Chronological
24 “जदि कउनो मनई कउनो मेहरारु स बियाह करत ह, अउर उ मेहरारू ओका खूस नाहीं करत ह, काहेकि उ मनई उ मेहरारू मँ कछू असलीलता पावत ह, तउ उ ओक तलाक पत्र दइ सकत ह अउर ओका आपन घरे स पठइ देइ सकत ह। 2 जब उ ओकर घर तज दिहेस ह तउ उ दूसर मनई क लगे जाइके ओकर पत्नी होइ सकत ह। 3-4 मुला मान ल्या कि नवा भतार भी ओका पसन्द नाहीं करत अउर ओका बिदा कइ देत ह। अगर उ मनई ओका तलाक देत ह तउ भी पहला भतार ओका फुन स पत्नी क रुप मँ नाहीं राखि सकत या अगर नवा भतार मरि जात ह तउ भी पहिला भतार ओका फुन पत्नी क रुप मँ नाहीं रख सकत ह। उ दूसित होइ चुकी बाटइ। अगर उ ओसे बियाह करत ह तउ उ अइसा काम करी जेहसे यहोवा घिना करत ह। तू पचन्क उ देस मँ अइसा पाप नाहीं लावइ चाही जेका यहोवा तोहार परमेस्सर तू पचन्क रहइ बरे दइ देत अहइ।
5 “नवा बियाहा क फउज मँ नाहीं पठवइ चाही अउर ओका कउनो दूसर खास काम भी नाहीं देइ चाही। काहेकि एक बरिस तलक ओका घरे पइ रहइ क अजाद होइ चाही अउर आपन नई पत्नी क सुखी बनावइ चाही।
6 “अगर कउनो मनई क तू कर्ज द्या तउ गिरवी क रुप मँ ओकर आटा पीसइ क जाँत क कउनो पाट न रखा। काहेकि अइसा करब ओका खइया करइ के तू ओकर जिन्नगी क जरिया लइ लेब्या।
7 “अगर कउनो इस्राएली मनई दूसर इस्राएली मनई क अपहरण करत ह जउन ओकरे देस क अहइ अउर ओकरे संग दूरव्यवहार करत ह या ओका बेच लेत ह तउ अपहरण करइवाला जरुर मारा जाइ चाही। इ तरह तू आपन बीच स इ बुराई क दूर करब्या।
8 “अगर तू पचन्क कोढ़ होइ जाइ तउ तू पचन्क लेवी बंसी याजकन क दीन्ह गइ सारी सिच्छा अंगीकार करइ मँ होसियार रहइ चाही। तू पचन्क होसियारी स ओन सबइ आदेसन क मानइ चाही जेनका देइ बरे मइँ याजकन स कहेउँ ह। 9 इ याद राखा कि यहोवा तोहार परमेस्सर मिरियम क संग का किहेस जब तू पचे मिस्र स बाहेर निकरइ क जात्रा पइ रह्या।
10 “जब तू पचे कउनो मनई क कउनो तरह क कर्ज द्या तउ ओकरे घरे मँ ओकर घरेलू सामान क, गिरवी रखी चीज लेइ बरे जिन जा। 11 तू पचन्क बाहेर ही खड़ा रहइ चाही। तब उ मनई, जेका तू पचे कर्ज दिहा ह, तोहारे लगे गिरवी रखी गइ चीज लिआइ। 12 अगर उ गरीब अहइ तउ उ आपन वस्त्रन क दइ देइ, जेहसे उ आपन क गरम रख सकत ह। तू पचन्क ओकर गिरवी रखी चीज रात क नाहीं रखइ चाही। 13 तू पचन्क हर एक साँझ क ओकर गिरवी धरी चीज क लउटाइ देइ चाही। तब उ आपन ओढ़नन मँ स सोइ सकी। उ तोहार एहसानमंद रही अउर यहोवा तोहार परमेस्सर इ लखी कि तू इ अच्छा काम किह्या ह।
14 “तू पचन्क कउनो गरीब अउ जरुरतवाला मजूर पइ अत्याचार नाही करइ चाही। एकर कउनो महत्व नाहीं कि उ तोहार साथी इस्राएली बाटइ या उ कउनो बिदेसी अहइ जउन तोहरे सहरन मँ स कउनो एक मँ उ रहत बाटइ। 15 सूरज बूड़इ स पहिले हर रोज ओकर मजूरी दइ द्या। काहेकि उ गरीब अहइ अउर उहइ धने पइ ओका सहारा अहइ। अगर तू ओकर भुगतान नाहीं करत्या तउ उ यहोवा स तोहरे खिलाफ सिकाइत करी अउर तू पचे पाप करइ क अपराधी होब्या।
16 “गदेलन क जरिये कीन्ह गए कउनो अपराध बरे बाप क मउत क सजा नाहीं दीन्ह जाइ सकत। अउर गदेला क बाप क जरिये कीन्ह गए अपराध बरे मउत क सजा नाहीं दीन्ह जाइ सकत। कउनो मनई क ओकरे खुद क अपराध बरे ही मउत क सजा दीन्ह जाइ सकत ह।
17 “तू पचन्क प्रवासी अउ अनाथन क संग गलत फइसला नाहीं करइ चाही। तू पचन्क राँइ मेहररु स ओकर ओढ़ना कबहुँ भी गिरवी रखइ क बरे नाहीं लेइ चाही। 18 तू पचन्क सदा सुमिरइ चाही कि तू पचे मिस्र मँ दास रह्या। इ जिन बिसस कि यहोवा तोहार परमेस्सर तू पचन्क हुआँ स बाहेर लिआवा। इहइ कारण अहइ कि मइँ तू पचन्क इहइ करइ क आदेस देत अहउँ।
19 “तू पचे आपन खेत क फसल बटोरत रहि सकत ह अउर तू पचे तनिक भूलचूक स हुआँ छोड़ि सकत ह। तू पचन्क ओका लेइ नाहीं चाही। इ प्रवासियन, अनाथन अउर राँड़ मेहररुअन बरे होइ। अगर तू पचे ओनके बरे कछू अन्न छोड़त ह तउ यहोवा तोहार परमेस्सर तू पचन्क ओन सबहिं कामन मँ असीसी जउन तू पचे करब्या। 20 जब तू पचे आपन जइतून क बृच्छन स फली झरब्या तउ तू पचन्क डारन क फुन जाँच करइ नाहीं जाइ चाही। जउन जइतून तू पचे ओहमाँ तज देब्या उ बिदेसियन, अनाथन अउर राँड़ मेहररुअन बरे होइ। 21 जब तू पचे आपन अंगूरे क बगियन स अंगूर बटोरब्या तब तू पचन्क ओन अंगूर क लेइ नाहीं जाइ चाही जेनका तू पचे तजि दिहे अहा। उ सबइ अंगूर बिदेसियन, अनाथन अउर राँड मेहररुअन बरे होइहीं। 22 याद राखा कि तू पचे मिस्र मँ दास रह्या। इहइ कारण अहइ कि तू पचन्क इ करइ क आदेस देत अहउँ।
25 “अगर दुइ मनइयन मँ झगड़ा होइ तउ ओनका अदालत मँ जाइ चाही। निआवाधीस ओनके मोकदमा क फइसला करिही। ओनका निर्दोख क रिहा अउ दोसी क सजा देइ चाही। 2 अगर अपराधी मनई पीटा जाइ जोग्ग अहइ तउ निआवाधीस ओका मुँहे क बल ओलारी। ओका निआवाधीस क समन्वा ओकरे अपराध क अनुसार ओतनी दाईं पीटा जाई चाही जेतना दाईं उचित होइ। 3 कउनो मनई क चालीस दाई तलक पीटा जाइ सकत ह, मुला ओसे जियादा नाहीं। अगर उ ओहसे जियादा बार पीटा जात ह तउ एहसे पता चली कि उ मनई क जिन्नगी तोहरे बरे महत्वपूर्ण नाहीं।
4 “जब तू पचे अन्न क अलगावइ बरे गोरुअन क उपयोग करा तब ओनका खाइ स रोकइ बरे ओनके थूथुन क जिन बाँधा।
5 “अगर दुइ भाई एक संग रहत होइँ अउर ओनमाँ स एक ठुलाऔलाद मरि जाइ तउ मरे भए भाई क पत्नी क बियाह परिवार क बाहेर कउनो अजनबी स नाहीं होइ चाही। ओकरे भतारे क भाई क ओका पत्नी क रूप मँ लइ चाही अउर ओकर लगे जाइ चाही अउर ओकरे बरे भतार क भाई क कर्तव्य पूरा करइ चाही। 6 तब जउन पहिलौटी पूत ओसे पइदा होइ उ मनई क मरे भाई क जगह लेइ। तब मरे भाई क नाउँ इस्राएल स बाहेर नाहीं कीन्ह जाइ। 7 अगर उ मनई आपन भाई क पत्नी क अंगीकार करइ नाहीं चाहत, तब भाई क पत्नी क बइठकवाली जगह पइ नगर-प्रमुखन क लगे जाइ चाही। ओकरे भाई क पत्नी क नगर प्रमुखन स कहइ चाही, ‘मोरे भतार क भाई इस्राएल मँ आपन भाई क नाउँ बनाए रखइ स इन्कार करत ह। उ मोरे बरे आपन भाई क कर्तव्य क पूरा नाहीं करी।’ 8 तब नगर-प्रमुखन क उ मनई क बोलावइ चाही अउ ओसे बात करइ चाही। अगर उ मनई जिद्दी अहइ अउर कहत बाटइ, ‘मइँ ओका अंगीकार करइ नाहीं चाहत हउँ।’ 9 तब ओकरे भाई क पत्नी नगर प्रमुखन क समन्वा ओकरे लगे आवइ। उ ओकरे गो़ड़ स पनही उतारि लेइ अउर ओकरे मुँहे पइ थूकइ। ओका कहइ चाही, ‘इ उ मनई क कीन्ह जात इ कारज अहइ कि उ आपन भाई क परिवार न बसाइ।’ 10 तब उ भाई क परिवार, बुलावा जाब्या, ‘उ मनई क परिवार जउन आपन जूता पनही, उतार दिहस।’
11 “दुइ मनई आपुस मँ झगड़ सकत हीं। ओनमाँ एक क पत्नी आपन भतारे क मदद करइ आइ सकत ह। मुला ओका दूसर मनई क गुप्त अंगन क नाहीं धरइ चाही। 12 अगर उ अइसा करत ह तउ ओकर हाथ काट डावा, ओकरे बरे दुःखी जिन ह्वा।
13 “लोगन क धोखा देइ बरे जाली बटखरा जिन रखा। ओन बटखरन क उपयोग जिन करा जउन असली वजन स कमती या जियादा होइँ। 14 आपन घरे मँ ओन नाप जोख क न रखा जउन सही नाप जोख स बहोत बड़ा या बहोत नान्ह न होइँ। 15 तू पचन्क ओन बटखरन अउ नाप-जोख क बइपरइ चाही जउन सही अउर ईमानदारी क परिचायक अहइ। तू पचे उ देस मँ लम्बी उमिरवाला होब्या जेका यहोवा, तोहार परमेस्सर तू पचन्क देत अहइ। 16 यहोवा तोहार परमेस्सर ओनसे घिना करत ह जउन जाली बटखरा अउर नाप जोख बइपरिके धोखा देत बाटेन। हाँ, उ सबइ ओन सबहिं लोगन स घिना करत ह जउन बेईमानी करत हीं।
अमालेक क लोगन्क नस्ट कइ देइ चाही
17 “तू पचन क याद करइ चाही कि जब तू पचे मिस्र छोड़ेस तब अमालेक क लोग तोहरे संग का किहेन। 18 अमालेक क लोग परमेस्सर क सम्मान नाहीं किहन। उ पचे तू पचन्क पइ पाछे स तब हमला किहन जब तू पचे थका भवा अउर कमजोर रह्या। उ पचे तोहरे ओन सब लोगन्क मार डाएन जउन सुस्त होइके पीछे चलत रहेन। 19 एह बरे तू लोगन्क अमालेक क लोगन्क याद क संसारे स मेट देइ चाही। इ तू लोग तब करब्या जब उ देस मँ जाब्या जेका यहोवा तोहार परमेस्सर तू पचन्क देत अहइ। हुआँ उ पचे तू सबन्क चारिहुँ कइँती क दुस्मनन स छुटकारा दिअइहीं। मुला अमालेकियन क नास करब जिन बिसरा।
पहिली फसिल क बारे मँ नेम
26 “तू पचे हाली ही उ देस मँ घुसब्या जेका यहोवा तोहार परमेस्सर तू पचन्क रहइ बरे देत अहइ। जब तू पचे हुआँ क भुइँया पइ कब्जा कइ ल्या अउ ओह पइ रहइ लाग्या, 2 तब तू पचन्क आपन क तनिक फसिल लेइ चाही अउर ओका एक टोकरी मँ धरइ चाही। उ पहिली फसिल होइ जेका तू पचे उ देस स पउब्या जेका यहोवा तोहार परमेस्सर तू पचन्क दइ देत अहइ। तनिक पहिली फसिल वाला टोकरी क ल्या अउर उ ठउर पइ जा जेका यहोवा तोहार परमेस्सर चुनी। 3 उ समइ सेवा करइवाला याजक क लगे तू पचन्क जाई चाही अउर ओहसे कहइ चाही, ‘आजु मइँ यहोवा आपन परमेस्सर क लगे इ एलान करत हउँ कि हम पचे उ देस मँ आवा अही जेका यहोवा हम लोगन क देइ बरे हमरे पुरखन क बचन दिहे रहा।’
4 “तब याजक टोकरी क तोहरे हाथे स लेइ। उ एका यहोवा तोहरे परमेस्सर क वेदी क समन्वा रखी। 5 तब तू पचे यहोवा आपन परमेस्सर क समन्वा इ कहब्या: ‘मोर पुरखा घुमक्कड़ अरामी रहा।[a] उ मिस्र पहोंचा अउर हुआँ रहा। जब उ हुआँ गवा तब ओकरे परिवार मँ बहोत कम लोग रहेन। मुला मिस्र मँ उ एक सक्तीवाला बहोत स मनइयन वाला महान रास्ट्र बन गवा। 6 मिस्रियन हम लोगन क संग बहोतइ बुरा बेउहार किहन। उ हम लोगन क मुसीबत मँ डाइ दिहेन अउ कठिन कारज करइ बरे निस्चित किहेन। 7 तब हम पचे यहोवा आपन पुरखन क परमेस्सर स पराथना कीन्ह अउर ओनका गोहार लगाएन यहोवा हमरउ सुनेस अउर उ हम लोगन्क परेसानियन, हमरे कठोर काम अउ अत्याचार क लखेस। 8 तब यहोवा हम लोगन्क आपन प्रबल सक्ती अउ मजबूती स मिस्र स बाहेर लइ गवा। उ डरावना बातन, महान चमत्कारन अउ अचरजन कर्म किहस। 9 इ तरह हम लोगन्क इ ठउरे पइ लिआवा। उ दूध अउर सहद बहत भवा देस हम पचन्क दिहस। 10 यहोवा, अब मइँ उ देस क पहिली फसिल तोहरे लगे लिआएउँ ह जेका तू मोका दिह्या ह।’
“तब तू पचन्क यहोवा आपन परमेस्सर क समन्वा रखइ चाही अउर तू पचन्क ओका निहुर करइ चाही। 11 तब तू पचे ओन सब नीक चीजन्क क आनन्द स भोग कइ सकत ह जेका यहोवा तोहार परमेस्सर तू पचन्क अउर तोहरे परिवार क दिहस ह। लेवी बंसी अउर उ सबइ प्रवासी जउन तोहरे बीच रहत हीं तोहरे संग इ चीजन्क आनन्द लइ सकत हीं।
12 “जब तू पचे दसवाँ हींसा जउन तीसरे बरिस (दसवाँ हींसा क बरिस) तोहरी फसिल क दीन्ह जाइ क अहइ, दइ चुका तब तू पचन्क लेवी बंसियन, बिदेसियन, अनाथन अउर राँड़ मेहररुअन क एका दइ देइ चाही। तब हर एक सहर मँ उ पचे खाइ सकत हीं अउर सन्तुट्ठ कीन्ह जाइ सकत हीं। 13 तू पचे यहोवा आपन परमेस्सर स कहब्या, ‘मइँ आपन घरे स आपन फसिल क पवित्तर हींसा दसवाँ हींसा बाहेर निकारि दिहेउँ ह। मइँ एका ओन सबहिं लेवी बंसियन, बिदेसियन, अनाथन अउर राँड़ मेहररुअन क दइ दिहेउँ ह। जइसा तू मोका आदेस दिहेस रहा मइँ एका ओन सबहिं अदेसन क मानइ स इन्कार नाहीं किहेउँ ह। मइँ ओनका बिसरेउँ नाहीं। 14 मइँ इ भोजन तब नाहीं किहेउँ जब मइँ सोक मनावत रहेउँ। मइँ इ अनाज क तब अलग नाहीं किहेउँ जब मइँ असुद्ध रहेउँ। मइँ इ अनाजे मँ स कउनो हींसा मरे मनई बरे नाहीं दिहेउँ ह। मइँ यहोवा हमार परमेस्सर क आग्या क मानेउँ ह। मइँ उ सब कछू किहेउँ ह जेकरे बरे तू आग्या दिह्या ह। 15 तू आपन पवित्तर आवास सरग स खाले निगाह डावा अउर आपन लोगन, इस्राएलियन क आसीर्बाद द्या जेका तू हम लोगन्क वइसा ही दिह्या ह जइसा तू हमरे पुरखन क बढ़िया चीजन्स भरा-पूरा देस देइ क बचन दिह्या रह्या।’
यहोवा क हुकुमन पइ चला
16 “आजु यहोवा तोहार परमेस्सर तू पचन्क आदेस देत अहइ कि तू पचे इ सबइ बिधियन अउ नेमन क माना। आपन पूरा हिरदय अउर आपन पूरी आतिमा स एनका मानइ बरे होसियार रहा। 17 आजु तू पचे इ कहया ह कि यहोवा तोहार परमेस्सर अहइ। तू लोग बचन दिहा ह कि तू पचे ओकरे राहे पइ चलब्या, ओकरे हुकुमन, आदेसन अउर नेमन क मनब्या। तू पचे कहया ह कि तू पचे उ सब कछू करब्या जेका करइ बरे उ कहत ह। 18 आजु यहोवा तू पचन्क आपन लोग क रूप स्वीकार किहेस। अउर तोहका आपन मूल्यवान सम्पत्ति बनाइ बरे बचन दिहस ह। अउर तू पचन्क ओकरे सब आदेसन क मानइ चाही। 19 यहोवा तू पचन्क ओन सबहिं रास्ट्रन स महान बनाई जेनका उ बनाएस ह। उ तू पचन्क तारीफ, जस अउर गौरव देइ अउर तू पचे ओकर खास लोग होब्या, जइसा उ बचन दिहेस ह।”
नेमन पाथरन पइ लिखा जाइ चाही
27 मूसा अउर इस्राएल क प्रमुखन मनइयन क आदेस दिहस। उ कहेस, “ओन सबहिं आदेसन क माना जेनका मइँ आजु देत हउँ। 2 जउने दिन तू यरदन नदी पार कइके उ देस मँ घुसा जेका यहोवा तोहार परमेस्सर तू पचन्क देत अहइ उ दिन, आपन बरे बहोत बड़की सिलन क तइयार करा। इ सबइ सिला क पलसतर स ढाँकि द्या। 3 तब इ उपदेस क सब बातन इ पाथरन पइ लिखी द्या। तू पचन्क इ तब करइ चाही जब तू पचे यरदन नदी क पार पहोंच जा। तब उ देस मँ जाइ सकब्या जउन मँ दूध अउर सहद बहत अहइ जेका यहोवा तोहार परमेस्सर तू पचन्क देत अहइँ। यहोवा तोहरे पुरखन क परमेस्सर ऍका दइके आपन बचन क पूरा किहस ह।
4 “यरदन नदी क पार जाइके पाछे तू पचन्क इ सिलन क एबाल पहाड़े पइ आजु क मोरे आदेस क मुताबिक स्थापना करइ चाही। तू पचन्क इ पाथरन क चूना क लेप स ढाँकि देइ चाही। 5 हुआँ पइ यहोवा आपन परमेस्सर क वेदी बनावइ बरे भी कछू सिला क उपयोग करा। पाथरन क काटइ बरे लोहा क अउजारन क उपयोग जिन करा। 6 तू पचन्क यहोवा आपन परमेस्सर क वेदी पूरा पाथरन स बनावा अउर तब यहोवा आपन परमेस्सर बरे एह पइ होमबलि चढ़ावा। 7 तोहका मेलबलि चढ़ावइ चाही अउर ओनका खाइ चाही। खा अउर यहोवा आपन परमेस्सर क मौजूदगी मँ खुसी क समइ बितावा। 8 तू पचन्क इ सबइ उपदेसन क पाथर क सिलन पइ साफ साफ लिखि देइ चाही।”
नेम क अभिसाप
9 मूसा अउर लेवी बंसी याजकन इस्राएल क सबहिं लोगन स बात किहस। उ कहेस, “इस्राएलियो, सान्त रहा अउ सुना! आजु तू लोग, यहोवा आपन परमेस्सर क लोग होइ गवा। 10 एह बरे तू पचन्क उ सब कछू जरूर करइ चाही जउन यहोवा तोहार परमेस्सर कहत ह। तू पचन्क ओकरे ओन आदेसन अउ नेमन क जरूर मानइ चाही जेनका मइँ आजु तू पचन्क दइ देत हउँ।”
11 उहइ दिन, मूसा लोगन क आदेस दिहेस, 12 “जब तू पचे यरदन नदी क पार जाब्या ओकरे पाछे इ सबइ परिवार समूह गिरिज्जीम पहाड़े पइ खड़ा होइ के लोगन्क आसीर्बाद देइहीं: सिमोन, लेवी, यहूदा, इस्साकार, यूसुफ अउ बिन्यामीन। 13 अउर इ सबइ परिवार समूह एबाल पहाड़े पइ अभिसाप बाँचिहीं: रूबेन, गाद, आसेर, जबूलून, दान अउर नप्ताली।
14 “अउर लेवी बंसी इस्राएल क सबहिं लोगन स ऊँची अवाजे मँ कइँहीं:
15 “‘उ मनई अभिसाप स दबा बा जउन लबार देवता बनावत ह अउर ओका गुप्त ठउरे मँ धरत ह। लबार देवतन सिरिफ उ सबइ मूरतियन अहइँ जेका कउनो कारीगर काठ, पाथर या धातु क बनावत ह। यहोवा ओन चीजन स घिना करत ह!’
“तब सबहिं लोग जवाब देइहीं, ‘आमीन!’
16 “लेवी बंसी कइहीं, ‘उ व्यक्ति अभिसापित अहइ जउन आपन महतारी अउर बाप क बेज्जत करत ह।’
“सबहिं लोग जवाब देइहीं, ‘आमीन!’
17 “लेवी बंसी कइहीं: ‘उ व्यक्ति अभिसापित अहइ जउन आपन पड़ोसी क चउहद्दी-चीन्हा क खिसकावत ह।’
“तब सबहिं लोग कइहीं, ‘आमीन!’
18 “लेवी बंसी कइहीं: ‘उ व्यक्ति अभिसापित अहइ जउन आँधर क कुमार्ग पर चलावत ह।’
“तब सबहिं लोग कइहीं, ‘आमीन!’
19 “लेवी बंसी कइहीं: ‘उ व्यक्ति अभिसापित अहइ जउन बिदेसियन, अनाथन अउर राँड़ मेहररुअन क संग निआव नाहीं करत।’
“तब सब लोग कइहीं, ‘आमीन!’
20 “लेवी बंसी कइहीं: ‘उ व्यक्ति अभिसापित अहइ जउन आपन बाप क पत्नी क संग तने क सम्बंध रखत ह काहेकि उ आपन बाप क नंगा क तरह करत ह।’
“तब सबहिं लोग कइहीं, ‘आमीन!’
21 “लेवी बंसी कइहीं: ‘उ व्यक्ति अभिसापित अहइ जउन कउनो तरह क जनावर क संग तने क सम्बंध रखत ह।’
“तब सबहिं लोग कइहीं, ‘आमीन!’
22 “लेवी बंसी कइहीं: ‘उ व्यक्ति अभिसापित अहइ जउन आपन महतारी क बिटिया या आपन बाप क बिटिया, आपन बहिन क संग तने क सम्बंध रखत ह।’
“तब सबहिं लोग कइहीं, ‘आमीन!’
23 “लेवी बंसी कइहीं: ‘उ व्यक्ति अभिसापित बाटइ जउन आपन सास क संग तने क सम्बंध रखत ह।’
“तब सबहिं लोग कइहीं, ‘आमीन।’
24 “लेवी बंसी कइहीं: ‘उ व्यक्ति अभिसापित अहइ जउन दूसर मनई क लुकाई क कतल करत ह!’
“तब सबहिं लोग कइहीं, ‘आमीन!’
25 “लेवी बंसी कइहीं: ‘उ व्यक्ति अभिसापित अहइ जउन निदोर्ख क कतल बरे धन वसूलत ह!’
“तब सबहिं लोग कइहीं, ‘आमीन!’
26 “लेवी बंसी कइहीं: ‘उ व्यक्ति अभिसापित अहइ जउन इ उपदेसन क समर्थन नाहीं करत अउर ओका पालन नाहीं करत।’
“तब सबहिं लोग कइहीं, ‘आमीन!’
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.