Chronological
नवा मन्दिर
40 हम लोगन क बन्दी क रूप मँ लइ जावा जाइके पच्चीसवें बरिस मँ, बरिस क सुरुआत मँ प्रथम महीने क दसएँ दिन, यहोवा क आतिमा मोह पइ आई। यरूसलेम क जीतइ क पाछे इ चउदहवाँ बरिस रहा। उहइ दिना यहोवा क सक्ति मोका हुवाँ लइ गवा।
2 दर्सन मँ परमेस्सर मोका इस्राएल देस लइ गवा। उ मोका एक बहोत ऊँचे पर्वत क समीप उतारेस। पर्वत पइ एक भवन रहा जउन नगर क समान देखात रहा। 3 यहोवा मोका हुवाँ लइ गवा। हुवाँ एक मनई रहा जउन चमचमात गए काँसे क तरह चमकत भवा देखात रहा। उ मनई एक कपड़ा नापइ क फीता अउर नापइ क एक छड़ आपन हाथे मँ लिहे रहा। उ फाटक स लगा खड़ा रहा। 4 उ मनई मोहसे कहेस, “मनई क पूत, आपन आँखिन अउ आपन कान क उपयोग करा। एन चिजियन पइ धियान द्या अउर मोर सुना। जउन मइँ तोहका देखावत हउँ ओह पइ धियान द्या। काहेकि तू हिआँ लाए गवा अहा, एह बरे मइँ तोहका एन चिजियन क देखाइ सकत हउँ। तू इस्राएल क परिवार स उ सबइ बतावा जउन तू हिआँ लखा।”
5 मइँ एक देवार लखेउँ जउन मन्दिर क बाहर चारिहुँ कइँती स घेरत रहिन। उ मनई क हाथे मँ चिजियन क नापइ क एक छड़ रही। इ एक छे हाथ लम्ब रहा। (प्रत्येक हाथ साधारण हाथ स चार अगुँल लम्बा रहा।) एह बरे उ मनई देवार क मोटाइ नापेस उ एक छड़ मोटी रही। उ मनई देवार की ऊँचाई नापेस। इ एक छड़ ऊँची रही।
6 तब मनई पूरबी दुआर क गवा। उ मनई ओकर सीढ़ियन पइ चढ़ेस अउर फाटक क डेवढ़ी क नापेस। इ एक छड़ चौड़ी रही। 7 रच्छकन क कमरन एक छड़ लम्बे अउर एक छड़ चौड़े रहेन। कमरन क बीच क देवारन क मोटाई पाँच हाथ रही। भीतर क ओर फाटक क डेवढ़ी जउन कच्छ क बगल मँ रहा एक छड़ चौड़ी रही। 8 तब उ मनई मन्दिर स लगे फाटक क प्रवेस कच्छ क नापेस। इ एक छड़ चौड़ा रहा। 9 तब उ मनई फाटक क प्रवेस कच्छ क नापेस। इ आठ हाथ लम्बा रहा। उ मनई फाटक क दुइनउँ बगल क देवारन क नापेस। हर एक बगल देवार दुइ हाथ चौड़ा रहा। फाटक क ओसारा दरवाजा क भीतर क कइँती रहा। 10 फाटक क हर कइँती तीन नान्ह कमरन रहेन। इ सबइ तीनहुँ नान्ह कमरन हर कइँती स एक नाप क रहेन। दुइनउँ कइँती क दुआर खम्भन एक नाप क रहेन। 11 उ मनई फाटक क प्रवेसद्वार क चौड़ाई नापेस। इ दस हाथ चौड़ी अउर फाटक क लम्बाइ तेरह हाथ रही। 12 हर एक कमरा क सामने एक नीची देवार रही। इ देवार एक हाथ ऊँची अउर एक हाथ मोटी रही। कमरन वर्गाकार रहेन अउर हर कइँती स छ: हाथ लम्बे रहेन।
13 उ मनई फाटक क हर कमरे क छत स दूसर कमरे क छत तलक नापेस। इ पच्चीस हाथ लम्बा रहा। एक दुआर दूसर दुआर क ठीक विपरीत रहा। 14 उ मनई प्रवेस कच्छ क नापेस। इ साठ हाथ चउड़ा रहा। प्रवेस कच्छ क चारिहुँ ओर आँगन रहा। 15 प्रवेस कच्छ क फाटक पूरे बाहर स, फाटक क भीतर तलक नाप मँ पचास हाथ रहा। 16 रच्छकन क कमरन मँ चारिहुँ कइँती खिड़कियन रहिन। प्रेवेस क कइँती खिड़िकियन बहोत जयादा पातर हो ग रहिन। अउर अन्दर क कइँती चउड़ा रहेन। प्रवेस कच्छ मँ भी चारिहुँ कइँती उहइ प्रकार क खिड़कियन रहिन। हर एक दुआर खम्भन पइ खजूर क बृच्छ खुदा रहेन।
बाहर क आँगन
17 तब उ मनई मोका बाहरी आँगन मँ लिआवा। मइँ कमरन अउर पक्के भूईंया क लखेस। उ पचे आँगन क चारिहुँ कइँती रहेन। पक्के भूईंया पइ सामने तीस कमरन रहेन। 18 पक्का रास्ता फाटक क बगल स गवा। पवका फर्स ओतना ही लम्बा रहा जेतने फाटक रहेन। इ खाले क रास्ता रहा। 19 तब उ मनई खाले फाटक क सामने भीतर कइँती स लइके आँगन क देवार क समन्वा भीतर कइँती तलक नापेस। इ पूरब अउर उत्तर क अउर सौ-सौ हाथ रहेन।
20 उ मनई बाहरी आँगन, जेकर सामना उत्तर कइँती अहइ, क फाटक क लम्बाई अउ चौड़ाइ क नापेस। 21 एकरे हर एक कइँती तीन कमरा अहइँ। एकर दुआर खम्भन अउर प्रवेस-दुआर क नाप उहइ रही जउन पहिले फाटक क रही। फाटक पचास हाथ लम्बा अउर पच्चीस हाथ चौड़ा रहा। 22 एकर खिड़कियन एकर ओसारा अउर एकर खजूर क बृच्छन क नक्कासी क नाप उहइ रही जउन पूरब कइँती मुखवाले फाटक क रही। फाटक तलक सात सीढ़ियन रहिन। फाटक क प्रवेस कच्छ भीतर रहा। 23 भीतरी आँगन मँ उत्तर क फाटक तलक पहोंचइवाला एक फाटक रहा। इ पूरब क फाटक क नाई रहा। उ मनई एक फाटक स दूसर तक नापेस। इ एक फाटक स दूसर फाटक तलक सौ हाथ रहा।
24 तब उ मनई मोका दक्खिन कइँती लइ गवा। मइँ दक्खिन मँ एक दुआर लखेउँ। उ मनई दुआर खम्भन अउर प्रवेस कच्छ क नापेस। उ पचे नाप मँ ओतने ही रहेन जेतने दूसर फाटक। 25 दुआरा रास्ता अउर एकर ओसारा पचास हाथ लम्बा अउर पच्चीस हाथ चउड़ा रहा। एकर चारिहुँ कइँती दूसर फाटकन क नाईं खिड़कियन रहेन। 26 सात पैड़ियन इ फाटक तलक पहोंचावत रहिन। एकर प्रवेस कच्छ भीतर क रहा। हर एक कइँती एक-एक दुआर-खम्भा पइ खजूर क नवकासी रही। 27 भीतरी आँगन क दक्खिन कइँती एक फाटक रहा। उ मनई दक्खिन कइँती एक फाटक स दूसर फाटक तलक नापेस। इ सौ हाथ चउड़ा रहा।
भीतरी आँगन
28 तब उ मनई मोका दविखन फाटक स होइके भीतर आँगन मँ लइ गवा। दविखन क फाटक क नाप ओतनी ही रही जेतनी दूसर फाटकन क। 29 दक्खिन फाटक क कमरन, दुआर-खम्भा अउर प्रवेस दुआर क नाप ओतनी ही रही जेतनी दूसर फाटकन क रही। खिड़कियन, फाटक अउर प्रवेस कच्छ क चारिहुँ ओर रहिन। फाटक पचास हाथ लम्बा अउर पच्चीस हाथ चउड़ा रहा। 30 ओकरे चारिहुँ कइँती प्रवेस कच्छ रहेन। प्रवेस कच्छ पच्चीस हाथ लम्बा अउ पाँच हाथ चउड़ा रहा। 31 दक्खिन फाटक क प्रवेस कच्छ क समन्ना बाहरी आँगन कइँती रहा। एकरे दुआर खमम्भन पइ खजूरे क बृच्छन क नक्कासी रही। एकर सीढ़ी क आठु पैड़ियन रहिन।
32 उ मनई मोका पूरब कइँती क भीतरी आँगन मँ लिआवा। उ फाटक क नापेस। ओकर नाप उहइ रही जउन दूसर फाटकन क। 33 पूरबी दुआर क कमरन, दुआर खम्भा अउ प्रवेस कच्छ क नाप उहइ रहेन जउन अन्य फाटकन क। फाटक अउ प्रवेस कच्छ क चारिहुँ कइँती खिड़कियन रहिन। पूरबी फाटक पचास हाथ लम्बा अउ पच्चीस हाथ चउड़ा रहा। 34 एकर प्रवेस कच्छ क सामना बाहरी आँगन कइँती रहा। हर कइँती क दुआर-खम्भन पइ खजूरे क बृच्छन क नक्कासी रही। एकरी सीढ़ी मँ आठ पैड़ियन रहिन।
35 तब उ मनई मोका उत्तरी दुआरे पइ लिआवा। उ एका नापेस। एकर नाप उ रही जउन दूसर फाटकन क नाप क समान रहि 36 एकर दुआरपाल क कमरन, खम्भन, प्रवेस कच्छ अउर ओसारा भी रहेन। फाटक क चारिहुँ ओर खिड़कियन रहिन। इ पचास हाथ लम्बा अउर पच्चीस हाथ चउड़ा रहा। 37 दुआर खम्भन क सामना बाहरी आँगन कइँती रहा। हर एक कइँती क दुआर खम्भन पइ खजूरे क बृच्छन क नवकासी रहिन अउर एकर सीढ़ी क आठ पैड़ियन रहिन।
बलियन तइयार करइ क कमरें
38 एक कमरा रहा जेकर दरवाजा फाटक क प्रवेस कच्छ क लगे रहा। इ हुवाँ रहा जहाँ याजक होमबलि बरे जनावरन क नहवावत हीं। 39 फाटक क प्रवेस कच्छ क दुइनउँ कइँती दुइ मेजन रहिन। होमबलि पाप बरे भेंट अउर अपराध बरे भेंट क जनावरन ओनहीं मेजन पइ मारा जात रहेन। 40 प्रवेस कच्छ क बाहर, जहाँ उत्तरी फाटक खुलत ह, दुइ मेजन रहिन अउर फाटक क प्रवेस कच्छ क दूसर कइँती दुइ मेजन रहिन। 41 फाटक क भीतर चार मेजन रहिन। चार मेजन फाटक क बाहेर रहिन। सब मिलाइके आठ मेजन रहिन। याजक एन मेजन पइ बलि बरे जनावरन क मारत रहेन। 42 होमबलि बरे कटी सिला क चार मेजन रहिन। इ सबइ मेजन डेढ़ हाथ लम्बी, डे़ढ़ हाथ चउड़ी अउर एक हाथ ऊँची रहिन। योजक होमबलि अउर बलिदानन बरे जउन जनावरन क मारा करत रहेन, ओनका मारइ क अउजारन क एन मेजन पइ धरत रहेन। 43 तीन इंच लम्बा हुक पूरे मन्दिर मँ लगाए गए रहेन। भेंट बरे माँस मेजन पइ रखइ रहत रहा।
याजकन क कमरन
44 प्रमुखन के लिए भीतरी आँगन क फाटक क दुइ कमरन रहेन। एक उत्तरी फाटक क साथ रहा। एकर सामना दक्खिन क रहा। दूसर कमरा दक्खिन क फाटक क साथ रहा। एकर सामना उत्तर क रहा। 45 उ मनई मोहसे कहेस, “इ कमरा, जेकर सामना दक्खिन क अहइ, ओन याजक क बरे अहइ जउन काम पइ अहइँ अउर मन्दिर मँ सेवा करत अहइँ। 46 किन्तु उ कमरा जेकर सामना उत्तर क अहइ, ओन याजकन बरे अहइ जउन आपन काम पइ अहइँ अउर वेदी पइ सेवा करत अहइँ। इ सबहिं याजक सादोक क बंसज अहइँ। सादोक क बंसज ही लेवी बंस क एकमात्र मनई अहइँ जउन यहोवा क सेवा ओनके लगे बलि लाइके कइ सकत हीं।”
47 उ मनई आँगन क नापेस। आँगन पूर्ण वर्गाकार रहा। इ सौ हाथ लम्बा अउर सौ हाथ चउड़ा रहा। वेदी मन्दिर क समन्वा रही।
मन्दिर क प्रवेस कच्छ
48 उ मनई मोका मन्दिर क ओसारा मँ लिआवा अउर दुइनउँ कइँती क हरे क नापेस। ओन मँ हर एक पाँच-पाँच हाथ मोटा अउर तीन-तीन हाथ चउड़ा रहा। प्रवेस क चउड़ाइ चौदह हाथ रहा। 49 प्रवेस कच्छ बीस हाथ लम्बा अउर बारह हाथ चउड़ा रहा। प्रवेस कच्छ तलक दस सीढ़ियन पहोंचावत रहिन। दुआर खम्भा क सहारे दुइनउँ ओर खम्भा रहेन।
मन्दिर क पवित्तर ठउर
41 उ मनई मोका मन्दिर क बीच क कमरा मँ लिआवा। उ कमरा क दुइनउँ कइँती क देवारन क नापेस। उ सबइ मँ स हर एक, हर कइँती छ: हाथ मोटा रहेन। 2 दरवाजा दस हाथ चउड़ा रहा। दुआर क बगलन पाँच हाथ हर कइँती रहिन। उ मनई बाहरी पवित्तर ठउरे क नापेस। इ चालीस हाथ लम्बा अउर बीस हाथ चउड़ा रहा।
मन्दिर क परम पवित्तर ठउर
3 तब उ मनई अन्दर गवा अउर हर एक दुआर खम्भा क नापेस। हर एक दु आर खम्भा दुइ हाथ मोटा रहा। इ छ: हाथ ऊँचा रहा। दुआर सात हाथ चउड़ा रहा। 4 तब उ मनई कमरा क लम्बाई नापेस। इ बीस हाथ लम्बा अउर बीस हाथ चउड़ा रहा। इ (प्रथम) परिसुद्ध कमरे क बाद रहा। उ मनई कहेस, “इ परम पवित्तर ठउर अहइ।”
मन्दिर क चारिहुँ कइँती क बाकी कमरें
5 तब उ मनई मन्दिर क देवार नापेस। इ छ: हाथ चउड़ी रही। बगल क कमरन चार हाथ चउड़न मन्दिर क चारिहुँ कइँती रहेन। 6 बगल क कमरन तीन अलग-अलग मंजिलन पइ रहेन। उ सबइ एक दूसर क ऊपर रहेन। हर एक मंजिल पइ तीस कमरन रहेन। बगल क कमरन चारिहुँ कइँती क देवार पइ टिके भए रहेन। एह बरे मन्दिर क देवार खुद कमरन क टेकाए भए नाहीं रहिन। 7 मन्दिर क चारिहुँ ओर क कमरन क मंजिल क खाले क मंजिल स अधिक चउड़ी रहिन। मन्दिर क चारिहुँ ओर ऊँच चबूतरा हर मंजिल पइ मन्दिर क हर एक कइँती फइला भवा रहा। एह बरे सब स ऊपर क मंजिल पइ कमरन अधिक चउड़ा रहेन। दूसर मंजिल स होइके एक सीढ़ी सब स नीचे क मंजिल स सब स ऊँच मंजिल तलक गइ रही।
8 मइँ इ भी लखेउँ कि मन्दिर क चारिहुँ कइँती उठा भवा चबूतरा रहा। बगल क कमरन क नेंव एक समन्वा छड़ अरर्थात छ: हाथ क पूरे छड़ क रहा। 9 बगल क कमरन क बाहरी देवार पाँच हाथ मोटी रही। मन्दिर क बगल क कमरन 10 अउर याजक क कमरन क बीच खुला छेत्र मन्दिर क चारिहुँ ओर रहा। इ खुला छेत्र मन्दिर क चारिहुँ कइँती बीस हाथ रहा। 11 बगल क कमरन क दरवाजन खुला छेत्र क नेंव पइ खुलत रहेन जउन देवार क हींसा नाहीं रहिन। एक दरवाजा क मुँह उत्तर कइँती रहा अउर दूसर क दक्खिन कइँती। खुला छेत्र चारिहुँ कइँती स पाँच हाथ चउड़ी रहिन।
12 पच्छिमी कइँती मन्दिर क आँगन क सामने क भवन सत्तर हाथ रहा। भवन क देवार चारिहुँ ओर पाँच हाथ मोटी रही। इ नब्बे हाथ लम्बी रही। 13 तब उ मनई मन्दिर क नापेस। इ सौ हाथ लम्बा रहा। भवन अउ एकर देवार क संग आँगन भी सौ हाथ लम्बे रहेन। 14 मन्दिर क पूर्वी मुँह अउर आँगन सौ हाथ चउड़ा रहा।
15 उ मनई उ भवन क लम्बाई क नापेस जेकर सामना मन्दिर क पाछे क आँगन कइँती रहा तथा जेकर देवारन दुइनउँ कइँती रहिन। इ सौ हाथ लम्बा रहा।
बीच क कमरे क भीतरी कमरे (सबन त पवित्तर ठउर) 16 अउ आँगन क प्रवेस कच्छ पइ तखता लगी रहिन। तीनहुँ पइ ही चारिहुँ कइँती जालीदार खिड़कियन रहिन। मन्दिर क चारिहूँ कइँती डेवढ़ी स लगे, फर्स स खिड़कियन तलक काठे क तखता जड़ी भइ रहिन। खिड़कियन ढकी भइ रहिन। 17 दुआरे क ऊपर क देवार,
भीतरी कमरन अउर बाहेर तलक, सारी लकड़ी क चौखटन स मढ़ी गइ रहिन। मन्दिर क भीतरी कमरन तथा बाहरी कमरन क सबहिं देवारन पइ 18 करूब सरगदूतन अउर खजूर बृच्छन क नक्कासी कीन्ह गइ रही। करूब सरगदूतन क बीच एक खजूर क बृच्छ रहा। अउर हर एक करूब क दुइ मुख रहेन। 19 एक मुँह मनई क रहा जउन एक कइँती खजूरे क बृच्छ क लखत रहा। दूसर मुँह सेर क रहा जउन दूसर कइँती खजूर क बृच्छक लखत रहा। उ पचे मन्दिर क चारिहुँ कइँती उकेरा ग रहेन। 20 बीच क कमरन पवित्तर ठउर क सबहिं देवारन पइ करूब सरगदूत अउर खजूरे क बृच्छ उकेरे ग रहेन।
21 पवित्तर स्थान क दुआर ज ढाँचा वर्गाकार रहेन। सब स जियादा पवित्तर ठउरे क समन्वा अइसा कछू रहा जउन 22 वेदी क नाई काठे क बना देखात रहा। इ तीन हाथ ऊँच अउर दुइ हाथ लम्बा रहा। एकर कोनन, नेंव अउ पच्छ काठे क रहेन। उ मनई मोहसे कहेस, “इ मेज अहइ जउन यहोवा क समन्वा अहइ।”
23 बीच क कमरा (पवित्तर ठउर) अउर परम पवित्तर ठउर दुइ दरवाजनवाला रहेन। 24 एक दरवाजा दुइ नान्ह दरवाजन स बना रहा। हर एक दरवाजा फुरइ दुइ हिलत भए दरवाजन स रहा। 25 बीच क कमरन (पवित्तर ठउर) क दरवाजन पइ करूब सरगदूत अउ खजूर क बृच्छ उकेरे ग रहेन। उ सबइ वइसे ही रहेन जइसे देवारन पइ उकेरे गवा रहेन। बाहेर कइँती प्रवेस कच्छ क बाहरी हीसें पइ काठे क नक्कासी रही। 26 बाहेर तंग खिड़कियन अउर अन्दर चउड़ी खिड़कियन रहेन। अउर प्रवेस कच्छ क दुइनउँ कइँती, मन्दिर क बगल कमरन अउर देहली पइ खजूर क बृच्छ क तस्बीरन रहेन।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.