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Chronological

Read the Bible in the chronological order in which its stories and events occurred.
Duration: 365 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
दानिय्येल 1-3

दानिय्येल क बाबुल लइ जावा जाब

नबूकदनेस्सर बाबुल क राजा रहा। नबूकदनेस्सर यरूसलेम क चारिहुँ कइँती स घेर लिहस। इ तब भवा जब यहूदा क राजा यहोयाकीम क हुकूमत क तीसर बरिस चलत रहा। यहोवा यहूदा क राजा यहोयाकीम क नबूकदनेस्सर क जरिये पराजित कराइ दिहस। नबूकदनेस्सर परमेस्सर क मन्दिर क कछू बर्तनन क भी हथियाइ लिहस। नबूकदनेस्सर ओन वस्तुअन क बाबुल लइ गवा। नबूकदनेस्सर ओन वस्तुअन क उ मन्दिर मँ रखवाइ दिहस जेहमाँ ओकर देवतन क मूरतियन रहिन।

एकरे पाछे राजा नबूकदनेस्सर असपनज क एक हुकूम दिहस। (असपनज राजा क हिंजड़े-नौकरन क प्रधान रहा।) राजा असपनज क कछू इस्राएली लड़कन क ओकरे महल मँ लिआवइ क कहे रहा। नबूकदनेस्सर चाहत रहा कि प्रमुख परिवारन अउ इस्राएल क राजा क परिवार क कछू इस्राएली लड़कन क हुवाँ लिआवा जाइ। नबूकदनेस्सर क सिरिफ हट्टे कटे नउजवान इस्राएली लड़कन ही चाही रहा। राजा क बस अइसे नउजवान लड़कन क चाही रहा जेकरे तने पइ कउनो खरोंच या ओनकर तन कउनो भी तरह क दोख स रहित होइ। राजा सुन्नर, चुस्त अउ बुध्दिमान नउजवान लड़कन ही चाहत रहा। जउन बातन क हाली स अउ आसानी स सीखइ मँ समरथ होइँ। राजा क अइसे नउजवान लड़कन क जरूरत रही जउन ओकरे महल मँ सेवा क काम कइ सकइँ। राजा असपनज क हुकूम दिहेस कि ओन इस्राएली नउजवान लड़कन क कसदियन क भाखा अउ लिपि क सिच्छा दीन्ह जाइ।

राजा नबूकदनेस्सर ओन नउजवानन क हररोज एक निहचित मात्रा मँ भोजन अउ दाखरस देत रहत रहा। इ भोजन उहइ तरह क होत रहा, जइसा खुद राजा खावा करत रहा। राजा क इच्छा रही कि इस्राएल क ओन नउजवानन क तीन बरिस तलक प्रसिच्छण दीन्ह जाइ अउ तीन बरिस क पाछे उ सबइ नउजवान राजा क सेवक बन सकइँ। ओन नउजवानन मँ दानिय्येल, हनन्याह, मीसाएल अउ अजर्याह सामिल रहेन। इ सबइ नउजवान यहूदा क परिवार समूह स रहेन। तउ एकरे पाछे यहूदा क ओन नउजवानन क असपनज नवा नाउँ रख दिहेस। दानिय्येल क बेलतसस्सर क नवा नाउँ दीन्ह गवा। हनन्याह क नवा नाउँ रहा सद्रक। मीसाएल क नवा नाउँ दीन्ह गवा मेसक अउ अजर्याह क नवा नाउँ रखा गवा अबेदनगो।

दानिय्येल राजा क उत्तिम भोजन अउ दाखरस क ग्रहण करइ नाहीं चाहत रहा। दानिय्येल नाहीं चाहत रहा कि उ उ भोजन अउ उ दाखरस स अपन आप क असुद्ध कइ लेइ। तउइ तरह अपन आप क असुद्ध होइ स बचावइ बरे असपनज स बिनती किहेस।

परमेस्सर ने असपनज क अइसा बनाइ दिहस कि उ दानिय्येल क बरे कृपालु अउर नीक विचार करइ लाग। 10 किन्तु असपनज दानिय्येल स कहेस, “मइँ आपन सुआमी, राजा स डेरात हउँ। राजा मोका हुकुम दिहेस ह कि तोहका इ भोजन अउर इ दाखरस दीन्ह जाइ। जदि तू इ भोजन क नाहीं खात अहा तउ तू दुर्बल अउ रोगी देखाइ लगब्या। तू आपन उमिर क दूसर नउजवानन स भद्दा देखाइ देब्या। राजा एका लखी अउ मोह पइ किरोध करी। होइ सकत ह, तू मोर मुड़ँ कटवाइ देइ। जबकि इ दोख तोहार होइ।”

11 एकरे पाछे दानिय्येल आपन देखभाल करइवालन से बातचीत किहेस। असपनज उ रखवारे क दानिय्येल, हनन्याह, मीसाएल अउ अजर्याह क ऊपर धियान रखइ क कहा भवा रहा। 12 दानिय्येल उ रखवारे स कहेस, “कृपा कइके तू दस दिन तलक हमार परीक्षा ल्या। हमका खाइ क साग-सब्जी अउर पिअइ क पानी क अलावा कछू जिन द्या। 13 फुन दस दिन क पाछे ओन दूसर नउजवानन क संग तू हमार तुलना कइके लखा, जउन राजा क भोजन करत हीं अउर फुन अपने आप लखा कि अधिक तन्दुरुस्त कउन देखाइ देत ह। फिन तू अपने-आप यह निर्गया कर्या कि तू हमरे संग कइसा बेउहार करइ चाहत ह। हम तउ तोहार सेवक अही।”

14 तउ उ रखवारा दानिय्येल, हनन्याह, मीसाएल अउ अजर्याह क परीच्छा लिहेस। 15 दस दिना क पाछे दानिय्येल अउ ओकर मीत ओन सबहिं नउजवानन स जियादा हट्टा-कट्टा देखाँइ देइ लागेन जउन राजा क खइया क खात रहेन। 16 तउ उ रखवारा ओनका राजा क उ खास भोजन अउ दाखरस देब बंद कइ दिहस अउर उ दानिय्येल, हनन्याह, मीसाएल अउ अजर्याह क उ खाइ क जगह पइ साग-सब्जियन देइ लाग।

17 परमेस्सर दानिय्येल, हनन्याह, मीसाएल अउ अजर्याह क बुध्दि प्रदान किहस अउ ओनक अलग-अलग तरह क लिपियन अउ विग्यानन क सीखइ क जोग्गता प्रदान किहस। दानिय्येल तउ हर तरह क दर्सनन अउ सपनन क भी समुझ सकत रहा।

18 राजा चाहत रहा कि ओन सबहिं जवानन क तीन बरिस तलक प्रसिच्छन दीन्ह जाइ। प्रसिच्छन क समइ पूरा होइ पइ असपनज ओन सबहिं जवानन क राजा नबूकदनेस्सर क लगे लइ गवा। 19 राजा ओनसे बातन किहस। राजा पाएस कि ओनमाँ स कउनो भी जवान ओतना नीक नाहीं रहा जेतना दानिय्येल, हनन्याह, मिसाएल अउ अजर्याह रहेन। तउ उ सबइ चारिहुँ जवान राजा क सेवक बनाइ दीन्ह गएन। 20 राजा हर दाईं ओनसे कउनो महत्वपूर्ण बात क बारे मँ पूछत अउ उ पचे आपन प्रचुर गियान अउ समुझ-बूझ क परिचय देतेन। राजा लखेस कि उ पचे चारिउँ ओकर राज्ज क सबहिं जादुगरन अउ बुध्दिमान लोगन स दस गुणा जियादा उत्तिम अहइँ। 21 तउ राजा कुसू क सासन काल क पहिले बरिस तलक दानिय्येल राजा क सेवकाई करत रहा।

नबूकदनेस्सर क सपना

नबूकदनेस्सर आपन सासन क दूसर बरिस मँ एक सपना लखेस। उ सपना स बेचैन होइ गवा अउर सोइ नाहीं सका। तउ राजा आपन जादूगरन, ओझन, भविस्स क बात बताइवालन अउर कसदियन[a] क आपन सपना क अरथ बतावइ बरे बुलाएन। एह बरे उ सबइ आएन अउर राजा क समन्वा खड़ा होइ गएन।

तब राजा ओन लोगन स कहेस, “मइँ एक सपना लखेउँ ह जेहसे मइँ बियाकुल हउँ। मइँ इ जानइ चाहत हउँ कि उ सपना क अरथ का बाटइ?”

यह पइ ओन कसदियन राजा स उत्तर देत भए कहेन। उ सबइ अरामी भाखा मँ बोलत रहेन। “राजा चिरंजीव रहइँ। हम पचे तोहार दास अही। तू आपन सपन हमका बतावा। फिन हम तोहका ओकर अरथ बताउब।”

एह पइ राजा नबूकदनेस्सर ओन लोगन स कहेस, “नाहीं। उ सपना का रहा, इ भी तोहका ही बताउब अहइ अउर उ सपन क अरथ का अहइ, इ भी तोहका ही बताउब अहइ अउर जदि तू अइसा नाहीं कइ पाया तउ मइँ तोहार टूकन टूकन कइ डावइ क आग्या देब। मइँ तोहरे घरन क तोरिके मलवा क देर अउ राखी मँ बदल डावइ क आग्या भी दइ देब। अउ जदि तू मोका मोर सपना बताइ देत अहा अउर ओकर व्याखिया कइ देत अहा तउ मइँ तोहका अनेक उपहार, बहोत स पुरस्कार अउ महान आदर प्रदान करब। तउ तू मोका मोर सपना क बारे मँ बतावा अउर बतावा कि ओकर अरथ का अहइ?”

ओन बुध्दिमान मनइयन राजा स फुन कहेन, “हे राजा, कृपा कइके हमका सपना क बारे मँ बतावा अउर हम तोहका इ बताउब कि उ सपना क फल का अहइ।”

एक पइ राजा नबूकदनेस्सर कहेस, “मइँ जानत हउँ, तू लोग अउर जियाद समइ लेइ क जतन करत अहा। तू जानत अहा कि मइँ जउन कहेउँ, उहइ मोर अरश अहइ। तू इ जानत अहा कि जदि तू मोका मोर सपना क बारे मँ नाहीं बताया तउ तोहका दण्ड दीन्ह जाइ। एह बरे तू पचे आपुस मँ जोजना बाएस क कि मोहसे झूठ बोलइ अउर गलत व्याखाय करब जब तलक कि स्थिति बदल न जाइ। अब बतावा कि मोका का सपना आवा रहा। इहइ एक रास्ता बाटइ पता करइ बरे कि का तू मोका मोरे सपना क सही अरथ बताइ सकत।”

10 कसदियन राजा क उत्तर देत भए कहेन, “हे राजा धरती पइ कउनो अइसा मनई नाहीं जउन अइसा कइ सकइ जइसा आप करइ क आग्रह करत ह। बुध्दिमान मनइयन स या जादूगरन स या कसदियन स कउनो भी महान अउर सक्तिसाली राजा कबहुँ भी अइसा करइ क नाहीं कहेस। 11 महाराज, आप उ काम करइ क कहत अहा, जउन संभव नाहीं अहइ। बस राजा क ओकरे सपना क बारे मँ अउर ओकरे फल क बारे मँ देवता ही बताइ सकत हीं। किन्तु देवता तउ लोगन क बीच नाहीं रहतेन।”

12 जब राजा इ सुनेस तउ ओका बहोत किरोध आवा अउर उ बाबुल क सबहिं बुद्धिमान मनइयन क मरवा डावइ क हुकुम दइ दिहस। 13 राजा क आदेस लागू होइ चुका रहेन। सबहीं बुध्दिमान मनइयन क मारा जाब रहा, एह बरे दानिय्येल अउ ओकर मीतन क भी मरवाइ डावइ बरे ओनकर खोज मँ राज पुरुस पठइ दीन्ह गएन।

14 अर्योक राजा क रच्छकन क नायक रहा। उ बाबुल क बुध्दिमान मनइयन क मार अवइ बरे जात रहा, किन्तु दानिय्येल ओहसे बातचीत किहस। दानिय्येल अर्योक स बुध्दिमानी क साथ नम्र होइके बात किहेस। 15 दानिय्येल अर्योक स पूछेस, “राजा एतना कठोर दण्ड देइके आग्या काहे दिहेस ह”

एह पइ अर्योक राजा क सपनावाली सारी कहानी कहि सुनाएस, दानिय्येल ओका समुझ गवा। 16 दानिय्येल जब इ कहानी सुन लिहेस तउ उ राजा नबूकदनेस्सर क लगे गवा। दानिय्येल राजा स बिनती किहेस कि उ ओका तनिक समइ अउर देइ। उ राजा स ओकार सपना क अरथ समेत बतावइ क वादा किहेस।

17 एकरे पाछे दानिय्येल अपने घर क चल दिहस। उ आपन मीत हनन्याह, मीसाएल अउ अजर्याह क उ सारी बातन कहि सुनाएस। 18 दानिय्येल आपन मीतन स सरग क परमेस्सर स पराथना करइ क कहेस। दानिय्येल ओनसे कहेस कि उ पचे परमेस्सर स पराथना करइँ कि उ ओन पइ दयालु होइ अउर इ रहस्स क समुझइ मँ ओनकर मदद करइ जेहसे बाबुल क दूसर विवेकी मनइयन क संग दानिय्येल अउ ओकर मीत भी घाट न उतारि दीन्ह जाइँ।

19 राति क समइ परमेस्सर एक दर्सन मँ दानिय्येल क उ रहस्स समुझाइ दिहस। एह पइ सरग क परमेस्सर क स्तुति करत भए। 20 दानिय्येल कहेस:

“परमेस्सर क नाउँ क सदा प्रसंसा करा।
    सक्ति अउ बुद्धिमान ओहमाँ ही होत ह।
21 उ ही समइ बुद्धिमान क बदलत ह।
    उहइ राजा लोगन क हटावत ह
    अउर उहइ राजा लोगन क नियुक्त करत ह।
उहइ बुध्दि देत ह अउर लोग बुध्दिमान बन जात हीं।
    उहइ लोगन क गियान देत ह अउर लोग गियानी बन जात हीं।
22 उ गहिर अउ छुपे रहस्सन क जानत ह जेका समुझ पाउब कठिन अहइ।
    प्रकास ओकरे संग रहत ह।
    तउ उ जानत ह कि अँधियारा मँ अउ रहस्स भरे स्थानन मँ का अहइ।
23 हे मोरे पुरखन क परमेस्सर, मइँ तोहका धन्यवाद देत हउँ अउ तोहार गुण गावत हउँ।
    तू ही मोका गियान अउ बुद्धिमत्ता दिहा।
जउन बातन मइँ पूछे रहे ओकरे बारे मँ तू मोका बताया।
    तू हमका राजा क सपना क बारे मँ बताया।”

दानिय्येल क जरिये राजा क सपन क व्याख्या

24 एकरे पाछे दानिय्येल अर्योक क लगे गवा। राजा नबूकदनेस्सर अर्योक क बाबुल क बुध्दिमान मनइयन क हत्तिया बरे नियुक्त कीन्ह रहा। दानिय्येल अर्योक स कहेस, “बाबुल क बुध्दिमान मनइयन क हत्तिया जिन करा। मोका राजा क लगे लइ चला, मइँ ओका ओकर सपना अउ उ सपना क फल बताउब।”

25 तउ अर्योक दानिय्येल क हाली ही राजा क लगे लइ गवा। अर्योक राजा स कहेस, “यहूदा क बन्दियन मँ मइँ एक अइसा मनई हेर लिहेउँ ह जउन राजा क ओकर सपना क मतलब बताइ सकत ह।”

26 तउ राजा दानिय्येल (बेलतसस्सर) स एक सवाल पूछेस, “का तू मोका मोर सपना अउ ओकर अरथ क बारे मँ बताइ सकत ह?”

27 दानिय्येल जवाब दिहस, “हे राजा नबूकदनेस्सर, तू जउन रहस्स क बारे मँ पूछत अहा, ओका तोहका न तउ कउनो बुद्धिमान व्यक्ति न कउनो तान्त्रिक अउर न कउनो भविस्यवक्ता क बताइ सका ह। 28 किन्तु सरग मँ एक परमेस्सर अइसा अहइ जउन भेद भरी बातन क रहस्स बतावत ह। परमेस्सर राजा नबूकदनेस्सर क आगे क होइवाला अहइ, इ दर्सावइ बरे सपना दिहस ह। आपन बिछउना मँ सोते भए तू सपना मँ जउन बातन लखे रह्या, उ सबइ इ सब अहइँ, 29 हे राजा। तू अपने बिछउना मँ सोवत रह्या। तू भविस्स मँ घटइवाली बातन क बारे मँ सोचब सुरू किहेस। परमेस्सर लोगन क रहस्सपुर्ण बातन क बारे मँ बताइ सकत ह। तउ उ भविस्स मँ जउन घटइवाला अहइ, उ तोहका दर्साइ दिहस। 30 परमेस्सर उ रहस्स मोका भी बताइ दिहस ह। अइसा एह बरे नाहीं भवा कि मोरे लगे दूसर लोगन स कउनो जियादा बुद्धि अहइ। बल्कि मोका परमेस्सर इ भेद क एह बरे बताएस ह कि राजा क ओकर सपना क फल पता चल जाइ अउर इ तरह हे राजा, तोहरे मने मँ जउन बातन आवति अहइँ, ओनका तू समुझ जा।

31 “हे राजा, सपना मँ तू अपने समन्वा खड़ा एक ठु बिसाल मूरति लख्या ह, उ मूरति बहोत बड़ी रही, उ चमकदार रही अउर प्रभाव स पूरी रही। इ देखइ मँ डराउनी रही। 32 उ मूरति क सिर सुद्ध सोना क बना रहा। ओकर छाती अउ सबइ भुजा चाँदी क बनी रहिन। ओकर पेट अउर जाँघन काँसा क बनी रहिन। 33 उ मूरति क गोड़न लोहा क बनी रहिन। उ मूरति क पैर थोड़ा लोहा अउ थोड़ा माटी क बने रहेन। 34 जब तू उ मूरति कइँती लखत रह्या, तउ तू एक ठु चट्टान लख्या जउन कउनो मनई क मेहनत क कटी रहेन अउर आइके मूरती क लोहे अउर मिट्टी क बनी गोड़न स टकरा गएन। उ चट्टान क कराण ओन मूरतियन क गोड़ चकनाचूर होइ गएन। 35 फुन फउरन ही लोहा, माटी, काँसा, चाँदी अउ सोना सब चूर-चूर होइ गवा अउ उ चूरा गर्मियन क दिनन मँ खरिहाने क भूसा जइसा होइ गवा। ओन टूकन क हवा उड़ाइ लइ गइ। हुआँ कछू भी तउ नाहीं बचा। कउनो इ नाहीं कहि सकत रहा कि हुआँ कबहुँ मूरति रही भी। फुन उ चट्टान जउन मूरति स टकराइ रही, एक बिसाल पर्वत क रूप मँ बदल गइ अउ सारी धरती पइ छाइ गइ।

36 “आपका सपना तउ इ रहा। अब हम राजा क इ बतावत अही कि इ सपना क फल का अहइ? 37 हे राजा, आप बहोत जियादा महत्वपूर्ण राजा अहइँ। सरग क परमेस्सर तोहका राज्ज दिहे सह। सक्ति दिहेस ह। सामरथ अउ महिमा दिहस ह। 38 आप क परमेस्सर नियन्त्रण क सक्ति दिहेस ह अउर आप, लोगन पइ, बन क पसुअन पइ अउ पंछियन पइ सासन करत अहा। उ सबइ चाहे कहूँ भी रहत होइँ, ओन सबन पइ परमेस्सर तोहका सासक ठहराएस ह। हे राजा नबूकदनेस्सर, उ मूरति क ऊपर जउन सोने क मू़ँड़ रहा, उ आप ही अहइँ।

39 “आप क पाछे जउन दूसर राजा आई, उहइ उ चाँदी क हीसां अहइ। किन्तु उ राज्ज तोहरे राज्ज क समान बिसाल नाहीं होइ। एकरे पाछे धरती पइ एक तीसर राज्ज क सासन होइ। उहइ उ काँसे वाला भाग अहइ। 40 एकरे पाछे एक चउथा राज्ज आइ, उ राज्ज लोहा क समान मजबूत होइ। जइसे लोहे स वस्तुअन टूटिके चकनाचूर होइ जात ही, वईसे ही चउथा राज्ज दूसर राज्जन क भंग कइके चकनाचूर करी।

41 “तू लखे रह्या कि उ मूरति क गोड़न अउर पंजन थोड़े माटी क अउर थोड़े लोहे क बना अहइँ, ओकर मतलब इ अहइ कि उ चउथा राज्ज एक ठु बटा भवा राज्ज होइ। एहमाँ कछू लोहा क सक्ति होइ काहेकि तू माटी मिला लोहा लख्या ह। 42 उ मूरति क गोड़न क पंजे क अगले हींसा जउन थोड़ा लोहा अउ थोड़ा माटी क बना रहेन, एकर अरथ इ अहइ कि उ चउथा राज्ज थोड़ा तउ लोहा क समान सक्तिसाली होइ अउर थोड़ा माटी क समान दुर्बल। 43 आप लोहा क माटी स मिला भवा लखे रह्या किन्तु जइसे लोहा अउ माटी पूरी तरह कबहुँ आपुस मँ नाहीं मिलतेन, उ चउथे राज्ज क लोग वइसे ही मिले जुले होइहीं। किन्तु एक जाति क रूप मँ उ सबइ लोग आपुस मँ एक जुट नाहीं होइहीं

44 “चउथे राज्ज क ओन राजा लोगन क समय मँ ही सरग क परमेस्सर एक दूसर राज्ज क स्थापना कइ देइ। इ राज्ज क कबहुँ अन्त नाहीं होइ अउर इ सदा-सदा बना रही। इ एक अइसा राज्ज होइ जउन कबहुँ कउनो दूसर समूह क लोगन क हाथ मँ नाहीं जाइ। इ राज्ज ओन दूसर राज्ज क कुचर देइ। इ ओन राज्जन क बिनास कइ देइ। किन्तु उ राज्ज अपने आप सदा-सदा बना रही।

45 “हे राजा नबूकदनेस्सर, आपन पहाड़ स उखड़ी भइ चट्टान तउ लखेउँ। कउनो मनई उ चट्टान क उखाड़ेस नाहीं। उ चट्टान लोहा क, काँसा क, माटी क, चाँदी क अउर सोने क टूका-टूका कइ दिहे रहा। इ प्रकार स महान परमेस्सर आप क उ देखाएस ह जउन भविस्स मँ होइवाला अहइ। इ सपना सच्चा अहइ अउर आप सपना क इ व्याख्या पइ भरोसा कइ सकत हीं।”

46 एकरे पाछे राजा नबूकदनेस्सर दानिय्येल क निहुरिके नमस्कार किहेस। राजा दानिय्येल क बड़कई किहेस। राजा इ आग्या दिहेस कि दानिय्येल क सम्मानित करइ बरे एक भेंट अउ सुगन्ध प्रदान कीन्ह जाइ। 47 फुन राजा दानिय्येल स कहेस, “मोका निहचय पूर्वक गियान होइ गवा ह कि तोहार परमेस्सर सब स जियादा महत्वपूर्ण अउ सक्तिसाली परमेस्सर अहइ। उ सबहिं राजा लोगन क परमेस्सर अहइ। उ लोगन क ओन बातन क बारे मँ बतावत ह, जेनका उ पचे नाहीं जान सकतेन। मोका पता अहइ कि इ सच अहइ। काहेकि तू मोका भेद क इ सबइ गुप्त बातन क बताइ सका।”

48 एकरे पाछे उ राजा दानिय्येल क आपन राज्ज मँ एक बहोत महत्वपुर्ण पद प्रदान किहेस तथा राजा बहोत स बहुमूल्य उपहार भी दानिय्येल क दिहेस। नबूकदनेस्सर दानिय्येल क बाबुल क समूचे प्रदेस क सासक नियुक्त कइ दिहेस। अउ उ दानिय्येल क बाबुल क सबहिं पण्डितन क प्रधान बनाइ दिहेस। 49 दानिय्येल राजा स बिनति किहेस कि उ सद्रक, मेसक अउ अबेदनगो क बाबुल प्रदेस क महत्वपूर्ण हाकिम बनाइ देइँ। तउ राजा वइसा ही किहेस जइसा दानिय्येल चाहे रहा। दानिय्येल खुद ओन महत्वपूर्ण मनइयन मँ होइ गवा रहा जउन राजा क निअरे रहा करत रहेन।

सोना क प्रतिमा अउ धधकत भट्ठी

राजा नबूकदनेस्सर सोना क एक ठु प्रतिमा बनवाइ रखी रही। उ प्रतिमा साठ हाथ ऊँची अउ छ: हाथ चउड़ी रही। नबूकदनेस्सर उ प्रतिमा क बाबुल प्रदेस क दूरा क मैदान मँ स्थापित कइ दिहेस। अउर फुन राजा राज्ज क राज्जपालन, मुखिया लोगन, अधिपतियन, सलाहकारन, खजांचियन, निआवधीसन, सासकन अउ दूसर सबहिं छेत्र क अधिकारियन क आपन राज्ज मँ आइके बटुरइ बरे बुलवाइ पठएस। राजा चाहत रहा कि उ पचे सबहिं लोग प्रतिमा क प्रतिस्ठा महोत्सव मँ सामिल होइँ।

एह बरे पूरा राज्ज स राज्जपाल, नेत, सलाहकार, खजानची, निआवधीस, प्रबंधक अउर बाकी सभी प्रान्तीय अधिकारी समर्पन समारोह मँ आएन अउ उ प्रतिमा क अगवा खड़े होइ गएन जेका राजा नबूकदनेस्सर स्थापित कराए रहा। फुन उ डँडोरची, जउन राजा क सबइ सूचना क घोसणा प्रसारित करत रहा, ऊँचे अवाजे मँ कहस, “सुना, सबहिं लोगन, जातियन अउर भासा सुना। तू पचन क जउन करइ क आग्या दीन्ह गइ अहइ, उ इ अहइ, तू पचे जब सबहिं नरसिंहन, बाँसुरियन, सितारन सात तारवाले बाजन वीणा अउ सहनाई तथा दूसर सबहिं प्रकार क बाजन क आवाज सुना, तउ तू पचन्क इ सोना क मूरती क जरूर पूजा करइ चाही जउन राजा नबूकदनेस्सर दुआरा स्थापित कीन्ह गवा ह। जदि कउनो मनई इ सोना क प्रतिमा क निहुरिके प्रणाम नाहीं करी अउ एका नाहीं पूजी तउ उ मनई क तुरंतइ धधकत भई भट्ठी मँ झोक दीन्ह जाइ।”

तउ, जइसे ही उ पचे नरसिंहन, बाँसुरियन, सितारन, सात तारउ वाले बाजन, सहनाइयन अउ दूसर तरह क संगीत बाजन क सुनेन, सभी लोगन, जातियन अउर हर भाखा क लोग राजा नबूकदनेस्सर क जरिये रखा गवा सोना क उ मूरति क निहुरेन अउर पूजा किहेन।

एकरे पाछे, कछू कसदी लोग राजा क लगे आएन। ओन लोग यहूदियन क विरोध मँ राजा क कान भरेन। राजा नबूकदनेस्सर स उ पचे कहेन, “हे राजा, आप चिरंजीवी ह्वा। 10 हे राजा, आप एक ठु आदेस दिहे रहेन आप कहे रहेन कि हर उ मनई जउन नरसिंहन, बाँसुरियन, सितारन, सात तारउवाले बाजन, सबइ वीणा मसक सहनाइयन अउर दूसर सबहिं तरह क वाद्य-यन्त्रन क ध्वनि क सुनत ह, उ सोना क प्रतिमा क अगवा निहुरिके ओकर पूजा करइ चाही। 11 आप इ भी कहे रहेन कि जदि कउनो मनई सोना क प्रतिमा क अगवा निहुरिके ओकर पूजा नाहीं करी तउ ओका कउनो धधकत भट्ठी मँ झोंक दीन्ह जाइ। 12 हे राजा, हिआँ कछू अइसे यहूदी अहइँ जउन आपक आदेस पइ धियान नाहीं देतेन। आप ओन यहूदियन क बाबुल प्रदेस मँ महत्वपूर्ण हाकिम बनाए भवा अहा। अइसे लोगन क नाम अहइँ सद्रक, मेसक अउ अबेदनगो। इ सबइ लोग आप क देवतन क पूजा नाहीं करतेन अउ जउन सोना क प्रतिमा क आप स्थापित किहेन ह, उ सबइ न तउ ओकरे अगवा निहुरत हीं अउर ही ओकर पूजा करत हीं।”

13 एह पइ नबूकदनेस्सर किरोध मँ आग-बबूला होइ उठा। उ सद्रक, मेसक अउ अबेदनगो क बोलवाइ पठएस। तउ ओन लोगन क राजा क समन्वा लावा गवा। 14 राजा नबूकदनेस्सर ओन लोगने स कहेस, “सद्रक, मेसक अउ अबेदनगो। का इ फूर अहइ कि तू मोर देवतन क पूजा नाहीं करत्या? अउर का इ भी सच अहइ कि तू मोरे जरिये स्थापित कराइ गइ सोना क प्रतिमा क अगवा न तउ निहुरत अहा, अउर न ही ओकर पूजा करत अहा? 15 अब लखा, तू जब नरसिंहन, बाँसुरियन, सितारन, सात तार क बाजन, वीणा, सहनाइयन तथा हर तरह क दूसर वाद्य-यन्त्रन क ध्वनि सुना तउ तोहका सोना क प्रतिमा क अगवा निहुरिके ओकर पूजा करइ चाही। जदि तू मोरे जरिये बनवाइ गइ उ मूरति क पूजा करइ क तइयार अहा, तब तउ नीक अहइ किन्तु जदि ओकर पूजा नाहीं करत अहा तउ तोहका फउरन धधकत भइ भट्ठी मँ झोंक दीन्ह जाइ। अउर कउनो भी देवता तोहका मोहस बचाइ नाहीं सकत्या।”

16 सद्रक, मेसक अउ अबेदनगो उत्तर देत भए राजा स कहेन, “हे नबूकदनेस्सर, हमका तोहका इ बिसय मँ जवाब देइ क जरूरत नाहीं अहइ। 17 जदि, हमार परमेस्सर जेकर हम उपासना करित ह ओकर अस्तित्व अहइ तउ उ इ बरत भइ भट्ठी स हमका बचाइ लेइ मँ समर्थ अहइ। तउ राजा, उ हमका मोरी ताकत स बचाइ लेइ। 18 किन्तु राजा, हम इ चाहित ह कि तू एतना जान ल्या कि जदि परमेस्सर हमार रच्छा न भी करइ तउ भी हम तोहरे देवतन क सेवा स इन्कार करित ह। सोना क जउन प्रतिमा तू स्थापित कराया ह हम ओकर पूजा नाहीं करिब।”

19 एह पइ तउ नबूकदनेस्सर किरोध स भड़क उठा। उ सद्रक, मेसक अउ अबेदनगो कइँती घिना स लखा। उ आग्या दिहेस की जेतना उ तपा करत ह, ओका ओहसे सात गुणा जियादा दहकावा जाइ। 20 एकरे पाछे नबूकदनेस्सर आपन सेना क कछू बहोत मजबूत फउजियन क आग्या दिहेस कि उ पचे सद्रक, मेसक अउ अबेदनगो क बाँध लेइँ। राजा ओन फउजियन क आग्या दिहस कि उ पचे सद्रक, मेसक अउ अबेदनगो क धधकत भट्ठी मँ झोंक देइँ।

21 तउ सद्रक, मेसक अउ अबेदनगो क बाँध दीन्ह गवा अउ फुन धधकत भट्ठी मँ धकेल दीन्ह गवा। उ पचे ओकर कमीज़न, पतलूनन अउ टोप तथा दूसर ओढ़नन पहिर रखे रहेन। 22 जउनो समइ राजा इ आग्या दिहे रह्या उ समइ उ बहोत कोहान रहा, एह बरे उ फउरन ही भट्ठी क बहोत तपाइ लिहस। आगी एतना जियादा भड़कत रही कि ओकर लपटन मँ स उ सबइ सक्तिसाली फउजी जर गएन, जब उ पचे सद्रक, मेसक अउ अबदेनगो क भट्टी मँ ढकेले रहा। 23 सद्रक, मेसक अउ अबेदनगो आगी मँ भहराइ गए रहेन। ओनका बहोत कसिके बाँधा भवा रहा।

24 एह पइ राजा नबूकदनेस्सर उछरिके आपन गोड़न, पइ खड़ा होइ गवा। ओका बहोत अचरज होत रहा। उ आपन मंत्रियन स पूछेस, “इ ठीक अहइ न कि हम तउ बस तीन मनइयन क बँधवाए रहे अउर आगी मँ ओनहीं तीन क डलवाए रहे।”

ओकर मंत्रियन जवाब दिहन, “हाँ, महाराज।”

25 राजा बोला, “लखा, मोका तउ आगी क भीतरे इधर-उधर घुमत भए चार ठु मनई देखाई देत अहइँ। उ सबइ बंधे भए नाहीं अहइँ अउर आगी ओनका कछू नाहीं बिगाड़ बिगाड़ेस ह। लखा, उ चउथा मनई देवता क पूत जइसा देखाई देत अहइ।”

26 एकरे पाछे नबूकदनेस्सर उ बरत भइ भट्ठी क मुँहे पइ गवा। उ जोर स गोहराइके कहेस, “सद्रक, मेसक अउ अबेदनगो, बाहेर आवा। सर्वोच्च परमेस्सर क सेवको बाहेर आवा।”

तउ सद्रक, मेसक अउ अबेदनगो आगी स बाहेर निकरि आएन। 27 तब उ पचे बाहेर आएन तउ प्रान्त क राज्जपालन, हाकिमन, अधिपतियन अउ राजा क मंत्रियन ओनके चारिहुँ तरफ भीड़ लगाइ दिहन। उ पचे देख पावत रहेन कि उ आगी सद्रक, मेसक अउ अबेदनगो क छुआ तलक नाहीं अहइ। ओनकर तन तनिकउ भी नाहीं जरा रहेन। ओनकर बार झुलसा तलक नाहीं रहेन। ओनकर ओढ़नन क आँच तलक नाहीं आई रहिन। ओनकर तन स अइसी गंध तलक नाहीं निकरत रही जइसे उ पचे आगी क आस-पास भी गवा होइँ।

28 फुन नबूकदनेस्सर कहेस, “सद्रक, मेसक अउ अबेदनगो क परमेस्सर क स्तुति करा। ओनकर परमेस्सर आपन सरगदूत क पठइके, आपन सेवकन क आगी स रच्छा किहेस ह। एन तीनहुँ पूरखन क आपन परमेस्सर मँ आस्था रही। इ सबइ मोरे आदेस क मानइ स मना कइ दिहेन अउर दूसर कउनो देवता क सेवा या पूजा करइ क बजाय उ पचे मरब कबूल किहेन। 29 तउ आजु स मइँ इ नेम बनावत हउँ: कउनो भी लोगन जातियन अउर भासा बोलइवाला कउनो मनई जदि सद्रक, मेसक अउ अबेदनगो क परमेस्सर क विरोध मँ कछू कही तउ ओकर टूकन-टूकन कइ दीन्ह जइहीं अउ ओकर घर क उ समइ तलक तोड़ा-फोड़ा जाइ जब तलक उ मलवा अउ राखी क ढेर मात्र न रहि जाइ। कउनो भी दूसर देवता आपन लोगन क इ तरह नाहीं बचाइ सकता।” 30 एकरे पाछे राजा सद्रक, मेसक अउ अबेदनगो क बाबुल क प्रदेस मँ अउर जियादा महत्वपूर्ण पद प्रदान कइ दिहन।

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.