Chronological
तीसर भाग
(भजन 73–89)
आसाफ क गीत।
1 इस्राएल बरे परमेस्सर नीक अहइ।
परमेस्सर ओन लोगन बरे नीक होत ह जेनकर हिरदइ पवित्तर अहइ।
2 मइँ तउ करीब-करीब फिसल गवा रहा
अउर मइँ तउ करीब-करीब गिर गवा रहा।
3 काहेकि मइँ लखेउँ कि पापी सफल होत अहइँ अउर सान्ति स रहत अहइँ।
तउ ओन अभिमानी लोगन स मोका जलन भइ।
4 उ सबइ लोग तन्दुरुस्त अहइँ।
ओनके जिन्नगी मँ कउनो संघर्स नाहीं अहइ।
5 ओन अहंकारी लोग दूसर लोगन क नाईं परेसानी नाहीं उठावत हीं।
उ पचे दूसर क नाई तकलीफ नाहीं झेलत हीं।
6 एह बरे उ पचे सदा अहंकार स भरा रहत हीं।
अउर उ पचे हिंसा स भी भरा भवा रहत हीं।
7 उ पचे बुरे बिचारन स भरा भवा अहइँ
अउर उ पचे बुरे जोजना मँ बह गवा रहेन।
8 उ पचे लोगन क बारे चिन्ता नाहीं करत हीं अउर ओनका सोसण करइ बरे बुरी जोजना बनावत हीं।
उ पचे घमण्ड मँ बात करत हीं।
9 उ घमण्डी लोगन अइसे बात करत हीं जइसे उ पचे देवता अहइँ।
उ पचे अइसे बात करत हीं जइसे उपचे धरती क सासक हीं।
10 ऍह बरे हिआँ तलक कि परमेस्सर क जन भी ओन दुट्ठन कइँती मुड़त अउर जइसा उ पचे कहत हीं,
वइसा बिस्सास कइ लेत हीं।
11 उ सबइ दुट्ठ जन कहत ही,
“हमरे ओन कामन क परमेस्सर नाहीं जानत जेनका हम करत अही।”
12 दुट्ठ जन आराम क जिन्नगी जिअत हीं
अउर उ पचे धनवान होत चला जात हीं।
13 तउ मोका आपन हिरदय क पवित्तर रखइ क का लाभ अहइ!
आपन मूँड़े क निर्मल रखइ क का लाभ अहइ!
14 हे परमेस्सर, मइँ सारे ही दिन दुःख भोगा करत हउँ।
तू हर भिन्सारे मोका दण्ड देत अहा।
15 हे परमेस्सर, मइँ इ सबइ बातन दूसरन क बतावइ क निर्णय कइ लिहे रहेउँ।
मुला मइँ जानत रहेउँ कि मइँ तोहार लोगन क धोका देते रहेउँ।
16 ऍन बातन क समुझइ क, मइँ जतन किहेउँ
मुला ऍनका समुझब मोरे बरे बहोत कठिन रहा।
17 जब तलक मई परमेस्सर क मन्दिर मँ नाहीं गवा
तब तलक मइँ एका नाहीं समुझेउँ।
18 हे परमेस्सर, फुरइ तू ओन लोगन क भाग फिसलइ वाले मार्ग मँ राख्या ह।
तू ओन लोगन क गिरइ द्या अउर बर्बाद होइ द्या।
19 एकाएक ओन पइ विपत्ति अइहीं।
उ सबइ घमण्डी लोग बरबाद होइ जात हीं।
ओनके संग भयंकर घटना घटिहीं।
अउर फुन ओनकर अंत होइ जात ह।
20 हे यहोवा, उ सबइ मनई अइसे होइहीं
जइसे सपन जेका हम जागत ही बिसरि जात अहीं।
ऍह बरे तू अइसे लोगन क
हमरे सपन क भयानक जानवर क नाई अछन्न कइ द्या।
21 जब मोर हिरदय किरया रहा अउर मोरे दिमाग जख्मी रहा,
22 मइँ विवेकहीन रहा अउर मइँ समुझइ मँ असमर्थ रहा।
मइँ एक तोहार संग
एक निर्बुद्धि जनावर जइसा बेउहार किहेउँ।
23 तउ पइ भी मइँ सदा तोहार संग अहउँ।
हे परमेस्सर, तू मोरे हाथ थामइ क मोर मदद किहा ह।
24 हे परमेस्सर, तू मोका राह देखाँवत, अउर मोका सलाह देत अहा।
आखीर मँ तू आपन महिमा क मौजूदगी मँ मोका अगुवाई करब्या।
25 हे परमेस्सर, सरगे मँ बस तू ही अकेला मोर अहा,
अउर धरती पइ मोका का चाही, जब तू मोरे साथ अहा?
26 चाहे मोर मनवा टूटि जाइ अउर मोर काया नस्ट होइ जाइ।
मुला उ चट्टान मोरे लगे बाटइ जउन मोर सहायता करत ह।
परमरेस्सर मोरे लगे सदा अहइ।
27 हे परमेस्सर, जउन लोग तोहका तजत हीं, उ पचन्क तू नास कइ देब्या।
तू ओन लोगन क जउन तोहेसे मुड़ जात हीं, बर्बाद कइ देब्या।
28 मुला मोरे बरे, परमेस्सर क निअरे रहब नीक अहइ।
मइँ आपन सुरच्छा स्थान आपन सुआमी यहोवा क बनाएउँ ह।
हे परमेस्सर, मइँ ओन सबहिं बातन क बखान करब जेनका तू किहा ह।
“यदूतन” राग पइ संगीत निर्देसक बरे आसाफ क भजन।
1 मइँ मदद पावइ बरे परमेस्सर क गोहराउब।
मइँ परमेस्सर क गोहराउब अउर उ मोका सुनी।
2 जब मइँ दुःख मँ रहेउँ तउ मइँ यहोवा क सरण मँ आवा।
मइँ सारी रात तोह तलक पहोंचइ जूझा हउँ।
मइँ एका नाहीं छोड़ा अउर आराम तलक नाहीं किहेउँ।
3 मइँ परमेस्सर क याद करत हउँ किन्तु मइँ बेचेन हउँ।
अउर ओका बतावा कि मइँ कइसा अनुभव करत हउँ।
किन्तु फुन भी मइँ अइसा नाहीं कइ सकत हउँ।
मइँ बोलन चाहता रहेउँ, किन्तु मइँ बहोत उदास रहेउँ। (सेला)
4 तू मोका सोवइ नाहीं दिहा।
मइँ उदास रहेउँ, ऍह बरे मइँ कछू नाहीं कह सकत हउँ।
5 मइँ अतीत क बातन बरे सोचेउँ।
बहोत दिना पहिले जउन बातन घटी भइ रहिन ओन घटनन क बारे मँ मइँ सोचेउँ।
6 राति मँ, मइँ आपन गीतन क बारे मँ सोचा करत रहेउँ।
मइँ आपन आप स बातन किहेउँ।
मइँ समुझइ बरे जतन किहेउँ।
7 मोका इ हैरानी अहइ कि “का मोर सुआमी मोका सदा बरे तजि दिहे अहइ?
का उ हमका फुन नाहीं चाही?
8 का परमेस्सर क पिरेम हमेसा बरे खतम होइ गवा अहा?
का उ मोहे स फिन कबहुँ बात नाहीं करी?
9 का परमेस्सर दाया दिखावइ भूल गवा ह?
का ओकर करुणा किरोध में बदल गइ बाटइ?”
10 मइँ फुन इ सोचा करत हउँ, “उ सोच जउन मोका दर्द देत अहइ:
‘का सर्वोच्च परमेस्सर आपन निज सक्ति दिखावइ बन्द कइ दिहस ह?’”
11 सक्ति भरा उ काम जेनका यहोवा किहस ह ओका याद रखा।
हाँ उ कामन जेनका तू पहिले किहा ह मोका याद बाटइ।
12 मइँ ओन सबहिं कामन क जेनका तू किहा ह सोचे हउँ।
जेन कामन क तू किहा मइँ धियान देत हउँ।
13 हे परमेस्सर, तोहार निवास स्थान पवित्तर अहइँ।
कउनो भी अइसा महान नाहीं अहइ जइसा तू अहा।
14 तू ही उ परमेस्सर अहा जउन अद्भुत काम किहा।
तू रास्ट्रन क आपन निज महासक्ति देखाँया।
15 तू आपन सक्ति क प्रयोग किहा अउर आपन लोगन क बचाइ लिहा।
तू याकूब अउ यूसुफ क संतानन क बचाइ लिहा।
16 हे परमेस्सर, सागर तोहका लखेस अउर जब उ तोहका लखेस तउ डेराइ गवा।
गहिर समुद्दर डर स थर-थर काँप उठा।
17 घनघोर बादरन स ओनकर पानी छूट पड़ा रहा।
ऊँच बादरन स जोर क गर्जब लोग सुनेन।
फुन ओन बादरन स बिजुरी क तोहार बाण नीचे चलेन।
18 तोहार बिजुरी क गर्जन आंधी भरे हवा मँ फुन गर्जेस,
तोहार बिजुरी चमचमात भवा जगत पइ चमक उठी।
धरती हिल गइ अउर थर-थर काँपि गइ।
19 हे परमेस्सर, तू गहिर समुद्दर मँ पैदर चल्या।
तू चलिके ही सागर पार किहा।
मुला तू कउनो पद चीन्हा नाहीं छोड़्या।
20 तू मूसा अउ हारून क उपयोग
आपन मनवइयन क अगुआई भेड़िन क झुण्ड क नाई करइ मँ किहा।
आसाफ क एक कलात्मक।
1 मोर मनवइयो, तू पचे मोरे उपदेसन क सुना।
ओन बातन पइ कान द्या जेनका मइँ बतावत हउँ।
2 मइँ तू पचन्क इ कथा सुनाउब।
मइँ तू पचन्क पुरान कथा सुनाउब।
3 हम पचे इ कहानी सुना ह, अउर ऍका अच्छी तरह जानित ह।
हम लोगन क पुरखन इ कहानी कहेन ह।
4 हम लोग ऍन बातन क आपन सन्तानन स नाहीं छुपाउब।
हम लोग ऍन बातन क आपन अगवा पीढ़ी क बताउब।
हम लोग ओनसे यहोवा क सक्ति अउर ओकरे अद्भुत कामन क बारे मँ बताउब।
हम पचे ओनका ओन कामन बरे जेनका उ किहस ह बखान करब।
5 यहोवा याकूब स वाचा किहस।
परमेस्सर इस्राएल क व्यवस्था क विधान दिहस,
अउर हमार परमेस्सर हमरे पुरखन क हुकूम दिहन।
उ हमरे पुरखन क व्यवस्था क विधान आपन संतानन क सिखावइ क किहेस।
6 इ तरह अगवा पीढ़ी ऍन बातन क बरे मँ जानिहीं।
अउर हर एक पीढ़ी मँ गदेलन पइदा होइ अउर बढ़ीइ अउर फुन उ पचे इ कहानी क आपन गदेलन क बतइहीं।
7 ऍह बरे उ सबहिं लोग यहोवा पइ भरोसा करिहीं।
उ पचे ओन सक्ति स भरा कामम क नाहीं बिसरिहीं।
जेन्का परमेस्सर किहे रहा।
उ पचे धियान स रखवारी करिहीं अउर परमेस्सर क हुकूम क मनिहीं,
8 एह बरे उ पचे आपन पुरखन क नाई नाहीं होइ।
ओनकर पुरखन परमेस्सर क अनसुनी किहे रहेन
अउर ओकर अनुसरण करइ स इन्कार किहे रहेन उ पचे हठी रहेन।
उ पचे बिस्सासी होइ क परमेस्सर क अनुसरण नाहीं किहेन।
9 ओन मुड़ी भइ कमान की तरह जेका उ पचे लइ रहेन
एप्रैम क लोग जुद्ध स पीठ दिखाइ गए।
10 उ पचे ओन करार क नाहीं मानेन जउन उ पचे यहोवा स किहे रहेन।
उ पचे उ नाहीं किहे जउन उ ओन लोगन क करइ क हुकूम दिहे रहा।
11 एप्रैम क उ सबइ लोग ओन बड़की बातन क बिसरि गएन जेनका परमेस्सर किहे रहा।
उ पचे ओन अद्भुत बातन क बिसरि गएन जेनका उ ओनका देखाँए रहा।
12 परमेस्सर ओनकर पुरखन क
मिस्र क भुइयाँ सोअन मँ निज महासक्ति देखाँइस।
13 परमेस्सर लाल सागर क चीरिके दुइ भाग कइके लोगन क पार उतार दिहस।
उ पानी क मजबूत देवार क तरह दुइनउँ कइँती खड़ा कइ दिहस रहा।
14 परमेस्सर ओन लोगन क दिन क समइ मँ महा बादर स अगुवाई किहस।
अउर रात क समइ मँ चमकत भवा आगी स राह देखाँएस।
15 उ चट्टान क फारेस अउर पानी तेजी स बाहर निकर आवा
वइसे ही जइसे झड़ना स निकरत ह।
16 परमेस्सर चट्टान स पानी क धारा
नदी क नाईं निकारे रहा।
17 मुला लोग रेगिस्तान मँ सर्वोच्च परमेस्सर क खिलाफ
पाप करत जारी रखे रहेन।
18 फिन ओन लोग परमेस्सर क परखइ क पक्का इरादा किहन।
उ पचे बस आपन भूख मिटावइ बरे परमेस्सर स खइया क माँगेन।
19 परमेस्सर क खिलाफ उ पचे बतियाइ लागेन, उ पचे कहइ लागेन,
“का रेगिस्ताने मँ परमेस्सर हमका खाइ क दइ सकत ह?
20 लोगन ने कहा, जब परमेस्सर चट्टाने पइ चोट किहस तउ पानी क एक ठु रेला फूटि पड़ा।
किन्तु का उ हमका कछू रोटी अउ गोस भी दइ सकत ह?”
21 जब यहोवा इ सुनि लिहस जउन लोग कहे रहेन
तउ ओकर किरोध इस्राएल क रास्ट्र
याकूब क खिलाफ भड़क गवा।
22 काहेकि लोग ओह पइ भरोसा नाहीं रखे रहेन, ओनका भरोसा नाहीं रहा,
कि परमेस्सर ओनका बचाइ सकत ह।
23-24 तब भी परमेस्सर ओन पइ बादर क खोल दिहस।
ओनका खाइ बरे खाले मन्ना बरसाइ दिहस।
इ ठीक वइसेन ही भवा जइसे कि उ अकासे क दुआर खोल दिहस ह
अउर ओनसे अनाज बाहेर उड़ेर दिहस ह।
25 लोग उ भोजन खाएन अउर उ पचे बहोत ताकतवर होइ गएन।
परमेस्सर ओन लोगन क तृप्त करइ बरे भर पूर भोजन पठएस।
26 फिन परमेस्सर पूरब स तेज हवा चलाएस
अउर ओन लोगन बरे बटेर क बर्खा बरसात क नाई बरसाएस।
27 परमेस्सर क महासक्ति तैमान कइँती स एक ठु आँधी उठाएस
अउर नीला अकास करिआ होइ गवा काहेकि हुवाँ अनगिनत पंछी छाइ ग रहेन।
28 उ सबइ पंछी क ठीक ओनकर डेरे क बीच मँ
खेमन क चारिहुँ कइँती गिरा दिहे रहेन।
29 ओनके लगे खाइ बरे भरपूर भोजन रहा।
उ ओनका उहइ दिहस जउन उ पचन्क इच्छा रहेन।
30 उ पचे उ भोजन अबहुँ तलक खाइ क खतम नाहीं किहे रहेन जेन्का इच्छा उ पचन्क रहेन
अउर गोस अबहुँ तलक ओनकर मुँह मँ ही रहेन।
31 तउ ओन लोगन पइ परमेस्सर बहोत कोहाइ गवा अउर ओनमाँ स सबन्क नीक क मारि दिहस।
उ बरिआर जवानन क मउत दइ दिहस।
32 फिन भी लोग पाप करत जारी राखे रहेन!
उ पचे परमेस्सर क अद्भुत करमन पइ भरोसे नाहीं किहेन।
33 तउ परमेस्सर ओनकर जिन्नगी क बियर्था मँ
अउर बरिसन क डर मँ खतम किहस।
34 जब कबहुँ परमेस्सर ओनमाँ स कउनो क मारेस
ओनमाँ स बाकी लोग परमेस्सर कइँती लउटि गएन।
35 उ सबइ लोग याद किहेन कि परमेस्सर ओनकर चट्टान रहत रहा।
उ पचे याद किहन कि परमेस्सर ओनकर मदद किहे रहा।
36 किन्तु ओकर पाछे उ पचे अइस किहेन जइसे उ पचे ओन पइ बिस्सास करत हीं, किन्तु असल मँ उ पचे झूट बोले रहेन।
उ पचे ओकर बिस्सासी नाहीं रहेन।
37 उ पचे फुरइ मनवा स यहोवा क संग नाहीं रहेन।
उ पचे आपन करार बरे सच्चा नाहीं रहेन।
38 मुला परमेस्सर करुणा स भरा नाहीं रहा।
उ ओनकइ पापन बरे छिमा किहेस, अउर उ ओनकर विनास नाहीं किहस।
परमेस्सर अनेक अवसरन पइ आपन किरोध रोकेस।
परमेस्सर आपन क बहोत किरोधी नाहीं होइ दिहस।
39 परमेस्सर क याद रहा कि उ पचे सिरिफ मानव जात अहइँ।
लोग सिरिफ हवा जइसे अहइँ जउन बहिके चली जात ह अउर कबहुँ नाहीं लउटत ह।
40 हाय, उ पचे सबइ मरुभूमि मँ परमेस्सर क खिलाफ विद्रोह किहेन ह।
उ पचे मरुभूमि मँ ओका बहोत दुःखी किहे रहेन।
41 उ पचे लगातार परमेस्सर पइ सक किहेन
अउर इस्राएल क पवित्तर क चोट पहुँचाएन।
42 उ सबइ लोग परमेस्सर क सक्ती क बिसरि गएन।
उ सबइ लोग बिसरि गएन कि परमेस्सर ओनका दुस्मन स कइसे बचाए रहा।
43 उ सबइ लोग ओन अद्भुत बातन क बिसरि गएन जउन कि उ मिस्र क सोआन मँ किहे रहा
अउर ओन चमत्कारन क बिसरि गएन जउन उ उस भुइयाँ मँ किहे रहा।
44 उ ओनकर नदियन क रक्त मँ बदल दिहे रहा।
मिस्र क लोग आपन नदी-नाला स पानी पी नाहीं सकत रहेन।
45 परमेस्सर भिड़न क झुण्ड पठए रहा जउन मिस्र क मनइयन क काटेन।
परमेस्सर ओन मेघन क पठएस जउन ओन लोगन क भुइयाँ क नास कइ दिहन।
46 उ ओनकर फसलन क जेकर बरे उ पचे बहोत सखत मेहनत किहे रहेन
टिड्डन अउर झिंगुरन क दइ दिहस।
47 उ मिस्रियन क अंगूरे क बगिया ओलन स बर्बाद किहस,
अउर ओनकर गोलर क बृच्छन क पाला स बर्बाद कइ दिहस।
48 उ ओनकर जनावरन क ओलन स मारि दिहस
अउ बिजुरी गिराइके मवेसियन क बर्बाद कइ दिहस।
49 उ मिस्री लोगन क खिलाफ आपन प्रचण्ड किरोध अउर फटकार देखाँएस, अउर ओन लोगन पइ मुसीबत लिआएस।
उ आपन विनास क दूत ओन लोगन क खिलाफ पठएस।
50 उ किरोध परगट करइ बरे एक राह पाएस।
उ ओन लोगन क मउत स नाहीं बचाएस।
उ ओनकर गोरुअन क बेरामी स मरि जाइ दिहस।
51 परमेस्सर मिस्र क हर पहिलउटी पूत क मार डाएस।
हाम क घराने क हर पहिलउटी पूत क उ मार डाएस।
52 फिन उ इस्राएल क चरवाहा क नाई अगुवाई किहस।
उ ओन लोगन क भेड़न क झुण्ड क नाई रेगिस्तान स होत भए निकारेस।
53 उ आपन निज लोगन क सुरच्छा क संग लइ चला।
परमेस्सर क भगतन क कउनो स डर नाहीं रहा।
परमेस्सर ओनकर दुस्मनन क लाल सागर मँ डुबाएस।
54 परमेस्सर आपन मनवइयन क आपन पवित्तर भुइँया पइ लइ आवा।
उ ओनका उ पहाड़े पइ लिआवा जउन उ आपन सक्ति स पाएस।
55 परमेस्सर दूसर जातियन क उ भुइँया तजइ क मजबूर किहस।
परमेस्सर हर एक परिवारन क उ भुइँया मँ ओनकर खुदकास्त क हींसा दिहस।
इ तरह इस्राएल क परिवारन आपन ही घरन मँ बस गएन।
56 उ पचे लगातार सर्वोच्च परमेस्सर पइ सक किहेन अउर ओकर खिलाफ विद्रोह किहेन
उ सबइ लोग परमेस्सर क आग्या क नाहीं मानेन।
57 इस्राएल क लोग परमेस्सर स भटकिके विमुख होइ ग रहेन।
उ सबइ आपन पुरखन क नाईं परमेस्सर क अबिस्सासी रहेन।
उ पचे मुड़ा भवा धनुस[a] क जइसे होइ गवा रहेन।
58 इस्राएल क लोग ऊँच पूजा क ठउरन बनाएन अउर परमेस्सर क कोहाइ दिहन।
उ पचे मूर्तियन गढ़ेन जउन परमेस्सर क किरोधित बनाएन।
59 परमेस्सर इ सुनेस अउर बहोत कोहाइ गवा।
उ इस्राएल क पूरी तरह रद्द कइ दिहस।
60 परमेस्सर सिलोह क पवित्तर तम्बू क तजि दिहस।
जहाँ उ लोगन क बीच निवास करत रहा।
61 फिन उ दूसर रास्ट्रन क, करार क संदूख क कब्जा करइ क दिहस।
दुस्मन ओकर महिमा क संकेत क लइ लिहस।
62 उ आपन ही लोगन पइ आपन किरोध परगट किहस।
उ ओनका जुद्ध मँ मार दिहस।
63 ओनकर जवान मनइयन आगी मँ जरिके नास होइ गएन।
अउर ओकर जवान कुआँरी लड़कियन कबहुँ आपन बियाह गीत नाहीं सुनि पाएन।
64 याजक मार डावा गएन
मुला ओनकर राँड़ मेहरारूअन ओनके बरे नाहीं रोइ सकेन।
65 आखिर मँ यहोवा उठ बइठा
जइसे कउनो नींदे स जागिके उठी बइठत होइ।
या कउनो जोद्धा क नाई जउन कि दाखरस क नसा स होस मँ आवा होइ।
66 फुन तउ उ आपन दुस्मनन क मारिके भगाइ दिहस अउर ओनका हराइ दिहस।
उ आपन दुस्मनन क हराइ दिहस अउर सदा बरे ओनका अपमानित किहस।
67 मुला परमेस्सर यूसुफ क तम्बू[b] क रद्द कइ दिहस।
उ इब्राहीम परिवार क नाहीं चुनेस।
68 परमेस्सर यहूदा क पिरवार क चुनेस
अउर उ सिय्योन क पहाड़ क चुनेस जउन ओका पियारा अहइ।
69 उ ऊँचे पहाड़न नाई अउर धरती क नाई जेका उ सदा बरे स्थापित किहस ह
आपन पवित्तर मन्दिर क सुरच्छित बनाएस।
70 परमेस्सर दाऊद क आपन विसेस सेवक बनावइ मँ चुनेस।
दाऊद तउ भेड़िन क देखरेख करत रहा, मुला परमेस्सर ओका उ काम स लइ आवा।
71 उ दाऊद क भेड़िन क रखवाली स लइ आवा।
तउ उ ओका आपन लोगन याकूब क सन्तानन, इस्राएल[c] क रखवाली क काम बरे बहाल किहा।
72 तउ फिन दाऊद पुरे मन स ओन लोगन क देख-भाल किहस।
उ ओनका पूरी बुद्धिमानी स राह देखाँएस।
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