसु कहूँ दूर पराइ जाइँ। एकर आरन पइ बसेरा किए भए पंछी कहूँ उड़ जाइँ। 15 किन्तु एकर तना अउर एकर जड़न क धरती मँ रहइ द्या। एकरे चारिहुँ ओर लोहा अउ काँसे क एक बंधेज बाँध द्या। अपने आस-पास उगी घास क संग एकर तना अउर एकर जड़न धरती मँ रहिहीं। जंगली पसुअन अउ पेड़ पौधन क बीच इ खेतन मँ रही। ओस स उ नम होइ जाइ। 16 उ जियादा समइ तलक मनई क तरह नाहीं सोची। ओकर मन पसु क मन जइसा होइ जाइ। ओकर अइसा ही रहत भए सात ऋतु चक्र (बरिस) बीत जाई।’

17 “एक पवित्तर सरगदूत इ दण्ड क घोसणा किहे रहा ताकि धरती क सबहिं लोगन क इ पता चल जाइ कि मनइयन क राज्जन क ऊपर परम प्रधान परमेस्सर सासन करत ह। परमेस्सर जेका भी चाहत ह। एन राज्जन क दइ देत ह अउर परमेस्सर ओन राज्जन पइ सासन करइ बरे विनम्र मनइयन क चुनत ह।

18 “बस मइँ (राजा नबूकदनेस्सर) सपना मँ इहइ लखेउँ ह। अब हे बेलतसस्सर। तू मोका इ बतावा कि इ सपना क अरथ का अहइ? मोरे राज्ज क कउनो भी बुध्दिमान मनई मोका इ सपना क फल नाहीं बताइ पावत अहइ। किन्तु हे बेलतसस्सर, तू मोरे इ सपना क व्याख्या कइ सकत ह काहेकि तोहमाँ पवित्तर परमेस्सर क आतिमा निवास करत अहइ।”

19 तब दानिय्येल (जेकर नाउँ बेलतसस्सर भी रहा) थोड़ी देर बरे एक दम चुप होइ गवा। जिन बातन क उ सोचत रहा, उ सबइ ओका बियाकुल किहे डावत रहिन। तउ राजा ओहसे कहेस, “हे बेलतसस्सर, तू उ सपना या उ सपना क फल स भयभीत जिन ह्वा।”

एह पइ बेलतसस्सर राजा क उत्तर दिहेस, “हे मोर सुआमी, कास इ सपना तोहरे दुस्मनन चइ पड़इ अउर एकर फल, जउन तोहरे विरोधी अहइँ, ओनका मिलइ।” 20 तू आपन सपना मँ एक बृच्छ लखे रहेउँ। उ बृच्छ बड़ा भवा अउर मजबूत बन गवा। बृच्छ क चोटी आसमान छुअत रही। धरती मँ हर कहूँ स उ बृच्छ देखाई देत रहा। 21 ओकर पातियन सुन्नर रहित अउर ओह पइ बहोतायत मँ फल लगे रहेन। ओन फलन स हर कउनो क पर्याप्त भोजन मिलत रहा। जंगली पसुअन क तउ उ घर ही रहा अउर ओकर डारन पइ चिरइयन बसेरा किया भए रहेन। तू सपना मँ अइसा बृच्छ लखे रह्या। 22 हे राजा, उ बृच्छ आप ही अहइँ। आप महान अउर सक्तिसाली बन चुका अहइँ। आप उ ऊँच बृच्छ क समान अहइँ जउन अकास छुइ लिहेस ह अउर आप क सक्ति धरती क सुदूर भागन तलक पहुँची भई अहइँ।

23 “हे राजा, आप एक पवित्तर सरगदूत क अकासे स नीचे उतरत लखे रह्या। सरगदूत कहे रहा ‘बृच्छ क काट डावा अउर ओका नस्ट करा। बृच्छ क तना पइ लोहा अउ काँसे क बंधज डाइ द्या अउर एकर तना अउ जड़न क धरती मँ ही छोड़ द्या। खेत मँ घास क बीच एका रहइ द्या। ओस स ही इ नमी लेत रही। उ कउनो जंगली पसु क रूप मँ रहा करी। एकर रहइ हाल मँ सात ऋतु-चक्र बीत जइहीं।’

24 “हे राजा, आपक सपन क फल इहइ अहइ। सर्वोच्च परमेस्सर मोर सुआमी राजा क बरे एन बातन क घटइ क आदेस दिहस ह। 25 हे राजा नबूकदनेस्सर, प्रजा स दूर चला जाइ क बरे आप क मजबूर कीन्ह जाइ। जंगली पसुअन क बीच आप क रहइ क होइ। मवेसियन क तरह आप घास स पेट भरिहीं अउर ओस स भिगिहीं। सात ऋतु चक्र बीत जइहीं अउर फुन ओकरे बाद तू इ स्वीकार करब्या कि सर्वोच्च परमेस्सर मनइयन क साम्राज्यन पइ सासन करत ह अउर उ जेका भी चाहत ह, ओका राज्ज दइ देत ह।

26 “बृच्छ क तना अउ ओकर जड़न क धरती मँ छोड़ देइ क आदेस क अरथ इ अहइ कि आप क साम्राज्य आप क वापस मिलि जाइ। किन्तु इ उहइ समइ होइ जब तू इ जान जाब्या कि तोहरे राज्ज पइ सर्वोच्च परमेस्सर क ही सासन अहइ। 27 एह बरे हे राज, आप कृपा कइके मोर सलाह माना। मइँ आप क इ सलाह देत हउँ कि आप पाप करब तजि देइँ अउर जउन उचित अहइ, उहइ करइँ। कुकरमन क त्याग कइ देइँ। गरीबन पइ दयालु होइँ। तबहिं आप सफल बना रहि सकिहीं।”

28 इ सबहिं बातन राजा नबूकदनेस्सर क संग घटिन। 29 इ सपना क बारह महीना बाद जब राजा नबूकदनेस्सर बाबुल मँ आपन महल क छत पइ घूमत समइ, 30 तउ उ आपन आप स किहा, “उ मइँ हउँ जउन कि इ महान बाबुल क निर्माण किहेउँ ह। इ महल मोर अहइ। मइँ आपन सक्ति स इ बिसाल नगर क निर्माण किहेउँ ह। इ ठउर क निर्माण मइँ इ देखाइ बरे किहेउँ ह कि मइँ केतना खुस हउँ।”

31 इ सबइ सब्द अबहिं ओकरे मुँह मँ ही रहेन कि एक अकासवाणी भई। अकासवाणी कहेस, “राजा नबूकदनेस्सर, तोहरे संग इ सबइ बातन घटिहीं। राजा क रूप मँ तोहसे तोहार सक्ति छोर लीन्ह गइ अहइ। 32 तोहका आपन लोगन स दूर जाब होइ। जंगली पसुअन क संग तोहार निवास होइ। तू ढोरन क तरह घास खाब्या। एहसे पहिले कि तू सबक सीखा कि मनई क राज्जन पइ सर्वोच्च परमेस्सर सासन करत ह अउर सर्वोच्च उ जेका चाहत ह, ओका राज्ज दइ देत ह सात ऋतु-चक्र बीत जइहीं।”

33 फुन फउरन ही इ सबइ बातन घट गइन। नबूकदनेस्सर क लोगन स दूर जाइ बरे मज़बूर कीन्ह गवा। उ गाइयन क तरह घास खाब सुरू कइ दिहस। उ ओस मँ भीगा। कउनो उकाब क पंखन क तरह ओकर बार बढ़ गएन अउर ओकर नाखून अइसे बढ़ गएन जइसे कउनो पंछी क पंजन क नाखून होत हीं।

34 फुन उ समइ क अंत मँ मइँ, नबूकदनेस्सर ऊपर सरग क कइँती लेखा अउर मोर सोचइ समुझइ क बुद्धि फिर स ठीक होइ गवा। तउ मइँ सर्वोच्च परमेस्सर क स्तुति किहेउँ, जउन सदा अमर अहइ, मइँ ओका आदर प्रदान किहेउँ अउर ओका गुनगान किहेउँ।

परमेस्सर सासन हमेसा करत ह।
    ओकर राज्ज पीढ़ी दर पीढ़ी बना रहत ह।
35 इ धरती क सबइ लोग
    महत्वपूर्ण नाहीं अहइँ।
परमेस्सर सरग क सक्तियन
    अउर धरती क लोगन क संग
    जउन चाहत ह उहइ करत ह।
उ जउन करइ चाहत ह ओका उ करइ स कउनो भी नाहीं रोक सकत ह।
    ओकर ससक्त हाथ जउन कछू उ करत ह ओह पइ कउनो नाहीं सवाल करत ह।

36 तउ, उ औसर पइ परमेस्सर मोका मोर बुद्धि फुन दइ दिहेस अउर उ एक राजा क रूप मँ मोर बड़ा मान, सम्मान अउ सक्ति भी वापस लउटाइ दिहस। मोर मंत्री अउर मोर राजकीय लोग फुन मोरे लगे आवइ लागेन। मइँ फुन स राजा बन गएउँ। मइँ पहिले स भी जियादा महान अउ सक्तिसाली होइ गवा रहेउँ। 37 लखा, अब मइँ, नबूकदनेस्सर सरग क राजा क स्तुति करत हउँ तथा ओकर उपासना करत हउँ, ओका आदर देत हउँ अउर ओकरे गुनगान करत हउँ। उ जउन कछू करत ह, ठीक करत ह। उ हमेसा निआव स पूर्ण अहइ। ओहमाँ अहंकारी लोगन क विनम्र बनाइ देइ क छमता अहइ।

देवार पइ अभिलेख

राजा बेलसस्सर आपन एक हजार अधिकारियन क एक बड़की दावत दिहेस। राजा ओकरे संग दाखरस पिअत रहा। राजा बेलसस्सर दाखरस पिअत भए आपन सेवकन क सोना अउ चाँदी क पियाला लिआवइ क कहेस। इ सबइ उ सबइ पियालन रहेन जेनका ओकर पिता नबूकदनेस्सर यरूसलेम क मन्दिर स लिहे रहा। राजा बेलसस्सर चाहत रहा कि ओकर साही लोग, ओकर मेहररूअन अउ ओकर उप पत्नियन इन पियालन स दाखरस पिअइँ। तउ सोना क उ सबइ पियालन लिआवा गएन जेनका यरूसलेम मँ परमेस्सर क मन्दिर स उठावा गवा। फुन राजा अउ ओकर अधिकारियन, ओकर रानियन तथा ओकर उप पत्नियन, ओन पियालन स दाखरस पिया किहेन। दाखरस पिअत भए उ पचे आपन देवतन क मूरतियन क स्तुति करत रहेन। उ पचे ओन देवतन क स्तुति किहेन जउन देवता सोना, चाँदी, काँसा, लोहा, काठ अउ पाथर क मूरति पात्र रहेन।

उहइ समइ एकाएक कउनो मनई क एक हाथ परगट भवा अउ देवार पइ लिखइ लाग। ओकर अँगुरियन देवार क लेप क कुरेदत भइ सब्द लिखइ लागिन। देवार क लगे राजा क महल मँ उ हाथ देवार पइ लिखेस। हाथ जब लिखत रहा तउ राजा ओका लखत रहा।

राजा बेलसस्सर बहोत भयभीत होइ उठा। डर स ओकर मुँह पिअर पड़ गवा अउर ओकर घुटनन इ तरह काँपइ लागेन कि उ सबइ आपुस मँ टकरात रहेन। ओकर गोड़ एतना बलहीन होइ गएन कि उ खड़ा भी नाहीं रहि पावत रहा। राजा तान्त्रिकन अउ कसदियन क अपने लगे बोलवाएस अउर ओनसे कहेस, “मोका जउन कउनो भी इ लिखावट क पढ़कर बताइ अउर मोका ओकर अरथ समुझाइ देइ, मइँ ओका पुरस्कार देब। उ मनई क मइँ बैंगनी पोसाक भेटं करब। मइँ ओकरे गले मँ सोना क हार पहिराउब अउर मइँ ओका आपन राज्ज क तीसर सबसे बड़ा सासक बनाइ देब।”

तउ राजा क सबहिं बुध्दिमान मनई हुवाँ आइ गएन किन्तु उ सबइ उ लिखावट क नाहीं पढ़ि सकेन। उ पचे समुझ ही नाहीं सकेन कि ओकर अरथ का अहइँ। राजा बेलसस्सर क हाकिम चक्कर मँ पड़े भए रहेन अउर राजा तउ अउर भी जियादा भयभीत अउर चिंतित रहा। ओकर मुँह डर स पीला पड़ा भवा रहा।

10 तबहिं जहाँ उ दावत चलत रही, हुवाँ राजा क महतारी आइ। उ राजा अउर ओकर राजकीय अधिकारियन क आवाजन सुन रिहे रहिन, उ कहेस, “हे राजा, चिरंजीव रहा। डेरा जिन। तू आपन मुँह क डर स एतना पीला जिन पड़इ द्या। 11 लखा, तोहरे राज्ज मँ एक अइसा मनई अहइ जेहमाँ पवित्तर देवतन क आतिमा बसत ह। तोहरे बाप क दिनन मँ इ मनई इ दर्साये रहा कि ओकरे लगे देवतन क बुद्धि क नाईं बुद्धि अउर समुझ अहइ। तोहार पिता नबूकदनेस्सर इ मनई क सबहिं बुध्दिमान मनइयन पइ, तान्त्रिकन अउ कसदियन पइ मुखिया नियुक्त किहे रहा। 12 मइँ जउन मनई क बारे मँ बातन करत हउँ ओकर नाउँ दानिय्येल अहइ। किन्तु राजा ओका बेलतसस्सर क नाउँ दइ दिहे रहा। बेलतसस्सर बहुत चुस्त अहइ अउर बहुत स बातन जानत ह। उ सपनन क व्याख्या कइ सकत ह। पहेलियन क समझाइ सकत ह। अउर कठिन स कठिन हलन क सुलझाइ सकत ह। तू दानिय्येल क बोलवा। देवारे पइ जउन लिखा बाटइ, ओकर अरथ तोहका उहइ बताई।”

13 तउ उ सबइ दानिय्येल क राजा क लगे लइ आएन। राजा दानिय्येल स कहेस, “का तोहार नाउँ दानिय्येल अहइ? मोर पिता महाराज यहूदा स जिन लोगन क बंदी बनाइके लिआए रहेन, का तू ओनमाँ स एक अहा? 14 मइँ सुनेउँ ह, कि देवता क आतिमा क तोहमाँ निवास अहइ अउर मइँ इ भी जानेउँ ह कि तोहमाँ महान अन्तदृस्टि अहइ। तू बहोत चुस्त अउ बुध्दिमान अहा। 15 बुध्दिमान मनई अउ तान्त्रिकन क इ देवार क लिखावट क समुझावइ बरे मोरे लगे लिआवा गवा। मइँ चाहत रहेउँ कि उ सबइ लोग उ लिखावट क अरथ बतावइँ। किन्तु देवार पइ लिखी इ लिखावट क व्याख्या उ पचे मोका नाहीं दइ पाएन। 16 मइँ तोहरे बारे मँ सुनेउँ ह कि तू बातन क अरथ क व्याख्या कइ सकत ह अउर तू अत्यन्त कठिन समस्यन क उत्तर भी ढूढ़ सकत ह। जदि देवार क इ लिखावट क तू पढ़ द्या अउर एकर अरथ तू मोका समुझाइ द्या तउ मइँ तोहका उ सबइ चिजियन देब। मइँ तोहका बैंगनी रंग क पोसाक प्रदान करब, तोहरे गले मँ सोना क हार पहिराउब। फुन तउ तू इ राज्ज क तीसर सब स बड़का सासक बन जाब्या।”

17 एकरे पाछे दानिय्येल राजा क उत्तर देत भए कहेस, “हे राजा बेलसस्सर, तू आपन उपहार अपने लगे रखा, अथवा चाहा तउ ओनका कउनो अउर क दइ द्या। मइँ तोहका वइसे ही देवार क लिखावट पढ़ देब अउर ओकर अरथ का अहइ, इ तोहका समुझाइ देब।

18 “हे राजा, सर्वोच्च परमेस्सर तोहार पिता नबूकदनेस्सर क एक महान सक्तिसाली राजा बनाए रहेउँ। परमेस्सर ओनका बहोत अधिक स अधिक महत्वपूर्ण बनाए रहा। 19 सबइ रास्ट्र नबूकदनेस्सर स डरा करत रहेन काहेकि सर्वोच्च परमेस्सर ओक एक बहोत बड़का राजा बनाए रहा। जदि नबूकदनेस्सर कउनो क मार डावइ चाहत तउ ओका मार दीन्ह जात रहा अउर जदि उ चाहत कि कउनो मनई जिअत रहइ तउ ओका जिअत रहइ दीन्ह जात रहा। ओनका जेका उ उन्नती देइ चाहत रहा तउ ओका उन्नती देइ दीन्ह जात रहा। ओनका जेका उ विनम्र बनाइ चाहत रहा तउ ओका विन्रम बनाइ दीन्ह जात रहा।

20 “किन्तु नबूकदनेस्सर क अभिमान होइ गवा अउर उ हठीला बन गवा। तउ परमेस्सर क जरिये ओहसे ओकर सक्ति छोर लीन्ह गइ। ओका ओकर राज सिंहासन स उतार पंका गवा अउ ओका महिमा विहीन बनाइ दीन्ह गवा। 21 एकर पाछे लोगन स दूर पराइ जाइ क बरे नबूकदनेस्सर क मजबूर कीन्ह गवा। ओकर सोचइ समुझइ क बुद्धि कउनो पसु क बुद्धि जइसी होइ गइ। उ जंगली गदहन क बीच रहइ लगा अउर डोरन क तरह घास खात रहा। उ ओस मँ भीगा। जब तलक ओका सबक नाहीं मिल गवा, ओकरे संग अइसा ही होत गवा। फिन ओका इ गियान होइ गवा कि मनई क राज्ज पइ सवोर्च्च परमेस्सर क ही सासन अहइ। अउर साम्राज्जन क ऊपर सासन करइ बरे उ जउन कउनो क भी चाहत ह, नियुक्त कइ देत ह।

22 “किन्तु हे बेलसस्सर, तू तउ एन बातन क जानत ही अहा। तू नबूकदनेस्सर क पूत अहा किन्तु फुन भी तु अपने आप क विनम्र नाहीं बनाया। 23 नाहीं तू विनम्र तउ नाहीं भया अउ उल्टे सरग क सुआमी क खिलाफ होइ गया। तू ओकरे मन्दिर क पात्रन अउर पिआलन क अपने लगे लिआवइ क आग्या दिहा अउर फुन तू, तोहरे साही हाकिमन, तोहार मेहरूअन, तोहार उप पत्नियन ओन पिआलन मँ दाखरस पिएन। तू चाँदी, सोना, काँसा, लोहा, काठ अउर पाथर क देवतन क गुण गाया। उ पचे फुरइ क देवता नाहीं अहइँ। उ पचे लख नाहीं सकतेन, सुन नाहीं सकतेन तथा उ पचे कछू समुझ भी नाहीं सकतेन। उ पचे जानइ क सामर्थ नाहीं अहइ कि तू ओनका स्तुति करत ह। तू उ परमेस्सर क आदर नाहीं दिहा, जेकर जिन्नगी या जउन कछू भी तू करत अहा, ओह पइ अधिकार अहइ। 24 तउ एह बरे, परमेस्सर उ हाथे क पठएस जउन देवार पइ लिखेस। 25 देवार पइ जउन सब्द लिखा गवा अहइँ, उ सबइ इ सबइ अहइँ:

मने, मने तकेल, ऊपर्सीन।

26 “एन सब्दन क अरथ अहइ,

मने:
    अर्थात् परमेस्सर तोहरे सासन क दिन गन लिहेस ह अउर उ ओकरे अन्त लिआएस ह।
27 तकेल:
    अर्थात् तराजू पइ तोहका तौल लीन्ह गवा ह अउर तू पूरा नाहीं उतरा ह।
28 ऊपर्सीन:
    अर्थात् तोहसे तोहार राज्ज छोरा जात अहइ अउर ओकर बँटवारा होत अहइ।
    इ राज्ज मादियन अउ फारसिदन क लोगन क दइ दीन्ह जाइ।”

29 एकरे पाछे बेलसस्सर आग्या दिहेस कि दानिय्येल क बैंगनी बेसभूसा पहिराइ जाइ। ओकरे गले मँ सोने क हार पहिराइ दीन्ह जाइ अउर इ घोसणा कइ दीन्ह गइ कि उ राज्ज मँ तीसरा सबस बड़कवा सासक होइ। 30 उहइ रात, बेलसस्सर, बाबुल क प्रजा क राजा बध कइ दीन्ह गवा। 31 मादे क रहइवाला एक मनई जेकर नाउँ दारा रहा अउर जेकर आयु कउनो बासठ बरिस क रही, हुवाँ क नवा राजा बना।

दानिय्येल अउ सिंह

दारा राज्ज पइ हुकुमत करइ बरे ओकर मदद बरे एक सौ बीस प्रान्तीय अधिकारियन क नियुक्त करइ क निहचय किहा। अउर एकरे बरे उ एक सौ बीस प्रान्त-अधिपतियन क ऊपर हुकुमत करइ बरे तीन ठु मनइयन क अधिकारी नियुक्त कइ दिहस। इ तीनहुँ देख-रेख करइवालन मँ एक रहा दानिय्येल। एन तीन मनइयन क नियुक्ति राजा एह बरे किहे रहा कि कउनो ओकरे संग छल न कइ पावइ अउर ओकर राज्ज क कउनो भी हानि न होइ। दानिय्येल इ कइ देखाएस कि उ दूसर पर्यवेच्छकन स जियादा उत्तिम अहइ। दानिय्येल इ काम आपन उत्तम मानिसक जागतन अउर महान अन्तदृस्टि क कारण सम्पनन कइ सकेस। राजा दानिय्येल स एतना जियादा प्रभावित भवा कि उ दानिय्येल क सारी हुकुमत क हाकिम बनावइ क सोचेस। किन्तु जब दूसर पर्यवेच्छकन अउ प्रान्त अधिपतियन एकरे बारे मँ सुनेन तउ ओनका दानिय्येल स जलन होइ लाग। उ पचे ओका कोसइ क बरे कारण ढूँढइ क जतन करइ लागेन। किन्तु फुन भी उ पचे ओकरे काम मँ कउनो दोख या कउनो भ्रस्ट नाहीं ढूँढ पाएन। तउ उ पचे ओह पइ कउनो गलत काम करइ क दोख नाहीं लगाइ सकेन। काहेकि दानिय्येल बहोत ईमानदार अउ भरोसेमन्द मनई रहा। उ पचे ओहमाँ कउनो दोख नाहीं ढूँढ पाएन।

आखिरकार ओन लोग कहेन, “दानिय्येल पइ कउनो बुरा काम करइ क दोख लगावइ क वजह हम कबहुँ नाहीं ढूंढ़ पाउब। एह बरे हमका सिकाइत क बरे कउनो अइसी बात ढूँढ़इ चाही जउन ओकर परमेस्सर क नेमन स सम्बन्ध रखत होइ।”

तउ उ पचे दुइनउँ पर्यवेच्छक अउर उ सबइ प्रान्त-अधिपति टोली बनाइके राजा क लगे गएन। उ पचे कहेन, “हे राजा दारा, तू अमर रहा। हम सबहिं पर्यवेच्छक, हाकिम, प्रान्त-अधिपति, मंत्री अउर राज्जपाल एक बात पइ सहमत अहइ कि राजा क इ नेम बनाइ देइ चाही अउर हर मनई क इ नेम क पालन करइ चाही। उ नेम इ अहइँ, जदि अगले तीस दिनन तलक कउनो भी मनई, आपक तजिके कउनो अउर देवता या मनई क पराथना करइ तउ उ मनई क सेरन क माँद मँ डाइ दीन्ह जाइ। अब हे राजा! जउने कागज पइ नेम लिखा अहइ, तू ओह पइ हस्ताच्छर कइ द्या। इ तरह स इ नेम कबहुँ बदला नाहीं जाइ सकी। काहेकि मीदियन अउ फारसियन क नेम न तउ बदले जाइ सकत हीं।” तउ राजा दारा इ नेम बनाइके ओह पइ हस्ताच्छर कइ दिहेस।

10 हर दिन तीन दाईं दानिय्येल अपने घुटनन क बल निहुरिके आपन परमेस्सर क पराथना करत रहेन अउर आपन परमेस्सर क सुकरिया अदा किहेन। दानिय्येल जब इ नवे नेम क बारे मँ सुनेस तउ उ अपने घर चला गवा। दानिय्येल आपन मकान क छत क ऊपर, आपन कमरा मँ चला गवा। दानिय्येल ओन खिड़कियन क लगे गवा जउन यरूसलेम क तरफ खुलत रहिन। फिन उ आपन घुटनन क बल निहुरा अउर जइसे सदा किया करत रहा, उ वइसे ही पराथना किहेस।

11 फिन उ सबइ लोग झुण्ड बनाइके दानिय्येल क हिआँ जाइ पहुँचेन। हुवाँ उ पचे दानिय्येल क पराथना करत अउ परमेस्सर स दाया माँगत पाएन। 12 बस फुन का रहा। उ सबइ लोग राजा क लगे पहुँचेन अउर उ पचे राजा स उ नेम क बारे मँ बात किहन जउन उ बनाए रहा। उ पचे कहेन, “हे राजा दारा, आप एक नेम बनाए रहेन। जेकरे अनुसार अगले तीस दिनन तलक जदि कउनो मनई कउनो देवता स या तोहरे अलावा कउनो मनई स पराथना करत ह तउ, हे राजा, ओका सेरन क माँद मँ फेंकवाइ दीन्ह जाइ। बतावइँ का आप इ नेम पइ हस्ताच्छर नाहीं किहे रहेन?”

राजा जवाब दिहस, “हाँ, मइँ उ नेम पइ हस्ताच्छर किहे रहेउँ अउर मादियन अउ फारसियन क नेम अटल होत हीं। न तउ उ सबइ बदले जाइ सकत हीं, अउर न ही मिटावा, जाइ सकत हीं।”

13 एह पइ ओन राजा स कहेन, “दानिय्येल नाउँ क उ मनई आप क बात पइ धियान नाहीं देत अहइ। दानिय्येल यहूदा क बन्दियन मँ स एक अहइ। जउने नेम पइ आप हस्ताच्छर किहेन ह, उ ओह पइ धियान नाहीं देत अहइ। दानिय्येल अबहुँ भी हर दिन तीन दाईं अपने परमेस्सर क पराथना करत ह।”

14 राजा जब इ सुनेस तउ उ बहोत दुःखी अउ बियाकुल होइ उठा। राजा दानिय्येल क बचावइ चाहत रहा। एह बरे ओका बचावइ क कउनो उपाय सोचत सोचत राजा सारा दिन बिताइ दिहेस अउर साम होइ गइ। 15 एकरे बाद उ सबइ लोग एक झुण्ड बनाइके राजा क लगे पहोंचने। उ पचे राजा स कहेन, “हे राजा, मादियन अउ फारसियन क ब्यवस्था क अनुसार या हुकूम पइ राजा हस्ताच्छर कइ देइ, उ न तउ कबहुँ बदला जाइ सकत ह अउर न ही कबहुँ मिटावा जाइ सकत ह।”

16 तउ राजा दारा आदेस दइ दिहेस। उ सबइ लोग दानिय्येल क धइ लाएन अउर ओका सेरन क माँद मँ लोकाइ दिहेन। राजा दिनिय्येल स कहेस, “मोका आसा अहइ कि तू जउन परमेस्सर क हमेसा उपासना करत ह, उ तोहार रच्छा करी।” 17 एक बड़ा सा पाथर लिआवा गवा अउर ओका सेरन क माँद क दुआर पइ भेड़ दीन्ह गवा। फुन राजा आपन अँगूठी लिहेस अउर उ पाथर पइ आपन मुहर लगाइ दिहस। साथ ही उ आपन हाकिमन क अंगूठियन क मुहरन भी उ पाथर पइ लगाइ दिहस। एकर इ अभिप्राय रहा कि उ पाथर क कउनो भी हटाइ नाहीं सकत अउर सेरन क उ माँद स दानिय्येल क बाहेर नाहीं लाइ सकत रहा। 18 एकरे पाछे राजा दारा आपन महल क वापस चला गवा। उ पूरी रात उपवास किहेस। उ नाहीं चाहत रहा कि कउनो ओकरे लगे आवइ अउर ओकर मन बहलावइ। राजा सारी रात सोइ नाहीं पाएस।

19 दूसरे दिन भिन्सारे जइसे ही सूरज रोसनी फइलइ लाग, राजा दारा जाग गवा अउ सेरन क माँद कइँती दउड़ा। 20 राजा बहोत चिंतित रहा। राजा जब सेरन क माँद क लगे गवा तउ हुवाँ उ दानिय्येल क जोर स अवाज लगाएस। राजा कहेस, “हे दानिय्येल, हे जिअत परमेस्सर क सेवक, का तोहार परमेस्सर, जेकर तू हमेसा उपासना करत ह, तोहका सेरन स बचावइ मँ सामर्थ भवा ह”

21 दानिय्येल जवाब दिहेस, “राजा, अमर रहइँ। 22 मोर परमेस्सर मोका बचावइ बरे सरगदूत पठए रहा। उ सरगदूत सेरन क मुँह बन्द कइ दिहेस। सेरन मोका कउनो हानि नाहीं पहोंचाएन काहेकि मोर परमेस्सर जानत ह कि मइँ निरपराध हउँ। मइँ राजा क बरे कबहुँ कउनो बुरा नाहीं किहेउँ ह।”

23 राजा दारा बहोत खुस रहा। राजा आपन सेवकन क हुकूम दिहेस कि उ पचे दानिय्येल क सेरन क माँद स बाहेर हींच लेइँ। जब दानिय्येल क सेरन क माँद स बाहेर लिआवा गवा तउ ओका ओह पइ कउनो जखम नाहीं देखाइ दिहस। सेरन दानिय्येल क कउनो भी तरह क हानि नाहीं पहोंचाए रहा। काहेकि उ आपन परमेस्सर पइ बिस्सास किहेस।

24 एकरे पाछे राजा ओन लोगन क जउन दानिय्येल पइ अभियोग लगाइके ओका सेरन क माँद मँ डलवाए रहेन, बोलवावइ क आदेस दिहस अउर ओन लोगन क, ओनकर मेहररूअन क अउर ओनके गदेलन क सेरन क माँद मँ फेंकवाइ दिहे रहा। एहसे पहिले कि उ पचे सेरन क माँद मँ धरती पइ गिरतेन, सेरन ओनका दबोच लिहन। सेर ओनके तनन क खाइ गएन अउर फुन ओनकर हाड़न क चूर-चूर कइ दिहेन।

25 एह पइ राजा दारा सारी धरती क लोगन, दूसर जाति क अलग-अलग भासा बोलइवालन क इ पत्र लिखेस:

सुभकामनाऐं

26 मइँ एक ठु नेम बनावत हउँ। मोरे राज्ज क हर भाग क लोगन क बरे इ नेम होइ। तू पचे सबहिं लोगन क दानिय्येल क परमेस्सर क भय मानइ चाही अउर ओकर आदर करइ चाहीं।

दानिय्येल क परमेस्सर जिअत अहइ।
    परमेस्सर सदा-सदा अमर रहत ह।
साम्राज्ज कबहुँ ओकर खतम नाहीं होइ
    ओकरे सासन क अंत कबहुँ नाहीं होइ
27 परमेस्सर लोगन क बचावत ह अउर रच्छा करत ह।
    सरग मँ अउ धरती क ऊपर परमेस्सर अद्भूत अचरजे स भरा करम करत ह।
परमेस्सर दानिय्येल क सेरन स बचाइ लिहेस।

28 इ तरह जब दारा क राज रहा अउर जिन दिनन फारसी राजा कुसू क हुकूमत रही, दानिय्येल सफलता प्राप्त किहस।

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.